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 कोणार्क सूर्य मंदिर से सम्बंधित जानकारियाँ



कोणार्क सूर्य मंदिर से सम्बंधित जानकारियाँ

पिछले दिनों विशेषज्ञों के एक द्विदिवसीय सम्मेलन के पश्चात केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि कोणार्क के 800 वर्ष पुराने सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार और संरक्षण किया जाएगा.



पृष्ठभूमि

कोणार्क मंदिर को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए 1903 में ब्रिटिशों ने इस मंदिर को बालू से भर दिया था और बंद कर दिया था. कालांतर में 2013 से लेकर 2018 तक रुढ़की में स्थित केन्द्रीय भवन निर्माण शोध संस्थान ने इसका एक वैज्ञानिक अध्ययन करके पता लगाना चाहा था कि इस मंदिर की बनावट कैसी है और वहाँ डाले गए बालू की स्थिति क्या है.

कोणार्क सूर्य मंदिर से सम्बंधित जानकारियाँ

  • यह मंदिर 13वीं शताब्दी में गंग वंश के महान राजा नरसिंहदेव प्रथम ने बनाया था.
  • इसकी आकृति विशाल सूर्य देवता के विशाल रथ के समान है जिसमें अतिशय कलात्मकता के साथ बने पहियों के 12 जोड़े हैं. इस रथ को सात घोड़ों द्वारा खींचते हुए दिखाया गया है.
  • कोणार्क सूर्य मंदिर कलिंग स्थापत्य का एक सटीक उदाहरण है.
  • यह समुद्र तट के पास है. यहाँ समुद्र तट की प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है.
  • ओडिशा राज्य तीन महान मंदिरों के लिए जाना जाता है. इन मंदिरों को स्वर्णिम त्रिभुज कहा जाता है. इस त्रिभुज के अन्दर आने वाले दो अन्य मंदिर हैं – पुरी का जगन्नाथ मंदिर और भुबनेश्वर का लिंगराज मंदिर.
  • कोणार्क मंदिर का रंग काला है. अतः इसे Black Pagoda भी कहते हैं. विदित हो कि जगन्नाथ मंदिर का एक अन्य नाम White Pagoda भी है.
  • शतियों से ओडिशा आने वाले नाविकों के लिए कोणार्क मंदिर एक लैंडमार्क रहा है.
  • कोणार्क हिन्दुओं के लिए एक बड़ा तीर्थ भी है जहाँ प्रतिवर्ष लोग फ़रवरी में आकर चन्द्रभागा मेले में आते हैं.
  • यह मंदिर 1984 में अपने महान स्थापत्य, सूक्ष्म कलाकृतियों एवं प्रचुर मूर्ति शिल्पों के लिए UNESCO के द्वारा विश्व धरोहर स्थल की सूची में सम्मिलित किया गया था.
  • प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्त्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1958 (Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains (AMASR) Act) और इसकी नियमावली (1959) के द्वारा यह मंदिर भारतीय राष्ट्रीय संरचना (National Framework of India) के रूप में संरक्षित है.
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