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 bihar board 11 class biology notes | उच्च पादपों में प्रकाश संश्लेषण

bihar board 11 class biology notes | उच्च पादपों में प्रकाश संश्लेषण

उच्च पादपों में प्रकाश संश्लेषण
                  (PHOTOSYNTHESIS IN HIGHER PLANTS)
                                           अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. NADP का पूरा नाम बतायें।
उत्तर-Nicotidamide Adenine Dinucleotide Phosphate.
2. RUBP का पूरा नाम बतायें।
उत्तर-Ribulose biphosphate.
3. C पौधों में CO2 का प्राथमिक एक्सेप्टर (Primary acceptor) कौन होता है?
उत्तर-RUBP
4. प्रकाश संश्लेषण का रासायनिक समीकरण लिखें।
5. पत्ती के किस भाग में क्लोरोफिल पाया जाता है?
उत्तर-क्लोरोप्लास्ट के थायलोक्वाइड्स मेम्ब्रेन में।
6. क्लोरोफिल एवं क्लोरोफिल b में एक मुख्य अंतर लिखें।
उत्तर-क्लोरोफिल a में CH3 (Methyl group) पाया जाता है जबकि क्लोरोफिल b
में CHO (Aldehyde group) पाया जाता है।
7. प्रकाश संश्लेषी विधि कहाँ पूर्ण होता है?
उत्तर-क्लोरोप्लास्ट में।
8. यदि पत्ती को अंधेरे में रख दिया गया हो तो उसका रंग क्रमशः पीला एवं हरा
पीला हो जाता है? कौन-सा वर्णक आपकी सोच में अधिक स्थायी है?  [N.C.E.R.T. (Q.6)]
उत्तर-क्लोरोफिल बी एवं जैन्थोफिल अधिक स्थायी वर्णक है क्योंकि क्लोरोफिल बी
का रंग पीला, हरा एवं जेन्थोलिस का रंग पीला होता है।
9. प्रकाशीय श्वसन या C2 चक्र की खोज किसने किया था?
उ.-डेकर एवं टायो (Decker and Tio) 1959 में।
10. क्लोरोफिल सौर ऊर्जा का अवशोषण किस रूप में करता है?
उत्तर-फोटॉन के रूप में।
11. प्रकाश संश्लेषण की प्रकाशीय अभिक्रिया किस भाग में संपन्न होती है?
उत्तर-हरितलवक के ग्रेना में।
12. प्रकाश संश्लेषण की अप्रकाशीय अभिक्रिया कहाँ सम्पन्न होती है?
उत्तर-हरित लवक के स्ट्रोमा में।
13. प्रकाश-संश्लेषण क्रिया में बने स्टार्च की जांच के लिए प्रयुक्त रसायन जो स्टार्च के
साथ मिलकर नीला रंग देता है, क्या कहलाता है?
उत्तर-आयोडीन।
14. क्रेज शारीरिकी किस प्रकार के पौधों में पायी जाती है?
उत्तर-C4 पौधों में।
15. C4 पौधों में CO2 किसकी उपस्थिति में फॉस्फोइनोल पायरुवेट (PEP) से संयुक्त
होती है?
उत्तर-PEP carboxylase.
16. प्रकाश ऊर्जा की सहायता से वर्णन तंत्रों द्वारा ADP एवं अकार्बनिक फॉस्फेट से
ATP बनने की क्रिया को कहते हैं।
उत्तर-प्रकाश फॉस्फेटीकरण (Photo phosphorylation)।
17. C4 चक्र को और किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर-Hatch and Slack Cycle.
18.C4 चक्र में बनाने वाला प्रथम स्थायी यौगिक है?
उत्तर-ऑक्जैलोएसिटिक अम्ल।
19. क्वांटम-उत्पाद (quantum yield) क्या है?
उत्तर-हरितलवक द्वारा अवशोषित प्रत्येक क्वांटम के अवशोषित होने पर O2 के
जितने अणु बाहर होते हैं, उसे क्वांटम-उत्पाद कहते हैं।
20. किस पौधे की कोशिका में हरितलवक नहीं पाया जाता है?
उत्तर-कवक।
                                         लघु उत्तरीय प्रश्न
1. किसी पौधे को बाहर से देखकर क्या आप बता सकते हैं
कैसे और क्यों?                       [N.C.E.R.T.(Q.10]
उत्तर-
उपर्युक्त लक्षणों के आधार पर हम पहचान सकते हैं कि पौधा C3 है अथवा C4
2. एक पौधे की आंतरिक संरचना को देखकर आप बता सकते हैं कि वह पौधा ,
है अथवा C, वर्णन करें।                                 [N.C.E.R.T.(Q.2)]
उत्तर-निम्नलिखित आंतरिक संरचनाओं के अध्ययन के द्वारा हम यह बता सकते हैं
कि पौधा C3 है या C4
3. हालांकिC4 पौधे में बहुत कम कोशिकाएँ जैवसंश्लेषण-कैल्विन पथ को वहन करते
हैं, फिर भी वे उच्च उत्पादकता वाले होते हैं। ऐसा क्यों? इसे स्पष्ट करें।
                                                                 [N.C.E.R.T. (Q.3)]
उत्तर-C4 पौधे में बहुत कम कोशिकाएँ जैव संश्लेषण केल्विन पथ को वहन करती
हैं फिर वे उच्च उत्पादकता वाले होते हैं, इसके कारण निम्नलिखित है-(i) इनमें प्रकाश
श्वसन नहीं होता है क्योंकि इनमें एक ऐसी प्रणाली होती है जो एंजाइम स्थल पर CO2 की
सांद्रता बढ़ा देती है। (ii) पर्णमध्योतक का C4 अम्ल पूलाच्छद में टूटकर CO2 को मुक्त
करता है, जिसके परिणामस्वरूप CO2 की अंतरकोशिकीय सांद्रता बढ़ जाती है।
(iii) CO2 की अंतरकोशिकीय सांद्रता बढ़ने से रूबिस्को कार्बोक्सीलेज के रूप में कार्य
करता है, जिससे इसकी ऑक्सीजिनेज के रूप में कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है।
(iv) यह पौधे उच्च ताप पर भी अनुक्रिया करते हैं और उनमें प्रकाश-संश्लेषण की दर भी
ऊँची होती है।
4. रुबिस्को (Rubisco) एक एंजाइम है जो कार्बोक्सिलेज और ऑक्सीजिनेज के रूप
में काम करता है। आप ऐसा क्यों मानते हैं कि C4 पौधों में, रुबिस्को अधिक मात्रा
में कार्बोक्सिलेशन करता है।                                 [N.C.E.R.T.(O.4)]
उत्तर-रुबिस्को (Rubisco) एक ऐसा एंजाइम है जो CO2 एवं O2 दोनों से बंधित
होता है; इसी कारण इसे रुबिस्को कहा जाता है। रूबिस्को में O2 की अपेक्षा CO2 के लिए
अधिक बंधुता होती है। यह आबंधता प्रतियोगितात्मक होती है। O2 अथवा CO2 मैं रुबिस्को
से कौन जुड़ेगा यह उनकी सापेक्ष सांद्रता पर निर्भर करता है।
C4 पौधे में प्रकाश श्वसन नहीं होती है परन्तु जब पर्ण मध्योतक का C4 अम्ल पूलाच्छद
में टूटकर CO2 को मुक्त करता है जिसके फलस्वरूप CO2 की अंतरकोशिकीय सांद्रता बढ़
जाती है जिससे रुबिस्को कार्बोक्सीलेस के रूप में कार्य करता है, जिससे इसकी ऑक्सीजिनेज
के रूप में कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है।
5. एक ही पौधे की पत्ती की छाया वाला (उल्टा) भाग देखें और उसके चमक वाले
(सीधे) भाग से तुलना करें अथवा गमले में लगे धूप में रखे हुए तथा छाया में रखे
हुए पौधों के बीच तुलना करें। कौन-सा भाग हरे रंग का होता है, और क्यों?
                                                                              [N.C.E.R.T. (Q.71
उत्तर-पत्ती का चमकीला भाग अथवा धूप में रखे हुए पौधे का पत्ती के उल्टे भाग
अथवा अंधेरे में रखे हुए पौधे की पत्ती की तुलना में अधिक गहरे रंग का होता है क्योंकि
सूर्य प्रकाश की उपस्थिति में, पत्ती में उपस्थित क्लोरोफिल वर्णक उतेजित हो जाते हैं, जो
पत्ती को गहरा रंग प्रदान करता है।
6. प्रकाश-संश्लेषण की दर पर प्रकाश का प्रभाव पड़ता है। दिये गये चित्र के आधार
पर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें।
(a) वक्र के किस बिंदु अथवा बिंदुओं पर (क, ख, अथवा ग) प्रकाश एक नियामक
कारक है?
(b) क बिंदु पर नियामक कारक कौन से हैं?
(c) वक्र में ग और घ क्या निरुपित करता है?               [N.C.ER.T. (Q.8)]
उत्तर-(a) बिन्दु ख एवं ग पर प्रकाश एक नियामक कारक (Limiting factor) है।
क्योंकि सान्द्रता बढ़ने से इसकी दर नहीं बढ़ती है।
(b) बिंदु क पर नियामक कारक CO2 है।
(C) बिन्दु ग और घ वह निरुपित करता है कि यदि प्रकाश की तीव्रता दुगनी कर दी
जाय, तो CO2 की सान्द्रता नियामक बिन्दु का कार्य करेगी।
7. कैस्विन चक्र को स्पष्ट आरेख द्वारा दर्शायें।
उत्तर-
8.C4 पथ अथवा हैच एवं स्लैक पाथ-वे को रेखाचित्र द्वारा दर्शायें।
उत्तर-
9. प्रकाश-संश्लेषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-प्रकाश-संश्लेषण हरी पादप-कोशिकाओं के भीतर संपन्न होनेवाली वे क्रमिक
जटिल रासायनिक प्रतिक्रियाओं की श्रृंखला हैं जिनके फलस्वरूप ग्लूकोज का संश्लेषण होता
है। सूर्य प्रकाश की विकिरण उर्जा का रासायनिक उर्जा में परिवर्तन होता है। रासायनिक उर्जा
का संश्लेषित ग्लूकोज अणुओं में संचय होता है तथा अंत में ऑक्सीजन मुक्त होता है।
                                         दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. मान लीजिए, यहाँ पर क्लोरोफिल बी की उच्च सांद्रता युक्त, मगर क्लोरोफिल ए
की कमी वाले पेड़ थे। क्या ये प्रकाश संश्लेषण करते होंगे? तब पौधों में क्लोरोफिल
बी क्यों होता है? फिर दूसरे गौण वर्णकों की क्या जरूरत है?    [N.C.E.R.T.]
उत्तर-प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में चार वर्णक भाग लेते हैं जिसे क्लोरोफिल-ए,
क्लोरोफिल बी, जैन्थोफिल तथा कारटीनोएड कहा जाता है।
इन वर्णकों में प्रकाश की विशिष्ट तरंगदैर्ध्य को अवशोषित करने की क्षमता होती है,
जिसे हम निम्न ग्राफ द्वारा स्पष्ट कर सकते हैं-
इस ग्राफ की सहायता से हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं क्लोरोफिल-A प्रकाश
संश्लेषण के लिए एक प्रमुख वर्णक है। यह नीले तथा लाल प्रकाश को अवशोषित करता है।
इस कारण क्लोरोफिल बी की उच्च सांद्रता युक्त परंतु क्लोरोफिल ए की कमी वाले
पेड़ सामान्य तरीके से प्रकाश संश्लेषण नहीं पर पायेंगे, परन्तु क्लोरोफिल ए के अतिरिक्त
क्लोरोफिल बी, जैन्थोफिल तथा कैरोटीन सहायक वर्णक होते हैं जो प्रकाश को अवशोषित
कर अवशोषित ऊर्जा को क्लोरोफिल ए में स्थानांतरित कर देता है। वास्तव में ये गौण वर्णक
प्रकाश-संश्लेषण को प्रेरित करने वाली उपयोगी तरंगदैर्ध्य के क्षेत्र को बढ़ाती हैं तथा
क्लोरोफिल ए को फोटोऑक्सीडेसन से भी बचाते हैं, अतः पौधों में इनकी उपस्थित
आवश्यक है।
2. निम्नलिखित में तुलना करें-
(a) C3 एवं C4 पथ,
(b) चक्रीय एवं अचक्रीय फोटो फॉस्फोरिलेशन,
(c) C3 एवं C4 पौधों की पत्ती को शारीरिकी,
(d) प्रकाशीय श्वसन एवं अप्रकाशिकीय श्वसन।                   [N.C.ER.T.(Q.9)]
उत्तर-
(b) चक्रीय एवं अचक्रीय फोटो फॉस्फोरिलेशन
(c)C3 एवं C4 पौधों की पत्ती की शारीरिकी
(d) प्रकाशीय श्वसन एवं अप्रकाशिकीय श्वसन
3. हरितलवक की रचना का वर्णन करें।
उत्तर-हरितलवक दोहरी झिल्ली से घिरी रचना है। इसके भीतर तरलयुक्त गुहा होती
है, जिसे स्ट्रोमा कहते हैं। स्ट्रोमा तंतुमय होता है, जिसमें महीन झिल्लीयुक्त रचनाएँ समानान्तर
फैली रहती हैं, जिन्हें स्ट्रोमा लैमेली कहते हैं। स्ट्रोमा लैमेली के बीच-बीच में एक के ऊपर
एक चट्टे की तरह रचनाएँ समूह में व्यवस्थित होती है। इसे थायलोक्वाइड्स कहते हैं। इसके
समूह को ग्रेनम कहा जाता है।
प्रत्येक हरितलवक में 40-60 ग्रेनम होते हैं। ग्रेना एक-दूसरे से स्ट्रोमा लैमेली द्वारा जुड़ा
रहता है।
कार्य-हरितलवक प्रकाश-ऊर्जा को ग्रहण कर रासायनिक ऊर्जा में बदलता है तथा
भोजन के निर्माण में सहायक होता है।
4. प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारकों का उल्लेख करें।
उत्तर-प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को प्रभावित करने वाले कारकों को दो भागों में बाँटा
जाता है -बाह्य कारक एवं आंतरिक कारक।
बाह्य कारक (External Factors)-(i) ताप (Temperature)-तापमान बढ़ने से
प्रकाश संश्लेषण की दर पर असर पड़ता है। अधिक तीव्रता वाले प्रकाश से 0° से 30°C तक
प्रति 10°C ताप बढ़ाने से प्रकाश संश्लेषण की दर दुगुनी हो जाती है। लगभग 30° से 35°C ताप पर प्रकाश संश्लेषण की दर सबसे अधिक होती है और इस ताप के ऊपर दर
एकाएक कम हो जाती है, क्योंकि इतना अधिक ताप प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए
हानिकारक है।
(ii) प्रकाश (Light)-प्रकाश ऊर्जा की सहायता से ही क्लोरोफिल CO2 तथा जल
की सहायता से कार्बोहाइड्रेटस बनाते हैं। पत्तियों तक पहुँचनेवाले प्रकाश की कुल मात्रा का
लगभग 80% भाग अवशोषित होता है। अवशोषित प्रकाश में 0.5% ले 3.5% प्रकाश का
ही प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में उपयोग होता है। लाल प्रकाश में प्रकाश संश्लेषण सबसे
अधिक होता है तथा नीली तरंगदैर्ध्य द्वितीय स्थान पर रहती है। पीली और हरी तरंगदैर्ध्य में
प्रकाश संश्लेषण सबसे कम होता है।
(iii) CO2-प्रकाश संश्लेषण में CO2 एक प्रमुख सीमाकारी कारक है। C3 एवं C4
पौधे CO2 की सांद्रता में भिन्न अनुक्रिया करते हैं। जिस तरह प्रकाश की तीव्रता का प्रभाव
होता है, लगभग उसी तरह का प्रभाव CO2 की सांद्रता का भी होता है।
(iv) जल-प्रकाश संश्लेषण में अवशोषित जल का लगभग 1% ही प्रयोग में आता
है, जो सामान्य परिस्थितियों में पौधों को मिलता रहता है। जल की कमी होने पर रंध्र बंद
होने लगते हैं और CO2 का पत्ती में विसरण कम होता है। इससे प्रकाश संश्लेषण की दर
में कमी आ जाती है।
आंतरिक कारक (Internal factors)-
(i) क्लोरोफिल की मात्रा-क्लोरोफिल की मात्रा एवं प्रकाशसंश्लेषण में सीधा संबंध
है, जिसे इमरसन ने भी अपने प्रयोगों से सिद्ध किया। विल्स्टैटर और स्ट्रोल ने 1918 में
क्लोरोफिल का प्रकाश संश्लेषण की दर पर प्रभाव ज्ञात किया।
(ii) जीवद्रव्य कारक-जीवद्रव्य में एक ऐसा अज्ञात कारक होता है, जिसके चलते
अधिक प्रकाश एवं तापमान देने के बाद भी प्रकाश संश्लेषण की दर बढ़ने की अपेक्षा घट
जाती है।
(iii) पत्ती की आंतरिक संरचना-रंत्रों की संख्या, स्थान, व्यवहार इत्यादि CO2 के
विसरण को नियंत्रित करता है। इसके अतिरिक्त पत्तियों में क्लोरोप्लास्ट की व्यवस्था एवं
आंतरिक संरचनाएँ प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करती हैं।
5. रस परासरण क्रिया के द्वारा एटीपी निर्माण का वर्णन करें।
उत्तर-श्वसन की भांति प्रकाश-संश्लेषण में भी ATP का संश्लेषण एक झिल्लिका
के आर-पार प्रोटॉन प्रवणता के कारण होता है। इस क्रिया में प्रोटॉन थाइलेकॉइड की झिल्लिका
के अंदर की ओर अर्थात् ल्यूमेन में संचित होता है।
प्रोटॉन प्रवणता के विकसित होने के कारण निम्नलिखित होते हैं-
(i) झिल्लिका के भीतर की ओर जल के अणु का विघटन होता है जिसके कारण उत्पन्न
हाइड्रोजन आयन अथवा प्रोटॉन थाइलेकॉइड ल्यूमेन में संचित हो जाते हैं।
(ii) जैसे ही इलेक्ट्रॉन्स फोटोसिस्टम के माध्यम से गति करते हैं प्रोटॉन झिल्लिका के
पार चला जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इलेक्ट्रॉन का प्राथमिक ग्राही जो कि झिल्लिका
के बाहर की ओर स्थित होता है, यह अपने इलेक्ट्रॉन से एक इलेक्ट्रॉन वाहक को स्थानांतरित
नहीं करता, बल्कि एक हाइड्रोजन वाहक को करता है। अतः इलेक्ट्रॉन प्रवाह के समय यह
अणु स्ट्रोमा से एक प्रोटॉन को ले लेता है। जब यह अणु अपने इलेक्ट्रॉन को झिल्ली के
भीतरी ओर स्थित इलेक्ट्रॉन वाहक को देता है, तब प्रोटॉन के अंदर की ओर अथवा झिल्ली
की ल्यूमेन की ओर मुक्त होता है।
(iii) एनएडीपी रिडक्टेज एंजाइम झिल्ली के स्ट्रोमा की ओर होता है। पी एस I के
इलेक्ट्रॉन ग्राही से आने वाले इलेक्ट्रॉन्स के साथ-साथ प्रोटॉन NADP को NADPH + H
में अपचयित करने के लिए आवश्यक होता है। ये प्रोटॉन स्ट्रोमा लैमेली से ही आते हैं।
अतः क्लोरप्लास्ट में स्थित प्रोटोन की संख्या घटती है, जबकि ल्यूमेन में प्रोटॉन संचित
होता है।
इस प्रकार यह थाइकोलॉइड झिल्ली के आर-पार एक प्रोटॉन प्रवणता उत्पन्न होती है
जिससे ल्यूमेन में pH भी कम हो जाता है।
                            रस परासरण के द्वारा ए टी-पी. का निर्माण
प्रोटॉन की प्रवणता टूटने पर ही ऊर्जा मुक्त होती है। इस क्रिया में AT Pase एंजाइम
सहायता करता है। इस प्रक्रिया को रसोपरासरणी परिकल्पना (केमिओस्मोटिक हाइपोथेसिस)
कहा जाता है।
रसोपरासरण के लिए एक झिल्लिका, एक प्रोटॉन पंप, एक प्रोटॉन प्रवणता एवं AT
Pase एंजाइम की आवश्यकता होती है। AT Pase के पास एक चैनल अथवा नलिका होती
है, जो झिल्लिका के आर-पार प्रोटॉन को विसरण का अवसर देता है। यह AT Pase एंजाइम
को सक्रिय करने के लिए प्रर्याप्त उर्जा छोड़ता है, जो ATP संश्लेषण को उत्प्रेरित करता है।
इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता से उत्पन्न NADPH के साथ ATP भी स्ट्रोमा लैमेली में
संपन्न होनेवाले जैव संश्लेषण में तुरंत उपयोग कर लिए जाते हैं, जो CO2 के स्थिरण एवं
शर्करा के संश्लेषण के लिए आवश्यक होता है।
6. क्लोरोफिल अथवा पर्णहरित क्या है, वर्णन करें।
उत्तर-प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के लिए पौधों में पाये जाने वाले वर्णकों में क्लोरोफिल
सबसे अधिक क्रियाशील वर्णक होता है। सर्वप्रथम उडवार्ड (1960) ने प्रयोगशाला में इसका
संश्लेषण किया था। क्लोरोफिल कई प्रकार के होते हैं-
(a) क्लोरोफिल-a→ यह हरे रंग का होता है जो सभी स्वपोषित पौधों में पाया
जाता है।
(b) क्लोरोफिल-b→ पीले रंग का होता है जो अधिकतर स्वपोषी पौधों (नीले-हरे,
भूरे तथा लाल शैवालों को छोड़कर) में पाया जाता है।
इसके अतिरिक्त, क्लोरोफिल c,d, और e केवल शैवालों में ही क्लोरोफिल a के साथ
पाए जाते हैं। कुछ प्रकाशसंश्लेषी जीवाणुओं में बैक्टीरियोक्लोरोफिल एवं क्लोरोफिल पाये
जाते हैं। इसके अतिरिक्त नीले-हरे एवं लाल शैवालों में एक और वर्णक वर्ग फाइकोबिलिन्स
पाया जाता है। फाइकोसाइनोबिलिन इसी वर्ग का एक वर्णक है। नीले-हरे शैवालों में पाये
जाने वाले इस वर्ग के वर्णक को फाइकोसाइनिन एवं लाल शैवालों के वर्णक को फाइकोइरिधिन
कहते हैं। भूरे शैवालों में क्लोरोफिल के अतिरिक्त सुनहरा भूरा वर्णक फ्युकोजैन्थिन भी पाया
जाता है।
कुछ पौधों में क्लोरोफिल के अतिरिक्त पीले या भूरे वर्णक कैरोटीन तथा जैन्थोफिल भी
पाये जाते हैं। कैरोटीन प्रथम बार गाजर से निकाला गया था। क्लोरोफिल की तरह कैरोटीन
भी क्लोरोप्लास्ट तथा क्रोमैटोफोर में रहता है। मुख्य वर्णकों का संघटन निम्नलिखित है-
7. कैल्विन-बेन्सन चक्र क्या है? इसे रेखाचित्र के माध्यम से समझायें।
उत्तर-प्रकाश-संश्लेषण की अप्रकाशीय अभिक्रिया (Dark reaction) को
केल्विन-बेन्सन चक्र कहते हैं, क्योंकि सर्वप्रथम 1949 में इन दोनों वैज्ञानिकों ने ही इस
अभिक्रिया का पता लगाया था। यह क्रिया हरित लवक के स्ट्रोमा में सम्पन्न होता है।
कैल्विन-बेन्सन चक्र का रेखाचित्र इस प्रकार है-
                                  वस्तुनिष्ठ प्रश्न एवं उनके उत्तर
1. प्रकाश संश्लेषण में पत्ती द्वारा स्पैक्ट्रम का कौन-सा भाग परावर्तित होता है?
(क) हरा
(ख) नीला
(ग) लाल
(घ) बैंगनी                                    उत्तर-(क)
2. यदि एक कोशिका में क्लोरोप्लास्ट न हो तो क्या नहीं होगा-
(क) कार्बोहाइड्रेट का उपयोग
(ख) O2 की मुक्ति
(ग) जल का उपयोग
(घ) इनमें से कोई नहीं                       उत्तर-(ख)
3. अप्रकाशीय अभिक्रिया का स्थल है-
(क) ग्रेनम
(ख) यूनिट मेम्ब्रेन
(ग) लैमेला
(घ) स्ट्रोमा                                        उत्तर-(घ)
4. किस वैज्ञानिक ने साबित किया था कि वनस्पतियों का अस्तित्व जल के कारण है-
(क) वॉन हेलमॉट
(ख) जोसेफ
(ग) स्टीफेन हेल्स
(घ) अरस्तु                                      उत्तर-(क)
5. क्लोरोप्लास्ट का वर्णन है-
(क) हरितलवक
(ख) फाइकोब्रिलिन
(ग) कैरोटिनॉयड
(घ) उपर्युक्त सभी                              उत्तर-(घ)
6. हिल अभिक्रिया का प्राकृतिक हाइड्रोजन रिसेप्टर कौन होता है-
(क) NADPH
(ख) H2O
(ग) NADP
(घ) None                                     उत्तर-(ग)
7.C4 चक्र की खोज किस पौधे में हुआ था?
(क) मुंगफली
(ख) ईख
(ग) मटर
(घ) सेब                                         उत्तर-(ख)
8. प्रकाशीय श्वसन (Photorespiration) किस पौधे की मुख्य विशेषता है?
(क) CAM पौधे
(ख) C3 पौधे
(ग) C4 पौधे
(घ) उपर्युक्त सभी                              उत्तर-(ख)
9. कौन C4 पौधा है?
(क) ईख
(ख) वॉन मेयर
(ग) मकई
(घ) उपर्युक्त सभी                           उत्तर-(घ)
10. पृथ्वी पर वनस्पतियों का अस्तित्व किसके कारण है-
(क) O2
(ख) CO2
(ग) जल
(घ) हाइड्रोजन                                उत्तर-(ग)
11. किसने बताया था कि हरे पौधे सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर
देते हैं?
(क) जोसेफ प्रिस्टले
(ख) वॉन मेयर
(ग) सेमबियर
(घ) लेबॉजियर                            उत्तर-(ख)
12. किसने बताया था कि हरे पौधे सौर ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित कर देते
हैं?
(क) जोसेफ प्रिस्टले
(ख) वॉन मेयर
(ग) सेमबियर
(घ) लेबॉजियर                                           उत्तर-(ख)
13. प्रकाश संश्लेषण में अत्यधिक प्रभावशाली तरंगदैर्ध्य, दृश्य प्रकाश के किस क्षेत्र में
पायी जाती है?
(क)  हरा
(ख) लाल
(ग) नीला
(घ) पीला                                                 उत्तर-(ख)
14. जल विघटन किससे संबंधित है?
(क) क्यूनोन से
(ख) Cyt.b से
(ग) प्रकाश तंत्र II से
(घ) प्रकाश तंत्र II से                                  उत्तर-(घ)
15. कैल्विन ने प्रकाश संश्लेषण में कार्बन के पथ को जानने के लिए कौन से
रेडियोएक्टिव आइसोटोप का प्रयोग किया?
(क) c14
(ख) c11
(ग) o18
(घ) p15                                              उत्तर-(क)
16. ग्लूकोज के एक अणु के निर्माण के लिए कैल्विन चक्र कितनी बार होनी चाहिए?
(क) 1
(ख)4
(ग)6
(घ)8                                                  उत्तर-(ग)
17. पौधे में वाले ग्लूकोज के प्रत्येक अणु के लिए ATP एवं NADPH, के कितने
अणुओं की संख्या क्रमश: लगती है?
(क) 18 और 12
(ख) 15 और 10
(ग) 12 और 18
(घ) 33 और 22                                    उत्तर-(क)
18. निम्न में कौन सा कारक प्रकाश संश्लेषण में सीमाकारी नहीं होगा?
(क) CO2
(ख) क्लोरोफिल
(ग) O2
(घ) प्रकाश                                          उत्तर-(ग)
19. प्रकाशीय श्वसन को किस स्थिति में सहायता मिलती है?
(क) कम प्रकाश तीव्रता
(ख) कम तापमान
(ग) कम CO2 अधिक O2
(घ) कम O2 अधिक CO2                   उत्तर-(ग)
20. प्रकाश उर्जा का कितना प्रतिशत उच्चतर पौधों द्वारा प्रकाश संश्लेषण में उपयोग
होता है?
(क) 100%
(ख) 1-2%
(ग) 50%
(घ) 1-2%                                      उत्तर-(घ)
                                                  □□□
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