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 Bihar Board Class 12 Chemistry Solutions Chapter 12 ऐल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल

Bihar Board Class 12 Chemistry ऐल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल Text Book Questions and Answers

पाठ्यनिहित प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 12.1
निम्नलिखित योगिकों की संरचना लिखिए –

  1. (i) α – मेथॉक्सीप्रोपिऑनऐल्डिहाइड
  2. (ii) 3 – हाइड्रॉक्सीब्यूटेनल
  3. (ii) 2 – हाइड्रॉक्सीसाइक्लोपेन्टेन कार्बेल्डिहाइड
  4. (iv) 4 – ऑक्सोपेन्टेनलं
  5. डाइ – द्वितीयक ब्यूटिल कीटोन
  6. 4 – क्लोरोऐसीटोफोनोन

उत्तर:

प्रश्न 12.2
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के उत्पादों की संरचना लिखिए –

उत्तर:

प्रश्न 12.3
निम्नलिखित यौगिकों को उनके क्वथनांकों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए –
CH3CHÓ, CH3CH2OH, CH3OCH3, CH3CH2CH3
उत्तर:
CH3 – CH2 – CH3 < CH3 – O CH3 – CH3 < CH3 – CHO < CH3 CH2OH

प्रश्न 12.4
निम्नलिखित यौगिकों को नाभिकरागी योगज अभिक्रियाओं में उनकी बढ़ती हुई अभिक्रियाशीलता के क्रम में व्यवस्थित कीजिए –
(क) एथेनल, प्रोपेनल, प्रोपेनोन, ब्यूटेनोन
(ख) बेन्जैल्डिहाइड, p – टॉलूऐल्डिहाइड, p – नाइट्रोबेन्जैल्डिहाइड, ऐसीटोफीनोन।
उत्तर:
(क) ब्यूटेनोन < प्रोपेनोन < प्रोपेनल < एथेनल
(ख) ऐसीटोफीनोन < n – टॉलूऐल्डिहाइड < बेन्जैल्डिहाइड < p – नाइट्रोबेन्जेल्डिहाइड

प्रश्न 12.5
निम्नलिखित अभिक्रियाओं के उत्पादों को पहचानिए –

उत्तर:

प्रश्न 12.6
निम्नलिखित यौगिकों के आई० यू० पी० ए० सी० नाम दीजिए –
(i) PhCH2CH2COOH
(ii) (CH3)2C = CHCOOH

उत्तर:
(i) 3-फेनिलप्रोपेनोइक अम्ल
(ii) 3-मेथिलब्यूट-2-इलोइक अम्ल
(iii) 2-मेथिलसाइक्लोपेन्टेनकार्बोक्सिलिक अम्ल
(iv) 2, 4, 6-ट्राइनाइट्रोबेन्जोइक अम्ल

प्रश्न 12.7
निम्नलिखित यौगिकों का बेन्जोइक अम्ल में कैसे परिवर्तित किया जा सकता है?
(i) एथिलबेन्जीन
(ii) ऐसीटोफीनोन
(iii) ब्रोमोबेन्जीन
(iv) फेनिलएथीन (स्टाइरीन)।
उत्तर:

प्रश्न 12.8
नीचे प्रदर्शित अम्लों के प्रत्येक युग्म में कौन-सा अम्ल अधिक प्रबल है?
(i) CH3CO2H अथवा CH2FCO2H
(ii) CH2FCO2H अथवा CH2ClCO2H
(iii) CH2FCH2CH2CO2II अथवा CH3CHF CH2CO2H

उत्तर:
(i) तथा (ii) युग्मों में F परमाणु की – I प्रभाव की उपस्थिति के कारण अम्लीय प्रबलता अधिक है।
(iii) युम में दो अम्लों में F परमाणु के सापेक्ष स्थान के कारण अधिक अम्लीय प्रबलता है। अतः
(i) तथा (ii) में CH2FCO2H प्रबल अम्ल है।
(iii) CH3CH2FCH2CO2H प्रबल अम्ल है।

-CF3 का -I प्रभाव प्रबल होता है, यह ऋणावेश को फैलाकर कार्बोक्सिलेट आयन को स्थायित्व प्रदान करता है।

-CH3 का +I प्रभाव दुर्बल होता है, यह ऋणावेश को सघन करके कार्बोक्सिलेट आयन को अस्थायी कर देता है।
इसलिए CH3 – C6H4COO (p) आयन से F3C – C6H4 – COO (p) आयन के अधिक स्थायी होने के कारण F3C – C6H5 – COOH(p) अधिक प्रबल है।

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