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 Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 13 मानव विकास

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 13 मानव विकास

→ परिचय

  • नगरों में विकास का विकृत चेहरा है—गन्दी बस्तियाँ, ट्रैफिक जाम, भीड़, अपराध, निर्धनता, भीख माँगना, फुटपाथ पर सोना, प्रदूषित जल व वायु आदि।
  • अल्पावधि में कुछ प्रदेशों और व्यक्तियों के लिए किया गया विकास बड़े पैमाने पर पारिस्थितिक निम्नीकरण के साथ कई लोगों के लिए
    गरीबी और कुपोषण लाता है।
  • वर्तमान सन्दर्भ विकास का प्रतीक निम्न को समझा जाता है कम्प्यूटरीकरण, औद्योगीकरण, सक्षम परिवहन और संचार जाल, वृहत् शिक्षा प्रणाली, उन्नत और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएँ, वैयक्तिक सुरक्षा आदि।
  • भारत जैसे उत्तर उपनिवेशी देश के लिए उपनिवेशवाद, सीमान्तीकरण, सामाजिक भेदभाव और प्रादेशिक असमता आदि विकास का अन्य चेहरा दर्शाता है।
  • भारत में विकास को अवसरों तथा अपेक्षाओं एवं वंचनाओं का मिश्रण माना जाता है।
  • विकास के अभाव में मानव दशाओं का निम्नीकरण और पर्यावरण प्रदूषण होता है।
  • UNDP की प्रथम रिपोर्ट सन् 1990 में प्रकाशित की गई। इसके बाद इस रिपोर्ट का प्रकाशन प्रतिवर्ष किया जाता है।

→ मानव विकास

“मानव विकास, स्वस्थ भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्वतन्त्रता तक सभी प्रकार के मानव विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार और उनके शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तीकरण के अवसरों में वृद्धि
की प्रक्रिया है।”

→ मानव विकास के संकेतक
मानव विकास के संकेतक हैं-

  1. दीर्घजीविता-जन्म-दर एवं मृत्यु-दर।
  2. पोषण तथा जन्म के समय जीवन प्रत्याशा।
  3. सामाजिक संकेतक-शिक्षा।
  4. आर्थिक संकेतक-वेतन, आय एवं रोजगार।

→ आर्थिक उपलब्धियों के सूचक

  • आर्थिक विकास मानव विकास का अभिन्न अंग है। समृद्ध संसाधन आधार तथा संसाधनों तक सभी लोगों की पहुँच मानव विकास की कुंजी है।
  • अर्थव्यवस्था और उत्पादकता के विकास का मूल्यांकन सकल राष्ट्रीय उत्पाद तथा प्रति व्यक्ति आय के द्वारा किया जा सकता है।
  • सकल घरेलू उत्पाद और इसकी प्रति व्यक्ति उपलब्धता को किसी देश के संसाधन आधार/अक्षय निधि का माप माना जाता है। .
  • गरीबी, जीवन की निम्न गुणवत्ता, भूख, कुपोषण, वंचन, निरक्षरता से प्रतिबिम्बित होती है। यह निम्न विकास का प्रतीक है।

→ स्वस्थ जीवन के सूचक
स्वस्थ जीवन के सूचक हैं –

  1. अशोधित मृत्यु-दर,
  2. अशोधित जन्म-दर,
  3. जीवन प्रत्याशा।

→ सामाजिक सशक्तीकरण के सूचक

  • ‘विकास मुक्ति है। गरीबी, दासता, बँधुआकरण, अज्ञानता, निरक्षरता और किसी भी अन्य प्रकार की प्रबलता से मुक्ति मानव विकास की कुंजी है।
  • शिक्षा उच्च स्तरीय शिक्षा, सामाजिक गतिशीलता तथा सामाजिक उत्थान में सहायक होती है। साक्षरता और शिक्षा का प्रसार मानव विकास का एक महत्त्वपूर्ण मानक है।

→ भारत में मानव विकास सूचकांक

  • यू०एन०डी०पी० मानव विकास रिपोर्ट-2015 के अनुसार भारत को मध्यम मानव विकास दर्शाने वाले देशों में रखा गया है। विश्व के 188 देशों में भारत का 131वाँ स्थान है।
  • HDI के संयुक्त मूल्य 0.624 के साथ भारत मध्यम मानव विकास दर्शाने वाले (UNDP 2015) देशों की श्रेणी में आता है।
  • भारत के विभिन्न राज्यों में 0.790 संयुक्त सूचकांक मूल्य के साथ केरल कोटिक्रम में सर्वोच्च है।
  • भारत में मानव विकास की प्रादेशिक विषमताओं के लिए उत्तरदायी कारक निम्नलिखित हैं . (1) साक्षरता, (2) आर्थिक विकास, तथा (3) सामाजिक विषमताएँ।

→ जनसंख्या, पर्यावरण और विकास

  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने अपनी सन् 1993 की रिपोर्ट में कुछ संशोधन किए, जिनमें लोगों की प्रतिभागिता व उनकी सुरक्षा, लोकतन्त्रीकरण, लोगों के बढ़ते सशक्तीकरण आदि मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित किया गया।
  • नव-माल्थसवादियों, पर्यावरणविदों और आमलवादी पारिस्थितिकविदों ने प्रसन्नचित्त एवं शान्त
    सामाजिक जीवन के लिए जनसंख्या तथा संसाधनों के बीच उचित सन्तुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया।
  • सर रॉबर्ट माल्थस ने तेजी से बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधनों के प्रति गहरी चिन्ता व्यक्त की।
  • गांधी जी के अनुसार व्यक्तिगत मितव्ययिता, सामाजिक धन की न्यासधारिता और अहिंसा एक व्यक्ति और एक राष्ट्र के जीवन में उच्चतर लक्ष्य प्राप्त करने की कुंजी है।

→ मानव विकास-लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार।

→ मृत्यु-दर-किसी विशेष वर्ष में प्रति हजार जनसंख्या पर मरने वालों की संख्या।

→ शिशु मृत्यु-दर-प्रति हजार जीवित बच्चों में से वर्ष में एक वर्ष से कम आयु वाले मृत बच्चों की संख्या।

→ सकल राष्ट्रीय उत्पाद/सकल राष्ट्रीय आय-देश के सकल घरेलू उत्पाद तथा विश्व के अन्य देशों में उत्पादन संसाधनों से अर्जित निवल आय का योग।

→ जीवन प्रत्याशा–जन्म के समय सम्भावित आयु।

→ जन्म-दर-किसी विशेष वर्ष में प्रति हजार जनसंख्या पर जन्म लेने वाली शिशुओं की संख्या।

→ जनगणना-किसी देश की जनसंख्या की एक निश्चित समय पर गणना करना।

→ आर्थिक विकास—उत्पादन व उत्पादकता के सन्दर्भ में मानव की आय बढ़ाने की प्रक्रिया।

→ साक्षरता दर-15 वर्ष या इससे अधिक के आयु वर्ग की जनसंख्या में साक्षर जनसंख्या का अनुपात जिसे प्रतिशत में व्यक्त करते हैं।

→ मानव निर्धनता सूचकांक-समाज के सुविधा वंचित वर्ग की दशा में मूल्यांकन के लिए बनाया गया संकेतक।

→ मानव विकास सूचकांक-मानव विकास के विविध आयामों के मापन के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा निर्मित भिन्न संकेतक।

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