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 Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 6 वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण

Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 6 वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण

प्रश्न 1.
चित्र में, धारामापी G अधिकतम विक्षेप देता है जब
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 6 वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण - 11
(a) चुम्बक को कुंडली में धकेला जाता है।
(b) चुम्बक कंडुली में घूर्णन करती है।
(c) चुम्बक कुंडली के केन्द्र पर स्थायी होती है ।
(d) कुंडली में फेरों की संख्या कम हो जाती है।
उत्तर-
(a) चुम्बक को कुंडली में धकेला जाता है।

प्रश्न 2.
क्षेत्र B के समानान्तर इसके तल के साथ रखे गये अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A के N फेरों की कुंडली के साथ जुड़ा चुम्बकीय फ्लक्स होता है –
(a) NAB2
(b) NAB
(c) NAB4
(d) शून्य
उत्तर-
(d) शून्य

प्रश्न 3.
दो समान वृत्तीय समाक्षीय लूपों में समान दिशा में एक ही धारा बहती है। यदि लूपों को समीप लाया जाता है, तो लूपों में धाराएं,
(a) कम हो जाती हैं।
(b) बढ़ती हैं।
(c) समान रहती हैं।
(d) प्रत्येक लूप में भिन्न होती हैं।
उत्तर-
(a) कम हो जाती हैं।

प्रश्न 4.
0.4m क्षेत्रफल की किसी कुंडली में 100 फेरे हैं। 0.04 Wbm-2 की चुम्बकीय क्षेत्र कुंडली के पृष्ठ के लम्बवत् कार्यरत है । यदि इस चुम्बकीय क्षेत्र को 0.01s में शून्य तक कम किया जाता है, तो कुंडली में प्रेरित वि.वा. बल होगा –
(a) 160 V
(b) 250 V
(c) 270 V
(d) 320 V
उत्तर-
(a) 160 V
(a) यहाँ, A = 0.4 m2, N = 100, dB = 0.04 Wb m-2,
dt = 0.01 s
चकि ε=dϕdt=NAdBdt=100×0.4×0.040.01=160V

प्रश्न 5.
R प्रतिरोध वाले स्थायी लूप में से चुम्बकीय फ्लक्स Φ = at (τ-t) के रूप में समय अन्तराल τ के दौरान परिवर्तित होता है । उस समय के दौरान लूप में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा क्या है ?
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 6 वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण - 1
उत्तर-
(b)

प्रश्न 6.
किसी धातु की प्लेट को किसके द्वारा गर्म किया जा सकता है ?
(a) प्लेट में दिष्ट या प्रत्यावर्ती धारा गुजारकर
(b) उसे समय परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर
(c) स्थान परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखकर लेकिन समय के साथ परिवर्तित नहीं करके
(d) (a) एवं (b) दोनों सही हैं।
उत्तर-
(d) (a) एवं (b) दोनों सही हैं।

प्रश्न 7.
r त्रिज्या की एक चालक वलय को वलय के तल के लम्बवत् परिवर्तनीय चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है, x है। तो वलय के किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता क्या होगी?
(a) rx
(b) rx2
(c) 2rx.
(d) 4rx
उत्तर-
(b) rx2
(b) माना E⃗  वलय की परिधि पर किसी बिन्दु पर विद्युत क्षेत्र की |
तीव्रता है, तो प्रेरित वि.वा.बल
ε=E⃗ dl जहाँ dl वलय की लम्बाई का तत्व है।
चूँकि E⃗  नियतांक है तथा

(i) एवं (ii) को बराबर करने पर, E = rx2

प्रश्न 8.
अपने तल के लम्बवत् एवं पेपर में निर्दिष्ट किसी कुंडली में
चुम्बकीय फ्लक्स सम्बन्ध Φ = (2t2 +4t +6) mWb के अनुसार परिवर्तित होता है। t = 4 सेकण्ड पर लूप में प्रेरित वि.वा.बल होगा
(a) 0.12V
(b) 2.4V
(c) 0.02 V
(d) 1.2V
उत्तर-
(c) 0.02 V
(c) दिया है, Φ = (2t2 +4t + 6) mWb
चकि, = dϕdt=ddt (2t2 +4t +6) x 10-3 Wbs-1
= (4t+4) x 10-3 V
t = 4s पर.
६= (4×4+4)x 10-3 V=20 x 10-3V= 0.02 V

प्रश्न 9.
दो समरूप समाक्षीय कुंडलियों में एक ही दिशा में धारा की समान मात्रा बह रही है, दोनों कुंडलियों को निकट लाया जाये, तो धारा
(a) P में बढ़ेगी जबकि Q में घटेगी
(b) Q में बढ़ेगी जबकि P में घटेगी
(c) P एवं Q दोनों में बढ़ेगी
(d) P एवं ए दोनों में घटेगी।
उत्तर-
(d) P एवं ए दोनों में घटेगी।

प्रश्न 10.
एक विद्युत चुम्बक में 648Jचुम्बकीय ऊर्जा संचित होती है जब 9A की धारा इसकी कुंडली में स्थित होती है। यदि धारा 0.45 सेकण्ड में शून्य तक कम होती है, तो औसत वि.वा.बल कितना प्रेरित होगा?
(a) 320 V
(b) 620 V
(c) 260 V
(d) 230 V
उत्तर-
(a) 320 V

प्रश्न 11.
फैराडे के नियम किसके संरक्षण का परिणाम है ?
(a) आवेश
(b) ऊर्जा
(c) चुम्बकीय क्षेत्र
(d) (b) एवं (c) दोनों
उत्तर-
(b) ऊर्जा

प्रश्न 12.
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान तार में प्रेरित धारा की दिशा किसका प्रयोग करके प्राप्त की जाती है ?
(a) फ्लेमिंग के बायें हाथ का नियम
(b) फ्लेमिंग के दायें हाथ का नियम
(c) ऐम्पियर का नियम
(d) लेंज का नियम
उत्तर-
(b) फ्लेमिंग के दायें हाथ का नियम

प्रश्न 13.
लेंज का नियम किसके संक्षरण के नियम का परिणाम है ?
(a) आवेश
(b) ऊर्जा
(c) प्रेरित वि.वा.बल
(d) प्रेरित धारा |
उत्तर-
(b) ऊर्जा

प्रश्न 14.
दिये गये चित्र द्वारा दर्शाए गई स्थिति में दायें लूप में प्रेरित धारा की दिशा है-

(a) उभय अक्ष के अनुदिश
(b) ryz के अनुदिश
(c) xyz के अनुदिश
(d) इनमें से काई नहीं
उत्तर-
(c) xyz के अनुदिश

प्रश्न 15.
परिनालिका को एक बैटरी से जोड़ा जाता है जिससे इसमें स्थायी धारा प्रवाहित होती है। यदि एक लोहे की क्रोड को परिनालिका में प्रवेश कराया जाता है, तो धारा ।
(a) बढ़ेगी
(b) घटेगी
(c) समान रहेगी
(d) पहले बढ़ेगी है फिर घटेगी।
उत्तर-
(b) घटेगी

प्रश्न 16.
एक अनन्त रूप से लम्बे बेलन को धनात्मक –अक्ष के अनुदिश दिशा की एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B के समानान्तर रखा गया है। z-अक्ष से देखने पर बेलन की सतह पर प्रेरित धारा की दिशा होगी –
(a) धनात्मक -अक्ष के दक्षिणावर्त
(b) धनात्मक z-अक्ष के वामावर्त
(c) शून्य
(d) चुम्बकीय क्षेत्र के अनुदिश
उत्तर-
(c) शून्य

प्रश्न 17.
जब किसी तार का लूप चुम्बकीय क्षेत्र में घूर्णन करता है, तो प्रेरित
वि.वा.बल की दिशा परिवर्तित होगी प्रत्येक
(a) एक परिक्रमण में
(b) 1/2 परिक्रमण में
(c) 1/4 परिक्रमण में
(d) 2 परिक्रमण में
उत्तर-
(b) 1/2 परिक्रमण में

प्रश्न 18.
1m लम्बाई का एक धातु का चालक कोणीय वेग 5 rads-1 से
अपने एक सिरे के परितः ऊर्ध्वाधर रूप से घूमता है। यदि भू-चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक 0.2x 104T है, तो चालक के सिरों के बीच उत्पन्न वि.वा.बल होगा
(a) 5µV
(b) 5 mV
(c) 50µv
(d) 50 m V
उत्तर-
(c) 50µv
(c) 50µv
(c) चालक के सिरों के मध्य उत्पन्न वि.वा.बल,
ε = 12ωBl2 = 12 x 5 x 0.2 x 10-4 x (1)2
= 5 x 10-5 V= 50 x 10-6 V= 50 µv

प्रश्न 19.
l लम्बाई की ताँबे की छड़ एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र B में कोणीय
वेग से उसके सिरे के परितः घूमती है। यदि क्षेत्र घूर्णन के तल के लम्बवत् है तो छड़ के सिरों के बीच उत्पन्न वि.बा.बल क्या होगा?
(a) Bωl2
(b) 12Bωl2
(c) 2Bωl2
(d) 14Bωl2
उत्तर-
(b) 12Bωl2

प्रश्न 20.
एक चालक चुम्बकीय क्षेत्र में वेग से गति कर रहा है तथा I धारा
प्रेरित होती है यदि चालक का वेग दुगुना हो जाये, तो प्रेरित धारा होगी –
(a) 0.51
(b) 1.51
(c) 21
(d) 2.51
उत्तर-
(c) 21

प्रश्न 21.
प्रेरण भट्टी का किसमें उपयोग होता है ?
(a) स्व-प्रेरण
(b) अन्योन्य प्रेरण
(c) भँवर धारा
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
(c) भँवर धारा

प्रश्न 22.
किसी छड़ चुम्बक का उत्तरी ध्रुव कुंडली के तल के लम्बवत् तथा कुंडली के केन्द्र से गुजरने वाले अक्ष के अनुदिश कुंडली की ओर घूमता है। चुम्बक की गति की दिशा के दृष्टिकोण से तो कुंडली में प्रेरित धारा की दिशा होगी –
(a) दक्षिणावर्ती
(b) वामावर्ती
(c) कुंडली में कोई धारा नहीं होती है
(d) या तो दक्षिणावर्ती या वामावर्ती ।
उत्तर-
(b) वामावर्ती

प्रश्न 23.
B एवं B के बीच तुल्य प्रेरकत्व है –

(a) 1H
(b) 4H
(c) 0.8H
(d) 16H
उत्तर-
(a) 1H

प्रश्न 24.
100 फेरों की चालक तार को 1000 फेरों वाली 100 cm लम्बाई एवं 2 cm त्रिज्या की एक परिनालिका के केन्द्र के निकट 1 cm तक लपेटा जाता है। दोनों कुंडलियों का अन्योन्य प्रेरकत्व होगा
(a) 1.58 x 10-4V
(b) 1.58 x 10-3V
(c) 2.11 x 10-4V
(d) 2.11 x 10-3 V
उत्तर-
(a) 1.58 x 10-4V
(a) यहाँ, N1 = 1000, l = 100 cm = 1 m,
A = πr² = π x (2 x 10-2)2 m2
N2 = 100

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प्रश्न 25.
यदि किसी कुंडली में फेरों की संख्या N हो, तो स्व-प्रेरकत्व का मान परिवर्तित होता है
(a) N0
(b) N
(c) N2
(d) N-2
उत्तर-
(c) N2

प्रश्न 26.
समान फेरों की संख्या वाली दो कुंडलियों में उनकी लम्बाइयाँ एवं त्रिज्याएं समान अनुपात 1:2 में है । उनके स्व-प्रेरकत्व का अनुपात होगा- .
(a) 1:2
(b) 2 :1
(c) 1 :1
(d) 1:4
उत्तर-
(a) 1:2
(a) किसी परिनालिका का स्व-प्रेरकत्व,
Bihar Board 12th Physics Objective Answers Chapter 6 वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण - 8
जहाँ । परिनालिका की लम्बाई है, N परिनालिका के फेरों की कुल संख्या है तथा A परिनालिका के अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल है ।

प्रश्न 27.
यदि परिनलिका की कुंडली में प्रति एकांक लम्बाई फेरों की संख्या दुगुनी हो, तो परिनालिका का स्व-प्रेरकत्व –
(a) अपरिवर्तित रहेगा
(b) आधा होगा
(c) दुगुना होगा
(d) चार गुना होगा ।
उत्तर-
(d) चार गुना होगा ।

प्रश्न 28.
किसी कुंडली में धारा 0.2 सेकण्ड में 5A से 0A तक गिरती है यदि औसत विद्युत वि.वा.बल 150 V प्रेरित होता है, तो कुंडली का स्व-प्रेरकत्व होगा –
(a) 4 हेनरी
(b) 2 हेनरी
(c) 3 हेनरी
(d) 6 हेनरी
उत्तर-
(d) 6 हेनरी

प्रश्न 29.
वह भौतिक राशि जिसे WbA-1 के मात्रक में मापा जाता है, है
(a) स्व-प्रेरकत्व
(b) अन्योन्य प्रेरकत्व
(c) चुम्बकीय फ्लक्स
(d) (a) एवं (b) दोनों
उत्तर-
(d) (a) एवं (b) दोनों

प्रश्न 30.
किसी लम्बी परिनालिका के स्व-प्रेरकत्व को किसके द्वारा नहीं बढ़ाया जा सकता है ?
(a) इसके अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल बढ़ाकर ।
(b) इसकी लम्बाई को बढ़ाकर ।
(c) इसमें धारा बढ़ाकर।
(d) इसमें फेरों की संख्या बढ़ाकर ।
उत्तर-
(c) इसमें धारा बढ़ाकर।

प्रश्न 31.
यदि 500 फेरों की कुंडली का स्व-प्रेरकत्व 125 mH है, तो 800 फेरों की समरूप कुंडली का स्व-प्रेरकत्व क्या होगा?
(a) 48.8 mH
(b) 200 mH
(c) 290 mH
(d) 320 mH
उत्तर-
(d) 320 mH
(d) चूंकि
L1L2=N21N22 जहाँ 500 फेरों की कुंडली का स्व-प्रेरकत्व = 125mH
∴ 800 फेरों की कुंडली के लिए L=125(500)2×(800)2
= 320 mH

प्रश्न 32.
प्रेरकत्व का मात्रक समतुल्य होता है –

उत्तर-
(d)

प्रश्न 33.
दो कुंडलियों के अन्योन्य प्रेरकत्व को किसके द्वारा बढ़ाया जा सकता है?
(a) कुंडलियों में फेरों की संख्या को घटाकर ।
(b) कुंडलियों में फेरों की संख्या को बढ़ाकर ।
(c) लकड़ी की क्रोड पर कुंडलियों को लपेटकर।
(d) इनमें से कोई नहीं ।
उत्तर-
(b) कुंडलियों में फेरों की संख्या को बढ़ाकर ।

प्रश्न 34.
यदि प्राथमिक एवं द्वितीयक कुंडलियों में फेरों की संख्या प्रत्येक में दो गुना बढ़ जाती है, तो अन्योन्य प्रेरकत्व
(a) 4 गुना हो जाता है।
(b) 2 गुना हो जाता है।
(c) 1/4 गुना हो जाता है।
(d) अपरिवर्तित रहता है।
उत्तर-
(a) 4 गुना हो जाता है।

प्रश्न 35.
समान प्रेरकत्व L के दो प्रेरकों को विपरीत चुम्बकीय फ्लक्सों के साथ श्रेणीक्रम में जोड़ा जाता है। परिणामी प्रेरकत्व होगा ? (अन्योन्य प्रेरकत्व को अपेक्षित करके)
(a) शून्य
(b) L
(c) 2L
(d) 3 L
उत्तर-
(c) 2L

प्रश्न 36.
200 mH के प्रेरकत्व की एक कुंडली में 1A की धारा 0.5 AS-1 की दर से वृद्धि कर रही है। प्रति सेकण्ड प्रेरक में संचित ऊर्जा क्या होगी?
(a) 0.5 Js-1
(b) 5.0Js-1
(c) 0.1 Js-1
(d) 2.0 Js-1
उत्तर-
(c) 0.1 Js-1
(c) प्रेरकत्व में संचित ऊर्जा, U = 12Ll2
प्रति सेकण्ड प्रेरकत्व में संचित ऊर्जा,
dUdt=LIdIdt
= 200 x 10-3 Hx 1 Ax 0.5 As-1 = 0.1 Js-1

प्रश्न 37.
I ऐम्पियर की धारा वाले L हेनरी स्वप्रेरकत्व के एक प्रेरक में संचित ऊर्जा होगी –
(a) 12L2I
(b) 12LI2
(c) LI2
(d) L2I
उत्तर-
(b) 12LI2

प्रश्न 38.
स्व-प्रेरकत्व L = 2 mH के एक प्रेरक में, समय के साथ सम्बन्ध ।
= t2e-t के अनुसार धारा परिवर्तित होती है। कितने समय पर वि. वा.बल शून्य होता है ?
(a) 4s
(b) 3s
(c) 2s
(d) 1s
उत्तर-
(c) 2s
(c) L = 2 mH = 2 x 10-3 H, I = t2e-t
dldt = t2e-t (-1) + e-t (2t) = te-t (-t+2)
वि.वा.बल = Ldldt = 2 x 10-3te-t+ (-t+ 2)
अब, वि.वा. बल = 0, जब (-t + 2) = 0 या t=2s

प्रश्न 39.
विद्युत में द्रव्यमान के समतुल्य राशि होती है –
(a) धारा
(b) स्व-प्रेरकत्व
(c) विभव
(d) आवेश
उत्तर-
(b) स्व-प्रेरकत्व

प्रश्न 40.
लम्बाई 1 तथा अनुप्रस्थ परिच्छेद क्षेत्रफल A की एक परिनालिका का स्व-प्रेरकत्व L, जिसमें फेरों की निश्चित संख्या N है, तब बढ़ता है जब
(a) l एवं A बढ़ते हैं
(b) l कम होता है तथा A बढ़ते हैं
(c) l बढ़ता है तथा A कम होता है
(d) l एवं A दोनों घटते हैं।
उत्तर-
(b) l कम होता है तथा A बढ़ते हैं

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