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 Bihar Board Class 6 Science Solutions Chapter 17 वायु

Bihar Board Class 6 Science वायु Text Book Questions and Answers

अभ्यास और प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
(क) श्वसन के लिए आवश्यक होती है –
(i) जल
(ii) वायु
(iii) आग
(iv) खली जगह
उत्तर:
(ii) वायु

(ख) पर्वतारोही ऊँचे पर्वतों पर चढ़ते समय किस गैस सिलेंडर को अपने साथ ले जाते हैं –
(i) नाइट्रोजन
(ii) ऑक्सीजन
(iii) कार्बनडाइऑक्साइड
(iv) आर्गन
उत्तर:
(ii) ऑक्सीजन

(ग) वायु एक मिश्रण है –
(i) गैसों का
(ii) जलवाष्य का
(iii) धुल-कणों का
(iv) उपर्युक्त सभी का
उत्तर:
(iv) उपर्युक्त सभी का

(घ) मोमबत्ती का जलना वायु में उपस्थित किस गैस के कारण संभव है –
(i) कार्बन डाइऑक्साइड
(ii) नाइट्रोजन
(iii) आर्गन
(iv) ऑक्सीजन
उत्तर:
(iv) ऑक्सीजन

(ङ) चूना जल में फूंकने पर इसका दुधिया रंग में बदलना किस गैस के कारण होता है?
(i) ऑक्सीजन
(ii) नाइट्रोजन
(iii) कार्बनडाइऑक्साइड
(iv) क्लोरीन
उत्तर:
(iii) कार्बनडाइऑक्साइड

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –

(क) पृथ्वी के चारों तरफ घिरी हुई वायु की परत को ……… कहते हैं।
(ख) गोताखोर जब भी समुद्र की गहराई तक जाते हैं तब ……… गैस का सिलेंडर ले जाते हैं।
(ग) वायु में नाइट्रोजन की मात्रा …….. प्रतिशत होती है।
(घ) पौधे श्वसन में ……….गैस लेते हैं।
(ङ) जो जीव पानी में रहते हैं वे श्वसन के लिए पानी में घुली हुई …………..का उपयोग करते हैं ।
उत्तर:
(क) वायुमंडल
(ख) ऑक्सीजन
(ग) 78 .
(घ) कार्बनडाइऑक्साइड
(ङ) ऑक्सीजन

प्रश्न 3.
वायु मिश्रण है, कैसे?
उत्तर:
वायु एक मिश्रण है। क्योंकि इसमें जलवाष्प, धूलकण, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य गैसों की मिलावट होती है।

वायु में जलवाष्प विद्यमान होता है। इसके लिए गिलास में बर्फ के कुछ टुकड़े डालकर ढक देने के बाद हम पाते हैं कि गिलास के बाहरी सतह पर जल की बूंदें दिखाई देती हैं। जब वायु किसी ठंडे पृष्ठ से संपर्क में आती है तो इसमें उपस्थित जलवाष्प ठंडी होकर संघनित हो जाता है तथा जल की बूंदें ठंडे पृष्ठ पर दिखाई देती हैं। इससे स्पष्ट होता है कि वाय में जलवाष्प उपस्थित . होते हैं। ठीक इसी प्रकार अन्य क्रिया-कलाप से साबित हो चुका है कि वायु में 78% नाइट्रोजन 21% ऑक्सीजन, शेष 1% कार्बन डाइऑक्साइड,कुछ अन्य गैसें,, जलवाष्प तथा धूलकण होते हैं। इस प्रकार वायु एक मिश्रण है।

प्रश्न 4.
कौन-सी गैस श्वसन के लिए आवश्यक है?.
उत्तर:
ऑक्सीजन गैस श्वसन के लिए आवश्यक है।

प्रश्न 5.
उन क्रिया-कलापों की सूची बनाइए, जो वायु की उपस्थिति के कारण संभव है।
उत्तर:
(क) वृक्ष के पत्ते का हिलना।
(ख) किसी भी चीज का जलना।
(ग) सजीव जगत के जीव-जन्तुओं के श्वसन प्रक्रिया।
(घ) गाड़ी के पहिया के अन्दर ट्यूब को हवा से भरना।
(ङ) वायुमंडल दबाव के कारण शरीर में खून का दौड़ना आदि।

प्रश्न 6.
पौधे वायुमंडल में गैसों का संतुलन बनाने में सहायक होते हैं, कैसे?
उत्तर:
पौधे, वायुमंडल में उपस्थित कार्बन-डाइऑक्साइड को अपने श्वसन में उपयोग करते हैं तथा इसके अलावे प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाशसंश्लेषण क्रिया के द्वारा अपने भोजन बनाने के काम में कार्बन-डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं तथा ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं। इस वायुमंडल में कार्बन-डाइऑक्साइड की मात्रा की कमी होती हैं तथा ऑक्सीजन की मात्रा में वृद्धि होती है। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है और हमारे वायुमंडल का संतुलन बना रहता है।

Bihar Board Class 6 Science वायु Notes

अध्ययन-सामग्री :

सजीव जगत के जीव-जन्तुओं तथा पौधों को जीवित रहने के लिए श्वसन क्रिया आवश्यक होती है। श्वसन के लिए वायु की आवश्यकता होती है। इतना ही नहीं जन्म से लेकर मृत्यु तक वायु की जरूरत होती है। वायु के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। वायु से अनेक गतिविधियाँ हमारे चारों तरफ संचालित होती हैं। जैसे- पत्ते का हिलना, पतंग का उड़ना, घिरनी का नाचना, आग का जलना, पानी से बुलबुले का बाहर आना आदि।

पृथ्वी वायु की एक पतली परत से घिरी हुई है। इस परत का विस्तार पृथ्वी की सतह से कई किलोमीटर ऊपर तक है जिसे वायुमंडल कहते हैं। वायु स्थान घेरती है। वाय हमारे चारों ओर उपस्थित है। वाय का कोई रंग नहीं होता। वायु पारदर्शी होता है। वाय अनेक गैसों का मिश्रण होता है जिसमें प्रत्येक गैस की अपनी गुणवता होता है और अलग-अलग रूपों में हम सजीव जगत के जीव-जन्तुओं एवं पौधों के काम आती है। जहाँ ऑक्सीजन मानव के श्वसन – के लिए आवश्यक है। वहीं कार्बनडाइ ऑक्साइड पौधों के श्वसन के लिए आवश्यक होते हैं। नाइट्रोजन मानव एवं पेड़-पौधों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप में आवश्यक तत्व माने जाते हैं।

वायु की संरचना

  • नाइट्रोजन – 78%
  • ऑक्सीजन – 21%
  • कार्बन-डाइऑक्साइड एवं अन्य – 1%

वायु की संरचना में नाइट्रोजन सर्वप्रमुख अवयव है। इसके बाद ऑक्सीजन प्रमुख अवयव है। शेष सभी अवयव वाय में नगण्य मात्रा में रहते हैं। नाइटोजन की मात्रा वायु का लगभग 4/5वाँ भाग होती है। नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन दोनों गैसें मिलकर वायु का 99% भाग बनाती है।

इस प्रकार वायु में कुछ गैसें, जल-वाष्प तथा धूल के कण विद्यमान होते हैं। वायु की संरचना में स्थानीय भिन्नता हो सकती है।

वायु में ऑक्सीजन का स्थान अतिमहत्वपूर्ण है। सामान्यतः सभी जीव ऑक्सीजन को अपने श्वसन क्रिया को पूरा करने के लिए लेते हैं। पौधे भी श्वसन में ऑक्सीजन का प्रयोग करते हैं। मछली पानी में घुले ऑक्सीजन को श्वास के रूप में अवशोषित करते हैं। ऑक्सीजन मानव शरीर में अनेक क्रिया में मदद करती है। जैसे- खून का बनना। किसी भी वस्तु को जलने में ऑक्सीजन मदद करती है। ऑक्सीजन खुद जलती नहीं है बल्कि जलने में मदद करती है। यानि ऑक्सीजन दहनशील नहीं होती है। परन्त दहन के पोषक होते हैं।

वर्तमान में विज्ञान के प्रचार एवं प्रसार के कारण वायु प्रदूषित हो रही है जिसका मुख्य कारण मानवीय गतिविधियाँ हैं। यानि वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है जिसके कारण वायु की संरचना असंतुलित होती जा रही है। बहुत हद तक पेड़-पौधे इस संतुलन को बनाए रखने में सहायक हैं। परन्तु वनों की कटाई, बढ़ती अबादी, बढ़ते उद्योग-धंधे बढ़ती मोटर-गाड़ियों की तादाद, आदि गतिविधियों ने वायु संतुलन को असंतुलित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यदि यही रफ्तार से प्रदूषण होता रहा और समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब प्रदूषण अपनी आगोश में मानव-जीवन की लीला को समाप्त कर देगी।

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