Advertica

 Bihar Board Class 7 Social Science Civics Solutions Chapter 3 शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका

Bihar Board Class 7 Social Science शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका Text Book Questions and Answers

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्नों के उत्तर दें-

प्रश्न 1.
अनुप्रिया एवं उसकी सहेलियाँ क्यों परेशान थीं, उन सबकी परेशानी कैसे दूर हुई ?
उत्तर-
अनुप्रिया एवं उसकी सहेलियाँ परेशान थीं क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वे मध्य विद्यालय से आगे की पढ़ाई नहीं कर पाएँगी क्योंकि मध्य विद्यालय तो उनके घर से नजदीक था इसलिए उन्हें विद्यालय जाने में कोई कठिनाई नहीं होती थी पर उच्च विद्यालय उनके गाँव से लगभग 5 किमी. था, जिस कारण उन्हें विद्यालय जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता।

सरकार द्वारा साइकिल योजना शुरू करने से उन सबकी परेशानी दूर हो गयी, क्योंकि साइकिल योजना के तहत उनलोगों को साइकिल दी गयीं और वे आसानी से आगे की जारी रख सकती थी और उच्च विद्यालय आसानी से आ-जा सकती थी।

प्रश्न 2.
लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसा क्यों? कारण सहित लिखें।
उत्तर-
लड़कियों को शिक्षा ग्रहण करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कितने परिवारों में आज भी लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता है और अगर पढ़ाया गया तो उन्हें उच्च शिक्षा नहीं दिलवाई जाती है। कई जगहों पर लड़कियों को न पढ़ाने का कारण होता है स्कूल का उनके घर से दूर होना। अगर विद्यालय घर से नजदीक होता है  तो उन्हें विद्यालय जाने पर कोई परेशानी नहीं होती पर विद्यालय का घर से दूर होना उनके शिक्षा पाने के रास्ते में रूकावट बन जाता है।

उनके माता-पिता उन्हें दूर जाकर पढ़ाई की अनुमति नहीं देते, क्योंकि वो उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित होते हैं । बहुत से जगहों पर लड़कियों को उच्च विद्यालय की शिक्षा दिलवाने के बाद कॉलेज की पढ़ाई करने घर से दूर दूसरे शहरों में जाने की अनुमति दी जाती है और कारण बताया जाता है अकेली लड़कियों घर से दूर शहर में कैसे रहेंगी। इन सारी वजहों से लड़कियों की शिक्षा में बहुत रूकावट आती है।

प्रश्न 3.
आपकी समझ में ऐसी क्या व्यवस्था हो सकती है जिससे लड़कियों की परेशानी न हो?
उत्तर-
मेरी समझ से हर गाँव में मध्य विद्यालय के साथ-साथ उच्च विद्यालय भी होना चाहिए, जिससे लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से बहुत दूर नहीं जाना पड़े। हर जगह पर कॉलेज की भी व्यवस्था होनी चाहिए जिससे लड़कियों को उच्च विद्यालय तक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद

आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूसरी जगह जाना पड़े। अपने शहरों में उच्च शिक्षा दिलवाने वाले किसी अच्छे कॉलेजों के होने की वजह से विद्यार्थियों को दूसरे शहरों में जाना पड़ता है और लड़कियों की इसकी अनुमति बहुत कम ही मिल पाती है।

प्रश्न 4.
सुमित की चिन्ता का क्या कारण थी? यदि सुमित की जगह आप होते तो आपके मन में क्या-क्या विचार आते ? आपस में चर्चा करें।
उत्तर-
सुमित की चिन्ता का कारण था किताबों का समय पर न मिलना । उसकी किताबें बाजार में नहीं मिलती थी, इसलिए वह चाहकर भी अपनो किताबें बाजार से नहीं खरीद सकता था। किताब नहीं मिलने की वजह से वह कुछ पढ़ाई भी नहीं कर पाया था और उसे इस बात का डर था कि आने वाले अर्द्धवार्षिक परीक्षा में वह क्या लिखेगा। यदि सुमित की जगह मैं भी होती तो मेरे मन में भी वही विचार आता जो सुमित के मन में आया था।

प्रश्न 5.
आपको समय पर किताब नहीं मिलने की स्थिति में प्रधानाध्यापक ने क्या प्रयास किया?
उत्तर-
समय पर किताब नहीं मिलने की स्थिति में हमारे प्रधानाध्यापक किताब नहीं मिलने की वजहों की जानकारी लेते हैं और जल्द से जल्द उन रूकावटों को दूर कर हमें कम से कम समय में किताब दिलवाते हैं।

प्रश्न 6.
मध्याह्न भोजन योजना, पोशाक योजना, भवन निर्माण योजना, आँगनबाड़ी केन्द्र इत्यादि योजनाओं के विषय में शिक्षकों से चर्चा करें कि आखिर इनकी जरूरत क्यों हैं?
उत्तर-
इन योजनाओं की जरूरत निम्नलिखित कारणों से है

1. मध्याह्न भोजन योजना – मध्याह्न भोजन योजना से बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ भोजन भी मिल जाता है और इस योजना से स्कूलों में बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। कितने बच्चे भी भूखे ही स्कूल चले आते थे जिससे पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता था, पर इस योजना में भोजन मिलने से बच्चों का पेट भरा रहता है और पढ़ाई में उनका मन भी लगता है।

2. पोशाक योजना – पोशाक योजना में बच्चों को स्कूल के पोशाक बनवाने के लिए पैसे दिए जाते हैं। इस योजना से उन बच्चों को बहुत लाभ हुआ है जो स्कूल की पोशाक न होने की वजह से स्कूल नहीं जा पाते थे।

3. भवन निर्माण योजना – इस योजना से भी बहत लाभ हआ है, वैसे स्कूल जो जर्जर-जर्जर भवनों में चलाए जाते थे उनकी मरम्मत भी होने लगती है जो स्कूल खुले मैदान में चलाए जाते थे उन्हें अब स्कूल के लिए भवन भी मिल गए।

4. आँगनवाड़ी केन्द्र – आँगनबाड़ी केन्द्र में बच्चों को शुरूआत की शिक्षा मिलती है। इससे उनकी नींव मजबूत होती है।

प्रश्न 7.
क्या आप अपने विद्यालयों की पढ़ाई व्यवस्था से संतुष्ट हैं ? अपने विचार लिखें।
उत्तर-
हाँ, मैं अपने विद्यालय की पढ़ाई व्यवस्था से संतुष्ट हूँ। मेरे विद्यालय में सभी शिक्षक अपने-अपने विषयों को बहुत ही अच्छे से पढ़ाते हैं, जो हम बच्चों को बहुत ही आसानी से समझ में आ जाता है।

अगर हमें कुछ पढ़ाई समझ में नहीं आती तो हमारे शिक्षक उसे फिर से पढ़ाकर हमें अच्छे से समझाते हैं। हमें किसी प्रकार की परेशानी होने पर हमारे शिक्षक हमारी मदद करते हैं। शिक्षकों द्वारा पाठ्य-पुस्तक जल्दी से जल्दी दिलवाने की कोशिश की जाती है, पोशाक राशि भी दी जाती है। मध्याह्न भोजन की व्यवस्था भी है। पढ़ाई के अलावे मेरे स्कूल में खेलने की भी उचित व्यवस्था है।

प्रश्न 8.
यह दोनों स्थितियाँ क्यों उत्पन्न होती हैं ? इसके पीछे क्या-क्या कारण है?
उत्तर-
पहली स्थिति जिसमें कहा गया है कि 1000 पैदा होने वाले बच्चों में से 300 बच्चों का वजन बहुत कम होता है और 143 बच्चों की पाँच वर्ष के अंदर मृत्यु हो जाती है। ये स्थिति तब उत्पन्न होती है जब किसी गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान संतुलित भोजन नहीं मिल पाता। संतुलित भोजन की कमी से उनके अंदर खून की कमी यानी एनीमिया की बीमारी हो जाती है।

जिस वजह गर्भवति महिला का वजन ही बहुत कम हो जाता है, जिस वजह से होने वाले बच्चे का वजन भी कम होता है और कमजोर शरीर होने की वजह से उन्हें कई तरह की परेशानियाँ होती हैं, जिससे कभी-कभी उनकी मृत्यु हो जाती है। इसका कारण है पैसे जानकारी के अभाव में गर्भवती महिला को संतुलित आहार और आयरन की गोली का नहीं मिल पाना।

दूसरी स्थिति जिसमें कहा गया है कि 100000 औरतों में से 400 औरतों की बच्चे के जन्म देते समय मौत हो जाती है। ऐसी स्थिति तब होती है जब गर्भवती महिला को प्रसव के लिए अस्पताल न ले जाकर घर में ही प्रसव कराने की कोशिश की जाती है। घर में प्रसव कराने के लिए शिक्षित नर्स की जगह किसी महिला से प्रसव कराने से कई तरह की इनफेक्शन होने की संभावना होती है, जिससे गर्भवती महिला की मौत हो सकती है।

इसका कारण है कम उम्र की लड़कियों का गर्भवती हो जाना और पैसे के अभाव में उन्हें अस्पताल न ले जाना और कभी-कभी गाँव की महिलाओं को तो प्रसव के लिए शहर लाते-लाते रास्ते में ही उनकी मौत हो जाती है।

प्रश्न 9.
इन दोनों स्थितियों में बच्चों और औरतों को कैसे बचाया जा सकता है?
उत्तर-
इन दोनों स्थितियों में बच्चों और औरतों को बचाने के लिए सबसे आवश्यक है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को संतुलित भोजन दिया जाए। उनके भोजन में हरी सब्जियाँ, दाल, दूध, फल, चावल, रोटी आदि सभी कुछ शामिल हो। उन्हें जो भी आवश्यक टीके हो वो लगवाए जाएँ। उन्हें आयरन की गोलियाँ दी जाए, जिससे उन्हें एनीमिया की बीमारी से बचाया जा सके। अगर माँ स्वस्थ रहेगी तो होने वाले बच्चे का वजन भी सही होगा।

इस तरह से प्रसव के लिए गर्भवती महिला को अस्पताल लेकर जाना चाहिए। उन्हें घर में प्रसव के दौरान थोड़ी-सी भी चूक से माँ और बच्चे दोनों की जान जा सकती हैं। इसलिए प्रसव डॉक्टरों की देख-रेख में ही करवाना चाहिए । घर में प्रसव करवाने से उतनी साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता, जिससे कई प्रकार के इंफेक्शन्स लगने का खतरा रहता है। जो माँ और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक होता है।

अभ्यास के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध करने के लिए सरकार कौन-कौन से कदम उठा सकती है? चर्चा करें।
उत्तर-
सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध करने के लिए सरकार को सबसे पहले पीने की उचित पानी की व्यवस्था करनी चाहिए । स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने वाली संस्थाओं स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल आदि को सुचारू ढंग से कार्य करने के निर्देश देने चाहिए। सभी अस्पतालों में बच्चों को लगाए जाने वाले जीवनरक्षक टीके और दवाएँ मुफ्त में मिलने चाहिए ।

गर्भवती महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के आयरन की गोली देनी चाहिए । अस्पतालों में बेड की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। डॉक्टरों की कमी को भी दूर करने की कोशिश करनी चाहिए । गाँव में भी अस्पताल खलवाने चाहिए और डॉक्टरों की व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे गाँव के लोगों के बीमार होने पर वहीं उनका इलाज हो सके, क्योंकि ज्यादातर लोगों को बीमारी के दौरान शहर लाने के दौरान रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो जाती है।

प्रश्न 2.
शिक्षा की स्थिति बेहतर करने के लिए सरकार की क्या भूमिका होनी चाहिए? –
उत्तर-
शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए सरकार को शिक्षा को कानून का रूप देना चाहिए । शिक्षा पाना सबका हक है, पर जिसे शिक्षा नहीं मिल पा रही है, वो न्यायालय का सहारा ले सकं ! शिक्षा के लिए उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। सबसे पहले स्कूल की व्यवस्था को ठीक करना चाहिए, क्योंकि शिक्षा पाने के लिए यह पहला पड़ाव है। स्कूलों की व्यवस्था ठीक होने से बच्चों की पढ़ाई की नींव सही होगी। इसके लिए जरूरी है कि हर जगह गाँव में भी मध्य विद्यालय के साथ ही उच्च विद्यालय भी है।

कॉलेजों की भी व्यवस्था होनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए घर से बहुत दूर नहीं जाना पड़े। क्योंकि कुछ विद्यार्थियों खासकर लड़कियों को घर से दूर जाकर पढ़ाई करने की अनुमति नहीं दी जाती है और उनकी पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है। रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी करने से भी लोग शिक्षा की ओर आकर्षित होंगे। इन सबके साथ ही सरकार को जनता के लिए शिक्षा के महत्व को भी बताते रहे।

प्रश्न 3.
सर्वे क्यों किया जाता है ? आपने इस पाठ में किए गए सर्वे से क्या समझे?
उत्तर-
किसी विषय के बारे में जनता की क्या राय है, उस विषय के बारे में उनके बीच कितनी जानकारी है और इन बातों का उनके जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है। इन सारी बातों की जानकारी के लिए सर्वे किया जाता है। इस पाठ में किए गए सर्वे का मुख्य विषय है बच्चों के स्कूल नहीं जाने ‘के कारण का पता लगाना ।

इस सर्वे में यह पता लगाने की कोशिश की गयी थी कि जो बच्चे कभी स्कूल नहीं गये उनके स्कूल नहीं जाने का कारण, ओ। बच्चे विद्यालय जाते थे पर बीच में ही उन्होंने विद्यालय जाना छोड़ दिया इसका क्या कारण है जो बच्चे बाल मजदूर हैं पढ़ने-लिखने के समय में काम करते हैं, इसका क्या कारण है?

प्रश्न 4.
एक ही बच्चे में जो सरकारी स्कूल, निजी स्कूल, निजी स्कूल या अन्य किसी स्कूल में पढ़ते हैं उनसे बातचीत करके पता करें कि इन स्कूलों में क्या समान और क्या अन्तर है।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें।

Bihar Board Class 7 Social Science शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की भूमिका Notes

पाठ का सार संक्षेप

दुगी हुई सरकार से लोगों की यह अपेक्षा होती है कि वह जनता की लोकतांत्रिक अधिकार जैसे सड़क, बिजली; कानून व्यवस्था, आपदा के समय लोगों को राहत दिलवाने का कार्य करें। इस अध्याय में हमलोग यही जानेंगे की सरकार के कामों से शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी कार्य कैसे जुड़ी हुई है।

हमारे जीवन के विकास के लिए शिक्षा. बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। शिक्षा के द्वारा हमें दुनिया को समझने का मौका मिलता है, शिक्षा से हमें आत्मविश्वास मिलता है और हम खुद को और दुनिया को बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। एक शिक्षित व्यक्ति अपनी रूचि से काम कर पाने में सक्षम होता है।

समाज की किसी समस्या पर लोग मिल-जुलकर बातचीत करते और उस समस्या पर अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देते हैं, फिर उस समस्या का समाधान निकालते हैं। शिक्षित व्यक्ति अदालत में अपना बचाव करने का कार्य, बैंक से ऋण लेना, वैज्ञानिक ढंग से संग करना और सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी लेने का कार्य आसानी से कर सकता है। एक शिक्षित व्यक्ति आधुनिक सामाजिक कार्यों में भागीदारी करने में तथा राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने में खुद को सक्षम महसूस करते हैं।

Previous Post Next Post