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 bseb 8th class science notes | घर्षण के कारण

bseb 8th class science notes | घर्षण के कारण

घर्षण के कारण

अध्ययन सामग्री-एक गेंद को जब फर्श पर लुढ़का दिया जाता है तो उसकी चाल धीरे-धीरे
घटती जाती है। न्यूटन के प्रथम नियम के अनुसार-गतिशील वस्तु को स्थिर करने के लिए यह
आवश्यक है कि कोई बाह्य बल उस पर आरोपित हो। आखिर गेंद और फर्श के बीच बाह्य बल,
घर्षण बल है जो कि गेंद एवं फर्श के बीच की आपेक्षिक गति का विरोध करता है। एक बार जब
दोनों के बीच की आपेक्षिक गति शून्य हो जाती है तो यह बल भी गायब हो जाता है।
अत: जब दो सतह संपर्क में हो और उनके बीच आपेक्षिक गति हो, तो दोनों सतहों के संपर्क
तल में एक बल उत्पन्न होता है जो गति का विरोध करता है। इस विरोधी बल को घर्षण बल
कहते हैं। घर्षण बल गति का हमेशा विरोध करता है।
घर्षण के नियम-
(i) घर्षण बल सदा गति का विरोध करता है। (ii) दो स्पर्शीय तलों के बीच क्रियाशील
घर्षण बल स्पर्शीय तलों पर लगते अभिलंब प्रतिक्रिया बल के समानुपाती होता है। (iii) घर्षण
बल का मान स्पर्शीय तल के पदार्थ तथा प्रकृति पर निर्भर करता है। (iv) गतिज घर्षण बल पिण्ड की चाल पर निर्भर नहीं करता है। बशर्ते कि उसकी चाल कम हो।
घर्षण के प्रकार जब किसी वस्तु को विराम की स्थिति से गति में लाने का प्रयास किया
जाता है। उस स्थिति में लगने वाले घर्षण बल को स्थैतिक घर्षण कहते हैं।
जब कोई एक वस्तु, दूसरी वस्तु पर गतिमान हो तो उन दोनों सतहों के बीच लगने वाले
घर्षण को सर्पी घर्षण कहते हैं।
सर्पी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम होता है।
घर्षण से हानियाँ-
(i) घर्षण के वस्तु का घिसना । (ii) घर्षण के कारण कपड़े का फटना । (iii) जूते-चप्पल
का सोल घर्षण के कारण घिसना । (iv) बर्तन का घिसकर खराब हो जाना । (v) मशीन तथा इसके कल-पूर्जे घर्षण के कारण खराब होना इत्यादि । घर्षण से हमारे दैनिक जीवन में अनेक हानियाँ हैं।
घर्षण से लाभ–घर्षण के बिना आज की दुनिया को देख पाना मुश्किल होता है। घर्षण
हमारे दैनिक जीवन से लेकर उद्योग जगत के लिए अनिवार्य है। इसके बिना हम चल ही नहीं
पाएँगे तो फिर दूसरा काम को तो छोड़ ही दें। घर्षण के लाभ इस प्रकार हैं-
(i) मानव का चलना । (ii) वाहन का चलना । (iii) कागज तथा श्यामपट्ट पर लिखना।
(iv) घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न करना । (v) घर्षण से माचिस का जलाना ।
तरल घर्षण-वायु एवं द्रव को तरल पदार्थ कहा जाता है। तरल पदार्थों की सतह के बीच
भी घर्षण बल लगते हैं। यानि तरल पदार्थों में गति करने वाले पदार्थों के पृष्ठ पर तरल पदार्थ
द्वारा घर्षण बल आरोपित किया जाता है। तरलों द्वारा लगाए गए घर्षण बल को कर्षण भी कहते
हैं। किसी वस्तु पर लगनेवाला घर्षण बल उसकी तरल के सापेक्ष गति पर निर्भर करता है। घर्षण
बल वस्तु की आकृति तथा तरल की प्रकृति पर भी निर्भर करता है।
इस प्रकार घर्षण हानिकारक है परन्तु अनिवार्य है। इसके बिना आज की चमकती, दौड़ती
दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती थी।
                                                      अभ्यास
1. कौन-सा गतिशील गेंद की गति को मंद करता है?
उत्तर–घर्षण बल गतिशील गेंद की गति को मंद करता है।
2. घर्षण बल क्या है?
उत्तर–किसी वस्तु पर लगने वाला वह बल जो हमेशा गति का विरोध करता हो उरा विरोधी
बल को घर्षण बल कहते हैं। प्रत्येक वस्तु पर घर्षण बल उसकी गति के विपरीत दिशा में होता
है। घर्षण बल हमेशा गति का विरोधी बल होता है तथा कभी भी गति बढ़ाने में मदद नहीं करता।
घर्षण बल दो सतहों के बीच कार्य करता है इसलिए इसे सम्पर्क बल कहते हैं।
3. स्थैतिक घर्षण तथा सर्पी घर्षण में अन्तर बताइए।
उत्तर-जब किसी वस्तु को विराम की स्थिति से गति में लाने का प्रयास किया जाता है।
उस स्थिति में लगने वाले घर्षण बल को स्थैतिक घर्षण कहते हैं।
जब कोई एक वस्तु, दूसरे वस्तु पर गतिमान हो तो उन दोनों सतहों के बीच लगने वाले घर्षण
को सर्पी घर्षण कहते हैं।
सर्पी घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम होता है।
4. घर्षण बल की दिशा क्या होती है?
उत्तर-पर्षण बल की दिशा हमेशा गति के विपरीत होती है।
5. जब गेंद को समान वेग से फेकेंगे तो गेंद क्यों-
(अ) पक्की समतल सतह पर लम्बी दूरी तय करती है।
(ब) कच्ची सड़क पर कम दूरी तय करती है।
(स) कंकड़ी सड़क पर बहुत कम दूरी तय कर पाती है।
उत्तर-(अ) जब गेंद को समान वेग से फेंकते हैं तो गेंद पक्की समतल सतह पर लम्बी
दूरी तय करती है क्योंकि पक्की समतल सतह की प्रकृति चिकनी होती है जिसके कारण घर्षण
बल कम लगता है।
(ब) कच्ची सड़क पर गेंद कम दूरी तय करती है क्योंकि यहाँ घर्षण बल ज्यादा लगता है।
(स) कंकडीली सड़क की सतह काफी खुरदरा है जिसके कारण यहाँ घर्षण बल बहुत
अधिक कार्य करता है। परिणामस्वरूप गेंद बहुत कम दूरी तय कर पाती है।
6. जब एक वस्तु दूसरी वस्तु की सतह पर गति करती है तो कौन वस्तु घर्षण प्रदर्शित
करेगी?
(अ) निचली वस्तु की सतह (ब) ऊपर गतिशील वस्तु की सतह (स) दोनों वस्तु
की सतह।
उत्तर–दोनों वस्तु की सतह।
7. खिलाड़ी द्वारा जूतों में काँटी का प्रयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर–काँटी जमीन में धँस जाती है जिसके कारण जूता और जमीन में बहुत अच्छी सम्पर्क
स्थापित हो जाता है। परिणामस्वरूप घर्षण बल का मान अधिक हो जाता है और खिलाड़ी फिसल नहीं पाते हैं तथा अपने क्षमता के अनुसार प्रदर्शन कर पाते हैं।
8. घर्षण हानिकारक वस्तु अनिवार्य है। क्यों ?
उत्तर-सतहों के बीच घर्षण ऊर्जा का अपव्यय करते हैं। घर्षण के कारण वस्तुएँ घिस
जाती हैं। कपड़ा, जूता, चाकू, पेंसिल, पेन, बॉल बेयरिंग आदि घर्षण के कारण घिसकर खराब
हो जाते हैं। मशीनों में घर्षण के कारण ऊर्जा का क्षय होता रहता है तो दूसरी तरफ बिना घर्षण
के हम पृथ्वी चल नहीं पाएंगे। वाहन सड़क पर दौड़ नहीं पाएगी। घर्षण के कारण ही वाहनों
में गति संभव है। वाहनों की दिशा परिवर्तन में, कागज पर लिखने इत्यादि ऐसे बहुत कार्य हैं
जिसमें घर्षण सहायक होते हैं।
इस प्रकार घर्षण जहाँ हानिकारक है, वहीं अत्यंत लाभकारी भी है। यानि अनिवार्य भी है।
9. घारा रेखीय आकृति से क्या समझते हैं ? हवाई जहाज की आकृति या नाव । जहाज
को विशेष आकृति क्यों प्रदान की जाती है?
उत्तर-तरल पदार्थ (गैस तथा द्रव) में गति करने वाली वस्तुओं की आकृति को विशेष
रूप प्रदान किया जाता है जिससे घर्षण के मान को कम किया जाता है। इसी विशेष आकृति
को धारा-रेखीय आकृति कहते हैं। हवाई जहाज, नाव, जहाज की धारा रेखीय आकृति दिया जाता है। ताकि हवा तथा जल से कम से कम अवरोध या घर्षण हो सके। घर्षण कम होने से ऊर्जा का क्षय कम होता है और आसानी से यह एक स्थान से दूसरे स्थान तक गमन कर पाती है।
10. खाली स्थानों को भरें।
(अ) घर्षण वह बल है जो गति का ………. करता है।
(ब) चिकनी सतह की अपेक्षा रूखड़ी सतह …………घर्षण उत्पन्न करती है।
(स) कैरमबोर्ड पर पाउडर के प्रयोग से घर्षण…………. हो जाता है।
(द) तरल घर्षण को…………. कहते हैं।
(य) हवाई जहाज की आकृति ………. होती है जिससे हवा के कारण घर्षण कम हो जाए।
उत्तर-(अ) विरोध, (ब) अधिक, (स) कम, (द) कर्षण, (य) धारा रेखीय ।
11. नीचे दिए गए कथन सत्य हैं या असत्य ?
(अ) जब किसी गेंद को किक करते हैं तो सदा के लिए लुढ़कती रहती है।
(ब) घर्षण के कारण ऊष्मा ऊर्जा उत्पन्न होती है।
(स) वस्तु के भार पर घर्षण का मान निर्भर करता है।
(द) स्नेहक के प्रयोग से घर्षण का मान घट जाता है।
उत्तर-(अ) असत्य, (ब) सत्य, (स) सत्य, (द) सत्य ।
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