Advertica

 bseb class 8 geography notes | मानव ससांधन

bseb class 8 geography notes | मानव ससांधन

मानव ससांधन


पाठ का सारांश-“किसी निश्चित क्षेत्र में रहने वाले लोगों की कुल संख्या जनसंख्या कहलाती है।” मानव एक महत्वपूर्ण संसाधन है। ऐसा दादा जी ने पूजा को बताया और कहा- हमारा देश मानव संसाधन की दृष्टि से सम्पन्न है क्योंकि यहाँ की आबादी अत्यधिक है। हम इसकी गिनती इसलिए करते हैं क्योंकि इनकी संख्या के हिसाब से हम इनके विकास की योजना बना सकें तथा मानव को संसाधन के रूप में विकसित कर सकें। इस तरह दादा जी और पूजा में वार्तालाप चलता रहता है। पूजा प्रश्न पूछती रहती है और दादाजी प्रश्नों का जवाब देते रहते हैं। पूजा फिर अपने दादाजी से सवाल करती है-“मानव को संसाधन क्यों कहते हैं”? दादाजी उत्तर देते हैं-मानव ने अपने मस्तिष्क, प्रौद्योगिकी एवं श्रमशक्ति का उपयोग कर उपलब्ध साधनों को उपयोगी बनाया है। इसने अनेक कठिन एवं अविश्वसनीय कार्य संपादित किये हैं। मानव ने पृथ्वी को तो अपने अनुकूल बनाया ही है, इसने अंतरिक्ष तथा विभिन्न ग्रहों तक पहुँच को संभव बनाया है। मानव को इन गुणों के कारण ही संसाधन की श्रेणी में रखा गया है। मानव संसाधन का बेहतर उपयोग हो, इसके लिए आवश्यक है कि इसे अच्छी तरह से विकसित, शिक्षित तथा प्रशिक्षित किया जाय ताकि विकसित, उन्नत समाज एवं राष्ट्र निर्माण में मानव अपना बेहतर योगदान दे सके।
यह सही है कि वर्तमान समय में मशीनों का निर्माण एवं उपयोग बढ़ा है। मानव की इस पर निर्भरता भी बढ़ी है परन्तु मशीनों को बनाने, निर्बाधगति से चलाने के लिए मानव द्वारा निर्मित तकनीक एवं स्वयं मानव की ही आवश्यकता पड़ती है। इस प्रकार मानव एक महत्वपूर्ण संसाधन बन जाता है। मानव संसाधन को जनसंख्या के रूप में गिना जाता है। पूजा ने दादाजी से फिर सवाल किया-क्या सभी जगह की जनसंख्या समान होती है ? दादाजी ने हँसते हुए उत्तर दिया- नहीं, ऐसा नहीं है, जनसंख्या सभी जगह एकसमान न होकर अलग-अलग होती है। भारत में जनगणना संबंधी आँकड़ों को रजिस्ट्रर जनरल, भारत सरकार के पास भेजा जाता है। वहीं से ये आँकड़े जारी किये जाते हैं। कुछ आँकड़ें इस प्रकार हैं-
विश्व के पाँच सर्वाधिक जनसंख्या वाले देश

देश                             विश्व की जनसंख्या का प्रतिशत

चीन                               19.4
भारत                              17.5
संयुक्त राज्य अमेरिका                     4.5
इंडोनेशिया                            3.8
ब्राजील                               2.8
भारत के 10 सर्वाधिक जनसंख्या वाले राज्य

राज्य                                    जनसंख्या

उत्तर प्रदेश                             199581477
महाराष्ट्र                                112372972
बिहार                                 103804637
पं. बंगाल                               91347736
आंध्र प्रदेश                               84665533
मध्य प्रदेश                              72597565
तमिलनाडु                              72138958
राजस्थान                                69621012
कर्नाटक                                 61130704
गुजरात                                 60383628
स्रोत : Census India 2011
हमारे देश में जनसंख्या के घनत्व का वितरण असमान है, चूंकि मैदानी क्षेत्रों में अच्छी वर्षा तथा सिंचाई के अलावा जीवन जीना पहाड़ी भाग की अपेक्षा आसान है। इसलिए जनसुविधाएँ आसानी से उपलब्य हो जाती हैं अतएव यहाँ ज्यादा लोग निवास करते हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार कुछ राज्यों के नाम तथा उनका घनत्व

          राज्य का नाम                              घनत्व

बिहार                                      1102
पं. बंगाल                                    1029
केरल                                        859
प्रदेश उत्तर प्रदेश                              828
हरियाण                                        573
तमिलनाड                                   555

हमारी ज्यादा आबादी गाँवों में रहती है परन्तु हाल के वर्षों में नगरीय जनसंख्या में तीव्र वृद्धि हुई है। बेहतर शिक्षा एवं चिकित्सा सुविधा, रोजगार के अत्यधिक अवसर, सुरक्षा की भावना इत्यादि के कारण लोग नगरों की ओर आकर्षित हुए हैं जिसके कारण नगरीय जनसंख्या में वृद्धि हुई है।
इन्हीं कारणों से कस्बे नगर में तथा नगर महानगर में बदलते गये हैं, इसलिए जनसंख्या घनत्व में भी वृद्धि हुई है। सबसे कम जनसंख्या का घनत्व अरूणाचल प्रदेश का है जहाँ 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर में निवास करते हैं। मिजोरम में 52 एवं सिक्किम में 86 व्यक्ति प्रतिवर्ग किलोमीटर
निवास करते हैं तथा पर्वतीय क्षेत्रों में, जैसे-उत्तराखण्ड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों में जनसंख्या घनत्व मध्यम पाया जाता है क्योंकि यहाँ का अधिकांश भू-भाग पर्वतीय है। आवागमन में भारी असुविधा, पहाड़ी कटे-छटे पथरीले भू-भाग, सिंचाई का अभाव कम
उपजाऊ मिट्टी के कारण यहाँ जनघनत्व अधिक है। सर्वाधिक घनी आबादी गंगा के मध्यवर्ती मैदानी (बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल के डेल्य प्रदेश और केरल के तटीय मैदान) भागों में मिलती है। क्योंकि यहाँ समतल मैदान एवं उपजाऊ मिट्टी है तथा वर्षा भी पर्याप्त मात्रा में होती है।
हमारे देश में प्रत्येक 10 वर्ष पर जनगणना होती है तथा इसके आँकड़े प्रकाशित कर इनका उपयोग विभिन्न योजना निर्माण में किया जाता है। 1901 से लेकर 2011 तक की जनगणना सारणी इस प्रकार है-
विभिन्न जनगणना वर्षों में जनसंख्या
जनगणना वर्ष                       जनसंख्या (करोड़ में)
1901                                       23.84
1911                                       25.20
1921                                       25.13
1931                                       27.87
1941                                       31.86
1951                                       36.10
1961                                       43.92
1971                                       54.81
1981                                       68.33
1991                                       84.64
2001                                       104.27
2011                                       121.01
अगर भारत की जनसंख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो वर्ष 2030 तक हमारी आबादी एक अरब चालीस करोड़ के पार होगी तथा हमारी जनसंख्या चीन की जनसंख्या से अधिक होगी।
जनसंख्या में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। ऐसा मुख्यतः तीन कारणों से होता है-
(i) जन्म दर, (ii) मृत्यु दर, (iii) प्रवास ।
जन्मदर एवं मृत्यु दर के बीचं अंतर होने से जनसंख्या में वृद्धि या कमी होती है। यह जनसंख्या का प्राकृतिक परिवर्तन है जबकि कई कारणों से जनसंख्या का दूसरी जगह जाकर बस जाना प्रवास की श्रेणी में आता है। भारत में जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारक जन्मदर रहा क्योंकि यह हमेशा मृत्युदर से अधिक रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में प्रति 1000 पुरुष पर 940 महिलाएँ हैं। सबसे अधिक लिंगानुपात केरल में है यहाँ 1000 पुरुषों पर 1084 महिलाएँ हैं । हरियाणा में लिंगानुपात सबसे कम 877 है। इसी प्रकार शिशु लिंगानुपात मिजोरम में 971, मेघालय में 970, हरियाणा में 830 तथा दिल्ली में 866 है। हर जगह महिलाओं की संख्या पुरुषों से कम है क्योंकि सभी में कन्या भ्रूण हत्या तथा लड़की नहीं पैदा होने देने की प्रवृत्ति है। बढ़ती दहेज प्रथा भी एक कारक है।
वर्ष 2011 की जनगणना में 7 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति जो किसी भाषा में पढ़-लिख सकते हैं, उन्हें साक्षर की श्रेणी में रखा गया है। भारत में 2011 में कुल साक्षरता दर 74.04% है- पुरुषों की साक्षरता दर 82.14% एवं महिलाओं की साक्षरता दर 65.46% है। वहीं लड़कि- में सर्वाधिक साक्षरता दर केरल में 91.98% है जबकि लड़कियों की सबसे कम साक्षर राजस्थान में 52.66% है। बिहार में 73.39% पुरुष एवं 53.33% महिलाएँ साक्षर हैं। एक शिक्षित एवं जागरूक व्यक्ति ही बेहतर समाज का निर्माण कर सकता है। यही वह माध्यम जिससे व्यक्ति में तकनीक का विकास होता है तथा विभिन्न साधनों को वह उपयोगी संसाध में तो बदलता ही है, अपने को भी उपयोगी साबित करता है।
अभ्यास के प्रश्न
I. बहुवैकल्पिक प्रश्न-
सही विकल्प को चुनें।
(i) जनगणना की जाती है-
(क) प्रत्येक 20 वर्ष पर (ख) प्रत्येक 10 वर्ष पर
(ग) प्रत्येक 5 वर्ष पर (घ) प्रत्येक 2 वर्ष पर
(ii) मानव एक संसाधन है क्योंकि-
(क) आवश्यकता की पूर्ति के लिए तकनीक का प्रयोग करता है
(ख) अन्य सामग्रियों को संसाधन के रूप में परिणत करता है
(ग) मस्तिष्क का प्रयोग कर अन्य साधनों को उपयोगी बनाता है
(घ) उपर्युक्त सभी
(iii) भारत में सर्वाधिक जनसंख्या है-
(क) पश्चिम बंगाल की
(ख) बिहार की
(ग) उत्तर प्रदेश को
(घ) महाराष्ट्र की
(iv) भारत जनसंख्या के दृष्टिकोण से विश्व में है-
(क) तृतीय स्थान पर (ख) चौथे स्थान पर
(ग) प्रथम स्थान पर (घ) दूसरे स्थान पर
(v) पहाड़ी भाग में जनसंख्या कम होती क्योंकि-
(क) वहाँ काफी गर्मी है
(ख) जन सुविधाओं का अभाव है
(ग) मृत्यु दर अधिक है
(घ) लोग वहाँ रहना नहीं चाहते हैं
उत्तर- (i) (ख) प्रत्येक 10 वर्ष पर । (ii) (ख) अन्य सामग्रियों को संसाधन के रूप में परिणत करता है। (iii) (ग) उत्तर प्रदेश को।
(iv)-(घ) दूसरे स्थान पर । (v) (ख) जन सुविधाओं का अभाव है।
2. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) मानव एक महत्वपूर्ण संसाधन है, कैसे ?
उत्तर-हमारा देश मानव संसाधन की दृष्टि से सम्पन्न है क्योंकि यहाँ की आबादी अत्यधिक है हम इसकी गिनती इसलिए करते हैं क्योंकि इनकी संख्या के हिसाब से हम इनके विकास योजना बना सकें तथा मानव को संसाधन के रूप में विकसित कर सकें।
(ख) जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं ?
उत्तर-जनसंख्या वृद्धि को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं—जन्मदर क्योंकि यह हमेशा मृत्यु-दर से अधिक रहता है।
(ग) जनसंख्या परिवर्तन किन-किन कारकों पर निर्भर करता है?
उत्तर-जनसंख्या परिवर्तन मुख्यतः तीन कारकों पर निर्भर करता है-
(i) जन्म दर, (ii) मृत्यु दर, (iii) प्रवास ।
जन्मदर एवं मृत्यु दर के बीच अंतर होने से जनसंख्या में वृद्धि या कमी होती है। यहbजनसंख्या का प्राकृतिक परिवर्तन है जबकि कई कारणों से जनसंख्या का दूसरी जगह जाकर बस जाना प्रवास की श्रेणी में आता है। भारत में जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारक जन्मदर रहा है क्योंकि यह हमेशा मृत्यु दर से अधिक रहा है। बढ़ती स्वास्थ्य सुविधाओं के कारण मृत्यु दर में भी तेज गिरावट आई है जिसके कारण जनसंख्या वृद्धि हुई है।
(घ) घटती महिला लिंगानुपात के कारणों का विश्लेषण कीजिए।
उत्तर-घटती महिला लिंगानुपात के कारण कन्या भ्रूण हत्या तथा लकड़ी नहीं पैदा होने देने की प्रवृति है। बढ़ती दहेज प्रथा भी एक कारक है। हमें इस प्रवृति से बचने की जरूरत है। सरकार ने भी कानूनी रूप से कन्या भ्रूण हत्या को अपराध घोषित कर इसके लिए दंड का प्रावधान किया है।
(ङ) मैदानी भागों में जन-घनत्व अधिक पाया जाता है। क्यों?
• उत्तर-मैदानी भागों में जन-घनत्व अधिक पाया जाता है, क्योंकि मैदानी क्षेत्रों में अच्छी वर्षा तथा सिंचाई के अलावा जीवन जीना पहाड़ी भाग की अपेक्षा आसान है इसलिए जनसुविधाएँ आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। अत: यहाँ ज्यादा लोग निवास करते हैं
(च) वर्ष 2030 ई. तक हमारी जनसंख्या चीन से अधिक होगी, ऐसा क्यों होगा? सोचकर लिखिए।
उत्तर–भारत की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन धीरे-धीरे वृद्धि दर में कमी आ रही है और यह जन्मदर नियंत्रण हेतु किये जा रहे प्रयासों का परिणाम है। अगर भारत की जनसंख्या इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो वर्ष 2030 तक हमारी आबादी एक अरब चालीस करोड़ के पास होगी तथा हमारी जनसंख्या चीन की जनसंख्या से अधिक होगी।
(छ) पर्वतीय क्षेत्र में जन-घनत्व कम पाया जाता है, क्यों?
उत्तर–पर्वतीय क्षेत्र में जन-घनत्व कम पाया जाता है। जैसे—उत्तराखण्ड, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं अधिकतर पूर्वोत्तर राज्यों में जनसंख्या घनत्व कम पाया जाता है, क्योंकि यहाँ का अधिकांश भू-भाग पर्वतीय है।


Previous Post Next Post