JAC Board Jharkhand Class 9th Science Biology Solutions chapter -6- खाद्य संसाधनों में सुधार

JAC Board Jharkhand Class 9th Science Biology Solutions chapter -6- खाद्य संसाधनों में सुधार

                  खाद्य संसाधनों में सुधार

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. एक सूक्ष्म पोषक तत्व है-
(a) जस्ता,

(b) नाइट्रोजन,

(c) फॉस्फोरस,

(d) पोटैशियम |
उत्तर-(a)

प्रश्न 2. निम्न में कौन सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं है ?
(a) आयरन,

(b) मैंगनीज,

(c) कॉपर,

(d) सल्फर।
उत्तर-(d)

प्रश्न 3. एक वृहत पोषक तत्व है-
(a) क्लोरीन,

(b) कैल्सियम,

(c) बोरॉन,

(d) मॉलिब्डेनम् ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 4. निम्न में से कौन खरीफ फसल है ?
(a) गेहूँ,

(b) चना,

(c) धान,

(d) सरसों ।
उत्तर-(c)

प्रश्न 5. एक संश्लेषित उर्वरक है-
(a) धान,

(b) गेहूँ,

(c) मक्का,

(d ) अरहर ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 6. निम्न में से कौन रबी है ?
(a) कम्पोस्ट,

(b) वर्मी कम्पोस्ट,

(c) नाइट्रेट्स (यूरिया),

(d) हरी खाद ।
उत्तर-(c)

प्रश्न 7. कम्पोस्ट में नाइट्रोजन की प्रतिशतता हो सकती है-
(a) 0.5%,

(b) 1.0%,

(c) 1.4%,

(d) 0.15%.
उत्तर-(a)

प्रश्न 8. दलहन फसलों से कौन-सा प्रमुख पोषक पदार्थ प्राप्त होता है ?
(a) प्रोटीन,

(b) वसा,

(c) कार्बोहाइड्रेट,

(d) खनिज लवण ।
उत्तर-(a)

प्रश्न 9. एक ही खेत में विभिन्न फसलों को पूर्व नियोजित अनुक्रम में उगाने की विधि को क्या कहते हैं ?
(a) मिश्रित फसलें,

(b) फसल चक्र,

(c) अंतराफसलीकरण,

(d) इनमें कोई नहीं ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 10. दो अथवा दो से अधिक फसलों को निश्चित कतार पैटर्न में उगाने की विधि को क्या कहते हैं ?
(a) मिश्रित फसल,

(b) फसल चक्र,

(c) अंतराफसलीकरण,

(d) इनमें कोई नहीं ।
उत्तर-(c)

प्रश्न 11. कार्बोहाइड्रेट प्रधान फसल है-
(a) मूँगफली, 

(b) गेहूँ,

(c) सरसों,

(d) चना ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 12. इथिलीन डाइब्रोमाइड (EDB) क्या है ?
(a) धूमक, 

(b) उर्वरक,

(c) खाद

(d) तृणनाशक।
उत्तर-(a)

प्रश्न 13. फ्लूक्लोरेलीन है-
(a) एक कीटनाशक,

(b) एक खरपतवार नाशक,

(c) एक कवकनाशक,

(d) एक जीवाणुनाशक ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 14. फसलों के साथ उपजने वाले अवांछित पौधों को कहते हैं-
(a) घास,

(b) खरपतवार,

(c) जंगली पौधे,

(d) धान्य फसल ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 15. पर्णकृमि पशुओं के किस अंग को प्रभावित करता है ?
(a) आमाशय,

(b) आंत,

(c) पैर,

(d) यकृत ।
उत्तर-(d)

प्रश्न 16. भारत में किस क्रांति के कारण भोजन उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई ? 
(a) हरित क्रांति, 

(b) श्वेत क्रांति, 

(c) नीली क्रांति, 

(d) इनमें कोई नहीं । 
उत्तर-(a)

प्रश्न 17. दूध के उत्पादन में क्रांतिकारी वृद्धि को कहते हैं- 
(a) रजत क्रांति,

(b) हरित क्रांति,

(c) श्वेत क्रांति,

(d) नील क्रांति ।
उत्तर-(c)

प्रश्न 18. नीली क्रांति' किससे संबंधित है ?
(a) खाद्यान्न उत्पादन से,

(b) अण्डा उत्पादन से.

(c) झींगा उत्पादन से,

(d) मत्स्य उत्पादन से ।
उत्तर-(d)

प्रश्न 19. भारत में हरित क्रांति के जन्मदाता कौन हैं ?
(a) बी० एल० चोपड़ा, 

(b) एम० एस० स्वामीनाथन, 

(c) वर्गीज कुरियन, 

(d) अमृता पटेल |
उत्तर-(b)

प्रश्न 20. हरित क्रांति का संबंध मुख्यतः किस फसल से है ?
(a) चावल,

(b) गेहूँ,

(c) दलहन,

(d) गन्ना ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 21. लाल सिंधी नाम है- 
(a) गाय की प्रजाति का, 

(b) भैंस की प्रजाति का, 

(c) मुर्गी की प्रजाति का,

(d) इनमें कोई नहीं ।
उत्तर-(a)

प्रश्न 22. साहीवाल नाम है-
(a) गाय की प्रजाति का, 

(b) भैंस की प्रजाति का, 

(c) मुर्गी की प्रजाति का, 

(d) इनमें कोई नहीं ।
उत्तर-(a)

प्रश्न 23. भैंस की प्रजाति है-
(a) मुर्राह,

(b) साहीवाल, 

(c) गिर,

(d) लेगहार्न ।
उत्तर-(a)

प्रश्न 24. मुर्गी की प्रजाति है-
(a) रेडसिंधी,

(b) साहीवाल,

(c) लेगहार्न,

(d) इनमें कोई नहीं ।
उत्तर-(c)

प्रश्न 25. निम्न में कौन भैंस की नस्ल नहीं है ?
(a) सुरती,

(b) मुर्राह,

(c) नीली,

(d) भेवाली ।
उत्तर-(c)

प्रश्न 26. मधुमक्खी की देशी नस्ल कौन-सी है ?
(a) असील,

(b) एपिस सेरेना इंडिया,

(c) सफेद लेगहार्न,

(d) इनमें कोई नहीं ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 27. एपीकल्चर संबंधित है-
(a) मत्स्य पालन,

(b) मुर्गी पालन,

(c) कुक्कुट पालन,

(d) मधुमक्खी पालन ।
उत्तर-(d)

प्रश्न 28. मेरीकल्चर संबंधित है-
(a) समुद्री जीवों के उत्पादन की क्रिया,

(b) मधुमक्खी पालन,

(c) रेशम पालन,

(d) मत्स्य पालन |
उत्तर-(a)

प्रश्न 29. पीसीकल्चर संबंधित है-
(a) मत्स्य पालन,

(b) मुर्गी पालन,

(c) कुक्कुट पालन,

(d) मधुमक्खी पालन ।
उत्तर-(a)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्त 

प्रश्न 1. फसल सुधार क्या है ?
उत्तर- वैज्ञानिक विधियों द्वारा फसलों की उत्पादकता में सुधार करना एवं उन्नतशील प्रजातियों को विकसित करना फसल सुधार कहलाता है।

प्रश्न 2. फसल चक्र किसे कहते हैं ?
उत्तर- एक ही खेत में प्रतिवर्ष अनाज तथा फलीदार पौधों को एक के बाद एक करके उगाने को फसल चक्र कहते हैं ।

प्रश्न 3. मिट्टी के तीन स्थूल पोषक तत्त्वों के नाम लिखें।
उत्तर- नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा पोटाशियम ।

प्रश्न 4. किन्हीं चार सूक्ष्म पोषक तत्त्वों के नाम लिखें।
उत्तर- जिंक, लोहा, मैंगनीज तथा क्लोरीन ।

प्रश्न 5. पोषक तत्त्वों के क्या स्रोत हैं ?
उत्तर- पोषक तत्त्वों के स्रोत जल, वायु आर मिट्टी हैं।

प्रश्न 6. मिश्रित फसली किसे कहते हैं ?
उत्तर- एक ही खेत में एक ही मौसम में दो या दो से अधिक फसलों को उगना मिश्रित फसली कहलाता है।

प्रश्न 7. संकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर- ऐसी विधि जिसके द्वारा वो अलग अलग बांछनीय गुणों वाली एक ही फसल के पौधों का परस्पर परागण करवाकर नई फसल उत्पन्न की जाती है, उसे संकरण कहते हैं।

प्रश्न 8. उन जैविक घटकों के नाम लिखें जो खाद्यान्नों को हानि पहुँचाते हैं।
उत्तर- चूहे, पक्षी, पशु, कीट, कृमि तथा सूक्ष्मजीव ।

प्रश्न 9. अजैविक घटक लिखें जो खाद्यान्न को हानि पहुँचाते हैं।
उत्तर- आर्द्रता, ताप तथा नमी में परिवर्तन ।

प्रश्न 10. पीड़कनाशकों के उपयोग की दो विधियाँ बताएँ ।
उत्तर - धूमन तथा छिड़काव ।

प्रश्न 11. कटाई के समय खाद्यान्न में नमी की मात्रा कितनी होनी चाहिए ? 
उत्तर- कटाई के समय खाद्यान्न में नमी की मात्रा 14% से अधिक नहीं होनी चाहिए। 

प्रश्न 12. दो जैव पीड़कनाशियों के नाम लिखें।
उत्तर- (i) डी० डी० टी०, 

(ii) बी० एच० सी० । 

प्रश्न 13. किन्हीं दो धूमकों के नाम लिखें जो कीटों का नाश करने में प्रभावशाली हैं ? 
उत्तर- (i) एथीलीन डाइब्रोमाइड,

(ii) एल्यूमीनियम फॉस्फाइड ।

प्रश्न 14. धान ( चावल ) की फसल में सामान्यतः लगने वाले एक रोग का नाम लिखें। 
उत्तर- ब्लास्ट या ध्वंस।

प्रश्न 15. गेहूँ की फसल में सामान्यतः लगने वाले एक रोग का नाम लिखें। 
उत्तर- रतुआ ।

प्रश्न 16. गन्ना की फसल में सामान्यतः लगने वाले एक रोग का नाम लिखें। 
उत्तर- लाल विगलन और ग्राशी शूट।

प्रश्न 17. चना की फसल में सामान्यतः लगने वाले एक रोग का नाम लिखें। 
उत्तर- उखटा ।

प्रश्न 18. अरहर की फसल में सामान्यतः लगने वाले एक रोग का नाम लिखें। 
उत्तर- तना विगलन ।

प्रश्न 19. भंडारण की अवधि में कौन-से कारक अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी हैं ?
उत्तर- जैविक कारक और अजैविक कारक । 

प्रश्न 20. किन्हीं दो रबी फसलों के नाम लिखें।
उत्तर- (i) गेहूँ,

(ii) चना ।

प्रश्न 21. किन्हीं दो खरीफ फसलों के नाम लिखें।
उत्तर- (i) धान,

(ii) अरहर ।

प्रश्न 22. भारत में किस क्रांति के कारण भोजन- उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई ?
उत्तर - हरित क्रांति ।

प्रश्न 23. भारत में किस क्रांति के कारण दूध उत्पादन में वृद्धि हुई ?
उत्तर - श्वेत क्रांति ।

प्रश्न 24. मधुमक्खियों की दो स्थानीय प्रजातियों के नाम लिखें।
उत्तर- (i) ए० डोरसेटा,

(ii) रॉकबी ।

प्रश्न 25. पशुओं को चारा उपलब्ध कराने के लिए किन्हीं दो चारा फसलों के नाम लिखें। 
उत्तर- (i) बाजरा, 

(ii) बरसीम ।

प्रश्न 26. पौधों में वृद्धि और फूलों का खिलना किस कारक पर निर्भर करता है ?
उत्तर - ताप ।

प्रश्न 27. H. Y. V. का पूरा नाम लिखें।
उत्तर- High Yielding Varieties (उच्च ऊपजी किस्में ) ।

प्रश्न 28. एक वर्षीय फसल चक्र का एक उदाहरण दें।
उत्तर-मक्का-गेहूँ ।

प्रश्न 29. चावल की दो उच्च उपजी किस्मों के नाम बताएँ ।
उत्तर - पूसा बासमती - I, विकास, कस्तूरी |

प्रश्न 30. मक्का की दो उच्च उपजी किस्मों के नाम बताएँ। 
उत्तर - विक्रम, शक्ति, नवजोत ।

प्रश्न 31. सरसों की तीन उच्च उपजी किस्मों के नाम बताएँ ।
उत्तर - क्रांति, आर० एच० - 30, पूसा अग्रणी ।

प्रश्न 32. मूँगफली की दो उच्च उपजी किस्मों के नाम बताएँ ।
उत्तर - जी०जी०- 11, एम० - 37, कौशल ।

प्रश्न 33. संकरण विधि द्वारा विकसित की गई गाय की नस्लों के नाम दें।
उत्तर - जर्सी, साहीवाल, करण स्विस फ्रीजोओन, हाल्सटीन ।

प्रश्न 34. पशुओं को किन-किन से रोग हो सकते हैं ?
उत्तर- विषाणु, जीवाणु तथा फफूँद आदि से ।

प्रश्न 35. कौन-सा वायरस रोग गाय को प्रभावित करता है ?
उत्तर- मुँह और खुर का रोग (F.M.D) ।

प्रश्न 36. पशु आहार के दो वर्गों के नाम बताएँ ।
उत्तर- रूक्षांश व सांद्रित पदार्थ ।

प्रश्न 37. मीठे जल में पाली जाने वाली मछलियों की किन्हीं दो किस्मों के नाम लिखें। 
उत्तर- कतला, रोहू ।

प्रश्न 38. गाय की उच्च दुग्ध उत्पादन वाली दो नस्लों के नाम बताएँ । 
उत्तर- (i) साहीवाल,

(ii) हाल्सटीन ।

प्रश्न 39. H-H-260 को ऐसा क्यों कहते हैं ?
उत्तर -H-H-260 इसलिए कहते हैं क्योंकि यह एक वर्ष में 260 अंडे देती है । 

प्रश्न 40. देशी मुर्गियों की नस्लों के नाम लिखें। 
उत्तर- असील तथा बसरा ।

प्रश्न 41. भारत में संकरण द्वारा प्राप्त नई नस्ल की मुर्गियों के नाम बताएँ तथा उनकी क्षमता लिखें।
उत्तर- IBL-80 तथा B - 77 नस्ल की मुर्गियाँ जो एक वर्ष में 200 अण्डे देती है। 

प्रश्न 42. मुर्गी की दो उन्नत किस्में कौन-सी हैं ? 
उत्तर- B-77, IBL-80.

प्रश्न 43. विदेशी नस्ल की उच्च उत्पादन वाली मुर्गी की नस्लों के नाम बताएँ । ।
उत्तर - सफेद लैगहार्न तथा रोडेइजलैंड रैड

प्रश्न 44. गाय तथा भैंस की किन्हीं दो भारतीय नस्लों के नाम लिखें।
उत्तर- गाय की भारतीय नस्लें- रैड सिन्धी, गिर, साहीवाल भैंस की भारतीय नस्लें - मुर्राह, मेहसाना, सूरती ।

प्रश्न 45. विदेशज नस्ल की दो गायों के नाम लिखें।
उत्तर- (i) इंग्लैण्ड की जर्सी,

(ii) स्विट्जरलैंड की ब्राऊन स्विस ।

प्रश्न 46. गाय की उन्नत संकर नस्लों का उल्लेख करें।
उत्तर- (i) करण स्विस

(ii) करण फ्राइज

(iii) फ्रीशियन साहीवाल ।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्त 

प्रश्न 1. अनाज, दाल, फल तथा सब्जियों से हमें क्या प्राप्त होता है ?
उत्तर- अनाज- कार्बोहाइड्रेट प्रदान करते हैं। यह ऊर्जा प्रदान करते हैं।

दालें- प्रोटीन प्रदान करते हैं।

फल व सब्जियाँ- विटामिन तथा खनिज प्रदान करते हैं।

प्रश्न 2. जैविक व अजैविक कारक किस प्रकार फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं ?
उत्तर - जैविक कारक जैसे रोग, कीट तथा निमेटोड तथा अजैविक कारक जैसे सूखा, क्षारता, जलाक्रान्ति, गरमी, ठंड या पाला के कारण फसल उत्पादन कम हो सकता है। कभी पूरी की पूरी फसल ही नष्ट हो जाती है।

प्रश्न 3. फसल सुधार के लिए ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण क्या हैं ?
उत्तर - एच्छिक सस्य विज्ञान गुण वाली किस्में अधिक उत्पादन प्राप्त करने में सहायक होती हैं। उदाहरण के लिए चारे वाली फसलों के लिए सघन शाखाएँ एच्छिक गुण । अनाज के लिए बोने पौधे उपयुक्त हैं जिससे फसलों के लिए कम पोषकों की आवश्यकता हो ।

प्रश्न 4. वृहत् पोषक क्या हैं और इन्हें वृहत् पोषक क्यों कहते हैं ?
उत्तर- वे तत्व जो पौधों की वृद्धि के लिए अत्यन्त आवश्यक होते हैं उन्हें वृहत् पोषक तत्व कहते हैं। ये पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में आवश्यक होते हैं अतः इन्हें वृहत् पोषक तत्व कहते हैं ।

प्रश्न 5. पौधे अपना पोषक कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर - पौधे पोषक तत्वों को खाद तथा उर्वरकों से प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 6. मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने के लिए खाद तथा उर्वरक के उपयोग की तुलना करें।
उत्तर- यदि हम खेत में केवल खाद डालते हैं, तो खेत की उर्वरा शक्ति धीरे-धीरे बढ़ती है लेकिन तुरन्त असर नहीं होता। लेकिन उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक बनी रहती है। यदि केवल उर्वरकों का ही प्रयोग किया जाता है तो फसल का उत्पादन अधिक होगा क्योंकि उर्वरक तुरन्त ही पोषक तत्व प्रदान कर देते हैं। लेकिन उर्वरा शक्ति लम्बे समय तक नहीं बनी रहती है।

प्रश्न 7. फसल की सुरक्षा के लिए निरोधक विधियाँ तथा जैव नियंत्रण क्यों अच्छा समझा जाता है ?
उत्तर- फसलों की सुरक्षा के लिए बचाव की विधियों तथा जैविक विधियों का प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये न तो फसलों को न ही वातावरण को हानि पहुँचाती हैं। पीड़कनाशी व अन्य रासायनिक पदार्थ फसलों को हानि पहुँचाते हैं तथा वातावरण को प्रदूषित करते हैं।

प्रश्न 8. भंडारण में अनाज की क्षति किन कारणों से होती है ? अथवा, भंडारण की प्रक्रिया में कौन से कारक अनाज की हानि के लिए उत्तरदायी है ?
उत्तर- भंडारित दानों के हास के लिए जैविक तथा अजैविक कारक उत्तरदायी हैं-
(i) जैविक कारक कवक, चूहा, कीट, साइटस तथा जीवाणु जैविक कारक हैं।

(ii) अजैविक कारक- ताप तथा नमी अजैविक कारक हैं।

प्रश्न 9. कुक्कुट पालन क्या है ?
उत्तर- कुक्कुट पालन - मुर्गियों से अंडे तथा मांस प्राप्त होते हैं। मुर्गीपालन में बत्तखें, गीज, टर्की, कबूतर, गिनी फाउल आदि सम्मिलित होते हैं। कुक्कुट पालन प्रायः घरेलू फाउल, अंडा उत्पादन एवं चिकन मीट हेतु किया जाता है । कुक्कुट की उच्च नस्लें तैयार की जाती हैं।

प्रश्न 10. पशुओं की नस्ल सुधार के लिए प्रायः कौन-सी विधि का उपयोग किया जाता है और क्यों ?
उत्तर- पशुओं की नस्ल सुधारने के लिए कृत्रिम वीर्यसेचन अच्छी विधि मानी जाती है। क्योंकि वह उत्तम है, सस्ती है, तथा एक बार के वीर्य से 3000 मादाओं को निषेचित कर सकते हैं। यह विधि अधिक विश्वसनीय है ।

प्रश्न 11. पशुपालन तथा कुक्कुट पालन के प्रबंधन प्रणाली में क्या समानता है ?
उत्तर- दोनों के पालन के लिए निम्न बातें आवश्यक हैं-
(i) उचित आवास व्यवस्था,

(ii) उचित प्रकाश की व्यवस्था,

(iii) उचित पोषण व्यवस्था,

(iv) समय पर टीकाकरण,

(v) विकसित नस्लों का उपयोग,

(vi) सफाई तथा स्वच्छता का प्रबन्ध।

प्रश्न 12. ब्रौलर तथा अंडे देने वाली लेयर में क्या अंतर है । इनके प्रबंधन के अंतर को भी स्पष्ट करें।
उत्तर- लेयर को अधिक स्थान की जरूरत है जबकि ब्रौलर को कम स्थान चाहिए । लेयर का भोजन विटामिन तथा खनिजों से भरपूर होना चाहिए, जबकि ब्रौलर का भोजन प्रोटीन तथा वसा से भरपूर होना चाहिए ।

प्रश्न 13. मछलियाँ कैसे प्राप्त करते हैं ?
उत्तर - मछलियाँ पानी से प्राप्त की जाती हैं। ये दोनों प्रकार के पानी अर्थात् समुद्री तथा अलवण जल दोनों में पायी जाती हैं।

प्रश्न 14. मिश्रित मछली संवर्धन क्या है ?
उत्तर- मिश्रित मछली संवर्धन- इसमें मछली की 5 या 6 जातियों को एक साथ पालते हैं। इनके खाद्य स्वभाव भी अलग-अलग होते हैं। अतः ये खाद्य हेतु प्रतिस्पर्धा नहीं करती हैं। तालाब में अलग-अलग भाग होते हैं। तालाब की स्थिति, जल संसाधन तथा भूमि के लक्षण महत्त्वपूर्ण होते हैं।

प्रश्न 15. मिश्रित मछली संवर्धन से क्या लाभ हैं ?
उत्तर- (i) इन मछलियों की खाद्य आदत अलग-अलग होती है,

(ii) ये मछलियाँ एक दूसरे से किसी भी रूप में स्पर्धा नहीं करती,

(iii) स्रोत के समस्त भागों का भोजन मछलियों द्वारा उपयोग में आ जाता है,

(iv) विभिन्न प्रकार की मछलियाँ एक ही स्रोत में पाली जा सकती हैं।

प्रश्न 16. मधुमक्खी पालन क्या है ?
उत्तर- आर्थिक लाभ के लिए मधुविषयों का पालन पोषण तथा प्रबंधन मधुमक्खी पालन कहलाता है। इस उद्योग में पूँजी निवेश कम होता है, इसलिए किसान इसे धनार्जन का अतिरिक्त साधन मानते हैं। शहद के अतिरिक्त मधुमक्खी के छत्ते मोम के बहुत अच्छे स्रोत हैं। व्यावसायिक स्तर पर मधु उत्पादन के लिए देशी किस्म की मक्खी ऐपिस सेरना इंडिका, ऐपिस डोरसेटा तथा ऐपिस फ्लोरी का प्रयोग करते हैं। एक इटली मक्खी का प्रयोग मधु के उत्पादन को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 17. मधु उत्पादन के लिए प्रयुक्त मधुमक्खी में कौन-से ऐच्छिक गुण होने चाहिए ?
उत्तर- (i) शहद एकत्र करने की अच्छी आदत,

(ii) शत्रुओं से बचाव की क्षमता,

(iii) रानी की अच्छी अंडे उत्पादन की क्षमता,

(iv) प्रकृति में सज्जनता ।

प्रश्न 18. चरागाह क्या है और ये मधु उत्पादन से कैसे संबंधित है ?
उत्तर- पाश्चुरेज या फ्लोरा उस फसल या पौधे को कहते हैं जिसके मधु व पराग से मधुमक्खी शहद इकट्ठा करती है। यह शहद के गुण तथा मात्रा को प्रभावित करता है क्योंकि अलग-अलग फ्लोरा अलग-अलग प्रकार का शहद उत्पन्न करते हैं। जैसे कश्मीर के बादाम का शहद स्वादिष्ट होता है।

प्रश्न 19. फसल उत्पादन की एक विधि का वर्णन करें जिससे अधिक पैदावार प्राप्त हो सके।
उत्तर- पैदावार लेने के लिए फसल उगाना फसल उत्पादन कहलाता है। संकरण का अर्थ है दो आनुवंशिक दृष्टि से भिन्न पौधों में क्रासिंग अर्थात् परागण कराना जिससे उच्च उपजी किस्म प्राप्त हो सके ।

प्रश्न 20. खेतों में खाद तथा उर्वरक का उपयोग क्यों करते हैं ?
उत्तर- खाद तथा उर्वरकों का उपयोग मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके।

प्रश्न 21. अंतरा फसलीकरण तथा फसल चक्र से क्या लाभ हैं ?
उत्तर- अंतरा फसली के लाभ-
(i) इससे प्रति इकाई क्षेत्रफल पर पैदावार अधिक होती है।

(ii) इससे उर्वरकों के प्रयोग में सुविधा होती है।

(iii) पीड़क प्रबंधक का लाभ मिलता है।

फसल चक्र के लाभ-
(i) मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है।

(ii) उर्वरक की आवश्यकता कम होती है।

(iii) मिट्टी की संरचना सुधरती है।

(iv) कीट-पतंगों और बीमारियों के नियंत्रण में सहायता मिलती है।

प्रश्न 22. आनुवंशिक फेरबदल क्या हैं ? कृषि प्रणालियों में ये कैसे उपयोगी हैं ?
उत्तर - आनुवंशिक परिवर्तन का अर्थ है वांछित गुणों की संकरण, DNA पुनः मिलन तथा पौलीप्लोइडी द्वारा वृद्धि । इसके द्वारा कृषि में वांछित गुणों वाली किस्में उत्पन्न करना, उगाना तथा उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

प्रश्न 23. भंडार गृहों (गोदामों) में अनाज की हानि कैसे होती है ?
उत्तर- भंडारित अनाज को जैविक तथा अजैविक कारक जैसे तापक्रम व नमी निम्न प्रकार से खराब करते हैं-
(i) गुणों को कम करना,

(ii) वजन में कमी,

(iii) अंकुरण क्षमता कम होना,

(iv) बाजार में कम मांग आदि ।

प्रश्न 24. किसानों के लिए पशु पालन प्रणालियाँ कैसे लाभदायक हैं ?
उत्तर- अच्छी पशुपालन निम्न प्रकार लाभदायक हैं-
(i) खर्चा कम करता है,

(ii) उत्पादन क्षमता बढ़ाता है,

(iii) अच्छी प्रजनन क्षमता का विकास होता है।

प्रश्न 25. पशुपालन क्या है ?
उत्तर - विज्ञान की वह शाखा जो मनुष्योपयोगी जंतुओं के पालन-पोषण, स्वास्थ्य, संतानोत्पत्ति एवं नश्ल सुधार का ज्ञान कराता है, पशुपालन कहलाता है।

प्रश्न 26. पशुपालन के क्या लाभ हैं ?
उत्तर- पशुपालन से निम्नांकित लाभ हैं-
(i) पशुपालन में पशुओं की सुव्यवस्थित और सुनियोजित देखभाल की जाती है जिससे पशुओं की प्रजातियों में वृद्धि होती है।

(ii) पशुपालन करके पशुओं की उन्नत नस्लों को विभिन्न विधियों द्वारा बढ़ाया जाता है।

(iii) इससे भोजन के स्रोत में वृद्धि होती है क्योंकि पशु हमारे भोजन का एक बड़ा भाग हैं।

(iv) पशुपालन से अंडे दूध आदि के उत्पादन में वृद्धि होती हैं।

प्रश्न 27. उत्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में क्या समानताएँ हैं ?
उत्तर - विकसित नस्ल का चुनाव तीनों में एक समान है।

प्रश्न 28. स्थूल तथा सूक्ष्म पोषक तत्त्व क्या होते हैं ?
उत्तर- स्थूल पोषक तत्त्व- ऐसे पोषक तत्त्व जिनकी पौधों को अधिक मात्रा में आवश्यकता होती है, उन्हें स्थूल पोषक तत्त्व कहते हैं। उदाहरण- कार्बन, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फर ।

सूक्ष्म पोषक तत्त्व- ऐसे पोषक तत्त्व जिनकी पौधों को कम मात्रा में आवश्यकता होती है, उन्हें सूक्ष्म पोषक तत्त्व कहते हैं। उदाहरण- आयरन, मैंगनीज, कॉपर, जिंक, बोरॉन, मोलिब्डिनम, क्लोरीन आदि सूक्ष्म पोषक तत्त्व हैं।

पादप तन्त्र में इनके कार्यों के अनुसार इनका वर्गीकरण-
(i) जीव द्रव्य के भाग के रूप में-
(a) नाइट्रोजन, फॉस्फोरस तथा सल्फर प्रोटीन में उपस्थित होते हैं ।

(b) कैल्शियम कोशिका भित्ति में उपस्थित होता है ।

(c) मैग्नीशियम क्लोरोफिल का मुख्य भाग है ।

(ii) कोशिका द्रव्य का pH पर प्रभाव - ये कोशिका की हाइड्रोजन आयन की सान्द्रता पर प्रभाव डालते हैं ।

(iii) जैव रासायनिक प्रभाव - आयरन तथा ताँबा पौधे की ऑक्सीकरण अपचयन क्रियाओं में सहायक हैं।

प्रश्न 29. प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में क्या अंतर है ?
उत्तर-
प्रग्रहण मत्स्यन
प्राकृतिक स्रोतों से मछलियों के पकड़ने को प्रग्रहण मत्स्यन कहते हैं ।
जैसे- नदी या समुद्र से।

मेरी कल्चर
समुद्री जीवों जैसे पंखयुक्त मछलियाँ (जैसे - मुलेट), प्रॉन, मस्सल, ऑएस्टर और समुद्री खरपतवार का
समुद्री जल में संवर्धन को मेरी कल्चर कहते है ।

जल संवर्धन
मछली तथा जलीय भोजन का उत्पादन किसी स्रोत (जैसे- लैगून) में करना जल संवर्धन कहलाता है ।

प्रश्न 30. उर्वरक क्या है ?
उत्तर- उर्वरक वे रासायनिक पदार्थ हैं जिनमें पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते है अर्थात् जो मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाएँ रखते हैं तथा उसमें वृद्धि करते हैं।

प्रश्न 31. खाद की परिभाषा दें ।
उत्तर- खाद एक प्राकृतिक पदार्थ है जो मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाएँ रखने तथा उसमें वृद्धि करने में उपयोगी है। यह मुख्यतः कार्बनिक पदार्थ है ।

प्रश्न 32. खाद प्रयोग करने से क्या लाभ हैं ?
उत्तर- खाद प्रयोग करने से निम्नांकित लाभ हैं-
(i) कार्बनिक खादें मृदा की नमी को संरक्षित करने में सहायक होती है।

(ii) मिट्टी में अपघटन के द्वारा कार्बनिक खाद ह्यूमस में परिवर्तित हो जाती है।

(iii) खादों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण कम होता है।

(iv) खाद में मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ जाती है।

(v) पौधों को वृद्धि के लिए आवश्यक पोषक तत्त्व प्राप्त होते हैं ।

प्रश्न 33. खाद क्या है ? यह कृषि के लिए किस प्रकार लाभदायक है ?
उत्तर- खाद एक प्राकृतिक पदार्थ है जो मृदा की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने तथा उसमें वृद्धि करने में उपयोगी है। यह मुख्यतः कार्बनिक पदार्थ है । खाद का उपयोग मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता है जिससे अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके । खाद में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा अधिक होती है तथा यह मिट्टी को अल्प मात्रा में पोषक प्रदान करती है। खाद मिट्टी को पोषकों तथा कार्बनिक पदार्थों से परिपूर्ण करती है और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाती है। खाद में कार्बनिक पदार्थों की अधिक मात्रा में मिट्टी की संरचना में सुधार करती है। इसके कारण रेतीली मिट्टी में पानी को रखने की क्षमता बढ़ जाती है। इस तरह कृषि कार्य के लिए खाद लाभदायक है ।

प्रश्न 34. उर्वरक तथा खाद में अंतर बताएँ ।
उत्तर- उर्वरक तथा खाद में अंतर-
उर्वरक
(a) ये कृत्रिम रूप में बनाए गए अकार्बनिक पदार्थ है ।

(b) ये मृदा में किसी विशेष तत्व की आपूर्ति करते हैं।

(c) ये सान्द्रित रूप में होते हैं।

(d) इसका अधिक प्रयोग हानिकारक होता है।

(e) इसका स्थानान्तरण आसान होता है।

खाद
(a) ये प्राकृतिक पदार्थों से प्राप्त होने वाला कार्बनिक पदार्थ हैं।

(b) ये मृदा सभी तत्वों की आपूर्ति करते हैं।

(c) ये सान्द्रित रूप में नहीं होते हैं ।

(d) इसका अधिक प्रयोग हानिकारक नहीं होता है।

(e) इसका स्थानान्तरण कठिन होता है।

प्रश्न 35. फसलों पर कीट और रोगों की रोकथाम के उपाय बताएँ ।
उत्तर- फसलों पर कीट और रोगों की रोकथाम के निम्नांकित उपाय हैं-
(i) फसल की जड़ों को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों एवं जन्तुओं पर नियंत्रण हेतु क्लोरोफाइरीफॉस जैसे कीटनाशकों को मिट्टी के साथ मिला देना चाहिए ।

(ii) मालाथियॉन, सिंडेन एवं थियोडेन जैसे कीटनाशकों के छिड़काव द्वारा तना एवं पत्तों को काट एवं छेदकर नुकसान पहुँचाने वाले कीटो एवं जन्तुओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

(iii) डाइमेथोएट एवं मेटासिस्टॉक्ल जैसी कीटनाशकों के छिड़काव द्वारा कोशारस चूसने वाले कीटों एवं जन्तुओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

(iv) बीजों एवं मिट्टी के माध्यम से उत्पन्न होने वाले सभी रोगों पर नियंत्रण हेतु बीज एवं मिट्टी में उपयुक्त कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए ।

प्रश्न 36. खाद्य उत्पाद प्राप्त करने हेतु पशुपालन में आवश्यक पद्धतियों को क्रमबद्ध करें ।
उत्तर-खाद्य उत्पाद प्राप्त करने हेतु पशुपालन में आवश्यक पद्धतियाँ निम्न है-
(i) भरण-पोषण (आहार एवं जल व्यवस्था)।

(ii) आवास व्यवस्था।

(iii) रोगों से सुरक्षा।

(iv) उनकी आवश्यकताओं पर ध्यान देना।

प्रश्न 37. फसलों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाशियम प्रदान करने वाले दो-दो उर्वरकों के नाम बताएँ ।
उत्तर- (i) नाइट्रोजन प्रदान करने वाले उर्वरक - यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट ।

(ii) फॉस्फोरस प्रदान करने वाले उर्वरक - सुपरफास्फेट, डाइकैल्शियम फास्फेट ।

प्रश्न 38 पौधों के पोषक तत्त्वों के विभिन्न स्रोतों की व्याख्या करें।
उत्तर- वायु, जल तथा मिट्टी से पौधों के विभिन्न पोषक तत्त्व प्राप्त होते हैं । इनके स्रोत इस प्रकार हैं-
(i) वायु- कार्बन तथा ऑक्सीजन ।

(ii) जल - हाइड्रोजन ।

(iii) मिट्टी - नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, गंधक, लौह, मैग्नीज, बोरॉन, जस्ता, ताँबा, मालिब्डिनम और क्लोरीन ।

प्रश्न 39. भारत में कौन-कौन सी सिंचाई प्रणालियाँ अपनाई जाती हैं ?
उत्तर- भारतवर्ष में अपनाई जाने वाली विभिन्न सिंचाई प्रणालियाँ निम्नांकित है-
(i) नहर प्रणाली,

(ii) तालाब,

(iii) कुएँ तथा ट्यूबवेल,

(iv) नदी घाटी प्रणाली,

(v) नदी जल बहाव प्रणाली ।

प्रश्न 40. फसलों पर रोग किस प्रकार फैलते हैं ?
उत्तर- फसलों पर रोग निम्नांकित ढंगों द्वारा फैलते हैं-
(i) बीजों द्वारा - ये तना तथा मूल पर आक्रमण से होता है।

(ii) मिट्टी द्वारा - ये तना तथा जड़ पर आक्रमण से होता है ।

(iii) जड़ द्वारा- ये पौधे के तने तथा जड़ पर आक्रमण से होता है।

(iv) वायु द्वारा- यह पत्ती, पुष्प तथा फसलों पर आक्रमण द्वारा होता है।

प्रश्न 41. पीड़ककीट फसलों पर किस प्रकार प्रकोप करते हैं ?
उत्तर - पीड़ककीट फसलों पर निम्नांकित प्रकार से प्रकोप करते हैं-
(i) ये फसलों की जड़ तना तथा पत्ती को काटते हैं।

(ii) ये फसलों की जड़ तथा तने में छेद करते हैं।

(iii) ये पौधों से उनका रस चूसते हैं।

प्रश्न 42. खरपतवार की परिभाषा दें । खरपतवार फसलों को कैसे हानि पहुँचाते हैं लिखें ?
उत्तर - मुख्य फसलों के बीच स्वयं उगने वाले अवांछित पौधों को खरपतवार कहते हैं ।
उदाहरण- जंगली जई, घास, चौलाई, हिरन खुरी आदि मुख्य खरपतवार हैं।
खरपतवार प्रकाश, जल, भूमि के लिए फसलों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं । फसलों पौधों को ठीक मात्रा में ये सभी वस्तुएँ नहीं मिलतीं इसलिए उनकी उपजाऊ शक्ति का हास होता है। ये संकरी तथा चौड़ी पत्ती वाले होते हैं ।

प्रश्न 43. खरपतवार नियन्त्रण के विभिन्न उपायों की सूची बनाएँ ।
उत्तर- खरपतवार नियन्त्रण के विभिन्न उपाय निम्नांकित हैं-
(i) हाथों द्वारा - खरपतवार को हाथों द्वारा निकाल कर उखाड़ दिया जाता है।

(ii) खुरपी द्वारा - इनको खुरपे द्वारा या पल्टे द्वारा निकाला जाता हैं । कुछ खरपतवार तो हल चलाते समय ही नष्ट हो जाते हैं। इनको जड़ सहित ही निकालना चाहिए ।

(iii) खरपतवार नाशकों द्वारा - आजकल इनको नष्ट करने के लिए खरपतवार नाशकों का छिड़काव किया जाता है। आइसोप्रोटरोन, ऐटेजीन तथा 2-4- डी० मुख्य खरपतवार - नाशक हैं ।

प्रश्न 44. हरी खाद क्या होती है ? हरी खाद के लिए उपयुक्त फसलों के नाम बताएँ ।
उत्तर- हरी घास- फसलों को उगाकर उन्हें फूल आने से पूर्व ही हरी अवस्था में खेत में जोतकर सड़ा देने को हरी खाद कहते हैं। यह भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है। हरी खाद के लिए दलहनी फसलें अधिक उपयोगी हैं। दलहनी फसलों की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण जीवाणु होते हैं जो भूमि में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते हैं।

प्रश्न 45 खरीफ और रबी मौसम के दो-दो खरपतवारों के नाम बताएँ। इनकी रोकथाम किस प्रकार की जा सकती है ?
उत्तर- रबी की फसलों के खरपतवार - जंगली जई, मन्दूनी, बथुआ तथा हिरन खुरी रबी की फसलों के खरपतवार हैं।

खरीफ की फसलों के खरपतवार - मौथा, जंगली घास, चौलाई तथा ट्राइएन्थेमा खरीफ की फसलों के खरपतवार हैं।

खरपतवार पर नियंत्रण- इनके ऊपर नियंत्रण पाने के लिए इनको हाथों द्वारा उखाड़ कर फेंका जाता है। इनकी खुरपी द्वारा भी उखाड़ दिया जाता है। इनके नियंत्रण के लिए खरपतवार नाशकों का भी प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 46. गन्ना और सरसों में प्रत्येक के दो कीटों के नाम और उनकी रोकथाम के उपाय लिखें।
उत्तर- (i) गन्ना कीट पीड़क-
(a) गन्ने का तना बेधक,

(b) पायरिला ।

नियंत्रण के उपाय - इसके नियंत्रण के लिए बीजों को बोने से पहले एगोलोल के विलयन में डुबोना चाहिए।

(ii) सरसों कीट पीड़क-
(a) माहू,

(b) चित्तीदार कीट ।

नियंत्रण के उपाय - इसके नियंत्रण के लिए मैटासिस्टाक्स का छिड़काव करना चाहिए ।

प्रश्न 47. मिश्रित फसली के कोई दो लाभ लिखें।
उत्तर - मिश्रित फसली के कोई दो लाभ निम्नांकित हैं-
(i) दो या तीन फसलों के एक साथ उगाने से व्यय कम होता है।

(ii) फसलों के भिन्न-भिन्न समय पर पकने के कारण किसान को अपना कार्य स्वयं करने में आसानी होती है।

(iii) भूमि में पाए जाने वाले पोषक तत्त्वों का उपयोग ठीक प्रकार से होता है।

(iv) फसलों की जड़ें मिट्टी को ऊपर तक बांध कर रखती है। इसलिए इससे भूमि अपरदन नहीं होती है।

प्रश्न 48. मिश्रित खेती का क्या लाभ है ?
उत्तर - मिश्रित खेती में खेती के साथ-साथ पशुपालन भी किया जाता है। इसमें किसानों को अधिक आय होती है। इससे किसान को सारे वर्ष कार्य भी मिलता रहता है। अनाज की खेती से निकलने वाला भूसा पशुओं के काम आता है।

प्रश्न 49. अंतर्फसली की परिभाषा लिखें ।
उत्तर - अंतर्फसली - किन्हीं दो फसलों को निश्चित ढंग से पंक्तियों में उगाने की विधि को अंतर्फसली कहते हैं। इनका उद्देश्य उत्पादन को बढ़ाना तथा समय की बचत करना है ।

प्रश्न 50. फसल चक्र क्या है ? इसे क्यों अपनाना चाहिए ?
उत्तर- फसल चक्र एक ही खेत में प्रतिवर्ष अनाज तथा फलीदार पौधों को अदल-बदल कर एक के बाद एक फसल को उगाने की विधि को फसल चक्र कहते हैं ।

हमें फसल चक्र को निम्नांकित कारणों से अपनाना चाहिए-
(i) खेत में एक ही फसल बार-बार उगाने से मिट्टी की उर्वरता शक्ति कम हो जाती है। इसे बनाए रखने के लिए फसलों को अदल बदल कर बोना चाहिए ।

(ii) फसल चक्र से उत्पादन बढ़ जाता है ।

(iii) फसल चक्र पौधों की बीमारियों को नियंत्रित करता है ।

प्रश्न 51. किस्मों में सुधार की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर - किस्मों में सुधार की आवश्यकता निम्नांकित कारणों से हैं-
(i) अच्छी उपज लेने के लिए ।

(ii) जैविक तथा अजैविक रोधता के लिए ।

(iii) अच्छी गुणवत्ता के लिए ।

प्रश्न 52. किस्मों में सुधार लाने की क्या आवश्यकता है ? किस्मों में सुधार के उद्देश्यों का विवरण दें।
उत्तर- किस्म सुधार- यह देश में पौधों की नई जातियों के प्रवेश द्वारा होता है। यह वरण तथा संकरण द्वारा किया जाता है ।
किस्म सुधार के सामान्य उद्देश्य निम्नांकित हैं-
(i) उच्च उत्पादन ।

(ii) जैव तथा अजैविक प्रतिरोधता ।

(iii) उन्नत किस्में ।

(iv) प्रकाश तथा ताप असुग्राहिता ।

(v) परिपक्वन काल में परिवर्तन ।

(vi) व्यापक अनुकूलनता ।

(vii) ऐच्छिक सस्य विज्ञान।

प्रश्न 53. टिकाऊ कृषि की परिभाषा बताएँ । टिकाऊ कृषि की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर- टिकाऊ कृषि - कृषि के लिए सम्पदा का उचित तथा सफल प्रबंधन करना ताकि मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके, उसे टिकाऊ कृषि कहते हैं।

टिकाऊ कृषि की आवश्यकता-
(i) प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए ।

(ii) वातावरण के संरक्षण के लिए ।

(iii) पीने का साफ जल प्राप्त करने के लिए।

(iv) खाने के लिए उचित तथा संतुलित भोजन प्राप्त करने के लिए ।

प्रश्न 54. खेती क्या है ? उपयुक्त उदाहरणों सहित व्याख्या करें ।
उत्तर- खेती - पौधों तथा जंतुओं द्वारा सौर ऊर्जा से उत्पादन प्राप्त करने की विधि को खेती कहते हैं। जैसे-
(i) डेयरी फार्मिग - इसमें दूध के लिए पशुओं को पाला जाता है।

(ii) पोल्टरी फार्मिग- इसमें अण्डों के लिए मुर्गियों को पाला जाता है ।

(iii) सूअर पालना- इसमें मांस के लिए सूअरों को पाला जाता है।

(iv) मत्स्यकी - इसमें भोजन के लिए मछलियों को पाला जाता है।

प्रश्न 55. मिश्रित खेती क्या है ? मिश्रित खेती को कौन से कारक प्रभावित करते हैं ?
उत्तरमिश्रित खेती— जब फसलों की खेती के साथ-साथ पशुपालन का धन्धा भी किया जाता है तो इसे मिश्रित खेती कहते हैं ।

मिश्रित खेती को प्रभावित करने वाले कारक-
(i) मृदा की गुणवता तथा मवेशी ।

(ii) जल की मात्रा की उपलब्धता ।

(iii) मिश्रित खेती के लिए उपलब्ध प्रौद्योगिकी।

(iv) आर्थिक महत्व।

प्रश्न 56. मिश्रित खेती कृषि उत्पादन में टिकाऊपन कैसे ला सकती है ? उपयुक्त उदाहरण देकर लिखें ।
उत्तर - मिश्रित खेती निम्नांकित ढंगों से कृषि उत्पादन में टिकाऊपन ला सकती है-
(i) इसमें एक धन्धे का अपशिष्ट दूसरे धन्धे का काम आता है तथा इस प्रकार खर्चा बहुत कम होता है ।

(ii) सब्जी की खेती के साथ सूअर पालन का व्यवसाय करने पर गली-सड़ी सब्जियों का उपयोग सूअरों के खाने के रूप में किया जा सकता है।

(iii) इसमें एक धन्धे से हानि होने की अवस्था में दूसरे से काम चल जाता है।

(iv) इसमें पुरे वर्ष आय होती रहती है।

प्रश्न 57. "दूध एक प्रचुर पोषक आहार है इस कथन की पुष्टि करें।
उत्तर- दूध में सभी पोषक तत्त्व वसा, प्रोटीन, शर्करा, जल तथा खनिज होते हैं। इनमें बहुत-से विटामिन भी होते हैं। गाय के दूध में 4% प्रोटीन, 3.60% वसा, 4.50% शर्करा, 0.70% खनिज तथा 87.20% जल होता है। इसमें विटामिन B1, B2, A और D भी होता है। इसलिए इसे प्रचुर पोषक आहार कहते हैं।

प्रश्न 58. गाय, मुर्गी तथा मछलियों के दो-दो संक्रामक रोगों के नाम लिखें।
उत्तर- गाय, मुर्गी तथा मछली के संक्रमक रोग-
जंतु                             संक्रामक रोग
(i) गाय                        (a) एन्थ्रैक्स,
                                  (b) मुँह और खुर के रोग

(ii) पोल्ट्री (मुर्गी)           (a) फाउल पॉक्स,
                                   (b) एस्परजीलोसिस

(iii) मछली                   (a) इंफेक्सीयस पैंक्रियाटिक नेक्रासिस (IPN),
                                  (b) वायरल हीमोरेजिक सेप्टीसेमिया (VHS ).

प्रश्न 59. पशुओं में संकरण किस प्रकार उपयोगी हैं ?
उत्तर- (i) इनमें पशुओं में दूध देने की मात्रा में वृद्धि होती है।

(ii) इनसे पशुओं के दूध देने के काल में वृद्धि होती है।

(iii) क्रास संकरण से उत्पन्न होने वाले पशु अधिक चुस्त तथा फुर्तीले होते है।

प्रश्न 60. कृत्रिम वीर्यसेचन (Artificial Insemination) की परिभाषा लिखें।
उत्तर- कृत्रिम वीर्यसेचन- यह पशु प्रजनन की वह प्रक्रिया है जिसमें वांछनीय गुणों वाले नर पशु का वीर्य एक सिरिंज में भरकर किसी अन्य वांछनीय गुणों वाली मादा पशु के गर्भाशय में डाल दिया जाता है ताकि मादा पशु गर्भधारण करके एक उन्नत नस्ल के पशु को जन्म दे जिसमें दोनों नस्लों के सभी वांछनीय
विद्यमान हों।

प्रश्न 61. दो प्रकार की भारतीय मछलियों के नाम लिखें।
उत्तर- (i) समुद्री मछली- प्रोस्फेट तथा जालमन ।

(ii) मृदु जल मछली- रेहू तथा कतला ।

प्रश्न 62. मछलियों के अतिरिक्त अन्य समुद्री खाद्य के नाम लिखें।
उत्तर- लोबस्टर, कॅकड़े, थिरपस, आयस्टर तथा झींगा मछली कुछ मुख्य समुद्रीय भोजन है।

प्रश्न 63. भेड़ तथा बकरियाँ हमारे लिए कैसे उपयोगी हैं ?
उत्तर- (i) बकरियों से हमें दूध, मांस, चमड़ा तथा बाल मिलते हैं। बकरी का दूध गाय के दूध से अधिक पोषक होता है परन्तु यह कम मात्रा में उपलब्ध होता है।

(ii) भेड़ों से हमें ऊन, चमड़ा तथा मांस मिलता है।

प्रश्न 64. दूध, अंडे तथा मछलियों में पाई जाने वाली प्रोटीन का प्रतिशत बताएँ ।
उत्तर - दूध, अंडे तथा मछली में प्रोटीन की प्रतिशत मात्रा -
भोजन स्रोत          प्रोटीन की प्रतिशत मात्रा
(i) दूध                    4.00%

(ii) अंडे                  13.00%

(iii) मछली             19.00%

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