JAC Board Jharkhand Class 10th Science Biology Solutions chapter -6- हमारा पर्यावरण

JAC Board Jharkhand Class 10th Science Biology Solutions chapter -6- हमारा पर्यावरण

हमारा पर्यावरण

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है ?
(a) 5 मई, 

(b) 6 अप्रैल, 

(c) 5 जून,

(d) 11 जुलाई । 
उत्तर-(c)

प्रश्न 2. तापमान, वर्षा, पवन आदि पर्यावरण के-
(a) जैविक कारक हैं।

(b) भौतिक कारक हैं।

(c) मृदीय कारक हैं।

(d) कारक नहीं हैं।
उत्तर-(b)

प्रश्न 3. निम्न में कौन - सा मानव निर्मित पारितंत्र है ?
(a) नदी, 

(b) फसली क्षेत्र, 

(c) वन,

(d) महासागर ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 4. निम्न में कौन-सा प्राकृतिक पारितंत्र है ? 
(a) नदी, 

(b) खेत, 

(c) बगीचा, 

(d) इनमें कोई नहीं। 
उत्तर-(a)

प्रश्न 5. ऐसे पदार्थ जो जैविक प्रक्रमों द्वारा सरल अणुओं में तोड़े जा सकते हैं, कहलाते हैं-- 
(a) जैव निम्नीकरणीय, 

(b) अजैव निम्नीकरणीय, 

(c) निम्नीकरणीय, 

(d) इनमें कोई नहीं । 
उत्तर-(a)

प्रश्न 6. ओजोन परत को सर्वाधिक हानि पहुँचाने वाला पदार्थ है-
(a) कार्बन डाइऑक्साइड,

(b) धूल,

(c) परऑक्सीएसिटाइल नाइट्रेट, 

(d) क्लोरोफ्लुरो कार्बन ।
उत्तर-(d)

प्रश्न 7. एक-दूसरे पर निर्भर आहार श्रृंखलाओं का कोई निकाय किसका निरुपण करता है ?
(a) आहार-जाल, 

(b) पोषी स्तर, 

(c) पारितंत्र,

(d) समुदाय |
उत्तर-(a)

प्रश्न 8. ग्लोबल वार्मिंग के लिए उत्तरदायी गैस है-
(a) O₂, 

(b) NH₃, 

(c) CO₂, 

(d) N₂. 
उत्तर-(c)

प्रश्न 9. निम्नांकित में से कौन-सा पदार्थ जैव अनिम्नीकरणीय है ?
(a) कागज, 

(b) चमड़ा, 

(c) सूती कपड़ा, 

(d) अपमार्जक | 
उत्तर-(d)

प्रश्न 10. किस समूह में अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ हैं ?
(a) घास, पुष्प, चमड़ा,

(b) घास, लकड़ी, प्लास्टिक,

(c) फलों के छिलकों, केक, नींबू का रस,

(d) केक, लकड़ी घास ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 11. निम्न में से कौन आहार श्रृंखला का निर्माण करते हैं ? 
(a) घास, गेहूँ, आम, 

(b) घास, बकरी, मानव, 

(c) बकरी, गाय, हाथी, 

(d) घास, मछली, बकरी ।
उत्तर-(b)

प्रश्न 12. यदि नीचे दी गई आहार श्रृंखला से हिरण लुप्त हो जाए तो क्या होगा ? 
घास हिरण → बाघ
(a) बाघों की संख्या बढ़ जाएगी।

(b) घास की मात्रा में कमी हो जाएगी ।

(c) बाघ मर जाएँगे ।

(d) बाघ घास खाना आरम्भ कर देंगे ।
उत्तर-(c)

प्रश्न 13. निम्नांकित में से कौन पर्यावरण मित्र व्यवहार कहलाते हैं ?
(a) कपड़े के थैले का उपयोग ।

(b) बेमतलब पंखे न चलाना ।

(c) स्कूटर पर विद्यालय न जाकर पैदल जाना ।

(d) इनमें सभी ।
उत्तर-(d)

प्रश्न 14. नीचे दिए गए पारितंत्रों पर विचार करें- 
(i) तालाब, 
(ii) वन, 
(iii) जल जीवशाला, 
(iv) फसल के खेत । 

इनमें से प्राकृतिक पारितंत्र है- 
(a) (i), (ii) और (iii), 

(b) (ii), (iii) और (iv), 

(c) केवल (i) और (ii), 

(d) (i), (ii) और (iv). 
उत्तर-(a)

 रिक्त स्थानों की पूर्ति करें- 
प्रश्न 1. उत्पादक______ होते हैं । 
उत्तर- हरे पेड़-पौधे 

प्रश्न 2. पर्यावरण का सबसे अधिक गतिशील एवं परिवर्तनशील भाग_______ ही है। 
उत्तर- वायुमंडल 

प्रश्न 3 ओजोन परत सूर्य की हानिकारक________ किरणों से हमें बचाता है। 
उत्तर-पराबैंगनी 

प्रश्न 4. हरे पौधे ________कहलाते हैं।
उत्तर- उत्पादक 

प्रश्न 5. बगीचा तथा खेत _______पारितंत्र है । 
उत्तर- मानव निर्मित 

प्रश्न 6. ऐसे पदार्थों को _________कहते हैं जो जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित हो जाते हैं। 
उत्तर- जैव निम्नीकरणीय

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्त 

प्रश्न 1. विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है ? 
उत्तर- 5 जून ।

प्रश्न 2. पर्यावरण के मुख्य कारक कौन-कौन से हैं ?
उत्तर- (i) जैविक कारक,

(ii) अजैविक कारक ।

प्रश्न 3. जैविक कारकों के दो उदाहरण दें ।
उत्तर- (i) पौधे,

(ii) जन्तु ।

प्रश्न 4. किन्हीं दो अजैविक कारकों के नाम लिखें।
उत्तर- (i) प्रकाश,

(ii) मृदा ।

प्रश्न 5. ऐसे कुछ पदार्थों के नाम लिखें जो पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। 
उत्तर- सब्जी व फलों के छिलके, दूध के पैकेट, पोलीथीन, कागज तथा दवाइयों के रैपर ।

प्रश्न 6. ऐसे पदार्थों को क्या कहते हैं जो जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित हो जाते है ? 
उत्तर - जैव निम्नीकरणीय ।

प्रश्न 7. किसी मानव-निर्मित पारितंत्र का नाम लिखें।
उत्तर-खेत, बगीचा । 

प्रश्न 8. पारितंत्र के उदाहरण दें
उत्तर- वन, तालाब, समुद्र आदि ।

प्रश्न 9. ऐसे दो पदार्थों के नाम लिखें जिनका अपघटन नहीं होता । 
उत्तर- (i) कोयला,

(ii) प्लास्टिक।

प्रश्न 10. कौन से जीव उत्पादक कहलाते हैं ?
उत्तर - हरे पौधे ।

प्रश्न 11. जीवों की ऐसी श्रेणी को जो एक-दूसरे से भोजन ग्रहण करते हैं क्या कहते हैं ?
उत्तर- खाद्य श्रृंखला।

प्रश्न 12. खाद्य श्रृंखला के चरणों को क्या कहते हैं ?
उत्तर- पोषी स्तर ।

प्रश्न 13. एक खाद्य श्रृंखला का उदाहरण दें।
उत्तर - घास हिरन शेर ।

प्रश्न 14. प्रथम पोषी स्तर को क्या कहते हैं ?
उत्तर- उत्पादक ।

प्रश्न 15. नीलहरित शैवाल किस पोषी स्तर से संबंधित है ?
उत्तर- उत्पादक ।

प्रश्न 16. एक सर्वाहारी जीव का नाम लिखें।
उत्तर- कुत्ता।

प्रश्न 17. बगीचा तथा खेत किस प्रकार के पारितंत्र है ? 
उत्तर- मानव-निर्मित |

प्रश्न 18. क्लोरोफ्लुरोकार्बन (CFC) का उपयोग मुख्यतः किसलिए किया जाता है ? 
उत्तर- रेफ्रिजरेशन और अग्निशमन ।

प्रश्न 19. ओजोन परत के अवक्षय करने वाले यौगिकों का समूह क्या है ?
उत्तर- क्लोरोफ्लुरो कार्बन के यौगिक ।

प्रश्न 20. ओजोन का सूत्र क्या है ?
उत्तर-O

प्रश्न 21. ऐसे दो उपकरण बताएँ जिनमें CFC उपयोग में आते हैं।
उत्तर- (i) रेफ्रिजरेटर में,

(ii) अग्निशमन यंत्रों में ।

प्रश्न 22. वायु में नाइट्रोजन की प्रतिशतता क्या है ?
उत्तर- 78%

प्रश्न 23. UNEP को विस्तार से लिखें ।

उत्तर- United Nations Environment Programme (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रोग्राम)।


लघु उत्तरीय प्रश्नोत्त 

प्रश्न 1. पर्यावरण क्या है ?
उत्तर - चारों तरफ पाये जाने वाले जीव-जन्तु, पेड़-पौधे, निर्जीव पदार्थ तथा वस्तुएँ और प्राकृतिक परिस्थितियाँ जैसे सूर्य का प्रकाश और जलवायु आदि को सम्मिलित रूप से पर्यावरण कहते हैं ।

प्रश्न 2. जैव निम्नीकरणीय एवं जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्टों में क्या अन्तर है ? दोनों प्रकार के पदार्थों का निष्पादन कैसे सम्भव है ?
उत्तर-जैव निम्नीकरणीय वे अपशिष्ट हैं जिनका सूक्ष्म जीवों द्वारा सरल रूपों में अपघटन हो सकता हैं। इसके विपरीत जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थ वे हैं जिनका जैविक अपघटन नहीं हो सकता है ।
कृषि अवशिष्ट जैसा पुआल और गोबर जैव निम्नीकरणीय हैं जबकि प्लास्टिक जैव निम्नीकरणीय नहीं हैं । जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का निष्पादन कम्पोस्ट बनाकर कर सकते हैं। जैव अनिम्नीकरणीय पदार्थों का निष्पादन पुनः उपयोग या पुनः चक्रण द्वारा किया जाता है ।

प्रश्न 3. पर्यावरण में अपशिष्टों की मात्रा बढ़ने से क्या होता है ?
उत्तर- पर्यावरण में अपशिष्टों की मात्रा बढ़ने से निम्न हानिकारक प्रभाव उत्पन्न होते हैं- 
(i) अपशिष्टों के सड़ने - गलने से दुर्गंध उत्पन्न होती है जिससे वायु दूषित हो जाती है।

(ii) अपशिष्टों से विभिन्न प्रकार की बीमारियों के सूक्ष्मजीव बढ़ते तथा फैलाते हैं। जिससे स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है।

(iii) अपशिष्टों के सड़ने-गलने से तरह-तरह के विषैले पदार्थ बनते है जो वर्षा के जल के साथ बहकर जल के स्रोतों में पहुँचते हैं और उस जल को प्रदूषित कर देते है। ये पदार्थ भूमि में प्रवेश करते हैं और भूमिगत जल को भी प्रदूषित कर देते हैं।

प्रश्न 4. ऐसे दो तरीके सुझाएँ जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर- (i) जैव निम्नीकरणीय पदार्थ अपघटित होते समय दुर्गंध एवं हानिकारक गैसें मुक्त करते हैं जिससे सामुदायिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है ।

(ii) जैव निम्नीकरणीय पदार्थों के साथ बीमारियों के सूक्ष्मजीव पलते हैं जो बीमारियाँ फैलाते हैं तथा अन्य स्रोतों को भी संदूषित और संक्रमित करते हैं । 

प्रश्न 5. ऐसे दो तरीके बताएँ जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं। 
उत्तर- (i) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ अपने अनिम्नीकरणीय स्वभाव के कारण निष्पादन की समस्या उत्पन्न करते हैं तथा परिदृश्य को गंदा करते हैं।

(ii) इन पदार्थों से प्रायः अत्यन्त हानिकारक गैसीय प्रदूषक निकलते हैं जो स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त खतरनाक होते हैं।

प्रश्न 6. क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय ?
उत्तर- पदार्थों के निम्नीकरण के लिए विशिष्ट इंजाइमों की आवश्यकता होती है। एक एंजाइम बहुत-से पदार्थों का निम्नीकरण नहीं कर सकता है। विभिन्न प्रकार के सूक्ष्मजीव जैसे जीवाणु और कवक तरह-तरह के एंजाइम स्रावित करते हैं । परन्तु अलग-अलग प्रकार के पदार्थों के निम्नीकरण के लिए अलग-अलग प्रकार के एंजाइम की आवश्यकता होती है। कुछ ऐसे भी पदार्थ है (जैसे- प्लास्टिक) जिनका निम्नीकरण सूक्ष्म जीव नहीं कर पाते हैं । यही कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं जबकि कुछ पदार्थ ऐसे नहीं होते हैं ।

प्रश्न 7. पारितंत्र क्या हैं ? इसके विभिन्न घटकों के नाम तथा उदाहरण लिखें ।
उत्तर-एक आत्मनिर्भर कार्यकारी इकाई जिसमें जैविक तथा अजैविक कारक सम्मिलित होते हैं पारितंत्र कहलाते हैं। सभी पारितंत्र एक-दूसरे से जुड़े तथा संबंधित रहते हैं। इस प्रकार जीवमण्डल सभी पारिस्थितिक तंत्र का एक बड़ा जाल होता है। घटकों के नाम-

(i) जैविक- उदाहरण - पौधे एवं जंतु,

(ii) अजैविक- उदाहरण - मिट्टी एवं वायु ।

प्रश्न 8. पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका है ?
अथवा, पारितंत्र में अपघटकों की क्या भूमिका है ?
उत्तर-अपमार्जक पर्यावरण में पदर्थों के चक्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि अपमार्जक न हों, तो पृथ्वी की सतह पर अपशिष्टों का ढेर लग जाएगा, सभी जैव-भू-रसायन चक्र बाधित होने लगेंगे तथा पर्यावरण का प्राकृतिक संतुलन स्थायी रूप से समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न 9. पारितन्त्र में ऊर्जा का प्रवाह अचक्रीय होता है, कैसे ?
उत्तर-सूर्य की विकिरण ऊर्जा प्रकाश संश्लेषण के समय रासायनिक बन्धन ऊर्जा के रूप में भोजन में संचित हो जाती है । यह ऊर्जा आहार श्रृंखला के माध्यम से सर्वोच्च उपभोक्ता तक पहुँचती है। सर्वोच्च उपभोक्ता की मृत्यु और अपघटन के समय यह ऊर्जा मुक्त होकर वातावरण में चली जाती है। इस प्रकार पारितन्त्र में ऊर्जा का प्रवाह अचक्रीय होता है ।

प्रश्न 10. प्रत्येक पारितंत्र एक गत्यात्मक तंत्र होता है, कैसे ?
उत्तर - किसी भी पारितंत्र में इसके घटकों के बीच एक गत्यात्मक संबंध होता है । यह संबंध सजीव घटकों के बीच आपस में तो होता ही है, सजीव और निर्जीव घटकों के बीच में भी होता है । उदाहरण के तौर पर पौधे भूमि से जल और खनिज पदार्थों का अवशोषण करते हैं। उनकी पत्तियाँ वायु से कार्बन डाइऑक्साइड सोखती हैं। इसके अलावा पत्तियाँ सूर्य के प्रकाश का भी उपयोग प्रकाश संश्लेषण में करती है। प्रकाश संश्लेषण क्रिया में पत्तियों से ऑक्सीजन मुक्त होकर वायुमंडल में मिलती है, परन्तु श्वसन क्रिया के समय कार्बन डाइऑक्साइड पत्तियों से निकलकर वायुमंडल में मिलती है । वाष्पोत्सर्जन के समय पत्तियों की सतह से बहुत-सा जल भाप बनकर उड़ता रहता है। ये उदाहरण जीव-निर्जीव के बीच गत्यात्मक संबंध को दर्शाते हैं, जो प्रत्येक पारितंत्र में पाया जाता है। वहीं दूसरी ओर बड़ी मछली छोटी मछली का शिकार करती है, छोटी मछली बहुत से प्लावक जंतुओं और पौधों का भक्षण करती है । ऐसे बहुत से उदाहरण हैं जो पारितंत्र में जीवधारियों के बीच के गत्यात्मक संबंधों को दर्शाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक पारितंत्र एक गत्यात्मक तंत्र होता है । बहुत से पारितंत्र मिलकर जीवमंडल की रचना करते हैं । अतः जीवमंडल भी एक विशालतम गत्यात्मक तंत्र होता है।

प्रश्न 11. उत्पादक क्या है ? एक उदाहरण दें ।
उत्तर- उत्पादक या स्वयंपोषी जीव वे जीव हैं जो अपना भोजन, सरल पदार्थों जैसे कार्बन डाइऑक्साइड तथा जल (सूर्य की रोशनी में) से बनाते हैं । इस क्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं ।

प्रश्न 12. उपभोक्ता क्या हैं ?
उत्तर - जो जीव अपने भोजन के लिए उत्पादकों पर निर्भर होते हैं, उन्हें उपभोक्ता कहते हैं । उपभोक्ता अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते । मानव सहित सभी जन्तु उपभोक्ता हैं। उपभोक्ता को परपोषी भी कहते हैं। सामान्य उपभोक्ता - मानव, शेर, गाय, भैंस आदि ।

प्रश्न 13. अपघटक क्या होते हैं ?
उत्तर- वे जीव जो जटिल कार्बनिक अणुओं को, जो वनस्पति या जन्तुओं के मृत अवशेषों में उपस्थित होते हैं, सरल पदार्थों में अपघटित कर देते हैं, अपघटक कहलाते हैं।

प्रश्न 14. जैव-भू-रसायन चक्र क्या है ? कोई दो उपयुक्त उदाहरण दें।
उत्तर-भूमि पर पाये जाने वाले रसायन जो अवशोषित होकर पौधों में पहुँचते हैं उनसे तरह-तरह के यौगिकों का संश्लेषण होता है उन्हें जैव रसायन कहते हैं। ये रसायन आहार श्रृंखला के माध्यम से चक्रीय पथ में भ्रमण करते हैं और जीवधारी की मृत्यु के पश्चात् जैव-अपघटन के प्रक्रम द्वारा पुनः भूमि में पहुँच जाते हैं। इसे जैव-भू-रसायन चक्र कहते हैं ।
उदाहरण- जल चक्र, नाइट्रोजन चक्र ।

प्रश्न 15. आहार श्रृंखला की परिभाषा दें । आहार श्रृंखला के अध्ययन के दो लाभ बताएँ ।
उत्तर -जब कोई जीव अपने जीवन के लिए दूसरे जीव को खाकर जीवित रहता है, तब उनका ऐसा सम्बन्ध आहार श्रृंखला कहलाता है। आहार श्रृंखला में होने वाले प्रत्येक चरण को पोषी स्तर या उपभोक्ता स्तर कहते हैं।

आहार (खाद्य) श्रृंखला के अध्ययन से लाभ-

(i) इससे पारिस्थितिक संतुलन बना रहता है ।

(i) एक पोषी स्तर की दूसरे पर निर्भरता का अध्ययन ।

प्रश्न 16. किसी आहार - श्रृंखला में ऊर्जा की हानि कैसे होती है ?
उत्तर- प्रत्येक पोषी स्तर पर केवल 10% ऊर्जा का उपयोग होता है और 90% ऊर्जा बेकार चली जाती है। ऊर्जा के इस प्रवाह को संक्षेप में इस प्रकार व्यक्त किया जा सकता है-

(i) पृथ्वी पर सूर्य से लगभग 1000 J विकिरण ऊर्जा जीवमंडल में आती है। इसमें से केवल 10 J ऊर्जा को पौधे प्रकाश-संश्लेषण में प्रयोग कर पाते हैं । शेष 990 J ऊर्जा वातावरण में गायब हो जाती है। यह 10 J ऊर्जा रासायनिक ऊर्जा के रूप में स्टार्च और शर्कराओं में संचित रहती है ।

(ii) पौधों द्वारा संचित की गई ऊर्जा आहार - श्रृंखला के माध्यम से प्राथमिक उपभोक्ता के शरीर में पहुँचाती है। यह उपभोक्ता अपनी उपापचय की क्रियाओं में कुछ ऊर्जा का प्रयोग करते हैं।

(iii) प्राथमिक उपभोक्ताओं के शरीर की शेष ऊर्जा द्वितीय उपभोक्ताओं (मांसाहारियों) के शरीर में पहुँचती है। वे भी इस ऊर्जा का कुछ भाग अपनी उपापचय की क्रियाओं में खर्च करते हैं । इस प्रकार सभी जीवधारी ऊर्जा का कुछ भाग खर्च करते हैं। सभी जीवधारियों के शरीर में ऊष्मा के रूप में ऊर्जा का वायुमंडल में विमोचन होता है जिसे सामुदायिक ऊष्मा कहा जाता है।

(iv) जीव-जंतुओं की मृत्यु के बाद उनके शरीरों के जलने या अपघटित होने से ऊर्जा मुक्त होकर वातावरण में चली जाती है। इस प्रकार कुल मिलाकर 10% ऊर्जा का उपयोग होता है और 90% ऊर्जा बेकार चली जाती है।

प्रश्न 17. किसी घास के मैदान की खाद्य श्रृंखला को प्रवाह चार्ट द्वारा दर्शाएँ । 
उत्तर- घास के मैदान की खाद्य श्रृंखला-

घास → कीट → मेढक → साँप → बाज


प्रश्न 18. खाद्य जाल किसे कहते हैं ? यह कैसे बनता है ?
उत्तर - किसी स्थान की विभिन्न आहार श्रृंखलाओं का अन्तर्सम्बद्ध स्वरूप जिसमें कई पोषी स्तर परस्पर उभयनिष्ट होते हैं, खाद्य जाल कहलाता है। जैसा कि निम्नांकित आरेख से स्पस्ट है-

प्रश्न 19. आहार श्रृंखला और आहार जाल में क्या अंतर है ? 
उत्तर- आहार श्रृंखला और आहार जाल में अंतर-

आहार श्रृंखला 
(a) किसी पारितंत्र में पदार्थों का चक्रीय प्रवाह आहार श्रृंखला कहलाता है I 

(b) एक जीव के द्वारा दूसरे जीव को भोजन के रूप में प्रयोग करना आहार श्रृंखला कहलाता है। | 

(c) किसी आहार श्रृंखला में एक जीव के द्वारा एक ही प्रकार के जीव को भोजन के रूप में प्रयोग किया जाता है। 

(d) यह सरल होती है। 

आहार जाल 
(a) किसी पारितंत्र में पाए जाने वाले आहार श्रृंखलाओं के संजाल को आहार-जाल कहा जाता है ।

(b) कई आहार श्रृंखला को मिलाकर प्राप्त हुई व्यवस्था को आहार जाल कहते हैं । 

(c) आहार जाल में एक जीव कई प्रकार के जीवों को भोजन के रूप में प्रयोग करता है। 

(d) यह जटिल होती है।

प्रश्न 20. पोषी स्तर क्या हैं ? एक खाद्य श्रृंखला का उदाहरण दें तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बनाएँ ।
उत्तर - किसी खाद्य श्रृंखला के विभिन्न चरणों या स्तरों को पोषी स्तर कहते हैं। 

खाद्य श्रृंखला का उदाहरण– घास → हिरन → शेर

इस खाद्य श्रृंखला में विभिन्न पोषी स्तर निम्नाकित है –  
(i) प्रथम पोषी स्तर घास है यह उत्पादक है।

(ii) द्वितीय पोषी स्तर हिरन है यह प्रथम उपभोक्ता है इसे शाकाहारी भी कहते हैं। 

(iii) तृतीय पोषी स्तर शेर है यह उच्च मांसाहारी है।

प्रश्न 21. क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें ।
उत्तर- यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें, तो इससे पारितंत्र में पदार्थ एवं उर्जा का प्रवाह रुक जाएगा। इससे जैव-भू-रसायन चक्र धीरे-धीरे रुक जाएगा जिसका व्यापक प्रभाव पूरे पारितंत्र पर पड़ेगा । अंततः पूरा पारितंत्र समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न 22. हमारी गतिविधियाँ पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करती हैं ?
उत्तर -आज सारा विश्व पर्यावरणीय संकट से जूझ रहा है। तीव्र से तीव्रतर विकास एवं कम-से-कम समय में ज्यादा-से-ज्यादा पाने की होड़ में, हमलोग ने पृथ्वी का चेहरा ही बदल डाला है। विषैली गैसों के उत्सर्जन से हवा में जहर घुला हुआ है, नदियाँ संदूषित हो गई हैं, वनों को काटकर समतल जमीन बनाकर उसपर नगर, शहर और उद्योग बस गए हैं ।

हमारी गतिविधियों के कारण जो पर्यावरणीय समस्याएँ उत्पन्न हुई है, जो निम्नांकित हैं-

(i) जलवायु एवं मौसम में परिवर्तन ।

(ii) जैव-विविधता का विनाश ।

(iii) जल, वायु एवं मृदा का प्रदूषण ।

(iv) वनों का वृहत् पैमाने पर विनाश |

(v) जल-संसाधनों का संकुचन एवं दुरुपयोग ।

(vi) ओजोन परत का क्षय ।

(vii) ग्रीन हाउस प्रभाव एवं पृथ्वी के तापमान में वृद्धि ।

(viii)अम्लीय पदार्थों की वर्षा ।

प्रश्न 23. ओजोन क्या है तथा यह किसी पारितंत्र को किस प्रकार प्रभावित करती है ? 
उत्तर-ओजोन ऑक्सीजन का एक समस्थानिक है। इसका एक अणु ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बना होता है। इसका अणुसूत्र 03 है। सूर्य की पराबैंगनी किरणों के प्रभाव से ऑक्सीजन अपने परमाणुओं में टूट जाती है तथा प्रत्येक परमाणु ऑक्सीजन से संयुक्त होकर ओजोन का अणु बनाता है। पराबैंगनी
O₂ —पराबैगनी → O  + O
                          (परमाणुवीय ऑक्सीजन)

O + O₂ → O (ओजोन)

ओजोन सूर्य से पृथ्वी तक आने वाले घातक पराबैंगनी विकिरणों को सोख लेती है तथा उन्हें पृथ्वी तक नहीं पहुँचने देती है। इस प्रकार यह पृथ्वी के पारितंत्रों के लिए सुरक्षा छतरी का कार्य करती है। पराबैंगनी विकिरण जीवन के लिए अत्यन्त हानिकारक होता है। इससे त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद आदि भयानक बीमारियाँ होती हैं । यह पौधों की पत्तियों को क्षतिग्रस्त कर देता है। 

प्रश्न 24 ओजोन अवक्षय क्या है ? ओजोन अवक्षय के हानिकारक प्रभाव क्या होते हैं?
उत्तर- ओजोन अवक्षय- जब वायुमंडल में क्लोरोफ्लुरो कार्बनों की सान्द्रता बढ़ती है तब वे ओजोन से अभिक्रिया करते हैं। इससे ओजोन पट्टी पतली होने लगती है। इस घटना क्रम को ओजोन अवक्षय कहते हैं । 

ओजोन अवक्षय के हानिकारक प्रभाव-
(i) ग्रीन हाउस प्रभाव,

(ii) जलवायु में परिवर्तन,

(iii) त्वचा कैंसर,

(iv) मोतियाबिन्द ।

प्रश्न 25. ओजोन परत के अवक्षय के क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं ? 
उत्तर-ओजोन परत के अवक्षय के दुष्प्रभाव-
(i) आँखों में मोतियाबिंद का होना ।

(ii) त्वचा का कैंसर ।

(iii) DNA अणुओं की क्षति तथा आनुवंशिक रोग ।

(iv) मछलियों और समुद्री जीवों की हानि ।

(v) पेड़-पौधों की क्षति ।

प्रश्न 26. ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है ? इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं ?
उत्तर-ओजोन परत की क्षति हमारे लिए अत्यंत चिंता का विषय है क्योंकि यदि क्षति अधिक होती है तो अधिक से अधिक पराबैंगनी विकिरणें पृथ्वी पर आएँगी जो हमारे लिए निम्न प्रकार से हानिकारक प्रभाव डालती हैं-

(i) इनका प्रभाव त्वचा पर पड़ता है जिससे त्वचा के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

(ii) पौधों में वृद्धि दर कम हो जाती है।

(iii) ये सूक्ष्म जीवों तथा अपघटकों को मारती हैं इससे पारितंत्र में असंतुलन उत्पन्न हो जाता है ।

(iv) ये पौधों में पिगमेंटों को नष्ट करती हैं।

ओजोन परत की क्षति को कम करने के उपाय-

(i) एरोसोल तथा क्लोरोफ्लुरो कार्बन यौगिक का कम से कम उपयोग करना । 

(ii) सुपर सोनिक विमानों का कम से कम उपयोग करना । 

(iii) संसार में नाभिकीय विस्फोटों पर नियंत्रण करना ।

प्रश्न 27. पराबैंगनी किरणों के जीवधारियों पर पड़ने वाले किन्हीं दो हानिकारक प्रभावों का उल्लेख करें।
उत्तर- (i) आँखों में मोतियाबिन्द का होना ।

(ii) त्वचा का कैंसर ।

प्रश्न 28. आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं ? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन करें।
उत्तर- (i) पदार्थ दो प्रकार के होते हैं जैव निम्नीकरणीय तथा अजैव निम्नीकरणीय । इनमें से हमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थों का अधिक उपयोग करना चाहिए ।

(ii) जैव निम्नीकरणीय पदार्थों को खाद में बदल देना चाहिए तथा अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्टों को चक्रण के लिए फैक्ट्री में भेज देना चाहिए ।

प्रश्न 29. पीड़कनाशी रसायनों का अत्यधिक प्रयोग किस प्रकार जैव आवर्धन की समस्या को उत्पन्न कर रहा है ?
उत्तर - पीड़कनाशी रसायनों के अत्यधिक प्रयोग से खेतों की मिट्टी विषाक्त हो जाती है । ये रसायन वर्षा काल में अथवा सिंचाई के दौरान बहकर जल स्रोतों में चले जाते हैं । मिट्टी से इन पदार्थों का पौधों द्वारा जल एवं खनिजों के साथ-साथ अवशोषण हो जाता है तथा जलाशयों से ये रसायन जलीय पौधों एवं जंतुओं में प्रवेश कर जाते हैं और आहार श्रृंखला में सम्मिलित हो जाते हैं । क्योंकि किसी भी आहार श्रृंखला में रासायनिक पदार्थ सर्वाधिक मात्रा में समस्या उत्पन्न हो जाती है। DDT आवर्धित होने के कारण मानव के वृक्क, मस्तिष्क एवं परिसंचरण तंत्र में अनेक प्रकार के विकार उत्पन्न्न होते है । मनुष्य शीर्षस्थ है, अतः हमारे शरीर में ये संचित हो जाते हैं। इससे जैव- आवर्धन की तथा अन्य पीड़कनाशी रसायनों के जैव

प्रश्न 30. क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न स्तरों के लिए अलग-अलग होगा ? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है ?
उत्तर- नहीं, सभी पोषी स्तरों के लिए प्रभाव अलग-अलग नहीं होते। यह सभी पर समान प्रभाव डालता है। किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव नहीं है। इनको हटाना पारितंत्र में विभिन्न प्रकार के प्रभाव डालता है तथा असंतुलन पैदा करता है।

प्रश्न 31. जैविक आवर्धन क्या है ? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा ?
उत्तर- जैव अनिम्नीकरणीय रासायनिक पदार्थ (जैसे कीटनाशक) आहार श्रृंखला के माध्यम से पौधों द्वारा अवशोषित हो जाने के बाद उपभोक्ता के शरीरों के वसीय ऊत्तकों में संचित होते रहते हैं। चूँकि मनुष्य सर्वोच्च उपभोक्ता है, अतः ये रसायन मनुष्य के शरीर में अन्तिम रूप से पहुँचते हैं और संचित हो जाते हैं । वहाँ मनुष्य के वसीय ऊत्तकों में इन पदार्थों का सांद्रण बढ़ता रहता है। इसे जैव आवर्धन कहते हैं ।

हाँ, पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर यह आवर्धन भिन्न-भिन्न होगा तथा सर्वोच्च स्तर पर जैव आवर्धन सर्वाधिक होगा।

प्रश्न 32. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणेय हो, तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ?
उत्तर- जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट लम्बे समय तक नहीं रहते हैं। अतः उनका हानिकारक प्रभाव वातावरण पर पड़ता तो है पर केवल कुछ समय के लिए ही रहता है। ये पदार्थ लाभदायक पदार्थों में तोड़े जा सकते हैं। अतः हमारे वातावरण पर इनका भी प्रभाव पड़ता है लेकिन केवल कुछ समय तक ही रहता है ।

प्रश्न 33. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं ?
उत्तर-अजैव निम्नीकरणीय कचरे के ढेर पर्यावरण में बहुत लम्बे समय तक रहते हैं और नष्ट नहीं होते। अतः वे बहुत सी समस्याएँ उत्पन्न करते हैं—
(i) ये जल प्रदूषण करते हैं जिससे जल पीने योग्य नहीं रहता। 

(ii) ये भूमि प्रदूषण करते हैं जिससे भूमि की सुन्दरता नष्ट होती है । 

(iii) ये नालियों में पानी के प्रवाह को रोकते हैं।

(iv) ये वायुमंडल को भी विषैला बनाते हैं ।

प्रश्न 34. "हम सब पर्यावरण के समेकित भाग है । कैसे ? समझाएँ ।
उत्तर- पर्यावरण में प्रत्येक घटक एक-दूसरे से संबंधित हैं। भोजन तथा ऊर्जा का प्रवाह इन्हीं घटकों के माध्यम से होता है। यदि कोई कड़ी टूटती है तो ऊर्जा और भोजन का प्रवाह बाधित हो जाता है। परिणामस्वरूप पूरा पारितंत्र असंतुलित हो जाता है। चूँकि मनुष्य सर्वोच्च उपभोक्ता है, अतः पदार्थों के चक्रण के लिए प्रत्येक घटक का होना आवश्यक है जिसमें मनुष्य भी सम्मिलित है। अतः स्पष्ट है कि हम सब पर्यावरण के समेकित भाग हैं।

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