NCERT कक्षा 6 हिंदी मल्हार अध्याय 9 मैया मैं नहीं माखन खायो

पाठ से

मेरी समझ से

(के) नीचे दिए गए दिए गए निर्देशांक का उत्तर न-सा है? उसका प्रकट तारा (★) बना हुआ-

प्रश्न 1.
मैं माखन कैसे खा सकता हूँ? इसके लिए श्रीकृष्ण ने क्या तर्क दिया?
• मुझे तुम पराया समझती हो।
• मेरी माँ, तुम बहुत भोली हो।
• इसका उपयोग लाठी-कंबल नहीं करना चाहिए।
• मेरे छोटे-छोटे हाथ कंधे तक कैसे जा सकते हैं?
उत्तर:
• मेरे छोटे-छोटे हाथ कंधे तक कैसे जा सकते हैं?

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण माँ के आने से पहले क्या कर रहे थे?
•गाय चरा रहे थे।
• माखन खा रहे थे।
• मधुबन में भटक रहे थे।
• दोस्तों के संग खेल रहे थे।
उत्तर:
माखन खा रहे थे।

(ख) अब अपने दोस्तों के साथ चर्चा क्यों करें और बताएं कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुना?

उत्तर:

  1. माँ यशोदा जब कृष्ण के मुँह पर माखन लगा कर उन्हें डाँटने लगती हैं तो वे सूखें जब तक हाथ न काटे का बिखर जाते हैं।
  2. माखन खा रहे थे यह विकल्प सही है क्योंकि पद्यांश की शुरुआत ही यह पंक्ति से हुई है- 'मैया मैं नहीं माखन खायो' यानी कृष्ण मां से माखन न खाओ की बात कर रहे हैं।

कविता की रचना

'भोर भयो गायन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो । '
चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर  यो।।

इन शिष्यों के अंतिम शब्दों पर ध्यान दें।
'पठायो' और 'आयो' दोनों शब्दों का अंतिम स्वर एक जैसा है। इस सुविधा को 'तुक' कहते हैं। इस पूरे पैड में प्रत्येक पंक्ति के अंतिम शब्द का तुक है। अनेक कवि अपनी रचना को प्रभावशाली बनाने के लिए तुक का उपयोग करते हैं।

(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़ें और अपने - अपने समूह में मिलकर इस पाठ की सदस्यता की सूची बनाएं, जैसे इस पद की अंतिम पंक्ति में कवि ने अपना नाम भी दिया है आदि।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा किया जाएगा।
उत्तर:
छात्र/छात्र स्वयं करें।

हद पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गयी हैं। ध्यान से पढ़ें और इन पर विचार करें। आपको इसका अर्थ क्या समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा करें और अपनी पुस्तक पुस्तक में लिखें।

(के) "भोर भयो गायन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो"
:
माँ श्रीकृष्ण यशोदा से उत्तर कहते हैं कि प्रात: होते ही तुम मुझे मधुबन में गौओं को चराने के लिए भेज देते हो।

(ख) “सूरदास तब बिहंसी जसोदा, लै उर कंठ लगायो”।
उत्तर:
सूरदास कहते हैं कि माँ यशोदा ने कृष्ण की बातें सुनीं और उन्हें गले से लगा लिया।

सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़ें और निम्नलिखित आदर्श के उत्तर खोजकर लेखन अपनी पुस्तक में लिखें-

(क) पद में श्रीकृष्ण ने अपने बारे में क्या-क्या बताया है?
उत्तर:
पद में श्रीकृष्ण ने माता यशोदा से अपने बारे में सफ़ाई देते हुए कहा कि-
मैया मैंने माखन नहीं खाया। सुबह होते ही मैं गाँवों को चराने वन में चला जाता हूँ और सुबह से शाम तक वन में ही रहता हूँ। शाम को ही घर आता हूँ। मैं तो छोटा हूँ – बच्चा हूँ, मेरे हाथ भी छोटे हैं। मेरे हाथ किस प्रकार से सुई तक पहुंच सकते हैं। ये सभी ग्वाल-बाल तो मेरे बैरी (शत्रु, शत्रु) हैं, ये मेरे मुंह पर जबरदस्ती माखन लगाते हैं। माता आप बहुत ही भोली हो जो बात में शामिल हो गई हो। आपके दिल में मेरे प्रति कुछ संदेह है तभी आप मुझे पराया समझते हो। आप ये अपनी लाठी और कंबल ले लो। ये मुझे बहुत नाचते हैं।

(ख) यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को हंसते हुए गले से क्यों लगाया?
उत्तर
माता यशोदा श्रीकृष्ण के इस मासूमियत भोलेपन पर (ऋझकर) उत्सव मनाते हुए उन्हें अपने गले लगा लेते हैं।

मिलान करें

पाठ में से चुनकर यहां कुछ शब्द दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा करें और इन्हें सही अर्थ या संदर्भ से मिलाएं। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने सैटेलाइट की सहायता ले सकते हैं।

शब्दअर्थ या संदर्भ
1. जसोदा1. समय आतिथ्य की एक इकाई (तीन घंटे का एक पहरा होता है। एक दिन में आठ पहरे होते हैं)।
2. पहर2।
3.लुकटी कमरिया3. गोल पात्र के आकार का रस्सियों का खोया हुआ जाल जो छत या ऊंचे स्थान से लटकाया जाता है ताकि राख हुई खाने-पीने की चीजें (जैसे- दूध, दही आदि) को कुत्ता, बिल्ली आदि न पा सके।
4. बंसीवट4. श्रीकृष्ण की मां यशोदा, श्रीकृष्ण को पाला था।
5. मधुबन5. जन्म देने वाली, उत्पन्न होने वाली, जननी, माँ।
6. चीको6. गाय पालने वालों का बच्चा, श्रीकृष्ण के संगी दोस्त।
7. माता7. मथुरा के पास, यमुना के किनारे का एक वन।
8. ग्वाल-बाल8. लाठी और छोटा कंबल, कमली (मान्यता है कि श्रीकृष्ण लुकुटी-कमरिया लेकर गाय चराने जाते थे)
    

उत्तर:
1. → 4
2. → 1
3. → 8
4. → ​​2
5. → 7
6. → 3
7. → 5
8. → 6

अनुमान या कल्पना से

अपने ग्रुप में शामिल
क्यों होंगे- (क) श्रीकृष्ण अपनी मां यशोदा को तर्क दे रहे होंगे?
उत्तर:
इस पैड में कृष्ण के बाल स्वरूप का चित्रण है। प्रत्येक बच्चे की गलती करने के बाद, उस गलती को नामांकन के लिए तर्क दिया जाता है। ऐसे ही श्रीकृष्ण भी मां को तर्क दे रहे हैं। कि उन्होंने माखन नहीं खाया। ग्वाल-बालों ने अपने मुख पर लगा दिया ताकि मां यशोदा उन्हें डांटें।

(ख) जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगाया, तब क्या हुआ?
उत्तर:
माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को जब गले लगाया तो उनका सारा क्रोध समाप्त हो गया और कृष्ण के प्रति प्रेम का विस्फोट हो गया।

शब्दों के रूप में

नीचे दिए गए शब्दों से जुड़े कुछ चर्च दिए गए हैं। देखने के लिए आप शब्दकोश, अपने सहयोगियों और सहयोगियों की सहायता भी ले सकते हैं।

(क) "भोर भयो गायन के पा छे"
इस पंक्ति में 'पाछे' शब्द आया है। इसके लिए 'आकर्षक' शब्द का उपयोग भी किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं जिनमें आप कुछ अलग रूप में उभरेंगे और उभरेंगे। नीचे ऐसे ही कुछ अन्य शब्द दिए गए हैं। उदाहरण के लिए आप जिस रूप में टूटे हुए हैं, उस प्रकार से लिखते हैं।
• परे ……………………
उत्तर:
• परे होने पर

• छोटो ………….
उत्तर:
• छोटा छोटा

• बिधि ……………
उत्तर:
• बिधि प्रकार

• भोरी ………………..
उत्तर:
• भोरी प्रातःकाल

• कछू ……………
उत्तर:
• कछू कुछ

• लेना लेना …………
उत्तर:
• लेना लेना

• नहिं नहीं
उत्तर:
• नहिं नहीं

(ख) पद में से कुछ शब्द नीचे स्तम्भ 1 में दिए गए हैं और स्तम्भ 2 में उनका अर्थ दिया गया है। शब्दों का उनके सही अर्थों से मिलान करें-

स्तंभ 1स्तंभ 2
1. उपजि1. मुस्काई, हँसी
2. जानी2. उपजाना, उत्पन्न होना
3. जयो3. जानने वाला, समझने वाला
4. जिय4. विश्वास करना, सच मानना
5. पथायो5. बाँह हाथ, भुजा
6. पतियायो6. प्रकार, भाँति, रीति
7. बहियां7. मन, जी
8. बिधि8. जन्मा
9. बिहँसी9. माला, पोटा
10. भटक्यो10. इधर-उधर घूमना या भटका
11. लपटाय11. भेजा गया

उत्तर:
1. → 2
2. → 3
3. → 8
4. → ​​7 5.
→ 11
6. → 4
7. → 5
8. → 6
9. → 1
10. → 10
11. → 9

वर्ण-परिवर्तन

"तू माता मन की अति भोरी '
'भोरी' का अर्थ है 'भोली'। यहां 'ल' और 'र' वर्ण एक साथ बदल गए हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि इस पद में कुछ और शब्दों में भी 'ल' या 'द' और 'र' में वर्ण परिवर्तन हुआ है। ऐसे शब्द चुनकर अपनी रचना पुस्तिका में लिखें।
उत्तर:
जैसे- 'पड़े' के स्थान पर 'पेरे' का अर्थ। 'पड़े' के स्थान पर 'ल' और 'र' का अर्थ पढ़ें।

पाठ से आगे 

आपकी बात

“मैया मैं नहीं माखन खायो”
यहां श्रीकृष्ण अपनी मां के सामने सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। कभी-कभी। हमारे दस्तावेज़ों के सामने सिद्ध करना पोस्ट है कि यह कार्य हमने नहीं किया है। क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? कब ? पूर्ववर्ती सामने ? आपने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? उस घटना के बारे में बताइये।
उत्तर:
छात्र/इलेक्ट्रॉनिक स्वयं बनें।

घर की वस्तुएँ

"मैं बालक बहिन को छोटो, छीनो केहि बिधि पायो।"
नीचे कुछ घरेलू और वस्तुओं के चित्र दिये गये हैं। आपके घर में क्या कहते हैं? संरचना के नीचे लिखें। यदि किसी चित्र को समुद्र तट पर स्थित होना है तो आप अपने शिक्षक, पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।

उत्तर:
मटका, प्रेस (इस्त्री), चौपाया, सीता मशीन, चारपाई, मर्तबान, सूप, सिल-लोढ़ा (लीप), जाँत, बेना (पंखा), मथानी, चलनी, कटोरादान, ओखली, मथानी-मटका

आप ही जानते हैं कि श्रीकृष्ण को मक्खन कितना पसंद था। दूध से घी, मक्खन बनाया जाता है और मक्खन से घी बनाया जाता है। नीचे दूध घी बनाने की प्रक्रिया संबंधी कुछ चित्र दिए गए हैं। अपने परिवार के सहयोग, नेटवर्क या इंटरनेट आदि की सहायता से दूध से घी बनाने की प्रक्रिया के बारे में जानें।

उत्तर:
पहली बार दूध को जमन रखकर दही बनाया जाता है। दही को माथने से माखन बनता है। माखन को हांडी या किसी बड़े बर्तन में मक्खन गर्म किया जाता है। धीरे-धीरे वह घी में तब्दील होने लगा है। हांडी में बनी घी अच्छी लगती है और 'करोनी' भी खा सकते हैं।

समय का माप

“चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ पारे घर आयो।”

(क) 'पहर' और 'सांझ' शब्दों का प्रयोग समय के लिए किया जाता है। समय के बारे में जानें और कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया जाता है? अपने समूह में सामूहिक सूची बनाएं और कक्षा में
साझा करें।
(संकेत- कल, ऋतु, वर्ष, अब पखवाड़े, दशक, वेला अवधि आदि )
उत्तर:
अभी, प्रात: साय, दो, रात, कल, आज, परसो, सप्ताह, पाक्षिक, मासिक, त्रैमासिक, मासिक वार्षिक आदि।

(ख) श्रीकृष्ण के अनुसार वे कितने घंटे गाय चराते थे?
उत्तर:
दस से बारह घंटा।

(जी) मन लैपटॉप वे शाम छह बजे गाय चराचर विकल्प। वे सुबह कितने बजे घर से बाहर निकलेंगे?
उत्तर:
पांच-छह बजे के बीच में।

(घ) 'दोपहर' का अर्थ 'दो पहरा' का समय है। जब दूसरे पहरे की समाप्ति होती है और तीसरे पहरे की शुरुआत होती है। यह लगभग 12 बजे का समय होता है, जब सूर्य सिर पर आ जाता है। बताओ दिन के पहले पहरे की शुरुआत लगभग कितने बजे होगी?
उत्तर:
सुबह छह बजे से रात नौ बजे तक पहला पहरा होता है।

हम सब विशेष हैं

(क) महाकवि सूरदास दृष्टिबाधित थे। उनकी विशेष क्षमता उनकी काल्पनिक शक्ति और कविता रचना की क्रांतिकारी थी।
हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा होता है जो हमें सबसे खास और सबसे अलग बनाता है।
नीचे दिए गए लोगों की विशेष क्षमताएं क्या हैं, विचार करें और लिखें-
आपकी…………………………………….
आपके ……………………………..
आपके शिक्षक की ……………………….
आपके मित्र की ……………………..
उत्तर:
• किसी को भी मुश्किल में देखने के लिए सहायता चाहिए।
• मेरे अप्रचलित हर बात को व्यावहारिक रूप में समझाते हैं।
• पाठ को भली भाँति सिलाई, मार्ग निर्देशन।
• सच्चा दोस्त निभाना, दोस्त के गलत होने पर उसे प्यार से निभाना।

(ख) एक विशेष क्षमता ऐसी भी है जो हम सबके पास होती है। वह सार्वभौम कल्याण के लिए सार्वभौम सहायता करने की क्षमता रखता है। तो बताइये, इस क्षमता का उपयोग आपकी उपयोगी सहायता कैसे करेंगे-

  • एक सहपाठी साक्षरता जानकारी है और उसे एक पाठ्य समझ में नहीं आ रहा है।
  • एक सहपाठी को अंग्रेजी में अच्छा लगता है और वह देख नहीं पाता।
  • एक सहपाठी बहुत जल्दी-जल्दी भाषण देता है और उसे कक्षा में भाषण देता है।
  • एक सहपाठी बहुत सारी बातें करता है और उसे कक्षा में भाषण देता है।
  • एक सहपाठी को दौड़ने में कठिनाई होती है और वह सार्वभौमिकता के साथ दौड़ना चाहती है।
  • एक सहपाठी दैनिक विद्यालय उसे और सुनने में आता है।

उत्तर:

  • उसे समझाना।
  • उसे प्रारंभिक व्याख्या एवं ब्रेल लिपि से पढ़ें प्रेरणा देना।
  • उसे अभ्यास की सहजता से बोले।
  • बार-बार प्रैक्टिस एजेंट।
  • उनकी साहसिक मशीनरी, हाथ से चलने वाली रेसिंग में मदद करना या स्वयं धीरे-धीरे उनकी साथ दौड़ना।
  • उसे समझाना।

Previous Post Next Post