NCERT Class 10 Social Science Chapter 3 भारत में राष्ट्रवाद
NCERT Solutions for Class 10 Social Science History Chapter 3 भारत में राष्ट्रवाद
प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से
संक्षेप में लिखें
प्रश्न 1. व्याख्या करें
(क) उपनिवेशों में राष्ट्रवाद के उदय की प्रक्रिया उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन से जुड़ी हुई क्यों थी?
(ख) पहले विश्व युद्ध ने भारत में राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में किस प्रकार योगदान दिया?
(ग) भारत के लोग रॉलट एक्ट के विरोध में क्यों थे?
(घ) गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस लेने का फैसला क्यों लिया?
उत्तर
(क) आधुनिक राष्ट्रवाद के उदय की परिघटना उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के साथ गहरे तौर पर जुड़ी हुई थी। क्योंकि
- औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ़ संघर्ष के दौरान लोग आपसी एकता को पहचानने लगे थे।
- उत्पीड़न और दमन के साझा भाव ने विभिन्न समूहों को एक-दूसरे से बाँध दिया था।
- वियतनाम, चीन, बर्मा, भारत और लैटिन तथा अफ्रीकी देशों में राष्ट्रीय आंदोलन उनके सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक शोषण के कारण प्रारंभ हुए। इनमें राष्ट्रीय भावनाओं का विकास हुआ तथा उन्होंने उपनिवेशवाद को पूरे विश्व से हटा दिया।
इस कारण राष्ट्रवाद का उदय उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन के कारण हुआ। उपनिवेशिक देश उपनिवेशवाद का विरोध करने के लिए एकजुट हुए, औपनिवेशिक शासन का विरोध किया तथा अपने देश के हित के लिए एकजुट होकर लड़े। इससे राष्ट्रवाद को पनपने में मदद मिली।
(ख) प्रथम विश्वयुद्ध 1 अगस्त 1914 ई० में मित्रराष्ट्रों (ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, जापान, अमेरिका) तथा धुरी राष्ट्रों (आस्ट्रिया-हंगरी, जर्मनी, तुर्की, इटली) के मध्य प्रारंभ हुआ। इसका भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन पर व्यापक प्रभाव पड़ा, जो इस प्रकार है –
- भारतीयों का विश्व से संपर्क – इस युद्ध में सैनिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए बड़ी संख्या में भारतीयों को सेना में भर्ती किया गया। जब वे युद्ध क्षेत्रों में गए तो वहां से मिले अनुभवों का उनपर प्रभाव पड़ा, और उनमें आत्मविश्वास जागा। उन्होंने यह भी जाना कि स्वतंत्र वातावरण और लोकतंत्रीय संगठन क्या होते हैं? अत: वे ऐसी ही स्थिति भारत में भी विकसित या स्थापित करने के लिए तत्पर हो गए।
- आर्थिक प्रभाव – युद्ध के कारण ब्रिटेन की रक्षा व्यय बढ़ गया। इसे पूरा करने के लिए उसने अमेरिका जैसे देशों से कर्जे लिए। इन कर्जी को चुकाने के लिए भारतीयों पर सीमा शुल्क और अन्य टैक्स बढ़ा दिए। इस कारण भारतीयों पर आर्थिक दबाव बढ़ा । इसी समय कीमतें भी बढ़ जाने से भारतीयों की आम आर्थिक स्थिति और भी खराब हो गई। अत: आम भारतीय जनता अंग्रेजी शासन के विरुद्ध राष्ट्रीय आंदोलन में सम्मिलित हो गई।
- सांप्रदायिक एकता – ‘खलीफा’ के प्रश्न पर सभी मुसलमान अंग्रेजों के विरूद्ध हो गए। जब गांधी जी ने अली बंधुओं के सहयोग के लिए खिलाफत आंदोलन प्रारंभ किया तो हिंदु-मुस्लिम एकता को बल मिला। साथ ही 1916 में कांग्रेस और मुस्लिम लीग के मध्य “लखनऊ समझौता” हो गया। इस कारण भारत में सांप्रदायिक एकता को मजबूत आधार प्राप्त हुआ और राष्ट्रवादी आंदोलन का जनाधार बढ़ा।
- प्राकृतिक संकट – 1918-21 ई० के मध्य भारत में अकाल, सूखा, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ पड़ीं जिनमें सरकार का रवैया असहयोग पूर्ण था। आम जनता महामारियों का शिकार हो रही थी, और सरकार इनसे निपटने के लिए कोई खास प्रयास नहीं कर रही थी। इस कारण भारतीय अंग्रेजी सरकार के विरूद्ध एकजुट हो गए।
- डिफेंस ऑफ इंडिया एक्ट – 1915 ई० में अंग्रेजी सरकार ने क्रांतिकारी गतिविधियों को रोकने के लिए ‘डिफेंस ऑफ इंडिया एक्ट’ पास किया। यह एक दमनकारी एक्ट था। इसने क्रांतिकारी आंदोलन को दबाने के बजाए और तीव्र कर दिया जिससे आम जनता में भी राष्ट्रवादी भावनाएं पनपी। इस प्रकार प्रथम विश्वयुद्ध ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
(ग) भारत में रॉलट एक्ट का विरोध :
- 1918 ई० में अंग्रेजी सरकार ने ‘रॉलट’ की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की जिसका उद्देश्य भारत में क्रांतिकारी आंदोलन को रोकने के लिए कानून बनाना था।
- इस समिति ने दो कानून बनाए जिनके द्वारा सरकार को स्वतंत्रता आंदोलन का दमन करने के लिए असीमित अधिकार मिल गए। इनका प्रमुख कानून था-सरकार राजनैतिक कैदियों को बिना मुकदमा चलाए जेल में दो साल के लिए कैद कर सकती है। भारतीयों ने इसे ‘काला कानून’ कहा तथा इसके विरोध में हड़ताल व प्रदर्शन किए।
- गांधी जी ने भी इसके विरुद्ध आंदोलन प्रारंभ करने का आह्वान किया। उनका यह विरोध अंततः असहयोग आंदोलन के रूप में प्रकट हुआ।
(घ) 5 फरवरी 1922 में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में स्थित चौरी-चौरा नामक जगह पर बाजार से गुजर रहा एक शांतिपूर्ण जुलूस पुलिस के साथ हिंसक टकराव में बदल गया। आंदोलनकारियों ने कुछ पुलिसवालों को थाने में बंदकर आग लगा दी। इस घटना के बारे में सुनते ही महात्मा गांधी ने 12 फरवरी 1922 को असहयोग आंदोलन रोकने का आह्वान किया। उनको लगा था कि आंदोलन हिंसक होता जा रहा था।
प्रश्न 2. सत्याग्रह के विचार का क्या मतलब है?
उत्तर सत्याग्रह के विचार का मूल आधार सत्य की शक्ति पर आग्रह तथा सत्य की खोज करना है। गांधी जी इसके प्रबल समर्थक थे तथा उन्होंने इसकी व्याख्या इस प्रकार की
- अगर आपका उद्देश्य सच्चा है, यदि आपका संघर्ष अन्याय के खिलाफ है तो उत्पीड़क से मुकाबला करने के लिए आपको किसी शारीरिक बल की आवश्यकता नहीं।
- प्रतिशोध की भावना या आक्रमकता का सहारा लिए बिना सत्याग्रही केवल अहिंसा के सहारे भी अपने संघर्ष में सफल हो सकता है।
- इसके लिए दमनकारी शत्रु की चेतना को झिंझोड़ना चाहिए। उत्पीड़क शत्रु को ही नहीं बल्कि सभी लोगों को हिंसा के जरिए सत्य को स्वीकार करने पर विवश करने की बजाए सच्चाई को देखने और उसे सहज भाव से स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
- इस संघर्ष में अंततः सत्य की ही जीत होती है। गांधी जी का अटूट विश्वास था कि अहिंसा का धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँध सकता है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित पर अखबार के लिए रिपोर्ट लिखें
(क) जलियाँवाला बाग हत्याकांड
(ख) साइमन कमीशन
उत्तर
(क) जलियाँवाला बाग हत्याकांड
संपादक
टॉइम्स ऑफ इंडिया
दिल्ली।
महोदय
आज 13 अप्रैल, 1919 ई० की शाम को जलियाँवाला बाग में भयंकर हत्याकांड हुआ जिसने विश्व मानवता को शर्मिंदा कर दिया। इसमें एक ओर अपने : प को सभ्य कहने वाली अंग्रेजी सरकार थी और दूसरी तरफ असभ्य, अशिक्षित माने जाने वाले भारतीय थे। यह घटना इस प्रकार घटी-डॉ० सैफुद्दीन किचलू और डॉ० सत्यपाल की गिरफ्तारी के विरुद्ध अमृतसर में सार्वजनिक हड़ताल हो गई है तथा हर जगह जनसभाओं का आयोजन हो रहा है। |
इसी समय आज 13 अप्रैल को बैसाखी वाले दिन लोग बैसाखी के मेले में सम्मिलित होने के लिए इस बाग में बड़ी संख्या में एकत्र हुए। इसी बाग में एक शांतिपूर्ण जनसभा भी चल रही थी। अचानक जनरल डायर (जालंधर डिविजन का कमांडर) सेना की एक टुकड़ी के साथ यहाँ पहुँचा। उसने बाग के मुख्य द्वारों को बंद कर दिया तथा बिना किसी चेतावनी के निहत्थे लोगों पर गोली चलाने का आदेश दे दिया। यह गोलीबारी 10 मिनट तक चलती रही। चूँकि लोगों को बचाव का कोई मार्ग नहीं मिला इस कारण वे इसमें फँस गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार एकत्र लोगों की संख्या 20 हजार के आस-पास थी। इसमें से 1000 लोग मारे गए हैं जबकि सरकारी आँकड़े यह संख्या 379 बता रहे हैं।
इस घटना की जानकारी जैसे ही लोगों को प्राप्त हुई उनमें सरकार के विरुद्ध आक्रोश और गुस्सा भड़क उठा है तथा अमृतसर तथा पंजाब के अन्य भागों में तनाव का माहौल बन गया है। अत: सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए सारे पंजाब में मार्शल लॉ लगा दिया है।
अतः मैं निवेदन करती हूँ कि इस समाचार को अपने अखबार के मुख्य पृष्ठ पर छापे, जिससे संपूर्ण विश्व और भारतवर्ष को इसकी जानकारी मिले । जो अंग्रेजी सरकार जनरल डायर को ब्रिटिश साम्राज्य का रक्षक कहकर सम्मानित कर रही है उसको उसके इस अमानवीय कृत्य के लिए दंडित किया जाए।
जय हिंद
भवदीया
क ख ग
(ख) साइमन कमीशन
संपादक
नवजागरण
कलकत्ता।
महोदय,
3 फरवरी, 1928 ई० को इंग्लैंड की सरकार ने सर जॉन साइमन की अध्यक्षता में सात सदस्यों का एक कमीशन भारत भेजा। इसके मुख्य उद्देश्ये भारत में संवैधानिक व्यवस्था की कार्यशैली का अध्ययन करना तथा उसके बारे में सुझाव देने हैं। इस कमीशन में एक भी भारतीय सदस्य नहीं है। अतः इस कमीशन का घोर विरोध होने लगा है। इसको काले झंडे दिखाए जा रहे हैं और ‘साइमन वापस जाओ’ के नारे लगाए जा रहे हैं।
साइमन विरोधी प्रदर्शन का नेतृत्व लाला लाजपतराय कर रहे हैं। इस कमीशन में जहाँ कोई भी भारतीय सदस्य नहीं हैं वहीं इसकी रिपोर्ट अपूर्ण और अव्यावहारिक है। इसमें औपनिवेशिक साम्राज्य का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही इसमें अधिराज्य की स्थिति को स्पष्ट किया गया है। इसमें केंद्र में उत्तरदायी सरकार की स्थापना का कोई उल्लेख नहीं किया गया।
कमीशन ने व्यस्क मताधिकार की मांग को भी अव्यावहारिक बताकर ठुकरा दिया है। अत: यह रिपोर्ट भारतीयों को संतुष्ट नहीं कर पा रही है। इसी कारण चारों ओर इसका विरोध हो रहा है। इस रिपोर्ट द्वारा सांप्रदायिकता को जो बढ़ावा दिया गया है यह सरकार के भारत के प्रति गलत उद्देश्यों को उजागर करता है।
अतः मैं आपसे निवेदन करती हूँ कि इस रिपोर्ट को आप अपने अखबार के मुख्य पृष्ठ पर छापकर भारतीयों की भावनाओं पर आघात करने वाली अंग्रेजी सरकार की आलोचना करें।
जय हिंद
भवदीया
क ख ग
प्रश्न 4. इस अध्याय में दी गई भारत माता की छवि और अध्याय 1 में दी गई जर्मेनिया की छवि की तुलना कीजिए।
उत्तर भारत माता और जर्मेनिया की छवि की तुलना
चर्चा करें

प्रश्न 1. 1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल होने वाले सभी सामाजिक समूहों की सूची बनाइए। इसके बाद उनमें से किन्हीं तीन को चुन कर उनकी आशाओं और संघर्षों के बारे में लिखते हुए यह दर्शाइए कि वे आंदोलन में शामिल क्यों हुए?
उत्तर 1921 में असहयोग आंदोलन में भारत के विभिन्न सामाजिक समूहों ने हिस्सा लिया लेकिन हरेक की अपनी-अपनी आकांक्षाएँ थीं। आंदोलन में शामिल प्रमुख सामाजिक समूह निम्नलिखित थे-शिक्षित मध्यम वर्ग, भारतीय दस्तकार और मजदूर, भारतीय किसान, पूँजीपति वर्ग, जमींदार वर्ग तथा व्यापारिक वर्ग। सभी ने असहयोग आंदोलन में भाग लिया।
- शिक्षित मध्यम वर्ग – शहरों में शिक्षित मध्यम वर्ग ने असहयोग आंदोलन की शुरूआत की। हजारों विद्यार्थियों ने स्कूल कॉलेज छोड़ दिए, शिक्षकों ने इस्तीफे दे दिए। वकीलों ने मुकदमें लड़ने बंद कर दिए। शिक्षित वर्ग आंदोलन में शामिल इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने देखा कि उनके बराबर पढ़े-लिखे अंग्रेज उनके अफसर बन जाते थे। भारतीय लोगों को वेतन भी अंग्रेजों के मुकाबले कम मिलता था। वे केवल क्लर्क ही पैदा होते थे और क्लर्क ही मर जाते थे। इस भेदभावपूर्ण नीति के कारण शिक्षित वर्ग अंग्रेज सरकार का विरोधी था।
- व्यापारी वर्ग – बहुत से स्थानों पर व्यापारियों ने विदेशी चीजों का व्यापार करने या विदेशी व्यापार में पैसा लगाने से इनकार कर दिया। अंग्रेज सरकार की गलत नीतियों के कारण व्यापारी वर्ग पूरी तरह बरबाद हो चुका था। अंग्रेज सस्ते दामों पर कच्चा माल ब्रिटेन ले जाते थे और वहाँ से तैयार माल लाकर अधिक कीमत पर भारत में बेचते थे। भारतीय व्यापारियों को इससे बहुत नुकसान होता था।
- सामान्य जनता – असहयोग आंदोलन एक जन आंदोलन बन गया था क्योंकि आम जनता ने विदेशी कपड़ों तथा चीजों का बहिष्कार किया, शराब की दुकानों की पिकेटिंग की और विदेशी कपड़ों की होली जलाई। आम जनता अंग्रेजों के अत्याचार से दुखी हो चुकी थी इसलिए उसने बढ़-चढ़कर असहयोग आंदोलन में भाग लिया।
- बाग़ान मजदूर – गांधी जी के विचार और स्वराज की अवधारणा जब मजदूरों को समझ में आई तो वे भी बाग़ानों की चारदीवारियों से बाहर निकलकर राष्ट्रीय आंदोलन में सम्मिलित हो गए। वे अपने अधिकारियों की अवहेलना करने । लगे। वे बागानों को काम छोड़कर अपने घरों को लौट गए क्योंकि उनको लगने लगा कि गांधी राज आते ही सबको जमीन मिल जाएगी।
प्रश्न 2. नमक यात्रा की चर्चा करते हुए स्पष्ट करें कि यह उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था।
उत्तर 31 जनवरी 1930 को गांधी जी ने इरविन को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने 11 माँगों का उल्लेख किया था। इसमें सबसे महत्वपूर्ण माँग नमक कर को खत्म करने के बारे में थी। नमक का अमीर-गरीब सभी प्रयोग करते थे। यह भोजन का अभिन्न हिस्सा था। इसलिए नमक पर कर को ब्रिटिश सरकार का सबसे दमनकारी पहलू बताया था। 11 मार्च तक उनकी माँगें नहीं मानी गई तो 12 मार्च 1930 को गांधी जी ने अपने 56 स्वयंसेवकों के साथ नमक यात्रा शुरू की। यह यात्रा साबरमती से दांडी नामक गुजराती तटीय कस्बे में जाकर खत्म होनी थी। 6 अप्रैल को वे दाँडी पहुँचे और उन्होंने समुद्र का पानी उबालदर नमक बनाना शुरू कर दिया। यह कानून का उल्लंघन था ।
यह उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था
- इस बार लोगों को न केवल अंग्रेजों को सहयोग न करने के लिए बल्कि औपनिवेशिक कानूनों का उल्लंघन करने के लिए आह्वान किया जाने लगा। हजारों लोगों ने नमक कानून तोड़ा और सरकारी नमक कारखानों के सामने प्रदर्शन किए।
- यह यात्रा साबरमती से 240 किलोमीटर दूर दाँडी में जाकर समाप्त होनी थी। गांधी जी की टोली ने 23 दिनों तक हर रोज लगभग 10 मील का सफर तय किया। गांधी जी जहाँ भी रूकते हजारों लोग उन्हें सुनने आते। इन सभाओं में गांधी जी ने स्वराज का अर्थ स्पष्ट किया और कहा कि लोग अंग्रेजों की शांतिपूर्ण अवज्ञा करें यानि कि अंग्रेजों को कहा। न मानें।
इस प्रकार गांधी जी की नमक यात्रा उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक बन गई।
प्रश्न 3. कल्पना कीजिए कि आप सिविल नाफरमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला हैं। बताइए कि इस अनुभव का आपके जीवन में क्या अर्थ होता?
उत्तर सिविल नाफ़रमानी आंदोलन में अनेक औरतों ने बड़े पैमाने पर भाग लिया। गांधी जी की बातों को सुनने के लिए औरतें अपने घरों से बाहर आ जाती थीं।
मैंने भी इस समय अनेक जुलूसों में हिस्सा लिया, नमक बनाया, विदेशी कपड़ों व शराब की दुकानों की पिकेटिंग की, मैं भी अन्य महिलाओं के साथ जेल गई। इस आंदोलन के दौरान मैंने यह अनभव किया कि शहरी क्षेत्रों में सभी वर्गों की महिलाओं ने भाग लिया परंतु इसमें उच्च जातियों की महिलाएं अधिक थीं जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पन्न किसान परिवार की महिलाओं ने अधिक भाग लिया।
इस दौरान मैंने पाया कि सभी राष्ट्रसेवा को अपना प्रथम कर्तव्य मानने लगे। हम महिलाओं में यह आत्मविश्वास जागा कि वे घर के अतिरिक्त राष्ट्रसेवा का दायित्व भी निभा सकती हैं।
परंतु कांग्रेस ने लंबे समय तक महिलाओं को उच्च पद नहीं दिए। उन्हें आंदोलनों में केवल प्रतीकात्मक उपस्थिति तक ही सीमित रखा।
प्रश्न 4. राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे?
उत्तर पृथक चुनाव प्रणाली का अभिप्राय ऐसे चुनाव क्षेत्रों से है जिनका निर्माण धर्म के आधार पर किया जाए अर्थात् एक धर्म का व्यक्ति केवल अपने धर्म के व्यक्ति को ही वोट देगा। अंग्रेजों ने भारत में फूट डालने के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्रों का निर्माण किया। अपने इस कार्य में अंग्रेज सरकार काफी हद तक सफल रही क्योंकि पृथक निर्वाचन क्षेत्रों पर भारतीय आपस में बँट गए
- कांग्रेस पृथक निर्वाचन पद्धति का विरोध कर रही थी। पहले अंग्रेजों ने केवल हिंदू और मुसलमानों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों की बात कही थी किंतु बाद में जब हरिजनों को भी हिंदुओं से अलग करके पृथक निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटने की बात कही जाने लगी तो कांग्रेस ने इसका खुलकर विरोध किया।
- दलितों के उद्धार में लगे बी.आर. अम्बेडकर दलितों के लिए पृथक निर्वाचन क्षेत्र चाहते थे। उनका मानना था कि उनकी सामाजिक अपंगता केवल राजनीतिक सशक्तिकरण से ही दूर हो सकती है।
- भारत को मुस्लिम समुदाय भी पृथक निर्वाचन क्षेत्रों के पक्ष में था। मुहम्मद अली जिन्ना का कहना था कि यदि मुसलमानों को केंद्रीय सभा में आरक्षित सीटें दी जाएँ और मुस्लिम बहुल प्रातों में मुसलमानों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जाए तो वे मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचिका की माँग छोड़ने के लिए तैयार हैं।
इस प्रकार इन बातों से पता चलता है कि पृथक निर्वाचन क्षेत्रों को लेकर भारतीयों में फूट पड़ गई थी। कांग्रेस पृथक निर्वाचन क्षेत्रों के खिलाफ थी जबकि दलित वर्ग तथा मुस्लिम वर्ग इसके पक्ष में थे। जिन्ना और अम्बेडकर जैसे नेता चाहते थे कि पृथक निर्वाचन पद्धति को लागू किया जाए जिससे दलितों और मुसलमानों को राजनीति में विशिष्ट स्थान प्राप्त हो सके जबकि गांधी जी इसके विरुद्ध थे। उनका कहना था कि पृथक निर्वाचन पद्धति से भारत के विभिन्न धर्मों के लोगों में रोष उत्पन्न होगा, उनकी एकता समाप्त हो जाएगी। इसलिए वे इसे स्वीकारने के पक्ष में नहीं थे।
परियोजना कार्य
प्रश्न 1. कीनिया के उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन का अध्ययन करें। भारत के राष्ट्रीय आंदोलन की तुलना कीनिया के स्वतंत्रता संघर्ष से करें।
उत्तर कीनिया की खोज सर्वप्रथम पुर्तगालियों ने की। 1498 में वास्को-डी-गामा मोम्बासा पहुँचा। इसके बाद समुद्री रास्ते से पुर्तगालियों ने कीनिया के साथ मसालों का व्यापार शुरू किया। 17वीं शताब्दी में ब्रिटिश, डच तथा अरबों ने भी इस क्षेत्र में आना शुरू किया और 1730 तक इन यूरोपीय शक्तियों ने पुर्तगालियों को कीनिया से बाहर कर दिया। 1885 में जर्मनों ने इस पर कब्जा किया और 1890 में इसके तटीय प्रदेश ब्रिटेन को सौंप दिए । अंग्रेजों ने कीनिया-यूगांडा रेलवे का निर्माण किया। इसका कुछ स्थानीय जनजातियों ने विरोध किया। 20वीं सदी के आरंभ में ब्रिटिश और अन्य यूरोपीय किसानों ने कॉफी और चाय की खेती करनी प्रारंभ कर दी। 30,000 श्वेत लोग यहाँ आकर बस गए और लाखों किकियू (स्थानीय जनजाति के लोग) भूमिहीन हो गए।
1952 से 1959 तक कीनिया आपातकालीन स्थिति में रहा तथा यहाँ माऊ-माऊ विद्रोह अंग्रेजों के खिलाफ पूरे जोरशोर से चला। यूरोप की गोरी जातियाँ कीनिया के अश्वेत लोगों को निम्न कोटि का मानती थी। इस सिद्धांत की तीव्र प्रतिक्रिया हुई और कीनिया में राष्ट्रवाद का प्रसार होने लगा। राष्ट्रवाद को मुख्य प्रेरणा जातीय समानता के सिद्धांत से मिली। पाश्चात्य संपर्क और पाश्चात्य साहित्य ने भी कीनिया के प्रबुद्ध लोगों में राष्ट्रवाद की भावना जगाई। किंतु 1956 तक माऊ-माऊ विद्रोह पूरी तरह कुचल दिया गया।
इस विद्रोह से यह सिद्ध हो चुका था कि कीनिया के लोग राष्ट्रवाद की भावना से भर चुके थे और उन्हें अधिक समय तक गुलाम नहीं बनाया जा सकता था।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कई अफ्रीकी देशों में स्वतंत्रता की लहर आई । विश्व युद्ध के कारण उपनिवेशी शक्तियाँ कमजोर पड़ चुकी थीं। परिणामस्वरूप कीनिया में भी 1957 में पहले प्रत्यक्ष चुनाव कराए गए। अंग्रेजों ने सोचा था कि वहाँ उदारवादियों को सत्ता सौंप दी जाएगी। किंतु ‘जीमो केनियाटा’ की पार्टी कीनिया अफ्रीकन नेशनल यूनियन (KANU) ने अपनी सरकार बना ली और 12 दिसम्बर 1963 को कीनिया आजाद हो गया।
भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन तथा कीनिया के स्वतंत्रता संघर्ष की तुलना
समानताएँ:
- दोनों ही देशों का साम्रज्यवादी शक्तियों ने शताब्दियों तक शोषण किया। अतः दोनों ही आर्थिक पिछड़ेपन और सामाजिक रूढ़िवादिता से पीड़ित रहें। दोनों ही देशों की राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक दुर्बलता का लाभ उठाकर यूरोपीय शक्तियों ने यहाँ उपनिवेशवाद और ‘नव-उपनिवेशवाद’ का प्रसार किया।
- दोनों ही देशों में राष्ट्रवाद की लहर फैली। दोनों ही देश उपनिवेशवाद व साम्राज्यवाद के विरोधी थे। दोनों देशों के । लोगों ने पूरी ताकत से उपनिवेशवादी शक्तियों का विरोध किया और अंत में इसमें सफलता पाई।
- अपने आर्थिक-सामाजिक विकास के लिए दोनों ही महाद्वीप विदेशी सहायता लेने के लिए विवश हो गए। अतः सहायता देने वाली शक्तियों को सहायता प्राप्त देशों में अपना राजनीतिक प्रभाव स्थापित करने के पर्याप्त अवसर मिलते रहते हैं।
असमानताएँ:
- भारत का राष्ट्रवाद कीनिया के मुकाबले अधिक परिपक्व था। भारत में राष्ट्रीय आंदोलन में समाज के सभी वर्गों ने भाग लिया। जातीय, भाषायी तथा धार्मिक आधार पर विभाजित सभी वर्ग राष्ट्रीयता के प्रश्न पर एकजुट हो गए। जबकि कीनिया में राष्ट्रीय आंदोलन स्थानीय जनजातियों द्वारा ही चलाए गए। जब इन स्थानीय जनजातियों को अपनी रोजी-रोटी छिनती नजर आई तो इन्होंने विद्रोह कर दिया। इनके विद्रोहों में वो एकता दिखाई नहीं देती जो भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के विद्रोहों में दिखती है।
- भारत में राष्ट्रीय आंदोलन अधिकांशतः अहिंसक तथा शांतिपूर्ण रहा केवल कुछ अपवादों को छोड़कर क्योंकि यहाँ राष्ट्रवादी नेता सुनियोजित कार्यक्रम चलाते थे। उनके पीछे राष्ट्रवाद की एक लंबी परंपरा की तथा महात्मा गांधी जैसे चमत्कारिक व्यक्तित्व के नेता थे जो अहिंसा के पुजारी थे। कुछेक अपवादों को छोड़ दें तो भारत का राष्ट्रीय आंदोलन उतना उग्र नहीं था जितना कीनिया का था। रंगभेद और कबीलेवाद की समस्याओं का सामना कीनिया को करना पड़ा। कीनिया के नेता भारतीय नेताओं की तुलना में अधिक उग्र रहे।
- भारत में राष्ट्रीय आंदोलन का कारण यहाँ के शिक्षित वर्ग द्वारा राष्ट्रीय चेतना का प्रसार करना था। यहाँ के प्रबुद्ध वर्ग ने फ्रांसीसी क्रांति, रूसी क्रांति आदि के समानता, स्वतंत्रता तथा न्याय जैसे विचारों को आम जनता तक पहुँचाया। भारत में शिक्षा का प्रसार कीनिया के मुकाबले अधिक था। इसलिए कीनिया में स्वतंत्रता, समानता और न्याय जैसे विचारों को फैलने में काफी समय लगा। वहाँ राष्ट्रवादी विचार देर से फैले।
इस प्रकार हमने देखा कि भारत और कीनिया के स्वतंत्रता संघर्ष में काफी समानताएँ थीं किंतु साथ ही काफी असमानताएँ भी थीं।
बहु विकल्पीय प्रश्न
1. निम्नलिखित में से किस समझौते ने प्रांतीय और केंद्रीय विधान परिषद में दलित वर्गों को सीटें दीं? [एआई 2012]
(a) लखनऊ समझौता
(b) गांधी-इरविन समझौता
(c) पूना समझौता
(d) इनमें से कोई नहीं
2. निम्नलिखित में से किस वायसराय ने अक्टूबर 1929 में भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस का अस्पष्ट प्रस्ताव घोषित किया था? [AI 2012]
(a) लॉर्ड माउंट बैटर
(b) लॉर्ड डलहौजी
(c) लॉर्ड इरविन
(d) इनमें से कोई नहीं
3. 1921 में गांधीजी द्वारा डिजाइन किए गए स्वराज ध्वज में निम्नलिखित में से कौन सा रंग संयोजन था? [एआई 2012]
(a) लाल, हरा और सफेद
(b) लाल, हरा और पीला
(c) नारंगी, सफेद और हरा
(d) पीला, सफेद और हरा
4. निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में सविनय अवज्ञा आंदोलन में दलितों की भागीदारी सीमित थी? [एआई 2012]
(a) महाराष्ट्र और नागपुर
(b) अवध और महाराष्ट्र
(c) बंगाल और पंजाब
(d) केरल और कर्नाटक
5. कांग्रेस द्वारा दलितों को लंबे समय तक नजरअंदाज क्यों किया गया? [एआई 2012]
(a) सनातनियों को नाराज करने का डर
(b) डॉ. बीआर अंबेडकर से डर
(c) समाजवाद से डर
(d) उद्योगपतियों से डर
6. निम्नलिखित में से कौन सा अधिनियम बागान श्रमिकों को बिना अनुमति के चाय बागान छोड़ने की अनुमति नहीं देता था? [एआई 2012]
(a) भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम
(b) 1859 का अंतर्देशीय उत्प्रवास अधिनियम
(c) क्षीण विधान परिषद अधिनियम
(d) अंतर्देशीय आप्रवास अधिनियम
7. निम्नलिखित में से किस वर्ष महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण जिले के किसानों को दमनकारी बागान प्रणाली के खिलाफ संघर्ष करने के लिए प्रेरित किया?
(a) 1916
(b) 1917
(c) 1918
(d) 1919
8. निम्नलिखित में से किस भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन में असहयोग आंदोलन के विचार को स्वीकार किया गया था?
(a) लाहौर अधिवेशन
(b) नागपुर अधिवेशन
(c) कलकत्ता (कोलकाता) अधिवेशन
(d) मद्रास (चेन्नई) अधिवेशन
9. गांधीजी ने असहयोग आंदोलन क्यों वापस ले लिया? [दिल्ली 2011]
(क) गांधीजी ने महसूस किया कि लोगों की आंदोलन में रुचि खत्म हो रही है।
(ख) गांधीजी को लगा कि आंदोलन कई जगहों पर हिंसक हो रहा है।
(ग) कुछ कांग्रेसी नेता प्रांतीय परिषदों के चुनावों में भाग लेना चाहते थे।
(घ) कुछ कांग्रेसी नेता अधिक उग्र जन आंदोलन चाहते थे।
10. अल्लूरी सीताराम राजू के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन गलत है? [दिल्ली 2011]
(a) उन्होंने दावा किया कि उनके पास विशेष शक्तियां हैं।
(b) वे असहयोग आंदोलन से प्रेरित थे।
(c) वे गांधीजी द्वारा समर्थित अहिंसा के सिद्धांत में विश्वास करते थे।
(d) उन्होंने लोगों को शराब छोड़ने के लिए राजी किया।
11. निम्नलिखित में से कौन सा कथन गांधी-इरविन समझौते से संबंधित नहीं है? [AI 2011]
(a) गांधीजी ने अंग्रेजों के खिलाफ आगे कोई जन आंदोलन शुरू नहीं करने पर सहमति व्यक्त की।
(b) गांधीजी ने गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने पर सहमति व्यक्त की।
(c) गांधीजी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को बंद करने का फैसला किया।
(d) ब्रिटिश राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के लिए सहमत हुए।
12. भारत में राष्ट्रवादी लोकगीतों और किंवदंतियों को इकट्ठा करने के लिए गाँवों का दौरा क्यों करते थे? निम्नलिखित में से सबसे उपयुक्त कारण चुनें: [AI 2011]
(a) राष्ट्रवादी अपनी संस्कृति का अध्ययन करना चाहते थे।
(b) राष्ट्रवादी इसे प्रकाशित करके पैसा कमाना चाहते थे।
(c) राष्ट्रवादियों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि इससे पारंपरिक संस्कृति की सच्ची तस्वीर मिलती थी।
(d) राष्ट्रवादी लोक संस्कृति को अक्षुण्ण रखना चाहते थे।
13. निम्नलिखित में से किसने 'वंदे मातरम' लिखा था? [विदेश 2011]
(a) अबनिंद्रनाथ टैगोर
(b) रवींद्रनाथ टैगोर
(c) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
(d) नटेसा शास्त्री
14. साइमन कमीशन के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य नहीं है? [विदेश 2011]
(a) इसे सर जॉन साइमन ने नियुक्त किया था।
(b) इसमें कोई भारतीय सदस्य नहीं था।
(c) भारत में सभी दलों ने इसका विरोध किया था।
(d) इसे भारत में संवैधानिक व्यवस्था की जांच के लिए स्थापित किया गया था।
15. जलियांवाला बाग की घटना किस शहर में हुई थी?
(a) अमृतसर
(b) आगरा
(c) मेरठ
(d) लाहौर
16. निम्नलिखित में से कौन सा गांधीजी द्वारा असहयोग आंदोलन को वापस लेने का कारण था?
(a) उनकी गिरफ्तारी
(b) चौरी-चौरा की घटना
(c) ब्रिटिश सरकार का दबाव
(d) गोलमेज सम्मेलन
17. पूमा स्वराज का प्रस्ताव किस अधिवेशन में अपनाया गया था?
(a) कराची कांग्रेस
(b) हरिपुर कांग्रेस
(c) लाहौर कांग्रेस
(d) लखनऊ कांग्रेस
18. साइमन कमीशन का बहिष्कार किया गया क्योंकि
(a) कमीशन में कोई भारतीय नहीं था
(b) इसने मुस्लिम लीग का समर्थन किया
(c) कांग्रेस को लगा कि लोग स्वराज के हकदार हैं
(d) सदस्यों के बीच मतभेद थे।
19. जलियांवाला बाग कांड कब हुआ था?
(a) 13 अप्रैल 1919
(b) 14 अप्रैल 1920
(c) 13 मार्च 1919
(d) 15 मार्च 1920
20. मद्रास की जस्टिस पार्टी (a) गैर-मुस्लिमों
(b) गैर-ब्राह्मणों
(c) गैर-तमिलों
(d) न्यायाधीशों की पार्टी थी
21. असहयोग आंदोलन के दौरान किसान आंदोलन का नेतृत्व किसने किया था?
(a) जवाहरलाल नेहरू
(b) गांधीजी
(c) बाबा रामचंद्र
(d) सरदार पटेल
22. बाबा रामचंद्र ने अवध में किसान आंदोलन का नेतृत्व किसके विरुद्ध किया?
(a) ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध
(b) अवध के शासक के विरुद्ध
(c) तालुकदारों के विरुद्ध
(d) साहूकारों के विरुद्ध
23. स्वराज पार्टी का गठन किसके द्वारा किया गया था?
(a) मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास
(b) सुभाष चंद्र बोस और सरदार पटेल
(c) जवाहरलाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद
(d) मोतीलाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद
24. सविनय अवज्ञा आंदोलन किस मुख्य मांग के साथ शुरू हुआ?
(a) अस्पृश्यता का उन्मूलन
(b) दहेज का उन्मूलन
(c) नमक कानून का उन्मूलन
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
25. निम्नलिखित में से किस स्थान पर गांधीजी ने नमक कानून का उल्लंघन करने के लिए समुद्र के पानी से नमक बनाया था?
(a) साबरमती
(b) वर्धा
(c) दांडी
(d) अहमदाबाद
26. निम्नलिखित में से किसने पेशावर में सविनय अवज्ञा आंदोलन का नेतृत्व किया?
(ए) लाला लाजपत राय
(बी) मौलाना अबुल कलाम आजाद
(सी) खान अब्दुल गफ्फार खान
(डी) जवाहरलाल नेहरू
27. गांधीजी ने दलितों को किस नाम से संबोधित किया था?
(a) अछूत
(b) शूद्र
(c) हरिजन
(d) अछूत
28. भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल की स्थापना कब हुई थी?
(a) 1926
(b) 1927
(c) 1928
(d) 1929
29. अल्लूरी सीताराम राजू क्यों प्रसिद्ध थे?
(a) उन्होंने आंध्र प्रदेश में आदिवासी किसानों के उग्रवादी आंदोलन का नेतृत्व किया।
(b) उन्होंने अवध में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया।
(c) उन्होंने बारदोली में सत्याग्रह आंदोलन का नेतृत्व किया।
(d) उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए एक संगठन की स्थापना की।
30. 1930 में दलितों को दलित वर्ग एसोसिएशन में किसने संगठित किया?
(a) सीताराम राजू
(b) डॉ. बी.आर. अंबेडकर
(c) महात्मा गांधी
(d) सरदार पटेल
31. 'वंदे मातरम' गीत किसके द्वारा लिखा गया था?
(a) बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय
(b) रवींद्रनाथ टैगोर
(c) शरत चंद्र
(d) नतेसा शास्त्री
32. निम्नलिखित में से कौन सी गांधीजी द्वारा समर्थित सत्याग्रह आंदोलन की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता थी?
(a) अस्पृश्यता का उन्मूलन
(b) सामाजिक समानता
(c) सत्य और अहिंसा
(d) बुनियादी शिक्षा
33. गांधीजी ने 1917 में गुजरात के खेड़ा जिले में सत्याग्रह का आयोजन क्यों किया?
(a) बागान मजदूरों का समर्थन करने के लिए।
(b) उच्च राजस्व मांग के खिलाफ विरोध करने के लिए।
(c) मिल मजदूरों की मांग को पूरा करने के लिए उनका समर्थन करने के लिए।
(d) किसानों के लिए ऋण की मांग करने के लिए।
34. गांधीजी ने 1919 में रौलट एक्ट के खिलाफ सत्याग्रह का आयोजन किया क्योंकि
(a) अधिनियम अन्यायपूर्ण था, जिसने भारतीयों को नागरिक अधिकारों से वंचित कर दिया।
(b) अधिनियम अंग्रेजों द्वारा पारित किया गया था।
(c) अधिनियम ने मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव किया।
(d) अधिनियम ने भारतीयों को शैक्षिक अधिकारों से वंचित कर दिया।
35. 1916 में चंपारण में सत्याग्रह क्यों आयोजित किया गया था?
(a) ब्रिटिश कानूनों का विरोध करने के लिए।
(b) बागान प्रणाली का विरोध करने के लिए।
(c) उच्च भूमि राजस्व का विरोध करने के लिए।
(d) मिल मजदूरों के उत्पीड़न का विरोध करने के लिए।
36. भारतीयों ने रौलट एक्ट का विरोध क्यों किया?
(a) इसने नमक कानून लागू किया।
(b) इसने भूमि पर कर बढ़ा दिए।
(c) इसने अंग्रेजों को बिना मुकदमा चलाए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने की शक्ति दे दी।
(d) इसने कांग्रेस पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया।
37. गांधीजी ने 1918 में अहमदाबाद मिल में सत्याग्रह क्यों आयोजित किया?
(a) कारखाने में खराब कामकाजी परिस्थितियों के खिलाफ विरोध करने के लिए।
(b) श्रमिकों के लिए उच्च मजदूरी की मांग करने के लिए।
(c) उच्च राजस्व मांग के खिलाफ विरोध करने के लिए।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
38. निम्नलिखित दो नेताओं में से किनने खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व किया?
(a) शौकत अली और मुहम्मद एएम
(b) गांधीजी और सरदार पटेल
(c) मुहम्मद अली जिन्ना और अबुल कलाम आज़ाद
(d) अबुल कलाम आज़ाद और जवाहरलाल नेहरू
39. बेगार से क्या तात्पर्य है?
(a) बेरोजगारी
(b) बिना भुगतान के जबरन श्रम
(c) भिक्षावृत्ति
(d) मामूली भुगतान पर काम करना
40. 'हिंद स्वराज' किसके द्वारा लिखी गई थी?
(a) अबुल कलाम आज़ाद के द्वारा
(b) महात्मा गांधी के द्वारा
(c) सरदार पटेल के द्वारा
(d) सुभाष चंद्र बोस के द्वारा
41. खलीफा शब्द का तात्पर्य किससे है?
(a) मुस्लिम देश का सुल्तान
(b) मुसलमानों का आध्यात्मिक नेता
(c) मुस्लिम राज्य का नवाब
(d) मुगल काल का बादशाह
42. सही उत्तर चुनें
1859 के अंतर्देशीय उत्प्रवास अधिनियम के तहत किसानों को
(a) अपने गांव छोड़ने की अनुमति नहीं थी
(b) शहर में बसने की अनुमति
नहीं थी (c) बिना अनुमति के अपने बागान छोड़ने की अनुमति नहीं
थी (d) महिलाओं को बिना अनुमति के खेत छोड़ने की अनुमति नहीं थी
43. महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस लेने का निर्णय क्यों लिया?
(a) नेता आंदोलन को अच्छी तरह से संगठित करने में असफल रहे
(b) लोगों में साहस की कमी थी
(c) आंदोलन हिंसक हो गया
(d) आंदोलन जारी रखने के लिए पर्याप्त व्यापक नहीं था
44. साइमन कमीशन को भारत क्यों भेजा गया था ?
(a) भारतीय संवैधानिक मामलों पर विचार करने और सुधार सुझाने के लिए
(b) भारतीय परिषद के सदस्यों को चुनने के लिए
(c) सरकार और कांग्रेस नेताओं के बीच विवादों को निपटाने के लिए
(d) एक सरकारी संगठन स्थापित करने के लिए
45. गोलमेज सम्मेलन इंग्लैंड में क्यों आयोजित किया गया था?
(a) भावी भारतीय संविधान के प्रावधानों पर चर्चा करने के लिए।
(b) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए।
(c) भारतीयों को रियायतें देने के लिए।
(d) भारत में कृषि के सुधार के लिए योजनाएँ बनाने के लिए।
46. भारतमाता की पहली छवि किसके द्वारा चित्रित की गई थी?
(a) रवींद्रनाथ टैगोर
(b) अवनींद्रनाथ टैगोर
(c) रवि वर्मा
(d) नंदलाल बोस
47. निम्नलिखित में से किस आंदोलन के दौरान महिलाओं ने पहली बार बड़ी संख्या में भाग लिया?
(a) स्वदेशी और बहिष्कार आंदोलन
(b) असहयोग आंदोलन
(c) सविनय अवज्ञा आंदोलन
(d) भारत छोड़ो आंदोलन
48. आंध्र प्रदेश में गुडेम पहाड़ियों के आदिवासी किसानों द्वारा किस प्रकार का आंदोलन चलाया गया था?
(a) सत्याग्रह आंदोलन
(b) उग्रवादी गुरिल्ला आंदोलन
(c) अहिंसक आंदोलन
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
49. निम्नलिखित में से कौन सा भारत में राष्ट्रवाद के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है?
(a) ब्रिटिश प्रशासनिक सुधार।
(b) रेलवे की शुरूआत।
(c) सामाजिक सुधार।
(d) ब्रिटिश शासन के तहत औपनिवेशिक शोषण।
50. जनरल डायर ने जलियाँवाला बाग में शांतिपूर्ण भीड़ पर गोलियाँ क्यों चलाईं?
सबसे महत्वपूर्ण कारक बताइए:
(a) भारतीयों को दंडित करने के लिए।
(b) सैन्य कानून तोड़ने का बदला लेने के लिए।
(c) भारतीयों के मन में भय और खौफ की भावना पैदा करने के लिए।
(d) भीड़ को तितर-बितर करने के लिए।
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