Advertica

 अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी | Space Technology



अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science) या एयरोस्पेस इंडस्ट्री द्वारा स्पेस फ्लाइट, उपग्रहों या अंतरिक्ष अन्वेषण में उपयोग हेतु विकसित प्रौद्योगिकी है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के अंतर्गत मुख्य रूप से अंतरिक्ष यानों, कृत्रिम उपग्रहों, अंतरिक्ष स्टेशनों, अंतरिक्ष अनुसंधान में आवश्यक संरचनाओं का विकास आदि सम्मिलित हैं। मौसम पूर्वानुमान, रिमोट सेंसिंग, जी.पी.एस. सिस्टम, सैटेलाइट टेलीविजन, लॉन्ग डिसटेंस कम्यूनिकेशन सिस्टम इत्यादि स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर के अंतर्गत ही आते हैं। विज्ञान के अन्य क्षेत्र, जैसे- भूविज्ञान, खगोल विज्ञान, मौसम विज्ञान और समुद्र विज्ञान भी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के लाभ से वंचित नहीं रहे हैं।

अंतरिक्ष (Space)

खगोल विज्ञान के अनुसार अंतरिक्ष एक विशाल त्रि-विमीय (Three-Dimensional-3D) क्षेत्र है, जो पृथ्वी के वायुमंडल की समाप्ति की सीमा से आरंभ होता है। सामान्यतः अंतरिक्ष को उस निम्नतम ऊँचाई से आरंभ हुआ माना जाता है, जिस ऊँचाई पर कोई उपग्रह पृथ्वी के वातावरण में बिना गिरे एक उचित समय तक अपनी कक्षा को बनाए रख सकता है।

• अंतरिक्ष के आरंभ की कोई सर्वमान्य सीमा अभी तक निर्धारित नहीं की जा सकी है, फिर भी परंपरागत रूप से अंतरिक्ष संधियों तथा एयरोस्पेस रिकॉर्ड रखने के लिये समुद्र तल से 100 किमी. (62 मील) की ऊँचाई पर निर्धारित 'कारमन रेखा' (Karman Line-An Imaginary Line) का उपयोग किया जाता है।

• कारमन रेखा को फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनल (Federation Aeronautique Internationale-FAI) द्वारा मान्यता प्राप्त है। FAI वैमानिकी (Aeronautics) और अंतरिक्ष विज्ञान के लिये अंतर्राष्ट्रीय
मानक का निर्धारण तथा अभिलेखीकरण करने वाली संस्था है। इसे 'द वर्ल्ड एयर स्पोर्ट्स फेडरेशन' के नाम से भी जाना जाता है।

• आधुनिक भौतिक-विज्ञानी (Physicists) अंतरिक्ष को त्रि-विमीय (3D) न मानकर चार-विमीय (4D) मानते हैं, जिसमें समय (काल) को चौथा विमा माना जाता है। इस त्रि-विमीय अंतरिक्ष (Space) तथा समय (Time) के संयोजन को 'स्पेस टाइम' (Space Time) कहते हैं।

• स्पेस टाइम, एक गणितीय मॉडल, जो स्पेस तथा टाइम को एक ही विचार (Single Idea) में जोड़ता है, जिसे सातत्य (Continuum) कहते हैं। इस चार-विमीय सातत्य को 'मिकोवस्की स्पेस' (Minkowski Space) के नाम से भी जाना जाता है।

बाह्य अंतरिक्ष संधि (Outer Space Treaty)

• इस संधि का पूरा नाम "ट्रीटी ऑन प्रिंसिपल्स गवर्निंग द एक्टीविटीज ऑफ स्टेट्स इन द एक्सप्लोरेशन एंड यूज ऑफ आउटर स्पेस, इन्क्लूडिंग द मून एंड अदर सेलेस्टिएल बॉडीज़" है। यह चंद्रमा और अन्य खगोलीय पिंडों सहित बाह्य अंतरिक्ष के अन्वेषण और उपयोग हेतु भागीदार राष्ट्रों के क्रियाकलापों को निर्धारित करने वाली संधि है। यह संधि अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष कानून के मूल कानूनी ढाँचे का प्रतिनिधित्व करती है। यह पृथ्वी की कक्षा में, बाह्य अंतरिक्ष में कहीं अन्यत्र, चंद्रमा पर या किसी खगोलीय/आकाशीय पिंडों पर व्यापक विनाश के हथियार रखने से भागीदार राष्ट्रों को रोकती है।

• इस संधि पत्र पर सर्वप्रथम संयुक्त राज्य अमेरिका, सोवियत संघ और ब्रिटेन ने हस्ताक्षर किये। 10 अक्तूबर, 1967 से यह संधि प्रभावी हुई। जनवरी 2020 तक विश्व के 110 देशों ने इस संधि पत्र पर अनुसमर्थन सहित हस्ताक्षर कर दिये हैं। 23 अन्य देशों ने हस्ताक्षर तो कर दिये हैं, लेकिन पूर्ण अनुसमर्थन प्राप्त नहीं कर सके हैं।
Previous Post Next Post