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 Bihar Board Class 12 Chemistry Solutions Chapter 9 उपसहसंयोजन यौगिक

Bihar Board Class 12 Chemistry उपसहसंयोजन यौगिक Text Book Questions and Answers

पाठ्यनिहित प्रश्न एवं उनके उत्तर

प्रश्न 9.1
निम्नलिखित उपसहसंयोजन यौगिकों के सूत्र लिखिए:

  1. टेट्राऐम्मीनडाइऐक्वाकोबाल्ट (III) क्लोराइड
  2. पोटैशियम टेट्रासायनोनिकिलेट (II)
  3. ट्रिस (एथेन – 1, 2 – डाइऐमीन) क्रोमियम (III) क्लोराइड
  4. ऐम्मीनब्रोमिडोक्लोरिडोनाइट्रिटो – N – प्लैटिनेट (II)
  5. डाइक्लोरोबिस (एथेन – 1, 2 – डाइऐमीन) प्लैटिनम (IV) नाइट्रेट
  6. आयरन (III) हेक्सासायनोफेरेट (II)

उत्तर:

  1. [Co(NH3)4(H2O)2]Cl3
  2. K2[Ni(CN)4]
  3. [Cr(en)3]Cl3
  4. [Pt(NH3) BrCl(NO2)]
  5. [PtCl2(en)2] (NO3)2
  6. Fe4[Fe(CN)6]3

प्रश्न 9.2
निम्नलिखित उपसहसंयोजन यौगिकों के IUPAC नाम लिखिए –

  1. [Co(NH3)6]Cl3
  2. [Co(NH3)5Cl]Cl2
  3. K3[Fe(CN)6]
  4. K3[Fe(C2O4)3]
  5. K2[PaCl4]
  6. [Pt(NH3)2 CI(NH2CH3)]Cl

उत्तर:

  1. हेक्साऐम्मीनकोबाल्ट (III) क्लोराइड
  2. पेन्टाऐम्मीनक्लोरिडोकोबाल्ट (III) क्लोसइड
  3. पोटैशियम हेक्सासायनोफेरेट (III)
  4. पोटैशियम ट्राइऑक्सेलेटोफेरेट (III)
  5. पोटैशियम टेट्राक्लोरिडोपैलेडेट (II)
  6. डाइऐम्मीनक्लोरिडो (मेथिलऐमीन) प्लैटिनम (II) क्लोराइड।

प्रश्न 9.3
निम्नलिखित संकुलों द्वारा प्रदर्शित समावयवता का प्रकार बतलाइए तथा इन समावयवों की संरचनाएँ बनाइए:

  1. K[Cr(H2O)2 (C2O4)2]
  2. [Co(en)3] Cl3
  3. [Co(NH3)5(NO2)](NO3)2
  4. [Pt(NH3)(H2O)Cl2]

उत्तर:
(i) (क) सिस के लिए ज्यामितीय (सिस – ट्रान्स) तथा प्रकाशिक समावयव हो सकते हैं –

(ख) सिस के प्रकाशिक समावयव (d- तथा l-)

(ii) दो प्रकाशिक समावयव हो सकते हैं।

(iii) आयनन समावयव:
दस समावयव सम्भव हैं (ज्यामितीय, आयनन तथा बन्धनी समावयव सम्भव हैं)।
[Co(NH3)5(NO2)](NO3)2, [Co(NH3)5(NO3)] (NO2)(NO3)

बन्धनी समावयव:
[Co(NH3)5(NO2)] (NO3)2, [Co(NH3)5 (ONO)] (NO3)2

(iv) ज्यामितीय समावयव (सिस-, ट्रान्स-) हो सकते हैं।

प्रश्न 9.4
इसका प्रमाण दीजिए कि [Co(NH3)5Cl] SO4 तथा [Co(NH3)5SO4]Cl आयनन समावयव हैं।
उत्तर:
आयनन समावयव जल में घुलकर भिन्न आयन देते हैं, इसलिए विभिन्न अभिकर्मकों से भिन्न – भिन्न अभिक्रियाएँ करते हैं।
[Co(NH35Cl)SO4 + Ba2+ → BaSO4(s)
[Co(NH3)5SO4] + Ba2+ → कोई अभिक्रिया नहीं
[Co(NH3)5Cl]SO4 + Ag+ → कोई अभिक्रिया नहीं
[Co(NH3)SO4]Cl + Ag+ → AgCl(s)

प्रश्न 9.5
संयोजकता आबन्ध सिद्धान्त के आधार पर समझाइए कि वर्ग समतलीय संरचना वाला [Ni(CN)4]2- आयन प्रतिचुम्बकीय है तथा चतुष्फलकीय ज्यामिति वाला [NiC4]2- आयन अनुचुम्बकीय है।
उत्तर:
[Ni(CN)4]2- का चुम्बकीय व्यवहार (Magnetic behaviour of [Ni(CN)4]2-: Ni का परमाणु क्रमांक 28 है। Ni, Ni2+ तथा [Ni(CN)4]2- में निकिल की अवस्था के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित हैं:

संकरण संकुल आयन [Ni(CN)4]2- प्रतिचुम्बकीय है, चूंकि इसमें अयुगलित इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।

[NiCl4]2- का चुम्बकीय व्यवहार (Magnetic behaviour of [NiCl42-): इसमें Cl दुर्बल क्षेत्र लिगेण्ड है तथा यह इलेक्ट्रॉनों का युग्मन नहीं करता है।

संकुल आयन Co[NiCl4]2- में इसके d – उपकोश में अयुगलित इलेक्ट्रॉन होते हैं, इसलिए यह अनुचुम्बकीय होता है।

प्रश्न 9.6
[NiCl4]2- अनुचुम्बकीय है, जबकि [Ni(CO)4] प्रतिचुम्बकीय है यद्यपि दोनों चतुष्फलकीय हैं।
उत्तर:
[Ni(CO)4] में निकिल शून्य ऑक्सीकरण अवस्था में है, जबकि [NiCl4]2- में यह +2 ऑक्सीकरण अवस्था में है। Co लिगेण्ड की उपस्थिति में निकिल के अयुगलित d – इलेक्ट्रॉन युगलित हो जाते हैं, परन्तु Cl दुर्बल लिगेण्ड होने के कारण अयुगलित इलेक्ट्रॉनों को युगलित करने योग्य नहीं होता है। चूँकि [Ni(CO)4] में कोई अयुगमित इलेक्ट्रॉन नहीं है, अतः यह प्रतिचुम्बकीय है और [NiCl4]2- में अयुगमित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण यह अनुचुम्बकीय होता है।

प्रश्न 9.7
[Fe(H2O6)]3+ प्रबल अनुचुम्बकीय है, जबकि [Fe(CN)6]3- दुर्बल अनुचुम्बकीय। समझाइए।
उत्तर:
CN (एक प्रबल लिगेण्ड) की उपस्थिति में, 3d – इलेक्ट्रॉन युगलित होकर केवल एक अयुगलित इलेक्ट्रॉन छोड़ते हैं। d2sp3 संकरण आन्तरिक कक्षक संकुल बनाता है, इसलिए [Fe(CN)6]3- दुर्बल अनुचुम्बकीय होता है। H2O (एक दुर्बल लिगेण्ड) की उपस्थिति में 3d – इलेक्ट्रॉन युगलित नहीं होते। संकरण sp3d2 है जो बाह्य कक्षक संकुल, जिसमें पाँच अयुगलित इलेक्ट्रॉन होते हैं, बनाता है, इसलिए [Fe(H2O)6]3+ प्रबल अनुचुम्बकीय होता है।

प्रश्न 9.8
समझाइए कि [Co(NH3)6]3+ एक आन्तरिक कक्षक संकुल है, जबकि [Ni(NH3)6]2- एक बाह्य कक्षक संकुल है।
उत्तर:
NH3 की उपस्थिति में 3d – इलेक्ट्रॉन युग्मित होकर दो रिक्त d – कक्षक छोड़ते हैं जो [Co(NH3)6]2+ की स्थिति में आन्तरिक कक्षक संकुल बनाने वाले d2sp3 संकरण में सम्मिलित होते हैं।

Ni(NH3)6]2+ में निकिल +2 ऑक्सीकरण अवस्था में है तथा इसका d8 विन्यास है। इसमें बाह्य कक्षक संकुल बनाने वाला sp3d2 संकरण सम्मिलित होता है।

प्रश्न 9.9
वर्ग समतली [Pt(CN)4]2- आयन में अयुगलित इलेक्ट्रॉन की संख्या बतलाइए।
उत्तर:
तत्व 78Pt वर्ग 10 में स्थित है तथा इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 5d9 6s1 है। अत: Pt2+ का विन्यास d8 है।

वर्ग समतली संरचना के लिए संकरण dsp2 होता है। चूँकि 5d में अयुगलित इलेक्ट्रॉन युगलित होकर रिक्त dsp2 कक्षक संकरण के लिए एक रिक्त कर देते हैं अतः इसमें अयुगलित इलेक्ट्रॉन नहीं है।

प्रश्न 9.10
क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धान्त को प्रयुक्त करते हुए समझाइए कि कैसे हेक्साऐक्वा मैंगनीज (II) आयन में पाँच अयुगलित इलेक्ट्रॉन हैं, जबकि हेक्सासायनो आयन में केवल एक ही अयुगलित इलेक्ट्रॉन है।
उत्तर:
उत्तर-ऑक्सीकरण अवस्था +2 में Mn का विन्यास 3d5 होता है। लिगण्ड के रूप में H2O की उपस्थिति में इन पाँच इलेक्ट्रॉनों का वितरण t32ge2g होते हैं अर्थात् उच्च प्रचक्रण संकुल के कारण सभी इलेक्ट्रॉन अयुगलित रह जाते हैं। लिगेण्ड के रूप में CN की उपस्थिति में इन इलेक्ट्रॉन का वितरण t52ge0g है अर्थात् दो t2g कक्षकों में युगलित इलेक्ट्रॉन है, जबकि तीसरे t2g कक्षक में एक अयुगलित इलेक्ट्रॉन होता है।

प्रश्न 9.11
[Cu(NH3)4]2+ संकुल आयन के β4 का मान 2.1 × 1013 है, इस संकुलन के समग्र वियोजन स्थिरांक के मान की गणना कीजिए।
गणना:
समग्र वियोजन स्थिरांक, समग्र स्थायित्व स्थिरांक का व्युत्क्रम होता है।

= 4.7 × 10-14

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