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 Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 20 परिवहन तथा संचार

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 20 परिवहन तथा संचार

→ परिवहन का अर्थ, महत्त्व एवं तत्त्व

  • परिवहन वह व्यवस्था है, जिसमें यन्त्रों तथा संगठनों द्वारा मनुष्य और मालभार को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया जाता है।
  • यदि कृषि एवं उद्योग को देश के आर्थिक जीवन का शरीर और हड्डियाँ माना जाए, तो परिवहन को इस आर्थिक ढाँचे की स्नायु प्रणाली माना जा सकता है।
  • परिवहन तन्त्र में चार तत्त्व शामिल हैं
    (1) उद्गम, (2) गन्तव्य, (3) मार्ग, और (4) वाहक।

→ परिवहन के साधन
परिवहन के महत्त्वपूर्ण साधनों को निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया जा सकता है –
Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 20 परिवहन तथा संचार 1

→ 1. स्थल परिवहन

  • सड़क, रेल व पाइप लाइन स्थल परिवहन के प्रमुख साधन हैं।
  • (i) सड़क परिवहन-भारत का सड़क जाल विश्व के विशालतम
    सड़क-जालों में से एक है। इसकी कुल लम्बाई 42.3 लाख किमी (2008-09) है। सड़क परिवहन के विकास का प्रथम गम्भीर प्रयास 1943 में ‘नागपुर योजना’ बनाकर किया गया। भारत में सड़कों की दशा सुधारने के लिए एक ‘बीसवर्षीय सड़क योजना’ (1961) में
    आरम्भ की गई।

→ भारत में सड़कों का वर्गीकरण (प्रकार)

  1. राष्ट्रीय महामार्ग
  2. राज्य महामार्ग
  3. जिला सड़कें
  4. ग्रामीण , सड़कें
  5. अन्य सड़कें, एवं
  6. अन्तर्राष्ट्रीय सड़कें।

→ राष्ट्रीय महामार्ग विकास परियोजनाएँ
(1) स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना, एवं (2) उत्तर-दक्षिण तथा पूर्व-पश्चिम गलियारा।

  • (ii) रेल परिवहन-भारतीय रेल जाल विश्व के सर्वाधिक लम्बे जालों में से एक है। भारतीय रेल
    की स्थापना सन् 1853 में हुई तथा मुम्बई (बम्बई) से थाणे के बीच 34 किमी लम्बी रेल लाइन निर्मित की गई। भारतीय रेल जाल की कुल लम्बाई 64,460 किमी (31 मार्च, 2011 तक) है। भारतीय रेलवे को 16 मण्डलों में विभक्त किया गया है।
  • रेलवे पटरी की चौड़ाई के आधार पर भारतीय रेलवे के तीन वर्ग बनाए गए हैं (1) बड़ी लाइन (1.616 मीटर), (2) मीटर लाइन (1 मीटर), एवं (3) छोटी लाइन (0.762 मीटर या 0.610 मीटर)।
  • कोंकण रेलवे-सन् 1998 में कोंकण रेलवे का निर्माण। यह महाराष्ट्र, गोवा एवं कर्नाटक राज्य से सम्बन्धित है।

→ 2. जल परिवहन-जल परिवहन, परिवहन का सबसे सस्ता साधन है तथा भारी एवं स्थूल सामग्री के परिवहन के लिए सर्वाधिक उपयुक्त है।

  • जल परिवहन दो प्रकार का होता है … (1) अन्तः स्थलीय जलमार्ग तथा (2) महासागरीय जलमार्ग।
  • देश में राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास, अनुरक्षण तथा नियमन हेतु 1986 में अन्त:स्थलीय जलमार्ग प्राधिकरण स्थापित किया गया था।

→ महासागरीय मार्ग
भारत के पास द्वीपों सहित लगभग 7,517 किमी लम्बा व्यापक समुद्री तट है। यहाँ 12 प्रमुख तथा 185 गौण पत्तन हैं।

→ 3. वायु परिवहन

  • वायु परिवहन, परिवहन का तीव्रतम एवं सबसे महँगा साधन है। इसने दूरियों को कम कर दिया है। भारत में वायु परिवहन की शुरुआत सन् 1911 में हुई, जब इलाहाबाद से नैनी तक की 10 किमी की दूरी हेतु वायु डाक प्रचालन सम्पन्न किया गया था।
  • राष्ट्रीयकरण के बाद भारत में वायु परिवहन का प्रबन्धन दो निगमों-एयर इण्डिया और इण्डियन एयरलाइन्स द्वारा किया जाता है।
  • एयर इण्डिया, अन्तर्राष्ट्रीय एवं इण्डियन एयरलाइन्स, राष्ट्रीय वायु सेवाएँ प्रदान करता है।

→ तेल एवं गैस पाइप लाइन

  • पाइप लाइनें गैसों एवं तरल पदार्थों के लम्बी दूरी तक परिवहन हेतु अत्यधिक सुविधाजनक एवं सक्षम प्रणाली है।
  • भारत में सर्वप्रथम पाइप लाइन असम में तेल परिवहन के लिए बनाई गई।
  • भारतीय गैस प्राधिकरण लि० की स्थापना सन् 1984 में की गई थी। यह देश में 4,500 किमी लम्बी पाइप लाइनों का संचालन करता है।
  • गैस के परिवहन के लिए देश की सबसे लम्बी हजीरा-विजयपुर-जगदीशपुर (HJV) गैस पाइप लाइन का निर्माण किया गया है। इसकी लम्बाई 1,750 किमी है। यह विश्व की सबसे लम्बी भूमिगत
    पाइप लाइन है।

→ संचार जाल

  • एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश अथवा सूचना पहुँचाने की व्यवस्था को ‘संचार’ कहते हैं।
  • संचार के साधनों के दो वर्ग हैं
    (1) वैयक्तिक संचार जाल तथा (2) सार्वजनिक संचार जाल।

→ जनसंचार तन्त्र

  1. रेडियो-भारत में रेडियो का प्रसारण सन् 1923 में ‘रेडियो क्लब ऑफ बॉम्बे’ द्वारा प्रारम्भ किया गया था। सन् 1930 में इण्डियन ब्रॉड कास्टिंग सिस्टम के अन्तर्गत रेडियो को अपने नियन्त्रण में ले लिया। सन् 1936 में इसे ऑल इण्डिया रेडियो और सन् 1957 में आकाशवाणी में बदला गया।
  2. टेलीविजन-वर्तमान में टेलीविजन संचार का सबसे प्रभावशाली तथा सक्षम साधन बन गया है। दूरदर्शन का पहला कार्यक्रम 15 सितम्बर, 1959 को नई दिल्ली में स्थित आकाशवाणी भवन के अस्थायी स्टूडियो में किया गया था।

→ उपग्रह संचार

  • उपग्रह, संचार की स्वयं में एक विधा है और ये संचार के अन्य साधनों का भी नियमन करते हैं।
  • उपग्रह से प्राप्त चित्रों का मौसम के पूर्वानुमान, प्राकृतिक आपदाओं की निगरानी, सीमा क्षेत्रों की
    चौकसी आदि के लिए उपयोग किया जा सकता है।
  • भारत की उपग्रह प्रणाली को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है
    (1) INSAT एवं (2) IRS.
  • INSAT (इनसैट) की स्थापना सन् 1983 में हुई थी। यह एक बहुउद्देश्यीय उपग्रह प्रणाली है।
  • हैदराबाद स्थित नेशनल रिमोट सेंसिंग सेन्टर (NRSC) आँकड़ों के अधिग्रहण एवं प्रक्रमण की सुविधा उपलब्ध कराती है।

→ परिवहन-परिवहन वह व्यवस्था है, जिसमें यन्त्रों तथा संगठनों द्वारा मनुष्य और माल-भार को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचाया जाता है।

→ उद्गम-वह बिन्दु है, जहाँ से यातायात शुरू होता है।

→ गन्तव्य-वह बिन्दु है, जहाँ यातायात समाप्त होता है।

→ मार्ग-वह तल है, जिस पर आवागमन होता है।

→ वाहक-वह वाहन है, जो यात्रियों और सामान को ढोता है।

→ स्वर्ण चतुष्कोण परम राजमार्ग निर्माणाधीन छह गलियों के परम राजमार्ग जो देश के एक भाग को अन्य भागों से जोड़ते हैं।

→ राष्ट्रीय महामार्ग-वे सड़कें जो राज्यों की राजधानी को मिलाती हैं।

→ राज्य महामार्ग–अपने राज्य के अन्दर प्रमुख नगरों को मिलाने वाली सड़कें।

→ सड़कों का घनत्व-प्रति 100 वर्ग किमी क्षेत्रफल के अनुपात में सड़क मार्ग की लम्बाई।

→ पृष्ठ प्रदेश-पत्तन के आस-पास का वह स्थल क्षेत्र जिसकी उत्पादित वस्तुएँ उस पत्तन से निर्यात की जाती हैं तथा आयातित वस्तुएँ उस क्षेत्र में वितरित की जाती हैं।

→ कर्दम (गाद स्लरी)-ठोस पदार्थों को बारीक करके पानी मिलाकर बनाया गया गाढ़ा पदार्थ।

→ जिला सड़कें-ये सड़कें जिला मुख्यालयों को जिले के अन्य महत्त्वपूर्ण स्थानों से मिलाती हैं।

→ संचार तन्त्र-एक स्थान से दूसरे स्थान पर सूचना अथवा संदेश भेजने या प्राप्त करने की विस्तृत व्यवस्था।

→ उपग्रह संचार—कृत्रिम उपग्रह स्वयं में संचार की विधा तो है ही, ये संचार के अन्य साधनों का भी नियमन करते हैं।

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