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 Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 10 मानव बस्तियाँ

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 10 मानव बस्तियाँ


→ मानव बस्ती

  • मानव बस्ती का अध्ययन मानव भूगोल का मूल है क्योंकि किसी भी क्षेत्र में बस्तियों का रूप उस क्षेत्र के वातावरण से मानव का सम्बन्ध दर्शाता है।
  • एक स्थान जो साधारणतया स्थायी रूप से बसा हुआ हो, उसे ‘मानव बस्ती’ कहते हैं।
  • बस्ती स्थायी और अस्थायी हो सकती है।

→ बस्तियों का वर्गीकरण-ग्रामीण व नगरीय

  • नगरों/शहरों में निवासियों का मुख्य व्यवसाय द्वितीयक एवं तृतीयक गतिविधियों से सम्बन्धित है।
  • गाँवों में रहने वाले निवासियों का मुख्य व्यवसाय प्राथमिक गतिविधियों जैसे कृषि, मछली पकड़ना, लकड़ी काटना, खनन कार्य, पशुपालन इत्यादि से सम्बन्धित होता है।
  • ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में अन्तर. उनके द्वारा सम्पन्न कार्यों के आधार पर किया जाता है।

→ बस्तियों के प्रकार एवं प्रतिरूप

  • • आकृति के आधार पर बस्तियों के दो प्रकार हैं
    1. संहत बस्ती-इन बस्तियों में मकान एक-दूसरे के समीप बनाए जाते हैं। ये बस्तियाँ नदी घाटियों के सहारे या उपजाऊ मैदानों में होती हैं।
    2. प्रकीर्ण बस्ती-इन बस्तियों में मकान दूर-दूर होते हैं तथा प्रायः खेतों के द्वारा अलग होते हैं।
  • आर्थिक कार्यों की प्रकृति के आधार पर बस्तियों के दो प्रकार हैं
    1. ग्रामीण बस्ती-ग्रामीण बस्ती के निवासी अधिकांशतया प्राथमिक गतिविधियों में लगे होते हैं; जैसे–कृषि, पशुपालन
      एवं मत्स्य पालन आदि।
    2. नगरीय बस्ती-नगरीय बस्ती के निवासी अधिकांशतया गैर-कृषि कार्यों में लगे होते हैं।

→ ग्रामीण बस्तियों को प्रभावित करने वाले कारक
(1) जलापूर्ति, (2) भूमि, (3) उच्च भूमि के क्षेत्र, (4) गृह निर्माण सामग्री, (5) सुरक्षा, एवं (6) नियोजित बस्तियाँ।

→  ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप

  • विन्यास के आधार पर-मैदानी ग्राम, पठारी ग्राम, तटीय ग्राम, वन ग्राम एवं मरुस्थलीय ग्राम।
  • कार्य के आधार पर—कृषि ग्राम, मछुआरों के ग्राम, लकड़हारों के ग्राम, पशुपालक ग्राम आदि।
  • बस्तियों की आकृति के आधार पर-रेखीय, आयताकार, वृत्ताकार, तारे के आकार की, ‘टी’, ‘वाई’, ‘क्रॉस’ के आकार की, चौकपट्टी एवं दोहरे ग्राम आदि।

→   ग्रामीण बस्तियों की समस्याएँ (1) जलापूर्ति की समस्या, (2) स्वच्छता का अभाव, (3) कच्चे मकान, (4) संवातन की कमी,
(5) सड़कों एवं आधुनिक संचार के साधनों का अभाव, एवं (6) भूमि अधिग्रहण आदि।

→ नगरीय बस्तियों के वर्गीकरण के आधार
(1) जनसंख्या का आकार, (2) व्यावसायिक संरचना, एवं (3) प्रशासनिक निर्णय।

→   नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण किए जाने वाले विशेष अथवा प्रमुख कार्यों के आधार पर नगरों को निम्नलिखित कार्यों में बाँटा जा सकता है–(1) प्रशासनिक नगर, (2) व्यापारिक एवं व्यावसायिक नगर, (3) सांस्कृतिक नगर, (4) स्वास्थ्य एवं मनोरंजन नगर, (5) औद्योगिक नगर, (6) खनन नगर, एवं (7) परिवहन नगर आदि।

→ आकृति के आधार पर नगरों के प्रकार
(1) रेखीय, (2) वर्गाकार, (3) तारे के आकार या अर्द्धचन्द्राकार (चापाकार)।

→ नगरीय बस्तियों के प्रकार
(1) नगर, (2) शहर, (3) मिलियन सिटी, (4) सन्नगर, एवं (5) विश्वनगरी।

→ विकासशील देशों में मानव बस्तियों की समस्याएँ
(1) रोजगार का अभाव, (2) नागरिक सुविधाओं का अभाव, (3) गन्दी बस्तियाँ, एवं (4) अवैध बस्तियाँ
आदि।

→   नगरीय बस्तियों की समस्याएँ
(1) अनधिकृत एवं मलिन बस्तियाँ, (2) आर्थिक समस्याएँ, (3) सार्वजनिक सुविधाओं की समस्याएँ, … (4) पर्यावरण सम्बन्धी समस्याएँ, एवं (5) सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएँ।

→ बस्तियाँ-मानव अधिवास जिनमें एक से अधिक मकान हों। ये मुख्यतया दो प्रकार की होती हैं (1) ग्रामीण एवं (2) नगरीय।

→ स्थल-किसी नगर अथवा भवन-बस्ती द्वारा अधिकृत वास्तविक भूमि क्षेत्र।

→  स्थिति-वृहत्तर परिवेश के सन्दर्भ में किसी ग्राम अथवा नगर की अवस्थिति।

→ ग्रामीण जनसंख्या-जनसंख्या जो ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।

→ नगरीय जनसंख्या-किसी नगरीय क्षेत्र में रहने वाले लोग।

→ ग्रामीण बस्ती-ग्रामीण बस्ती के लोग प्राथमिक क्रियाकलाप में संलग्न होते हैं।

→ नगरीय बस्ती-नगरीय बस्ती के लोग गैर-कृषि कार्यों में संलग्न होते हैं।

→ संहत बस्ती-सीमित क्षेत्र में बसी सघन बस्ती।

→ प्रकीर्ण बस्ती-दूर-दूर तक बिखरी मानव बस्ती।

→ आयताकार बस्तियाँ-वे बस्तियाँ जिनकी योजना आयताकार होती है।

→  त्रिभुजाकार बस्तियाँ-वे बस्तियाँ जो त्रिभुज के रूप में दिखाई देती हैं, क्योंकि ये रेलवे लाइन, सड़क या नदियों आदि के मिलन स्थल पर बनी होती हैं।

→  तारक बस्तियाँ-वे बस्तियाँ जिनका प्रतिरूप तारे के समान दिखाई देता है।

→ प्रतिरक्षा नगर-नगर जो सैन्य गतिविधियों के केन्द्र होते हैं।

→  व्यापारिक नगर-नगर जिनका व्यापारिक महत्त्व है।

→  नगरीकरण-ग्रामीण जनसंख्या की नगरीय जनसंख्या में परिवर्तन की प्रक्रिया।

→  अवैध बस्ती-निजी भूमि खरीदने के स्थान पर जब लोग किसी और की जमीन अथवा खाली पड़ी सार्वजनिक भूमि पर घर बना लेते हैं।

→ मलिन बस्ती-यह घना बसा नगरीय आवास क्षेत्र जिसमें अस्वच्छ घर होते हैं, जिनमें समाज के कमजोर वर्गों के लोग रहते हैं तथा जिनमें सामाजिक विघटन की प्रवृत्तियाँ पायी जाती हैं।

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