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 Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 4 जलवायु और अनुकूलन

BSEB Bihar Board Class 7 Science Solutions Chapter 4 जलवायु और अनुकूलन

Bihar Board Class 7 Science जलवायु और अनुकूलन Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
इस कथन को पढ़े और सही उत्तर दें –

(i) इनमें से कौन मौसम के घटक नहीं है –
(A) पवन
(B) तापमान
(C) आर्द्रता
(D) पहाड़
उत्तर:
(D) पहाड़

(ii) उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में पाये जाने वाले जन्तु हैं –
(A) ध्रुवीय भालू
(B) पैग्विन
(C) रेनडियर
(D) कस्तूरी मृग
उत्तर:
(B) पैग्विन

(iii) ध्रुवीय क्षेत्र में पाये जाने वाले जन्तु हैं –
(A) टूकन पक्षी
(B) हाथी
(C) लायन टेल्ड लंगर
(D) ध्रुवीय भालू
उत्तर:
(D) ध्रुवीय भालू

(iv) वैसे जन्तु जिनके शरीर पर बालों (फर) की दो मोटी परतें होती हैं वे पाये जाते हैं –
(A) उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र
(B) रेगिस्तान
(C) ध्रुवीय क्षेत्र
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(C) ध्रुवीय क्षेत्र

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(i) दीर्घ अवधि के मौसम का औसत …………. कहलाता है।
(ii) वर्ष भर सूर्योदय और सूर्यास्त के …………. में परिवर्तन होता है।
(iii) तापमान आर्द्रता आदि …………. के घटक हैं।
उत्तर:
(i) ऋतुएँ
(ii) जलवायु
(iii) मौसम ।

प्रश्न 3.
उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में रहने वाले हाथी किस प्रकार अनुकूलित है ?
उत्तर:
हाथी घास और पेड़ों के पत्ते खाते हैं। पर्याप्त घास की मात्रा सभी मौसम में प्राप्त नहीं होते । हाथी के सूंड लम्बे होते हैं। टहनियों के पत्ते ताड़कर मुंह में डालने के लिए अनुकूलित है। हाथी का आकार बड़ा होने के कारण शरीर की सतह पर वाष्पन नहीं होता। हाथी के कान बड़ा होता है। त्वचा पतली होती है। हाथी हमेशा कान हिलाता रहता है ताकि शरीर का तापमान नियत्रित करता है। अफ्रिकन हाथी का कान और बड़े होते हैं क्योंकि वहाँ अधिक गर्मी पड़ती है। इस प्रकार हाथी अपने को अनुकूलित करते हैं।

प्रश्न 4.
मौसम और जलवायु में से किसमें तेजी से परिवर्तन होता है ?
उत्तर:
प्रतिदिन हम प्रकृति में परिवर्तन देखते हैं। सूर्य को उदय और अस्त होते देखते हैं। तेज हवा का चलना, बिजली चमकना, वर्षा होना, फूलों का खिलना । इस प्रकार हम देखते हैं कि मौसम का परिवर्तन तेजी से होता है। किसी स्थान पर तापमान, आर्द्रता, वर्षा, पवन वेग आदि के संदर्भ में वायुमण्डल की दिन-प्रतिदिन की स्थिति उस स्थान का मौसम कहलाती है।

जलवायु लम्बी अवधि में लिये गये मौसम के आँकड़ों पर आधारित प्रतिरूप उस स्थान का जलवायु है। जलवाय मानसून पर निर्भर करता है। जलवायु पर दो तरह के मौसमी हवाओं का प्रभाव पड़ता है। उत्तर पूर्वी मानसून और दक्षिण पश्चिम मानसून । मानसून तेजी से परिवर्तन नहीं होता है।

Bihar Board Class 7 Science जलवायु और अनुकूलन Notes

प्रतिदिन प्रकृति में परिवर्तन होता है। सूर्य का निकलना, डूबना, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना, दिन रात होना, वर्षा होना, तुफान आना, फूलों का खिलना इत्यादि। ये सभी परिवर्तन हमारे दैनिक जीवन को किसी न किसी रूप में प्रभावित करते हैं। अत: किसी स्थान पर तापमान, आर्द्रता, वर्षा, पवन वेग में प्रतिदिन का परिवर्तन उस स्थान का मौसम कहलाता है। किसी भी स्थान का मीसम प्रतिदिन बदलता रहता है। कभी गर्म तो कभी ठंडा । प्रतिदिन आर्द्रता और तापमान में परिवर्तन होता है । भिन्न-भिन्न स्थानों का आर्द्रता और तापमान भिन्न-भिन्न होता है। तापमान, आर्द्रता ओर अन्य कारक मोसम के घटक हैं। हमारे देश में जलवायु उष्णकटिबंधीय है जो मानसन पर निर्भर करती है।

हमारे यहाँ चार ऋतुएँ होती हैं –
(i) शीत ऋतु
(ii) ग्रीष्म ऋतु
(iii) वर्षा ऋतु
(iv) वसंत ऋतु ।

हमारे यहाँ उत्तर पूर्वी और दक्षिण पश्चिम मानसून हवाओं का प्रभाव पड़ता है। उत्तर पूर्वी मानसून को शीत मानसून कहा जाता है । जिस स्थान का तापमान ज्यादा समय उच्च रहता है उस स्थान की जलवायु गर्म होती है और प्राय: दिनों में वर्षा होती है। जीव-जन्तु विभिन्न क्षेत्रों एवं अलग-अलग जलवायु के अनुसार पाये जाते हैं। ऊँट की शारीरिक रचना, मरुस्थलीय प्रदेशों की जलवायु के अनुसार रचनात्मक अनुकूलन है। पृथ्वी के दो ध्रुव, उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव, ध्रुवीय क्षेत्रों में जलवाय सर्द होती है। ध्रुवीय क्षेत्रों में सूर्यास्त और सुर्योदय छ: माह के अन्तराल में होता है। तापमान-37°C तक हो जाता है। हमारा देश उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में पड़ता है। ध्रुवीय क्षेत्र में पाये जाने वाले जन्तु पैग्विन है। मछलियाँ, कस्तुरी-मृग, रेनडियर, लोमड़ी, सील और अनेक प्रकार के पक्षी हैं। पक्षियाँ प्रवासी होते हैं। साइबेरियाई, केन भारत के राजस्थान और हरियाणा में प्रवास के लिए आते हैं। उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र की जलवायु गर्म और नम रहती है।

हमारा इसी क्षेत्र में पड़ता है। यहाँ भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव-जंतु पाये जाते हैं। वनों की संख्या अधिक है। भौगोलिक कारणों के कारण हमारे देश में बहुत विविधता पायी जाती है। जैसे वर्षा वन पतक्षरवन, शुष्क शोतोष्ण वन, शंकुधारी वन और मरुभूमि बन। भिन्न-भिन्न वनों में भिन्न-भिन्न प्रकार के जीव जन्त और वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। भारतीय उप महाद्वीप में बंदरों की कई प्रजातियाँ पायी जाती हैं। हनुमान, लंगूर भारतीय बंदरों में सबसे अधिक पाये हैं। इस प्रकार का बन्दर कन्याकुमारी से हिमालय की तराई क्षेत्र तक आर्द्र राजस्थान के रेगिस्तान. से उत्तर-पश्चिम की घनी वर्षा वनों तक सभी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसके लम्बे हाथ, लम्बी पंछ, छोटा अंगूठा और लम्बे पैर होते हैं। वर्षा वनों में जीवित रहने के लिए यह पूर्णतः अनुकूलित हैं। ये तरह-तरह की चीजें खाते हैं। इनका भोजन फल फूल और नयी पनियाँ हैं। ये उछल-कूद करते रहते हैं। चारों पेरों पर चलते हैं। ये हमेशा टालियों में रहना पसंद करते हैं। ये सभी जगह रह सकते हैं। भारतीय जंगलों में एशियाई हाथी पाये जाते हैं, ये मौसम, जलवायु और पर्यावरण के प्रभाव के कारण इनमें अनुकूलन देखने को मिलता है। ये घास तथा पेड़ों के पत्ते खाते हैं। हाथी कान हिलाकर अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है।

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