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 JAC Board Jharkhand Class 10th Social Science Geography Solutions chapter - 4 - कृषि

JAC Board Jharkhand Class 10th Social Science Geography Solutions chapter - 4 - कृषि

                        समकालीन भारत 

                                    कृषि

                           वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नांकित में से कौन-सा उस कृषि प्रणाली को दर्शाता है जिसमें एक ही फसल लंबे-चौड़े क्षेत्र में उगाई जाती है ?

(a) स्थानांतरी कृषि,

(b) बागवानी,

(c) रोपण कृषि,

(d) गहन कृषि ।
                   उत्तर-(c)

प्रश्न 2. इनमें से कौन-सी रबी फसल है ?
(a) चावल,

(b) चना,

(c) मोटे अनाज,

(d) कपास ।
                      उत्तर-(b)

प्रश्न 3. निम्नांकित में कौन-सी एक फलीदार फसल है ?
(a) दालें,

(b) ज्वार तिल,

(c) मोटे अनाज,

(d) तिल ।
                  उत्तर-(a)

प्रश्न 4. सरकार निम्नांकित में से कौन-सी घोषणा फसलों को सहायता देने के लिए करती है ?
(a) अधिकतम सहायता मूल्य,

(b) मध्यम सहायता मूल्य,

(c) न्यूनतम सहायता मूल्य,

(d) प्रभावी सहायता मूल्य ।
                                      उत्तर-(c)

प्रश्न 5. कर्त्तन दहन प्रणाली कृषि को मणिपुर में कहा जाता है-
(a) स्थानांतरी,

(b) झूम,

(c) दीपा,

(d) पामलू।
                उत्तर-(d)

प्रश्न 6. रोपण कृषि फसल का उदाहरण है-
(a) चाय,

(b) कपास,

(c) गेहूँ,

(d) बाजरा 
               उत्तर-(a)

प्रश्न 7. भारत में चाय का प्रमुख उत्पादक राज्य है-
(a) मणिपुर,

(b) असम,

(c) केरल,

(d) बिहार।
                   उत्तर-(b)

प्रश्न 8. रबी फसल का उदाहरण नहीं है-
(a) चावल,

(b) गेहूँ,

(c) चना,

(d) सरसों ।
                 उत्तर-(a)

प्रश्न 9. निम्नांकित में से कौन-सा फसल रेशेदार फसल नहीं है ?
(a) जूट,

(b) सन,

(c) कपास,

(d) रबर ।
               उत्तर-(d)

प्रश्न 10. निम्न में कौन-सी एक रेशेदार फसल है ?
(a) टमाटर,

(b) कॉफी,

(c) कपास/ जूट,

(d) रबड़ ।
                उत्तर-(c)

प्रश्न 11. निम्न में से किस पेय फसल में भारत विश्व का अग्रणी उत्पादक और निर्यातक है ?
(a) चाय,

(b) दही,

(c) कॉफी,

(d) दालें।
              उत्तर-(a)

प्रश्न 12. रेशम उत्पादन के लिए रेशम के कीड़ो को पालना क्या कहलाता है ?
(a) फलोरीकल्चर,

(b) सेरी कल्चर,

(c) हार्टीकल्चर,

(d) एग्रीकल्चर ।
                        उत्तर-(b)

प्रश्न 13. गन्ने का प्रमुख उत्पादक राज्य है-
(a) उत्तर प्रदेश,

(b) कर्नाटक,

(c) बिहार,

(d) पंजाब।
                 उत्तर-(a)

प्रश्न 14. किस फसल को सुनहरा रेशा भी कहा जाता है ?
(a) कहवा,

(b) कपास,

(c) जूट,

(d) रबड़
               उत्तर-(c)

प्रश्न 15. खरीफ फसल का उदाहरण नहीं है-
(a) चावल,

(b) मक्का,

(c) बाजरा,

(d) चना ।
               उत्तर- (d)

प्रश्न 16. निम्नांकित में से कौन-सी फसल दक्कन पठार के शुष्कतर भागों में काली मिट्टी में उगाई जाती है ?
(a) रबड़,

(b) कपास,

(c) गेहूँ,

(d) चावल।
                 उत्तर-(b)

प्रश्न 17. निम्नांकित में से किसके साथ 'ऑपरेशन फ्लड' लागू हुआ ?
(a) हरित क्रांति,

(b) श्वेत क्रांति,

(c) नीली क्रांति,

(d) औद्योगिक क्रांति ।
                                 उत्तर-(b)

प्रश्न 18. निम्नांकित में से कौन-सी खरीफ फसल है ?
(a) चना,

(b) चावल,

(c) गेहूँ,

(d) दलहन।
                    उत्तर-(b)

प्रश्न 19. भारत की दो प्रमुख खाद्यान फसलें कौन-सी हैं ?
(a) चावल और गेहूँ,

(b) गेहूँ और मक्का,

(c) चावल और बाजरा,

(d) मक्का और चना ।
                               उत्तर-(a)

* कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों को भरें-

प्रश्न 1. कर्त्तन दहन प्रणाली को उत्तर-पूर्वी राज्यों में.......रूप में जाना जाता है (झूम / पामलू)
उत्तर- झूम

प्रश्न 2. ज्वार, बाजरा और रागी भारत में उगाए जाने वाले महत्त्वपूर्ण.......है (मोटे अनाज / नकदी फसले)
 उत्तर- मोटे अनाज

प्रश्न 3. भारत में........राज्य सबसे अधिक गन्ना उत्पन्न करता है। (बिहार / उत्तर प्रदेश)
उत्तर- उत्तर प्रदेश

प्रश्न 4. विश्व में......देश तिलहन उत्पादन में अग्रणी है। (भारत/ अमेरिका) 
उत्तर- भारत

प्रश्न 5. कर्त्तन दहन प्रणाली कृषि को झारखण्ड में......कहा जाता है। (दीपा / कुरुवा)
उत्तर- कुरूवा

                     अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. भारत की किन्हीं दो कृषि ऋतुओं के नाम लिखें।
उत्तर- (क) रबी,

(ख) खरीफ।

प्रश्न 2. भारत की तीन प्रमुख खरीफ फसलों के नाम बताएँ ।
उत्तर- चावल, कपास और मक्का (ज्वार, बाजरा, मूँगफली आदि)

प्रश्न 3. भारत की तीन प्रमुख रबी फसलों के नाम बताएँ ।
उत्तर- गेहूँ, जौ और चना।

प्रश्न 4. भारत की प्रमुख रेशेदार फसलों के नाम बताएँ।
उत्तर- कपास, सन और जूट।

प्रश्न 5. भारत की तीन नकदी फसलों के नाम बताएँ।
उत्तर- गन्ना, तम्बाकू और रबड़ ।

प्रश्न 6. भारत की तीन पीने वाली फसलें कौन-सी हैं ?
उत्तर- चाय, काफी और कोको।

प्रश्न 7. भारत की तीन फलीदार फसलें कौन-सी हैं ?
उत्तर- अरहर, चना और मटर।

प्रश्न 8. भारत में चावल पैदा करने वाले कौन-कौन से राज्य हैं ?
उत्तर- पश्चिमी बंगाल और उसके पश्चात् उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और तमिलनाडु आदि ।

प्रश्न 9. भारत के तीन महत्त्वपूर्ण गेहूँ उत्पादक राज्यों के लिखें ।
उत्तर- पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश ।

प्रश्न 10. भारत में किस फसल की उपज संसार में सबसे अधिक होती है ?
उत्तर- ज्वार, बाजरा और रागी (Millets)।

प्रश्न 11. महाराष्ट्र में किस प्रकार की मिट्टी पाई जाती है ?
उत्तर- कपास वाली काली मिट्टी अथवा रेगड़ मिट्टी ।

प्रश्न 12. चाय की उपज में भारत का संसार में कौन-सा स्थान है ?
उत्तर- पहला ।

प्रश्न 13. चाय उत्पादक दो राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- (क) असम,

(ख) दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल) ।

प्रश्न 14. दक्षिण भारत में कहवा मुख्यतः किस राज्य में उगाया जाता है ?
उत्तर- कॉफी या कहवा अधिकतर कर्नाटक (तमिलनाडु और केरल आदि) में होता है।

प्रश्न 15. रबड़ पैदा करने वाले क्षेत्रों के नाम लिखें।
उत्तर- केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु ।

प्रश्न 16. कपास की काली मिट्टी का दूसरा क्या नाम है ?
उत्तर- रेगड़ मिट्टी ।

प्रश्न 17. भारत में कौन-सा राज्य सबसे अधिक गन्ना उत्पन्न करता है ?
उत्तर- उत्तर प्रदेश।

प्रश्न 18. उस राज्य का नाम लिखें जिसने भारत में हरित क्रांति
उत्तर- पंजाब ।

प्रश्न 19. उस राज्य का नाम लिखें जहाँ की कपास एक मुख्य फसल है।
उत्तर- गुजरात।

प्रश्न 20. भारत में मसाला उत्पादक तीन राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु ।

प्रश्न 21. भारत में तम्बाकू उत्पादक चार राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश एवं गुजरात ।

प्रश्न 22. भारत के दो प्रमुख जूट उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ।
उत्तर- पश्चिमी बंगाल और असम ।

प्रश्न 23. भारत के दो अग्रणी गन्ना उत्पादक राज्यों के नाम बताएँ ।
उत्तर- उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ।

प्रश्न 24. गहन कृषि क्या है ?
उत्तर- वह खेती जिसमें अधिक उत्पादन के लिए प्रति इकाई भूमि पर पूँजी और श्रम का अधिक मात्रा में विनियोग किया जाता है।

प्रश्न 25. भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में कर्त्तन तथा दहन प्रणाली को क्या कहा जाता है ?
उत्तर- झूम।

प्रश्न 26. कर्त्तन दहन प्रणाली कृषि भारत के निम्नांकित प्रदेशों में किन नामों से जाना जाता है-
दक्षिण पूर्वी राज्य, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार, झारखंड, मणिपुर।
उत्तर- दक्षिण पूर्वी राज्य- वालरे ।

छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार दीपा।

झारखण्ड- कुरुवा ।

मणिपुर- पालमू।

प्रश्न 27. उपभोक्ताओं को किन दो वर्गों में बाँटा गया है ?
उत्तर- (क) गरीबी रेखा से नीचे (BPL),

(ख) गरीबी रेखा से ऊपर (APL) ।

प्रश्न 28. किसानों के लाभ के लिए भारत सरकार ने कौन-सी योजना शुरू की है ?
उत्तर- (क) किसान क्रेडिट कार्ड,

(ख) व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना ।

प्रश्न 29. खरीफ फसल किसे कहते हैं ?
उत्तर- खरीफ फसलें मानसून के आगमन पर बोयी जाती है तथा सितंबर-अक्टूबर में काटी जाती है। उदाहरण- चावल, मक्का, बाजरा, कपास।

प्रश्न 30. भारत में झूम खेती किए जाने वाले चार राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- असम, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा ।

प्रश्न 31. भारत में उपजाए जाने वाले किन्हीं चार रोपण फसलों के नाम लिखें।
उत्तर- रबर, कॉफी, गन्ना, केला ।

                      लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. रोपण कृषि क्या है ?
उत्तर- बड़े पैमाने पर की जाने वाली एक फसली कृषि जिसमें कारखानों के समान उत्पादन और पूँजी निवेश होता है और कृषि में कच्चे माल के संसाधन में तथा तैयार माल के विपणन में आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग होता है, उसे रोपण कृषि कहते हैं। रोपण कृषि के अंतर्गत आने वाली फसलें- रबर, चाय, कॉफी, गन्ना, कोको, केला, नारियल, मसाले आदि हैं।

प्रश्न 2. आत्मनिर्वाह (प्रारंभिक जीवन निर्वाह) कृषि क्या है ?
उत्तर- वह कृषि जिसमें उत्पादित सभी उपजें उसी क्षेत्र में ही खप जाती हैं, जहाँ वे पैदा की जाती है, अर्थात् किसान अपनी स्थानीय खपत हेतु ही फसलें उगा पाता है, उसे निर्वाह कृषि कहते हैं। सामान्यतः खाद्यान्न फसलें ही निर्वाह-कृषि में उगाई जाती हैं। निर्वाह-कृषि में निर्यात का उद्देश्य निहित नहीं है।

प्रश्न 3. भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का क्या महत्व है ?
उत्तर- भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्व-

(क) भारत की आधी आबादी से अधिक जनता कृषि पर आधारित है। भारत की लगभग 70% जनसंख्या कृषि कार्य में लगी हुई है।

(ख) भारत की राष्ट्रीय आय का एक तिहाई भाग कृषि से प्राप्त होता है।

(ग) भारतीय कृषि के उत्पाद के निर्यात से भारत को काफी विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।

प्रश्न 4. भारत की तीन कृषि ऋतुओं का नाम लिखें साथ ही उन ऋतुओं में उपजाई जाने वाली फसलों को लिखें।
उत्तर- भारत की तीन कृषि ऋतुएँ-

(क) रबी- गेहूँ, जो, मटर, चना और सरसों

(ख) खरीफ- चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, तुर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन ।

(ग) जायद– तरबूज, खरबूज, खीरा, सब्जियाँ और चारे की फसल।

प्रश्न 5. 'कर्तन दहन प्रणाली' (स्थानांतरित) कृषि क्या है ?
उत्तर- किसान जमीन के टुकड़े को साफ करके उन पर अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए अनाज एवं अन्य खाद्य फसलें उगाते हैं। जब मृदा की उर्वरता कम हो जाती है तो किसान उस भूमि के टुकड़े से स्थानांतरित हो जाते हैं और कृषि के लिए भूमि का दूसरा टुकड़ा साफ करते हैं।

प्रश्न 6. मोटे अनाज से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- मोटे अनाज (मिलेट) से तात्पर्य है पहाड़ी, पथरीली या कम उपजाऊ भूमि पर उगाई जानेवाली फसलें, जिनमें कुछ खाद्यान्न हैं और कुछ चारे की फसलें। ज्वार, बाजरा, रागी (मडुआ) और मकई की गिनती मोटे अनाजों में की जाती है।

प्रश्न 7. खाद्य सुरक्षा नीति का प्राथमिक उद्देश्य क्या है ?
उत्तर- खाद्य सुरक्षा नीति का प्राथमिक उद्देश्य सामान्य लोगों की खरीद सकने योग्य कीमतों पर खाद्यान्नों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। इससे निर्धन भोजन प्राप्त करने में समर्थ हुए हैं। इस नीति का केन्द्र कृषि उत्पादन में वृद्धि और भंडारों को बनाए रखने के लिए चावल और गेहूँ की अधिक प्राप्ति के लिए समर्थन मूल्य को निर्धारित करना है।

प्रश्न 8. एक पेय फसल का नाम बताएँ तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।
                           अथवा,
चाय की कृषि के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का वर्णन करें एवं इसके चार प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- चाय पेय फसल है, इसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ निम्नांकित हैं-
(क) इसकी कृषि हेतु लेटेराइट मिट्टी वाली ढालू भूमि उत्तम होती है।

(ख) इसके लिए कुशल एवं सस्ते श्रमिकों की आवश्यकता होती है।

(ग) इसके लिए 20°C से 30°C तापमान आवश्यक होता है।

(घ) 150 से०मी० से 200 से०मी० वार्षिक वर्षा इसके लिए उपयुक्त होती है।

चाय के चार प्रमुख उत्पादक राज्य-
(क) असम, 

(ख) प० बंगाल, 

(ग) तमिलनाडु, 

(घ) केरल ।

प्रश्न 9. कहवा (कॉफी) को उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दें।
उत्तर- कहवा पेय फसल है, इसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियाँ निम्नांकित हैं-

(क) कहवा के लिए उपजाऊ लेटराइट भूमि, 150 से 200 से०मी० वर्षा तथा 15° से 28° से०ग्रे० ताप तथा सस्ती मजदूरी की आवश्यकता है।

(ख) कहवा पैदा करने वाले मुख्य राज्य केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु आदि हैं।

प्रश्न 10. भारत की दो खाद्य फसल का नाम बताएँ और जहाँ यह पैदा की जाती है उन क्षेत्रों का विवरण दें।
अथवा, चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें।
उत्तर- भारत की दो मुख्य खाद्य फसलें हैं- चावल और गेहूँ।

चावल की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियाँ-

(क) चावल के लिए उष्ण और आर्द्र जलवायु बहुत अनुकूल है।

(ख) इसके लिए औसत वार्षिक वर्षा 100 से०मी० से अधिक और तापमान 24°C से अधिक होना चाहिए।

(ग) दोमट उपजाऊ मिट्टी जिसमें काफी समय तक पानी इकट्ठा रह सके, इस फसल के लिए बहुत उपयोगी है। भूमि समतल होनी चाहिए। नदी घाटियों और डेल्टा प्रदेशों में पाई जानी वाली जलौढ़ मिट्टी चावल के लिए आदर्श
होती है।

(घ) इसलिए चावल अधिकतर पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में खूब उगता है।

गेहूँ-

(क) गेहूँ के लिए बोते समय ठंडी और आर्द्र जलवायु अनुकूल है किन्तु पकते समय मौसम शुष्क और उष्ण होना चाहिए।

(ख) गेहूँ के लिए औसत वर्षा 75 से 100 सेमी० के बीच होनी चाहिए। सर्दियों में हल्की वर्षा या सिंचाई की सुविधाएँ उपलब्ध होने से उत्तम फसल प्राप्त हो सकती है।

(ग) इसके लिए दोमट मिट्टी बहुत उपयुक्त है। गेहूँ अधिकतर उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार आदि के क्षेत्रों में होती है।

प्रश्न 11. सरकार द्वारा किसानों के हित में किए गए संस्थागत सुधार कार्यक्रमों की सूची बनाएँ।
उत्तर- (क) सरकार द्वारा किसानों के लिए कई संस्थागत सुधार कार्यान्वित किए गए। हरित क्रांति, ऑपरेशन फ्लड जैसे कार्यक्रम ।

(ख) छोटी जोतों की चकबंदी।

(ग) रेडियों और दूरदर्शन द्वारा किसानों को नई तकनीकी सुविधाओं की जानकारी देना।

(घ) फसल बीमा, ग्रामीण बैंक योजना तथा लघुस्तरीय सहकारी समितियों का गठन।

(ङ) फसलों के न्यूनतम निर्धारित मूल्यों की घोषणा करना।

प्रश्न 12. भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव का वर्णन करें।
उत्तर- भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के पड़ने वाला प्रभाव-

(क) भारत में निर्वाह कृषि के साथ-साथ व्यापारिक कृषि का तेजी से विकास हुआ है। आज भारतीय किसान उसी फसल के उत्पादन पर बल देता है जिससे उसे अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

(ख) कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए आधुनिक कृषि यंत्रों तथा नई तकनीकों का प्रयोग होने लगा है। जिससे फसलों के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है।

(ग) वैश्वीकरण से भारत के कई कृषि उत्पाद के निर्यात में वृद्धि हुई है।

(घ) उत्तम बीजों के प्रयोग से कृषि उत्पादनों की गुणवत्ता बढ़ गई है। अतः किसान को अपने उत्पादन का पहले से कहीं अधिक मूल्य प्राप्त होने लगा है।

प्रश्न 13. भारतीय कृषि की चार विशेषताएँ लिखें।
उत्तर- भारतीय कृषि की चार विशेषताएँ निम्नाकित हैं-

(क) उत्पादन में खाद्य पदार्थों की अधिकता रहती है।

(ख) खेती में पशु मुख्य भूमिका निभाते हैं।

(ग) भारतीय कृषि मानसूनी वर्षा पर निर्भर रहती है।

(घ) यहाँ एक तिहाई जोत छोटे आकार के हैं।

प्रश्न 14. भारतीय कृषि के पिछड़ेपन के चार कारण लिखें।
उत्तर- (क) प्रकृति पर अधिक निर्भरता- भारतीय कृषि मुख्यतः मानसून पर निर्भर करती है। भारी वर्षा होने से बाढ़ आ जाती है तथा कम वर्षा होने से अकाल पड़ जाता है।

(ख) पुरानी तकनीक तथा भूमि पर आर्थिक दबाव- हमारे किसान अभी भी पुराने उपकरणों का उपयोग करते हैं। वह बहुत गरीब हैं तथा नये तकनीक तथा उपकरण नहीं खरीद सकते। दूसरा हमारे देश को 67 प्रतिशत जनसंख्या प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कृषि पर निर्भर करती है।

(ग) छोटी जोतें- पीढ़ी दर पीढ़ी भूमि विभाजन के कारण खेतों का विखंडन हुआ तथा जोतों का आकार छोटा हुआ। जिसका आर्थिक रूप से नुकसान हुआ।

(घ) अपर्याप्त ऋण तथा बिक्री संबंधी सुविधाएँ- व्यापारिक स्तर पर कृषि को बड़ी मात्रा में पूँजी की आवश्यकता होती है, जो कि भारत में उपलब्ध नहीं है। भंडारण की भी समस्या है। बिक्री संबंधी समस्याएँ भी हैं। निजी व्यापारियों द्वारा किसानों का शोषण भी किया जाता है ।

प्रश्न 15. आत्मनिर्वाह कृषि की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर- आत्मनिर्वाह कृषि की प्रमुख विशेषताएँ-

(क) आत्मनिर्वाह कृषि में भूमि का आकार काफी छोटा होता है।

(ख) आत्मनिर्वाह कृषि का ढंग परंपरागत होता है अर्थात् इसमें हल तथा अन्य पुराने औजारों का इस्तेमाल किया जाता है।

(ग) आत्मनिर्वाह कृषि में संलग्न कृषक गरीब होते हैं।

(घ) आत्मनिर्वाह कृषि में आधुनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों का प्रयोग नहीं किया जाता है।

(ङ) इसमें सिंचाई की उन्नत व्यवस्था का अभाव होता है तथा किसान सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर होते हैं। आत्मनिर्वाह कृषि में उत्पादकता का स्तर काफी निम्न होता है।

प्रश्न 16. कपास की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का वर्णन करें एवं इसके प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- कपास की खेती के लिए निम्नांकित भौगोलिक दशाएँ है-

(क) उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी या काली मिट्टी, काली मिट्टी में सिंचाई की जरूरत नहीं होती और वह उपजाऊ हुआ करती है।

(ख) उष्ण या समशीतोष्ण जलवायु, जिसमें ग्रीष्मकालीन तापमान 25°C और 50 से०मी० से 100 से०मी० वर्षा हो, वर्षा के अभाव में सिंचाई की सुविधा हो। फसल तैयार होते समय खुला मौसम आवश्यक है।

(ग) सस्ते और कुशल श्रमिकों की उपलब्धि (कपास की ढेढ़ियाँ तोड़ने और उनसे कपास निकालने के लिए।)

भारत में कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य- गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब व हरियाणा भारत के प्रमुख कपास उत्पादक राज्य हैं।

प्रश्न 17. गन्ना की खेती के लिए उपयुक्त भौगोलिक परिस्थितियों का वर्णन करें। गन्ना के प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- गन्ने के उत्पादन के लिए निम्न स्थितियाँ आवश्यक मानी जाती हैं-

(क) जलवायविक दशाएँ-

(i) तापमान- इसकी अच्छी उपज के लिए 25°C से 35°C का तापमान आदर्श माना जाता है।

(ii) वर्षा - इसे 100 से०मी० से 150 सेंमी० के बीच वर्षा जल की आवश्यकता होती है। कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई द्वारा कृषि करना अनिवार्य होता है।

(ख) मृदा- इसकी कृषि के लिए गहरी उपजाऊ चिकनी या दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है। दक्षिण भू-भाग में काली लावायुक्त मिट्टी भी इसके उत्पादन के लिए अच्छी रहती है।

भारत में गन्ने के प्रमुख उत्पादक राज्य-
महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार व हरियाणा भारत के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य हैं।

गन्ने के प्रमुख उत्पादक देश-
भारत, क्यूबा, ब्राजील, मैक्सिको, पाकिस्तान, चीन, इंडोनेशिया, थाइलैंड, आस्ट्रेलिया ।

प्रश्न 18. गेहूँ और मोटे अनाज को उगाने हेतु आवश्यक भौगौलिक दशाओं का वर्णन करें। इनके प्रमुख उत्पादक राज्यों के नाम लिखें।
उत्तर- भारत रबी फसलों का प्रमुख उत्पादक देश है। यहाँ गेहूँ एवं मोटे अनाज की खेती के लिए सभी भौगोलिक दशाएँ उपलब्ध है। यही कारण है कि मोटे अनाज एवं गेहूँ के उत्पादन में भारत विश्व के निर्यातक देशों में है।

प्रमुख भौगौलिक दशाएँ-

जलवायु- ऊष्ण मानसूनी,

तापमान - 15°C बोआई के समय, 20°C कटाई के समय,

वर्षा- पाला रहित, तीव्र आँधी रहित, 75 cm अथवा पर्याप्त सिंचाई की
व्यवस्था ।

 मिट्टी- उपजाऊ दोमट मिट्टी

प्रमुख उत्पादक राज्य-
सर्वाधिक उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, बिहार।

प्रश्न 19. हरित क्रांति का तात्पर्य क्या है ? इसकी मुख्य विशेषता क्या है ?
उत्तर- ‘हरित क्रांति' का तात्पर्य है फसलों के क्षेत्र में अत्यधिक वृद्धि होना लेकिन यह मुख्य रूप से खाद्यान्न फसलों के लिए उपयुक्त है। इसकी मुख्य विशेषता यह है कि हरित क्रांति के कारण अन्न की पैदावार काफी बढ़ गई है। भारत के लोगों की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। यहाँ की निर्वाह कृषि ने व्यापारिक कृषि का रूप धारण कर लिया है। कृषि का मशीनी करण हुआ है। सिंचाई के साधनों में भी विकास हुआ है। अधिक उपज देने वाले बीजों का उपयोग होने लगा तथा उर्वरकों का प्रयोग बढ़ा।

प्रश्न 20. तम्बाकू उत्पादन के लिए भौगोलिक दशाओं तथा वितरण का विवरण दें।
उत्तर- तम्बाकू उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशा-

(क) चूँकि तम्बाकू उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय पौधा है अतः यह 16 से 35 सें० तक विविध तापमानों पर उगाया जाता है,

(ख) 100 सेंमी वर्षा वाले क्षेत्रों में सिचाई आवश्यक है,

(ग) कम वर्षा वाले क्षेत्रों में सिंचाई की आवश्यकता होती है,

(घ) पाला, इस फसल के लिए हानिकारक है।

उत्पादक क्षेत्र-
आंध्रप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, उड़ीसा, बिहार, तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र।

प्रश्न 21. रेशेदार फसल एवं नगदी फसल में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर- रेशेदार फसल- जिन फसलों को उपजाकर कृषक उसके डंठल को जलाशयों में सड़ाकर रेशे प्राप्त करते है, उन्हें रेशेदार फसल कहते है। उनके रेशे को बेचकर आर्थिक लाभ उठाया जा सकता है। इसके अंतर्गत आने वाले फसल है- कपास, जूट आदि।

नगदी फसल - नगदी फसलें मुख्य रूप से आर्थिक लाभ कमाने के लिए उपजाए जाते हैं। किसान मुख्य रूप से नकदी फसलें जैसे- चाय, कहवा, गन्ना, आलू, प्याज आदि पैदा करते हैं।

प्रश्न 22. रबी और खरीफ फसल में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर- रबी और खरीफ फसल में अंतर-

रबी फसलें                                                खरीफ फसलें
(a) यह फसली मौसम शीतकाल के      (a) यह फसली मौसम मानसून के
आरंभ से शुरू होता है तथा ग्रीष्म।             आगमन से शुरू होता है तथा
काल के आगमन तक चलता है।               शीतऋतु के प्रारंभ तक चलता है।

(b) इस मौसम का समय अक्तूबर-       (b) इस मौसम का समय जून-जुलाई
नवम्बर से मार्च-अप्रैल तक                       से लेकर अक्तूबर-नवम्बर तक
रहता है।                                                 चलता है।

(c) इस ऋतु में गेहूँ, जौ, चना,                (c) इस मौसम में उत्पन्न होने वाली
तिलहन। जैसे- अलसी तोरिया,                  प्रमुख कृषि फसलें चावल, मक्का,
सरसों आदि उत्पन्न किये जाते हैं।              ज्वार, बाजरा, कपास, मूँगफली,
                                                              मूँग, उड़द आदि है।

प्रश्न 23. चाय और कहवा की खेती में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर- चाय और कहवा की खेती में अन्तर-

                  चाय                                          कहवा
(a) चाय विषुवतरेखीय पौधा नहीं है।      (a) कहवा विषुवतरेखीय पौधा है।
            
(b) चाय की पत्तियाँ चुनने का समय      (b) कहवा की फसल दिसम्बर-जनवरी
अप्रैल से अक्टूबर तक चलता                    में काट ली जाती है।
रहता है।

(c) इसके लिए ढालू भूमि, हल्की व     (c) वनों को साफ करने से प्राप्त भूमि
उपजाऊ मिट्टी जिसमें पानी                      इसके लिए उपयुक्त रहती है।
सोखने की शक्ति हो और                         इसके अलावा दोमट व काली मिट्टी
पोटाश, लोहा व जीवांश से युक्त               भी इसके उत्पादन के लिए उपयुक्त
हो, सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।                        होती है।

प्रश्न 24. शुष्क कृषि और आर्द्र कृषि में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर- शुष्क कृषि और आर्द्र कृषि में अंतर-

              शुष्क कृषि                                आर्द्र कृषि
(a) शुष्क कृषि कम वर्षा वाले क्षेत्रों      (a) आर्द्र कृषि अधिक वर्षा वाले
में की जाती है।                                        प्रदेश में की जाती है।

(b) शुष्क कृषि में 70 सेमी से कम       (b) आर्द्र कृषि में 100 सेमी से अधिक
वर्षा की आवश्यकता होती हैं।                    वर्षा की आवश्यकता होती है।

(c) शुष्क कृषि में ज्वार, बाजरा,         (c) आर्द्र कृषि में चावल, गन्ना, सब्जियाँ
दलहन आदि फसलें उगाई जाती हैं।          आदि फसलें उगाई जाती हैं।

                       दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. दिन-प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है। क्या आप इसके परिणामों की कल्पना कर सकते हैं ?
उत्तर- (क) यह एक सर्वविदित तथ्य है कि दिन-प्रतिदिन कृषि के अंतर्गत भूमि कम हो रही है, जबकि जनसंख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।

(ख) इसका परिणाम यह होगा कि खाद्यान्नों का गंभीर अभाव हो जाएगा तथा 'छोटे किसान भूमिहीन मजदूर बन जाएँगे। इससे शहरों पर बोझ बढ़ेगा।

(ग) पशुओं के लिए चारे का अभाव हो जाएगा। कृषि आधारित उद्योगों के समक्ष गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाएगी क्योंकि उन्हें कच्चा माल नहीं मिल सकेगा।

(घ) कृषि अब भी भारत में सबसे अधिक रोजगार उपलब्ध कराती है। कृषि के अधीन भूमि के निरन्तर कम होने से बेरोजगारी की समस्या विकट रूप धारण कर सकती है।

(ङ) कृषि योग्य भूमि के कम हो जाने का उद्योगों के विकास पर विशेषकर जो उद्योग कृषि उत्पादों पर निर्भर करते हैं, बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

(च) व्यापार पर भी इस कृषि योग्य भूमि के कम होने का प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

प्रश्न 2. कृषि उत्पादन में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय सुझाएँ ।
उत्तर- तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या को पर्याप्त भोजन प्रदान करने के लिए भारतीय कृषि में अनेक सुधार लाए जा सकते हैं। विशेषकर केन्द्र तथा राज्य सरकारें इस दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य कर सकती हैं और कर रही हैं। ये सुधार निम्नांकित हैं-

(क) जमींदारी प्रथा का उन्मूलन- किसानों के लिए जमींदारी प्रथा एक बहुत बड़ा अभिशाप था, इसलिए सरकार ने इस भ्रष्ट जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप भूमिहीन काश्तकारों को जमीन के
मालिकाना अधिकार दे दिए गए हैं। जमीन के न्यायसंगत और समान वितरण को निश्चित बनाने के लिए जोत की अधिकतम सीमा भी निश्चित की गई है जो कोई काश्तकार अपने पास रख सकता है।

(ख) खेतों की चकबन्दी- इससे पहले अधिकतर किसानों के पास छोटे-छोटे और बिखरे हुए खेत होते थे। ऐसी भूमि की जोत प्रायः आर्थिक रूप में अलाभकारी सिद्ध होती थी। इसलिए सरकार ने अत्यधिक सोच-विचार द्वारा
इस प्रकार के छोटे और बिखरे हुए खेतों की चकबन्दी की और किसानों को कई प्रकार की अनावश्यक परेशानियों से बचाया।

(ग) प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण- किसानों को पर्याप्त सिंचाई सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए कई बड़ी और छोटी सिंचाई परियोजनाएँ शुरू की गई हैं।

(घ) खाद और उर्वरकों के प्रयोग को प्रोत्साहन- सरकार ने कई कारखाने खाद और उर्वरकों के निर्माण के लिए खोले हैं ताकि भूमि की उपजाऊ शक्ति में वृद्धि हो ।

(ङ) नए अधिक उपज वाले बीजों का विकास- उत्पादन में वृद्धि के लिए सरकार ने कई प्रकार के अधिक उपज देने वाले बीजों की किस्में विकसित की हैं। इनमें विशेष रूप से गेहूँ के बीज हैं जिनसे इन फसलों की उपज बहुत अधिक बढ़ गई है।

(च) कीड़े-मकोड़ों, फसलों की बीमारियों तथा टिड्डी दलों की रोकथाम- इससे पहले फसलों का एक बड़ा भाग कीड़े-मकोड़ों, टिड्डी दलों और कई प्रकार की बीमारियों से नष्ट हो जाता था। परन्तु अब सरकार ने कई महत्त्वपूर्ण
योजनाएँ शुरू की हैं ताकि पौधों की कीड़े-मकोड़ों, बीमारियों और टिड्डी दलों से रक्षा की जा सके।

(छ) खेती में आधुनिक उपकरणों का प्रयोग- खेती, विशेषकर गेहूँ की खेती में आधुनिक उपकरणों जैसे- ट्रैक्टरों, हार्वेस्टरों, थ्रैशरों आदि के प्रयोग से भी खेती उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है। इन आधुनिक उपकरणों के प्रयोग से न केवल समय की ही बचत हुई है वरन् चोरी-चकारी, आग आदि लगने तथा वर्षा से फसल के खराब होने की सम्भावनाएँ भी बहुत कम हुई हैं।

प्रश्न 3. भारत में खाद्य सुरक्षा का विवरण दें।
उत्तर- (क) सभी लोगों के लिए भोजन की उपलब्धता तथा उसे प्राप्त करने के सामर्थ्य को खाद्य सुरक्षा के नाम से जाना जाता है।

(ख) खाद्य सुरक्षा के तीन पहलू हैं- खाद्य पदार्थों की उपलब्धता, खाद्य पदार्थों की सुलभता तथा लोगों के पास खाद्य पदार्थों को प्राप्त करने की सामर्थ्य।

(ग) भारत में खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्रणाली का गठन किया गया है। इसके दो मुख्य आधार हैं- बफर स्टॉक तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली। ये दोनों घटक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा नीति के क्रियान्वयन में मुख्य भूमिका निभाते हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा नीति का उद्देश्य कम कीमत पर खाद्यान्नों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है।

(घ) भारतीय खाद्य निगम किसानों से समर्थन मूल्य पर चावल और गेहूँ प्राप्त करना है, फूड कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया प्राप्त खाद्यान्नों का भंडारण करती है तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खाद्यान्नों का वितरण
सुनिश्चित किया जाता है।

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