JAC Board Jharkhand Class 10th Science Biology Solutions chapter - 3 - जीव जनन कैसे करते हैं

JAC Board Jharkhand Class 10th Science Biology Solutions chapter - 3 - जीव जनन कैसे करते हैं

                 जीव जनन कैसे करते हैं

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. किसकी प्रतिकृति का बनना जनन की मूल घटना है ? 
(a) DNA, 

(b) केन्द्रक, 

(c) जीन, 

(d) जीवद्रव्य । 
उत्तर–(a)

प्रश्न 2. जब DNA की नई प्रतिकृति कोशिकीय संगठन के साथ समायोजित नहीं हो पाती है तब-
(a) कोशिका विभाजन होता है।

(b) कोशिका विभाजन नहीं होता है ।

(c) नई प्रतिकृति नष्ट हो जाती है। 

(d) कोशिका मर जाती है।
उत्तर–(d) 

प्रश्न 3. आनुवंशिक गुणों का सन्देश होता है-
(a) DNA अणुओं में,

(b) जीवद्रव्य में,

(c) तंत्रिका में,

(d) मस्तिष्क में ।
उत्तर–(a) 

प्रश्न 4. हाइड्रा में अलैंगिक जनन की विधि है-
(a) मुकुलन,

(b) पुनर्जनन,

(c) विखंडन,

(d) विजाणुजनन ।
उत्तर–(a) 

प्रश्न 5. मुकुलन द्वारा अलैंगिक जनन होता है-
(a) अमीबा में,

(b) यीस्ट में,

(c) प्लैज्मोडियम में,

(d) लेस्मानिया में ।
उत्तर–(b) 

प्रश्न 6. यीस्ट कोशिका किस विधि द्वारा अलैंगिक जनन करती है ?
(a) मुकुलन,

(b) विखंडन,

(c) खंडन,

(d) बीजाणु समासंघ ।
उत्तर–(a) 

प्रश्न 7. एकल जीव प्लाज्मोडियम में किस विधि द्वारा जनन होता है ?
(a) मुकुलन,

(b) बहुखंडन,

(c) कायिक प्रवर्धन,

(d) बीजाणु समासंघ ।
उत्तर–(b) 

प्रश्न 8. स्पाइरोगाइरा में प्रजनन किस विधि से होता है ?
(a) खंडनविधि, 

(b) विखंडन, 

(c) मुकुलन, 

(d) खंडन । 
उत्तर–(a) 

प्रश्न 9. जनन की किस विधि द्वारा समान गुणों वाले जीवों की विशाल आबादी को कायम रखा जा सकता है ?
(a) कायिक प्रवर्धन,

(b) विखंडन,

(c) मुकुलन,

(d) खंडन ।
उत्तर–(a) 

प्रश्न 10. ब्रायोफिलम किस भाग द्वारा जनन करता है ?
(a) तना,

(b) पत्ती,

(c) मूल,

(d) पुष्प ।
उत्तर–(b) 

प्रश्न 11. बीजों को लैंगिक जनन का उत्पाद कहा जाता है क्योंकि वे- 
(a) नए पादपों को जन्म देते हैं।

(b) युग्मकों के संलयन से बनते हैं। 

(c) पराग नलिकाओं के संलयन से बनते हैं ।

(d) अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं। 
उत्तर–(a) 

प्रश्न 12. पुंकेसर में होता है-
(a) वर्तिकाग्र, 

(b) परागकण, 

(c) पुंकेसन,

(d) बीजाण्ड । 
उत्तर–(b) 

प्रश्न 13. पुष्प का सबसे बाहरी भाग है— 
(a) बाह्य दलपुंज, 

(b) दलपुंज,

(c) बाह्यदल, 

(d) स्त्रीकेसर |
उत्तर–(a) 

प्रश्न 14. परागकोश में होते हैं-
(a) बाह्यदल, 

(b) अंडाशय,

(c) अंडप,

(d) परागकण |
उत्तर–(d) 

प्रश्न 15. ऊड़हुल किस प्रकार का पुष्प है ?
(a) द्विलिंगी,

(b) एकलिंगी,

(c) दोनों

(d) इनमें कोई नहीं ।
उत्तर–(a) 

प्रश्न 16. पौधे के किस जनन अंग में बीजांड पाया जाता है ?
(a) अंडाशय, 

(b) वर्तिका, 

(c) वर्तिकाग्र,

(d) परागकोश में
उत्तर–(a) 

प्रश्न 17. फ्रिम्बी नामक संरचना कहाँ पायी जाती है ?
(a) अंडाशय में,

(b) वर्तिका में,

(c) वर्तिकाग्र में,

(d) परागकोश |
उत्तर–(a) 

प्रश्न 18. परिपक्व हो जाने पर अंडाशय विकसित हो जाता है-
(a) बीज,

(b) पुंकेशर,

(c) स्त्रीकेशर,

(d) फल ।
उत्तर–(d) 

प्रश्न 19. मानव-मादा के जनन तंत्र का भाग नहीं है-
(a) अंडाशय,

(b) गर्भाशय,

(c) शुक्रवाहिका,

(d) डिम्बवाहिनी |
उत्तर–(c) 

प्रश्न 20. मानव में गर्भ की अवधि कितनी है ?
(a) 270 दिन, 

(b) 290 दिन, 

(c) 200 दिन, 

(d) 245 दिन । 
उत्तर–(a) 

प्रश्न 21. जनन संचारित रोग है- 
(a) सिफलिस, 

(b) एड्स, 

(c) गोनोरिया, 

(d) इनमें सभी । 
उत्तर–(a) 

प्रश्न 22. मानव मादा में निषेचन कहाँ होता है ?
(a) फैलोपियन नली में,

(b) गर्भाशय में,

(c) फैलोपियन नली से गर्भाशय तक कहीं भी,

(d) योनि में ।
उत्तर–(a) 

प्रश्न 23. एकलिंगी पुष्प के उदाहरण है-
(a) पपीता,

(b) सरसों,

(c) ऊड़हुल,

(d) इनमें कोई नही ।
उत्तर–(a) 

रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
प्रश्न 1. जनन की मूल घटना_______है। 
उत्तर - डी० एन०ए० की प्रतिकृति बनना

प्रश्न 2. डी० एन० ए०________में पाया जाता है ।
उत्तर - कोशिका के केन्द्रक

प्रश्न 3. समान जीन-संरचना वाले जीवों को______कहते हैं ।
उत्तर- क्लोन

प्रश्न 4. अंडाशय, वर्तिका और वर्तिकाग्र पुष्प के______जननांग के भाग है ।
उत्तर- मादा जनन अंग या जायांग

प्रश्न 5. मानव-मादा में निषेचन______में होता है।
उत्तर - डिम्बवाहिनी (फालोपियन) नली

प्रश्न 6. DNA कोशिका के______ में पाया जाता है।
उत्तर- केन्द्रक

प्रश्न 7. नर तथा मादा युग्मक के मिलने की क्रिया______कहलाती है।
उत्तर- निषेचन

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्त 

प्रश्न 1. जनन की मूल घटना क्या है ?
उत्तर- डी० एन० ए० की प्रतिकृति बनना ।

प्रश्न 2. डी० एन० ए० कहाँ पाया जाता है ?
उत्तर - कोशिका के केन्द्रक में ।

प्रश्न 3. डी० एन० ए० का क्या कार्य है ?
उत्तर- डी० एन० ए० प्रोटीन बनाने के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं I 

प्रश्न 4. एक ऐसे जीवधारी का नाम लिखें जिसमें द्विविभाजन की क्रिया द्वारा अलैंगिक जनन होता है।
उत्तर- अमीबा ।

प्रश्न 5. यीस्ट कोशिका किस विधि द्वारा अलैंगिक जनन करती है ? 
उत्तर- मुकुलन ।

प्रश्न 6. स्पाइरोगाइरा में प्रजनन किस विधि से होता है ?
उत्तर- खंडन विधि

प्रश्न 7. अमीबा में प्रजनन किस विधि से होता है ?
उत्तर- द्विखंडन ।

प्रश्न 8. हाइड्रा में प्रजनन किस विधि से होता है ?
उत्तर- मुकुलन ।

प्रश्न 9. द्विविखंडन विधि से प्रजनन करने वाले एक जीव का नाम लिखें । 
उत्तर- अमीबा |

प्रश्न 10. बहुविखंडन द्वारा प्रजनन करने वाले एक जीव का नाम लिखें।
उत्तर - प्लाज्मोडियम (मलेरिया परजीवी) ।

प्रश्न 11. मुकुल से नये जीव का विकसित होना मुकुलन कहलाता है। ऐसे दो जंतुओं के नाम लिखें जो मुकुलन द्वारा नये जीवों को उत्पन्न करते हैं ।
अथवा, ऐसे दो जीवों के नाम लिखें जिनमें प्रजनन मुकुलन विधि से होता है।
उत्तर- (i) हाइड्रा,

(ii) यीस्ट ।

प्रश्न 12. ऐसी एक शैवाल का नाम लिखें जिसमें प्रजनन खंडन विधि से होता है अथवा, एक ऐसे पादप का नाम लिखें जिसमें खंडन विधि द्वारा अलैंगिक जनन होता है ।
उत्तर - स्पाइरोगायरा ।

प्रश्न 13. ऐसे जीव को क्या कहते हैं जिसके शरीर में दोनों प्रकार के प्रजनन अंग होते हैं ?
उत्तर- द्विलिंगी या हरमाफ्रोडाइट ।

प्रश्न 14. एकल जीव प्लाज्मोडियम में किस विधि द्वारा जनन होता है ? 
उत्तर - बहुखंडन ।

प्रश्न 15. दो ऐसे जन्तुओं के नाम लिखें जिनमें पुनरुद्भवन द्वारा भी नये जन्तु का उद्भव होता है।
उत्तर- (i) प्लैनेरिया,

(ii) हाइड्रा ।

प्रश्न 16. एक ऐसे जीवधारी का नाम लिखें जिसमें बीजाणुजनन की क्रिया द्वारा अलैंगिक जनन होता है।
उत्तर - म्यूकर ।

प्रश्न 17. एक ऐसे पौधे को नाम लिखें जिसमें जड़ द्वारा कायिक प्रवर्धन होता है ? 
उत्तर- सागौन |

प्रश्न 18. एक ऐसे पौधे का नाम लिखें जिसमें पत्ती द्वारा वर्धि प्रजनन होता है । 
उत्तर- ब्रायोफिलम |

प्रश्न 19. उस प्रक्रिया का नाम बताएँ जिसके द्वारा जीव नए जीवों को जन्म देते हैं ? 
उत्तर- प्रजनन ।

प्रश्न 20. जनन की किस विधि द्वारा समान गुणों वाले जीवों की विशाल आबादी को कायम रखा जा सकता है ? 
उत्तर- कायिक प्रवर्धन ।

प्रश्न 21. किन्हीं दो उभयलिंगी जन्तुओं के नाम लिखें।
उत्तर- (i) केंचुआ,

(ii) हाइड्रा ।

प्रश्न 22. एक ऐसे जंतु का नाम लिखें जिसमें बाह्य निषेचन होता है।
उत्तर- मेढक |

प्रश्न 23. बेकरी वाले खमीर और अमीबा में किस विधि द्वारा अलैंगिक जनन होता है ? 
उत्तर- द्विखंडन या द्विविभाजन ।

प्रश्न 24. युग्मनज क्या है ?
उत्तर - नर तथा मादा युग्मकों के संलयन से बनी जीवित संरचना ।

प्रश्न 25. एक पौधे का नाम लिखें जिसमें कायिक प्रवर्धन कली रोपड़ विधि द्वारा किया जाता है ।
उत्तर- गुलाब |

प्रश्न 26. किस विशिष्ट आनुवंशिक पदार्थ के अंदर प्रोटीन के संश्लेषण की सूचनाएँ कुटबद्ध रहती है।
उत्तर- डी० एन० ए० (D. N. A.).

प्रश्न 27. अंडाशय, वर्तिका और वर्तिकाग्र पुष्प के किस जननांग के भाग है ?
उत्तर- मादा जनन अंग या जायांग |

प्रश्न 28. पुनरुद्भवन क्रिया की खोज किस वैज्ञानिक ने की ?
उत्तर- ट्रेम्बले (1740)

प्रश्न 29. समान जीन - संरचना वाले जीवों को क्या कहते हैं ?
उत्तर- क्लोन ।

प्रश्न 30. किसी उभयलिंगी पौधों के नाम लिखें।
उत्तर - सरसों, गुड़हल ।

प्रश्न 31. किन्हीं दो पौधों के नाम लिखें जिनमें समकाल परिपक्वता पायी जाती है 
उत्तर- सूर्यमुखी और गुलाब पास ।

प्रश्न 32. प्राणियों में नर और मादा युग्मकों के नाम लिखें।
उत्तर- नरयुग्मक- शुक्राणु,

मादायुग्मक- अण्डाणु ।

प्रश्न 33. एक नर और एक मादा जनन हॉर्मोन के नाम लिखें।
उत्तर- नर जनन हॉर्मोन - टेस्टोस्टेरॉन,

मादा जनन हॉर्मोन - एस्ट्रोजन |

प्रश्न 34. किसके द्वारा भ्रूण को माँ के रुधिर से पोषण मिलता है ? 
उत्तर- अपरा (Placenta) ।

प्रश्न 35. मानव भ्रूण का विकास कहाँ होता है ?
उत्तर- गर्भाशय में ।

प्रश्न 36. मानव-मादा में निषेचन कहाँ होता है ?
उत्तर- डिम्बवाहिनी (फालोपियन) नली में ।

प्रश्न 37. मानव सगर्भता की अवधि लगभग कितने दिनों की होती है? 
उत्तर - लगभग 280 दिन या 40 सप्ताह ।

प्रश्न 38. एक मादा जीवधारी निषेचन क्रिया बिना ही नर जीवधारियों को उत्पन्न करती है। इस विशेष प्रकार की जनन विधि को क्या कहते है ? 
उत्तर - अनिषेक जनन ।

प्रश्न 39. पौधे के किस जनन अंग में बीजांड पाया जाता है ?
उत्तर- अंडाशय ।

प्रश्न 40. रोपण क्या है ? 
उत्तर- पूर्व निषेचित अंडाणु को गर्भाशय में स्थापित करने की क्रिया को रोपण कहते हैं। 

प्रश्न 41. एक ऐसे पौधे का नाम लिखें जिसमें मुख्यतः कीट परागण होता है । 
उत्तर- मदार ।

प्रश्न 42. दो ऐसी यौन संक्रामक बीमारियों के नाम लिखें जो सम्भोग द्वारा फैलती है । 
उत्तर - सिफलिस और गोनोरिया ।

प्रश्न 43. सिफलिस नामक यौन रोग किस जीवाणु द्वारा उत्पन्न किया जाता है ? 
उत्तर- ट्रैपोनिमा पैलिडम |

प्रश्न 44. गोनोरिया उत्पन्न करने वाले परजीवी का नाम लिखें ।
उत्तर - डिप्लोकोकस निसेरिया गोनोरी । 

प्रश्न 45. गर्भ निरोध की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं ?
उत्तर- नर बन्ध्याकरण, मादा बन्ध्याकरण, निरोध का प्रयोग, कॉपर-टी, ओरल कांट्रासेप्टिव (OC) इत्यादि ।

प्रश्न 46. एक अंडप्रजक और एक सजीव प्रजक जन्तु का नाम लिखें ।
उत्तर- अंडप्रजक- मेढक,

सजीव प्रजक - गाय (पशु) ।

प्रश्न 47. फ्रिम्ब्री नामक संरचना कहाँ पायी जाती है ?
उत्तर- अंडाशय में ।

प्रश्न 48. किस पादप समूह के पौधे के जननांग पुष्प के भीतर पाये जाते हैं ? 
उत्तर - एन्जिओस्पर्म |

प्रश्न 49. दो संभोग जनित रोगों के नाम लिखें।
उत्तर - एड्स, गोनेरिया ।

प्रश्न 50. लड़कों में यौवनारंभ के लक्षणों का नियंत्रण किस हॉर्मोन द्वारा होता है ? 
उत्तर- टेस्टोस्टेरॉन ।

प्रश्न 51. निषेचन के बाद बनने वाले उत्पाद का नाम लिखें।
उत्तर- युग्मनज ।

प्रश्न 52. जब दो कोशिकाएँ नर व मादा जनन कोशिकाएँ आपस में संलयित होकर युग्मनज बनाती हैं तो इस प्रकार के जनन को क्या कहते हैं ? 
उत्तर- लैंगिक जनन ।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्त 

प्रश्न 1. जनन क्या है ?
उत्तर - किसी जीव द्वारा अपने जैसी संतान उत्पन्न करने की प्रक्रिया को जनन कहते हैं ।

प्रश्न 2. डी० एन० ए० प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्त्व है ? 
उत्तर- (i) डी० एन० ए० प्रतिकृति बनने से विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं। विभिन्नताओं से जैव-विकास होता है।

(ii) डी० एन० ए० प्रतिकृति बनने से कोशिका विभाजन होता है जो प्रजनन के लिए अनिवार्य है।

प्रश्न 3. जीवों में विभिन्नता स्पीशीज के लिए तो लाभदायक है परन्तु व्यष्टि के लिए आवश्यक नहीं है, क्यों ?
उत्तर- विभिन्नताएँ प्रायः जीवों की विपरीत पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी जीवित रहने में सहायक होती हैं । पर्यावरण में होने वाले अचानक और खतरनाक परिवर्तन किसी पूरी आबादी को ही मिटा सकते हैं । परन्तु ऐसी परिस्थिति में भी वे जीव जिन्दा बच जाते हैं जो अपनी पीढ़ी के अन्य जीवों से कुछ भिन्न होते हैं । ये बचे हुए जीव प्रजनन द्वारा पुनः अपनी संख्या बढ़ा लेते हैं और उनकी स्पीशीज या जाति बच जाती है । इस प्रकार विभिन्नताएँ स्पीशीज के कायम रहने और उनके अनुरक्षण के लिए लाभदायक होती है। जहाँ व्यष्टि या एक जीव का प्रश्न है, उसके लिए विभिन्नता आवश्यक नहीं है क्योंकि अकेला जीव तभी सफलतापूर्वक जीवित रह सकता है जब वह अपने परिवेश से पूर्णतः अनुकूलित हो । अकेले व्यष्टि के लिए अपनी पीढ़ी के अन्य जीवों से भिन्न होना लाभदायक नहीं भी हो सकता है।

प्रश्न 4. अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों के नाम लिखें । 
उत्तर- अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियाँ-
(i) विखंडन, 

(ii) खंडन, 

(iii) पुनर्जनन (पुनरुद्भवन), 

(iv) मुकुलन, 

(v) कायिक प्रवर्धन, 

(vi) बीजाणु समासंघ । 

प्रश्न 5. एकल जीवों में जनन की किन्हीं दो विधियों का वर्णन करें । 
उत्तर - एकल जीवों में जनन की विधियाँ-

(i) विखंडन या द्विखंडन - किसी कोशिका के पूर्णतः विकसित होने पर उसका केंद्रक विभाजित हो जाता है । विभाजित केंद्रक के दोनों अर्द्ध भाग कोशिका द्रव्य के आधे-आधे भाग को लेकर अलग हो जाते हैं । इस प्रकार दो अनुजात कोशिकाएँ बन जाती हैं और विकसित होकर दो नये-नये जीव बनाती है। इस विधि को विखंडन कहते हैं । एक मातृ कोशिका विभाजित होकर दो समान अनुजात कोशिकाओं को जन्म देती है तब इस प्रकार के एकल जनन को विखंडन या द्विखंडन कहते हैं । अमीबा तथा पैरामीशियम में इस प्रकार का जनन पाया जाता है ।

(ii) खंडन - इस प्रकार के जनन में जीवों का शरीर यांत्रिक कारणों से दो या दो से अधिक टुकड़ों में खंडित हो जाता है तथा प्रत्येक खंड अपने खोए हुए भागों का विकास कर पूर्ण विकसित नए जीव में परिवर्तित हो जाता है और सामान्य जीवनयापन करता है। स्पाइरोगाइरा तथा हाइड्रा में इस प्रकार का जनन पाया जाता है ।

प्रश्न 6. बीजाणु द्वारा जनन से जीव किस प्रकार लाभान्वित होता है ?
उत्तर-बीजाणुजनन एकल जीवों में बहुतायत से पाई जाने वाली अलैंगिक जनन की विधि है। इसके द्वारा एक साथ कई जीवाणु विकसित होते हैं जो बीजाणुधानी के फटने पर दूर-दूर तक उड़कर चले जाते हैं। वहाँ वे पुनः नए-नए जीवों को उत्पन्न करते हैं। इस प्रकार इन जीवों की आबादी अचानक बढ़ती है तथा कुछ जीवाणुओं के नष्ट हो जाने पर भी स्पीशीज का अस्तित्व बना रहता है। जैसे- राइजोपस । 
प्रश्न 7. द्विखंडन बहुखंडन से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-
द्विखंडन
(a) इस विधि में एक कोशिका दो अनुजात कोशिकाओं में समान रूप से विभाजित होती है। 

(b) यह सामान्य परिस्थितियों में होता है। 

(c) यह एक तल में होता है ।

बहुखंडन
(a) इसमें एक कोशिका बहुत-सी कोशिकाओं में समान रूप से विभाजित होती है।

(b) यह विषम परिस्थितियों के उपरान्त होता है।

(c) यह विभिन्न तलों में होता है।

प्रश्न 8. प्लैनेरिया में पुनरुद्भवन का वर्णन करें ।
उत्तर—प्लैनेरिया एक अपरजीवी चपटा कृमि है जो नम भूमि, तालाब तथा नदी के जल में पाया जाता है। यह सीलिया की गति से चलता है। कुछ प्लैनेरिया में पुनरुद्भवन अनुदैर्ध्य तथा अनुप्रस्थ दोनों विधियों द्वारा होता है।

चित्र - प्लैनेरिया में पुनरुद्भवन

प्रश्न 9. क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिनसे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुद्भवन द्वारा नयी संतति उत्पन्न नहीं कर सकते ?
उत्तर - पुनरुद्भवन विशिष्ट कोशिकाओं द्वारा ही संभव है । जटिल संरचना वाले जीवों में विभिन्न प्रकार की कोशिकाएँ पाई जाती हैं जो अलग-अलग कार्यों के लिए विशिष्ट होती हैं। इनकी कोशिकाओं में ऐसी क्षमताएँ नहीं पाई जाती हैं कि ये प्राकृतिक दशाओं में विभाजित होकर अलग-अलग अंगों की रचना कर सकें। 

प्रश्न 10. कुछ पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन का उपयोग क्यों किया जाता है ? 
उत्तर- कुछ पौधों में कायिक प्रवर्धन विधि का प्रयोग जनन क्रिया हेतु निम्न कारणों से उपयोगी है-
(i) क्योंकि ऐसे पौधों में शरीर के वर्धि भागों के माध्यम से नए पौधे उत्पन्न करने की क्षमताएँ होती हैं।

(ii) कायिक प्रवर्धन द्वारा विकसित किए गए पौधों में फूल और फल शीघ्र आते हैं ।

(iii) कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाए गए पौधों में सभी पैत्रिक क्षमताएँ पाई जाती हैं।

प्रश्न 11. कायिक प्रवर्धन क्या है ? इसकी क्या सीमाएँ हैं ?
उत्तर- कायिक प्रवर्धन- जब पौधे के किसी कायिक अथवा वर्धि भाग जैसे- जड़, तना अथवा पत्ती से प्राकृतिक अथवा कृत्रिम रूप से नया पौधा विकसित होता है अथवा किया जाता है तब इस प्रकार के अलैंगिक जनन को कायिक प्रवर्धन या वर्धि प्रचारण कहा जाता है।

सीमाएँ– कायिक प्रवर्धन द्वारा उगाए गए पौधों में पैतृक लक्षणों का संरक्षण होता है। परन्तु इन पौधों में आनुवंशिक विभिन्नता नहीं होती जिसके कारण इन पौधे में पर्यावरण साथ अनुकूलित होने की क्षमता कम हो जाती है । जिससे इनमें बीमारियाँ लगने, उत्पादन कम होने की संभावनाएँ अधिक रहती है।

प्रश्न 12. कायिक प्रवर्धन के लाभ बताएँ ।
उत्तर- (i) सभी नये पौधे मातृ पौधे के समान होते हैं। इस प्रकार एक अच्छे गुणों वाले पौधे से कलम द्वारा उसके समान ही अनेक पौधे तैयार किये जाते हैं।

(ii) फलों द्वारा उत्पन्न सभी बीज समान नहीं होते परन्तु कायिक जनन द्वारा उत्पन्न पौधों में पूर्ण समानता होती है।

(iii) कायिक जनन द्वारा नये पौधे थोड़े समय में ही प्राप्त हो जाते हैं

(iv) वे पौधे जो बीज द्वारा सरलता से प्राप्त नहीं किए जा सकते, कायिक जनन द्वारा प्राप्त किये जा सकते हैं। जैसे- केला, अंगूर ।

प्रश्न 13. डी० एन० ए० की प्रतिकृति बनाना जनन के लिए आवश्यक क्यों है ?
उत्तर- डी० एन० ए० अणुओं में शरीर की डिजाइन, कार्यिकी आदि से संबंधित महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ होती हैं जिनके अनुसार शरीर की वृद्धि और उसका विकास होता है । डी० एन० ए० की प्रतिकृति बनने से नई कोशिका में भी एक डी० एन० ए० चला जाता है तथा वह पूर्ण जीव के रूप में विकसित हो सकती है अथवा उसके विकास में योगदान दे सकती है। डी० एन० ए० के बिना कोशिका जीवित नहीं रह सकती।

प्रश्न 14. लैंगिक जनन की परिभाषा लिखें ।
उत्तर - जनन की वह विधि जिसमें नर और मादा जनन अंगों की भागीदारी आवश्यक होती है, लैंगिक जनन कहलाती है।

प्रश्न 15. पौधों में लैंगिक जनन की क्रिया - विधि का वर्णन करें ।
उत्तर- पौधे में जनन अंग पुष्प के भीतर पाए जाते हैं। नर जनन अंग को पुंकेशर कहते हैं। मादा जनन अंग को स्त्रीकेशर कहते हैं । जब परागकण विकसित हो जाते हैं तब परागकोश के फटने से वे बिखर जाते हैं। वे हवा, जल, कीट आदि के माध्यम से जायांग के वर्तिकाग्र पर पहुँच जाते हैं । परागण की क्रिया पूरी होने पर परागकण वर्तिकाग्र के लस् इससे परागनली बनती है और घुसते ही नर है। अंडाशय को सोखकर अंकुरित होने लगते हैं। सती हुई अंडाशय तक पहुँच जाती ग्मकों से संयुक्त हो जाते हैं।

नर और मादा युग्मकों का संलयन होना निषेचन कहलाता है। निषेचन के फलस्वरूप युग्मनज बनता है। इस प्रकार पौधों में लैंगिक जनन होता है।


चित्र- पौधों में निषेचन क्रिया और परागकण का अंकुरण

प्रश्न 16. उत्तक संवर्धन क्या है ? इसके दो उपयोग लिखें।
उत्तर- उत्तक संवर्धन- जब विशेष प्रयोगशाला विधियों द्वारा कृत्रिम पोषण माध्यम का प्रयोग करके किसी उत्तक से नये जीव का विकास किया जाता है तब कृत्रिम अलैंगिक जनन की उस विधि को उत्तक संवर्धन कहते हैं । 
उपयोग- (i) आर्किड (शतावरी) डेहलिया, 
(ii) कार्नेशन के उत्पादन के लिए ।

प्रश्न 17. एकलिंगी तथा उभयलिंगी की परिभाषा एक-एक उदाहरण देते हुए लिखें ।
उत्तर - एकलिंगी - जब नर और मादा जनन अंग अलग-अलग जीव में होते हैं तो उसे एकलिंगी कहते हैं। उदाहरण- मनुष्य, घोड़ा, कुत्ता इत्यादि । 

उभयलिंगी - जब नर तथा मादा लैंगिक अंग एक ही जीव में पाये जाते हैं तो उसे उभयलिंगी कहते हैं। उदाहरण- केंचुआ, तारामीन, फीताकृमि । 

प्रश्न 18. परागण क्या है ? परागण के प्रकारों का उल्लेख करें ।
उत्तर- परागकणों का परागकोष से वर्तिकाग्र तक के स्थानांतरण को परागण कहते हैं । परागकोष से परागकण झड़कर या तो उसी पुष्प या किसी अन्य पुष्प तक पहुँचते हैं। परागकणों का स्थानांतरण बहुत से माध्यमों जैसे - वायु, जल, कीट तथा अन्य कारकों से होता है। 

परागण दो प्रकार के होते हैं-
(i) स्वपरागण और (ii) परपरागण ।

(i) स्वपरागण - किसी पुष्प के परागकोष के उसी पुष्प के अथवा उस पौधे के अन्य पुष्प के वर्तिकाग्र तक, परागकणों का स्थानांतरण स्वपरागण कहलाता है ।

(ii) परपरागण - एक पुष्प के परागकोष से उसी जाति के दूसरे पौधों के पुष्प के वर्तिकाग्र तक परागकणों का स्थानांतरण परपरागण कहलाता है।

प्रश्न 19. स्वपरागण एवं परपरागण में क्या अंतर है ?
उत्तर- जब परागण क्रिया एक ही पादप के नर और मादा जनन अंगों तक सीमित हो तो इसे स्वपरागण कहते हैं। इसके विपरीत जब परागण क्रिया में दो अलग-अलग पौधों के जननांग सम्मिलित हों तो इसे परपरागण कहते हैं। उदाहरण के लिए यदि एक पुष्प के परागकण दूसरे पौधे के दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं तब उसे परपरागण कहा जाता है

प्रश्न 20. अंकुरण क्या है ?
उत्तर- बीज में भावी पौधा अथवा भ्रूण होता है, जो उपयुक्त परिस्थितियों में नवोद्भिद में विकसित हो जाता है । इस प्रक्रम को अंकुरण कहते है ।

प्रश्न 21. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं ? 
उत्तर- लैंगिक जनन के लाभ-
(i) लैंगिक जनन से जनन संतति में विविधता आती है ।

(ii) जीन के नए युग्मक बनते हैं जिसके कारण आनुवंशिक विविधता का विकास होता है ।

(iii) नए जीवों के विकास में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है

प्रश्न 22. निषेचन की परिभाषा लिखें ।
उत्तर- नर और मादा युग्मकों का संयुक्त होकर युग्मनज का निर्माण करना निषेचन कहलाता है।

प्रश्न 23. दोहरा निषेचन किसे कहते हैं ? वर्णन करें ।
उत्तर- दो नर युग्मकों का दो मादा युग्मकों से संयुक्त होना दोहरा निषेचन कहलाता है। परागण क्रिया पूरी हो जाने के बाद वर्तिकाग्र पर पड़ा हुआ परागकण वर्तिकाग्र के लसदार पदार्थ को सोखकर अंकुरित होने लगता है । अंकुरण के फलस्वरूप एक परागनली बनती है जो वर्तिका में घुसती हुई अंडाशय तक पहुँचती है। परागकण का केन्द्रक विभक्त होकर दो नर युग्मक बनाता है जो परागनलिका के साथ भीतर-ही-भीतर अंडाशय तक पहुँच जाते हैं। ये नर युग्मक अंडाशय में घुसते ही दो मादा युग्मकों (ध्रुवीय केन्द्रक एवं अंड कोशिका) से संयुक्त हो जाते हैं । 

प्रश्न 24. परागण व निषेचन क्रिया एक-दूसरे से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर-

परागण क्रिया
(a) वह क्रिया जिसमें परागकण स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं, परागण कहलाते हैं । 

(b) यह जनन क्रिया का प्रथम चरण है।

(c) परागण क्रिया दो प्रकार की होती है- 
स्व परागण और पर परागण

निषेचन क्रिया
 (a) वह क्रिया जिसमें नर युग्मक मादा युग्मक और मिलकर युग्मनज बनाते हैं, निषेचन कहलाती है। 

(b) यह जनन क्रिया का दूसरा चरण है।

(c) निषेचन क्रिया भी दो प्रकार की है- बाह्य निषेचन एवं आंतरिक निषेचन ।

प्रश्न 25. आर्तवचक्र क्या है ?
उत्तर - यदि गर्भाशय में अंडाणु का निषेचन नहीं हो पाता है, तो यह नष्ट होने लगता है । 28 दिन पूरे हो जाने के बाद यह नष्ट होकर गर्भाशय के अंतःस्तर के साथ योनिद्वार होकर रक्त के रूप में बाहर आने लगता । इस प्रकार पूर्व रजोस्राव से दूसरे रजोस्राव के बीच 28 दिनों के इस चक्र को आर्तवचक्र कहते है। 

प्रश्न 26. रजोनिवृति की परिभाषा लिखें।
उत्तर- रजोनिवृति- मानव मादा के जनन काल की उत्तरावस्था में जब रजोधर्म या ऋतुस्राव चक्र बन्द हो जाता हैं। रजोनिवृति कहलाती है। स्त्रियों में प्रायः 50 वर्ष की आयु में यह अवस्था आती है ।

प्रश्न 27. रजोदर्शन तथा रजोनिवृति में अंतर बताएँ ।
उत्तर- रजोदर्शन तथा रजोनिवृति में अंतर-

रजोदर्शन
(a) रजोधर्म के प्रारंभ को रजोदर्शन कहते हैं। 

(b) यह 12 वर्ष की आयु में प्रारंभ होती है।

रजोनिवृति
(a) रजोधर्म की समाप्ति को रजोनिवृति कहते हैं । (b) यह 50 वर्ष की आयु में समाप्त होती है।

प्रश्न 28. अपरा (प्लेसेन्टा) क्या है ? इसका क्या कार्य है ?
उत्तर - रोपण के बाद भ्रूण और गर्भाशय के बीच एक विशेष ऊतक विकसित होता है, जिसे अपरा कहते हैं ।
अपरा के कार्य- अपरा द्वारा भ्रूण को विकसित होने के लिए भोजन, श्वसन, उत्सर्जन इत्यादि आवश्यकताओं की पूर्ति मातृ शरीर से होती है । 

प्रश्न 29. शुक्राशय एवं प्रोस्टेट ग्रंथि की क्या भूमिका है ?
उत्तर - शुक्राशय की भूमिका - शुक्राशय में शुक्राशय-द्रव का स्राव होता है। यह शुक्राणुओं को पोषण प्रदान करता है एवं उनकी गति के लिए माध्यम की तरह कार्य करता है।

प्रोस्ट्रेट की भूमिका - यह पुरःस्थ द्रव का स्राव करती है । यह एक क्षारीय द्रव होता है। शुक्रद्रव एवं पुरःस्थ द्रव दोनों मिलते हैं और इन्हीं द्रवों के साथ शुक्राणु बाहर आते हैं।

प्रश्न 30. यौवनारंभ के समय लड़कियों में कौन-कौन से परिवर्तन दिखाई देते हैं ? 
उत्तर - यौवनारंभ के समय लड़कियों में निम्नांकित परिवर्तन दिखाई देते हैं--
(i) चेहरे पर मुँहासे निकलने लगते हैं I

(ii) त्वचा अक्सर तैलीय हो जाती है।

(iii) पैर, हाथ एवं चेहरे पर महीन रोम आ जाते हैं ।

(iv) ध्वनि सुरीली हो जाती है।

(v) ऋतुस्राव (रजोस्राव) प्रारंभ हो जाता है ।

प्रश्न 31. माँ के शरीर में गर्भस्थ भ्रूण का पोषण किस प्रकार होता है ?
उत्तर - गर्भस्थ भ्रूण को माँ के रक्त से पोषण प्राप्त होता है। भ्रूण नालरज्जु या प्लेसेन्टा के द्वारा माँ के गर्भ से जुड़ा रहता है। प्लेसेंटा का एक सिरा माँ के गर्भाशय में धँसा रहता है जिधर रक्त स्थान होते हैं जो प्लेसेन्टा के प्रवर्गों को आच्छादित रखते हैं। प्लेसेन्टा के प्रवर्ध रसांकुरों के रूप में व्यापक क्षेत्र प्रदान करते हैं। माँ के रक्त में उपस्थित ग्लूकोज, ऑक्सीजन तथा अन्य पोषण पदार्थ अवशोषित होकर प्लेसेन्टा से होते हुए रक्त के साथ भ्रूण में पहुँचते हैं।

प्रश्न 32. कुछ जीव समान क्यों दिखते हैं ? उनके शारीरिक अभिकल्प में अंतर किस प्रकार उत्पन्न होते हैं ?
उत्तर - कुछ जीव समान दिखते हैं, क्योंकि उनके शारीरिक अभिकल्प समान होते हैं। DNA में अणुओं में प्रोटीनों के निर्माण की सूचनाएँ होती हैं । यदि DNA में परिवर्तन होता है तो ये सूचनाएँ बदल जाती हैं। इससे भिन्न प्रकार के प्रोटीन बन जाते हैं। जिससे शारीरिक अभिकल्प भिन्न हो जाता है और विभिन्नताएँ उत्पन्न होने लगती है।

प्रश्न 33. झारखण्ड तथा बिहार राज्य में भी शिशु लिंग अनुपात तेजी से घट रहा है। इसका कारण लिखें ।
उत्तर- (i) चयनात्मक गर्भपात,

(ii) मादा भ्रूण की निर्मम हत्या,

(iii) दहेज प्रथा तथा लड़कियों के लिए समाज में भेदभाव ।

प्रश्न 34. मुकुलन क्या है ? इस विधि द्वारा हाइड्रा में जनन को समझाएँ ।
उत्तर- मुकुल से नए जीव का विकसित होना मुकुलन कहलाता है।

अलैंगिक जनन की इस विधि में कोशिका के किसी भाग में एक बल्ब जैसा उभार बनता है। कोशिका का केन्द्रक दो भागों में विभाजित हो जाता है और एक भाग इस बल्ब में आ जाता है। यह बल्ब जैसी रचना मूल कोशिका से अलग हो जाती है। अब इसे मुकुल कहते हैं । यीस्ट कोशिका एवं बहुकोशीय जंतु हाइड्रा में इस विधि द्वारा अलैंगिक जनन होता है।

प्रश्न 35. मानव में वृषण के क्या कार्य हैं ?
उत्तर- नर में प्राथमिक जनन अंग अंडाकार आकृति का वृषण होता हैं नर जनन हॉर्मोन एक जोड़ी वृषण उदर गुहा के बाहर छोटे अंडानुमा मांसल संरचना में रहते हैं जिसे वृषण कोष कहते हैं। वृषण में शुक्राणु तथा टेस्टोस्टेरान की उत्पत्ति होती है। वृषण कोष शुक्राणु बनने के लिए उचित ताप प्रदान करता है। 

प्रश्न 36. ऋतुस्राव (रजोधर्म ) क्यों होता है ?
उत्तर- यदि अंडाणु का निषेचन नहीं होता है तो वह एक दिन बाद नष्ट हो जाता है। गर्भाशय भी निषेचित अंडाणु को प्राप्त करने की तैयारी करता है । गर्भाशय की दीवार मोटी तथा स्पंजी हो जाती है। लेकिन निषेचन न होने पर ये धीरे-धीरे टूटती है और रुधिर व म्यूकस के रूप में योनि मार्ग से बाहर निकलती है। इस प्रक्रिया को रजोधर्म या ऋतुस्राव कहते हैं। अतः ऋतुस्राव निषेचन न होने की अवस्था में होता है ।

प्रश्न 37. यदि कोई महिला कॉपर-T का प्रयोग कर रही है तो क्या वह उसकी यौन संचरित रोगों से रक्षा करेगा ?
उत्तर - महिलाओं की योनि में कॉपर - एक ऐसा प्रयोज्य साधन है पुरुष के शुक्राणुओं का प्रवेश डिम्ब नलिका में नहीं होने देता है। यह कॉपर- किसी यौन रोगाणु को भी गर्भाशय में प्रवेश नहीं होने देता। अतः यह महिला की यौन संचरणीय रोगों से भी रक्षा करता है

प्रश्न 38. गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ कौन-कौन सी हैं ?
उत्तर- गर्भनिरोधन की लिए बहुत-सी विधियों का विकास किया गया है जो निम्न है- 
(i) अवरोधिका विधियाँ - इन विधियों में कंडोम, मध्यपट और गर्भाशय ग्रीवा आच्छद का उपयोग किया जाता है। ये मैथुन के दौरान मादा जननांग में शुक्राणुओं के प्रवेश को रोकती हैं।

(ii) रासायनिक विधियाँ - इस प्रकार की विधि में स्त्री दो प्रकार- मुखीय गोलियाँ तथा योनि गोलियाँ प्रयोग करती है।

ये गोलियाँ मुख्यतः हार्मोन्स से बनी होती हैं जो अंडाणु को डिम्बवाहिनी नलिका में उत्सर्जन से रोकती हैं ।

(iii) शल्य विधियाँ - इस विधि में पुरुष शुक्रवाहक तथा स्त्री की डिम्बवाहिनी नली के छोटे से भाग को शल्यक्रिया द्वारा काट या बाँध दिया जाता है इसे नर नसबंदी तथा स्त्री में स्त्री नसबंदी कहते हैं । 

प्रश्न 39. गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनाने के क्या कारण हो सकते हैं ?
उत्तर- जनन एक ऐसा प्रक्रम है जिसके द्वारा जीव अपनी समष्टि की वृद्धि करते हैं एक समष्टि में जन्मदर एवं मृत्युदर उसके आकार का निर्धारण करते हैं। जनसंख्या का विशाल आकार बहुत लोगों के लिए चिंता का विषय है । इसका मुख्य कारण यह है कि बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण प्रत्येक व्यक्ति के जीवन स्तर में सुधार लाना आसान कार्य नहीं है । अतः जनसंख्या की बढ़ती हुई संख्या पर नियंत्रण रखना जरूरी है। इसीलिए गर्भनिरोधक युक्तियाँ अपनानी चाहिए। 

प्रश्न 40. जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में किस प्रकार सहायक है ? 
उत्तर- जनन द्वारा जीव अपनी प्रतिकृति अथवा नई संतति को जन्म देती है । यद्यपि नई संतति जनक की पूर्ण प्रतिकृति नहीं होती हैं, फिर भी उनमें मौलिक समानताएँ होती हैं। इस प्रकार जनन के द्वारा जीव अपनी संतति के निर्माण की प्रक्रिया को बनाए रखता है ।

यदि जीवों में जनन की प्रक्रिया नहीं होती तो वे अपने समान जीवों की उत्पत्ति नहीं कर पाते तथा एक समय के बाद उनका अस्तित्व ही मिट जाता। किसी स्पीशीज में पाई जाने वाले जीवों की विशाल संख्या जनन का ही परिणाम है। जनन से विभिन्नताएँ भी उत्पन्न होती हैं। ये विभिन्नताएँ विपरीत परिस्थितियों में भी जीवधारियों को जीवित रहने में सहायता करती है। इस प्रकार उन जीवों की स्पीशीज समाप्त नहीं होती है।

इस प्रकार, जनन किसी स्पीशीज की समष्टि के स्थायित्व में महत्त्वपूर्ण रूप से सहायक है।

प्रश्न 41. एक कोशिक एवं बहुकोशिक जीवों की जनन पद्धति में क्या अंतर है ? 
उत्तर- एक कोशिक जीवों में प्रायः अलैंगिक जनन ही होता है तथा एक अकेला जीव संतति उत्पन्न कर सकता है। बहुकोशिक जीवों में लैंगिक जनन भी होता है जिसके लिए नर और मादा दोनों जीवों की आवश्यकता होती है। इस प्रकार के जनन में डी० एन० ए० की प्रतिकृति का निर्माण होता है तथा इससे विभिन्नताएँ उत्पन्न होती हैं जो विकास में सहायक हैं। एक कोशिक जीवों की जनन पद्धति से विभिन्नताओं के उत्पन्न होने की संभावना कम होती है।

प्रश्न 42. बहुकोशिक जीवों में जनन के लिए अपेक्षाकृत अधिक जटिल विधि की आवश्यकता होती है । क्यों ?
उत्तर- ऐसे जीवों में विशेष कार्यों के लिए कोशिकाओं के अलग-अलग संगठन होते हैं। ऊतक संगठित होकर अंग बनाते हैं और शरीर में उनकी स्थितियाँ निश्चित होती हैं। ऐसी सजग- व्यवस्थित परिस्थिति में कोशिका - दर - कोशिका विभाजन अव्यावहारिक है। अतः ऐसे जीवों को जनन के लिए अपेक्षाकृत अधिक जटिल विधि की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 43. भारतीय समाज में लड़कियों की संख्या में कमी के दो कारण लिखें । 
उत्तर- (i) गर्भस्थ शिशु का लिंग पता करके मादा शिशु को नष्ट कराना।

(ii) बढ़ती हुई दहेज प्रथा ।

प्रश्न 44. कौन से कारक किसी समष्टि के आकार का निर्धारण करते हैं ? 
उत्तर- (i) जन्म दर, 

(ii) मृत्यु दर, 

(iii) स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि । 

प्रश्न 45. धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, कैसे ?
उत्तर- धूम्रपान से फेफड़े का कैंसर, सांस संबंधी समस्याएँ, मधुमेह का खतरा, प्रजनन क्षमता पर बुरा प्रभाव, डिमेंशिया आदि का जोखिम होता है। यही नहीं धूम्रपान से हृदय रोग की आशंका बढ़ जाती है। धूम्रपान से त्वचा की सामान्य उम्र बढ़ने की प्रक्रिया भी तेज हो सकती है। समय से पहले झुरियाँ, त्वचा की सूजन बढ़ जाती है।

चित्रात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. पुष्प की अनुदैर्ध्य काट का नामांकित चित्र बनाएँ ।
उत्तर-


प्रश्न 2. चित्र द्वारा अमीबा में प्रजनन की द्विखंडन विधि को दर्शाएँ ।


प्रश्न 3. चित्र का निरीक्षण करें और इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें-
(i) चित्र क्या दर्शाता है ?
(ii) चित्र द्वारा प्रदर्शित घटना का वर्णन करें ।

उत्तर- (i) चित्र अमीबा में द्विखंडन विधि द्वारा अलैंगिक जनन को दर्शाता है ।

(ii) सर्वप्रथम केन्द्रक का विभाजन प्रारम्भ होता है। प्लाज्मा झिल्ली अन्दर की ओर दोनों तरफ से धँसना प्रारम्भ करती है। केन्द्रक तर्क की तरह फैल जाता है। दो कोशिकाएँ बन जाती हैं और दोनों में केन्द्रक उपस्थित रहता है। यह समसूत्रण की विधि है।

प्रश्न 4. चित्र का निरीक्षण करें और इस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें-

(i) चित्र क्या दर्शाता है ?
(ii) चित्र में दर्शाए गए प्रक्रम से क्या लाभ है ?
उत्तर- (i) स्पाइरोगाइरा में खंडन विधि द्वारा अलैंगिक जनन।

(ii) स्पाइरोगाइरा की आबादी बढ़ती है ।

प्रश्न 5. चित्र का निरीक्षण करें और इसपर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें-
(i) चित्र में किस जन्तु में जनन दर्शाया गया है ? 
(ii) यह अलैंगिक जनन की कौन-सी विधि है ? 
(iii) चित्र द्वारा दर्शायी गई विधि का वर्णन करें। 
उत्तर- (i) प्लैनेरिया ।

(ii) पुनरुद्भवन ।

(iii) चित्र प्लैनेरिया में पुनरुद्भवन को दर्शाता है। इसके अंतर्गत प्लैनेरिया के चाहे जितने टुकड़े हो जाएँ, प्रत्येक टुकड़ा स्वतंत्र प्लैनेरिया के रूप में विकसित होता है। .

प्रश्न 6. दिए गए चित्र में (a) और (b) को नामांकित करें तथा बताएँ कि यह प्रजनन की किस विधि को दर्शाता हैं ?
उत्तर- (a) स्पर्शक,

(b) मुकुल।

यह चित्र प्रजनन की मुकुलन विधि को दर्शाता हैं

प्रश्न 7. चित्र का निरीक्षण करें और इसपर आधारित प्रश्नों के उत्तर दें-


(i) चित्र क्या दर्शाता है ?
(ii) चित्र में (a) का क्या नाम है ?
(iii) चित्र में दर्शाई गई पत्ती किस पौधे की हो सकती है ? 
(iv) आलू में कायिक प्रवर्धन किस प्रकार होता है ?
उत्तर- (i) चित्र ब्रायोफिलम की पत्ती द्वारा वर्धि प्रचारण का होना दर्शाता है । 

(ii) कलिका।

(iii) ब्रायोफिलम।

(iv) आलू के ऊपर अर्द्धचन्द्राकार आँखे होती है। इन आँखों में पत्र कलिकाएँ होती हैं। यदि आलू के आँखयुक्त टुकड़े काटे जाएँ और उन्हें मिट्टी में दबा दिया जाए तो आँखों के निचले भागों से जड़ें उत्पन्न होकर भूमि में जाती हैं । पत्र कलिकाएँ प्रकाश के प्रभाव में विकसित होकर प्ररोह का निर्माण करती हैं ।

प्रश्न 8. चित्र में (a), (b), (c) तथा (d) जिन अंगों को इंगित करते हैं उन अंगों के नाम लिखें, तथा प्रत्येक के कार्य लिखें-

उत्तर- (a) परागकण,

(b) वर्तिका, 

(c) निर्दिष्ठ केन्द्रक,

(d) अंडाशय ।

अंगों के कार्य-
(i) परागकण- परागण तथा निषेचन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना ।

(ii) वर्तिका - परागकणों के अंकुरण के समय पराग नलिकाओं के बीजांड तक पहुँचने के मार्ग के रूप में कार्य करना ।

(iii) निर्दिष्ठ केन्द्रक - निषेचन में भाग लेना ।

(iv) अंडाशय— मादा जनन अंग के मुख्य भाग के रूप में निषेचन, फल तथा बीज-निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाना ।

प्रश्न 9. दिए गए चित्र में (A) और (B) को नामांकित करें तथा (B) के दो कार्य लिखें।

उत्तर- (A) दलपत्र।

(B) अंडाशय।

अंडाशय के दो कार्य-
(i) यह स्त्रीकेशर का मुख्य भाग है एवं बीजांड को रखता है । 

(ii) यह निषेचन की क्रिया में मुख्य रूप से भाग लेता है । 

प्रश्न 10. चित्र के आधार पर प्रश्नों के उत्तर लिखें-

(a) चित्र में कौन सा प्रक्रम दर्शाया गया है ?
(b) बीजपत्र का क्या कार्य है ?
उत्तर- (a) अंकुरण ।

(b) बीजपत्र में पोषक पदार्थ पाए जाते है जिनका उपयोग करके प्रांकुर वृद्धि करता है और पौधे का रूप ग्रहण करता है।

प्रश्न 11. दिए गए चित्र में (a) और (b) को नामांकित करें तथा (b) के कोई दो कार्य लिखें तथा चित्र क्या दर्शाता है ?

उत्तर- (a) अंडाशय ।

(b) डिम्बवाहिनी (फालोपियन नलिका)

डिम्बवाहिनी के कार्य-
(i) अंडाणुओं को गर्भाशय तक पहुँचाना |

(ii) निषेचन में सहायक होना ।

चित्र मादा के जनन तंत्र की आंतरिक रचना को दर्शाता है ।

प्रश्न 12. निम्नांकित चित्र में क्या दिखाया गया है ? यह कहाँ पाया जाता है ? (a) और (b) की क्या भूमिकाएँ हैं ?


उत्तर- इस चित्र में बीजांड की आन्तरिक रचना दिखाया गया है। यह अंडाशय में पाया जाता है । 
(a) और (b) दोहरे निषेचन में भाग लेते हैं ।

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