NCERT कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 11 नए साम्राज्य और राज्य

पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न

1. यह वर्णन तुम्हें उस राजा के बारे में क्या बताता है? राजा किस प्रकार युद्ध लड़ते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-112)
उत्तर : राजा युद्ध के मैदान में बिल्कुल आमने-सामने की लड़ाई लड़ते थे। वे युद्ध में लड़ने के लिए गदाओं, तलवारों, भालों तथा तीरों आदि का भरपूर प्रयोग करते थे।

2. आर्यावर्त तथा दक्षिणापथ के राज्यों के साथ समुद्रगुप्त के व्यवहार में क्या अंतर था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-113)
उत्तर : समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त के शासकों को हराकर उनके राज्यों को अपने साम्राज्य में मिला लिया था, जबकि दक्षिणापथ के शासकों ने हार जाने के बाद समुद्रगुप्त के सामने स्वयं समर्पण कर दिया था। इसके बाद समुद्रगुप्त ने उन्हें फिर से शासन करने की अनुमति प्रदान कर दी थी। इस अंतर का मुख्य कारण यह था कि समुद्रगुप्त, आर्यावर्त के शासकों पर नियंत्रण रख सकता था, क्योंकि वे उनकी राजधानी के नजदीक थे, जबकि दक्षिणापथ शासकों पर उत्तर भारत में बैठकर नियंत्रण रखना काफी कठिन था, क्योंकि वे उसकी राजधानी से दूर थे। इसलिए समुद्रगुप्त ने उनको फिर से शासन करने की अनुमति प्रदान कर दी।

3. इन उपाधियों को महत्त्व के हिसाब से सजाओ। राजा, महाराज-अधिराज, महा-राजा।। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-114)
उत्तर :

  1. राजा
  2. महा-राजा
  3. महाराज-अधिराज।

4. मानचित्र 8 (पृष्ठ 136) देखो और सूची बनाओ कि जब हर्षवर्धन
(क) बंगाल तथा
(ख) नर्मदा तक गए होंगे तो आज के किन-किन राज्यों से गुजरे होंगे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-115)
उत्तर :
(क) बंगाल जाने के लिए आज के उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखंड राज्यों से गुजरना पड़ा होगा।
(ख) नर्मदा तक जाने के लिए उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश राज्यों से गुजरना पड़ा होगा।

5. वे कौन-से अन्य शासक थे जो तटों पर अपना नियंत्रण करना चाहते थे? । (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-116)
उत्तर : चोल, चेर, पांड्य तथा सातवाहन।

6. सोचकर बताओ कि अफ़सरों का पद आनुवंशिक कर देने में क्या-क्या फायदे और क्या-क्या नुकसान हो सकते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-117)
उत्तर :
लाभ- पिता के कई वर्षों का अनुभव पुत्र के काम आता। पुत्र भी पिता संरक्षण रहते हुए काम को अच्छी | प्रकार सीख लेता। यदि पिता ईमानदार अफसर होता तो वह वही संस्कार अपने पुत्र को भी देने का प्रयास करता और पुत्र अपने पिता की गरिमा को बनाए रखने का प्रयास करता।

हानि-किसी साधारण व्यक्ति को अफसर बनने का अवसर नहीं मिलता। इस प्रकार व्यक्ति योग्य होते हुए भी अफसर नहीं बन पाता और संभव था कि एक अयोग्य व्यक्ति अफसर बन जाता है। इस प्रकार पद का दुरुपयोग होता।

7. आज अगर किसी गरीब आदमी को कुछ मिलता है और वह पुलिस में खबर करता है तो क्या उसके साथ इसी तरह का बर्ताव किया जाएगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : हाँ, आज भी गरीब आदमी के साथ पुलिस इसी तरह का व्यवहार करती।

8. एक प्रसिद्ध व्यक्ति का नाम बताओ, जिसने प्राकृत में उपदेश दिए और एक राजा का नाम बताओ, | जिसने प्राकृत में अपने अभिलेख लिखवाए। (अध्याय 7 तथा 8 देखो।) (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : प्राकृत में उपदेश दिए-वर्धमान महावीर प्राकृत में अभिलेख लिखवाए-अशोक

9. सेना के साथ ले जाई जाने वाली चीजों की सूची बनाओ। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-119)
उत्तर : सेना के साथ ले जाए जाने वाले सामान की सूची

  1. हथियार
  2. बर्तन
  3. खाने-पीने का सामान
  4. नगाड़े

10. ग्रामवासी राजा के लिए क्या-क्या लेकर आते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-119)
उत्तर : ग्रामवासी द्वारा राजा के लिए लाए गए सामान| वे दही, गुड़ तथा फूलों का उपहार का उपहार लाते थे। वे जानवरों को चारा भी देते थे।

अन्यत्र (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-120)

मानचित्र 6 (पृष्ठ 84-85) में अरब ढूँढो। मरुभूमि होते हुए भी सदियों से अरब, यातायात का एक बड़ा केंद्र था। दरअसल, अरब व्यापारी तथा नाविकों ने भारत और यूरोप (देखो पृष्ठ संख्या 100) के बीच समुद्री व्यापार बढ़ाने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अरब में रहने वाले अन्य लोगों में बेदुइन थे, जो घुमक्कड़ कबीले होते थे। ये मुख्य रूप से ऊँटों पर आश्रित होते थे, क्योंकि यह एक ऐसा मज़बूत जानवर है, जो मरुभूमि में भी स्वस्थ रह सकता है।

लगभग 1400 साल पहले पैगम्बर मुहम्मद ने अरब में इस्लाम नामक एक.नए धर्म की शुरुआत की। ईसाई धर्म की तरह इस्लाम ने भी अल्लाह को सर्वोपरि माना है, उनके बाद सभी को समान माना गया है। यहाँ इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुराने का एक अंश दिया गया है ।।

“मुसलमान स्त्रियों और पुरुषों के लिए, विश्वास रखने वाले स्त्रियों और पुरुषों के लिए, भक्त स्त्रियों और पुरुषों के लिए, सच्चे स्त्रियों और पुरुषों के लिए, धैर्यवान और स्थिर मन के स्त्रियों और पुरुषों के लिए, दान देने वाले स्त्रियों और पुरुषों के लिए, उपवास रखने वाले स्त्रियों और पुरुषों के लिए, अपनी पवित्रता बनाए रखने वाले स्त्रियों और पुरुषों के लिए, अल्लाह को हमेशा याद करने वाले स्त्रियों और पुरुषों के लिए-अल्लाह ने इन सब के लिए ही क्षमा और पुरस्कार रखा है।” अगले सौ सालों के दौरान इस्लाम उत्तरी अफ्रीका, स्पेन, ईरान और भारत में फैल गया। अरब नाविक,
जो इस उपमहाद्वीप की तटीय बस्तियों से पहले से ही परिचित थे, अब अपने साथ इस नए धर्म को भी ले आए। अरब के सिपाहियों ने करीब 1300 साल पहले सिंध (आज के पाकिस्तान में) को जीत लिया था।

1. भारत और यूरोप के बीच समुद्री व्यापार बढ़ाने में किसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी?
उत्तर : अरब व्यापारी तथा नाविकों ने भारत और यूरोप के बीच समुद्री व्यापार बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

2. इस्लाम नामक एक नए धर्म की शुरुआत कब और किसने की थी?
उत्तर : लगभग 1400 साल पहले पैगम्बर मुहम्मद ने अरब में इस्लाम नामक एक नए धर्म की शुरुआत की थी। |

3. इस्लाम धर्म अपने शुरुआत के सौ सालों में किन-किन देशों में फैल गया?
उत्तर : इस्लाम धर्म अपने शुरुआत के सौ सालों में उत्तरी-अफ्रीका, स्पेन, ईरान और भारत में फैल गया था।

देखें मानचित्र-6 (एन.सी.आर.टी. पाठ्यपुस्तक पृष्ठ संख्या 84-85)

4. मानचित्र 6 में उन रास्तों को ढूंढो जिनसे नाविक तथा सिपाही इस उपमहाद्वीप में आए होंगे?
उत्तर : छात्र अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

कल्पना करो

हर्षवर्धन की सेना अगले हफ्ते तुम्हारे गाँव आने वाली है। तुम्हारे माता-पिता इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। वर्णन करो कि वे क्या-क्या बोल रहे हैं और क्या कर रहे हैं।
उत्तर : मेरे माता-पिता राजा और उसकी सेना के स्वागत की तैयारी कर रहे। वे आपस में बातचीत कर रहे कि
गुड़ अच्छे बनाना ताकि राजा गुड़ खाकर खुश हो जाते। पिताजी माता से कह रहे कि जर्ब तक राजा यहाँ रहेंगे तुम्हें रोजाना अच्छे से दही बनाना है और फूलों का गुलदस्ता बनाना है ताकि राजा का मन खुश हो जाए। अरे हमें तो राजा के जानवरों के लिए चारे का भी प्रबंध करना है।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

आओ याद करें

1. सही या गलत बताओ :
(क) हरिषेण ने गौतमी पुत्र श्री सातकर्णी की प्रशंसा में प्रशस्ति लिखी।
(ख) आर्यावर्त के शासक समुद्रगुप्त के लिए भेंट लाते थे।
(ग) दक्षिणापथ में बारह शासक थे।
(घ) गुप्त शासकों के नियंत्रण में दो महत्त्वपूर्ण केंद्र तक्षशिला और मदुरै थे।
(ङ) ऐहोल पल्लवों की राजधानी थी।
(च) दक्षिण भारत में स्थानीय सभाएँ सदियों तक काम करती रहीं।

उत्तर :

(क) गलत
(ख) गलत
(ग) सही
(घ) गलत
(ङ)गलत
(च) सही।

2. ऐसे तीन लेखकों के नाम बताओ, जिन्होंने हर्षवर्धन के बारे में लिखा।
उत्तर : बाणभट्ट, श्वैन त्सांग और रवि कीर्ति ऐसे तीन लेखकों के नाम हैं, जिन्होंने हर्षवर्धन के विषय में लिखा। |

3. इस युग में सैन्य संगठन में क्या बदलाव आए?
उत्तर :
निम्नलिखित बदलाव आए

  • राजा एक सुसंगठित सेना रखते थे जिसमें हाथी, रथ, घुड़सवार और पैदल सिपाही होते थे।
  • वे सेनानायक भी रखते थे जो आवश्यकता पड़ने पर राजा को सैनिक सहायता दिया करते थे।
  • इन सेनानायकों को कोई नियमित वेतन नहीं दिया जाता था। इन्हें भूमि दान दिया जाता था। वे दी गई भूमि से कर वसूल करते थे जिससे वे सेना तथा घोड़ों की देखभाल करते थे।
  • ये सेनानायक सामंत कहलाते थे। जहाँ कहीं भी शासक दुर्बल होते थे ये सामंत स्वतंत्र होने की कोशिश, करते थे।

4. इस काल की प्रशासनिक व्यवस्था में तुम्हें क्या-क्या नई चीजें दिखती हैं?
उत्तर : प्रशासन की प्राथमिक इकाई गाँव होते थे, लेकिन धीरे-धीरे कई बदलाव आए। राजाओं ने आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक या सैन्य शक्ति रखने वाले लोगों का समर्थन जुटाने के लिए कई कदम उठाए।

  • कुछ महत्त्वपूर्ण प्रशासकीय पद आनुवंशिक बन गए। जिसका अर्थ है बेटे अपने पिता का पद पाते थे जैसे कि कवि हरिषेण अपने पिता की तरह महादंडनायक अर्थात् मुख्य न्याय अधिकारी थे।
  • कभी-कभी एक ही व्यक्ति कई पदों पर कार्य करता था जैसे कि हरिषेण एक महादंडनायक होने के साथ-साथ कुमारामात्य अर्थात् एक महत्त्वपूर्ण मंत्री तथा एक संधि-विग्रहिक अर्थात् युद्ध और शांति के विषयों का भी मंत्री था।
  • स्थानीय प्रशासन में प्रमुख व्यक्तियों का बोलबाला था। इनमें नगर-श्रेष्ठी यानी मुख्य बैंकर या शहर का व्यापारी, सार्थवाह यानी व्यापारियों के काफिले का नेता, प्रथम कुलिक अर्थात् मुख्य शिल्पकार
    तथा कायस्थों यानी लिपिकों के प्रधान जैसे लोग होते थे। आओ चर्चा करें।

5. तुम्हें क्या लगता है कि समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करने के लिए अरविन्द को क्या-क्या करना पड़ेगा? ।
उत्तर : अगर अरविन्द राजा समुद्रगुप्त की भूमिका अदा करता है तो उसे निम्नलिखित कार्य करना पड़ेगा

  • वह शाही वेशभूषा में, मूंछों पर ताव देते हुए, रूपहले कागज में लिपटी तलवार को शान से पकड़कर चहलकदमी करेगा।
  • वह राज सिंहासन पर बैठकर वीणा बजाएगा और कविता पाठ भी करेगा।
  • वह एक महान योद्धा की तरह कई युद्ध लड़ेगा और उन युद्धों को उसे जीतना पड़ेगा।

6. क्या प्रेशस्तियों को पढ़कर आम लोग समझ लेते होंगे? अपने उत्तर के कारण बताओ।
उत्तर : आम लोग प्रशस्तियों को पढ़कर नहीं समझ पाते होंगे, क्योंकि वे संस्कृत में होती थी। संस्कृत आम लोगों की भाषा नहीं थी। आम आदमी सामान्यतः पढ़े-लिखे नहीं थे इसलिए प्रशस्तियों को पढ़ना और समझ जाना उनके लिए संभव नहीं था। आओ करके देखें

7. अगर तुम्हें अपनी वंशावली बनानी हो, तो तुम उसमें किन लोगों को शामिल करोगे? कितनी पीढ़ियों को तुम इसमें शामिल करना चाहोगे? एक चार्ट बनाओ और उसे भरो।
उत्तर : अगर मैं अपनी वंशावली बनाऊँगा तो मैं उसमें तीन पीढ़ियों को शामिल करना पसंद करूंगा। मैं अपने परदादा से शुरू करूंगा। उसके बाद उनके बच्चे, यानी के अपने दादा और उनके भाई, अपने दादा के पुत्र यानी अपने पिता और भाई, फिर मैं स्वयं अपने भाई को शामिल करूंगा।
NCERT Solutions for Class 6 Social Science History Chapter 11 (Hindi Medium) 1

8. आज युद्ध का असर जनसाधारण पर किस तरह पड़ता है?
उत्तर : युद्ध हमारे जीवन में विपत्तिग्रस्त घटना होती है। युद्ध सामान्यतः दो देशों के बीच में या संयुक्त रूप से विभिन्न
देशों के समूहों के बीच लड़ा जाता है, जबकि सामान्य लोगों का युद्ध के पीछे के मुख्य उद्देश्य के प्रति कोई लगाव नहीं होता है। वे युद्ध से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। बड़ी संख्या में वे लोग युद्ध में मारे जाते हैं। जिनका कोई भी दोष नहीं होता हैं। वे अपना जीवन खो देते हैं। युद्ध अपने पीछे चिल्लाते हुए विधवाओं और अनाथों को छोड़ जाता है। सभी संसाधन नष्ट हो जाते हैं विकास पूरी तरह प्रभावित हो जाता है फिर से व्यवस्थित होने में बहुत समय लगता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. समुद्रगुप्त की प्रशस्ति उसका वर्णन किस प्रकार करती है? [वि. छोटा सा भूत]

उत्तर:  समुद्रगुप्त की प्रशस्ति में कवि ने उसकी प्रशंसापूर्ण शब्दों में की है। इस प्रशस्ति के अनुसार, समुद्रगुप्त एक महान योद्धा था जिसने युद्धों में विजय प्राप्त की। वह एक विद्वान राजा और श्रेष्ठ कवि था। वह देवताओं के समान था। वह गुप्त वंश का एक वीर शासक था जिसका प्रभाव क्षेत्र दूर-दूर तक फैला हुआ था।

2. प्रशस्ति में वर्णित योद्धा के रूप में समुद्रगुप्त का वर्णन कीजिए?

उत्तर:  समुद्रगुप्त गुप्त वंश का एक महान शासक था। वह एक वीर योद्धा भी था जिसने युद्धों में विजय प्राप्त की। उसका शरीर अत्यंत आकर्षक था और युद्ध के दौरान बने सैकड़ों निशानों से भरपूर था - कुल्हाड़ियाँ, बाण, शूल, भाले, काँटेदार बाण, तलवारें, लोहे की गदा, भाले, काँटेदार बाण, लंबे बाण और कई अन्य हथियार।

3. समुद्रगुप्त ने आर्यावर्त और दक्षिणापथ के शासकों के साथ जो व्यवहार किया, उसमें क्या अंतर था?

उत्तर:  आर्यावर्त के शासकों के प्रति समुद्रगुप्त की नीतियाँ बहुत कठोर थीं। सभी नौ शासकों को क्रूरतापूर्वक पराजित किया गया और उनके राज्यों को समुद्रगुप्त के साम्राज्य का हिस्सा बना लिया गया। लेकिन जहाँ तक दक्षिणापथ के शासकों का प्रश्न है, समुद्रगुप्त ने उनके प्रति विनम्र रवैया बनाए रखा। बारह शासक ऐसे थे जिन्होंने पराजित होने के बाद समुद्रगुप्त के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और फिर उसने उन सभी को फिर से शासन करने की अनुमति दे दी।

4. हर्षवर्धन के बारे में आप क्या जानते हैं? उनके जीवन की प्रमुख घटनाओं का वर्णन कीजिए। [वि. इंप.]

उत्तर: 

  • हर्षवर्धन ने लगभग 1400 वर्ष पहले शासन किया था।
  • हमें उनके बारे में उनके दरबारी कवि बाणभट्ट द्वारा लिखित उनकी जीवनी से पता चलता है। यह जीवनी हर्षचरित के नाम से प्रसिद्ध है, जो संस्कृत में है।
  • उनके बारे में जानने का एक अन्य स्रोत ज़ुआन ज़ांग का विवरण है, जो उन्होंने अपने पीछे छोड़ा था।
  • अपने पिता और बड़े भाई की मृत्यु के बाद हर्षवर्धन थानेसर का शासक बना।
  • बंगाल के शासक द्वारा अपने बहनोई की हत्या के बाद उन्होंने कन्नौज राज्य पर अधिकार कर लिया।
  • हर्ष ने बंगाल के शासक के विरुद्ध सेना का नेतृत्व किया।
  • उसे पूर्व में सफलता मिली और उसने मगध और बंगाल दोनों पर विजय प्राप्त की, लेकिन नर्मदा पार करने की कोशिश में उसे हार का सामना करना पड़ा।

5. गुप्त वंशावलियों के बारे में आप क्या जानते हैं? संक्षेप में बताइए।

उत्तर:  प्रशस्तियों से हमें गुप्तों की वंशावली का पता चलता है, जिनमें समुद्रगुप्त के परदादा, पितामह, पिता और माता का उल्लेख है। उनकी माता, कुमारा देवी, लिच्छवि गण से संबंधित थीं, जबकि उनके पिता, चंद्रगुप्त पहले गुप्त शासक थे जिन्होंने महाराजाधिराज की भव्य उपाधि धारण की थी। समुद्रगुप्त ने भी इसी उपाधि का प्रयोग किया था। उनके परदादा और परदादा का उल्लेख केवल महाराजा के रूप में किया गया है। समुद्रगुप्त ने वंशावली में अपने पुत्र चंद्रगुप्त द्वितीय का नाम भी जोड़ा। चंद्रगुप्त द्वितीय ने पश्चिमी भारत में एक अभियान का नेतृत्व किया जहाँ उन्होंने अंतिम शक शासक को पराजित किया।

6. पुलकेशिन द्वितीय सबसे प्रसिद्ध चालुक्य शासक था। संक्षेप में बताइए। [वि. इं.]

उत्तर:  पुलकेशिन द्वितीय के बारे में हमें उनके दरबारी कवि रविकीर्ति द्वारा रचित एक प्रशस्ति से पता चलता है। इस प्रशस्ति के अनुसार, पुलकेशिन को अपने चाचा से राज्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने पश्चिमी और पूर्वी दोनों तटों पर अभियानों का नेतृत्व किया। इसके अलावा, उन्होंने हर्षवर्धन के उस आक्रमण को भी रोका जब वह नर्मदा नदी पार करके दक्कन की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहा था। प्रशस्ति हमें यह भी बताती है कि पुलकेशिन ने पल्लव राजा पर भी आक्रमण किया, जिसने कांचीपुरम की दीवारों के पीछे शरण ली थी।

7. राज्यों में आम लोगों की स्थिति क्या थी? संक्षेप में वर्णन कीजिए।

उत्तर:   विदेशी यात्रियों, विशेषकर फाह्यान जैसे चीनी तीर्थयात्रियों द्वारा छोड़े गए नाटकों और विवरणों में आम लोगों की स्थिति पर प्रकाश डाला गया है।

  • कालिदास के नाटक राज दरबार के जीवन पर प्रकाश डालते हैं। उनके नाटकों में राजा और अधिकांश ब्राह्मण संस्कृत बोलते हुए दिखाए गए हैं, जबकि कुछ स्त्रियाँ और पुरुष, फिर राजा और ब्राह्मण प्राकृत भाषा का प्रयोग करते हैं।
  • फ़ा शियान के वृत्तांत अछूतों की दुर्दशा पर प्रकाश डालते हैं। राज्य के शक्तिशाली और प्रभावशाली लोग इन अछूतों के साथ बुरा व्यवहार करते थे। उन्हें शहर के बाहरी इलाके में रहने का सख्त निर्देश दिया गया था।

 8. बाणभट्ट ने राजा की सेना की गति का सजीव वर्णन किया है। संपूर्ण वर्णन अपने शब्दों में लिखिए। [वि. इं.]

उत्तर:   राजा बहुत सारी चीजें अपने साथ लेकर यात्रा करते थे जिनमें हथियार और दैनिक उपयोग की चीजें जैसे बर्तन, धूपदान, फर्नीचर, सोने की चौकी, भोजन आदि शामिल थे।

  • उनके साथ बकरी, हिरण, खरगोश आदि जानवर भी थे। ये गाड़ियां सब्जियां और मसाले भी ले जा रही थीं।
  • राजा की विशाल सेना के साथ संगीतकारों का एक दल भी था।
  • गाँव वाले राजा के लिए दही, गुड़ और फूल लाए थे। उन्होंने जानवरों के लिए भी एक फ़ोल्डर रखा था।

  • सेना के गुज़र जाने के बाद पूरा वातावरण धूल से भर गया। हाथी अक्सर गाँववालों की झोपड़ियाँ रौंदते हुए निकल जाते थे।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. समुद्रगुप्त कौन था? [महत्वपूर्ण]

उत्तर:  वह गुप्त वंश का एक प्रसिद्ध शासक था।

2. हम उसके बारे में कैसे जानते हैं?

उत्तर:  हम उनके बारे में एक लंबे शिलालेख से जानते हैं, जो उनके दरबारी कवि हरिषेण द्वारा रचित संस्कृत में एक कविता है।

3. यह कविता कहाँ अंकित है?

उत्तर:  यह कविता इलाहाबाद के अशोक स्तंभ पर अंकित है।

4. प्रशस्ति क्या थी? [वि. इम्प.]

उत्तर:  प्रशस्तियाँ दरबारी कवियों द्वारा अपने शासकों की प्रशंसा में रचित कविताएँ थीं।

5. किस राजवंश के दौरान प्रशस्तियों को महत्व मिला?

उत्तर:  गुप्त वंश के दौरान प्रशस्तियों को महत्व प्राप्त हुआ।

6. समुद्रगुप्त की प्रशस्ति हमें क्या बताती है?

उत्तर:  समुद्रगुप्त की प्रशस्ति हमें बताती है कि वह एक महान योद्धा था जिसने कई युद्ध जीते।

7. समुद्रगुप्त के दरबारी कवि हरिषेण द्वारा वर्णित चार विभिन्न प्रकार के शासकों के नाम बताइए। [वि. इम्प.]

उत्तर:

  • आर्यावर्त के शासकों
  • दक्षिणापथ के शासक
  • पड़ोसी राज्यों का आंतरिक घेरा
  • दूरस्थ क्षेत्रों के शासक।

8. बाणभट्ट ने हर्षवर्धन की जीवनी लिखी। इस पुस्तक का नाम क्या है? [वि. इम्प.]

उत्तर:  बाणभट्ट द्वारा लिखित जीवनी को हर्षचरित कहा जाता है।

9. हर्षचरित किस भाषा में लिखा गया है?

उत्तर:  हर्षचरित संस्कृत में लिखा गया है।

10. हर्षवर्धन कन्नौज का शासक कब बना?

उत्तर:  हर्षवर्धन अपने बहनोई की बंगाल के शासक द्वारा हत्या के बाद कन्नौज का शासक बना।

11. जब हर्षवर्धन ने नर्मदा नदी पार करने का प्रयास किया तो क्या हुआ?

उत्तर:  उन्हें सबसे प्रसिद्ध चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय ने रोका था

12. पल्लवों की राजधानी का नाम बताइए।

उत्तर:  कांचीपुरम.

13. चालुक्यों की राजधानी का नाम बताइए।

उत्तर:  ऐहोल.

14. पुलकेशिन को राज्य किससे मिला?

उत्तर:  उसे राज्य अपने चाचा से मिला था।

15. हरिषेण ने एक से अधिक पद संभाले? उनके नाम बताइए।

उत्तर: हरिषेण के पास एक से अधिक कार्यालय थे। वह महादंडनायक होने के साथ-साथ कुमार-अमात्य और संधि-विग्रहिक भी था।

16. नगरम क्या था?

उत्तर:  यह व्यापारियों का संगठन था।

17. स्थानीय विधानसभाओं पर किसका नियंत्रण था?

उत्तर:  धनी और शक्तिशाली ज़मींदार और व्यापारी स्थानीय विधानसभाओं को नियंत्रित करते थे

18.इस काल के आम लोगों के जीवन के बारे में हम कैसे जानते हैं?

उत्तर:  हमें आम लोगों के जीवन के बारे में कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतलम जैसे नाटकों और फाह्यान जैसे चीनी तीर्थयात्रियों द्वारा छोड़े गए वृत्तांतों से पता चलता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

 1.समुद्रगुप्त की नीतियों का वर्णन करें

  • आर्यावर्त के शासकों
  • दक्षिणापथ के शासकों
  • पड़ोसी राज्यों का आंतरिक घेरा, और
  • बाहरी क्षेत्रों के शासक। [वि. इम्प.]

उत्तर:  समुद्रगुप्त गुप्त वंश का एक महान योद्धा था। उसने कई युद्ध जीते।

एक प्रशस्ति में हरिषेण ने चार विभिन्न प्रकार के शासकों का वर्णन किया है तथा उनके प्रति समुद्रगुप्त की नीतियों के बारे में बताया है।

  • आर्यावर्त के शासक। आर्यावर्त में कुल नौ शासक थे। उन सभी को उखाड़ फेंका गया और उनके राज्यों को समुद्रगुप्त के साम्राज्य का हिस्सा बना दिया गया।
  • दक्षिणापथ के शासक। दक्षिणापथ के बारह शासक थे। ये सभी समुद्रगुप्त से पराजित हुए। इन पराजित शासकों ने समुद्रगुप्त के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। लेकिन समुद्रगुप्त ने उनके प्रति उदारता दिखाई। उसने उन्हें फिर से शासन करने की अनुमति दे दी।
  • पड़ोसी राज्यों का आंतरिक घेरा। असम, तटीय बंगाल, नेपाल और उत्तर-पश्चिम में स्थित कई गण संघों सहित इन राज्यों के शासक समुद्रगुप्त को कर देते थे। वे उसके आदेशों का पालन भी करते थे और उसके दरबार में उपस्थित होते थे।
  • सुदूर क्षेत्रों के शासक। वे संभवतः कुषाणों और शकों के वंशज और श्रीलंका के शासक थे। उन्होंने समुद्रगुप्त के अधीन होकर अपनी बेटियों का विवाह प्रस्तावित किया था।

2. पल्लव और चालुक्य कौन थे? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए। [वि. इं.]

उत्तर: दक्षिण भारत में इस अवधि के दौरान पल्लव और चालुक्य नामक दो प्रसिद्ध शासक राजवंश थे।

  • पल्लव। पल्लवों का राज्य उनकी राजधानी कांचीपुरम के आसपास के क्षेत्र से लेकर कावेरी डेल्टा तक फैला हुआ था।
  • चालुक्य। चालुक्यों का राज्य कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों के बीच, रायचूर दोआब के आसपास केंद्रित था। उनकी राजधानी ऐहोल थी। यह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र था। इसके अलावा, यह एक धार्मिक केंद्र भी था। वहाँ कई मंदिर थे।

चालुक्य और पल्लव आपस में बहुत प्रतिस्पर्धी थे। वे एक-दूसरे के कट्टर प्रतिद्वंदी थे। वे अक्सर एक-दूसरे की ज़मीनों पर कब्ज़ा कर लेते थे। उनका मुख्य निशाना राजधानियाँ थीं क्योंकि वे समृद्ध शहर थे।

चालुक्य और पल्लवों का नाम और प्रसिद्धि ज़्यादा समय तक नहीं रही। उन्होंने अपना प्रभाव खो दिया और अंततः उनका स्थान राष्ट्रकूट और चोल राजवंशों ने ले लिया।

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

नीचे दिए गए कथनों को पूरा करने के लिए सही विकल्प चुनें:

(i) गुप्त वंश का पहला शासक जिसने महाराजाधिराज की भव्य उपाधि धारण की थी, वह था
(a) समुद्रगुप्त
(b) चंद्रगुप्त
(c) स्कंधगुप्त
(d) (a) और (c) दोनों।

(ii) हम गुप्त शासकों के बारे में निम्नलिखित में से किससे सीखते हैं?
(a) शिलालेखों से
(b) प्रशस्तियों से
(c) सिक्कों से
(d) (a) और (c) दोनों से।

(iii) हर्ष का साला कहाँ का शासक था?
(a) कन्नौज
(b) पाटलिपुत्र
(c) उज्जैन
(d) प्रयाग

(iv) पुलकेशिन द्वितीय किसका शासक था?
(a) चालुक्य वंश का
(b) पल्लव वंश का
(c) गुप्त वंश का
(d) चोल वंश का

(v) हमें हर्षवर्धन के बारे में पता चलता है
(a) जीवनी बाणभट्ट द्वारा लिखी गई थी
(b) झुआन ज़ांग का विवरण
(c) (a) और (b) दोनों
(d) न तो (a) और न ही (d)।

उत्तर.
(i) - (बी), (ii) - (डी), (iii) - (ए), (iv) - (ए), (v) - (सी)।

II.रिक्त स्थान भरें

प्रत्येक वाक्य को पूरा करने के लिए रिक्त स्थानों को उपयुक्त शब्दों से भरें।

  1. समुद्रगुप्त की माता कुमार देवी .................. गण से संबंधित थीं।
  2. ……………., एक चीनी तीर्थयात्री, ने हर्ष के दरबार में बहुत समय बिताया और जो कुछ उसने देखा उसका विस्तृत विवरण छोड़ा।
  3. हर्षवर्धन की सफलता को चालुक्य शासक ................. ने रोक दिया था।
  4. इस अवधि के दौरान दक्षिण भारत में दो महत्वपूर्ण शासक राजवंश थे ………. और ………..
  5. रायचूर दोआब ………………. और …………. नदियों के बीच स्थित था।
  6. ………. और ……….. नए राजवंश थे जिन्होंने पल्लवों और चालुक्यों का स्थान लिया।
  7. जब भी सामंतों को शासक कमजोर और अक्षम लगता था, तो वे उसके प्रति उदासीन बनने का प्रयास करते थे।
  8. इस अवधि के दौरान अछूतों के साथ बुरा व्यवहार किया जाता था और उनसे शहर के बाहर रहने की अपेक्षा की जाती थी।

उत्तर:

  1. लिच्छवी
  2. जुआन जांग
  3. पुलकेशिन द्वितीय
  4. पल्लव, चालुक्य
  5. कृष्णा, तुंगभद्रा
  6. राष्ट्रकूट, चोल
  7. स्वतंत्र
  8. सरहद

III.सत्य/असत्य

बताइये कि ये वाक्य सत्य (C) हैं या असत्य (F)।

  1. सैन्य नेता उन्हें दी गई भूमि से राजस्व एकत्र करते थे और इसे अपने परिवारों पर खर्च करते थे।
  2. दक्षिणापथ के शासकों ने पराजित होने के बाद समुद्रगुप्त के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें फिर कभी शासन करने की अनुमति नहीं दी गई।
  3. इस काल में कुषाणों और शकों के वंशजों ने सुदूर क्षेत्रों पर शासन किया।
  4. हर्षवर्धन अपने पिता और बड़े भाई की मृत्यु के बाद थानेसर के राजा बने।
  5. हर्षवर्धन को पूर्व में कभी सफलता नहीं मिली।
  6. ऐहोल व्यापार का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
  7. पल्लवों और चालुक्यों की राजधानीयाँ बहुत समृद्ध नहीं थीं।
  8. प्रथम-कुलिक का अर्थ था मुख्य शिल्पकार।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य
  5. सत्य
  6. असत्य
  7. सत्य
  8. असत्य।

IV. मिलान कौशल

कॉलम A में दिए गए आइटमों का कॉलम B में दिए गए आइटमों से सही मिलान करें।

कॉलम A                                                          कॉलम B

(i) कालिदास                                            (a) पुलकेशिन द्वितीय के दरबारी कवि

(ii) आर्यभट्ट                                        (b) समुद्रगुप्त के दरबारी कवि

(iii) रविकीर्ति                                          (c) इस काल के एक प्रसिद्ध कवि

(iv) हरिषेण                                        (d) हर्षवर्धन का दरबारी कवि

(v) बाणभट्ट                                        (e) एक खगोलशास्त्री

उत्तर. (i) —(c), (ii) —(e), (iii) —(a), (iv) —(b), (v) —(d).

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