NCERT कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 10 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री

पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न

1. क्या तुम बता सकती हो कि ये सिक्के भारत कैसे और क्यों पहुँचे होंगे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर : रोम के व्यापारी समुद्री जहाज़ों तथा सड़क के रास्ते व्यापार करने के लिए दक्षिण भारत में आते थे और यहाँ | से काली मिर्च, कीमती पत्थर, सोना तथा मसाले आदि खरीदने के लिए रोम के सिक्कों का प्रयोग करते थे इस प्रकार रोम के सिक्के भारत पहुँचे।

2. कविता में उल्लिखित चीज़ों की एक सूची बनाओ। क्या तुम बता सकते हो कि इन चीज़ों का उपयोग किसलिए किया जाता होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-100)
उत्तर :
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3. क्या तुम बता सकती हो कि श्री सातकर्णी तटों पर नियंत्रण क्यों करना चाहता था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-101)
उत्तर : श्री सातकर्णी तटों पर इसलिए नियंत्रण करना चाहता था क्योंकि तटों पर विदेशी व्यापारी आकर उतरते थे | और व्यापारियों कीमती उपहार लिए जाते थे तथा तटों के आसपास के इलाकों से भारी शुल्क वसूल किया जा सकता था जिसे राज्य की आय बढ़ सकती थी।

4. सिल्क रूट पर गाड़ियों का उपयोग क्यों कठिन होता होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-102)
उत्तर : सिल्क रूट पर गाड़ियों का उपयोग इसलिए कठिन होता होगा क्योंकि ये रास्ते दुर्गम पहाडी तथा रेगिस्तानी इलाके में स्थित थे।

5. चीन से समुद्र के रास्ते भी रेशम का निर्यात होता था। मानचित्र 6 ( पृष्ठ 84-85 ) में इसे ढूँढ़ो। समुद्र के रास्ते रेशम भेजने में क्या सुविधाएँ और क्या समस्याएँ आती होंगी? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-102)
उत्तर : समुद्र के रास्ते रेशम भेजने में दुर्गम पहाड़ियाँ व रेगिस्तानी इलाके को पार करने परेशानियाँ नहीं होती थी, परंतु समुद्री रास्ते में तेज वर्षा तथा समुद्री तूफानी हवाओं के कारण समुद्री जहाज के रास्ता भूटकने या डूबने का खतरा रहता था।

6. बाएँ : मथुरा में बनी बुद्ध की एक प्रतिमा का चित्र। दाएँ : तक्षशिला में बनी बुद्ध की प्रतिमा का एक चित्र। इन चित्रों को देखकर बताओ कि इनके बीच क्या-क्या समानताएँ हैं और क्या-क्या भिन्नताएँ हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-104)
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उत्तर : समानताएँ

  1. भगवान बुद्ध दोनों चित्रों में अभय मुद्रा में हैं।
  2. दोनों भगवान बुद्ध की उकेरी गई मूर्ति के चित्र हैं।

भिन्नताएँ

  1. एक चित्र में भगवान बुद्ध बैठे हुए हैं तथा दूसरे चित्र में भगवान बुद्ध खड़े हुए हैं।
  2. बैठी हुई मूर्ति में भगवान बुद्ध का शरीर कपड़ों से ढका हुआ है जबकि खड़ी हुई मूर्ति में भगवान बुद्ध की पीठ कपड़ों से ढकी हुई है।

7. पृष्ठ 100 को एक बार फिर पढ़ो। क्या तुम बता सकती हो कि बौद्ध धर्म इन इलाकों में कैसे फैला होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर : पृष्ठ 100 पर श्रीलंका और म्यांमार का वर्णन है। शायद यहाँ जो व्यापारी व्यापार करने के लिए आए होंगे। वे बौद्ध धर्म को मानते होंगे। श्रीलंका और म्यांमार के लोग व्यापारियों के विचारों से प्रभावित हुए होंगे। व्यापारिक संबंधों में वस्तुओं के आदान-प्रदान के साथ-साथ विचारों, भाषाओं, संस्कृति साहित्य, धर्म, खान-पान इत्यादि का भी आदान-प्रदान होता है इस प्रकार इन इलाकों में बौद्ध धर्म फैला होगा।

8. बताओ कि फा-शिएन अपनी पाण्डुलिपियों और मूर्तियों को क्यों नहीं फेंकना चाहता था। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-106)
उत्तर : फा-शिएन बौद्ध धर्म का अनुयायी था। उसने पाण्डुलिपियाँ तथा मूर्तियाँ अपनी भारत यात्रा के दौरान संकलित की थी यह सब उसने काफी मेहनत तथा कई वर्षों तक भारत में घूम-घूम कर इकट्ठा किया था जिसे वह | फिर से प्राप्त नहीं कर सकता था इसलिए वह पाण्डुलिपियों और मूर्तियों को नहीं फेंकना चाहता था।

9. श्वैन त्सांग नालंदा में क्यों पढ़ना चाहता था, कारण बताओ? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-106)
उत्तर : उस समय का सबसे प्रसिद्ध बौद्ध विद्या केंद्र नालंदा में था। नालंदा बौद्ध विद्या केंद्र शिक्षक योग्यता तथा बुद्धि में सबसे आगे थे। बुद्ध के उपदेशों का वह पूरी ईमानदारी से पालन करते थे। पूरे दिन वाद-विवाद चलते | ही रहते थे जिसमें युवा और वृद्ध दोनों ही एक-दूसरे की मद्द करते थे।

10. कवि सामाजिक प्रतिष्ठा और भक्ति में किसको ज्यादा महत्त्व देते हैं? । (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : कवि सामाजिक प्रतिष्ठा और भक्ति दोनों में से भक्ति को ज्यादा महत्त्व देते थे।

11. मानचित्र 6 ( पृष्ठ 84-85) देखो और पता लगाओ कि किस रास्ते से ईसाई धर्म प्रचारक भारत आए होंगे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-109)
उत्तर : ईसाई धर्म प्रचारक समुद्री मार्ग से भारत आए होंगे।

अन्यत्र (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक पेज-109)
करीब 2000 साल पहले पश्चिमी एशिया में ईसाई धर्म का उदय हुआ। ईसा मसीह का जन्म बेथलेहम में हुआ, जो उस समय रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। ईसा मसीह ने स्वयं को इस संसार को उद्धारक बताया। उन्होंने दूसरों को प्यार देने और उसी तरह दूसरों पर विश्वास करने का उपदेश दिया, जिस तरह हर व्यक्ति दूसरों से प्यार और विश्वास की उम्मीद करता है।

बाइबिल में ईसा मसीह के उपदेश की बातें लिखी हैं। यहाँ इसका एक अंश दिया गया है।
धन्य हैं वे लोग जो धर्म और न्याय के लिए भूखे प्यासे रहते हैं,
उनकी कामनाएँ पूरी होंगी।
जो दयालु हैं, वे धन्य हैं, क्योंकि उन्हें दया मिलेगी।
धन्य हैं वे जो दिल से पवित्र हैं,
क्योंकि वे ईश्वर के दर्शन कर सकेंगे।
धन्य हैं वे जो शांति स्थापित करते हैं,
वही ईश्वर की संतान कहलाएँगे।

ईसा मसीह के उपदेश साधारण लोगों को बहुत पसंद आए और धीरे-धीरे यह पश्चिमी एशिया, अफ्रीका तथा यूरोप में फैल गए। ईसा मसीह की मृत्यु के सौ साल के अंदर ही भारतीय उपमहाद्वीप के पश्चिमी तट पर पहले ईसाई धर्म प्रचारक, पश्चिमी एशिया से आए।

केरल के ईसाईयों को ‘सिरियाई ईसाई’ कहा जाता है क्योंकि संभवत: वे पश्चिम एशिया से आए थे, वे विश्व के सबसे पुराने ईसाईयों में से हैं।
मानचित्र 6 ( पृष्ठ 84-85) देखो और पता लगाओ कि किस रास्ते से ईसाई धर्म प्रचारक भारत | आए होंगे?
उत्तर : ईसाई धर्म प्रचारक रोमन शासकों के नियंत्रण वाले मार्गों से भारत आए होंगे।

कल्पना करो।

तुम्हारे पास कोई पाण्डुलिपि है, जिसे एक चीनी तीर्थयात्री अपने साथ ले जाना चाहता है। उसके साथ अपनी बातचीत का वर्णन करो।
उत्तर : छात्र स्वयं करें।।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

आओ याद करें

1. निम्नलिखित के उपयुक्त जोड़े बनाओ
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उत्तर :
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2. राजा सिल्क रूट पर अपना नियंत्रण क्यों कायम करना चाहते थे?
उत्तर : शासक कर के लाभ के लिए रेशम मार्ग पर नियंत्रण करना चाहते थे, क्योंकि इस रास्ते पर यात्रा कर रहे, व्यापारियों से उन्हें कर, शुल्क तथा तोहफों के माध्यम से लाभ मिलता था।

3. व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे में जानने के लिए इतिहासकार किन-किन साक्ष्यों का उपयोग करते हैं?
उत्तर : इतिहासकार, व्यापार तथा व्यापारिक रास्तों के बारे में जानने के लिए बर्तनों का उपयोग करते हैं, ऐसा अनुमान
लगाया जाता है कि जहाँ ये बर्तन बनते थे, वहाँ से व्यापारी अलग-अलग जगहों पर ले गए होंगे।

4. भक्ति की प्रमुख विशेषताएँ क्या थीं?
उत्तर : भक्ति की मुख्य विशेषताएँ हैं|

  1. किसी देवी या देवता के प्रति श्रद्धा को ही भक्ति कहा जाता है। भक्ति का पथ सबके लिए खुला था, चाहे वह धनी हो या गरीब, ऊँची जाति का हो या नीची जाति का, स्त्री हो या पुरुष।
  2. भक्ति मार्ग अपनाने वाले लोग आडंबर के साथ पूजा-पाठ करने के बजाए ईश्वर के प्रति लगन और व्यक्तिगत पूजा पर जोर देते थे।
  3. भक्ति परंपरा ने चित्रकला, शिल्पकला और स्थापत्य कला के माध्यम से अभिव्यक्ति की प्रेरणा दी है।

आओ चर्चा करें।

5. चीनी तीर्थयात्री भारत क्यों आए? कारण बताओ।
उत्तर : चीनी बौद्ध तीर्थयात्री फा-शिएन, इत्सिग और श्वैन त्सांग भारत की यात्रा पर आए थे। वे सब बुद्ध के जीवन से जुड़ी जगहों और प्रसिद्ध मठों को देखने के लिए आए थे इसलिए वे सबसे पहले बुद्ध के जीवन से जुड़ी जगहों से परिचित हुए। वे प्रसिद्ध मठों को देखने गए। उन्होंने किताबों और बुद्ध की मूर्तियों को इकट्ठा किया। श्वैन त्सांग तथा अन्य तीर्थयात्रियों ने उस समय के सबसे प्रसिद्ध बौद्ध विद्या केंद्र नालंदा (बिहार) में अध्ययन किया। यह उस समय का प्रसिद्ध बौद्ध मठ था।

6. साधारण लोगों का भक्ति के प्रति आकर्षित होने का कौन-सा कारण होता है?
उत्तर : साधारण लोग भक्ति मार्ग या परंपरा की ओर इसलिए आकर्षित हुए, क्योंकि हमारी वैदिक परंपरा बहुत कठोर थी, इसमें जाति व वर्गों को ध्यान में रखा जाता था। यह कुछ लोगों को ही पूजा करने की अनुमति नहीं देता था। वे मंदिर में भी प्रवेश नहीं कर सकते थे, लेकिन भक्ति का पथ सबके लिए खुला था, चाहे वह धनी हो या गरीब, ऊँची जाति का हो या नीची जाति का, स्त्री हो या पुरुष। । आओ करके देखें

7. तुम बाज़ार से क्या-क्या सामान खरीदती हो उनकी एक सूची बनाओ। बताओ कि तुम जिस शहर या गाँव में रहती हो, वहाँ इनमें से कौन-कौन सी चीजें बनी थीं और किन चीजों को व्यापारी बाहर से लाए थे?
उत्तर :
बाजार से खरीदी गई वस्तुओं की सूची

1. कपड़े
2. मिट्टी से बनी वस्तुएँ।
3. चावल
4. जूते।
5. किताबें

ऊपर दी गयी वस्तुओं में किताबें, कपड़े तथा जूते व्यापारियों द्वारा बाहर से लाए जाते हैं, जबकि मिट्टी से बनी वस्तुएँ व चावल शहर या गाँव में ही उपलब्ध होते हैं।

8. आज भारत में लोग बहुत तीर्थयात्राएँ करते हैं। उनमें से एक के विषय में पता करो और एक संक्षिप्त विवरण दो। ( संकेत : तीर्थयात्रा में स्त्री, पुरुष या बच्चों में से कौन जा सकते हैं? इसमें कितना वक्त लगता है? लोग किस तरह यात्रा करते हैं? वे अपनी यात्रा के दौरान क्या-क्या ले जाते हैं? तीर्थ स्थानों पर पहुँचकर वे क्या करते हैं? क्या वे वापिस आते समय कुछ लाते हैं?)
उत्तर : लोग बहुत सारे स्थानों पर पूजा (तीर्थयात्राएँ) करते हैं, इनमें से एक स्थान हरिद्वार है। यह हिंदुओं के लिए बहुत प्रसिद्ध स्थान है, यहाँ हर कोई व्यक्ति जा सकता है। यह लोगों के लिए इसलिए महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यहाँ गंगा नदी पहाड़ों से निकलकर मैदानों में प्रवेश करती है और लोग इस स्थान पर धार्मिक स्नान कर सकते हैं। गंगा का उदगम हिमालय में हुआ है, यहाँ भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं के बहुत सारे मंदिर हैं। सावन के महीने में लोग यहाँ उत्साह के साथ घूमने आते हैं और गंगा जल के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं। वे पवित्र गंगा जल लेकर विभिन्न स्थानों के लिए पैदल यात्रा करते हैं।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. गौतमीपुत्र श्री सातकामी कौन थे? हमें उनके बारे में कैसे पता चला? [महत्वपूर्ण]
उत्तर: गौतमीपुत्र श्री सातकामी सातवाहन वंश के प्रसिद्ध शासक थे। हमें उनके बारे में उनकी माँ द्वारा रचित एक शिलालेख से पता चलता है। इस शिलालेख के अनुसार, उन्हें और अन्य सातवाहन शासकों को दक्षिणापथ के स्वामी के रूप में जाना जाता था, जो पूरे दक्षिणी क्षेत्र के लिए एक नाम के रूप में प्रयुक्त होता था। उन्होंने अपनी सेनाएँ पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी तटों पर भेजीं।

2. रेशम का ज्ञान दूर-दूर तक कैसे फैला? [वि. प्रभाव]
उत्तर:  चीन वह पहला देश था जहाँ रेशम का जन्म हुआ। हालाँकि इस देश ने रेशम बनाने की विधियों को लंबे समय तक गुप्त रखा, लेकिन अंततः अन्य क्षेत्रों के लोगों को इनके बारे में पता चल गया।

  • चीन से कुछ लोग पैदल, घोड़े और ऊँटों पर सवार होकर दूर-दूर तक जाते थे और अपने साथ रेशम ले जाते थे।
  • कभी-कभी चीनी शासक ईरान और पश्चिम एशिया के शासकों को उपहार या रेशम भेजते थे। वहाँ से रेशम का ज्ञान पश्चिम की ओर फैला।

3. रेशम इतना महँगा क्यों था? [महत्वपूर्ण]
उत्तर:  रेशम चीन से लाना पड़ता था। यह एक लंबी यात्रा थी और व्यापारियों को पहाड़ों और रेगिस्तानों से होकर खतरनाक रास्तों को पार करना पड़ता था। रास्ते में रहने वाले लोग अक्सर व्यापारियों से उन्हें गुज़रने की अनुमति देने के लिए पैसे माँगते थे।

4. चीनी बौद्ध तीर्थयात्रियों पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: फ़ा शर्रान, ज़ुआन ज़ांग और आई-किंग प्रसिद्ध चीनी बौद्ध तीर्थयात्री थे जो बुद्ध के जीवन से जुड़े स्थानों के दर्शन के लिए भारत आए थे। उन्होंने प्रसिद्ध मठों का भी दौरा किया। इन तीर्थयात्रियों ने अपनी यात्रा का विवरण लिखा। उन्होंने उन खतरों का उल्लेख किया जिनका सामना उन्हें मठों तक पहुँचने के दौरान करना पड़ा। उन्होंने उन पुस्तकों का भी उल्लेख किया जो वे अपने साथ ले गए थे। ये तीर्थयात्री अपने साथ बुद्ध की मूर्तियाँ भी ले गए थे।

5. भक्ति दर्शन क्या था? [वि. प्रभाव]
उत्तर:   भक्ति दर्शन के अनुसार, यदि कोई भक्त सच्चे मन से अपने चुने हुए देवता की पूजा करता है, तो देवता उस रूप में प्रकट होते हैं जिसकी वह इच्छा करता है। इसलिए, देवता को मनुष्य, सिंह, वृक्ष या किसी अन्य रूप में देखा जा सकता है। जब इस विचार को स्वीकृति मिली, तो कलाकारों ने इन देवताओं की सुंदर आकृतियाँ बनाईं।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. व्यापार के प्रमाण कहाँ मिलते हैं?
उत्तर:  व्यापार के प्रमाण संगम काव्यों में मिलते हैं।

2. दक्षिण भारत किस लिए प्रसिद्ध था? [महत्वपूर्ण]
उत्तर:  यह सोने, कीमती पत्थरों और काली मिर्च जैसे मसालों के लिए प्रसिद्ध था। प्रश्न: आप कैसे कह सकते हैं कि रोम का दक्षिण भारत के साथ व्यापार फल-फूल रहा था? उत्तर: दक्षिण भारत में कई रोमन सोने के सिक्के मिले हैं।

4. दक्षिण भारत के तीन शासक परिवारों के नाम बताइए।
उत्तर:  चोल, चेर और पांड्य।

5. सरदार पड़ोसी क्षेत्रों से एकत्रित कर का उपयोग कैसे करते थे?
उत्तर:  वे कुछ धन अपने उपयोग के लिए रखते थे और बाकी अपने समर्थकों में बाँट देते थे।

6. सरदारों के समर्थक कौन थे?
उत्तर:  उनके परिवार के सदस्य, सैनिक और कवि।

7. उन वस्तुओं के नाम बताइए जो सरदारों ने कवियों को इनाम के तौर पर दीं।
उत्तर:  कीमती पत्थर, सोना, घोड़े, हाथी, रथ और बढ़िया कपड़ा।

8. आपके विचार से गौतमीपुत्र श्री सतकामि तटों पर नियंत्रण क्यों करना चाहते थे?
उत्तर:  वह अधिक कुशल और शक्तिशाली बनने के लिए ऐसा करना चाहते थे।

9. रेशम के कौन से गुण इसे अत्यधिक मूल्यवान कपड़ा बनाते हैं?
उत्तर:  रेशम का रंग गहरा, चमकदार और बनावट चिकनी होती है।

10. रेशम बनाना एक जटिल प्रक्रिया कैसे है? [V. Imp.]
उत्तर: कच्चे रेशम को रेशम के कीड़ों के कोकून से निकाला जाता है, धागे में काता जाता है और फिर कपड़े में बुना जाता है।

11. उपमहाद्वीप में सोने के सिक्के जारी करने वाले सबसे पहले शासक कौन थे?
उत्तर:  कुषाण सोने के सिक्के जारी करने वाले सबसे पहले शासक थे।

12. कनिष्क कौन था? उसकी एक उपलब्धि बताइए। [वि. इम्प.]
उत्तर:  कनिष्क कुषाण वंश का प्रसिद्ध शासक था। उसने एक बौद्ध परिषद का आयोजन किया जहाँ विद्वान महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते थे।

13. बोधिसत्व कौन थे?
उत्तर:  वे पवित्र व्यक्ति थे जिन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया था।

14. उन देशों के नाम बताइए जहाँ बोधिसत्वों की पूजा लोकप्रिय हुई।
उत्तर:  मध्य एशिया, चीन, कोरिया और जापान

15. कुछ चीनी बौद्ध तीर्थयात्रियों के नाम बताइए।
उत्तर:  फ़ा ज़्रान, ज़ुआन ज़ांग और आई-किंग।

16. उत्तरकालीन हिंदू धर्म की महत्वपूर्ण विशेषता बताइए। [वि. इम्प.]
उत्तर: शिव, विष्णु और देवी दुर्गा जैसे देवताओं की पूजा लोकप्रिय हो गई।

17. भक्ति प्रणाली के अंतर्गत किस चीज़ को अधिक महत्व दिया जाता था? [वि. प्रभाव]
उत्तर:  भक्ति प्रणाली के अंतर्गत किसी देवता या देवी की भक्ति और व्यक्तिगत पूजा को अधिक महत्व दिया जाता था।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

 1. रेशम मार्ग से आप क्या समझते हैं? इसका क्या महत्व था? [वि. प्रभाव]
उत्तर: जिस मार्ग से व्यापारी रेशम अपने साथ ले जाते थे, उसे रेशम मार्ग कहते हैं। रेशम का आविष्कार सबसे पहले चीन में हुआ था और इसके निर्माण की विधि कई वर्षों तक गुप्त रखी गई थी। लेकिन व्यापारियों ने अंततः रेशम के ज्ञान को दूर-दूर तक फैलाया। इसकी महीन बनावट के कारण हर कोई इसकी ओर आकर्षित हुआ। रोम के शासकों और धनी लोगों के बीच रेशम पहनना एक फैशन बन गया।

भारत में भी, शासकों ने रेशम मार्ग पर नियंत्रण करने की कोशिश की। ऐसा इसलिए था क्योंकि वे इस मार्ग से यात्रा करने वाले व्यापारियों द्वारा लाए गए करों, नज़रियों और उपहारों से लाभ उठा सकते थे। कुषाण रेशम मार्ग पर नियंत्रण रखने वाले सबसे प्रसिद्ध शासक थे। उनके शासनकाल के दौरान, रेशम मार्ग की एक शाखा मध्य एशिया से सिंधु नदी के मुहाने पर स्थित बंदरगाहों तक फैली हुई थी, जहाँ से रेशम पश्चिम की ओर रोमन साम्राज्य तक भेजा जाता था।

2. कुषाण वंश के दौरान बौद्ध धर्म का विकास कैसे हुआ? [महत्वपूर्ण]
उत्तर: कनिष्क सबसे प्रतिष्ठित कुषाण शासक था। उसके काल में बौद्ध धर्म का व्यापक प्रसार हुआ। उसने एक बौद्ध परिषद का आयोजन किया जहाँ विद्वान प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्रित होते थे। अश्वघोष उसके दरबार में एक प्रसिद्ध कवि थे। उन्होंने बुद्ध की जीवनी लिखी। महायान बौद्ध धर्म एक नए रूप के रूप में उभरा। इसकी दो विशेषताएँ थीं। इससे पहले, बुद्ध की उपस्थिति को मूर्तियों में कुछ चिह्नों का उपयोग करके दर्शाया जाता था।

अब बुद्ध की मूर्तियाँ बनाई जाने लगीं। मथुरा और तक्षशिला प्रमुख स्थान बन गए जहाँ बुद्ध की अनेक मूर्तियाँ बनाई गईं। दूसरी विशिष्ट विशेषता बोधिसत्वों में विश्वास था, जो पवित्र लोग थे और जिन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। बोधिसत्वों की पूजा मध्य एशिया, चीन और बाद में कोरिया और जापान में लोकप्रिय हुई। बौद्ध धर्म पश्चिमी और दक्षिणी भारत में भी फैला। यह दक्षिण-पूर्व की ओर श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड और इंडोनेशिया सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के अन्य भागों में भी फैला।

3. भक्ति आंदोलन क्या था? यह अधिक लोकप्रिय क्यों हुआ? [वि. इम्प.]
उत्तर: भक्ति आंदोलन उपासना की एक नई पद्धति थी। भक्ति का अर्थ है किसी विशेष देवता के प्रति समर्पण। उत्तर-वैदिक काल में शिव, विष्णु और दुर्गा जैसे कुछ देवता भक्तों के बीच लोकप्रिय हो गए। देवताओं के प्रति इस झुकाव को भक्ति आंदोलन के रूप में जाना जाने लगा। यह लोकप्रिय इसलिए हुआ क्योंकि इसमें उपासकों या भक्तों के बीच कोई भेदभाव नहीं था। कोई अमीर या गरीब, ऊँचा या नीच, पुरुष या महिला, कोई भेद नहीं था। सभी को अपनी पसंद के देवताओं की पूजा करने की अनुमति थी। भक्ति आंदोलन ने विस्तृत बलिदानों के प्रदर्शन को त्याग दिया।

I. बहुविकल्पीय प्रश्न

नीचे दिए गए कथनों को पूरा करने के लिए सही विकल्प चुनें:

(i) पुहार एक महत्वपूर्ण बंदरगाह था
(a) पश्चिमी तट पर
(b) पूर्वी तट पर
(c) मालाबार तट पर
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।

(ii) सबसे उपजाऊ नदी घाटी थी
(a) कावेरी
(b) यमुना
(c) गंगा
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।

(iii) पांड्यों की राजधानी थी
(ए) मदुरै
(बी) मुदुमलाई
(सी) पाटलिपुत्र
(डी) उज्जैन।

(iv) सातवाहन एक महत्वपूर्ण राजवंश बन गया
(a) उत्तरी भारत में
(b) पूर्वी भारत में
(c) दक्षिणी भारत में
(d) पश्चिमी भारत में

(v) लगभग 2000 वर्ष पूर्व मध्य एशिया और उत्तर-पश्चिम भारत पर शासन करने वाले शासक थे
(a) पांड्य
(b) चोल
(c) कुषाण
(d) चेर।

उत्तर:
(ए) - (बी), (iii) - (ए), (iii) - (ए), (iv) - (डी), (v) - (सी)।

II. रिक्त स्थान भरें

प्रत्येक वाक्य को पूरा करने के लिए रिक्त स्थानों को उपयुक्त शब्दों से भरें।

  1. दक्षिण भारत में सोना, ……….. और ……….. प्रचुर मात्रा में थे।
  2. गौतमीपुत्र श्री सातकामी और अन्य सातवाहन शासकों को ………… के स्वामी के रूप में जाना जाता था।
  3. प्रसिद्ध कुषाण शासक ........ ने एक बौद्ध परिषद का आयोजन किया।
  4. बौद्ध धर्म के पुराने रूप को ………….. के नाम से जाना जाता था।
  5. बुद्ध की ज्ञान प्राप्ति को ……………………..वृक्ष की मूर्तियों द्वारा दर्शाया गया था।
  6. कोई भी ................ के मार्ग का अनुसरण कर सकता है
  7. चीनी बौद्ध तीर्थयात्री झुआन ज़ांग ने चीन लौटने के लिए ………………… मार्ग अपनाया।
  8. …….. सबसे प्रसिद्ध बौद्ध मठ था।
  9. कुषाणों की शक्ति के दो प्रमुख केंद्र ……………….. और …………. थे।
  10. देवताओं की प्रतिमाओं को विशेष घरों या स्थानों में रखा जाता था जिन्हें 'देवी' कहा जाता था।

उत्तर: 

  1. मसाले, कीमती पत्थर
  2. दक्षिणापथ
  3. कनिष्क
  4. कनिष्क
  5. पीपल
  6. भक्ति
  7. भूमि
  8. नालंदा
  9. पेशावर, मथुरा
  10. मंदिर.

III. सत्य/असत्य

बताइये कि ये वाक्य सत्य (T) हैं या असत्य (F)।

  1. फैक्स्रन ने नालंदा से अपने घर वापसी की यात्रा शुरू की।
  2. दक्षिण भारत में उगाया जाने वाला एक बहुत ही महत्वपूर्ण मसाला काली मिर्च, रोमन साम्राज्य में काले सोने के रूप में जाना जाता था।
  3. मुवेन्दर एक बंगाली शब्द है जिसका अर्थ है तीन प्रमुख।
  4. पुहार या कावेरीपाल्टिनम पाण्ड्यों का बंदरगाह था।
  5. बुद्ध की मूर्तियाँ मथुरा और तक्षशिला में बनाई गई थीं।
  6. बोधिसत्व वे व्यक्ति थे जिन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया था।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. असत्य
  5. सत्य
  6. सत्य।

IV. मिलान कौशल

कॉलम A में दिए गए आइटम को कॉलम B में दिए गए आइटम से सही ढंग से मिलाएं।कॉलम B
कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 10 व्यापारी, राजा और तीर्थयात्री मिलान कौशल के लिए एनसीईआरटी समाधान

उत्तर:
 (i)—(b), (ii)—(d), (iii)—(a), (iv)—(e), (v)—(c).

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