NCERT कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान इतिहास अध्याय 7 नए प्रश्न और विचार
पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न
1. वेदों की रचना के लिए किस भाषा का प्रयोग हुआ था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-66)
उत्तर : संस्कृत
2. बुद्ध दुःखी माँ को क्या शिक्षा देने का प्रयास कर रहे थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-67)
उत्तर : बुद्ध दुःखी माँ को समझाना चाहते थे कि मृत्यु एक अटल सत्य है। एक-न-एक दिन मृत्यु सबको आनी है। इस सत्य को स्वीकार करना होगा।
3. भिखारी ने भोजन पाने के लिए ऋषियों को किस तरह मनाया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-68)
उत्तर : भिखारी ने ऋषियों को सार्वभौम आत्मा का सही रूप में ज्ञान देकर भोजन पाने के लिए मनाया।
4. महावीर के लिए ‘जिन’ शब्द का प्रयोग क्यों हुआ? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-70)
उत्तर : जिन शब्द का अर्थ है ‘विजेता’। महावीर एक विजेता ही थे जिन्होंने लोगों को अपने विचारों तथा शिक्षा को अपनाने के लिए प्रेरित किया और विजय प्राप्त की।
5. संघ के जीवन से आश्रमों की यह व्यवस्था किस तरह भिन्न थी? यहाँ किन वर्गों का उल्लेख हुआ है? क्या सभी चार वर्गों को यह आश्रम व्यवस्था अपनाने की अनुमति थी? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-72)
उत्तर :
संघ का जीवन
- संघ का जीवन बहुत ही सरल था।
- संघ के लोग घर का त्याग कर सच्चे ज्ञान की तलाश में जाते थे।
- संघ के लोग अपना ज्यादातर समय ध्यान तथा योग करके बिताते थे।
- इस संघ में ब्राह्मण, क्षत्रिय, व्यापारी तथा शूद्र शामिल थे।
आश्रमों का जीवन
- आश्रमों का जीवन जटिल था इसमें रहकर मनुष्य पारंपरिक नियमों का पालन करते थे।
- इसमें लोग गृहस्थ आश्रम के नियमों का पालन करते थे।
- इसमें व्यक्ति अन्य सांसारिक क्रियाकलापों में समय बिताते थे।
- इसमें ब्राह्मण, क्षत्रिय तथा वैश्य वर्गों को आश्रम व्यवस्था अपनाने की अनुमति नहीं थी।
अन्यत्र (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-73)
एटलस में ईरान हूँढो। जरथुस्त्र एक ईरानी पैगम्बर थे। उनकी शिक्षाओं का संकलन जेन्द-अवेस्ता नामक ग्रंथ में मिलता है। जेन्द-अवेस्ता की भाषा तथा इसमें वर्णित रीति-रिवाज, वेदों की भाषा और रीति-रिवाजों से काफ़ी मिलते-जुलते हैं। जरथुस्त्र की मूल शिक्षा का सूत्र है : ‘सद्-विचार, सद्-वचन तथा सद्-कार्य।’
‘हे ईश्वर! बल, सत्य-प्रधानता एवं सद्विचार प्रदान कीजिए, जिनके जरिए हम शांति बना सकें।’
एक हजार से अधिक वर्षों तक जरथुस्त्रवाद ईरान का एक प्रमुख धर्म रहा। बाद में कुछ जरथुस्त्रवादी ईरान से
आकर गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय नगरों में बस गए। वे लोग ही आज के पारसियों के पूर्वज हैं।
1. जरथुस्त्र की शिक्षाओं का संकलन किस ग्रंथ में मिलता है?
उत्तर : जरथुस्त्र एक ईरानी पैगम्बर थे उनकी शिक्षाओं का संकलन जेन्द-अवेस्ता नामक ग्रंथ में मिलता है।
2. जेन्द-अवेस्ता नामक ग्रंथ की भाषा और रीति-रिवाज किस से मिलते-जुलते हैं?
उत्तर : जेन्द-अवेस्ता की भाषा तथा इसमें वर्णित रीति-रिवाज, वेदों की भाषा और रीति-रिवाजों से काफी मिलते-जुलते हैं। |
3. जरथुस्त्र की मूल शिक्षा सूत्र क्या है?
उत्तर : जरथुस्त्र की मूल शिक्षा का सूत्र है; सद् विचार, सद्-वचन तथा सद्-कार्य।
4. कुछ जरथुस्त्रवादी ईरान से आकर भारत में कहाँ बस गए थे?
उत्तर : कुछ जरथुस्त्रवादी ईरान से आकर गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय नगरों में बस गए। वे लोग ही आज | के पारसियों के पूर्वज हैं।
कल्पना करो
तुम लगभग 2500 वर्ष पूर्व के एक उपदेशक को सुनने जाना चाहती हो। वहाँ जाने की अनुमति लेने के लिए तुम अपने माता-पिता को कैसे सहमत करोगी, इसका वर्णन करो।
उत्तर : मैं अपने माता-पिता को उपदेशक की शिक्षाओं के विषय में जानकारी देंगी। उनके द्वारा समाज की भलाईतथा स्त्रियों की भलाई के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देंगी। उनसे जुड़े लोगों के जीवन में आए बदलावों के विषय में जानकारी देंगी और उनसे अपने लिए उपदेश सुनने की अनुमति माँगूगी।
प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से
आओ याद करें
1. बुद्ध ने लोगों तक अपने विचारों का प्रसार करने के लिए किन-किन बातों पर जोर दिया?
उत्तर : निम्नलिखित बातों पर जोर दिया
- यह जीवन कष्टों और दु:खों से भरा हुआ है और कष्टों का कारण हमारी इच्छा व लालसा है।
- आत्म संयम अपनाकर हम अपनी इच्छा व लालसा से मुक्ति पा सकते हैं।
- लोगों को दयालु होने के साथ-साथ जानवरों के जीवन का भी आदर करने की शिक्षा दी।
- हमारे अच्छे कर्मों का परिणाम वर्तमान जीवन के साथ-साथ बाद के जीवन को भी प्रभावित करता है।
2. ‘सही’ व ‘गलत’ वाक्य बताओ।
(क) बुद्ध ने पशुबलि को बढ़ावा दिया।
(ख) बुद्ध द्वारा प्रथम उपदेश सारनाथ में देने के कारण इस जगह का बहुत महत्त्व है।
(ग) बुद्ध ने शिक्षा दी कि कर्म का हमारे जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(घ) बुद्ध ने बोध गया में ज्ञान प्राप्त किया।
(ङ) उपनिषदों के विचारकों का मानना था कि आत्मा और ब्रह्म वास्तव में एक ही हैं।
उत्तर :
(क) गलत,
(ख) सही,
(ग) गलत,
(घ) सही,
(ङ) सही।
3. उपनिषदों के विचारक किन प्रश्नों का उत्तर देना चाहते थे?
उत्तर : उपनिषदों के विचारक मुख्यत: कुछ कठिन प्रश्नों का उत्तर ढूंढने का प्रयास कर रहे थे; जैसे|
- कुछ विचारक मृत्यु के बाद के जीवन के बारे में जानना चाहते थे।
- कुछ विचारक यज्ञों की उपयोगिता के बारे में जानना चाहते थे।
- कुछ विचारक आत्मा के विषय में जानने चाहते थे।
4. महावीर की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं?
उत्तर : महावीर की प्रमुख शिक्षाएँ
- सत्य जानने की इच्छा रखने वाले प्रत्येक स्त्री-पुरुष को अपना घर छोड़ देना चाहिए।
- अहिंसा के नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
- ऊँच-नीच, जातिपाँति का भेदभाव नहीं करना चाहिए। आओ चर्चा करें।
5. अनघा की माँ क्यों चाहती थी कि उनकी बेटी बुद्ध की कहानी से परिचित हो? तुम्हारा इसके बारे में क्या कहना है?
उत्तर : अनघा की माँ चाहती थी कि उसकी बेटी बुद्ध के जीवन और उनकी शिक्षाओं से भलीभाँति परिचित हो। इसलिए वह अपनी बेटी को बुद्ध की कहानी से परिचित कराना चाहती थी।
6. क्या तुम सोचते हो कि दासों के लिए संघ में प्रवेश करना आसान रहा होगा, तर्क सहित उत्तर दो।
उत्तर : महावीर व बुद्ध के संघ में दासों का प्रवेश करना सरल नहीं रहा होगा, क्योंकि बुद्ध ने संघ में रहने के लिए जो नियम बनाए थे उनके अनुसार दासों को संघ में प्रवेश से पहले अपने स्वामी से अनुमति लेना आवश्यक था।
आओ करके देखें
7. इस अध्याय में उल्लिखित कम से कम पाँच विचारों तथा प्रश्नों की सूची बनाओ। उनमें से किन्हीं तीन का चुनाव कर चर्चा करो कि वे आज भी क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
उ : विचार
- आत्मसंयम
- दयालुता
- अहिंसा
- अच्छे कर्म
- मृत्यु जीवन का अटल सत्य है।
प्रश्न –
- जीवन कष्टों व दु:खों से भरा हुआ क्यों है?
- क्या मृत्यु के बाद जीवन है?
- यज्ञों की क्या उपयोगिता है? २
- विश्व में ऐसा क्या है? जो कि स्थायी है और मृत्यु के बाद भी बचता है।
- आत्मा और ब्रह्म में क्या संबंध है?
आज की उपयोगिता के कारण
(i) आत्मसंयम- आज मनुष्य की इच्छाएँ और लालसाएँ बढ़ती ही जा रही हैं जो उसके बढ़ते दु:खों का
कारण है अतः आज भी मनुष्य आत्मसंयम अपनाकर दुःखों से छुटकारा पा सकता है।
(ii) अहिंसा- आज चारों तरफ अपनी समस्याओं को दूर करने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाया जा रहा | है, लेकिन समस्याओं का हल हिंसा से नहीं, बल्कि बातचीत और अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही निकाला जा सकता है।
(iii) अच्छे कर्म- आज व्यक्ति जल्दी-से-जल्दी से अमीर बनने के चक्कर में बुरे कर्म करने लगा हुआ है, जिस कारण चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है। अच्छे कर्म करके भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
8. आज दुनिया का त्याग करने वाले स्त्रियों और पुरुषों के बारे में और अधिक जानने का प्रयास करो। ये लोग कहाँ रहते हैं, किस तरीके के कपड़े पहनते हैं तथा क्या खाते हैं? ये दुनिया का त्याग क्यों करते हैं?
उत्तर :
ये निम्नलिखित हैं
- आज भी अनेक लोग अपने घरों और परिवारों को त्यागकर साधु, महात्मा, मुनि तथा विचारक बन जाते हैं।
- ये लोग मंदिरों, आश्रमों, संघों तथा एकांत स्थानों पर रहते हैं।
- ये प्रायः पीले, भगवा, सफेद कपड़े पहनते हैं या निर्वस्त्र रहते हैं।
- ये शाकाहारी भोजन करते हैं।
- ये ज्ञान की प्राप्ति के घर-परिवार का त्याग करते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. बुद्ध की शिक्षाओं पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। [वि. प्रभाव]
उत्तर: बुद्ध ने कहा कि जीवन दुख और अप्रसन्नता से भरा है। उन्होंने कहा कि इसका कारण हमारी अधूरी इच्छाएँ और असंतोष (तन्हाज) हैं। उन्होंने समाधान के रूप में हर चीज़ में संयम बरतने का सुझाव दिया। उन्होंने लोगों से दयालु होने और हर जीवन का सम्मान करने को कहा। हमारे कर्म ('कर्म') हमें इस जीवन और आने वाले जीवन में प्रभावित करते हैं। बुद्ध ने लोगों को उनकी शिक्षाओं को केवल स्वीकार करने के बजाय स्वयं सोचने के लिए प्रोत्साहित किया।
2. महावीर की शिक्षाओं पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: महावीर ने कहा कि जो लोग सत्य जानना चाहते हैं उन्हें अपना घर-बार त्याग देना चाहिए। लोगों को अहिंसा का पालन करना चाहिए। जैनियों को सादा जीवन त्यागना पड़ा और पूरी तरह ईमानदार रहना पड़ा। पुरुषों को वस्त्र त्यागने पड़े।
3. वर्णन कीजिए कि जैन धर्म भारत के अन्य भागों में कैसे फैला।
उत्तर: जैन धर्म को शुरू में मुख्यतः व्यापारियों द्वारा समर्थन प्राप्त था। किसानों के लिए नियमों का पालन करना कठिन था क्योंकि उन्हें फसलों को प्रभावित करने वाले कीड़ों को मारना पड़ता था। सदियों से, जैन धर्म उत्तर भारत के विभिन्न भागों, जैसे गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक में फैला।
4. विनय पिटक 'संघ' के बारे में क्या कहता है? [वि. इम्प.]
उत्तर: विनय पिटक से हमें पता चलता है कि बौद्ध 'संघ' में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शाखाएँ थीं। बच्चों को अपने माता-पिता की अनुमति लेनी होती थी और दासों को संघ में शामिल होने के लिए अपने स्वामी से अनुमति लेनी होती थी। महिलाओं को अपने पतियों से पूछना पड़ता था। 'संघ' में रहने वालों को बहुत ही सादा जीवन जीना पड़ता था—ध्यान करना, यात्रा करना और भिक्षा माँगना। वे दूसरों को शिक्षा देते थे और एक-दूसरे की मदद करते थे।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. समाज में विचारकों का क्या वातावरण था? [वि. प्रभाव]
उत्तर: विचारक समाज में हो रहे परिवर्तनों को समझना चाहते थे और जीवन का सही अर्थ जानने का प्रयास करना चाहते थे।
2. बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद क्या किया?
उत्तर: बुद्ध समाथ गए और पहली बार शिक्षा दी। उन्होंने अपना शेष जीवन यात्रा और लोगों को शिक्षा देने में बिताया।
3. बुद्ध के अनुसार 'कर्म' क्या था? [वि. प्रभाव]
उत्तर: 'कर्म' हमारे कार्यों को संदर्भित करता है - अच्छे या बुरे।
4. बुद्ध समाज के सभी लोगों से कैसे जुड़े?
उत्तर: बुद्ध ने प्राकृत भाषा का प्रयोग किया ताकि हर कोई उनकी शिक्षाओं को समझ सके।
5. किस तरह के लोग उपनिषदिक विचारक बने?
उत्तर: उपनिषदिक विचारक पुरुष थे, खासकर 'ब्राह्मण' और 'राजा'। हालाँकि, कुछ अपवाद भी थे।
6. महावीर ने आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए क्या किया? [महत्वपूर्ण]
उत्तर: महावीर ने तीस वर्ष की आयु में घर छोड़ दिया। फिर उन्होंने बारह वर्ष वन में बिताए और कठोर एवं एकाकी जीवन व्यतीत किया। फिर उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त हुआ।
7. जैन धर्म के दो मूल नियम बताइए।
उत्तर: (a) जैनियों को भोजन के लिए भीख मांगनी पड़ती थी।
(b) उन्हें पूरी तरह ईमानदार होना पड़ता था।
8. उस पुस्तक का नाम बताइए जिसमें बौद्ध संघ के नियम दिए गए हैं।
उत्तर: विनय पिटक में बौद्ध संघ के लिए बनाए गए नियम दिए गए हैं।
9. 'संघ' में कौन-कौन शामिल हुए?
उत्तर: 'संघ' में शामिल होने वालों में 'ब्राह्मण', 'क्षत्रिय', व्यापारी, मजदूर, दास आदि शामिल थे।
10. बरसात में भिक्षु कहाँ आश्रय लेते थे?
उत्तर: बरसात के मौसम में भिक्षु अस्थायी आश्रय बनवाते थे या गुफाओं में रहते थे।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. बुद्ध के जीवन का संक्षेप में वर्णन कीजिए। [वि. प्रभाव]
उत्तर: बुद्ध (मूल नाम- सिद्धार्थ गौतम) एक छोटे 'गण' के थे और क्षत्रिय थे। कम उम्र में ही उन्होंने घर की सुख-सुविधाएँ छोड़ दीं और ज्ञान की खोज में निकल पड़े। वे कई वर्षों तक भटकते रहे और अन्य समकालीन विचारकों से मिले और चर्चा की। उन्होंने बिहार के बोधगया में एक 'पीप वृक्ष' के नीचे कई दिनों तक ध्यान किया। यहाँ ध्यान के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। इससे उन्हें 'बुद्ध' (बुद्धिमान व्यक्ति) नाम मिला। वे समाथ गए और लोगों को शिक्षा दी। उन्होंने जीवन भर यात्रा की और उपदेश दिए। उन्होंने 'तन्हा', 'कर्म' आदि की बात की। कुशीनगर में उनकी मृत्यु हुई।
I. बहुविकल्पीय प्रश्न
नीचे दिए गए कथनों को पूरा करने के लिए सही विकल्प चुनें:
(i) बौद्ध धर्म की स्थापना ......... द्वारा की गई थी।
(a) महावीर
(b) जरथुस्त्र
(c) रामकृष्ण परमहंस
(d) इनमें से कोई नहीं।
(ii) जैन धर्म की स्थापना ........ द्वारा की गई थी।
(a) महावीर
(b) बुद्ध
(c) जरथुस्त्र
(d) ताओ
(iii) विनय पिटक .............. का पवित्र ग्रंथ है।
(a) बौद्धों का
(b) जैनों का
(c) हिंदुओं का
(d) सिखों का।
(iv) बुद्ध लोगों से संवाद करने के लिए ………. का प्रयोग करते थे।
(a) प्राकृत
(b) संस्कृत
(c) उर्दू
(d) हिंदी
(v) सार्वभौमिक आत्मा को (a) 'आत्मा'
(b) 'ब्रह्म'
(c) 'कर्म'
(d) 'तन्हा' कहा गया है ।
(vi) एक महिला उपनिषद विचारक थी
(ए) जाबालि
(बी) सत्यकाम जाबाला
(सी) उर्मिला
(डी) गार्गी।
(vii) महावीर (ए) लिच्छवियों
(बी) लुंबिनी
(सी) कुशीनारा
(डी) मगध के राजकुमार थे ।
उत्तर:
(i)—(d), (ii)—(a), (iii)—(a), (iv)—(a), (v)—(b), (vi)—(d), (vii)—(a).
II.रिक्त स्थान भरें
प्रत्येक वाक्य को पूरा करने के लिए रिक्त स्थानों को उपयुक्त शब्दों से भरें।
- बुद्ध एक छोटे 'गण' से संबंधित थे जिसे …………. कहा जाता था।
- बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति ………….. पर हुई थी।
- बुद्ध ने सांसारिक वस्तुओं की इच्छा के लिए ………. शब्द का प्रयोग किया।
- सत्यकाम जाबाला, जाबालि नामक एक ………… महिला का पुत्र था।
- मगध में बोली जाने वाली प्राकृत को ………….. के नाम से जाना जाता था।
- जैन धर्म को शुरू में केवल ………….. द्वारा समर्थन प्राप्त था।
- महावीर की शिक्षाएं पहली बार लगभग वर्षों पहले लिखी गई थीं।
- सबसे प्रारंभिक 'विहार' ………… और …….. से बने थे।
उत्तर:
- सक्या
- बोधगया
- 'तन्हा'
- गुलाम
- मगधी
- ट्रेडर्स
- 1500
- लकड़ी, ईंट.
III. सत्य/असत्य
बताइये कि ये वाक्य सत्य (T) हैं या असत्य (F)।
- बुद्ध का मूल नाम सिद्धार्थ था।
- बुद्ध का निधन कुशीनगर में हुआ था।
- बुद्ध का मानना था कि हर चीज में संयम बरतने से 'तन्हा' को दूर किया जा सकता है।
- उपनिषद ऋग्वेद का हिस्सा हैं।
- महावीर शाक्य गण के राजकुमार थे।
- जैनों को विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करना चाहिए था।
- जैन और बौद्ध दोनों भिक्षु पूरे वर्ष भर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाकर लोगों को शिक्षा देते थे।
उत्तर:
- टी
- टी
- टी
- एफ
- एफ
- एफ
- टी।
IV. मिलान कौशल
कॉलम A में दिए गए आइटमों को कॉलम B में दिए गए आइटमों से सही ढंग से मिलाएं।