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 आधुनिक भारत के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक - सलीम अली (1896-1987)


सलीम अली (1896-1987)

सलीम अली एक विश्व विख्यात भारतीय पक्षी विज्ञानी (Ornithologist) और प्रकृतिवादी (Naturalist) थे। उन्हें 'भारत के बर्डमैन' (Birdman of India) के रूप में जाना जाता है। 
उन्होंने जीवनपर्यंत पक्षियों के संरक्षण हेतु अनुसंधान किये और 'पक्षियों के मसीहा'
के रूप में प्रसिद्ध हुए। 

सलीम अली संपूर्ण भारत में व्यवस्थित ढंग से पक्षी सर्वेक्षण का आयोजन करवाने वाले प्रथम भारतीय थे। उनके द्वारा पक्षियों पर लिखी गई कई पुस्तकों ने भारत में पक्षी विज्ञान (Ornithology) को लोकप्रिय बनाने में काफी मदद की।

उल्लेखनीय है कि सलीम अली जगह-जगह जाकर परिंदों के बारे में जानकारी जुटाते रहते थे। एकत्र जानकारियों के आधार पर तैयार हुई
उनकी पुस्तक 'द बुक ऑफ़ इंडियन बर्ड्स' ने 1941 में प्रकाशित होने के बाद रिकॉर्ड बिक्री की। यह पुस्तक परिंदों के बारे में जानकारियों का महासमुद्र थी। एक अन्य पुस्तक 'द फॉल ऑफ़ ए स्पैरो' में उन्होंने अपने जीवन की घटी घटनाओं का जिक्र किया है।
देश की आजादी के बाद सलीम अली 'बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी' के प्रमुख लोगों में रहे। उन्होंने 'केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान'
(भरतपुर, राजस्थान) की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई। प्रकृति विज्ञान और पक्षियों पर किये गए महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिये भारत सरकार की तरफ से उन्हें पद्म भूषण (1958) व पद्म विभूषण (1976) जैसे देश के बड़े नागरिक सम्मानों से सम्मानित किया गया।

नोट: ध्यातव्य है कि सलीम अली के सम्मान में 'बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी' और 'पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय' द्वारा
कोयंबटूर के निकट अनाइकट्टी नामक स्थान पर 'सलीम अली | पक्षीविज्ञान एवं प्राकृतिक इतिहास केंद्र (Salim Ali Centre for
Ornithology and Natural History SACON) स्थापित किया गया। पक्षियों को केंद्रीय विषय बनाकर शोध, शिक्षा एवं जन सहभागिता
द्वारा भारत में जैव विविधता के संरक्षण तथा उसके उपयोग में मदद करना इस संस्था का मूल ध्येय है।

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