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 विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग | Department of Science and Technology-DST


(Department of Science and Technology-DST)

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी के नए क्षेत्रों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 1971 में स्थापित किया गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी गतिविधियों के आयोजन, समन्वय सत्यमेव जयते और इसे बढ़ावा देने हेतु यह एक नोडल विभाग की भूमिका निभाता है।
इस विभाग ने अपनी नीति तथा कुछ दिशा-निर्देश निर्धारित किये हैं। इसका प्रमुख कार्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित नीतियों का निर्माण, कैबिनेट की वैज्ञानिक सलाहकार समिति से संबंधित मामलों, जैव ईंधन उत्पादन, प्रसंस्करण, मानकीकरण और अनुप्रयोगों से जुड़ी स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास के लिये अपने अनुसंधान संस्थानों या प्रयोगशालाओं के माध्यम से अनुसंधान और विकास के विषय में संबंधित मंत्रालय या विभाग के साथ तालमेल स्थापित करने और वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थानों, वैज्ञानिक संघों और निकायों के लिये समर्थन और अनुदान सहायता प्रदान करना है।

विज्ञान प्रसार (VIGYAN PRASAR)

** 'विज्ञान प्रसार' (वि.प्र.) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था (Autonomous Organization) है।
** विज्ञान प्रसार की स्थापना सन् 1989 में निम्नांकित उद्देश्यों के साथ की गई थी

*** वैज्ञानिक एवं तर्कसंगत दृष्टिकोण को बढ़ावा देना और प्रचार-प्रसार करना;
*** विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार हेतु संसाधन-सह-सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करना;
*** बड़े पैमाने पर विज्ञान लोकप्रियकरण के कार्यो/गतिविधियों को आरंभ करना;
*** विभिन्न भारतीय भाषाओं में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी लोकप्रियकरण पर विविध सॉफ्टवेयर (ऑडियो, वीडियो, रेडियो, टेलीविजन, प्रिंट, लर्निग पैकेज, किट्स, खिलोने) का विकास, प्रसार और विपणन करना;
*** विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिये भिन्न-भिन्न मीडिया का प्रयोग करना;
*** विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिये नवीन/उभरती प्रौद्योगिकी का प्रयोग।
*** विज्ञान प्रसार का जेंडर एवं प्रौद्योगिकी संचार कार्यक्रम प्रभावी विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार के जरिये महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये प्रयासरत है। इसके लिये सभी आयु समूहों और विभिन्न सामाजिक- आर्थिक स्तर की महिलाओं के लिये प्रभावी कार्यक्रमों और संसाधन
सामग्री का विकास किया गया है ताकि लक्षित महिलाएं जानकारियों का चयन कर उनकी गुणवत्ता के सुधार के लिये उचित निर्णय ले
सकने में समर्थ हो सकें।
** विज्ञान प्रसार विभिन्न माध्यमों के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर खगोल विज्ञान के लोकप्रियकरण में कार्यरत है। विज्ञान प्रसार ने अपने गठन के बाद
से ही कई खगोलीय उपकरणों की खरीद करने के साथ ही खगोल विज्ञान संबंधी कई खगोल विज्ञान जागरूकता कार्यक्रमों को आयोजित
करने के साथ ही स्रोत संसाधन सामग्रियों का विकास किया है।

खगोल विज्ञान के लिये विज्ञान प्रसार द्वारा की जाने वाली गतिविधियाँ निम्नलिखित हैं-

** विद्यालयों, महाविद्यालयों, आम जनता, विपनेट (VIPNET) क्लबों आदि के लिये नियमित आधार पर खगोल विज्ञान जागरूकता
प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन
** टेलीस्कोप के माध्यम से खगोलीय अवलोकन;
** रात्रिकालीन आकाश के अवलोकन संबंधी कार्यक्रम;
** एस्ट्रोनॉमिकल टेलीस्कोप निर्माण कार्यशालाएँ;
** खगोल विज्ञान पर संसाधन सामग्री के डिजाइन और विकास संबधी कार्यक्रम
** प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से खगोल विज्ञान का लोकप्रियकरण।

नोट: वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिये कार्यरत विज्ञान प्रसार समसामयिक विषयों पर केंद्रित एक विज्ञान पत्रिका, 'ड्रीम 2047' का प्रकाशन भी करता है।

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