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 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR)



भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर), कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है। परिषद् को पहले दि इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम से जाना जाता था जिसकी
स्थापना 16 जुलाई, 1929 को की गई तथा रॉयल कमीशन ऑन एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के अनुसरण में इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

आईसीएआर भारत में बागवानी, मत्स्यन और पशु विज्ञान सहित कृषि के क्षेत्र में समन्वय, मार्गदर्शन और अनुसंधान प्रबंधन के लिये सर्वोच्च निकाय है। देश भर में फैले 101 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् संस्थानों और 71 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ यह विश्व में सबसे बड़ी राष्ट्रीय कृषि प्रणालियों में से एक है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्द्वा रा अपने अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास के माध्यम से हरित क्रांति प्रारंभ करने एवं तदुपरांत प्रगति करने में अग्रणी भूमिका अदा की गई है

जिससे 1950-51 से 2017-18 तक देश में खाद्यान्न उत्पादन में लगभग 5.6 गुना, बागवानी फसलों में लगभग 10.5 गुना, मात्स्यिकी में लगभग 16.8 गुना, दुग्ध उत्पादन में लगभग 10.4 गुना एवं अंडा उत्पादन में
लगभग 52.9 गुना वृद्धि हुई है जिसका हमारी राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण सुरक्षा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कृषि में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता बढ़ाने में परिषद् की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विकास के अति नवीन क्षेत्रों में संलग्न है और इसके
वैज्ञानिकों को अपने क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा ग्रामीण गरीबों की आजीविका निर्भरता कम करने तथा सम्यक् कृषि वृद्धि में तीव्रता लाने हेतु अपनी अनुसंधान गतिविधियों की लगातार समीक्षा कर दीर्घावधि अनुसंधान कार्यनीतियों का विकास किया जा रहा है। बढ़ती आर्थिक असमानता, विखंडित एवं कम होती कृषि जोत, जल एवं भूमि संसाधनों में कमी, मानसून की अनिश्चितता तथा अनापेक्षित मौसम भिन्नता के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाता है (विज़न 2020)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा पारंपरिक ज्ञान रखने वाले किसान समुदाय को शामिल कर सभी स्रोतों से जानकारी और प्रौद्योगिकियों को समेकित करते हुए अन्य पणधारकों के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। जैसा कि जलवायु परिवर्तन, खाद्य में आसमान छूती मूल्यवृद्धि और ऊर्जा संकट का सबसे अधिक प्रभाव देश के किसान समुदाय पर पड़ता है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् की जानकारी एवं प्रौद्योगिकियाँ इनके प्रभावी प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण सहायता प्रदान करेंगी। भावी योजनाओं में गतिशील कृषि की चुनौतियों का सामना करना शामिल है ताकि अवसरों का उचित लाभ उठाया जा सके और कृषि वृद्धि पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को सकारात्मक वृद्धि में बदला जा सके।

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