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 डी.एन.ए. प्रौद्योगिकी (उपयोग एवं अनुप्रयोग ) विनियमन विधेयक, 2018 [The DNA Technology (Use and Application) Regulation Bill, 2018]


[The DNA Technology (Use and Application) Regulation Bill, 2018]

प्रमुख बिंदु (Key Points)
> डी.एन.ए. डेटा का प्रयोग: विधेयक के अंतर्गत डी.एन.ए. टेस्टिंग की अनुमति केवल विधेयक की अनुसूची में उल्लिखित मामलों के
लिये दी जाएगी (जैसे-भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत अपराधों, पेटरनिटी से संबंधित मुकदमों या असहाय बच्चों की पहचान
के लिये)।
> डी.एन.ए. डेटा के प्रयोग के लिये अनुमतिः डी.एन.ए. प्रोफाइल तैयार करते समय जाँच अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति के शारीरिक
पदार्थों (Bodily Substances) को इकट्ठा किया जा सकता है। कुछ स्थितियों में इन पदार्थों को इकट्ठा करने के लिये अधिकारियों को
उस व्यक्ति की सहमति लेनी होगी। 7 वर्ष तक की सज़ा पाने वाले गिरफ्तार व्यक्तियों की डी.एन.ए. टेस्टिंग के लिये अधिकारियों को
उनकी सहमति हासिल करनी होगी। लेकिन अगर किसी व्यक्ति को 7 वर्ष से ज्यादा की सज़ा दी गई है या फाँसी की सजा दी गई है
तो अधिकारियों को ऐसे व्यक्तियों की डी.एन.ए. टेस्टिंग के लिये उनकी सहमति लेने की ज़रूरत नहीं है। इसके अतिरिक्त किसी
पीड़ित व्यक्ति, या लापता व्यक्ति के संबंधी, या नाबालिग या दिव्यांग व्यक्ति की डी.एन.ए. टेस्टिंग के लिये अधिकारियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे उस पीड़ित व्यक्ति से, संबंधी से, या नाबालिग या दिव्यांग व्यक्ति के माता-पिता या अभिभावक से सहमति हासिल
करें। अगर किसी भी मामले में सहमति नहीं मिलती तो अधिकारी मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं।
> डी.एन.ए. डेटा बैंकः बिल में राष्ट्रीय डी.एन.ए. डेटा बैंक और हर राज्य में, या दो या दो से अधिक राज्यों में क्षेत्रीय डी.एन.ए, डेटा बैंक की स्थापना का प्रावधान है। राष्ट्रीय डेटा बैंक डी.एन.ए. लेबोरेट्रीज से मिलने वाले डी.एन.ए, प्रोफाइल्स को स्टोर करेंगे और क्षेत्रीय बैंकों से डी.एन.ए. डेटा प्राप्त करेंगे। हर डेटा बैंक से अपेक्षा की जाती है कि वे निम्नलिखित श्रेणियों के डेटा का रख-रखाव करेंगे-
• क्राइम सीन इंडेक्स,
• संदिग्ध व्यक्तियों (सस्पेक्ट्स) या विचाराधीन कैदियों (अंडरट्रायल्स) के इंडेक्स,
• अपराधियों के इंडेक्स,
• लापता व्यक्तियों के इंडेक्स, और
• अज्ञात मृत व्यक्तियों के इंडेक्स।
> सूचना का संरक्षण: विधेयक के अंतर्गत डी.एन.ए. रेगुलेटरी बोर्ड से यह सुनिश्चित करने की अपेक्षा की जाती है कि डी.एन.ए. बैंकों
तथा डी.एन.ए. लेबोरेट्रीज़ में एकत्र किये गए और अन्य व्यक्तियों के डी.एन.ए. प्रोफाइल्स से संबंधित सूचनाओं को गोपनीय रखा
जाएगा। डी.एन.ए. डेटा को केवल व्यक्तियों की पहचान के लिये प्रयोग किया जा सकता है। हालाँकि विधेयक डेटा बैंक से सूचना
हासिल करने के लिये केवल वन टाइम कीबोर्ड सर्च की अनुमति देता है। इस सर्च में इंडेक्स और डी.एन.ए. सैंपल की सूचनाओं के
बीच तुलना की अनुमति है लेकिन सैंपल की सूचना इंडेक्स में शामिल नहीं होगी।
> डी.एन.ए. डेटा को रखनाः विधेयक कहता है कि डी.एन.ए. प्रोफाइल की इंट्री, उसे रखने या हटाने के मानदंडों को रेगुलेशन द्वारा निर्दिष्ट किया जाएगा। हालाँकि विधेयक में निम्नलिखित व्यक्तियों के डी. एन.ए. डेटा को हटाने के प्रावधान हैं:
• संदिग्ध व्यक्ति, अगर पुलिस रिपोर्ट फाइल की गई है या अदालत के आदेश दिये गए हैं
•  विचाराधीन कैदी, अगर अदालती आदेश दिये गए हैं,
• आग्रह करने पर किसी ऐसे व्यक्ति का प्रोफाइल जो संदिग्ध, अपराधी या विचाराधीन नहीं लेकिन क्राइम सीन के इंडेक्स या लापता व्यक्तियों के इंडेक्स में उसका डी.एन.ए. प्रोफाइल इंटर हो गया है। इसके अतिरिक्त बिल यह प्रावधान करता है कि
क्राइम सीन इंडेक्स की सूचना को बरकरार रखा जाएगा।
> डी.एन.ए. रेगुलेटरी बोर्डः विधेयक में डी.एन.ए. रेगुलेटरी बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है जो कि डी.एन.ए. डेटा बैंक और डी.एन.ए.
लेबोरेट्रीज़ की निगरानी करेगा। बायोटेक्नोलॉजी विभाग का सचिव, बोर्ड का एक्स ऑफिशियो चेयरपर्सन होगा। बोर्ड में 12 अतिरिक्त
सदस्य होंगे जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं-
• वाइस चेयरपर्सन के रूप में एक ऐसा प्रख्यात व्यक्ति जिसे बायोलॉजिकल साइंसेज़ में कम-से-कम 25 वर्ष का अनुभव हो, और 
• नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) का डायरेक्टर जनरल और सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (सीबीआई) का डायरेक्टर
या उनके नॉमिनी (कम-से-कम ज्वॉइंट डायरेक्टर के पद के अधिकारी)।
> बोर्ड के कार्यः बोर्ड के कार्यों में निम्नलिखित शामिल हैं-
• डी.एन.ए. लेबोरेट्रीज या डेटा बैंक्स की स्थापना से संबंधित सभी विषयों पर सरकारों को सलाह देना,
• डी.एन.ए. लेबोरेट्रीज को एक्रेडेशन देना, और
• डी.एन.ए. संबंधी मामलों पर काम करने हेतु कर्मचारियों के लिये प्रशिक्षण मॉड्यूल और दिशानिर्देश तैयार करना।
> डी.एन.ए. लेबोरेट्रीज: डी.एन.ए. टेस्टिंग करने वाली किसी भी लेबोरेट्री को बोर्ड से एक्रेडेशन हासिल करना होगा। बोर्ड इस एक्रेडेशन
को रद्द कर सकता है। जिन कारणों से एक्रेडेशन रद्द किया जा सकता है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं-
• अगर लेबोरेट्री डी.एन.ए. टेस्टिंग करने में असफल होती है, या
• एक्रेडेशन से जुड़ी शर्तों को पूरा करने में असफल होती है। एक्रेडेशन रद्द होने पर केंद्र सरकार या केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित किसी अन्य अथॉरिटी के समक्ष अपील की जा सकती है।
> डी.एन.ए. लेबोरेट्रीज़ की बाध्यताएँ: विधेयक के अंतर्गत प्रत्येक डी.एन.ए. लेबोरेट्री से जिन बातों की अपेक्षा की जाती है, उनमें
निम्नलिखित शामिल हैं-
• डी.एन.ए. सैंपल्स के कलेक्शन, स्टोरिंग, टेस्टिंग और विश्लेषण में गुणवत्ता आश्वासन के मानदंडों का पालन करना, और
• डेटा बैंक में डी.एन.ए. सैंपल्स को जमा करना। जारी मामलों (Ongoing cases) के लिये सैंपल जमा करने के बाद लेबोरेट्री से यह अपेक्षा की जाती है कि वह बायोलॉजिकल सैंपल को जाँच अधिकारी को लौटा दे। दूसरे सभी मामलों में सैंपल को नष्ट कर दिया जाना चाहिये और संबंधित व्यक्ति को इस बारे में सूचना दे देनी चाहिये।
> अपराधः विधेयक जिन विभिन्न अपराधों के लिये दंड विनिर्दिष्ट करता है, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं-
• डी.एन.ए. सूचना का खुलासा करना, या
• अनुमति के बिना डी.एन.ए. सैंपल का इस्तेमाल करना। उदाहरण के लिये डी.एन.ए. सूचना का खुलासा करने पर 3 वर्ष तक की कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है और रा लाख का जुर्माना भरना पड़ सकता है।

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