Advertica

 जैव आतंकवाद (Bioterrorism)



जैव आतंकवाद जैविक हथियारों से फैलने वाला आतंकवाद है। जैविक हथियारों के लिये अक्सर ऐसे जैवकीय माध्यमों जैसे विषाणुओं
या जीवाणुओं का प्रयोग किया जाता है, जो निशाना बनाए गए मनुष्यों, पशुओं तथा पौधों की जीवन प्रणाली में प्रवेश करने के बाद पहले अपनी संख्या में तेज़ी से बढ़ोतरी और परिवर्तन करते हैं और उसके बाद संक्रमित मनुष्यों/पशुओं/पौधों की जीवन प्रणाली को गंभीर आघात पहुँचाकर उसे मौत के मुँह में पहुँचा देते हैं या बड़ी आबादी को अपंग बना देते हैं।
आधुनिक काल में जैव आतंकवाद को ऐसी क्रूर गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसके अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विषाणुओं, जीवाणुओं तथा विषैले तत्त्वों को मानव द्वारा ही प्राकृतिक अथवा परिवर्द्धित रूप में विकसित कर अपने लक्ष्य संधान हेतु किसी राष्ट्र के विरुद्ध निर्दोष जन, पशुओं अथवा पौधों को गंभीर हानि पहुँचाने के लिये योजनाबद्ध रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

जैव आतंकवाद के लिये प्रयोग होने वाले पदार्थों को सी.डी.सी. [CDC-Centers for Disease Control and Prevention] द्वारा कुछ प्रमुख वर्गों में बाँटा गया है, जो निम्नलिखित है-
>> वर्ग-A जैविक पदार्थः ये आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैल जाते हैं। इसमें मृत्यु दर अधिक होती है। भारी संख्या में
जनहानि होती है। अतः इनसे निपटने हेतु विशिष्ट स्वास्थ्य जागरूकता के साथ तैयारी की जरूरत पड़ती है।
Bioterrorism Diseases/Agents
> Anthrax (Bacillus anthracis) )
> Botulism (Clostridium botulinum toxin)
> Plague (Yersinia Pestis)
> Small Pox (Variola Major)
> Tularemia (Francisella tularensis) etc.
>> वर्ग-B जैविक पदार्थः ये वर्ग-A से थोड़ी मंदगति से फैलते हैं। इसमें वर्ग A की अपेक्षा मृत्यु दर कम होती है।
Bioterrorism Agents/Diseases
> Brucellosis (Brucella species)
> Glanders (Burkholderia mallei)
> QFever (Coxiella burnetii)
> Typhus fever (Rickettsia Prowazekii) etc.
>> वर्ग-C जैविक पदार्थः ये नए जैव पदार्थ हैं, जो आसानी से फैल जाते हैं। इनमें बहुत अधिक बीमारी फैलाने की संभावना रहती है।
Bioterrorism Agents
> Nipah Virus
> Hantavirus etc.
नोट: सी.डी.सी. नामक संस्था अमेरिका की एक संस्था है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य (Public Health) के लिये कार्य करती है।

Previous Post Next Post