बिहार का नाट्य संस्था एवं संगठन
नाट्य संस्था एवं संगठन स्थान
1. कामायनी आरा
2. यवनिका आरा
3. भोजपुर मंच आरा
4. युवा-नीति आरा
5. नटी आरा
6. नवोदय संघ आरा
7. नाट्य भारती औरंगाबाद
8. ऐक्टर्स ग्रुप औरंगाबाद
9. भूमिका खगौल
10. दर्पण कला केन्द्र खगौल
11. सूत्रधार खगौल
12. थियेटरेशिया खगौल
13. मंधन कला परिषद् खगौल
14. कला निधि गया
15. शबनम आर्ट्स गया
16. ललित कला मंच गया
17. नाट्य स्तुति गया
18. मयूर कला केन्द्र छपरा
19. शिवम् सांस्कृतिक मंच छपरा
20. हिन्द कला केन्द्र छपरा
21. इन्द्रजाल छपरा
22. मनोरमा सांस्कृतिक दल छपरा
23. रॉबर्ट रिक्रिएशन क्लब जमालपुर
24. उत्सव जमालपुर
25. बहुरूपिया दानापुर
26. बहुरंग दानापुर
27. शोभादी रंग संस्था नवादा
28. जिला नाट्य परिषद् बेगूसराय
29. सरस्वती कला मन्दिर बेगूसराय
30. नवरंग कला मंच बक्सर
31. भारत नाट्य परिषद् बिहिया
32. रंग मुजफ्फरपुर
33. अनन्त अभिनय कला परिषद् महनार
34. जनचेतना सुल्तानगंज
35. निराला क्लब सासाराम
36. सर्जना भागलपुर
37. सागर नाट्य परिषद् भागलपुर
38. दिशा भागलपुर
39. प्रेम आर्ट भागलपुर
40. आदर्श नाट्य कला केन्द्र भागलपुर
41. अभिनय कला मन्दिर भागलपुर
42. रूपाक्षर पटना
43. कला निकुंज पटना
44. कला त्रिवेणी पटना
45. भंगिमा पटना
46. प्रयास पटना
47. अर्पण पटना
48. अनामिका पटना
49. प्रांगण पटना
50. सर्जना पटना
51. माध्यम पटना
52. पाटलिपुत्र कला निकुंज पटना
53. बिहार आर्ट पटना
54. थियेटर पटना
55. कला संगम पटना
56. भारतीय जन-नाट्य संघ पटना
कला
कला विशेषता
1. मौर्यकालीन वास्तुकला― कुम्हरार के विशाल कक्ष (so स्तम्भ) के अवशेष,
चमकीली पॉलिश (स्तम्भ) एकाश्म स्तम्भ-लौरिया-नंदनगढ़, लौरिया अरेराज (पश्चिम चम्पारण), रामपूर्वा
(पूर्वी चम्पारण), बसाढ़ (वैशाली)
2. मूर्तिकला― पटना से प्राप्त यक्ष, दीदारगंज का यक्षी
3. गुप्त कला― सुलतानगंज से प्राप्त बुद्ध की कांस्य मूर्ति मथुरा शैली से प्रभावित
4. पाल कला― पत्थर तथा कांसे की मूर्तियों का निर्माण, बौद्ध धर्म से प्रभावित
5. मध्यकाल― सल्तनत तथा मुगल शैली, सासाराम का शेरशाह का मकबरा, मलिक बया या इब्राहिम का मकबरा (बिहार
शरीफ), शाह दौलत का मकबरा (मनेर)
6. पाल चित्रकला― पांडुलिपि चित्रण, दीवार पर चित्रण, अष्ट सहसरिक और पंचरक्ष पांडु, चित्रलिपि, बुद्ध के जीवन के लघुचित्र,
तांत्रिक प्रभाव।
7. मधुवनी चित्रकला― भित्ति चित्र तथा अरिपन, लोककला, दीवार, कपड़े तथा कागज पर चित्रकारी, प्राकृतिक रंगों का प्रयोग।
8. पटना कलम― लघुचित्र-कागज और हाथी दाँत पर, दैनिक जीवन के चित्र, मुगल और ब्रिटिश प्रभाव।