JAC Board Jharkhand Class 10th Science Physics Solutions chapter -2-मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
JAC Board Jharkhand Class 10th Science Physics Solutions chapter -2-मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
भौतकी
मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मानव नेत्र में किस प्रकार का लेंस लगा रहता है ?
(a) उत्तल लेंस,
(b) अवतल लेंस,
(c) बायफोकल लेंस,
(d) इनमें कोई नहीं।
उत्तर - (a)
प्रश्न 2. आँख के रंगीन भाग को क्या कहते हैं ?
(a) रेटिना,
(b) आइरिस,
(c) पुतली,
(d) कॉर्निया ।
उत्तर-(b)
प्रश्न 3. निम्न में कौन नेत्र का रंगीन भाग होता है ?
(a) पुतली,
(b) कॉर्निया,
(c) आइरिस,
(d) रेटिना ।
उत्तर-(c)
प्रश्न 4. मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करके विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है। ऐसा हो पाने का कारण है-
(a) जरा-दूरदृष्टिता,
(b) सभंजन,
(c) निकट-दृष्टि,
(d) दीर्घ-दृष्टि ।
उत्तर-(c)
प्रश्न 5. मानव नेत्र जिस भाग पर किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनाते हैं वह है-
(a) कॉर्निया,
(b) परितारिका,
(c) पुतली,
(d) दृष्टिपटल।
उत्तर-(d)
प्रश्न 6. सामान्य दृष्टि के वयस्क के लिए सुस्पष्ट दर्शन की अल्पतम दूरी होती है लगभग-
(a) 25m,
(b) 2.5 cm
(c) 25 cm,
(d) 2.5m.
उत्तर—(c)
प्रश्न 7. अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है-
(a) पुतली द्वारा,
(b) दृष्टिपटल द्वारा,
(c) पक्ष्माभी द्वारा,
(d) परितारिका द्वारा ।
उत्तर-(c)
प्रश्न 8. नेत्र द्वारा किसी वस्तु का कैसा प्रतिबिंब बनता है ?
(a) वास्तविक तथा उल्टा,
(b) आभासी एवं सीधा
(c) वास्तविक तथा सीधा,
(d) आभासी एवं उल्टा।
उत्तर-(a)
प्रश्न 9. मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिन्दु कितनी दूरी पर होता है ?
(a) 25 cm,
(b) 25 m,
(c) 20 cm,
(d) अनंत ।
उत्तर-(d)
प्रश्न 10. नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को कौन नियंत्रित करती है ?
(a) पुतली,
(b) कॉर्निया,
(c) परितारिका,
(d) रेटिना ।
उत्तर-(a)
प्रश्न 11. जब हम सामान्य नेत्र से किसी बिंब की दूरी में वृद्धि करते हैं तो अभिनेत्र लेंस से प्रतिबिंब दूरी-
(a) बढ़ जाती है।
(b) घट जाती है।
(c) में कोई परिवर्तन नहीं होता।
(d) नेत्र गोलक के साइज पर निर्भर करती है।
उत्तर—(c)
प्रश्न 12. निकट दृष्टि दोष को किस लेंस से दूर किया जाता है ?
(a) उत्तल लेंस,
(b) अवतल लेंस,
(c) बायफोकल लेंस,
(d) बेलनाकार लेंस ।
उत्तर—(b)
प्रश्न 13. दीर्घ दृष्टि दोष को किस लेंस से दूर किया जाता है ?
(a) उत्तल लेंस,
(b) अवतल लेंस,
(c) बायफोकल लेंस,
(d) बेलनाकार लेंस ।
उत्तर—(a)
प्रश्न 14. जरा दूर दृष्टि को किस लेंस से दूर किया जाता है ?
(a) उत्तल लेंस,
(b) अवतल लेंस,
(c) बायफोकल लेंस,
(d) बेलनाकार लेंस ।
उत्तर—(c)
प्रश्न 15. श्वेत प्रकाश का अवयवी रंगों में टूटने की क्रिया को कहते हैं ?
(a) स्पेक्ट्रम,
(b) वर्ण-विक्षेपण,
(c) अपवर्तन,
(d) परावर्तन ।
उत्तर—(b)
प्रश्न 16. श्वेत प्रकाश में कितने रंग होते हैं ?
(a) 5,
(b) 6,
(c) 7,
(d) 9.
उत्तर—(c)
प्रश्न 17. प्रकाश का प्राथमिक वर्ण कौन है ?
(a) लाल,
(b) नीला,
(c) हरा,
(d) इनमें सभी ।
उत्तर-(d)
प्रश्न 18. प्रकाश के किस रंग के लिए तरंगदैर्ध्य अधिकतम होता है ?
(a) बैगनी,
(b) हरा,
(c) लाल,
(d) पीला ।
उत्तर-(c)
प्रश्न 19. प्रकाश के किस रंग का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है ?
(a) बैंगनी,
(b) लाल,
(c) नीला,
(d) पीला ।
उत्तर-(a)
प्रश्न 20. किसी प्रिज्म के द्वारा उत्पन्न वर्णक्रम में सबसे कम विचलन जिस रंग का होता है।
वह है-
(a) पीला,
(b) नीला,
(c) लाल,
(d) हरा ।
उत्तर-(c)
प्रश्न 21. किसी प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के विक्षेपण वर्णक्रम में अधिकतम विचलन वाला रंग है—
(a) बैगनी,
(b) हरा,
(c) लाल,
(d) हरा ।
उत्तर-(a)
प्रश्न 22. प्रिज्म के विचलन का कोण सबसे अधिक होता है-
(a) बैंगनी रंग के लिए,
(b) आसमानी रंग के लिए,
(c) लाल रंग के लिए,
(d) हरा रंग के लिए।
उत्तर-(a)
प्रश्न 23. इंद्रधनुष बनता है प्रकाश के—
(a) अपवर्तन तथा प्रकीर्णन के कारण।
(b) अपवर्तन तथा अवशोषण के कारण।
(c) वर्ण विक्षेपण तथा पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कारण।
(d) वर्ण विशेषण तथा फोकसिंग के कारण।
उत्तर-(c)
प्रश्न 24. इंद्रधनुष के निर्माण के लिए निम्न में प्रकाश की कौन-सी घटना सही है ?
(a) प्रकीर्णन,
(b) विवर्तन,
(c) वर्ण विक्षेपण,
(d) ध्रुवीकरण ।
उत्तर—(c)
प्रश्न 25. रात में तारे टिमटिमाते हैं प्रकाश के-
(a) परावर्तन से ।
(b) विवर्तन से।
(c) अपवर्तन से ।
(d) क्योंकि तारे ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं।
उत्तर—(c)
प्रश्न 26. आकाश में नीले रंग का कारण है-
(a) प्रकाश का परावर्तन,
(b) प्रकाश का अपवर्तन,
(c) प्रकाश का प्रकीर्णन,
(d) प्रकाश का वर्ण विक्षेपण।
उत्तर—(c)
प्रश्न 27. वायुमंडल की अनुपस्थिति में पृथ्वी से आसमान का रंग दिखाई देगा—
(a) काला,
(b) नीला,
(c) नारंगी,
(d) लाल।
उत्तर—(a)
प्रश्न 28. खतरे के निशान के रूप में किस रंग का प्रयोग किया जाता है ?
(a) बैगनी,
(b) लाल,
(c) हरा,
(d) पीला।
उत्तर—(b)
प्रश्न 29. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका प्रतीत होती है-
(a) चपटी,
(b) मोटी,
(c) वलायाकार,
(d) इनमें कोई नहीं।
उत्तर—(a)
प्रश्न 30. सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल होता है, क्योंकि-
(a) वायुमण्डल लघु तरंगों को अधिक अवशोषित करता है।
(b) वायुमण्डल दीर्घ तरंगों को अधिक अवशोषित करता है।
(c) वायुमण्डल लघु तरंगों का अधिक प्रकीर्णन करता है।
(d) वायुमण्डल दीर्घ तरंगों का अधिक प्रकीर्णन करता है।
उत्तर—(c)
* रिक्त स्थानों की पूर्ति करें-
प्रश्न 1. आँख की निकट व दूर दोनों वस्तुओं को स्पष्ट देखने की क्षमता को..........क्षमता कहते हैं।
उत्तर-समजन
प्रश्न 2. निकट दृष्टि वाला व्यक्ति.........लेंस का उपयोग करता है।
उत्तर-अवतल
प्रश्न 3. दीर्घ दृष्टि वाला व्यक्ति.........लेंस का उपयोग करता है।
उत्तर-उत्तल
प्रश्न 4. स्वस्थ व्यक्ति के लिए स्पष्ट दृष्टि की अल्पतम दूरी..........होती है।
उत्तर-25 cm
प्रश्न 5. रेटिना पर बना प्रतिबिंब..........होता है।
उत्तर- वास्तविक एवं उल्टा
प्रश्न 6. आँख के रंगीन भाग को...........कहते हैं।
उत्तर-आइरिस
प्रश्न 7. नेत्र में प्रवेश करने वाली प्रकाश की मात्रा को...........नियंत्रित करता है।
उत्तर-पुतली
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. मानव नेत्र अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करके विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं को फोकसित कर सकता है। यह किसके कारण होता है ?
उत्तर-निकट-दृष्टि।
प्रश्न 2. चलचित्र में किस सिद्धान्त का उपयोग होता है ?
उत्तर-दृष्टि निर्बंध।
प्रश्न 3. मानव नेत्र वस्तु का प्रतिबिंब किस भाग पर बनाते हैं ?
उत्तर-दृष्टि पटल पर (रटिना) ।
प्रश्न 4. मानव नेत्र में किस प्रकार का लेंस रहता है ?
उत्तर-उत्तल लेंस।
प्रश्न 5. विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं के प्रतिबिंबों को फोकसित करने के लिए अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी किसके द्वारा परिवर्तित होती हैं ?
उत्तर-पक्ष्माभी पेशियों द्वारा।
प्रश्न 6. मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए दूर बिंदु कितनी दूरी पर होता है ?
उत्तर- अनन्त दूरी पर।
प्रश्न 7. मानव नेत्र की सामान्य दृष्टि के लिए निकट बिंदु नेत्र से कितनी दूरी पर होता है ?
उत्तर-25 cm.
प्रश्न 8. मानव नेत्र में रेटिना पर बनने वाले प्रतिबिंब की प्रकृति क्या है ?
उत्तर-वास्तविक एवं उल्टा।
प्रश्न 9. सामान्य आँख के लिए स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी क्या होती है?
उत्तर-25 cm.
प्रश्न 10. मानव नेत्र के उस भाग का नाम लिखें जो मानव नेत्र में प्रवेश होने वाली प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करता है।
उत्तर-पुतली ।
प्रश्न 11. रेटिना से जुड़े दो तंतुओं के नाम लिखें।
उत्तर- छड़नुमा एवं शंकुनुमा ।
प्रश्न 12. कौन-सा तंत्रिका तंतु प्रकाश की तीव्रता के लिए उतरदायी होता है ?
उत्तर-छड़ आकृति के तंतु ।
प्रश्न 13. कौन-सा तंत्रिका तंतु रंग परिवर्तन की समझ एवं अवगम के लिए उतरदायी होता है ?
उत्तर- शंकु आकृति के तंतु ।
प्रश्न 14. मानव नेत्र में रेटिना पर बने प्रतिबिंब की सूचना किसके द्वारा पहुँचती है ?
उत्तर- दृक तंत्रिकाओं द्वारा ।
प्रश्न 15. मानव नेत्र के रंगीन भाग को क्या कहते हैं ?
उत्तर-परितारिका (आइरिस)।
प्रश्न 16. मानव नेत्र का कौन-सा हिस्सा रेशेदार, जेलीवत् पदार्थ का बना होता है ?
उत्तर- अभिनेत्र लेंस ।
प्रश्न 17 अवतल लेंस के चश्मे का उपयोग करके किस दृष्टि दोष को दूर किया जाता है ?
उत्तर-निकट दृष्टि दोष ।
प्रश्न 18. उत्तल लेंस के चश्मे का उपयोग करके किस दृष्टि दोष को है ?
उत्तर-दीर्घ दृष्टि दोष ।
प्रश्न 19. द्विफोकसी लेंस के चश्मे का उपयोग करके किस दृष्टि दोष को दूर किया जाता है ?
उत्तर- जरा दृष्टि दोष ।
प्रश्न 20 निकट दृष्टि दोष को किस लेंस से दूर किया जाता है ?
उत्तर- अवतल लेंस ।
प्रश्न 21 दीर्घ दृष्टि दोष को किस लेंस से दूर किया जाता है ?
उत्तर- उत्तल लेंस ।
प्रश्न 22. जरा दूर दृष्टि को दूर करने के लिए किस प्रकार के लेंस का उपयोग होता हैं ?
उत्तर-बायफोकल लेंस (द्विफोकसी लेंस) ।
प्रश्न 23. अबिन्दुकता को दूर करने के लिए किस प्रकार के लेंस का उपयोग होता है?
उत्तर-गोलीय या बेलनाकार ।
प्रश्न 24. आकाश का रंग नीला क्यों होता है ?
उत्तर - प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण ।
प्रश्न 25. सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य कैसा प्रतीत होता है ?
उत्तर- रक्ताभ ।
प्रश्न 26. तारे के टिमटिमाने का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर - प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण।
प्रश्न 27. कौन रंग प्रिज्म द्वारा कम एवं अधिक विचलित होता है ?
उत्तर- बैंगनी रंग अधिक तथा लाल रंग कम ।
प्रश्न 28. किस रंग के लिए प्रकाश की चाल कम एवं अधिक है ?
उत्तर- लाल रंग की चाल अधिक एवं बैंगनी रंग की चाल कम होती है।
प्रश्न 29. प्रकाश का वर्ण विक्षेपण क्या है ?
उत्तर - प्रकाश के अवयवी वर्गों में विभाजन को विक्षेपण कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
* मानव नेत्र
प्रश्न 1. मानव नेत्र के उस संरचना का नाम लिखें जो पुतली के आकार को नियंत्रित करता है तथा पुतली के कार्यों को लिखें।
उत्तर- संरचना- परितारिका (आइरिस),
रंग- गहरा पेशीय डायफ्राम,
पुतली के कार्य- नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।
प्रश्न 2. परितारिका (आइरिस) का क्या कार्य है ?
उत्तर-परितारिका पुतली के साइज को नियंत्रित करता है।
प्रश्न 3. नेत्र की समंजन क्षमता से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- अभिनेत्र लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह अपनी फोकस दूरी को समायोजित कर लेता है समंजन क्षमता कहलाती है।
प्रश्न 4. सामान्य नेत्र के लिए निकट बिंदु तथा दूर बिंदु कहाँ-कहाँ होते हैं ?
उत्तर-निकट बिंदु- नेत्र के निकट बिंदु जहाँ पर रखी वस्तु स्पष्ट देखी जा सके, निकट बिंदु कहलाता है। सामान्य नेत्र के लिए निकट बिंदु 25 cm है।
दूर बिंदु - नेत्र से दूरस्थ वह बिंदु जहाँ पर रखी वस्तु स्पष्ट रूप से देखी जा सके, दूर बिंदु कहलाता है। दूर बिंदु अनन्त पर होता है।
प्रश्न 5. सामान्य नेत्र 25 cm से निकट रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट क्यों नहीं देख पाते ?
उत्तर- अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी एक निश्चित न्यूनतम सीमा से कम नहीं होती। कोई वस्तु नेत्र की अत्यधिक निकट है, तो अभिनेत्र लेंस इतना अधिक वक्रित नहीं हो पाता कि वस्तु का प्रतिबिंब दृष्टिपटल पर बने, जिसके फलस्वरूप परिणामी प्रतिबिंब धुँधला सा बनता है।
प्रश्न 6. जब हम नेत्र से किसी वस्तु की दूरी को बढ़ा देते हैं तो नेत्र में प्रतिबिंब दूरी का क्या होता है ?
उत्तर-समंजन के कारण, सामान्य नेत्र अभिनेत्र लेंस विभिन्न दूरियों की वस्तुओं के प्रतिबिंब समान रेटिना पर बनाते हैं। इसलिए नेत्र में प्रतिबिंब दूरी समान रहती है।
प्रश्न 7. दो आँखों की क्या उपयोगिता है ?
उत्तर-(i) दो आँखों से हमारा दृष्टिक्षेत्र विस्तृत हो जाता है।
(ii) त्रिविम चाक्षुकी का लाभ मिलता है।
(iii) दोनों आँख एक दूसरे को सेकंड के एक भाग के लिए आराम देती रहती है।
प्रश्न 8. मोतियाबिंद क्या है ? क्या मोतियाबिंद को ठीक करना संभव है ?
उत्तर- कभी-कभी अधिक आयु के कुछ व्यक्तियों के नेत्र का क्रिस्टलीय लेंस दूधिया तथा धुँधला हो जाता है। इस स्थिति को मोतियाबिंद कहते हैं। इसके कारण
नेत्र की दृष्टि में कमी या पूर्ण रूप से दृष्टि क्षय हो जाता है। मोतियाबिंद की शल्य चिकित्सा के पश्चात् दृष्टि का वापस लौटना संभव होता है।
* दृष्टि दोष तथा उसका संशोधन
प्रश्न 1. दृष्टि दोष किसे कहते हैं ? तीन प्रकार के दृष्टि दोषों के नाम लिखें। इसे दूर करने के लिए किस प्रकार के लेंस का उपयोग किया जाता है ?
उत्तर-कई कारणों से नेत्र बहुत दूर स्थित या निकट स्थित वस्तुओं का स्पष्ट प्रतिबिंब रेटिना पर बनाने की क्षमता खो देता है। ऐसी कमी दृष्टि दोष कहलाती है।
दृष्टि दोषों के नाम-
(i) निकट दृष्टि दोष- इसे दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग किया जाता है।
(ii) दीर्घ दृष्टि दोष- इसे दूर करने के लिए उत्तल लेंस का उपयोग किया जाता है।
(iii) जरा दूरदृष्टिता- इसे दूर करने के लिए बाइफोकल लेंस का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 2. निकट-दृष्टि दोष किसे कहते हैं ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जा सकता है ? सचित्र समझाएँ ।
उत्तर- वह दृष्टि दोष जिसके कारण कोई व्यक्ति निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है, परन्तु दूर स्थित वस्तुओं को स्पष्ट रूप से नहीं देख सकता है। निकट दृष्टि-दोष कहलाता है।
(i) निकट-दृष्टि दोषयुक्त नेत्र
(ii) अवतल लेंस द्वारा संशोधन
निकट-दृष्टि दोष के कारण-
(i) अभिनेत्र लेंस की वक्रता का अत्यधिक होना।
(ii) नेत्र गोलक का लंबा हो जाना।
संशोधन (निवारण)- इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस के चश्मे का उपयोग किया जाता है जो दूर रखी वस्तु से आने वाली समांतर किरणों को इतना अपसरित कर दे ताकि किरणें रेटिना के पहले मिलने के बजाए रेटिना पर ही मिले।
प्रश्न 3. दीर्घ-दृष्टि दोष किसे कहते हैं ? इस दोष का निवारण किस प्रकार किया जा सकता है ? सचित्र समझाएँ ।
उत्तर-दीर्घ-दृष्टि दोष– कोई व्यक्ति दूर की वस्तुओं को स्पष्ट देख सकता है परन्तु वह निकट रखी वस्तुओं को स्पष्ट नहीं देख पाता है। इस स्थिति में प्रतिबिंब दृष्टिपटल के पीछे बनता है।
दीर्घ-दृष्टि के कारण-
(i) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी का अत्यधिक हो जाना।
(ii) नेत्र गोलक का छोटा हो जाना।
संशोधन (निवारण)– इस दोष को दूर करने के लिए उत्तल लेंस के चश्मे का उपयोग किया जाता है।
(i) दीर्घ दृष्टि दोषयुक्त नेत्र
(ii) उत्तल लेंस द्वारा संशोधन
उत्तल लेंस निकट बिंदु पर रखी वस्तु से आनेवाली किरणों को इतना अभिसरित कर देता है कि वे नेत्र के अपने निकट बिंदु से आती हुई प्रतीत होती है और
प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है।
प्रश्न 4. निकट-दृष्टि दोष एवं दीर्घ-दृष्टि दोष में किन्हीं तीन अंतरों को लिखें।
उत्तर-निकट-दृष्टि दोष एवं दीर्घ-दृष्टि दोष में अंतर-
निकट-दृष्टि दोष
(a) नेत्र लेंस की फोकस दूरी कम हो जाती है।
(b) इस दोष के कारण प्रतिबिंब रेटिना के आगे बनता है।
(c) इस दोष को अवतल लेंस से दूर किया जाता है।
दीर्घ-दृष्टि दोष
(a) नेत्र लेंस की फोकस दूरी अधिक हो जाती है।
(b) इस दोष के कारण प्रतिबिंब रेटिना के पीछे बनता है।
(c) इस दोष को उत्तल लेंस से दूर किया जाता है।
प्रश्न 5. नेत्र एवं कैमरा में अंतर बताएँ।
उत्तर- नेत्र एवं कैमरा में अंतर-
नेत्र
(a) नेत्र लेंस का फोकस दूरी को सिलियरी मांसपेशियों के साथ बदला जा सकता है।
(b) क्षैतिज दृष्टि क्षेत्र लगभग 60° होता है।
(c) प्रतिबिंब रेटिना पर बनता है।
कैमरा
(a) कैमरा का फोकस दूरी नियत होता है।
(b) क्षैतिज दृष्टि क्षेत्र लगभग 150° होता है।
(c) प्रतिबिंब फोटोग्राफिक प्लेट पर बनता है।
प्रश्न 6. जरा - दूरदर्शिता तथा अबिंदुकता से क्या समझते हैं ?
उत्तर- जरा - दूरदर्शिता - यह नेत्र में होने वाला एक प्रकार का दीर्घ दृष्टि दोष है। आयु में वृद्धि होने पर मानव नेत्र की समंजन क्षमता घट जाती है।
कारण- यह पक्ष्माभी पेशियों के धीरे-धीरे कमजोर होने तथा क्रिस्टलीय लेंस के लचीलेपन में कमी आने के कारण होता है।
संशोधन- इस दोष को दूर करने के लिए द्विफोकसी लेंस का व्यवहार चश्मा के रूप में करते हैं।
अबिंदुकता- यह एक प्रकार का नेत्र रोग है। अबिंदुकता दोषयुक्त नेत्र का व्यक्ति एक ही साथ ऊर्ध्वाधर तथा रेखाओं को फोकसित नहीं कर सकता है।
कारण- यह कॉर्निया में दोष अर्थात् उसके पूर्णतः गोलीय न होने के कारण होता है। जिसके परिणास्वरूप इसकी क्षैतिज एवं ऊर्ध्वाधर तलों में विभिन्न दिशाओं में विभिन्न वक्रता होती है।
संशोधन- इस दोष का संशोधन बेलनाकार लेंस का चश्मा लगाने से होता है।
प्रश्न 7. अंतिम पंक्ति में बैठे किसी विद्यार्थी को श्यामपट्ट पढ़ने में कठिनाई होती है। यह विद्यार्थी किस दृष्टि दोष से पीड़ित है ? इसे किस प्रकार संशोधित किया जा सकता है ?
उत्तर-विद्यार्थी निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है। इस दोष को उपयुक्त क्षमता के अवतल लेंस के उपयोग द्वारा संशोधित किया जा सकता है।
प्रश्न 8. निकट-दृष्टि दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का व्यवहार क्यों किया जाता है ?
उत्तर-दूर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब आँख के रेटिना तथा लेंस के बीच बनता है। इस दोष को अवतल लेंस के प्रयोग से दूर किया जा सकता है। उचित फोकसान्तर
का अवतल लेंस दूर की वस्तु का प्रतिबिंब रेटिना पर बनाता है फलतः आँख देखने में सक्षम होती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
* प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन
प्रश्न 1. प्रिज्म क्या है ?
उत्तर-यह एक पारदर्शी माध्यम है जो दो नत तल से मिलकर बना है। किसी कोण पर झुके दो समतल सतहों के बीच के पारदर्शी माध्यम के भाग को प्रिज्म कहते हैं।
प्रश्न 2. प्रिज्म कोण किसे कहते हैं ?
उत्तर-प्रिज्म के दो पार्श्व फलकों के बीच के कोण को प्रिज्म कोण कहते हैं।
प्रश्न 3. विचलन कोण किसे कहते हैं ?
उत्तर- प्रिज्म की विशेष आकृति के कारण निर्गत किरण आपतित किरण की दिशा से एक कोण बनाती है। इस कोण को विचलन कोण कहते हैं।
* प्रकाश का विक्षेपण
प्रश्न 1. प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण किसे कहते हैं ? एक काँच प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश के परिक्षेपण की क्रिया का स्वच्छ किरण आरेख खींचें।
उत्तर–श्वेत प्रकाश का प्रिज्म से अपवर्तन के उपरांत विभिन्न रंगों (अपने घटकों) में विभक्त होने की घटना को प्रकाश का वर्ण-विक्षेपण कहते हैं।
चित्र- काँच के प्रिज्म द्वारा श्वेत प्रकाश का विक्षेपण
प्रश्न 2. सूर्य के श्वेत प्रकाश के विक्षेपण का क्या कारण है ?
उत्तर-विक्षेपण का मुख्य कारण विभिन्न रंगों का अपवर्तन कोण भिन्न-भिन्न होना है।
प्रश्न 3. वर्णपट्ट (स्पेक्ट्रम) क्या है ?
उत्तर-श्वेत प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण से प्राप्त प्रकाश की रंगीन पट्टी को स्पेक्ट्रम कहते हैं।
स्पेक्ट्रम के रंगों का क्रम– बैंगनी (V), जामुनी (I), नीला (B), हरा (G), पीला (Y), नारंगी (O) तथा लाल (R) (बैजानीहपीनाला) (VIBGYOR) ी
प्रश्न 4. वर्णपट्ट (स्पेक्ट्रम) की उत्पत्ति के क्या कारण हैं ?
उत्तर-विभिन्न रंगों के प्रकाश का तरंगदैर्ध्य अलग-अलग होता है। अधिक तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश का विचलन कम तरंगदैर्ध्य वाले प्रकाश की अपेक्षा कम होता है। भिन्न-भिन्न तरंगदैर्ध्य का प्रकाश काँच में भिन्न-भिन्न चाल से चलता है जिससे प्रकाश का विचलन अलग-अलग होता है तथा वर्ण विक्षेपण घटित होता है, जो स्पेक्ट्रम की उत्पति का कारण है।
प्रश्न 5. इंद्रधनुष क्या है ? यह किस प्रकार बनता है ? सचित्र समझाएँ ।
उत्तर-इंद्रधनुष वर्षा के पश्चात् आकाश में जल के सूक्ष्म कणों में दिखाई देनेवाला प्राकृतिक स्पेक्ट्रम है।
यह वायुमंडल में उपस्थित जल की सूक्ष्म बूँदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण प्राप्त होता है। इंद्रधनुष सदैव सूर्य के विपरीत दिशा में बनता है। जल की सूक्ष्म बूँदें छोटे प्रिज्मों की भाँति कार्य करती है। सूर्य के आपतित प्रकाश को ये बूँदें अपवर्तित तथा विक्षेपित करती है तत्पश्चात् इसे आंतरिक परावर्तित करती है। अंततः जल की बूँद से बाहर निकलते समय प्रकाश को पुनः अपवर्तित करती है। प्रकाश के परिक्षेपण तथा आंतरिक परावर्तन के कारण विभिन्न वर्ण प्रेक्षक के नेत्रों तक पहुँचते हैं।
* वायुमंडलीय अपवर्तन एवं प्रकीर्णन
प्रश्न 1. तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?
उत्तर-तारे की टिमटिमाहट उसके प्रकाश के वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण होती है। हवा की परतों का घनत्व बदलते रहने के कारण तारों से चलने वाली प्रकाश की किरणें इन परतों से अपवर्तित होकर अपने मार्ग से कभी कम विचलित और कभी अधिक विचलित होती है। इससे आँखों में प्रकाश कभी कम पहुँचता है तो कभी अधिक, जिससे तारे टिमटिमाते नजर आते हैं।
प्रश्न 2. व्याख्या करें कि ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते ?
उत्तर-ग्रह तारों की अपेक्षा पृथ्वी के बहुत पास हैं और इसलिए उन्हें विस्तृत स्रोत की भाँति माना जा सकता है। यदि हम ग्रह को बिंदु साइज के अनेक प्रकाश स्रोतों का संग्रह मान लें तो सभी बिंदु साइज के प्रकाश स्रोतों से हमारे नेत्रों में प्रवेश करनेवाले प्रकाश की मात्रा में कुल परिवर्तन का औसत मान शून्य होगा। इसी कारण टिमटिमाने का प्रभाव निष्प्रभावित हो जाएगा।
प्रश्न 3. सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य चिपटा मालूम पड़ता है। क्यों ?
उत्तर-इसका कारण यह है सूर्य का निचला भाग वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण ऊपरी भाग की अपेक्षा अधिक ऊपर उठ जाता है, परन्तु क्षैतिज व्यास पर अपवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
प्रश्न 4. प्रकाश का प्रकीर्णन क्या है ? ऐसे दो उदाहरण दें जिनकी व्याख्या प्रकीर्णन के आधार पर की जा सकती है ?
उत्तर- जब सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वायुमंडल में उपस्थित विभिन्न गैसों के अणु एवं परमाणु अवशोषित कर लेता है। गैसों के ये अणु एवं परमाणु सभी दिशाओं में प्रकाश को पुनः उत्सर्जित करता है। यही प्रक्रिया प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाता है।
अथवा, निलंबित या कोलाइडल सूक्ष्म कणों द्वारा प्रकाश का अनियमित दिशाओं में छितराना प्रकाश का प्रकीर्णन कहलाता है।
उदाहरण- (i) आकाश का नीला रंग,
(i) सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य का रंग लाल दिखाई देना।
प्रश्न 5. टिंडल प्रभाव क्या है ?
उत्तर-जब कोई प्रकाश किरण पुंज महीन कणों (धुआँ, जल की सूक्ष्म बूँदें, धूल के दिखाई देने लगता है। इन कणों से विसरित प्रकाश परावर्तित होकर हमारे पास
निलंबित कण तथा वायु के अणु) से टकराता है तो उस किरण पुंज का मार्ग तक पहुँचता है। कोलॉइडी कणों द्वारा प्रकाश के प्रकीर्णन की परिघटना टिंडल
प्रभाव उत्पन्न करती है।
अथवा, सूक्ष्म कणों द्वारा प्रकाश की किरणों को फैलाना टिंडल प्रभाव कहलाता है।
प्रश्न 6. टिंडल प्रभाव की परिघटना के दो उदाहरण दें।
उत्तर- टिंडल प्रभाव देखा जाता है-
(i) खिड़की या खिड़की के छिद्र से आने वाले सूर्य के प्रकाश में हवा में उपस्थित धूलकण से।
(ii) जब सूर्य का प्रकाश बादलों के मध्य से गुजरता है।
(iii) जब गाड़ी के अग्रदीप किसी कुहासा या धुंध से गुजरता है।
प्रश्न 7. सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है ?
उत्तर-प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है। सूर्योदय के समय सूर्य का प्रकाश वायुमंडल की अत्यधिक मोटी परतों से गुजरती है, जिससे सबसे कम तरंगदैर्ध्य वाले नीले रंग को अत्यधिक प्रकीर्णित करते हैं। अधिक तरंगदैर्ध्य वाले लाल रंग का प्रकीर्णन बहुत कम होता है, जिससे आँख तक केवल लाल रंग पहुँचता है। अतः सूर्योदय के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
प्रश्न 8. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका चपटी प्रतीत होती है, क्यों ?
उत्तर-सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य क्षितिज के नजदीक होती है। सूर्य के ऊपरी भाग एवं निचली भाग से आनेवाली प्रकाश की किरणें पृथ्वी के वायुमंडल में असमान रूप से गमन करती है इसलिए सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य की चक्रिका चपटी प्रतीत होती है।
प्रश्न 9. स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों होता है ?
उत्तर-प्रकाश के प्रकीर्णन के कारण आकाश का रंग नीला होता है। सूर्य का प्रकाश जब वायुमंडल में प्रवेश करता है तब प्रकाश का प्रकीर्णन होता है। लाल रंग
(अधिक तरंगदैर्ध्य) का प्रकीर्णन सबसे कम और नीले रंग (कम तरंगदैर्ध्य) का प्रकीर्णन सबसे अधिक होता है। रंग के प्रकीर्णन में नीले रंग की अधिकता होती है, इसलिए आकाश का रंग नीला दिखाई देता है।
प्रश्न 10. किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है ?
उत्तर- अंतरिक्ष में वायुमंडल या अन्य सूक्ष्म कण नहीं है। अतः सूर्य से आती प्रकाश की किरणों का प्रकीर्णन नहीं होता है। इससे अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले के अपेक्षा काला प्रतीत होता है।
प्रश्न 11. खतरे के संकेत (सिग्नल) का प्रकाश लाल रंग का होता है। क्यों ?
उत्तर-लाल रंग कुहरे या धुएँ से सबसे कम प्रकीर्ण होता है। इसलिए यह दूर से देखने पर भी लाल रंग का ही दिखाई देता है तथा खतरे के संकेत का पता चल जाता हैं।
* चित्रात्मक प्रश्न
प्रश्न 1. मानव नेत्र का नामांकित चित्र बनाएँ।
प्रश्न 2. दिए गए मानव नेत्र की आकृति में (a), (b) एवं (c) का नाम लिखें।
उत्तर-(a) कॉर्निया (स्वच्छ मंडल),
(b) क्रिस्टलीय लेंस (उत्तल लेंस),
(c) रेटिना (दृष्टि पटल) ।
प्रश्न 3. श्वेत प्रकाश की एक किरण किसी प्रिज्म के एक सतह पर तिरछी आपतित होती है यह चित्रानुसार सात रंगों में विभाजित हो जाती है-
(a) सूर्य के प्रकाश की श्वेत किरण विभिन्न रंगों में विभाजित होना क्या कहलाता है ?
(b) इस परिघटना का क्या कारण हैं ?
(c) सर्वाधिक तथा सबसे कम विचलित होने वाले रंगों का नाम लिखें।
उत्तर-(a) प्रकाश का विक्षेपण।
(b) प्रकाश का अपवर्तन।
(c) सर्वाधिक बैंगनी,
* आंकिक प्रश्न
प्रश्न 1. किसी निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति का दूर-बिंदु नेत्र के सामने 80cm दूरी पर है। अत्यधिक दूर की वस्तुओं को सुस्पष्ट देख सकने के लिए आवश्यक लेंस की प्रकृति तथा क्षमता क्या है ?
उत्तर-व्यक्ति निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है।
.: लेंस की प्रकृति- अवतल लेंस।
यहाँ, v = - 80cm (व्यक्ति का दूर बिंदु)
u = - ∞ (सामान्य आँख के लिए दूर बिंदु)
लेंस सूत्र से,
1/f = 1/v–1/u = 1/–80+1/∞ = 1/–80+0 = –1/80
.: f = - 80 cm = – 0.8 m, P = ?.
क्षमता, P = 1/f = 1/–0.8 = –10/8 = – 1.25 D Ans.
प्रश्न 2. निकट दृष्टि दोष का कोई व्यक्ति 1.2m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को सुस्पष्ट नहीं देख सकता इस दोष को दूर करने के लिए प्रयुक्त लेंस की प्रकृति क्या होनी चाहिए ?
उत्तर-निकट दृष्टि दोष से पीड़ित व्यक्ति को संशोधक लेंस के रूप में अवतल लेंस का उपयोग करना चाहिए।
यहाँ, माना कि दूर बिंदु x = 1.2m, फोकस दूरी f = –x = – 1.2m
अतः लेंस की क्षमता, P = 1/f = – 1/1.2 = –10/12 = – 5/6 = – 0.83 D
(चूँकि लेंस की क्षमता ऋणात्मक है, अतः प्रयुक्त लेंस अवतल है।)
प्रश्न 3. किसी व्यक्ति को अपनी दूर की दृष्टि को संशोधित करने के लिए –5.5 D क्षमता के लेंस की आवश्यकता है। अपनी निकट की दृष्टि को संशोधित करने के लिए उसे +1.5 D क्षमता के लेंस की आवश्यकता है। संशोधित करने के लिए आवश्यक लेंस की फोकस दूरी क्या होगी-
(i) दूर की दृष्टि के लिए,
(ii) निकट की दृष्टि के लिए।
उत्तर-(i) दूर की दृष्टि के लिए-
f₁ = 1/P₁ = 1/–5.5 m = 100/– 5.5 cm = – 18.2 cm Ans.
(ii) निकट की दृष्टि के लिए-
f₂ = 1/P₂ = 1/+1.5 m = 100/+1.5 cm = 66.7 cm Ans.
प्रश्न 4. किसी व्यक्ति को अपनी दृष्टि दोष के संशोधन के लिए –4.5D क्षमता के लेंस की आवश्यकता होती है-
(i) वह व्यक्ति किस प्रकार के दृष्टि दोष से पीड़ित है ?
(ii) संशोधक लेंस की फोकस दूरी कितनी है ?
(iii) संशोधक लेंस की प्रकृति क्या है ?
उत्तर-(i) वह व्यक्ति निकट-दृष्टि दोष से पीड़ित है। (लेंस की क्षमता ऋणात्मक है।)
(ii) फोकस दूरी, f = 1/P = 1/–4.5 = –10/45 = –2/9 = –0.22 m Ans.
(iii) अवतल लेंस ।
प्रश्न 5. चित्र बनाकर दर्शाएँ कि दीर्घ-दृष्टि दोष कैसे संशोधित किया जाता है। एक दीर्घ-दृष्टि दोष युक्त नेत्र का निकट बिन्दु 1m है। इस दोष को संशोधित करने के लिए आवश्यक लेंस की क्षमता क्या होगी? यह मान लें कि सामान्य नेत्र का निकट बिन्दु 25 cm है।
उत्तर- यहाँ नेत्र दीर्घ-दृष्टि दोष से पीड़ित है।
.: लेंस की प्रकृति- अवतल लेंस ।
यहाँ, u = D = 25 cm, v = 1m = – 100cm.
लेंस के लिए- 1/f = 1/v–1/u
⇒ 1/f = 1/–100–1/–25 = –1/100+1/25 = –1+4/100 = 3/100
⇒ f = 100/3 cm = 100/3×1m/100 = 1/3 m
क्षमता, P = 1/f = +1/⅓ = + 3D
अतः संशोधित करने के लिए आवश्यक लेंस की क्षमता + 3D होगी।
प्रश्न 6. किसी निकट दृष्टि वाला व्यक्ति 1.5m दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है। इस दोष को दूर करने के लिए उसे किस क्षमता की लेंस की आवश्यकता होगी ?
उत्तर- यहाँ, f = – 1.5 m, P = ?.
क्षमता, P = 1/f = 1/–1.5 = –10/15 = –2/3 = – 0.66 D Ans.
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- BPSC Notes ————– Click Here