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 यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का भारत में आगमन


यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का भारत में आगमन


प्राचीन काल से ही भारत का व्यापारिक सम्बन्ध पश्चिमी देशों से था. 1498ई. में Vasco-Da-Gama नामक पुर्तगाली (Portuguese) कालीकट पहुँचा (SSC Grad. 3 2003). 1500 ई. में पुर्तगाली व्यापारियों ने कोचीन में एक कोठी बनायी. 1506 ई. में गोवा नगर पर उन्होंने कब्ज़ा कर लिया. अल्बूकर्क के समय पुर्तगाली शक्ति का काफी विकास हुआ. पुर्तगालियों की बढ़ती हुई शक्ति से बीजापुर, अहमदनगर और कालीकट के शासक चिंतित हो गए. उन्होंने पुर्तगालियों को खदेड़ने की कोशिश भी की पर असफल रहे. परन्तु 17वीं सदी के प्रारम्भ होते-होते पुर्तगाली कमजोर पड़ गए और उनका पतन हो गया.

पुर्तगाली के बाद भारत में डच (Dutch) आये. भारत ने डचों को भारत में व्यापार करने के लिए खुला निमंत्रण दिया. 1602 ई. में भारत से व्यापार करने के लिए प्रथम डच कम्पनी की स्थापना की गई. डचों ने गुजरात, बंगाल, बिहार और उड़ीसा में अनेक कारखानों की स्थापना की. पुलीकट, सूरत, कासिम बाज़ार, पटना, बालासोर, नागापट्टम और कोचीन डचों के प्रमुख व्यापारिक केंद्र थे. डचों को पुर्तगालियों और अंग्रेजों से भी संघर्ष करना पड़ा. अंग्रेजों से डचों को हार मिली. (RRB ASM 2002)

भारत के साथ व्यापार करने की लालसा अंग्रेजों में भी जाग उठी. सर टॉमस रो को जहाँगीर से अनेक सुविधाएँ मिलीं थीं (UPSC 2008 Question). उन्होंने कालीकट और मसूलीपट्टम में कोठियाँ बनाने की अनुमति मिली. 1633 ई. में बालासोर और हरिहरपुर में कारखाना खोला गया. अंग्रेजों ने मद्रास में सेंट जॉर्ज नामक किले का निर्माण किया (UPSC 2007). यही किला आगे चलकर अंग्रेजों की शक्ति का मुख्य केंद्र साबित हुआ. 1651 ई. में हुगली में कारखाना खोला गया, 1688 ई. में अंग्रेजों ने बम्बई का द्वीप किराए पर ले लिया. औरंगजेब ने अंग्रेजों के रास्ते में रोड़े डाले और और उनको कई बाजारों से निकाल-बाहर कर दिया. कालांतर में अंग्रेजों और औरंगजेब के बीच संधि हुई और अनेक नयी कोठियों की स्थापना की गयी. अब भारत में अंग्रेजों का व्यापार विस्तृत होने लगा. भारत में राजनीतिक अस्थिरता का लाभ उठाकर अंग्रेज भारत में अपना साम्राज्य स्थापित करने में सफल हुए.

भारत में सबसे अंत में फ्रांसीसी (French)आये. (परीक्षा में प्रायः क्रम पूछा जाता है : पुर्तगाली>डच>अँगरेज़>फ्रांसीसी) 1664 ई. में एक फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कम्पनी की स्थापना की गई (RRB 2004). फ्रांसीसियों ने सूरत, हुगली, मछलीपट्टम और पांडिचेरी में कोठियों का स्थापना की. अँगरेज़ और फ्रांसीसियों की पहली लड़ाई कर्नाटक में हुई (45 BPSC 2002). तीन कर्नाटक युद्ध हुए. तीसरे कर्नाटक युद्ध में फ्रांसीसी अँगरेज़ से हार गए और अंग्रेजों का भारत में पूर्ण रूप से वर्चस्व हो गया.

कुछ महत्त्वपूर्ण सवाल जो UPSC, SSC, RAILWAY परीक्षा में पहले भी आये हैं>>

  1. वास्कोडिगामा भारत में कब आया? 17 मई, 1498 ई.
  2. वास्कोडिगामा भारत में सर्वप्रथम कहाँ आया? कालीकट बंदरगाह 
  3. 1505 ई. में भारत में पुर्तगालियों का सर्वप्रथम वायसराय कौन बना? फ्रांसिस्को द अल्मेडा (Francisco de Almeida)
  4. पुर्तगालियों ने पहली व्यापारिक कोठी कहाँ खोली? कोचीन 
  5. पुर्तगालियों के बाद कौन आये? डच
  6. डचों ने भारत में अपनी प्रथम व्यापारिक कोठी कहाँ खोली? मसूलीपट्टम 
  7. इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ ने East India Company को कब अधिकार-पत्र प्रदान किया? 1600 ई.
  8. अंग्रेजों ने सर्वप्रथम व्यापार का केंद्र कहाँ बनाया? सूरत
  9. 1615 ई. में सम्राट जेम्स I ने किसे अपना राजदूत बनाकर जहाँगीर के दरबार में भेजा? सर टॉमस रो (Sir Thomas Roe)
  10. 1639 ई. में अँगरेज़ फ़्रांसिस डे ने कहाँ के राजा से मद्रास (चेन्नई) पट्टे पर लिया? चंद्रगिरी 
  11. 1687 ई. में अंग्रेजों ने पश्चिमी तट का मुख्यालय सूरत से हटाकर कहाँ बनाया? बम्बई 
  12. बंगाल के शासक शाहशुजा ने सर्वप्रथम 1651 ई. में अंग्रेजों को व्यापारिक छूट की अनुमति दी. इस अनुमति को क्या कहते थे? निशान 
  13. भारत में फ्रांसीसियों की प्रथम कोठी फ्रैंकों कैरों के द्वारा कहाँ 1688 ई. में स्थापित की गयी? सूरत 
  14. 1674 ई. में किसने पांडिचेरी की स्थापना की? फ्रांसिस मार्टिन (Francis Martin)
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