हम्पी के बारे में कुछ मुख्य तथ्य

हम्पी के बारे में कुछ मुख्य तथ्य
कर्नाटक सरकार द्वारा हम्पी स्थल के आस-पास के रेस्त्राँओं को ध्वस्त करने के निर्णय का सर्वोच्च न्यायालय ने समर्थन किया है क्योंकि ये रेस्त्राँ मैसूर प्राचीन एवं ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातात्विक स्थल एवं अवशेष अधिनियम, 1961 (Mysore Ancient and Historical Monuments and Archaeological Sites and Remains Act of 1961) का उल्लंघन करके बनाए गये थे.
पृष्ठभूमि
यह मामला कर्नाटक उच्च न्यायालय में भी चला था. इसमें भी न्यायालय ने यह व्यवस्था दी थी कि हम्पी विश्व धरोहर क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (Hampi World Heritage Area Management Authority) को इन अवैध भवनों को गिराने की शक्ति प्राप्त है.
हम्पी के बारे में कुछ मुख्य तथ्य
- यह एक UNESCO विश्व धरोहर स्थल है.
- तीसरी शताब्दी ई.पू. में हम्पी मौर्य साम्राज्य का एक भाग था.
- यह 1336 ई. अस्तित्व में आया और विजयनगर के चार राज्यवंशों के समय यह राजधानी बना रहा.
- तुलुव वंश के राजा कृष्णदेव राय के काल में विजय नगर साम्राज्य अपनी श्रेष्ठ ऊँचाइयों पर था.
- हम्पी रामायण में वर्णित किष्किन्धा क्षेत्र के अन्दर आता था.
- हम्पी तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित है.
- 1500 ई. आते-आते हम्पी मध्यकालीन विश्व का दूसरा सबसे बड़ा नगर बन गया था (बीजिंग के बाद) और संभवतः यह भारत का सबसे समृद्ध नगर था जहाँ फारस और पुर्तगाल के भी व्यापारी आया करते थे.
- UNESCO ने इसका वर्णन करते हुए इसे एक भव्य स्थल बताया है जहाँ दक्षिण भारत के अंतिम महान हिन्दू राज्य के 1,600 से अधिक अवशेष बचे हुए हैं.