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 bihar board 10 class history notes – हिन्द चीन में राष्ट्रवादी आन्दोलन

bihar board 10 class history notes – हिन्द चीन में राष्ट्रवादी आन्दोलन

class – 10

subject – history

lesson 3 – हिन्द चीन में राष्ट्रवादी आन्दोलन

हिन्द चीन में राष्ट्रवादी आन्दोलन

पाठ की मुख्य बातें – दक्षिण पूर्व एशिया में वियतनाम लाओस और कम्बोडिया ( 3 लाख वर्ग कि ० मी ० ) के क्षेत्र को ही हिन्द चीन देश कहा जाता है । वियतनाम पर चीन का प्रभाव था.परन्तु लाओस कम्बोडिया पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव था । चौथी शताब्दी में कम्बुज राज्य की स्थापना हुई और वहाँ एक भारतवंशीय राजा बना । कम्बुज भारतीय संस्कृति का प्रधान केन्द्र बना और 12 वीं शताब्दी में राजा सूर्यवर्मा द्वितीय ने अंकोर मंदिर का निर्माण करवाया । परन्तु 16 वीं शताब्दी में कम्बुज का पतन हो गया और आंतरिक संघर्ष की स्थिति उत्पन्न हो गयी । 1498 ई 0 के बादपूर्तगाली , डच , इंग्लैंड फ्रांसिसीयों का व्यापार हेतु आगमन हुआ । परन्तु फ्रांसिसीयों ने यहाँ राजनीतिक प्रभुता कायम करने की कोशिश की और 20 वीं सदी के आरंभ तक सम्पूर्ण हिन्द – चीन फ्रांस की अधीनता में आ गया । फ्रांस का हिन्दचीन को उपनिवेश बनाने के पीछे ब्रिटिश , डच कंपनियों से व्यापारिक स्पर्धा थी भारत में फ्रांसिसी पिछड़ रहे थे तथा कच्चे माल की आपूर्ति भी उपनिवेशों से होती थी और बाजार भी उपलब्ध था । कोयला , टीन , जस्ता , क्रोमियम और रबर का दोहन शुरू हो गया । किसानों का शोषण भी शुरू हुआ । इसके साथ ही फ्रांसिसीयों ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने हेतु नहरों की व्यवस्था , साथ ही कृषि योग्य भूमि का क्षेत्रफल भी बढ़ाया गया , जिसके फलस्वरूप . 1931 ई 0 तक वियतनाम विश्व का तीसरा बड़ा निर्यातक देश बन गया । साथ ही रेल नेटवर्क , सड़कों का जाल बिछाया गया , परन्तु किसानों और मजदूरों की स्थिति दिनोंदिन दयनीय होती चली गयी । क्योंकि सारी व्यवस्था ही शोषण मूलक थी । शिक्षा में भी फ्रांसिसीयों को इसके प्रसार के सकारात्मक प्रभावों का डर था । अतः स्थानीयों को शिक्षा से दूर रखने का प्रयास किया जाता था और अंतिम साल में अधिकतर स्थानीय बच्चों को फेल कर दिया जाता था । हनोई विश्वविद्यालय को बन्द कर दिया गया । इन सभी के बीच राष्ट्रीयता की भावना का भी विकास शुरू हो गया और शोषण के विरुद्ध छिटपुट विद्रोह शुरू हो गये । 1905 ई ० में जापान द्वारा रुस को हराया जाना हिन्दचीनियों के लिये प्रेरणास्रोत बन गया । छात्रों ने वियतनाम मुक्ति एशोसियशन की स्थापना की । प्रथम विश्व युद्ध के दौरान हजारों स्थानीय लोगों को सेना में भरती किया गया और उन्हें फ्रोस बेगार करने के लिये लाया गया । युद्ध की प्रथम पंक्ति में इन्हें ही रखा जाता और ये बड़ी संख्या में मारे जाते । इन्हीं सब बातों की प्रक्रिया स्वरूप 1914 ई 0 में देशभक्तों ने एक ” वियतनामी राष्ट्रवादी दल ” नामक संगठन बनाया जिसका पहला अधिवेशन कैंण्टन में हुआ । फ्रांस ने इसे कुचल डाला और दूसरी तरफ जनता की हालत और दयनीय होती चली गयी । इन्हीं सब परिस्थितियों के बीच हो – ची मिन्ह ( 1917 ई ० ) नामक एक वियतनामी छात्र ने पेरिस में ही साम्यवादियों का एक गुट बनाया , बाद में 1925 ई ० में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन किया और सैनिक प्रशिक्षण भी लियो । आंदोलन अंदर ही अंदर खौलता रहा । द्वितीय विश्वयुद्ध की परिस्थितियों ने वियतनामियों को एक निर्णायक रास्ता प्रदान किया । जापान का आत्मसर्मपण और फ्रांस की कमजोर स्थिति का लाभ उठाते हुए वियतनाम के राष्ट्रवादियों ने वियतमिन्ह के नेतृत्व में लोकतंत्रीय गणराज्य सरकार की स्थापना 2 सितम्बर 1945 ई ० को कर वियतनामा की स्वतंत्रता की घोषणा कर दी । इस सरकार के प्रधान हो ची मिन्ह थे । द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात ब्रिटेन , हॉलैन्ड , अमेरिका एवं फ्रांस अपने साम्राज्यों की पुनर्रथापना में लग गये । इसके लिये – फ्रांस ने नये औपनिवेशिक तंत्र की योजना बनाई । परन्तु अंततोगत्वा दिएन – विएन फु के युद्ध में वियतानामियों को गुरिल्लों के हाथों फ्रांस के 16000 सैनिकों का आत्मसमर्पण करना पड़ा और फ्रांस पराजित हुआ । वहाँ पर साम्यवादी व्यवस्था लागू हो गयी और वियतमान को एवं चीन ने मान्यता प्रदान कर दी ।
अमेरिका इस बीच हिन्दचीन में हस्तक्षेप करना चाह रहा था । संघर्ष के दौर में ही 1954 ई ० में जेनेवा समझौता हुआ , जिसके अनुसार वियतनाम को दो भागो में बांट दिया गया और लाओस एवं कम्बोडिया में वैध राजतंत्र को मान्यता मिली । जेनेवा समझौता ने तात्कालिक रूप से कुछ शांति अवश्य दी परन्तु तुरन्त ही हिन्दी चीन में उथल – पुथल आरंभ हो गया । हिन्दचीन पर साम्यवादी प्रभाव बढ़ता जा रहा था और अमेरिका किसी भी परिस्थिति में इसे बढ़ने नहीं देना चाह रहा था । परन्तु लाख कोशिश के बाद भी अमेरिकी सैनिक हस्तक्षेप से वामपंथ के प्रसार को रोक नहीं पाया । 1954 ई 0 में स्वतंत्र राष्ट्र बनने के बाद राजकुमार नरोत्तम सिंहानुक कम्बोडिया का शासक बना । परन्तु उसे अमेरिकी प्रभाव स्वीकार न था ।16 वर्ग के लिए फलस्वरूप अमेरिका ने 1969 में कम्बोडिया में जहाजों द्वारा जहर की वारिश कर 40 हजार एकड़ रबड़ की खेती को नष्ट कर दिया । अमेरिकी पड़यंत्र से 1970 ई 0 में राष्ट्रीय संसद ने सिंहानुक को सत्ता से हटा दिया । परन्तु सिहानुक ने संघर्ष शुरू कर दिया । कम्बोडियायी छापामारी और अमेरिकी सेनाओं के बीच युद्ध चलता रहा । पाँच वर्षों के बाद 1975 में गृहयुद्ध समाप्त हो गया और सिंहानुक पुनः राष्ट्राध्यक्ष बने परन्तु 1978 में संन्यास ले लिया । अब कम्बोडिया का नाम कम्पुचिया कर दिया गया है ।
जेनेवा समझौते से दो वियतनामी राज्यों का जन्म अवश्य हो गया था परन्तु स्थायी शान्ति की उम्मीद नहीं के बराबर थी । क्योंकि उत्तरी वियतनाम में साम्यवादी सरकार थी और दक्षिणी में पूँजीवादी । अमेरिका वियतनाम में साम्यवाद को रोकना चाहता था । 1964 को अमेरिका ने उत्तरी वियतनाम पर हमला कर दिया । यह युद्ध काफी भयंकर , बर्बर और हिंसात्मक था । 1967 ई 0 तक अमेरिका ने वियतनाम पर इतने बम बर्षाये जितने जर्मनी ने द्वितीय विश्वयुद्ध में इंग्लैंड पर नही बर्षाये थे । दूसरी ओर वियतनामी अब साम्यवाद या किसी अन्य बातों के लिये नहीं बल्कि अपने अस्तित्व और अपने राष्ट्र के लिये लड़ रहे थे । अंततः 7 फरवरी 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर हो गया समाप्ति के 60 दिनों के भीतर अमेरिकी सेना वापस हो जायगी और उत्तर एवं दक्षिण वियतनाम परस्पर सलाह कर एकीकरण का मार्ग खोजेंगे । अमेरिका उन्हें असीमित आर्थिक सहायता देगा । जनवरी 1975 में दोनों वियतनाम का विलय हो गया । इस प्रकार सात दशकों से ज्यादा चलने वाला अमेरिका वियतनाम युद्ध समाप्त हो गया तथा धन – जन जिसमें युद्ध उत्तर – भानाम की बरबादी के अलावे अमेरिकी साख को गहरा धक्का लगा , पूरे हिन्दचीन में वह असफल रहा और हिन्द चीन के सभी देशों की संप्रभुता उसे स्वीकार करनी पड़ी ।

प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. हिन्द चीन क्षेत्र में कौन से देश आते है ?
( अ ) चीन , वियतनाम , लाओस
( ब ) हिन्दी , चीन , वियतनाम लाओस
( स ) कम्बोडिया , वियतनाम , लाओस
( द ) कम्बोडिया , वियतनाम , चीन , थाईलैण्ड
उत्तर– ( स ) कम्बोडिया , वियतनाम , लाओस
  2. अंकोरवाट का मन्दिर कहाँ स्थित है ?
(अ)वियतनाम ( ब ) थाइलैण्ड
( स ) लाओस ( द ) कम्बोडिया
उत्तर– कम्बोडिया
  3. हिन्द चीन पहुँचने वाले प्रथम व्यापारी कौन थे ?
( अ ) इंग्लेण्ड ( ब ) फ्रांसीसी
( स ) पूर्तगाली  ( द ) डच
उत्तर–  ( स ) पूर्तगाली
4. हिन्द चीन में बसने वाले फ्रांसीसी कहे जाते थे ?
(अ) फ्रांसीसी( ब ) शासक वर्ग
( स ) कोलोन ( द ) जेनरल
उत्तर ( स ) कोलोन
  5. नरोत्तम सिंहानुक कहाँ के शासक थे ?
( अ ) वियतनाम  ( ब ) लाओस
( द ) कम्बोडिया ( स ) थाइलैण्ड
उत्तर -( द ) कम्बोडिया
  6. ‘ द हिस्ट्री ऑद द लॉस ऑफ वियतनाम किसने लिखा ?
( अ ) हो – ची – मिन्ह ( ब ) फान – वोई – चाऊ
( द ) कुआंग. ( स ) त्रियु
उत्तर– ( ब ) फान – दोई – चाऊ
7. मार्च 1948 में फ्रांस एवं वियतनाम के बीच होने वाला समझौता किस नाम से जाना जाता है ?
( अ ) जेनेवा समझौता (ब )हनोई समझौता
( स ) पेरिस समझौता ( द )  धर्म निरपेक्ष समझौता
उत्तर– ( ब ) हनोई समझौता
  8. किस प्रसिद्ध दार्शनिक ने एक अदालत लगाकर अमेरिका को वियतनाम युद्ध के लिए दोषी करार दिया ?
( अ ) रसेल ( ब ) हो- ची – सिन्ह
( स ) नरोत्तम सिंहानुक ( द ) रूसो
उत्तर– ( अ ) रसेल
   9  हिन्द – चीनी क्षेत्र में अंतिम युद्ध समाप्ति के समय में अमेरिकी राष्ट्रपति थे ?
( अ ) वाशिगटन ( ब ) निक्सन
( स ) जार्ज बुश ( द ) रुजवेल्ट
उत्तर– ( 4 ) . निक्सन
10. होआ – होआ आन्दोलन किस प्रकृति का था ?
( अ ) क्रांतिकारी
(ब).  धार्मिक
( स ) साम्राज्यवादी समर्थक
( द ) धार्तिकारी धार्मिक
उत्तर– ( द ) क्रांतिकारी धार्मिक

2. रिक्त स्थानों को मरे :
( i ) 12 वीं शताब्दी में राजा सुर्य वर्मा द्वितीय ने अंकोर वाट मंदिर का निर्माण करवाया था ।
( ii ) जेनेवा समझाते ने पूरे वियतनाम को दो हिस्से में बाँट दिया और 17 वीं अक्षांश रेखा को विभाजक रेखा माना गया ।
( iii ) हो – ची – मिन्ह का दूसरा नाम ” न्यूगन आई क्योक था ।
( iv ) दिएन – विएन फु को युद्ध में फ्रांस बुरी तरह हार गया ।
( v ) अनामी दल का संस्थापक जोन्गुएन आई था ।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न :

1. एक तरफा अनुबंध व्यवस्था क्या थी ?
उत्तर – एक तरफा अनुबंध व्यवस्था एक तरह की बंधुआ मजदूरी थी जहाँ मजदूरों को कोई अधिकार नहीं था , जबकि मालिक को असीमित अधिकार प्राप्त थे ।
  2. बाओदायी कौन था ?
उत्तर – द्वितीय विश्वयुद्ध में हारने के पश्चात् जब जापान हिन्दचीन से निकलने लगा तो हिन्दचीनी राष्ट्र जो कई भाग में विभक्त थे , के पुराने राजवंशों को प्रतिष्ठित करने लगा । इसी क्रम में बाओदायी अन्नाम राष्ट्र का शासक देना ।
  3. हिन्दी चीन का अर्थ क्या है ?
उत्तर – दक्षिणपूर्व एशिया के वियतनाम , लाओस और कम्बोडिया जो करीब 3 लाख वर्ग किमी क्षेत्र में फैले है को ही हिन्द चीन कहते हैं ।
4. जेनेवा समझौता कब और किनके बीच हुआ ?
उत्तर -1954 ई . में जेनेवा समझौता हिन्दचीन समस्या के समाधान के लिये हुआ । यह विशा में पूंजीवादी व्यवस्था एवं साम्यवादी व्यवस्था के समर्थकों के बीच की सहमति थी ।
5.होआ- होआ आन्दोलन की चर्चा करें ।
उत्तर – यह एक बौद्धिक धार्मिक क्रांतिकारी आन्दोलन था । जो 1939 में शुरू हुआ था जिसके नेता इन्ह – फु – सो था । इसके क्रांतिकारी उग्रवादी घटनाओं को अजाम देने के लिये आत्मदाह भी कर लेते थे ।

लघु उत्तरीय प्रश्न :
1. हिन्दी चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें ।
उत्तर – व्यापार करने के उद्देश्य से हिन्द चीनी क्षेत्र में जानेवाले कांसिसीयों ने वहाँ अपना प्रभुत्व कायम करने की कोशिश की । सर्वप्रथम चीन के शासक से संधि कर अन्नाम के शासक को संधि हेतु बाध्य किया । उसके बाद कम्बोडिया को अपने संरक्षण में लिया तथा 1783 में तोकिन में आ गयी । इस प्रकार 20 वीं सदी के आरंभ में सम्पूर्ण हिन्दचीन फ्रांस की अधीनता में आ गया ।
2. रासायनिक हथियारों एवं एजेन्ट ऑरेंज का वर्णन करें ।

उत्तर – रासायनिक हथियार यह एक तरह का कार्बनिक यौगिक है जो अग्नि बमों में गैसोलिन के साथ मिलकर एक ऐसा मिश्रण तैयार करता है जो त्वचा से चिपक जाता है और जलता रहता है । एजेन्ट ऑरेंज एक ऐसा जहर था जिसके प्रभाव से पेड़ों की पत्तियों झुलस जाती थीं और पेड़ झुलस जाता था । जगलों को खत्म करने में इसका प्रयोग होता था । अमेरिका ने इसका उपयोग वियतनामी आबादी पर जमकर किया और आज भी इसका असर जन्मजात विकसागता एवं कैंसर के रूप में नजर आता है ।
3. हो – ची – मिन्ह के संबंध को संक्षिप्त में लिखें ।
उत्तर – हो – चिन्ह – मिन्ह एक वियतनामी था । उसने छात्र जीवन में ही साम्यवादियों का एक गुट का पेरिस में गठन किया । 1925 ई 0 में वियतनामी क्रांतिकारी दल का गठन कर  फ्रांसीसी सत्ता के विरुद्ध आवाज उठायी । 1930 ई 0 में उसने वियतनाम के बिखरे राष्ट्रवादियों को एक जुटकर वियतनाम कोंग सान देरा अर्थात वियतनाम कम्युनिष्ट पार्टी का गठन किया । अंततः संघर्ष के बदौलत और विश्वयुद्ध में फ्रांस की कमजोर स्थिति का फायदा उठा कर हो – ची – मिन्ह ने 1945 ई 0 में वियतनाम को एक स्वंतत्र गणतन्त्र घोषित कर दिया ।
4. हो – ची – मिन्ह मार्ग क्या है बतावें ।
उत्तर – हो – ची – मिन्ह मार्ग का नाम वियतनाम के महान क्रांतिकारी और राष्ट्रवादी नेता के नाम पर रखा गया है । वस्तुतः यह उत्तरी वियतनाम के हनोई से चलकर लाओस . कम्बोडिया के सीमा क्षेत्र से गुजरता हुआ । दक्षिणी वियतनाम तक जाती थी जिससे सैकड़ों कच्ची – पक्की सड़क पूरे वियतनाम से निकलकर जुड़ी थी । यह मार्ग वियतनाम के लिये काफी महत्वपूर्ण मार्ग था ।
5. अमेरिकी हिन्द चीन में कैसे पुसा , चर्चा करें ।
उत्तर – द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अमेरिका विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनकर उभरा । उसने हिन्दचीन में अब तक , फ्रांस समर्थन किया था । चूंकि रूस साम्यवादियों का समर्थन कर रहा था और अमेरिका ने साम्यवादियों के विरोध की घोषणा कर दी । इन्हीं परिस्थितियों में जेनेवा समझौते के तहत वियतनाम को दक्षिणी और उत्तरी भाग में बाँट दिया गया । उत्तरी भाग रुस के प्रभाव में और दक्षिणी भाग अमेरिका के समर्थन से बना । इस प्रकार अमेरिका हिन्द चीन में घुसा ।
  दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
  1. हिन्द चीन उपनिवेश की स्थापना का उद्देश्य क्या था ?

उत्तर – सर्वप्रथम हिन्दचीन में फ्रांस ने अपना उपनिवेश स्थापित करना चाहा । क्रांस एशिया में डच , ब्रिटेन से उपनिवेश के मामले में पीछे चल रहा था । ब्रिटेन ने हिन्दचीन में अपना राजनीतिक प्रभाव बढ़ाने की कोशिश नहीं की । अतः फ्रांस आगे बढ़ा । हिन्दचीन में विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थ थे जिसका दोहन किया जा सकता था । सस्ते मजदूर और बाजार की सुविधा उपलब्ध थी । औद्योगिकरण के लिये कच्चे माल कोयला , टीन , जस्ता , टंगस्टन , क्रॉभियग और रबड़ का इस्तेमाल किया । मजदूरों से उन्होंने एकतरफा अनुबंध किया जिसमें मजदूरों के पास कोई अधिकार नहीं था । जबकि मालिकों के पास असीमित अधिकार थे । इसके अलावा अपने राजनैतिक एवं व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना भी उपनिवेश बनाने का एक प्रमुख उद्देश्य था । सुरक्षात्मक दृष्टिकोण से भी डच और ब्रिटेन के समकक्ष आने में सहायता मिली ।
  2. माईली गाँव की घटना क्या थी । इसका क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – जेनेवा समझौते के पश्चात दक्षिणी वियतनाम और उत्तरी वियतनाम बना । एक में साम्यवादी सरकार थी और दूसरे में लोकतांत्रिक । अमेरिका जो कि साम्यवाद को बढ़ने नहीं देना चाहता था ने हस्तक्षेप किया और अपने सैनिकों को वियतनाम भेज दिया । उसके बाद वियतनामी जनता पर अत्याचार शुरू हो गया । उसी संदर्भ में माई ली गाँव की घटना का जिक्र होता है । यह दक्षिणी वियतनाम का एक गाँव था जहाँ के लोगों को वियतनामी सरकार का समर्थक मानकर अमेरिकी सेना ने पूरे गाँव को घेर लिया । गाँव में निरीह गरीब जनता में पुरुषों को घेरकर मार दिया । औरतों और बच्चियों को बंधक बनाकर कई दिनों तक सामूहिक बलात्कार किया फिर उन्हें भी मारकर पूरे गाँव में आग लगा दी । इस घटना के उजागर होने से अमेरिकी सेना की किरकिरी पूरे विश्व में होने लगी । तत्कालीन राष्ट्रपति निक्सन ने शांति के लिये पाँच सूत्री योजना की घोषणा की ( i ) हिन्दचीन में युद्ध बंद हो
( ii ) युद्ध विराम की देखरेख अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे । ( iii ) सभी लड़ाइयों बंद रहेगी
( iv ) कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयास नहीं करेगा ( v ) युद्ध विराम से हिन्द चीन से संघर्ष का अंत होना चाहिये । इसे अस्वीकार कर अमेरिका फिर युद्धरत हो गया लेकिन अमेरिका समझ चुका था कि हिन्दचीन से सेना हटानी ही पड़ेगी
  3. राष्ट्रपति निक्सन के हिन्द चीन में शांति के संबंध में पाँच सूत्री योजना क्या थी ? इसका क्या प्रभाव पड़ा ? ..

उत्तर – माईली गाँव की घटना के उजागर होने और पूरे विश्व में अमेरिकी सेना की किरकिरी होने के पश्चात राष्ट्रपति निक्सन ने शाति के संबंध में पाँच की जो इस प्रकार थी ।
( i ) हिन्दचीन में संघर्षरत सभी सेनायें युद्ध बंद कर यथा स्थान पर रहेंगी ।
( ii ) युद्ध विराम की देख – रेख अंतराष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे
( iii ) इस दौरान कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयास नहीं करेगा ।
( iv ) युद्ध विराम के दौरान सभी तरह की लड़ाइयाँ बंद रहेगी बममारी से लेकर आतंकपोलाने वाली घटना तक ( v ) युद्धविराम का 2 योजना की घोषणा अतिम लक्ष्य समुचे हिन्दचीन में संघर्ष का अंत होना चाहिये । परन्तु यह शाति प्रस्ताय टूट गया और अमेरिका फिर भयंकर बमबारी करने लगा । हनोई भी इस बमबारी से ध्वस्त हो गया परन्तु वियतनामी डटे रहे । अतत 27 फरवरी 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति पर हस्ताङ्कर हुए और अमेरिका से चला आ रहा युद्ध समाप्त हो गया और दोनों वियतनाम का एकीकरण हो गया ।
    4. फ्रांसीसी शोषण के साथ – साथ उसके द्वारा किये गये सकारात्मक कार्यों की समीक्षा करें ?
उत्तर – फ्रांसीसियों ने हिन्दचीन में अपना शोषण आरंभ कर दिया । शोषण के साथ – साथ अपनी सुविधा और फायदा के लिए फ्रासीसियों ने कुछ सकारात्मक कार्य भी किये । सर्वप्रथम फ्रांसीसियों ने शोषण के साथ कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के लिये नहरों और जल निकासी का समुचित प्रबंध किया । उसके साथ ही दलदली भूमि जगलों और सिंचाई रहित जमीन को कृषि योग्य बनाया गया । इन्हीं प्रयासों से वियतनाम 1931 ई 0 में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश बन गया । इसी दौरान सड़क का जाल बिछाया गया संरचनात्मक विकास जोरो से किया गया । जिसमें रेलनेटवर्क का भी बहुत विकास हुआ । इस प्रकार सकारात्मक प्रयासों के साथ भी किसानों की स्थिति दयनीय होती चली गयी ।
5. हिन्दी चीन के राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें ।
उत्तर – हिन्दचीन में फांसीसी उपनिवेश के कुछ दिनों बाद ही छिटपुट विद्रोह शुरू हो गये थे और राष्ट्रवाद की भावना पनपने लगी थी । लेकिन उस समय की घटना जापान द्वारा रूस को हराना हिन्दचीनियों के लिये प्रेरणास्रोत बन गया और रूसो एवं माण्टेस्क्यु जैसे विचारकों के विचारों ने इसे और उदलित किया । हजारों मजदूरों को वेगार बनाकर युद्ध की अग्रिम पंक्ति लड़ाना उनका मारा जाना भी आग में घी का काम किया । हो – चि – मिन्ह नामक एक वियतनामी छात्र ने पेरिस में ही साम्यवादी गुट बनाया और गणतंत्र का सपना देखना शुरू किया । 1930 ई ० के दशक में विश्वव्यापी मॅदी ने भी राष्ट्रवाद के विकास में योगदान दिया । इस समय चावल , रबड़ के दाम गिर गये और हजारों हिन्द चीनी बेरोजगार हो गय । इस स्थिति में किसान भी साम्यवाद ( राष्ट्रवाद ) की ओर अग्रसर होते चले गये और राष्ट्रवाद ने एक व्यापक लहर का रूप ले लिया । परन्तु फ्रांस का आतंक जारी रहा और आदोलन भीतर – भीतर खौलता रहा जिसका अंत द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वियतनामी स्वतंत्रता से हुआ ।

वर्ग परिचर्या

1. राष्ट्रवाद पर वर्ग में परिचर्या करें ?
उत्तर – छात्र शिक्षक की मदद से स्वयं करें ।
2. हो – ची- मिन्ह मार्ग के संरचना , बनावट और महत्व पर चर्चा करें ।
उत्तर – छात्र शिक्षक की मदद से स्वयं करें ।

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