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 bihar board 9th class science solutions | कार्य तथा ऊर्जा

bihar board 9th class science solutions | कार्य तथा ऊर्जा

कार्य तथा ऊर्जा
                                क्रियाकलाप 11.2
प्रश्न-अपने दैनिक जीवन की कुछ स्थितियों पर विचार कीजिए जिनमें कार्य
सम्मिलित हो। इनकी सूची बनाइए। अपने मित्रों से विचार-विमर्श कीजिए कि क्या प्रत्येक
स्थिति में कार्य किया गया है। अपने उत्तरों का कारण जानने का प्रयत्न कीजिए।
(i) यदि कार्य हुआ है तो वस्तु पर कौन-सा बल कार्य कर रहा है?
(ii) वह कौन-सी वस्तु है जिस पर कार्य किया गया है?
(iii) जिस वस्तु पर कार्य किया गया है उसकी स्थिति में क्या परिवर्तन होता है?
उत्तर-स्थिति-I-एक लड़के के द्वारा टेबल खींचना।
(i) वस्तु पर कार्य करने वाला बल लड़के द्वारा आरोपित पेशीय बल है।
(ii) टेबल (वस्तु) पर कार्य संपादित होता है।
(iii) कार्य संपादित होने पर टेबल विस्थापित होता है।
स्थिति-II-जब कोई व्यक्ति हाथ में थैला लेकर समतल सड़क पर चलता है।
(1) व्यक्ति द्वारा थैले पर सीधे ऊपर की ओर एक बल आरोपित होता है।
(ii) बल के सीधे ऊपर की दिशा में आरोपित होने तथा वस्तु (थैला) की क्षैतिज दिशा
में गति के कारण, कोई भी कार्य संपादित नहीं होता है। ऐसा आरोपित बल की दिशा में विस्थापन न होने के कारण होता है।
                                         क्रियाकलाप 11.4
प्रश्न-किसी वस्तु को ऊपर उठाइए। आपके द्वारा वस्तु पर लगाए गए बल के द्वारा
कार्य किया गया। वस्तु ऊपर की ओर चलती है। आपके द्वारा लगाया गया बल विस्थापन
की दिशा में है। तथापि वस्तु पर गुरुत्वीय बल भी कार्यरत है।
(i) इनमें से कौन-सा बल धनात्मक कार्य कर रहा है?
(ii) कौन-सा बल ऋणात्मक कार्य कर रहा है? कारण बताइए।
उत्तर-(i) हमारे द्वारा आरोपित बल धनात्मक कार्य कर रहा है।
(ii) गुरुत्व बल द्वारा ऋणात्मक कार्य किया जा रहा है।
जब बल, विस्थापन की दिशा की विपरीत दिशा में कार्य करता है, तो संपादित कार्य
ऋणात्मक होता है। किसी बल द्वारा धनात्मक कार्य करने पर वस्तु की गति में वृद्धि होती है, जबकि ऋणात्मक कार्य करने पर वस्तु की गति धीमी होती है।
                        पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 164)
प्रश्न 1. किसी वस्तु पर 7 N का बल लगता है। मान लीजिए बल की दिशा में
विस्थापन 8m है (चित्र 11.10। मान लिजिए वस्तु के विस्थापन के समय लगातार वस्तु पर
बल लगता रहता है। इस स्थिति में किया गया कार्य कितना होगा?
उत्तर-     बल = 7 N
        विस्थापन = 8m
      किया गया = बल x विस्थापन
                     = 7 N x 8m=56Nm or J
                            पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 165)
प्रश्न 1. हम कब कहते हैं कि कार्य किया गया है?
उत्तर-जब किसी वस्तु पर बल लगाया जाता है और वस्तु विस्थापित हो जाती है तो कहा
जाता है कि कार्य किया गया है।
प्रश्न 2. जब किसी वस्तु पर लगने वाला बल इसके विस्थापन की दिशा में हो तो
किए गए कार्य का व्यंजक लिखिए।
उत्तर-जब बल विस्थापन की दिशा में ही लगता है तो
कार्य = बल × विस्थापन
प्रश्न 3.1J कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-जब किसी वस्तु पर एक न्यूटन का बल लगाने पर वस्तु में बल की दिशा में 1 मीटर
का विस्थापन हो जाता है तो किया गया कार्य 1J कहलाता है।
                     1 J = 1 Nx 1m
प्रश्न 4. बैलों की एक जोड़ी खेत जोतते समय किसी हल पर 140Nबल लगाती है।
जोता गया खेत 15 m लंबा है। खेत की लंबाई को जोतने में कितना कार्य किया गया?
उत्तर-बैलों द्वारा लगाया गया बल = 14ON
जोता गया खेत =15m
किया गया कार्य = बल x विस्थापन
= 140Nx 15m = 2100Nm या 2100 जूल
                                क्रियाकलाप 11.6
प्रश्न-एक भारी गेंद लीजिए। इसे रेत की मोटी परत (क्यारी) पर गिराइए। गीले रेत
की सतह अच्छा कार्य करेगी। गेंद को रेत पर लगभग 25 cm की ऊंँचाई से गिराइए। गेंद
रेत में एक गर्त (गड्ढा) बना देती है। इस क्रियाकलाप को 50 cm, 1m तथा 1.5m की
ऊंँचाइयों से गेंद को गिराकर दोहराइए। सुनिश्चित कीजिए कि सभी गर्त सुस्पष्ट दिखाई दें।
गेंद को गिराने की ऊंँचाई के अनुसार सभी गर्मों पर निशान लगाएँ। उनकी गहराइयों की
तुलना करें।
(i) इनमें से कौन-सी गर्त सबसे अधिक गहरी है?
(ii) कौन-सा गड्ढा सबसे अधिक उथला है। ऐसा क्यों है?
(iii) गेंद ने किस कारण से गहरा गड्ढा बनाया?
(iv) विचार-विमर्श कीजिए तथा विश्लेषण कीजिए।
उत्तर-(i) गोले का 1.5 मी. ऊंँचाई से गिरने पर बना निशान सबसे अधिक गहरा है।
(ii) गोले का 25 सेमी. ऊंँचाई से गिरने पर बना निशान सबसे कम गहरा है। ऐसा उसमें
अपेक्षाकृत कम ऊर्जा संचित होने के कारण होता है।
(iii) गोले द्वारा गहरा निशान बनाए जाने का कारण उसका अधिक वेग तथा उसमें
अपेक्षाकृत अधिक ऊर्जा का संचित होना है।
(iv) छात्र अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
                                         क्रियाकलाप 11.7
प्रश्न-चित्र 11.2 के अनुसार उपकरण सज्जित कीजिए। एक ज्ञात द्रव्यमान की लकड़ी
के गुटके को ट्रॉली के सामने किसी सुविधाजनक निश्चित दूरी पर रखिए। पलड़े पर एक
ज्ञात द्रव्यमान रखिए जिससे कि ट्रॉली गतिमान हो जाए। ट्रॉली आगे चलती है तथा लकड़ी
के गुटके से टकराती है। मेज पर एक अवरोधक इस प्रकार लगाइए कि गुटके से टकराने
के पश्चात् ट्रॉली वहीं रुक जाए। गुटका विस्थापित हो जाता है। गुटके के विस्थापन को
मापिए। इसका अर्थ हुआ कि जैसे ही गुटके ने ऊर्जा ग्रहण की, ट्रॉली द्वारा गुटके पर कार्य
किया गया?
चित्र-11.2:ज्ञात मान वाली बाट द्वारा ट्रॉली को तथा ट्रॉली द्वारा
लकड़ी के गुटके को ऊर्जा स्थानांतरित होती है।
(i) यह ऊर्जा कहांँ से आई?
(ii) पलड़े पर रखे द्रव्यमान को बढ़ाकर इस प्रयोग को दोहराइए। किस अवस्था में
विस्थापन अधिक है? किस अवस्था में किया गया कार्य अधिक होगा?
उत्तर-(i) लकड़ी के गुटके को ऊर्जा, ट्रॉली में रखे गए लकड़ी के गुटके से प्राप्त होती
है। एक निश्चित द्रव्यमान वाले लकड़ी के गुटके को पलड़े पर रखे जाने के कारण पलड़ा नीचे की
ओर खिसकता है, फलतः यह लकड़ी के गुटके सहित ट्रॉली को आगे की ओर खींचता है। बदले
में ट्रॉली में रखे लकड़ी के गुटके द्वारा दूसरे लकड़ी के गुटके को ऊर्जा स्थानांतरित की जाती है।
(ii) दूसरी अवस्था में विस्थापन अधिक होगा। दूसरी अवस्था में कार्य अधिक होगा।
इस क्रियाकलाप में गतिशील ट्रॉली कार्य करती है अतः इसमें ऊर्जा विद्यमान है।
                             पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 169)
प्रश्न 1. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा क्या होती है?
उत्तर-किसी वस्तु में उसकी गति के कारण निहित ऊर्जा को गतिज ऊर्जा कहते हैं। यह
प्रश्न 2. किसी वस्तु की गतिज ऊर्जा के लिए व्यंजक लिखें।
प्रश्न 3.5ms-1के वेग से गतिशील किसी m द्रव्यमान की वस्तु की गतिज ऊजी 25
J है। यदि इसके वेग को दोगुना कर दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?
यदि इसके वेग को तीन गुना बढ़ा दिया जाए तो इसकी गतिज ऊर्जा कितनी हो जाएगी?
यह प्रारंभिक ऊर्जा से 9 गुनी होगी।
                                    क्रियाकलाप 11.8
प्रश्न-एक रबड़ बैंड ( रबड़ का छल्ला) लीजिए। इसके एक सिरे को पकड़कर दूसरे
सिरे से खींचिए। छल्ला खिंच जाता है। छल्ले के एक सिरे को छोड़िए।
(i) क्या होता है?
छल्ला अपनी प्रारंभिक लंबाई प्राप्त करने का प्रयल करेगा। स्पष्ट है कि छल्ले ने
अपनी खिंची हुई स्थिति में कुछ ऊर्जा उपार्जित कर ली है।
(ii) खींचने पर यह ऊर्जा किस प्रकार उपार्जित कर लेता है?
उत्तर-(i) जब रबड़ बैंड के सिरे को पकड़कर दूसरे सिरे को खींचा जाता है, तो यह
फैल जाता है। बैंड को वापस छोड़ने पर, यह अपने आरंभिक अवस्था में लौट आता है तथा वापस अपना आकार प्राप्त कर लेता है।
(ii) हाँ, खींची हुई अवस्था में बैंड को ऊर्जा प्राप्त होती है। जब हम बैंड को खींचते हैं,
तो वास्तव में हम उस पर बल आरोपित करते हैं। यह बल बैंड पर अपना कार्य करता है। इस
कार्य के फलस्वरूप बैंड में ऊर्जा हस्तांतरित होती है। हस्तांतरित ऊर्जा, बैंड में स्थितिज ऊर्जा के
रूप में संचित हो जाती है। यह सचित ऊर्जा बैंड को खींचने के दौरान उस पर किए गए कार्य
के बराबर होती है।
                                       क्रियाकलाप 11.10
प्रश्न-एक खिलौना कार लीजिए। इसमें चाबी भरिए। कार को जमीन पर रखिए।
(i) क्या यह चलती है?
(ii) इसने ऊर्जा कहाँ से उपार्जित की?
(iii) क्या उपार्जित ऊर्जा, चाबी द्वारा भरे गये लपेटनों की संख्या पर निर्भर है? आप
इसकी जांँच कैसे कर सकते हैं?
उत्तर-(i) हाँ, खिलौना कार गति करती है।
(ii) जब हम चाबी भरते हैं, तो खिलौना कार पर कार्य किया जा रहा होता है। खिलौने
के अंदर पाए जाने वाले स्प्रिंग में किया गया कार्य, स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित हो जाता
है। यह ऊर्जा खिलौने में चाबी भरने के दौरान किए गए कार्य के बराबर होती है।
(iii) हाँ, ऊर्जा की प्राप्ति, चाबी के घुमाए जाने की संख्या पर निर्भर करती है। जितनी
अधिक संख्या में हम चाबी भरते हैं, खिलौने को उतनी ही अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। इसी जाँच
के लिए आरंभ में कम संख्या में चाबी भरकर खिलौने को जमीन पर छोड़ दिया जाता है। पुनः
अधिक संख्या में चाबी भरकर उसे जमीन पर छोड़ा जाता है। हम देखते हैं कि अधिक संख्या
में चाबी भरकर जमीन पर छोड़ने के बाद खिलौना कार अधिक देर तक गति करती है।
                                        क्रियाकलाप 11.11
प्रश्न-किसी वस्तु को एक निश्चित ऊंचाई तक उठाइए। वस्तु अब कार्य कर सकती
है। छोड़ने पर यह नीचे गिरने लगती है। इसका अर्थ है कि इसने कुछ ऊर्जा उपार्जित कर
ली है। अधिक ऊंचा उठाने पर यह अधिक कार्य कर सकती है और इस प्रकार इसमें अधिक
ऊर्जा विद्यमान हो जाती है।
● इसे ऊर्जा कहाँ से प्राप्त होती है ? सोचिए तथा विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर-● जब वस्तु को छोड़ा जाता है, वह नीचे की ओर गिरना शुरू कर देती है। इससे
यह अर्थ निकलता है कि इसने कुछ ऊर्जा प्राप्त कर ली है। अधिक ऊंचाई पर ले जाने पर वस्तु
अधिक कार्य कर सकती है अतः उसमें अधिक ऊर्जा सचित होती है। जब हम वस्तु को ऊपर
उठाते हैं, हम उस पर कार्य कर रहे होते हैं। यह कार्य वस्तु में स्थितिज ऊर्जा के रूप में संचित
हो जाता है। अर्थात्, वस्तु की ऊर्जा उसके ऊपर किये गए कार्य के बराबर होती है।
                                   क्रियाकलाप 11.16
प्रश्न-दो बच्चे, मान लीजिए A तथा B के बारे में विचार कीजिए। मान लीजिए दोनों
का द्रव्यमान समान है। दोनों रस्से पर अलग-अलग चढ़ना प्रारंभ करते हैं। दोनों 8m की
ऊंँचाई तक पहुंँचते हैं। मान लीजिए इस कार्य को करने में A15s लेता है तथा B20s
लेता है।
(i) प्रत्येक बच्चे द्वारा किया गया कार्य कितना है?
(ii) किया गया कार्य समान है। तथापि A ने कार्य करने के लिए B की अपेक्षा कम
समय लिया।
(iii) किस बच्चे ने दिए हुए समय, मान लीजिए 1s, में अधिक कार्य किया?
उत्तर-(1) माना कि प्रत्येक बच्चे का द्रव्यमान = m
                          पाठ्य पुस्तकीय प्रश्नों के उत्तर (पृष्ठ 174)
प्रश्न 1. शक्ति क्या है?
उत्तर-कार्य करने की दर या ऊर्जा रूपान्तरण की दर को शक्ति कहते हैं।
                                कार्य
                     शक्ति =———
                                समय
                              w
  या                  P =——
                               t
शक्ति का मात्रक वाट (w) है।
प्रश्न 2.1 वाट शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-जब 1s में 1 J कार्य किया जाता है तो कार्य करने की दर 1 वाट कहलाती है।
प्रश्न 3. एक लैंप 1000 J विद्युत ऊर्जा 10s में व्यय करता है। इसकी शक्ति कितनी
है ?
उत्तर-ऊर्जा (w) = 1000 J
         समय (t) = 10s
                         w     1000 J
                  P=——=————- =100 वाट
                          t         10s
प्रश्न 4. औसत शक्ति को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-कुल उपयोग की ऊर्जा को कुल लिए गए समय से भाग देकर निकाली गई शक्ति
को औसत शक्ति कहते हैं।
                                  कुल उपयोग की गई ऊर्जा
             औसत शक्ति =—————————–—-
                                     कुल लिया गया समय
                                              अभ्यास
प्रश्न 1. निम्न सूचीबद्ध क्रियाकलापों को ध्यान से देखिए। अपनी कार्य शब्द की
व्याख्या के आधार पर तर्क दीजिए कि इनमें कार्य हो रहा है अथवा नहीं
• सूमा एक तालाब में तैर रही है।
• एक गधे ने अपनी पीठ पर बोझ उठा रखा है।
• एक पवन चक्की (विंड मिल) कुएंँ से पानी उठा रही है।
• एक हरे पौधे में प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हो रही है।
• एक इंजन ट्रेन को खींच रहा है।
• अनाज के दाने सूर्य की धूप में सूख रहे हैं।
• एक पाल-नाव पवन ऊर्जा के कारण गतिशील है।
उत्तर- • हाँ, इस स्थिति में कार्य संपादित हो रहा है, किंतु किया जा रहा कार्य ऋणात्मक
है क्योंकि बल पीछे की ओर आरोपित किया जा रहा है जबकि विस्थापन (सूमा की गति) आगे
की दिशा में हो रहा है।
• इस स्थिति में कोई कार्य संपादित नहीं हो रहा है, क्योंकि बल (पीठ पर रखा बोझ) नीचे
की ओर आरोपित किया जा रहा है जबकि विस्थापन (गधे की गति) आगे की दिशा में हो रहा
है। कार्य के संपादन के लिए आरोपित बल तथा उत्पन्न विस्थापन की दिशा समान होनी चाहिए।
• हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है, क्योंकि बल ऊपर की ओर आरोपित किया जा रहा
है तथा पानी भी ऊपर की ओर उठाया जा रहा है।
• इस स्थिति में कोई कार्य संपादित नहीं हो रहा है, क्योंकि न तो कोई बल आरोपित किया
जा रहा है और न ही वस्तु विस्थापित हो रही है।
• हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है, क्योंकि इंजन द्वारा रेलगाड़ी पर बल आरोपित किया
जा रहा है तथा रेलगाड़ी भी आरोपित बल की दिशा में विस्थापित हो (गति कर) रही है।
• नहीं, इसमें कोई कार्य संपादित नहीं हो रहा है, क्योंकि यहाँ न तो कोई बल आरोपित
होता है और न ही कोई विस्थापन उत्पन्न होता है।
• हाँ, इस स्थिति में कार्य हो रहा है, क्योंकि पवन ऊर्जा द्वारा नाव पर बल आरोपित हो
रहा है तथा नाव भी आरोपित बल की दिशा में गति कर रही है।
प्रश्न 2. एक पिंड को धरती से किसी कोण पर फेंका जाता है। यह एक वक्र पथ पर
चलता है और वापस धरती पर आ गिरता है। पिंड के पथ के प्रारंभिक तथा अंतिम बिंदु एक
ही क्षैतिज रेखा पर स्थित हैं। पिंड पर गुरुत्व बल द्वारा कितना कार्य किया गया ?
उत्तर-गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर किए गए कार्य की मात्रा शून्य होगी क्योंकि गुरुत्व
बल के विरुद्ध किया गया कार्य mgh। वस्तु का द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय त्वरण तो स्थिर रहते हैं,
किंतु उसकी ऊंँचाई शून्य हो जाती है। ऐसा पथ के आरंभिक तथा अतिम बिंदुओं के एक ही क्षैतिज तल में स्थित होने के कारण होता है।
प्रश्न 3. एक बैटरी बल्ब जलाती है। इस प्रक्रम में होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों का वर्णन
कीजिए।
उत्तर-पहले बैटरी की रासायनिक ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होती है। पुनः, विद्युत
ऊर्जा, ताप एवं प्रकाश ऊर्जा में परिवर्तित होती है।
प्रश्न 4. 20 kg द्रव्यमान पर लगने वाला कोई बल इसके वेग को 5ms-1 से 2ms-1
में परिवर्तित कर देता है। बल द्वारा किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
प्रश्न 5. 10g द्रव्यमान का एक पिंड मेज पर A बिंदु पर रखा है। इसे B बिंदु तक
लाया जाता है। यदि A तथा B को मिलाने वाली रेखा क्षैतिज है तो पिंड पर गुरुत्व बल
द्वारा किया गया कार्य कितना होगा ? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-द्रव्यमान, m=10kg
गुरुत्वीय त्वरण,g- 10 m/s2
गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा किया गया कार्य = m × g × h
इस स्थिति में, गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा वस्तु पर किए गए कार्य की मात्रा शून्य होगी, क्योंकि
बिंदु A तथा B को जोड़ने वाली रेखा एक ही क्षैतिज तल में हैं। अर्थात्, वस्तु द्वारा प्राप्त ऊंँचाई
शून्य है। साथ ही, गुरुत्वाकर्षण बल का कोई भी घटक वस्तु के विस्थापन की दिशा में कार्य
नहीं करता है।
प्रश्न 6. मुक्त रूप से गिरते एक पिंड की स्थितिज ऊर्जा लगातार कम होती जाती
है। क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन करती है ? कारण बताइए।
उत्तर-यह ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत का उल्ल्धन नहीं है, क्योंकि जिस अनुपात में वस्तु की
स्थितिज ऊर्जा में कमी आती है, उसी अनुपात में उसकी गतिज ऊर्जा में वृद्धि भी होती है। अर्थात्, वस्तु की कुल ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।
प्रश्न 7. जब आप साइकिल चलाते हैं तो कौन-कौन-सी ऊर्जा रूपांतरित होती हैं ?
उत्तर-विभिन ऊर्जा रूपांतरण हैं-स्थितिज ऊर्जा से पेशीय ऊर्जा तथा पेशीय ऊर्जा से
यांत्रिक ऊर्जा।
प्रश्न 8. जब आप अपनी सारी शक्ति लगा कर एक बड़ी चट्टान को धकेलना चाहते
हैं और इसे हिलाने में असफल हो जाते हैं तो क्या इस अवस्था में ऊर्जा का स्थानांतरण
होता है ? आपके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा कहाँ चली जाती है ?
उत्तर-नहीं, जब हम अपनी पूरी शक्ति से विशाल चट्टान को धकेलने पर नहीं खिसका
पाते हैं, तो ऊर्जा का हस्तांतरण नहीं होता है। जब हम चट्टान को धकेलते हैं, तो हमारी पेशियांँ
तन जाती हैं तथा इन पेशियों की ओर रक्त बहुत तेजी से विस्थापित होता है। इन परिवर्तनों में
ऊर्जा की खपत होती है तथा हम थका हुआ महसूस करते हैं।
प्रश्न 9. किसी घर में एक महीने में ऊर्जा की 250 ‘यूनिटें’ व्यय हुई। यह ऊर्जा जूल
में कितनी होगी?
उत्तर-पूरे महीने के दौरान कुल ऊर्जा खपत = 250 यूनिट
प्रश्न 10.40g द्रव्यमान का एक पिंड धरती से 5m की ऊंँचाई तक उठाया जाता है। इसकी
स्थितिज ऊर्जा कितनी है ? यदि पिंड को मुक्त रूप से गिरने दिया जाए तो जब पिंड ठीक आधे
प्रश्न 11. पृथ्वी के चारों ओर घूमते हुए किसी उपग्रह पर गुरुत्व बल द्वारा कितना
कार्य किया जाएगा ? अपने उत्तर को तर्कसंगत बनाइए।
उत्तर-पृथ्वी के गिर्द घूमते हुए उपग्रह पर
किये जाने वाले कार्य की मात्रा शून्य है।
जब उपग्रह अपनी वृत्तीय कक्षा में घूमता है,
तो उसकी कक्षा की त्रिज्या के अनुदिश केंद्र की
ओर एक केंद्राभिसारी बल कार्य करता है तथा
उपग्रह की गति की दिशा कक्षा के लंबवत् होती है।
इस तरह, बल तथा विस्थापन की दिशाएं एक-दूसरे
के लंबवत् होती हैं।
(चित्र 11.3)
  चित्र 11.3 एक वृत्तीय कक्षा में उपग्रह की गति
अत: एकसमान वृत्तीय गति की स्थिति में किया गया कुल कार्य शून्य होता है।
प्रश्न 12. क्या किसी पिंड पर लगने वाले किसी भी बल की अनुपस्थिति में, इसका
विस्थापन हो सकता है ? सोचिए। इस प्रश्न के बारे में अपने मित्रों तथा अध्यापकों से
विचार-विमर्श कीजिए।
उत्तर-जब वस्तु विरामावस्था में होती है, तो न्यूटन की गति के प्रथम नियम के अनुसार,
यह तब तक विरामावस्था में रहती है जब तक कि कोई बाह्य बल उसकी इस अवस्था में परिवर्तन
न ला दे। हालाँकि, जब वस्तु गति की अवस्था में होती है, जैसे चलती हुई बस, इसे रोकने के
लिए बल की आवश्यकता होती है। अतः इस स्थिति में किसी कार्यकारी बल की अनुपस्थिति में
भी वस्तु में विस्थापन संभव है।
प्रश्न 13. कोई मनुष्य भूसे के एक गट्टर को अपने सिर पर 30 मिनट मे रखे रहता
है और थक जाता है। क्या उसने कुछ कार्य किया या नहीं ? अपने उत्तर को तर्कसंगत
बनाइए।
उत्तर-नहीं, व्यक्ति ने पुआल की गट्ठर पर कोई कार्य नहीं किया है, क्योंकि गट्ठर में कोई
विस्थापन नहीं होता है।
प्रश्न 14. एक विद्युत्-मीटर (ऊष्मक) की घोषित शक्ति 1500W है। 10 घंटे में यह
कितनी ऊर्जा उपयोग करेगा?
 विद्युत उर्जा = शक्ति x कुल समय = 1.5 Kw × 10h = 15 KWh
प्रश्न 15. जब हम किसी सरल लोलक के गोलक को एक ओर ले जाकर छोड़ते हैं
तो यह दोलन करने लगता है। इसमें होने वाले ऊर्जा परिवर्तनों की चर्चा करते हुए ऊर्जा
संरक्षण के नियम को स्पष्ट कीजिए। गोलक कुछ समय पश्चात् विराम अवस्था में क्यों आ
जाता है ? अंततः इसकी ऊर्जा का क्या होता है ? क्या यह ऊर्जा संरक्षण नियम का उल्लंघन
है ?
उत्तर-(i) लोलक की गोली की स्थितिज ऊर्जा उस समय सर्वाधिक होती है जब इसे एक
तरफ खींचा जाता है। जब इसे दोलन के लिए छोड़ा जाता है, तो प्रत्येक अधिकतम विस्थापन की स्थिति में स्थितिज ऊर्जा अधिकतम तथा गतिज ऊर्जा शून्य होती है। साथ ही, माध्य की स्थिति में गतिज ऊर्जा अधिकतम होती है जबकि स्थितिज ऊर्जा शून्य होती है। दूसरे शब्दों में, लोलक को गोली की स्थितिज ऊर्जा में आई कमी के अनुपात में ही गतिज ऊर्जा में वृद्धि होती है, किंतु कुल ऊर्जा हमेशा संरक्षित रहती है।
(ii) लोलक को गोली अंतत: रूक जाती है। ऐसा लोलक जिस बिंदु से बंधा रहता है, उसके
साथ घर्षण के कारण तथा दोलन करती हुई गोली का हवा के साथ घर्षण के कारण होता है।
इस घर्षण के कारण दोलन करती हुई गोली की यांत्रिक ऊर्जा धीरे-धीरे ऊष्मा या ताप ऊर्जा में
परिवर्तित हो जाती है।
(iii) अंतत: यह ताप ऊर्जा वातावरण में खो जाती है।
(iv) नहीं, यह ऊर्जा संरक्षण के सिद्धांत का उल्लंघन नहीं है।
प्रश्न 16.m द्रव्यमान का एक पिंड एक नियत वेग v से गतिशील है। पिंड को कितना
कार्य करना चाहिए कि यह विराम अवस्था में आ जाए ?
उत्तर-
प्रश्न 17. 1500kg द्रव्यमान की कार को जो 60km/h के वेग से चल रही है,रोकने
के लिए किए गए कार्य का परिकलन कीजिए।
उत्तर-द्रव्यमान m = 1500 kg
पश्न 18. निम्न में से प्रत्येक स्थिति में m द्रव्यमान के एक पिंड पर एक बल F लग
रहा है। विस्थापन की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है जो एक लंबे तीर से प्रदर्शित की
गई है। चित्रों को ध्यानपूर्वक देखिए और बताइए कि किया गया कार्य ऋणात्मक, धनात्मक
या शून्य है?
उत्तर-इस स्थिति में किए गए कार्य की मात्रा शून्य है, क्योंकि बल विस्थापन के लंबवत्
कार्य करता है।
इस स्थिति में किया गया कार्य धनात्मक है, क्योंकि वस्तु का विस्थापन आरोपित बल की
दिशा में होता है।
इस स्थिति में किया गया कार्य ऋणात्मक है, क्योंकि आरोपित बल की विपरीत दिशा में
वस्तु का विस्थापन होता है।
प्रश्न 19. सोनी कहती है कि किसी वस्तु पर त्वरण शून्य हो सकता है चाहे उस पर
कई बल कार्य कर रहे हों। क्या आप उससे सहमत हैं ? बताइए क्यों ?
उत्तर-हाँ, सोनी का कहना सही है, क्योंकि जब कोई वस्तु विराम में होती है तथा उसकी
गति शून्य होती है, तब उसमें त्वरण भी शून्य होता है। किसी वस्तु में एक साथ कई बल लग
सकते हैं, किंतु वे एक-दूसरे को अप्रभावी कर सकते हैं। जब वस्तु एकसमान वेग से गति में होती
है, उसका त्वरण शून्य होता है। यहांँ तक की इस स्थिति में भी वस्तु, एक साथ कई संतुलनकारी
बल कार्य कर सकते हैं।
प्रश्न 20. चार युक्तियाँ, जिनमें प्रत्येक की शक्ति 500 w है 10 घंटे तक उपयोग
में लाई जाती हैं। इनके द्वारा व्यय की गई ऊर्जा KWh में परिकलित कीजिए।
उत्तर―     कुल युक्तियाँ =5
        1 युक्ति की शक्ति = 500w
                        समय =10 घंटे
    कुल शक्ति = कुल युक्तियाँ ×1 युक्ति की शक्ति = 4×500 वाट = 2000 वाट
                   = 2 KW
    व्यय ऊर्जा = शक्ति x समय =2Kw ×10 घंटे = 20 KWh
प्रश्न 21. मुक्त रूप से गिरता एक पिंड अंततः धरती तक पहुंँचने पर रूक जाता है।
इसकी गतिज ऊर्जा का क्या होता है ?
उत्तर-मुक्त रूप से गिरते हुए पिण्ड की स्थितिज ऊर्जा धीरे-धीरे गतिज ऊर्जा में बदलने
लगती है। लेकिन जैसे ही पिण्ड पृथ्वी पर पहुंचता है तो यह रूक जाती है जिससे इसका वेग
शून्य हो जाता है।
                                                  ◆◆◆
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