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 Bihar Board Class 12th Political Science Notes Chapter 2 दो ध्रुवीयता का अन्त

Bihar Board Class 12th Political Science Notes Chapter 2 दो ध्रुवीयता का अन्त

→ शीतयुद्ध के सबसे गम्भीर काल में बर्लिन की दीवार खड़ी की गई थी। यह दीवार शीतयुद्ध का सबसे बड़ा प्रतीक थी।

→ बर्लिन की दीवार को 9 नवम्बर, 1989 को जनता ने तोड़ दिया। यह दीवार पूँजीवादी दुनिया एवं साम्यवादी दुनिया के बीच विभाजन का प्रतीक थी।

→ समाजवादी सोवियत गणराज्य (रूस) सन् 1917 की समाजवादी क्रान्ति के बाद अस्तित्व में आया।

→ सोवियत राजनीतिक प्रणाली का आधार स्तम्भ कम्युनिस्ट पार्टी थी।

→ सन् 1979 में अफगानिस्तान के हस्तक्षेप की वजह से सोवियत संघ की व्यवस्था कमजोर पड़ गयी।

→ 1980 के दशक के मध्य में मिखाइल गोर्बाचेव सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने।

→ गोर्बाचेव ने पश्चिमी देशों के साथ सम्बन्धों को सामान्य बनाने, सोवियत संघ को लोकतान्त्रिक रूप देने एवं वहाँ सुधार करने का फैसला किया।

→ सन् 1991 में बोरिस येल्तसिन के नेतृत्व में सोवियत संघ के तीन बड़े गणराज्यों रूस, यूक्रेन व बेलारूस ने सोवियत संघ से अलग होकर सोवियत संघ की समाप्ति की घोषणा की।

→ रूस, यूक्रेन एवं बेलारूस ने पूँजीवाद एवं लोकतन्त्र को अपना आधार बनाया। इन्होंने स्वतन्त्र देशों के राष्ट्रकुल का गठन किया। शेष गणराज्यों को राष्ट्रकुल का संस्थापक सदस्य बनाया गया।

→ द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ एक महाशक्ति के रूप में उभरा।

→ सोवियत संघ के 15 गणराज्यों में रूसी गणराज्य का प्रत्येक मामले में प्रभुत्व था।

→ रूस को संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद् में सोवियत संघ की स्थायी सीट मिली।

→ सोवियत संघ के विघटन के बाद के समय में पूर्ववर्ती गणराज्यों के मध्य एकमात्र परमाणु शक्ति सम्पन्न देश का दर्जा रूस को ही प्राप्त हुआ।

→ सोवियत संघ के पतन का मुख्य कारण यह रहा कि सोवियत संघ की राजनीतिक एवं आर्थिक संस्थाएँ आन्तरिक कमजोरी के कारण लोगों की आकांक्षाएँ पूरी नहीं कर सकीं।

→ सोवियत संघ के विघटन का सबसे महत्त्वपूर्ण परिणाम यह निकला कि शीतयुद्ध की समाप्ति हो गयी, जो संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के मध्य चल रहा था।

→ सोवियत संघ के पतन के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व की एकमात्र महाशक्ति बन बैठा।

→ रूस, मध्य एशिया के गणराज्य एवं पूर्वी यूरोप के देशों ने पूँजीवाद की ओर . रुख कर एक विशेष मॉडल अपनाया, जिसे ‘शॉक थेरेपी’ कहा गया।

→ शॉक थेरेपी से सम्पूर्ण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हो गयी और इस क्षेत्र की जनता को बर्बादी की मार झेलनी पड़ी।

→ रूस सहित अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था के पुनर्जीवन का आधार खनिज तेल, प्राकृतिक गैस एवं धातु जैसे प्राकृतिक संसाधनों का निर्यात है।

→ रूस तथा भारत दोनों देशों का सपना बहुध्रुवीय विश्व का है।

→ यू०एस०एस०आर०-यूनियन ऑफ सोशलिस्ट सोवियत रिपब्लिक अथवा सोवियत समाजवादी गणराज्य को संक्षेप में यू०एस०एस०आर० के नाम से जाना जाता है।

→ ध्रुवीकरण-इसका अर्थ सैन्य शक्ति के केन्द्रों से है।

→ बहुध्रुवीय विश्व-इसका अर्थ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कई शक्तियों के मौजूद होने से है।

→ शॉक थेरेपी-इसका अर्थ आघात पहुँचाकर उपचार करना है।

→ ब्लादिमीर लेनिन-ये बोल्शेविक कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक थे। इन्होंने सन् 1917 की क्रान्ति का सफल नेतृत्व किया। ये सम्पूर्ण विश्व में मार्क्सवाद के प्रेरणा-स्रोत थे।

→ जोजेफ स्टालिन-ये लेनिन के उत्तराधिकारी थे। इन्होंने खेती का बलपूर्वक हिकीकरण किया। इनको द्वितीय विश्वयुद्ध में जीत का श्रेय दिया गया।

→ निकिता खुश्चेव-ये सोवियत संघ के राष्ट्रपति रहे। इन्होंने हंगरी के जन-विद्रोह का दमन किया तथा क्यूबा के मिसाइल संकट में महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।

→ लिओनिड ब्रेझनेव-ये सोवियत संघ के राष्ट्रपति रहे। इन्होंने चेकोस्लोवाकिया के जन-विद्रोह का दमन किया था।

→ मिखाइल गोर्बाचेव–ये सोवियत संघ के अन्तिम राष्ट्रपति रहे। इन पर सोवियत संघ के विघटन का आरोप लगा।

→ बोरिस येल्तसिन–सोवियत संघ के विघटन के बाद अलग हुए देश के ये प्रथम राष्ट्रपति बने।

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