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 bihar board class 9 civics notes – लोकतंत्र का क्रमिक विकास

bihar board class 9 civics notes – लोकतंत्र का क्रमिक विकास

bihar board class 9 civics notes

class – 9

subject – civics

lesson 1 – लोकतंत्र का क्रमिक विकास

लोकतंत्र का क्रमिक विकास

अध्याय की मुख्य बातें–विश्व में एक शासन व्यवस्था के रूप में लोकतंत्र का विकास क्रमिक रूप में हुआ । जैसे—दक्षिण अमेरिका महाद्वीप में चिली में सैनिक तख्तापलट तथा फिर वहाँ लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना लोगों के लम्बे संघर्ष के बाद ही कायम हो सकी। इसी
प्रकार पोलैण्ड में लंबे आंदोलन के बाद लोकतंत्र की व्यवस्था वहाँ फिर से स्थापित हुई।
कई देशों में लोकतंत्र की बहाली के बाद सैनिक तख्तापलट हुआ और देश में सैनिक तानाशाही की स्थापना हुई। पुनः लंबे संघर्ष के बाद लोकतंत्र की पुनर्स्थापना हुई।
प्राचीन भारत में ईसा पूर्व 6 ठी शताब्दी में बुद्धकाल में गंगाघाटी के कई गणराज्यों में लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था के प्रमाण मिले हैं। इनमें कपिलवस्तु का शाक्य, सुभाग पर्वत के भग्ग का प्रान्त, अलकम्म का तुलि, केरुपुत्त के कालाम, रामग्राम कुशीनारा का मल्ल पिप्लीतन के मोरिय, वैशाली के लिच्छवी, मिथिला के विदेह आदि शामिल थे। इन गणराज्यों में निर्णय बहुमत से होता था।
आधुनिक विश्व में सन् 1789 ई. हुए फ्रांसीसी क्रांति से लोकतंत्र की स्थापना एवं विस्तार की शुरूआत होती है । इस क्रांति ने लोकतंत्र के तीन तत्वों को स्थापित किया स्वतंत्रता, समानता एवं भ्रातृत्व । ब्रिटेन में 1688 के गौरवपूर्ण क्रांति के बाद लोकतंत्र ने धीरे-धीरे अपने पैर पसारने शुरू किये । 1776 ई० में अमेरिकी नागरिकों ने ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंका और वह स्वतंत्र हो गया तथा 1789 ई० में एक लोकतांत्रिक संविधान को लागू किया जिसके अनुसार वहाँ की शासन-व्यवस्था को संचालित किया जा रहा है।
अफ्रीका और एशिया के अधिकांश देश यूरोपीय राष्ट्रों के उपनिवेश थे । इन उपनिवेशों के नागरिकों ने लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष किया । अंततोगत्वा औपनिवेशिक शासकों को इन देशों को स्वतंत्र करना पड़ा । इसी प्रकार हमारा देश भारत भी 1947 ई० में स्वतंत्र हुआ और यहाँ पर लोकतंत्र की स्थापना हुई। पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना में लोकतंत्र के लिए संघर्ष, फिर
लोकतंत्र का सैनिक तख्तापलट कुल मिलाकर कमोवेश अफ्रीकी देशों में यही स्थिति रही। 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद इसके कुल 15 गणराज्य भी स्वतंत्र हो गये। इनमें से अधिकांश ने लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था को अपनाया।
भारत के पड़ोस में स्थित नेपाल नामक देश में लोकतंत्र की स्थापना, समाप्ति तथा पुनर्स्थापना की घटना घटित हुई। 1959 में नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना फिर 1962 में इसकी समाप्ति हो गई इसी तरह 1991 में फिर लोकतंत्र फिर 1962 में इसकी समाप्ति हो गई इसी तरह 1991 में फिर लोकतंत्र बहाल हुआ। 2005 में बर्खास्त कर दिया गया और फिर मई, 2008 में वहाँ पर संविधान सभा का चुनाव हुए और नेपाल के प्रथम गणतंत्र के राष्ट्रपति डॉ. रामबर्द्धन यादव एवं प्रधानमंत्री प्रचंड हुए। इस प्रकार नेपाल में बार-बार लोकतंत्र की समाप्ति एवं पुनर्स्थापना हुई।इसी प्रकार का हाल पाकिस्तान का भी रहा है इस मायने में कि वहाँ सैनिक तख्तापलट के बाद लोकतंत्र की बहाली हुई।
विश्व में एक संस्था है जिसके बनाये गये कानून आपसी सहमति के आधार पर दुनियाभर में चलती है। जैसे कि किसी देश की सरकार का। यह संस्था संयुक्त राष्ट्रसंघ है। जिसकी स्थापना 1945 ई० में हुई थी। वर्तमान में इसके 192 देश सदस्य हैं। इस संगठन के छः मुख्य
अंग हैं—महासभा सुरक्षा परिषद, आर्थिक और सामाजिक परिषद, न्याय परिषद् न्याय का अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं सचिवालय ।
महासभा संसद की भाँति है जिसमें किसी भी अन्तर्राष्ट्रीय समस्या अथक मुद्दे परविचार-विमर्श किया जाता है। महासभा में सभी 192 सदस्य देशों को एक-एक वोट देने का अधिकार है । निर्णय बहुमत के आधार पर लिये जाते हैं। इस प्रकार महासभा को लोकतांत्रिक कह सकते हैं।
सुरक्षा परिषद् में 15 सदस्य होते हैं, इनमें पाँच स्थायी एवं दस अस्थायी होते हैं । स्थायी सदस्य हैं—अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन । इस अस्थायी सदस्यों का चुनाव महासभा दो वर्षों के लिए करती है । सभी सदस्यों को वीटों अधिकार होता है । आर्थिक एवं सामाजिक
परिषद् विभिन्न देशों के बीच आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में सहयोग की स्थापना को प्रोत्साहित करती है । इसकी सदस्य संख्या 54 है । अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय विभिन्न देशों के बीच के विवादों का न्यायिक समाधान प्रस्तुत करता है । इसमें 15 न्यायाधीश होते हैं जिसका सचिवालय न्यूयार्क
में है। महासचिव इसके मुख्य प्रशासनिक अधिकारी होते हैं । यह मुख्य रूप से किसी एक देश की सीमा में आने वाले समुद्री क्षेत्र के कार्य व्यापार को संचालित करने वाले कानून तथा वैश्विक पर्यावरण तथा अस्त्र-शस्त्रों को नियंत्रित करने हेतु कानून का निर्माण एवं पालन करवाने का प्रयास करते हैं।

प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1. लोकतंत्र के बारे में इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है ?
(क) लोकतंत्र में लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।
(ख) लोकतंत्र में लोगों को संगठन बनाने का अधिकार होता है।
(ग) लोकतांत्रिक देशों में लोगों को विरोध करने की आजादी नहीं होती है।
(घ) लोकतंत्र में चुने हुए नेताओं को ही देश पर शासन का अधिकार होता है।
उत्तर-(ग) लोकतांत्रिक देशों में लोगों को विरोध करने की आजादी नहीं होती है।

प्रश्न 2. इनमें से किससे लोकतंत्र के विस्तार में मदद मिलती है ?
(क) विदेशी लोकतांत्रिक शासन का आक्रमण ।
(ख) सैनिक तख्ता-पलट ।
(ग) प्रेस पर प्रतिबंध।
(घ) लोगों का संघर्ष ।
उत्तर-(घ) लोगों का संघर्ष ।

प्रश्न 3. इनमें से कौन-सा कथन सही है ?
(क) प्राचीन भारत में लोकतंत्र के प्रमाण नहीं मिलते हैं ?
(ख) ब्रिटेन में 1688 ई. की गौरवपूर्ण क्रांति के बाद लोकतंत्र कमजोर हुआ।
(ग) फ्रांस में 1784 ई. की क्रांति ने लोकतांत्रिक शासन किी नींव डाली।
(घ) पाकिस्तान एवं नेपाल में लोकतांत्रिक शासन को कभी चुनौती नहीं दी।
उत्तर-(ग) फ्रांस में 1784 ई. की क्रांति ने लोकतांत्रिक शासन की नींव डाली।

प्रश्न 4. निम्नलिखित वाक्यांशों में से किसी एक का चुनाव करके इस वाक्य को पूरा कीजिए।
(अंतराष्ट्रीय संगठनों में लोकतंत्र की जरूरत है ताकि….)
(क) अमीर देशों की बातों का ज्यादा वजन हो ।
(ख) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो ।
(ग) विभिन्न देशों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सम्मान मिलें।
(घ) विभिन्न देशों का महत्त्व उनकी सैन्य शक्ति के अनुपात में हो।
उत्तर-(ख) दुनिया के सभी देशों के साथ समान व्यवहार हो ।
प्रश्न 5. स्तम्भ ‘अ’ एवं स्तम्भ ‘ब’ को सुमेलित कीजिए।

स्तम्भ ‘अ’ स्तम्भ’ब’
(क) लिच्छवी। 1. सैनिक तानाशाही की समाप्ति ।

(ख) नेपाल। 2. ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी

(ग) पाकिस्तान। 3. प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक शासनवाला गणराज्य ।
(घ) घाना 4. राजा ने अपने अधिकार छोड़ने पर सहमति दी।

उत्तर
(क) लिच्छवी। 3. प्राचीन भारत में लोकतांत्रिक शासनवाला गणराज्य ।
(ख) नेपाल। 4. राजा ने अपने अधिकार छोड़ने पर सहमति दी।
(ग) पाकिस्तान। 1. सैनिक तानाशाही की समाप्ति ।

(घ) घाना। 2. ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से आजादी।

प्रश्न 6. गैर-लोकतांत्रिक शासन वाले देशों के लोगों को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है ? इस अध्याय में दिए गए उदाहरणों के आधार पर इस कथन के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर–गैर लोकतांत्रिक शासन वाले देशों में लोगों को सरकार के समक्ष अपने विचार व्यक्त करने, संगठन बनाने, विरोध करने तथा राजनीतिक गतिविधियाँ में माँग लेने की स्वतंत्रता नहीं होती है जिससे वहां की सरकार अपने मनमाने ढंग से सभी कार्यों को संचालित करती है जिससे जनता को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । यहाँ तक कि कभी-कभी उसका जीना भी खतरे में पड़ जाता है तथा वहाँ के जनता की भी आर्थिक स्थिति में तेजी से गिरावट आती है और धन का संग्रह कुछ लोगों के हाथों में केन्द्रित हो जाती है।

प्रश्न 7. एशिया के पाँच गैर लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखिए।
उत्तर-एशिया के पाँच गैर लोकतांत्रिक देश निम्नलिखित है-
1. चीन 2. कुबैत 3. सउदी अरब 4. संयुक्त अरब अमीरात 5. बहरीन ।

प्रश्न 8. जब सेना लोकतांत्रिक शासकों को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः कौन-कौन सी स्वतंत्रताएँ छीन ली जाती हैं ?
उत्तर-जब सेना लोकतांत्रिक शासन को उखाड़ फेंकती है तो सामान्यतः विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, संघ या संगठन बनाने की स्वतंत्र तथा विद्रोह या विरोध व्यक्त करने एवं राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की वास्तविक स्वतंत्रता को जनता से छीन ली जाती है।

प्रश्न 9. इस अध्याय के अध्ययन के आधार पर लोकतंत्र की समान विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-लोकतंत्र की समान विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

1. इसमें लोगों को अपनी मर्जी से सरकार चुनने की स्वतत्रंता रहती है ।
2. इसमें सिर्फ जनता द्वारा चुने हुए नेताओं को ही देश पर शासन करने का अधिकार होता है।
3. इसमें लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होती है।
4. इसमें लोकतांत्रिक देशों में लोगों को विरोध करने की आजादी होती है।
5. इसमें लोगों को संघ, संगठन बनाने का अधिकार होता है।
इस प्रकार, लोकतंत्र में जनता के द्वारा सरकार का गठन उसके हित को ध्यान में रखकर किया जाता है।

प्रश्न 10. अपनी कक्षा में अलग-अलग समूह बना लें और नेपाल तथा पाकिस्तान में लोकतंत्र के लिए हो रहे संघर्ष से संबंधित अलग-अलग तरह की सूचनाएं इकट्ठी करें।
-इन देशों की पूर्व सरकार किस आधार पर गैर लोकतांत्रिक थी।
-नेपाल तथा पाकिस्तान के लोगों की मुख्य शिकायत और माँगें क्या है ?
-लोगों की इन मांगों पर पूर्व शासकों की क्या प्रतिक्रिया थी?
-इन दो देशों में लोकतांत्रिक सरकार हेतु संघर्ष के मुख्य नेता कौन हैं ?
उत्तर नेपाल तथा पाकिस्तान की स्थिति क्रमशः इस प्रकार है। नेपाल में शासन व्यवस्था का स्वरूप राजशाही था पर पाकिस्तान में इसकी शुरूआत संप्रदाय के आधार पर हुई जिससे वहाँ लोकतंत्र को अत्यल्प समय में सैनिक शासकों ने उखाड़ फेंका।
नेपाल तथा पाकिस्तान की लोगों की मुख्य शिकायत भूखमरी, बेरोजगारी, अंधविश्वास तथा संप्रदायवादी तथा बढ़ते आतंकवाद की घटना से जूझ रहे वहाँ की अवाम है । इसके साथ ही साथ अशिक्षा, भ्रष्टाचार तथा नौकरशाही इन दोनों में जनता को इससे छुटकारा पाना मुख्य माँग है
जनता की मांगों को इन दोनों देशों की सरकार तथा सैनिक शासकों ने कभी सच्चे तौर पर नहीं लिया क्योंकि इससे उनकी स्थिति हानिप्रद हो सकती थी। इसके लिए उन्होंने दमन तथा आतंक का सहारा लिया जिसकी परिणति लोगों के संघर्ष के रूप में सामने आया ।
इन दोनों देशों में लोकतांत्रिक सरकार हेतु संघर्ष के मुख्य नेता नेपाल में कमलदहल ‘प्रचंड’ है तथा पाकिस्तान में नवाजशरीफ है।

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