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 bihar board 9th class hindi notes | पूरा हिंदुस्तान मिलेगा

bihar board 9th class hindi notes | पूरा हिंदुस्तान मिलेगा

bihar board 9th class hindi notes

वर्ग – 9

विषय – हिंदी

पाठ 7 – पूरा हिंदुस्तान मिलेगा

पूरा हिंदुस्तान मिलेगा
                                       -केदारनाथ अग्रवाल
                   कवि – परिचय

केदारनाथ अग्रवाल का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले के कमासिन गाँव में 1911 ई . में हुआ । उनको शिक्षा इलाहाबाद और आगरा विश्वविद्यालय से हुई । वे पेशे से वकील थे और जीवनभर अपने शहर बाँदा से वकालत करते रहे । हिंदी के प्रगतिवादी आंदोलन से उनका गहरा जुड़ाव रहा । सन् 2000 ई . में उनका निधन हो गया ।
युग की गंगा , नींद के बादल , लोक और आलोक , फूल नहीं रंग बोलते हैं , आग का आईना , पंख और पतवार , है मेरी तुम , मार प्यार की थापे , कहे केदार खरी – खरी आदि उनकी प्रमुख काव्य कृतियाँ हैं । कविता के अलावा उन्होंने गद्य भी लिखे । उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
प्रस्तुत कविता में कवि का जनवादी स्वप्न अभिव्यक्त है । कवि के मानस में आजाद हिन्दुस्तान का ऐसा चित्र है , जिसकी उर्वरभूमि में मान – सम्मान , स्वतंत्रता , ज्ञान और खुशियों के फूल खिलेंगे । यह कविता सम्बोधन शैली में लिखी गई है । इस कविता के माध्यम से कवि जनता में आशा की स्फूर्ति जगाना चाहता है । ”

कविता का भावार्थ

केदारनाथ अग्रवाल प्रगतिवादी कवि हैं । इनकी कविताएँ देश , काल , वातावरण समाज को गहरे रूप से प्रभावित करती है । इनका समय देश की गुलामी का समय था । इसीलिए देश की जनता को उबुध करने के लिए , उनमें राष्ट्रवाद की भावना जगाने के लिए उन्होंने कई कविताएँ लिखीं । ‘ पूरा हिंदुस्तान मिलेगा ‘ इसी तरह की कविता है । कवि की आँखों में आजादी के बाद के भारत का स्वप्न है । वह कहता है कि भारत के आजाद होने पर इस ऊर्वर भूमि में सभी को मान – सम्मान मिलेगा । विचार – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होगी , पूरा हिन्दुस्तान अपना होगा । जहाँ दुख है वहाँ सुख का फूल खिलेगा , सभी को शांति मिलेगी । नई इच्छाओं , आकांक्षाओं के लिए पूरा हिंदुस्तान हमारा होगा । जहाँ शिक्षा नहीं है वहाँ शिक्षा के दीप जलेंगे । स्कूल – कॉलेज खोलकर शिक्षा की खेती करने के लिए पूरा हिंदुस्तान खाली पड़ा होगा । मैं बार – बार कहता हूँ , हम सभी को नया जीवन मिलेगा । कहीं भी स्वच्छता के साथ जीवनयापन करने की खुली छूट होगी ।

कविता के साथ

प्रश्न 1. कवि के आशावादी दृष्टिकोण पर प्रकाश डालें ।

उत्तर – कवि का समय देश की गुलामी का समय है । परन्तु पश्चिम के विचारों ने भारतीय जनता में राष्ट्रवाद की भावना जगायो । नवजागरण के आने से भारतीय जनता में पुनरुत्थान को भावना पर दृष्टिपात हुआ । कवि को लगता है अब ज्यादा दिन तक अंग्रेज भारत को गुलामी की जंजीरों में नहीं रख सकते हैं । कवि की आँखों में आजाद भारत का स्वप्न है । वह चाहता है कि यदि भारत आजाद हो जाएगा तो सभी को मान – सम्मान , स्वतंत्रता मिलेगी । सभी को कहीं -भी आने – जाने , बसने , विचार अभिव्यक्ति की खुली छूट होगी । शिक्षा द्वारा मन पर पड़े शिथिलता को दूर कर व्यक्ति को जीवन जीने की कला से अवगत कराया जा सकेगा ।

प्रश्न 2. कवि के मन में आजाद हिंदुस्तान की कैसी कल्पना है ?

उत्तर – हिन्दुस्तान जब आजाद हो जाएगा तो सभी जन को उचित मान सम्मान मिलेगा । खुशियों के फूल खिलेंगे । विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होगी । जहाँ दुख है वहाँ खुशियों के फूल खिलेंगे । ज्ञान की ज्योति जलेगी । सभी जन शिक्षित होंगे । सभी को शांति मिलेगी । सुंदर एवं स्वस्थ समाज का निर्माण होगा । न कोई बड़ा , न कोई छोटा , सभी बराबरी के हकदार होंगे ।

प्रश्न 3. कवि आजाद हिन्दुस्तान में गीतों और फूलों की खेती क्यों करना चाहता है ?

उत्तर – कवि ने प्रतीकों का उपयोग किया है । इनके सहारे कवि खुशहाली की कल्पना करता है । गीतों और फूलों की खेती से तात्पर्य व्यक्ति के शिथिल पड़े जीवन में नये उमंग को चाह से है । जब व्यक्ति का मन अधिक प्रसन्न होता है तो संगीत फूटला है । वह स्वतंत्र होगा तो अपनी विचार अभिव्यक्ति को क्षमता का पूरा उपयोग कर सकेगा । उनका जीवन संगीतमय गीत से भरा होगा जिसमें खुशियों के फूल खिलेंगे । यह सब देश के स्वतंत्र हो जाने के बाद ही होगा ।

प्रश्न 4. इस कविता में विद्या की खेती का क्या अभिप्राय है ?

उत्तर – विद्या की खेती से तात्पर्य जन – जन को शिक्षित करने से है । आजादी के पहले भारतीय लोगों में शिक्षा की रुचि न के बराबर थी । अंग्रेजी सरकार ने अंग्रेजी शिक्षा पद्धति के माध्यम से अपने लिए क्लों का समूह तैयार किया । भारतीय समाज की शिक्षा व्यवस्था गर्त में चला गया था । कवि इसीलिए विद्या की खेती करने को कहता है कि हर गाँव , शहर , कमिश्नरी , सुदूर देहातों में स्कूल , कॉलेज खुले । सभी जन को औपचारिक शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा मी मिले । लोगों में शिक्षा के कारण स्वाभिमान जगे ।

प्रश्न 5. इस कविता के केन्द्रीय भाव पर प्रकाश डालें ।

उत्तर – कवि पुरानी व्यवस्था के बदलने के बाद नयी व्यवस्था में नये स्वप्न देखता है । वह स्वप्न है आजादी के बाद के भारत में सबकुछ अपना होगा । सभी को उचित मान सम्मान , विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खुली छूट होगी । जहाँ दु : ख है वहाँ खुशियों के फूल खिलेंगे । सभी जन शिक्षित हों , सभी को स्वतंत्र जीवन जीने का अधिकार मिले । कवि का जनवादो स्वप्न सभी में समान भावना पैदा करने की कोशिश करता है । सभी को उचित अधिकार मिले , यह सब भारत के आजाद होने के बाद ही होगा ।

प्रश्न 6. कवि की राष्ट्रीय भावना पर प्रकाश डालें ।

उत्तर – कवि प्रकृति से मार्क्सवादी विचारधारा के हैं । आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने कहा था कि जो साहित्यकार अपनी रचनाओं में झील , नदियों , तालाबों , पेड़ पौधों , वातावरण को जगह देता है वह अपने देश से सचमुच प्रेम करता है । केदारनाथ अग्रवाल की कविताओं में प्रकृति इसी तरह व्यक्त हुई है । उनका राष्ट्र प्रेम खेत – खलिहान , नदी – पहाड़ , पर्वत – नाले , प्रकृति की नैसर्गिक सुषमा में दिखाई पड़ता है । उनका सौन्दर्यबोध यथार्थ की कड़ी धूप में निःसृत है । वे सामान्य जन के कवि हैं । वे समाज को न छोटा न बड़ा देखते हैं । वे शोषण का विरोध करनेवाले ऐसे कवि हैं जिन्होंने पूंजीपतियों के हृदयहीनता का खुलकर विरोध किया । उनकी आँखों में आजाद भारत का ऐसा स्वप्न है जिसमें भारतीय जनता को उचित मान – सम्मान , खुशियों के फूल खिले , विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हो , ज्ञान – विज्ञान का चिराग जले ।

प्रश्न 7. ‘ मैं कहता हूँ , फिर कहता हूँ ‘ में कवि के किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है ?

उत्तर – कवि जनता को जगाना चाहता है , उसे सतर्क करना चाहता है इसीलिए वह कहता है कि मैं बार – बार कहता हूँ देश के स्वतंत्र हो जाने से हमें क्या जीवन मिलेगा ।

प्रश्न 8. मोरों – सा नर्तन के पीछे कवि का क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – कवि का तात्पर्य यह है कि हिन्दुस्तान जब परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त हो जाएगा , विदेशी के चले जाने के बाद जो सुहावनापन पैदा होगा , उस सुहावने माहौल में मोरों सा नर्तन करने का उमंग पैदा हो जाएगा । जीवन सुहावना हो जाएगा ।

प्रश्न 9. इस कविता के उद्देश्य पर प्रकाश डालें ।

उत्तर – इस कविता के माध्यम से कवि केदारनाथ अग्रवाल जनता को उद्बोधित करते हैं और कहते हैं कि विदेशी के चले जाने के बाद हमें उचित मान – सम्मान मिलेगा , सुंदर एवं स्वच्छ समाज का निर्माण होगा । इसीलिए भारत को जल्दी से परतंत्रता की बेड़ियों से मुक्त करना होगा । जब हमारा हिन्दुस्तान मुक्त हो जाएगा तो यहाँ सुंदर समाज के साथ ज्ञान – विज्ञान के चिराग जलाये जाएँगे । आँखों के सामने ज्ञान की ज्योति जलेगी । पूरा हिंदुस्तान मोर की तरह सुहावना मौसम में नाच उठेगा ।

प्रश्न 10. निम्नांकित पंक्तियों का भाव स्पष्ट करें । क्लेश जहाँ है फूल खिलेगा ; हमको तुमको ज्ञान मिलेगा ।

उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रगतिवादी कवि केदारनाथ अग्रवाल की कविता ‘ पूरा हिंदुस्तान मिलेगा ‘ से उद्धृत हैं । इस पॉक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि भारतवर्ष के आजाद होने के बाद दुख का नाश हो जाएगा । जहाँ यह क्लेश है भी वहाँ खुशियों के फूल खिलेंगे ; हम सभी को शांति मिलेगा । अमन चैन का साम्राज्य होगा । इसीलिए भारत का आजाद होना जरूरी ।

भाषा की बात

प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के विलोम रूप लिखें ।

उत्तर – जीवन- मरण
मान -अपमान
फूल- काँटे
ज्ञान -अज्ञान ।
प्रश्न 2. विधा का बहुवचन रूप लिखें ।
उत्तर – विधाएँ ।

प्रश्न 3. मान और ज्ञान से दो – दो वाक्य बनाएँ ।

उत्तर -1 . निर्भय कुमार ‘ निराला ‘ मान – सम्मान का आकांक्षी है ।
राम ने रावण का मान मर्दन किया ।
2. ज्ञान – शिशुप्रियदर्शी पूरे देश में ज्ञान की ज्योति जलाना चाहते हैं ।
महात्मा गाँधी बड़े ज्ञानी एवं विचारवान पुरुष थे ।।

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