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 Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 1 अरमान

Bihar Board Class 6 Hindi अरमान Text Book Questions and Answers

प्रश्न अभ्यास

पाठ से –

प्रश्न 1.
प्रस्तुत कविता में गरीबों को गले लगाने एवं सुखी बनाने की बात क्यों की गई है?
उत्तर:
समाज में जो लोग गरीब हैं, भिखारी हैं या समाज में जो लोग सहायता से वंचित हैं ऐसे लोगों को गले लगाने एवं सुखी बनाने से हमारे समाज में समता आयेगी। लोग सुखी होंगे। अतः सुखमयी, समतापूर्ण समाज की स्थापना के लिए कविता में गरीबों को गले लगाने एवं सुखी बनाने की बात की गई है।

प्रश्न 2.
इस कविता में हारे हुए व्यक्ति के लिए क्या कहा गया है ?
उत्तर:
इस कविता में हारे हुए व्यक्ति के लिए कहा गया है कि-हारकर बैठना या अपने उम्मीदों को मारकर बैठना कायरता एवं अज्ञानता है। ऐसे हतोत्साहित लोगों के दिमाग में फिर से उत्साह जगाने की आवश्यकता है।

प्रश्न 3.
इन पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए-
रोको मत, आगे बढ़ने दो,
आजादी के दीवाने हैं।
हम मातृभूमि की सेवा में,
अपना सर्वस्व लगाएंगे।
उत्तर:
आजादी हमारी अभीष्ट (प्रिय) वस्तु है। हमें आजादी पाने के लिए आगे बढ़ने दो, इस पुनीत कार्य से हमें मत रोको । हम अपनी जन्मभूमि (मातृभूमि) की सेवा में अपना तन-मन-धन सब कुछ लगा देंगे।

प्रश्न 4.
बूढ़े और पूर्वजों का मान बढ़ाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?
उत्तर:
बूढे और पूर्वजों का मान बढ़ाने के लिए हमें कर्तव्यपरायण, लगन के पक्के और सत्यनिष्ठ बनना चाहिए। क्योंकि हमारे पूर्वज वीर, धुन के पक्के आर सच्च थ। उनका अनुकरण करने से उनके मान-सम्मान की वृद्धि होगी।

पाठ से आगे –

प्रश्न 1.
इस कविता का कौन-सा अंश आपको ज्यादा झकझोरता है ? विवेचन कीजिए।
उत्तर:
इस कविता का वह अंश हमको ज्यादा झकझोरता है जिसमें कवि ने कहा है कि –

जो लोग गरीब भिखारी हैं,
जिन पर न किसी की छाया है।
हम उनको गले लगाएंगे,
हम उनको सुखी बनाएँगे।

क्योंकि आज भी हमारा समाज विषमतापूर्ण है। समाज के बहुत लोग गरीब हैं। भिक्षाटन करके जीते हैं। समाज में कुछ लोग सहायता से वंचित हैं। ऐसे लोगों की सहायता कर के ही समतापूर्ण सुखी समाज की स्थापना सम्भव है।

प्रश्न 2.
आपके भी कुछ शौक या अरमान होंगे, उनको पूरा करने के लिए, आप क्या करना चाहेंगे? ।
उत्तर:
हमारा भी शौक या अरमान है। वह है-समतापूर्ण सुखी समाज की स्थापना करना । जो लोग समाज में गरीब हैं जिनको कोई मदद नहीं करता है। ऐसे लोगों की मदद कर उन्हें सुखी बनाना ही हम अपना कर्तव्य बनाना चाहेंगे।

प्रश्न 3.
जन्मभूमि या मातृभूमि के प्रति कैसा लगाव होना चाहिए ?
उत्तर:
जन्मभूमि या मातृभूमि के प्रति हमारा सेवा का लगाव होना चाहिए क्योंकि जन्मभूमि से बढ़कर कुछ नहीं है। अत: जन्मभूमि की सेवा में या उसके उत्थान में हमें तन-मन-धन सब कुछ लगा देना चाहिए। श्रीराम ने भी कहा थी-हे लक्ष्मण ! माता और मातृभूमि स्वर्ग से भी अधिक सुखकारी है। “जननी-जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसि”।

प्रश्न 4.
यदि आप चाहते हैं कि देश आप पर अभिमान करे तो इसके लिए आपको क्या काम करना होगा?
उत्तर:
हम चाहते हैं कि देश हम पर अभिमान करें। इसके लिए हमको अपने-आप में देवत्व गुण लाना होगा। दीन-दुखियों की सेवा तथा हतोत्साहित लोगों का उत्साह बढ़ाना होगा । मातृभूमि की सेवा करना होगा तथा अपने इरादे के पक्के होना होगा। कर्त्तव्यनिष्ठ और सत्यप्रिय होना होगा।

व्याकरण

प्रश्न 1.
रोको, मत जाने दो।
रोको मत, जाने दो।
उपर्युक्त वाक्यों में अल्प विराम चिह्न का प्रयोग अलग-अलग स्थानों पर हुआ है। जिससे उस वाक्य का अर्थ बदल गया है। इस प्रकार के कुछ और वाक्य बनाइए।
उत्तर:
सोचो मत, काम करो।
सोचो, मत काम करो।

प्रश्न 2.
अर + मान = अरमान । इस उदाहरण के आधार पर ‘मान’ लगाकर नए शब्द बनाइए।
उत्तर:
अप + मान = अपमान । अभि + मान = ‘अभिमान । सम् + मान = सम्मान । बुद्धि + मान = बुद्धिमान । गति + मान = गतिमान ।

कुछ करने को –

प्रश्न 1.
पता कीजिए कि देश के लिए किन-किन लोगों ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
उत्तर:
महात्मा गाँधी, सुभाषचन्द्र बोस, जयप्रकाश नारायण, विनोबा – भावे, चन्द्रशेखर आजाद, जवाहरलाल नेहरू इत्यादि ।

प्रश्न 2.
हर व्यक्ति का अपना कोई न कोई अरमान होता है। आप अपने अरमान के बारे में दस पंक्तियों में लिखिए और अपने शिक्षक को सुनाइए।
उत्तर:
मुझे अपना अरमान है कि मैं महान देशभक्त कहलाऊँ। क्योंकि देशभक्ति ही सच्ची भक्ति है । देशभक्ति के लिए हम अपना सर्वस्व लुटा देंगे। सच्ची देश भक्ति बेसहारा को सहारा देकर होती है। समाज में कुछ लोग हतोत्साहित लोग हैं उनके बीच उत्साह जगाकर उनको कर्तव्य पथ पर लाने का अरमान भी हमारे दिल में है। इससे समाज के बेकार लोग कामयाबी पाएँगे जिससे देश की उन्नति होगी। लाचार, गरीब, दु:खी लोगों की मदद करना हम पुनीत कर्म मानते हैं।

अरमान Summary in Hindi

कविता का सार-संक्षेप

प्रत्येक ठाक्ति का कुछ अरमान होता है। कवि श्री रामनरेश त्रिपाठी जी अपने अरमानों के माध्यम से मानव को संदेश देते हैं कि मनुष्य को देवत्व गुणों का आधान करना चाहिए। ऐसा तभी सम्भव है जब हम समाज के गरीब बेसहारा लोगों को सहारा देंगे। समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो निराशा की मार से हतोत्साहित हैं, हमें उनके बीच उत्साहं को फिर से जगाकर कर्तव्यपरायण बनाना चाहिए। ___तन, मन, धन से मातृभूमि (जन्मभूमि) की सेवा करना भी प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य है।

हमें अपने पूर्वजों के मान-सम्मान को बढाने के लिए अपने धुन का पक्का होना चाहिए तथा सत्य का अनुसरण करना चाहिए क्योंकि हमारे पूर्वज वीर, कर्तव्यनिष्ठ और सत्यप्रिय थे।

अर्थ-लेखन

है शौक यही अरमान यही,
हम कुछ कर के दिखलाएंगे।
मरने वाली दुनिया में हम,
अमरों में नाम लिखाएंगे।
अर्थ – हमारा शौक या अरमान यही है कि हमें कुछ कर दिखलाएँ । यह संसार नश्वर है जहाँ लोग मर जाते हैं। लेकिन जिनकी कृति इस संसार में रहती है वे अमर हो जाते हैं मेरा भी अरमान है कि हम भी अपनी कृति कायम कर अमरों में नाम लिखावें।

जो लोग गरीब भिखारी हैं,
जिन पर न किसी की छाया है।
हम उनको गले लगाएंगे,
हम उनको सुखी बनाएँगे।
अर्थ – समाज में जो लोग गरीब हैं, भिखारी हैं या जो समाज में सहायता से वंचित हैं, ऐसे लोगों को गले लगाकर उनकी मदद करेंगे, उनको सुखी बनाएँगे।

जो लोग हारकर बैठे हैं,
उम्मीद मारकर बैठे हैं।
हम उनके बुझे दिमागों में,
फिर से उत्साह जगाएँगे।

अर्थ – समाज में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो जीवन से निराश होकर हतोत्साहित हो गये हैं। हम उनके अज्ञानता को दूर कर फिर से उत्साहित करेंगे।

रोको मत, आगे बढ़ने दो,
आजादी के दीवाने हैं।
हम मातृभूमि की सेवा में,
अपना सर्वस्व लगाएँगे।

अर्थ – हमें पुनीत कर्म की ओर बढ़ने दो, देश-धर्म से हमें मत रोको, क्योंकि हम आजादी के दीवाने हैं। आजादी हमारा प्रिय है। हम अपनी मातृभूमि की सेवा में अपना सब कुछ लगा देंगे।

हम उन वीरों के बच्चे हैं,
जो धुन के पक्के सच्चे थे।
हम उनका मान बढ़ाएंगे,
हम जग में नाम कमाएँगे।

अर्थ – हमारे पूर्वज वीर, धुन के पक्के और सच्चे थे। हम भी अपने पूर्वजों का अनुकरण कर उनका पान-सम्मान बढ़ाएँगे। हम संसार में नाम कमाएँगे।

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