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 Bihar Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 3 चिड़िया

Bihar Board Class 6 Hindi चिड़िया Text Book Questions and Answers

प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.
चिड़िया पीपल की ऊँची डाली पर बैठकर क्या-क्या संदेश सुनाती है?
उत्तर:
चिड़िया का संदेश है – प्रेम से जीना सीखो। मिल-जुलकर रहो। लोभ का त्याग करो। जो भी मिले आपस में बाँट कर खाओ। संचय की प्रवृत्ति का त्याग करो। दूसरे के हित का ध्यान रखो और स्वछन्द तथा निर्भय होकर जीवन-यापन करो।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पंक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए।
(क) सब मिल-जुलकर रहते हैं
सब मिल-जुलकर खाते हैं।
आसमान ही उनका घर है,
जहाँ चाहते जाते हैं।
उत्तर:
कवि यह कहना चाहता है कि मनुष्य भी अपने जीवन में चिड़ियों की जीवन पद्धति का अनुसरण करे। आपसी मेल-जोल से रहे, बाँट-मिलकर भोजन करना यानी सबको भरपेट भोजन मिले, इसका ध्यान रखना और जमीन पर अधिकार के लिये लड़ाई-झगड़े से दूर रहना-मानव का धर्म होना चाहिये।

(ख) जो मिलता है, अपने श्रम से ।
उतना भर ले लेते हैं।
बच जाता तो औरों के हित
उसे छोड़ वे देते हैं।
उत्तर:
मनुष्यों को अपने परिश्रम से अर्जित धन पर ही भरोसा करना चाहिये। दूसरों का धन छीनकर जीना भी क्या जीना है। यह तो एक प्रकार से चोरी और बेइमानी है। एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य के हित का भी ध्यान रखना चाहिये।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित स्थानों की पूर्ति कीजिए।
(क) उनके मन में लोभ नहीं है।
…………………………………
जग का सारा माल हड़पकर
…………………………………

(ख) वे कहते हैं-मानव, सीखो,
…………………………………
हम स्वच्छन्द और क्यों तुमने,
…………………………………
उत्तर:
(क) पाप नहीं परवाह नहीं।
जीने की भी चाह नहीं।

(ख) तुम हमसे जीना जग में।
डाली है बेड़ी पग में।

पाठ से आगे –

प्रश्न 1.
आजकल पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है। इसे रोकने के लिये आप क्या सुझाव देना चाहेंगे?
उत्तर:
पशु-पक्षी प्रकृति के आवश्यक अंग हैं। पेड़-पौधे से पर्यावरण का निर्माण होता है। पशु-पक्षी, पेड़-पौधे के बिना धरती पर जीवन की कल्पना ‘नहीं की जा सकती। मनुष्य इन सबका सबसे बड़ा विनाशक है। हम भूल जाते हैं कि हम जिस डाल पर बैठे हैं, उसी को काटे जा रहे हैं। हमें पशु-पक्षियों के जीवन की रक्षा करनी चाहिये तभी हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा। अगर वृक्ष नहीं काटें और जंगल को नष्ट होने से रोकें तो पक्षियों का वास स्वयं बढ़ेगा _और उनकी संख्या भी बढ़ेगी। उन्हें स्वछन्द होकर जीवन जीने के लिये वृक्ष और पौधे आवश्यक हैं।

प्रश्न 2.
कविता में से उन पंक्तियों को छाँटिए जिनमें
(क) चिड़ियों को स्वच्छन्द रूप से खुले आकाश में उड़ने की बात की गयी है –
उत्तर:
आसमान ही उनका घर है, जहाँ चाहते जाते हैं।
सीमाहीन गगन में उड़त, निर्भय विचरण करते हैं।
बैठ घड़ी भर, हमें चकित कर
गाकर फिर उड़ जाती है।

(ख) मनुष्यों को दुश्मनी की भावना छोड़ने की बात कही गयी है –
उत्तर:
चिड़िया बैठी प्रेम-प्रीति की रीत हमें सिखलाती है।
सब मिलजुलकर रहते हैं वे
सब मिलजुलकर खाते हैं।
वे कहते हैं – मानव, सीखो तुम हमसे जीना जग में।
हम स्वच्छन्द और क्यों तुमनं डाली है बेड़ी पग में।

प्रश्न 3.
क्या चिड़िया के संदेशों के अनुसार मानव कार्य करते हैं ? इस पर अपना विचार प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

व्याकरण –

प्रश्न 1.
इन शब्दों से वाक्य बनाइए –
लोभ, गगन, जग, संदेश, पाप।
उत्तर:
लोभ : लोभ जीवन में सबसे बड़ा पाप है।
गगन : पक्षी उन्मुक्त होकर गगन में उड़ते हैं।
जग : इस जग को बनाने वाला ईश्वर है।
सन्देश : चिड़िया अपनी मीठी बोली में प्यार का सन्देश सुनाती है।
पाप : दूसरों को दुःख देना पाप है।

प्रश्न 2.
ऊँची डाली, काली चिड़िया । इन वाक्यों में ऊँची डाली की तथा काली चिड़िया की विशेषता बताता है। (संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं।) नीचे लिखे संज्ञा शब्दों की विशेषता बताने वाले विशेषण शब्द लिखिए।
………… मानव
…………… पीपल
……………. आसमान पग
…………… जग
……………. हंस
उत्तर:
बंदी मानव। ऊँचा पीपल। नीला आसमान। झूठा जग। तीन पग। सफेद हंस।

प्रश्न 3.
चिड़ियाघर’ इस शब्द में चिड़िया और घर दो शब्द आए हैं। इस तरह के और शब्द बनाइए।
रसोई, सिनेमा, डाक, अजायब, पार्सल, पूजा। ।
उत्तर:
रसोइ – रसोईघर। सिनेमा -सिनेमाघर। डाक – डाकघर। अजायब – अजायबघर। पार्सल – पार्सलधर। पूजा – पूजाघर।

कुछ करने को –

प्रश्न 1.
जंगलों में रहने वाले विभिन्न पक्षियों की सूची बनाइए एवं उनके चित्र बनाकर कक्षा में लगाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 2.
यदि संसार में एक भी पक्षी नहीं होते तो आपको कैसा लगेगा? इस पर अपने विचार कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 3.
इसी प्रकार की कोई और कविता ढूंढ़िए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

चिड़िया Summary in Hindi

कविता का सार-संक्षेप

कवि कहता है- पीपल के पेड़ की ऊँची डाली पर बैठकर चिड़िया गाती . है और अपनी बोली में हमें सन्देश देती है। वह उस पेड़ की डाली पर मिल-जुलकर एक साथ बैठती है। वे जगह के लिये आपस में नहीं झगड़ती और इस प्रकार हमें भी मेल-भाव से रहने की शिक्षा देती हैं। जंगल में अनेक पक्षी रहते हैं .. वहाँ सुग्गे रहते हैं, कोयल रहती है, कबूतरों की टोली रहती है, कौओं का भी बसरा है, हंस और चातक पक्षी (चकवा) भी जंगल में वास करते हैं। ये सभी अलग-अलग समुदाय एवं जाति के पक्षी हैं। इसकी प्रकृति भिन्न है पर उनमें आपस में झगड़े नहीं होते। ये सभी हिलमिल कर रहते हैं। • सारा आकाश ही उनका घर या बसेरा है अतः वे जहाँ चाहते हैं वहाँ रह जाते

अपने परिश्रम से वे दाने इकट्ठे करते हैं – जो बच जाता है उसे औरों के खाने के लिये छोड़ देते हैं। दूसरों का धन लूटकर अपना घर भरने की चाह उनमें नहीं होती। वे तो निर्भय होकर आकाश में विचरण करते हैं – सीमाहीन आकाश उनका अपना साम्राज्य है। अपनी प्रकृति से पूरे मानव समाज को ये एक सीख दे जाती हैं – हम तो स्वछन्द और स्वतन्त्र हैं – तुम गुलामी में क्यों जीना चाहते हो? तुमने तो अपने पैरों में अनेक प्रकार की बेड़ियाँ (बन्धन) डाल रखी हैं। इन बन्धनों को तोड़ो। तुम (मानव) प्रकृति-पुत्र हो – प्रकृति के संग वास करो।

पीपल की डाली पर बैठकर मीठी बोली में गाकर हमें कुछ सुनाती है और फिर नीले आकाश की ओर उड़-फुर्र हो जाती है।

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