Advertica

 Bihar Board Class 6 Social Science History Solutions Chapter 5 प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण

Bihar Board Class 6 Social Science प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण Text Book Questions and Answers

अभ्यास

प्रश्न 1.
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

प्रश्न (क)
निम्नलिखित में से कौन हड़प्पा कालीन स्थल नहीं है?
(i) मोहनजोदड़ो
(ii) कालीबंगा
(iii) लोथल
(iv) हस्तिनापुर
उत्तर-
(iv) हस्तिनापुर

प्रश्न (ख)
किस शहर से बन्दरगाह के अवशेष मिले हैं ?
(i) लोथल
(ii) रापेड़
(iii) कालीबंगा
(iv) धौलावीरा
उत्तर-
(i) लोथल

प्रश्न (ग)
निम्न में से कौन हड़प्पा सभ्यता की विशेषता नहीं है ?
(i) शहरी जीवन
(ii) ग्रामीण जीवन
(iii) विदेशों के साथ व्यापार
(iv) सुनियोजित नगर निर्माण
उत्तर-
(iii) विदेशों के साथ व्यापार

प्रश्न (घ)
हड़प्पा सभ्यता की खोज किस वर्ष हुई थी?
(i) 1921
(ii) 1925
(iii) 1927
(iv) 1940
उत्तर-
(i) 1921

प्रश्न (ङ)
महास्नानागार किस नगर से प्राप्त हुआ है?
(i) हड़प्पा
(ii) लोथल
(iii) मोहनजोदड़ो
(iv) कालीबंगा
उत्तर-
(iii) मोहनजोदड़ो

प्रश्न 2.
निम्नलिखित का सुमेल करें

  1. सोना – गुजरात
  2. फिरोजा – कर्नाटक
  3. चौदो – मध्य एशिया
  4. सीपियाँ – ईरान

उत्तर-

  1. सोना – कर्नाटक
  2. फिरोजा – मध्य एशिया
  3. चाँदी – ईरान
  4. सीपियाँ – गुजरात

प्रश्न 3.
आइए विचार करें –

प्रश्न (i)
ड़प्पा सभ्यता के नगरीय जीवन पर प्रकाश डालें ।
उत्तर-
हड़प्पाई नगरों में पाई गई रिहाइशी इमारतें, सड़कें, गलियों एवं नालियों की सुनियोजित व्यवस्था इस तथ्य को उजागर करती है कि हड़प्या के शहरों की योजना में कुशल शासक वर्ग का हाथ रहा । शासक शहर के लिए जरूरी धातुओं बहुमूल्य पत्थर एवं अन्य उपयोगी चीजों को .मैंगवाने के लिए लोगों को दूर-दूर के प्रदेशों में भेजा जाता था । लोग व्यापक पैमाने पर ईंट बनाने का काम भी करते थे । इन नगरों में लिपिक भी होते थे जो भोजपत्र या कपड़े पर लेखन-कार्य करते थे जो अब नष्ट

हो चुके हैं। उनके द्वारा मुहरों, हाथी-दांत आदि पर लिखे अभिलेख प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा नगरों में सोनार, पत्थर काटने वाले, बुनकर, नाव-निर्माता जैसे शिल्पकार भी रहते थे जो अपने घरों या उद्योग-स्थल पर तरह-तरह की चीजें बनाते थे ।

हड़प्पाई नगरों के निवासी सूती वस्त्रों तथा गरम कपड़ों का उपयोग करते थे । स्त्री-पुरुष हार, बाजूबन्द, अंगूठी, चूड़ी, करमबन्द, कान की बाली तथा पायल जैसे गहने पहनते थे। इनके निर्माण में सामान्यतः सोना-चाँदी, हाथी-दाँत तथा ताँबों का प्रयोग होता था । गहनों के निर्माण में गोमेद, स्फाटिक जैसे बहुमूल्य पत्थरों का भी इस्तेमाल किया जाता था ।

लोग चाक पर निर्मित आग में पके हुए मिट्टी के सादा तथा चित्रकारी वाले बर्तन का इस्तेमाल करते थे | ताँबा, कांस्य, चाँदी तथा चीनी-मिट्टी के बर्तनों का भी उनके द्वारा उपयोग किया जाता था | सख्त पत्थरों से नाप-तौल के लिए बाट तथा गहने के तौर पर इस्तेमाल के लिए मनके का निर्माण किया जाता था । बच्चों के खिलौनों में छोटे चक्के वाली बैलगाड़ियाँ, पशुमूर्तियों आदि प्रमुख रूप से बनायी जाती थीं । लोग पासे का खेल भी खेलते थे ।

प्रश्न (ii)
हडप्पा संस्कृति को हडप्पा सभ्यता क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-
हड़प्पा संस्कृति, छोटी-छोटी नई संस्कृतियों के मिलने पर विकसित हुआ । जैसे-लेखन कला का विकास, शहर का निर्माण, व्यापार, कारीगरी, कलाकारी और विज्ञान सभी का विकास | यह सभी हड़प्पा संस्कृति में विकसित थी। इसी आधार पर हड़प्पा संस्कृति को हड़प्पा सभ्यता कहते हैं।

प्रश्न 4.
आइए चर्चा करें –

प्रश्न (i)
किसी समाज का नगरीकरण के लिए जिन तत्वों की आवश्यकता होती है, उन तत्वों की एक सूची बनाओ।
उत्तर-
यातायात के साधन, बिजली, सफाई , पक्के और ऊँचे मकान, आवासीय कॉलोनी, शिक्षा, ज्ञान, विज्ञान, चिकित्सा की समुचित व्यवस्था। खान-पान, वस्त्र, व्यवसाय संबंधी कार्यालय, सुरक्षा, रोजगार आदि तत्व जरूरी हैं।

प्रश्न (ii)
हड़प्पाई लोग देवी-देवता, पशु आदि की पूजा करते थे. उनकी एक सूची बनाओ।
उत्तर-
हड़प्पाई लोग देवी, देवता और पशु की पूजा करते थे। पृथ्वी, पशुपति महादेव, वृक्ष, गैंडा, साँड़ की पूजा विशेष रूप से करते थे। जादू-टोना में भी विश्वास करते थे।

प्रश्न (iii)
हड़प्पाई लोग जिन फसलों से परिचित थे, उनकी एक सूची बनाओ और तुम जिन फसलों के बारे में जानते हो, उनकी एक सूची बनाओ।
उत्तर-
हड़प्पाई लोग गेहूँ, जौ, मटर, धान, तिल, सरसों आदि से , परिचित थे। मैं जानता हूँ- गेहूँ, जौ, मटर, धान, तिल, सरसों, मसूर, चना, मकई, सोयाबीन, राजमा, बाजरा, मूंग, राई. तिसी, खेसाड़ी आदि।

प्रश्न 5.
आइए करके देखें –

प्रश्न (i)
हड़प्पा शहर जिस तरह बसा हुआ था, उसका एक नक्शा बनाओ और तुम अपने गाँव या शहर का एक नक्शा बनाओ । दोनों नक्शों में समानता और असमानता को चिन्हित करें ।
उत्तर-
छात्र स्वयं करें ।

Bihar Board Class 6 Social Science प्रारंभिक शहर प्रथम नगरीकरण Notes

पाठ का सारांश

  • भारतीय संस्कृति काफी पुरानी है।
  • आग के आविष्कार ने उनके जीवन की राह को आसान बनाया ।
  • आग से अपने भोजन को पकाकर खाने लगे, खूखार जंगली जानवरों से खुद की रक्षा की और आग तापने के लिए वे एक दूसरे के पास पहुँचे ।
  • नवपाषाणयुग में मानव-संस्कृति सरल से जटिल हो गई ।
  • मानव सांस्कृतिक विकास ने वन्यावस्था से ग्राम जीवन में प्रवेश किया ।
  • हड़प्पा संस्कृति को हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है।
  • संस्कृति से तात्पर्य व्यक्ति के परिष्कृत व्यवहार से है जिसे समाज द्वारा सीखा जाता है और जिसका हस्तांतरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में होता रहता है।
  • पुरातत्वविदों ने अनेक नगरों का पता लगाया जिनमें मोहनजोदड़ों, कालीबांगा, बनवली, लोथल और धौलावीरा प्रमुख शहर हैं।
  • खुदाईयों के आधार पर वर्तमान में 2800 हड़प्पा सभ्यता के स्थल प्रकाश में आए हैं।
  • हड़प्पा सभ्यता के सभी शहरों का निर्माण लगभग 4700 साल पहले हुआ था।
  • हड़प्पा सभ्यता के अधिकांश नगर दो हिस्सों में विभाजित थे।
  • कुछ नगरों के नगर-दुर्ग वाले हिस्से में बड़ी इमारते और आवासीय ढांचे मिले है।
  • मोहनजोदड़ों, हड़प्पा, कालिबंगन और लोथल में एक समान विशेषताओं वाली संरचनाएं मिली है।
  • हड़प्पाई नगरों के घर प्रायः एक या दो मंजिलें और कुछ तीन मंजिलें भी होते थे।
  • नगर ग्रिड प्रणाली के अनुसार योजनाबद्ध तरीके से बसाए गए थे जिसकी गलियाँ तथा सड़कें एक दूसरे को लगभग समकोण पर काटती थी।
  • हड़प्पाई नगर गाँवों से घिरा होता था । गाँव के लोग ही शहर में रहने वाले लोगों के लिए खाने का सामान उपलब्ध कराते थे । हड़प्पा संस्कृति में व्यापार का बड़ा महत्त्व था
  • हड़प्पाई लोग धरती को उवर्रता की देवी समझते थे और उनमें मातृदेवी की पूजा का खूब प्रचलन था ।
  • हड़प्पा में पकी हुई मिट्टी की स्त्री-मूर्तिकाएँ भारी संख्या में मिली है।
  • नगरीय जीवन पद्धति से तात्पर्य नगर में निवास करने वाले लोगों के वस्त्र, आभूषण, खान-पान, बात-चीत, संबंध व्यवहार, पेशा इत्यादि से है।
Previous Post Next Post