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 Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 21 गुरु की सीख

Bihar Board Class 7 Hindi गुरु की सीख Text Book Questions and Answers

गुरु की सीख Summary in Hindi

एक दिन गुरु जी अपने शिष्यों को जड़ी-बूटियों की जानकारी देने के लिए किसी जंगल में लेकर जा रहे थे। रास्ते में अवारा कुत्ते भौंकते हुए उनके पीछे आ गए । गुरु और उनका एक शिष्य उनकी ओर ध्यान न देकर चुपचाप अपनी राह पर चलते रहे। पर उनके अन्य शिष्य वहीं रूक गए। वे पत्थर मारकर उन आवारा कुत्तों को भगाने लगे।

उन्हें भगाकर जैसे ही वे आगे बढ़े, अचानक एक बंदर उनके रास्ते में आ गया। वे उसे भी पत्थर मारने लगे। बंदर तब भी वहाँ से भागा नहीं। वह उन शिष्या से चिढ़ गया था। बहुत देर तक वे उस बंदर से ही उलझे रह।

जब जंगल में पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जब वे अपने गुरु के पास आए, गुरु ने उनकी ओर देखा भी नहीं। उनकी अनदेखी करते हुए गुरु ने अपने साथ आए शिष्य से कहा-“वत्स, शाम होनेवाली है। जंगल में अब रूकना ठीक नहीं है, हमें यहाँ से अब शीघ्र जाना होगा।” यह सुनकर अन्य शिष्य हैरान रह गए । जड़ी-बूटियों के बारे में तो गुरु जी ने कुछ बताया ही नहीं था।

उन शिष्यों ने विनम्र भाव से गुरु से कहा-“गुरुजी, आप तो हमें जंगल में जड़ी-बूटियों की जानकारी देने के लिए लाए थे, पर आप तो बिना जानकारी दिए जाने की बात कह रहे हैं।”

गुरु ने कठोरता से कहा “बच्चो, तुम सही कह रहे हो । पर गुम अभी इस योग्य नहीं हो।”

गुरु की बात को वे समझ नहीं सके। शिष्यों ने पुनः याचना भरे स्वर में कहा – “गुरुजी, आप हम से नाराज क्यों हैं ? हमारा दोष क्या है ?”

शिष्यों को समझाते हुए गुरु ने कहा-“बच्चो, यदि तुम समय पर जंगल में आ जाते, तो संभवत: मैं तुम्हें जड़ी-बूटियों की जानकारी अवश्य देता । पर तुमने लो अपना सारा समय रास्तं में व्यर्थ की बातों में उलझनों में ही गंवा दिया।”

शिष्यों को अपनी गलती का एहसास हो गया था। वे खाली हाथ-मुँह लटकाए कुटिया में वापस आकर अपनी गलती पर पश्चाताप करने लगे।

जबकि वह शिष्य, जो रास्ते में न रूककर गुरु के साथ ही रहा था, अपने साथ कई उपयोगी जड़ी-बूटियाँ जंगल से एकत्रित कर ले आया था।

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