NCERT कक्षा 6 हिंदी मल्हार अध्याय 2 गोल

गोल कक्षा 6 प्रश्न उत्तर

पाठ से

आइए, अब हम इस कविता पर विस्तार से चर्चा करते हैं। आपके सहायता स्कोरबोर्ड में इस कार्य में दिए गए निर्देश।

मेरी समझ से

(क) नीचे दिये गये दिये गये अंश-अंग्रेज़ी का उत्तर कौन-सा है? उसका सामने वाला तारा (★) बनाया-
(1) "दोस्त, खेल में इतना गुस्सा अच्छा नहीं। मैंने तो अपना बदलाव ले ही लिया है। अगर तुमने मुझे हॉकी नहीं मारी तो शायद मैं तीर दो ही गोल से हराता। मेजर ध्यानचंद की इस बात से उनके बारे में क्या पता चलता है?

  • वे अत्यंत क्रोधी थे।
  • वे अच्छे अचूक से बदले हुए थे।
  • उन्हें हक से मारने पर वे और अधिक गोल करते थे।
  • वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।

उत्तर :
वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।

प्रश्न 2.
लोगों ने मेजर ध्यानचंद को 'हॉकी का जादूगर' कहना क्यों शुरू किया?
• उनके हॉकी स्टिक के विशेष कौशल के कारण
• उनके हॉकी स्टिक के
विशेष कौशल के कारण
• उनके हॉकी स्टिक के विशेष कौशल के कारण
उत्तर:
• उनके हॉकी स्टिक के विशेष कौशल के कारण

(ख) अब अपने दोस्तों के साथ चर्चा करें कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुना?
उत्तर :
मैंने एलाबॉलिक दोनों उत्तरों को चुना, क्योंकि विकल्प 'वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए। यह सही विकल्प है, क्योंकि मेजर ध्यानचंद को जब विरोधी टीम के सदस्य ने हॉकी स्टिक से मारा तो उन्होंने हिंसा नहीं दिखाई, इस घटना को खेल से भावना के साथ देखा और मैदान में वापस आकर अपने खेल कौशल से विरोधी टीम को हरा दिया। यह उनके निर्देश और खेल भावना का मूल है।

मेजर ध्यानचंद के विशेष कौशल के कारण लोगों ने मेजर ध्यानचंद को 'हॉकी का जादूगर' कहाना शुरू कर दिया। लेखक ने बताया कि वर्ष 1936 में बर्लिन ओलम्पिक में लोग लेखक के हॉकी खेल से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने हॉकी के जादूगर को 'आश्चर्यचकित कर दिया।

सोच-विचार के लिए

पुनरावृत्ति को एक बार फिर से पढ़ें और निम्नलिखित के बारे में पता लगाएं, अपनी पुस्तक पुस्तक में लिखें

(क) ध्यानचंद की सफलता का क्या रहस्य था?
उत्तर
ध्यानचंद की सफलता का रहस्य उनकी कड़ी मेहनत, लगन और खेल के प्रति गहरी नींद थी। सफलता का मूल मंत्र लगन, साधना और खेल भावना के बारे में बताया गया। उन्होंने निरंतर अभ्यास किया और अपने खेल की तकनीक को निखारने के लिए खेल में उत्कृष्टता प्राप्त की। वे हमेशा टीम की सफलता को प्राथमिकता देते थे और टीम के प्रदर्शन के बजाय अपने व्यक्तिगत उपलक्षियों पर ध्यान केंद्रित करते थे। उनकी ईमानदारी, प्रतिभा और उत्कृष्ट खेल कौशल ने उन्हें 'हॉकी के जादूगर' और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का प्रतीक बना दिया।

(ख) किन बातों से ऐसा लगता है कि ध्यानचंद स्वयं से पहले छात्र रहे थे?
उत्तर :
ध्यानचंद स्वयं से पहले निबंध को धारण किये थे। उनकी बॉल हॉकी स्टिक से मैनो चिपक गई थी और वे बॉल को गोल के पास ले जाकर अपने किसी दोस्त को देने की कोशिश कर रहे थे। इस प्रक्रिया में वे अधिकतर सफल हो गये।

संस्मरण की रचना

“उन दिनों मैं पंजाब रेजिमेंट की ओर से खेलता था।” इस वाक्य को देखकर ऐसा लगता है मानो लेखक आपसे यानी पाठकों से अपनी यादों को साझा कर रहा है। ध्यान दें तो इस पाठ में ऐसी और भी कई विशेष बातें आपको दिखाई देंगी। इस पाठ को एक बार फिर से पढ़ें।
(क) अपने-अपने समूह में मिलकर इस नामांकन की सूची बनाएं।
उत्तर :
खेल के मैदान में धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक की घटनाएं होती रहती हैं। जिन दिनों हम खेलते थे, उन दिनों भी यही सब पता चलता था। तीसरे में एक खिलाड़ी ने इंटरमीडिएट में गाइन्स हॉकी स्टिक मेरे सिर पर दे मारी। मुझे मैदान से बाहर ले जाया गया। मैदान में वापस आकर मैंने उस खिलाड़ी की पीठ पर हाथ रखकर कहा- “तुम चिंता मत करो, यह बिल्कुल बदल जाएगा।” मेरे इतना कहने पर ही वह खिलाड़ी घबरा गया। आज मैं भी जहाँ जा रहा हूँ बच्चा व स्कूल सभी मिठाइयाँ मेरी सफलता का राज जानना चाहते हैं। बर्लिन ओलंपिक में हमें स्वर्ण पदक मिला। प्रतियोगिता के समय मैं हमेशा इस बात का ध्यान रखता हूं कि हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।

(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा किया जाएगा।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

मिलान करें

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने ग्रुप इन पर चर्चा करें और कहें तो ये सही अर्थ या संदर्भ से मिलेंगे। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने सैटेलाइट की सहायता ले सकते हैं।

उत्तर :

शब्दअर्थ या संदर्भ
1. लांस नायक2. भारतीय सेना का एक पद (रैंक) है।
2. बर्लिन ओलंपिक4. वर्ष 1936 में जर्मनी के बर्लिन शहर में ओलंपिक खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें 49 देशों ने भाग लिया था।
3. पंजाब रेजिमेंट5. स्वतंत्रता से पहले अंग्रेजों की भारतीय सेना का एक दल।
4. सैम्पर्स एंड माइनर्स टीम6. ब्रिटेन के समय का एक हॉकी दल।
5. सूबेदार1.स्वतंत्रता से पहले सेंचुरीदार भारतीय सैन्य अधिकारियों का दूसरा सबसे बड़ा पद था।
6. छावनी3. सैनिकों के रहने का क्षेत्र।

हद पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गयी हैं। ध्यान से पढ़ें और इन पर विचार करें। आपको इसका अर्थ क्या समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा किया और अपनी लेखन पुस्तक पुस्तिका में लिखा-
(के) "बुरा काम करने वाला आदमी हर समय इस बात से डरता रहता है कि उसके साथ भी बुराई की जाएगी।"
उत्तर :
हॉकी टीम के समय 'सैम्पर्स एंड माइनर्स' टीम के एक खिलाड़ी ने ध्यानचंद के सिर पर ज़ोर से हॉकी स्टिक से वार किया। उनका सिर से खून आना शुरू हो गया। उन्हें मैदान से बाहर की ओर फैशनेबल पट्टियाँ बँधावानी पट्ट। टिप्पणी उन्होंने उस खिलाड़ी से कहा- "मैं इसे जरूर बदलूंगा।" इससे वह खिलाड़ी घबरा गया और उसका ध्यान खेल से भटक गया। बुरा करने वाला डरता है क्योंकि ज्यादातर बुरा ही करने वाले के साथ दूसरे भी बुरा करते हैं।

(ख) "मेरी तो हमेशा यही कोशिश रहती है कि मैं गेंद को गोल के पास ले जाऊं और अपने किसी दोस्त खिलाड़ी को दे दूं ताकि उसे गोल करने का श्रेय मिल जाए। अपने खेल जैसी भावना के कारण मैंने दुनिया के खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया

" हमें काम श्रेय लेखों को लेने का अवसर देना चाहिए। इससे हम उनका दिल जीत लेंगे।

शब्दों के जोड़े, विभिन्न प्रकार के

स्मरण को एक बार फिर से पढ़ें और निम्नलिखित के बारे में पता लगाएं, अपनी पुस्तक बुक में लिखें-

(के)  “जैसे-जैसे  मेरे खेल में निखार आया,  वैसे-वैसे  मेरे लिए डिज़ाइन भी गए।” इस वाक्य में 'जैसे-जैसे' और 'वैसे-वैसे' शब्दों के साथ एक ही शब्द दो बार उपयोग में लाया गया है। ऐसे जोड़ों को 'शब्द-युग्म' कहते हैं।  'शब्द-युग्म'  में दो शब्दों के बीच में छोटी-सी रेखा होती है जिसे जोड़कर   कहा जाता है  संयोजक यानी जोड़ने वाला। आप भी ऐसे पांचवे शब्द- युग्म लिखें।
उत्तर:
1. धीरे-धीरे
2. आहिस्ता-आहिस्ता
3. फिर-फिर
4. कभी-कभी
5. अभी-अभी

(ख) “मैदान के अंदर धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक की घटनाएं होती रहती हैं।”
इस वाक्य में भी आपको दो शब्द-युग्म दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इन शब्द-युग्मों के दोनों शब्द अलग-अलग हैं, एक जैसे नहीं हैं। आप भी ऐसे पाँचवें शब्द- युग्म लिखें, जिनमें से दोनों शब्द भिन्न-भिन्न हैं।
उत्तर :

  • जीना-मरना “जीना-मरना तो भगवान के हाथ में है।”
  • आगे-पीछे “वह अपने मालिक के आगे-पीछे धूमता रहता है।”
  • रात-दिन 'वह रात-दिन कड़ी मेहनत करता है।"
  • लड़ाई-झगड़ा “उनके बीच हमेशा लड़ाई-झगड़ा रहता है।”
  • हंसना-रोना "हंसाना-रोना तो जिंदगी का हिस्सा है।"

(जी) “हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।”
“आज मैं जहां भी जाता हूं बच्चे और किताबें मुझे घेर लेते हैं।”
इस वाक्य में भी जिन शब्दों के नीचे पंक्ति खानी है, उन्हें ध्यान से पढ़ें। हम इन शब्दों को योजक की सहायता से भी लिख सकते हैं, जैसे- हार-जीत,

बच्चा-बच्चा आदि। आप नीचे दिए गए शब्दों में सहायक की सहायता से ली गई जानकारी ले सकते हैं-

  • अच्छा या बुरा
  • उत्तर और दक्षिण
  • छोटा या बड़ा
  • गुरु और शिष्य
  • अमीर और गरीब
  • अमृत ​​या विष

उत्तर :
अच्छा-बुरा। उत्तर-दक्षिण । छोटा-बड़ा। गुरु-शिष्य। अमीर-ग़रीब | अमृत ​​– विष ।

बात पर बल देना

“मैंने तो अपना बदलाव ले लिया है।”
“मैंने तो अपना बदलाव ले लिया है।”

  • इन दोनों वाक्यों में क्या अंतर है? ध्यान दें और बताएं। बिल्कुल सही ! दूसरा वाक्य में एक शब्द कम है। उस एक शब्द के न से वाक्य के अर्थ में भी थोड़ा सा अंतर आ गया है।
  • हम अपनी बात पर बल देने के लिए कुछ विशेष शब्दों का प्रयोग करते हैं जैसे- 'ही', 'भी', 'तो' आदि। पाठ में से इन शब्दों वाले वाक्यों को चुनकर लिखें। ध्यान दें कि यदि उन वाक्यों में ये शब्द नहीं होते तो उनका अर्थ क्या होता है।

उत्तर :
(क) उन दिनों भी यही सब पता था। यहाँ पर भी का प्रयोग नहीं हुआ तो अर्थ बदल गया, केवल उसी समय यह सब पता चला।
(ख) मैंने तो अपना बदलाव ले ही लिया है। यहां पर ही का अर्थ नहीं होता तो अर्थ बदल जाता है।
(छ) आज मैं कहाँ भी जाता हूँ। यदि यहाँ पर 'भी' शब्द नहीं होता तो अर्थ बदल जाता है।
(घ) सारा गोल मैं ही करता था ऐसा नहीं था। मेरे साथ अन्य दोस्त भी गोल करते थे।

पाठ से आगे

आपकी बात

(क) ध्यानचंद के स्थान पर आप होते हैं तो आप क्या परिवर्तन लेते हैं? यदि हां, तो बताएं कि आप किस प्रकार बदलते हैं?
उत्तर:
यदि हम ध्यानचंद के स्थान पर होते हैं तो हम भी परिवर्तन ले लेते हैं। लेकिन हम भी अपना बदला शालीनता के साथ लेते हैं। हम हिंसा में विश्वास नहीं करते। अपने अच्छे व्यवहार से उसे शर्मसार करो।

(ख) आपको कौन-से खेल और कौन-से खिलाड़ी सबसे ज्यादा अच्छे लगे हैं? क्यों?
उत्तर :
मुझे हॉकी गेम सबसे ज्यादा पसंद है, क्योंकि यह गेम तेज गति, तकनीकी कौशल और टीमवर्क का मिश्रण है। हॉंकी में खिलाड़ी का निर्देश और मैदान पर रणनीति देखना बाकी है। खिलाड़ियों में ध्यानचंद मेरे पसंदीदा खिलाड़ी हैं। उनकी खेल भावना, अनुदेशक और खद्वितीय कौशल ने उन्हें 'हॉकी का जादूगर' का उपनाम दिया। ध्यानचंद का खेल के प्रति समर्पण और अपनी टीम को जीतने की इच्छा प्रेरणादायक है। प्रयास ने हमेशा यह सिद्ध किया है कि खेल में सफलता, लक्ष्य, साधना और खेल भावना से ही संभव है।

समाचार पत्र मे

(क) आप समाचार पत्र क्या कहते हैं? समाचार-पत्रों में प्रतिदिन खेल के समाचारों का एक पेज प्रकाशित होता है। अपने घर या पुस्तकालय से पिछले सप्ताह के समाचार-पत्र देखें। अपनी पसंद का एक खेल - समाचार अपनी पुस्तक पुस्तक में लिखें।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

(ख) मन ने देखा कि आप एक गेम के दोस्त हैं और किसी गेम का प्रसारण कर रहे हैं। अपने समूह के साथ सामूहिक कक्षा में उस खेल का नजारा देखा हाल ही में प्रस्तुत किया गया।
(संकेत- इस कार्य में आप आकाशवाणी या दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले खेल प्रसारण की कमेंटरी की शैली का उपयोग कर सकते हैं। बारी-बारी से प्रत्येक समूह कक्षा में सामने डेस्क या अध्ययन पर बैठेंगे और पांच मिनट के लिए किसी भी खेल के लिए सजीव प्रसारण की टिप्पणी का अभिनय करना चाहेंगे!)
उत्तर:
मैं खेल पत्रकार हूं। मैं साउथ अफ्रीका की टीम के मंच का हाल देखा प्रसारित कर रहा हूं। अफ्रीका की टीम को आखिरी ओवर 16 में जीत की जरूरत है। भारतीय कलाकार दनादन बॉल फेंक रहे हैं। साउथ अफ्रीका की फील्डिंग में मैनसुबों पर पानी की बौछार दिखाई दे रही है।

डायरी की शुरुआत

कुछ लोग रोजाना छोटी-छोटी बातें किसी भी जगह पर लिखते रहते हैं। जो वे दिखे हैं या जो उनके साथ उस दिन हुए हैं या जो उन्होंने उसे देखा है, ईमानदारी से लिख लेते हैं या टाइप कर लेते हैं। इसे डायरी लिखना कहते हैं।

क्या आप भी अपने मन की बातें और विचार लिखना चाहते हैं? यदि हां, तो आज से ही शुरुआत करें
आप कहां लिखेंगे, वह माध्यम से चुनें। आप किसी भी दस्तावेज़-पुस्तिका में या ऑफ़लाइन प्लेटफ़ॉर्म पर लिख सकते हैं।
आप रोजाना कुछ दिनों में एक बार या जब भी कुछ गाने का मन करे तब लाइक कर सकते हैं।
शब्दों या वाक्यों की कोई सीमा नहीं है, दो वाक्य हों या दो पृष्ठ। आप जो मन में आए हैं और शालीन के शब्द लिख सकते हैं।
उत्तर :
छात्र स्वयं करें।


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