NCERT कक्षा 6 हिंदी मल्हार अध्याय 7 जलाते चलो
जलाते चलो कक्षा 6 प्रश्न उत्तर
पाठ से
आइए, अब हम इस कविता से अपने दोस्त को और मीठी बातें बनाते हैं। इसके लिए नीचे कुछ चर्च दिए गए हैं। ऐसा हो सकता है कि आप कविता को फिर से पढ़ने की आवश्यकता का अनुभव कर सकें।
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए दिए गए अंशों का अभिलेख उत्तर कौन – सा है? उसका प्रकट तारा (★) बना हुआ-
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से कौन सी बात इस कविता में मुख्य रूप से कही गई है?
• रियायती के कार्य करते रहना
• दीपावली के दीपक जलाना
• वलपडि़याल आदिम से नाव तक चलना
• तिमिर मिलन तक नाव की यात्रा
उत्तर:
• रियायती के कार्य करते रहना
प्रश्न 2.
"जला दीप पहले तुमने तिमिर की, चुनौती प्रथम बार स्वीकार की थी"
यह वाक्य किससे कहा गया है?
• तूफ़ान से
•सलाह से
• दीपकों से
• तिमिर से
उत्तर:
•सलाह से
(ख) अब अपने दोस्तों के साथ क्यों चर्चा करें और बताएं कि क्या आपने ये उत्तर ही चुना है?
उत्तर:
छात्र अपने शिक्षक या दोस्तों की सहायता से चर्चा करें।
कविता की रचना
"जलते चलो ये प्यार प्यार भर-भर
कभी तो धरा का अँधेरा मिटेगा।"
इन विद्यार्थियों को अपने शिक्षक के साथ मिलकर गाने या बोलने का प्रयास करें। आप हाथों से ताल भी दे सकते हैं। दोनों को गाने या बोलने में एक जैसा समय लगा या अलग-अलग? आपने अनुभव किया होगा कि इन दोस्तों की बातचीत या गानों में लगभग एक-समान समय लगता है। केवल इन दो महानुभावों को ही नहीं, इस कविता की प्रत्येक पंक्ति को गाने या बोलने में लगभग एक जैसा ही समय लगता है। इस सुविधा के कारण यह कविता और अधिक प्रभावशाली हो गई है।
आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको और भी कई खास बातें दिखाई देंगी।
(क) इस कविता को एक बार फिर से पढ़ें और अपने-अपने ग्रुप में मिलकर इस कविता की जादूगरी की सूची बनाएं, जैसे इस कविता की जादूगरी को 2-4, 2-4 के क्रम में बांट दिया गया है आदि।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा किया जाएगा।
उत्तर:
कविता पर आधारित मित्रवत छात्र स्वयं होंगे। अपने शिक्षक और सहयोगियों की सहायता से गतिविधि पूर्ण करें।
हद पर चर्चा
कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गयी हैं। ध्यान से पढ़ें और इन पर विचार करें। आपको इसका अर्थ क्या समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा करें और अपनी पुस्तक पुस्तिका में लिखें-
"दीए और तूफान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी,
जली जो पहली बार लौ दीप की
सुनहरी सी जलती और जलती रहेगी।
धरा पर रहो एक भी अगर
कभी तो निशा को सवेरा ले जाएगी।"
उत्तर:
कवि ने संदेश दिया है कि संघर्ष और सफलता की कहानी निरंतर चल रही है। हमें निराश और हतोत्साहित नहीं किया जा रहा है क्योंकि अगर एक भी दीपक जल रहा है तो इंसान फंस जाएगा। प्रेम, त्याग और ज्ञान के संदेश दुनिया में लड़ेंगे और जीवन सार्थक होगा।
मिलान करें
कविता में से चुनकर कुछ शब्द यहां दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा करें और इनमें से सही अर्थ या संदर्भ मिलाएं। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने सैटेलाइट की सहायता ले सकते हैं।
| शब्द | अर्थ या संदर्भ |
| 1. अमावस | 1. पूर्णमासी, वह तिथि जिस रात चंद्रमा दिखाई देता है। |
| 2. पूर्णिमा | 2. बिजली से चलने वाले उपकरण बिजली से जलने वाले दीपक, बिजली आदि उपकरण। |
| 3.विद्युत - पीडीएफ | 3. समय, काल, युग संख्या में चार माने गए हैं- सत्ययुग (सतयुग), त्रेता युग, द्वापर युग और कलियुग। |
| 4. युग | 4. जिस रात आकाश चंद्रमा में दिखाई नहीं देता। |
उत्तर:
1. अमावस - (4),
2. पूर्णिमा - (1)
3. विद्युत - दिये - (2),
4. युग - (3)
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार फिर से पढ़ें, पता लगाएं और अपनी पुस्तक बुक में लिखें—
(क) अँधेरे या तिमिर कविता में किन काव्यों के उदाहरण दिए गए हैं?
उत्तर:
- अमावस
– निशा
– तिमिर की सरिता
– तिमिर की शिला
– पवन
– तूफ़ान
(ख) यह कविता आशा और उत्साह जगने वाली कविता है। इसमें कौन सी आशा शामिल है? यह आशा क्यों की गई है?
उत्तर:
यह कविता जीवनरूपी दीप में स्नेह व अपनापन रूपी तेल की स्थापना आगे बढ़ने की प्रेरणा है। निराशा के बीच ही आशा की एक किरण दिखाई देती है। मानव और विश्व कल्याण के लिए हमें महापुरुषों के पदश्रृंखलाओं पर चलना होगा। प्रेम, सहयोग और मानवीय भवन से यह जीवन लाभ बनता है। नई पीढ़ी के इतिहास में महान लोगों से प्रेरणा लेकर एक सुंदर भविष्य की नींव रखी गई। कविता मनुष्य के हृदय में विश्व बंधन की आशा जागृत करती है।
(छ) कविता में किसे प्रकाशित और किसे कलाकार की बात कही गई है?
उत्तर:
मानव आशा रूपी दीपक विचलन स्थान। स्नेह से संबंध चारों ओर जले और बिना संबंध वाले विद्युत - लालच देना चाहिए क्योंकि सहायक वस्तुएं बाधक बनती हैं।
मिलान
स्तम्भ 1 और स्तम्भ 2 में कुछ पंक्तियाँ दी गयी हैं। मित्र- सबसे पुरानी भाव वाली जोड़ी को रेखा खींचने वाला जोड़-
| स्तंभ 1 | स्तंभ 2 |
| 1. कभी तो तिमिर का फ़ायदा होगा। | 1. विश्व की बढ़त का ध्यान रखें बिना प्रगति करने से कोई लाभ नहीं होगा। |
| 2. जलाते चलो ये दिए स्नेह भर-भर। | 2. विश्व में सुख-शांति क्यों कम हो रही है? |
| 3. मगर विश्व पर आज क्यों दिन ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी। | 3. विश्व की आशाओं से एक न एक दिन की प्रतीक्षा। |
| 4. बिना स्नेह विद्युत् - दिए जल रहे जो बोझाओ, यों न पथ मिल जाएगी। | 4. लेखों के सुख-चैन के लिए प्रयास करते रहें। |
उत्तर:
1. → 3
2. → 4
3. → 2
4. → 1
अनुमान या कल्पना से
अपने समूह में सामूहिक चर्चा करो—
(के) "दिये और तूफ़ान की यह कहानी
चली आ रही और चलती रहेगी"
दीपक और तूफ़ान की यह कौन सी कहानी हो सकती है जो सदा से चली आ रही है?
(ख) "जली जो प्रथम बार लौ दीप की
सुनहरी-सी जल रही और जलती रहेगी"
दीपक की यह सोने जैसी लौ क्या हो सकती है जो प्राचीन काल से जल रही है?
उत्तर:
छात्र अर्थग्रह एसोसिएटेड प्रश्नोत्तरी की सहायता से सामूहिक चर्चा गतिविधी पूर्ण करें।
शब्दों के रूप में
"किस कारण बनी अमावस पूर्णिमा-सी"
'अमावस' का अर्थ है 'अमावस्या'। इन दोनों शब्दों का अर्थ तो एक समान है लेकिन बाकी बचे शब्दों में थोड़ा-सा अंतर है। ऐसे ही कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। सम्मिलित- अन्य शब्द कविता से खोजकर रचनाएँ। ऐसे ही कुछ अन्य शब्दों में चर्चा करके खोजें और लिखें।
1. दिया ______
2. उजेला ______
3. अनगिन _____
4. ______
5. _____
6. _______
उत्तर:
1. दिया - दीप
2. उजेला - उजेला
3. अनगिन - अनगिन
4. दिन - दिन
5. धरा - धरती
6. सिल - शिला
अर्थ की बात
(क) "जलते चलो ये सारे स्नेह भर-भर"
इस पंक्ति में 'चलो' के स्थान पर 'रहो' शब्द पढ़ें। इस शब्द के अंतर से पंक्ति के अर्थ में क्या आ रहा है? अपने ग्रुप में चर्चा कीजिए।
(ख) कविता में हर शब्द का अपना विशेष महत्व होता है। यदि वे शब्द बदल दें तो कविता का अर्थ भी बदल सकता है और उसकी प्रकृति में भी अंतर आ सकता है।
नीचे कुछ पंक्तियाँ दी गयी हैं। प्रत्यक्ष के सामने लगभग समान अर्थों वाले कुछ शब्द दिए गए हैं। आप उनसे वह शब्द चुनिए, जो उस पंक्ति में सबसे प्रिय रहेंगे-
प्रश्न 1.
बहते चलो ________ तुम वह लगातार (नया, नाव, नाव)
कभी तो तिमिर का _____ मिलेगा। (टाट, तीर, फ़्रांसीसी)
उत्तर:
नैया, फ़्लोरिडा
प्रश्न 2.
रहो _____ पर दिया एक भी अगर (धरा, धरती, भूमि)
कभी तो निशा को ______ मिलेगा।। (प्रात:, प्रातः, सवेरा)
उत्तर:
धरा, सवेरा
प्रश्न 3.
जला दीया पहले तुमने _____ की (अंधकार, तिमिर, अँधेरे)
चुनौती _____ बार स्वीकार की थी। (प्रथम, लेखक, प्रथम)
उत्तर:
तिमिर प्रथम
पंक्ति से पंक्ति
"जला दीप तुम्हीं ने तिमिर की
चुनौती प्रथम बार स्वीकृति की थी"
कविता के इस पंक्ति को वाक्य के रूप में इस प्रकार लिखा जा सकता है-
"तुम्हीं ने पहले दीया जला तिमिर की चुनौती प्रथम बार स्वीकृति की थी
" कविता के इस प्रकार के वाक्यों के रूप में नीचे दिए गए हैं-
1. बहते चलो नाव तुम वह निरंतर।
2. जलाते चलो ये दिए स्नेह भर-भर।
3. बाओबाओ, यों न पाथ मिल।
4. मगर विश्व पर आज क्यों दिन ही में घिरी आ रही है अमावस निशा-सी।
सा/सी/से का अर्थ
"घड़ी आ रही है अमावस निशा-सी
सुनहरी-सी जल रही और जलती रहेगी"
इन कट्टरपंथियों में कुछ शब्दों के नीचे पंक्ति खानी है। इन्हें 'सी' शब्द पर ध्यान दें। यहां पर 'सी' शब्द का प्रयोग किया गया है। 'सा/सी/से' का प्रयोग जब भी माइल टॉक के लिए किया जाता है तो पहले योजक की (-) का प्रयोग किया जाता है।
अब आप भी विभिन्न शब्दों के साथ 'सा/सी/से' का प्रयोग करते हुए अपनी काल्पनिक से पांचवीं वाक्य रचना-बुक में लिखें।
उत्तर:
पाठ से आगे
आपकी बात
(के) "रहेगा धरा पर दिया एक भी अगर तो
निशा को सवेरा मिलेगा"
अगर हर व्यक्ति अपनी कर्तव्य समझ ले और अध्ययन के लिए काम करे तो पूरी दुनिया सुंदर बनेगी। आप भी प्रतिदिन बहुत-से अच्छे कार्य करते रहेंगे। अपने उन कार्यों के बारे में बताएं।
(ख) इस कविता में निराश न होना, उपन्यास का सामना करना और हर सुख के लिए काम करना प्रेरित किया गया है। यदि आप अपने किसी मित्र को निराश न होने के लिए प्रेरित करें तो आप क्या करेंगे? क्या? अपने ग्रुप में बताएं।
(जी) क्या आपको कभी किसी ने कोई काम करने के लिए प्रेरित किया है? कब? कैसे? उस घटना के बारे में बताइये।
नींद और पूर्णिमा
(के) "भले शक्ति विज्ञान में निहित है
कि जिससे अमावस बने पूर्णिमा-सी"
आप इलेक्ट्रॉनिक्स और पूर्णिमा के बारे में पहले ही पढ़ चुके हैं। क्या आप जानते हैं कि वनस्पति विज्ञान और पूर्णिमा के होने का क्या कारण है?
तुम्हें आकाश में रात को चाँद जरूर देखना होगा। क्या चंद्रमा प्रतिदिन एक-सा में दिखाई देता है? नहीं. चंद्रमा घटता-बढ़ता दिखाई देता है। आइए जानते हैं कि ऐसा कैसे होता है। आप ही जानते हैं कि चंद्रमा पृथ्वी की तस्वीरें दिखाता है जबकि पृथ्वी सूर्य की।
आप यह भी जानते हैं कि चंद्रमा का अपना कोई प्रकाश नहीं होता। वह सूर्य के प्रकाश से ही चमकता है। लेकिन पृथ्वी के कारण सूर्य की कुछ रोशनी चंद्रमा तक जाने में विलीन हो जाती है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जो प्रतिदिन उगती-बढ़ती रहती है। सूरज का जो प्रकाश बिना आकर्षक चंद्रमा तक जाता है, वही चंद्रमा चमकदार दिखता है। इसी छाया और उजले भाग के शीर्ष में आने वाले बदलाव को चंद्रमा की कला कहा गया है।
चंद्रमा की कला धीरे-धीरे आधी-अधूरी रहती है और पूर्णिमा की रात चंद्रमा पूरा 'दिखने लगता है। इसके बाद कला धीरे-धीरे-धीरे-धीरे बनी हुई है और हीरे वाली रात चाँद दिखाई नहीं दे रही है। चंद्रमा की कलाओं के घटने के दिनों को 'कृष्ण पक्ष' कहा जाता है। 'कृष्ण' शब्द का एक अर्थ काला भी है। इसी प्रकार चंद्रमा की कलाओं के बढ़ने के दिनों को 'शुक्ल पक्ष' कहा जाता है। 'शुक्ल' शब्द का एक अर्थ 'उजला' भी है।
(ख) अब नीचे दिए गए चित्रों में कृष्ण पक्ष, पूर्णिमा, कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को पहचानें और ये नाम उपयुक्त स्थान पर लिखें-
(यदि अचंभित व्यक्ति हो तो आप अपने शिक्षक, परामर्श या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।)
दिनांकपत्र
आपने दिनांकपत्र (कैलेंडर) अवश्य देखा होगा। इसमें वर्ष के सभी महीनों की तारीखों की जानकारी दी गई है।
नीचे दिनांकपत्र के एक माह का विवरण दिया गया है। इसे ध्यान से देखें और आदर्श के उत्तर दें—
(क) दिए गए महीने में कुल दिन कितने हैं?
(ख) पूर्णिमा और वनस्पति किस दिन और युद्ध को पड़ रही है?
(छ) कृष्ण पक्ष की सप्तमी और शुक्ल पक्ष की सप्तमी में कितने दिनों का अंतर है?उत्तर:
(घ) इस महीने में कृष्ण पक्ष में कुल कितने दिन हैं?
(ङ) 'वसंत पंचमी' की तिथि बताएं।