कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 9 शहरी आजीविका

NCERT कक्षा 6 सामाजिक विज्ञान नागरिक शास्त्र अध्याय 9 शहरी आजीविका

पाठ्यपुस्तक के आंतरिक प्रश्न

 NCERT Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 1

1. इस चित्र में आप क्या देख रहे हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर चित्र में शहर की एक व्यस्त सड़क दिखाई दे रही है। सड़क पर काफी भीड़-भाड़ है। गाड़ियाँ, स्कूटर, बसें, साइकिल तथा पैदल लोग हैं। अलग-अलग तरह की दुकानें, रेहड़ी पर समान बेचने वाले, फुटपाथ पर काम करने, अखबार बेचने वाले तथा विभिन्न काम करने वाले लोग दिखाई दे रहे हैं।

2. आप पहले ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के कार्यों के बारे में पढ़ चुके हैं। अब पिछले पाठ में दिए गए ग्रामीण क्षेत्र के कार्यों के चित्र से इस चित्र की तुलना कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर पिछले अध्याय में ग्रामीण क्षेत्र में लोग खेती-बाड़ी का काम करते दिखाए गए हैं। कुछ मछली पकड़ने का काम कर रहे हैं, छोटी-छोटी दुकानें हैं। पिछले अध्याय के चित्र में न तो गाड़ियाँ थीं और न ही भीड़-भाड़ थी। इस चित्र में सड़क पर वाहनों की भीड़भाड़ है तथा फुटपाथ पर विभिन्न प्रकार की सेवा देने वाले तथा समान बेचने वाले लोगों की भीड़ है।

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 2

3. शहर का एक भाग दूसरे भाग से अलग होता है। आपने ऊपर वाले चित्र में क्या भिन्नताएँ देखीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर शहर के कुछ भागों में ऊँची-ऊँची इमारतें होती हैं तथा वाहनों की काफी भीड़-भाड़ होती है, जबकि कुछ भागों में छोटे-छोटे घर होते हैं तथा काफी भीड़-भाड़ होती है और फुटपाथ पर काम करने वालों तथा अन्य सेवाएँ उपलब्ध कराने वालों की भीड़ होती है।

4. बच्चू माँझी शहर क्यों आया था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-91)
उत्तर बच्चू माँझी शहर में काम की तलाश में आया है। गाँव में वह मिस्त्री का काम करता था, परंतु उसे नियमित रूप से काम नहीं मिलता था जो कमाई होती थी वह परिवार के लिए पूरी नहीं पड़ती थी।

5. बच्चू अपने परिवार के साथ क्यों नहीं रह सकता? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-91)
उत्तर बच्चू माँझी गाँव से शहर में आया था और उसका परिवार गाँव में ही रहता था, इसलिए वह अपने परिवार के साथ नहीं रह सकता था।

6. किसी सब्ज़ी बेचने वाली या ठेले वाले से बात करिए और पता लगाइए कि वे अपना काम कैसे करते हैं-तैयारी, खरीदना, बेचना इत्यादि। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-91)
उत्तर सब्ज़ी बेचने वाले सुबह-सुबह थोक की मंडी से सब्जी खरीदकर लाते हैं। वे ज्यादा-से-ज्यादा प्रकार की सब्ज़ियाँ प्राप्त करने की कोशिश करते हैं ताकि सभी प्रकार के ग्राहकों की आवश्यकता को पूरा कर सके। – वे गली-गली आवाज लगाकर सब्ज़ियाँ बेचते हैं और शाम तक अपनी सारी सब्ज़ियाँ बेचने का प्रयास करते हैं।

7. बच्चू को एक दिन की छुट्टी लेने से पहले भी सोचना पड़ता है। क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-91)
उत्तर बच्चू माँझी रिक्शा चलाकर एक दिन में 80 से 100 रुपये कमा लेता है जिस दिन वह छुट्टी करता है तो उस दिन कमाई नहीं हो पाती है जिससे उसे 80 से 100 रुपये का नुकसान हो जाता है। यदि वह छुट्टी करेगा। तो पैसा बचाकर अपने गाँव परिवार के लिए पैसा भी नहीं भेज पाएगा।

8. वंदना और हरप्रीत ने एक बड़ी दुकान क्यों शुरू की? उनको यह दुकान चलाने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-93)
उत्तर वंदना और हरप्रीत ने एक बड़ी दुकान शुरू की है। इस दुकान पर उन्होंने काम भी बदला है और रेडीमेड कपड़ों की दुकान शुरू की है, क्योंकि आजकल लोग कपड़े सिलवाने की अपेक्षा सिले-सिलाए कपड़े खरीदना पसंद करते हैं। वंदना एक ड्रेस डिजायनर भी है। इस शोरूम को चलाने के लिए उन्हें अलग जगहों पर समान खरीदना पड़ता है। कुछ कपड़े विदेशों से भी मँगवाने पड़ते हैं। शोरूम को सही रूप से चलाने के लिए उन्हें विभिन्न अखबारों में, सिनेमा हॉल में, टेलीविजन और रेडियो चैनल पर विज्ञापन देने पड़ते हैं ताकि लोगों को इसके बारे में पता चले। वे रेडिमेड कपड़ों को आकर्षक रूप से सजाकर रखते हैं।

9. एक बड़ी दुकान के मालिक से बात कीजिए और पता लगाइए कि वे अपने काम की योजना कैसे बनाते हैं? क्या पिछले बीस सालों में उनके काम में कोई बदलाव आया है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-93)
उत्तर एक बड़ी दुकान के मालिक अपने सामान को अलग-अलग स्थानों से खरीदते हैं ताकि सामान में विभिन्नता आ सके। इसके लिए वह योजना बनाते हैं किन-किन स्थानों से सामान खरीदना है ताकि ग्राहकों को विविधता उपलब्ध कराई जा सके। वे अपने सामान के विषय में विभिन्न माध्यमों से विज्ञापन भी देते हैं ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को अपनी दुकान के बारे में जानकारी दे सकें। पिछले बीस वर्षों में उनके काम में काफी बदलाव आया है ग्राहकों की संख्या बढ़ी है तथा ग्राहकों की पसंद में बदलाव आया है दुकानों की संख्या बढ़ी है, दुकानों के बीच प्रतियोगिता बढ़ी है।

10. जो बाज़ार में समान बेचते हैं और जो सड़कों पर सामान बेचते हैं, उनमें क्या अंतर है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-93)
उत्तर
बाजार में सामान बेचने वाले –

  1. बाजार में सामान बेचने के लिए छोटी तथा बड़ी दुकानें होती हैं।
  2. बाज़ार में दुकानें पक्की होती है जिनके पास व्यापार करने का लाइसेंस होता है।
  3. बाज़ार में दुकानों पर अलग-अलग चीजें बेची जाती हैं।
  4. ज्यादातर व्यापारी अपनी दुकान खुद सँभालते हैं और कभी-कभी वे कई लोगों को सहायक या मैनेजर के रूप में भी रख लेते हैं।

सड़क पर सामान बेचने वाले –

  1. सड़क पर सामान बेचने वालों की दुकान खंभों पर तिरपाल या प्लास्टिक चढ़ाकर बनाई जाती है। यह अस्थायी दुकान होती है।
  2. ये अपने ठेले या सड़क की पटरी पर प्लास्टिक बिछाकर भी काम चलाते हैं।
  3. सड़कों पर बनी इन अस्थायी दुकानों को पुलिस कभी भी हटाने के लिए कह सकती है।
  4. सड़क पर सामान बेचने वाले स्वयं अपने परिवार के साथ मिलकर सामान बनाते हैं या स्थानीय रूप से ही यह सामान बनाया जाता है।

11. आपको क्या लगता है कि फैक्ट्रियाँ या छोटे कारखाने मजदूरों को अनियमित रूप से काम पर क्यों रखते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर फैक्ट्रियाँ या छोटे कारखाने मजदूरों को अनियमित काम पर इसलिए रखते हैं ताकि उन्हें अधिक-से अधिक लाभ हो सके। जब मालिक को बहुत सारा काम मिलता है या फिर किसी विशेष मौसम में काम मिलता है तो उन्हें कारीगरों या मज़दूरों की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में वे उन्हें काम पर रख लेते हैं और जब काम की कमी होती है तो उन्हें हटा दिया जाता है।

12. निर्मला जैसे मजदूरों की काम करने की परिस्थितियों का निम्न के आधार पर विवरण दीजिए, काम के घंटे, कमाई, काम करने की जगह व सुविधाएँ, साल भर में रोजगार के दिनों की संख्या। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर निर्मला जैसे मजदूरों की काम करने की परिस्थितियाँ –

  1. काम के घंटे – मजदूरों को सुबह 9 बजे से रात के 10 बजे तक काम करना पड़ता है। उनके कामके घंटे अधिक होते हैं। उन्हें सप्ताह में छः दिन काम करना पड़ता है और यदि काम अधिक है तो रविवार को भी काम करना पड़ता है।
  2. कमाई – रोजना आठ घंटे काम करने के 80 रुपये मिलते हैं और अतिरिक्त 40 रुपये देर तक काम करने का मिलता है।
  3. काम करने की जगह व सुविधाएँ – लोग छोटे से कमरे में मशीनों पर काम करते हैं। उन्हें किसी भी प्रकार की सुविधाएँ नहीं प्राप्त होती हैं। अगर कारीगर परिस्थितियों के बारे में शिकायत करते हैं तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। अगर कोई बुरा व्यवहार करे तो उनके बचाव के लिए कुछ नहीं होता है।

सालभर में रोजगार के दिनों की संख्या – अधिकतर कारीगर या मज़दूर अनियमित रूप से काम करते हैं। सालभर में करीब 8 महीने उनके पास काम होता है बाकी के करीब 4 महीने उनके पास काम नहीं रहता है।

13. क्या आप यह मानेंगे कि दूसरों के घरों में काम करने वाली महिलाएँ भी अनियमित मज़दूरों की श्रेणी में आती हैं, क्यों? एक ऐसी कामगार महिला के दिनभर के काम का विवरण दीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर दूसरों के घरों में काम करने वाली महिलाएँ भी अनियमित मजदूरों की श्रेणी में आती हैं, क्योंकि उन्हें कभी भी हटाया जा सकता है, या बदला जा सकता है। कामगार महिलाएँ लोगों के घरों में काम करने आती हैं। और वे सारा काम सँभालती है; जैसे-घर की सफाई, कपड़े धोना, खाना बनाना, बर्तन धोना आदि। दोपहर में अधिक काम न होने के कारण वे आराम कर सकती हैं। सारा काम लगभग रात 10 बजे खत्म होता है।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. नीचे लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों की जिंदगी का विवरण दिया गया है। इसे पढ़िए और आपस में चर्चा कीजिए कि लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के जीवन की क्या स्थिति है?
लेबर चौक पर जो मज़दूर रहते हैं उनमें से ज्यादातर अपने रहने की स्थायी व्यवस्था नहीं कर पाते और इसलिए वे चौक के पास फुटपाथ पर सोते हैं या फिर पास के रात्रि विश्राम गृह (रैन बसेरा) में रहते हैं। इसे नगरनिगम चलाता है और इसमें छः रुपया एक बिस्तर का प्रतिदिन किराया देना पड़ता है। सामान की सुरक्षा का कोई इंतज़ाम न रहने के कारण वे वहाँ के चाय या पान-बीड़ी वालो की दुकानों को बैंक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उनके पास वे पैसा जमा करते हैं और उनसे उधार भी लेते हैं। वे अपने औज़ारों को रात में उनके पास हिफाजत के लिए छोड़ देते हैं। दुकानदार मजदूरों के सामान की सुरक्षा के साथ ज़रूरत पड़ने पर उन्हें कर्ज भी देते हैं। स्रोत : हिंदू ऑन लाइन, अमन सेठी
उत्तर लेबर चौक पर आने वाले मजदूरों के पास स्थायी काम नहीं होता है। वे दिहाड़ी मज़दूर होते हैं और विभिन्न तरह का काम करते हैं; जैसे-मकान बनाने का काम करने वाले राजमिस्त्री, घरों में रंग पेंट करने वाले मिस्त्री, फनीचर का काम करने वाले मिस्त्री, पलम्बर का काम करने वाले, वजन उठाने या खुदाई का काम करने वाले मजदूर इत्यादि। स्थायी काम न होने के कारण गरीबी में जीवन व्यतीत करते हैं। इनके रहने और खाने की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं होती है और जिसे काम नहीं मिलता है उसे पूरा दिन लेबर चौक पर ही बैठे रहना पड़ता है और शाम को खाने के लिए उधार लेना पड़ता है और जब कई दिनों तक लगातार काम नहीं मिलता है तो कभी-कभी भूखे पेट भी सोना पड़ता है। इनके साथ कार्य स्थलों पर अच्छा व्यवहार नहीं किया जाता है। निश्चित समय से अधिक समय तक काम करवाया जाता है और सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी से कम मज़दूरी दी जाती है। इस प्रकार इनका जीवन काफी कठिन होता है।

2. निम्नलिखित तालिका को पूरा कीजिए और उनका काम किस तरह से अलग है इसका वर्णन कीजिए।

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 3

उत्तर

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 4

3. एक स्थायी और नियमित नौकरी अनियमित काम से किस तरह से अलग है?
उत्तर एक स्थायी और नियमित नौकरी करने वाले की एक निश्चित मासिक आय होती है। स्थायी कर्मचारी होने के कारण विभिन्न प्रकार की सुविधाएँ भी मिलती हैं; जैसे- भविष्य निधि, छुट्टियाँ, परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ, मकान या मकान का किराया इत्यादि। काम करने का निश्चित समय और घंटे निश्चित होते हैं, जबकि अनियमित कर्मचारी की मासिक आय निश्चित नहीं होती है। वह जितने दिन काम करता है उतने दिनों का पैसा मिलता है कोई निश्चित छुट्टी नहीं होती है। किसी भी प्रकार की सुविधाएँ नहीं मिलती हैं। काम समय और घंटे निश्चित नहीं होते हैं। काम की भी सुरक्षा नहीं होती है।

4. सुधा को अपने वेतन के अलावा और कौन-से लाभ मिलते हैं?
उत्तर सुधा को वेतन के अलावा निम्नलिखित लाभ मिलते हैं

  1. रविवार और राष्ट्रीय अवकाश छुट्टियाँ।
  2. वार्षिक छुट्टियाँ।
  3. परिवार के लिए चिकित्सा सुविधाएँ और बीमार होने पर चिकित्सा अवकाश।
  4. भविष्य निधि की सुविधा।

5. नीचे दी गई तालिका में अपने परिचित बाज़ार की दुकानों या दफ्तरों के नाम भरें कि वे किस प्रकार की चीजें या सेवाएँ मुहैया कराते हैं?

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 5

उत्तर

NCERT Solutions for Class 6 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 6

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. फेरीवाले अपना काम कैसे चलाते हैं? [क्रिया विशेषण]
उत्तर: फेरीवाले अपना काम खुद करते हैं। वे अपना काम खुद व्यवस्थित करते हैं। वे जानते हैं कि कितना सामान खरीदना है, साथ ही अपनी दुकानें कहाँ और कैसे लगानी हैं। उनकी दुकानें आमतौर पर अस्थायी होती हैं। कभी-कभी बस कुछ तख्ते या कागज़ फेंके हुए बक्सों पर बिछा दिए जाते हैं या कुछ खंभों पर कैनवास की चादरें टंगी होती हैं। वे अपनी गाड़ियाँ भी इस्तेमाल कर सकते हैं या फुटपाथ पर बस प्लास्टिक की चादर बिछा सकते हैं। पुलिस कभी भी उनसे अपनी दुकानें हटाने के लिए कह सकती है।

2. आकस्मिक नौकरियों की कुछ कमियाँ बताइए। [V. Imp.]
उत्तर: • आकस्मिक नौकरियों में, कर्मचारियों से अपने वेतन या काम करने की
स्थिति के बारे में शिकायत करने की उम्मीद नहीं की जाती है। अगर वे ऐसा करने की हिम्मत करते हैं, तो उन्हें तुरंत नौकरी छोड़ने के लिए कह दिया जाता है।

  • यदि दुर्व्यवहार हो तो आकस्मिक नौकरियां सुरक्षा प्रदान नहीं करती हैं।
  • अस्थायी श्रमिकों से लम्बे समय तक काम करने की अपेक्षा की जाती है।
  • भले ही वे शिकायत न करें, लेकिन कार्यभार कम होने पर उन्हें जाने के लिए कहा जा सकता है।

3. सुधा क्या काम करती हैं?
उत्तर: सुधा एक बिस्कुट बनाने वाली कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम करती हैं। बिस्कुट बनाने का कारखाना शहर के बाहर है। सुधा 50 सेल्सपर्सन के काम की देखरेख करती हैं जो शहर के अलग-अलग हिस्सों में जाते हैं। वे दुकानदारों से ऑर्डर लेते हैं और उनसे भुगतान लेते हैं। उन्होंने शहर को छह क्षेत्रों में बाँट रखा है और हफ़्ते में एक बार वह हर क्षेत्र के सेल्सपर्सन से मिलती हैं। वह उनकी प्रगति रिपोर्ट देखती हैं और उनके सामने आने वाली समस्याओं पर चर्चा करती हैं। उन्हें पूरे शहर में बिक्री की योजना बनानी पड़ती है और अक्सर उन्हें देर रात तक काम करना पड़ता है और अलग-अलग जगहों पर जाना पड़ता है।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. सड़कों पर की जाने वाली कुछ गतिविधियों के नाम बताइए।
उत्तर:  ठेला लगाना, बाल काटना, जूते ठीक करना, फूल बेचना आदि । 

2. अहमदाबाद शहर के एक सर्वेक्षण में क्या पाया गया?                                                [वी. इम्प.]
उत्तर:  अहमदाबाद शहर के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि शहर के सभी श्रमिकों में से 12 प्रतिशत लोग सड़क पर काम करने वाले लोग थे । 

3. विक्रेता आमतौर पर किस तरह की चीज़ें बेचते हैं?
उत्तर:  विक्रेता आमतौर पर ऐसी चीज़ें बेचते हैं जिन्हें अक्सर उनके परिवार वाले घर पर ही  तैयार करते हैं, जो उन्हें खरीदते हैं, साफ़ करते हैं, छाँटते हैं और बेचने के लिए तैयार करते हैं।

4. हाल तक स्ट्रीट वेंडिंग को किस नज़र से देखा जाता था?
उत्तर: हाल तक स्ट्रीट वेंडिंग को केवल यातायात और पैदल चलने वाले लोगों के लिए एक बाधा के रूप में देखा जाता था।

5. अब इसे एक सामान्य लाभ और लोगों के आजीविका कमाने के अधिकार के रूप में देखा जाता है
। 

6. व्यवसायियों की दो विशेषताएँ बताइए।                                                                [महत्वपूर्ण]
उत्तर: (i) वे अपनी दुकान या व्यवसाय के मालिक होते हैं।
(ii) वे कई श्रमिकों को पर्यवेक्षक और सहायक के रूप में नियुक्त करते हैं।

7. स्थायी दुकानों के लिए क्या आवश्यक है?                                                         [वि. महत्व]
उत्तर: उनके पास व्यापार करने के लिए लाइसेंस होना चाहिए।

8.  'मजदूर चौक' को परिभाषित कीजिए।
उत्तर: मजदूर चौक वह स्थान है जहाँ दिहाड़ी मजदूर अपने औजारों के साथ लोगों के आने और उन्हें काम पर रखने का इंतज़ार करते हैं।

9. एक कपड़ा कारखाने में सामान्य कार्य दिवस क्या होता है?
उत्तर: एक कपड़ा कारखाने में सामान्य कार्य दिवस सुबह 9 बजे शुरू होता है और रात 10 बजे तक समाप्त होता है।

10. कॉल सेंटर क्या है? [V. Imp.]
उत्तर:  कॉल सेंटर एक केंद्रीकृत कार्यालय है जो उपभोक्ताओं/ग्राहकों की खरीदी गई वस्तुओं और बैंकिंग, टिकट बुकिंग आदि जैसी सेवाओं से संबंधित समस्याओं और प्रश्नों का समाधान करता है।

11. स्थायी नौकरियों की दो विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:  • स्थायी नौकरी करने वाले पुरुषों को हर महीने नियमित वेतन, भत्ते और अन्य लाभ मिलते हैं।

  • वे उम्मीद कर सकते हैं कि उनकी नौकरी लम्बे समय तक जारी रहेगी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. शहरी क्षेत्रों में आजीविका कमाने के विभिन्न तरीके क्या हैं? चर्चा करें। [V. Imp.]
उत्तर: शहरी क्षेत्रों में लोग अपनी जीविका कमाने के लिए कई तरह की गतिविधियों में लगे हुए हैं। कुछ मोची का काम कर रहे हैं जबकि कुछ नाई हैं जो अपने काम में व्यस्त हैं। कई लोग रिक्शा चलाकर अपनी आजीविका कमाते हैं। यहां और वहां विक्रेता घरेलू सामान बेचते हुए भी दिखाई देते हैं। शहरी क्षेत्रों में विभिन्न वस्तुओं के शोरूम देखे जा सकते हैं। ये शोरूम व्यवसायियों द्वारा चलाए जाते हैं। ये लोग अपने शोरूम के लिए पर्यवेक्षकों और सहायकों के रूप में कई श्रमिकों को नियुक्त करते हैं। कई शहरी लोग कारखानों में लगे हुए हैं जहाँ वे लंबे समय तक काम करते हैं। उनके पास नौकरी की सुरक्षा नहीं है फिर भी वे अपना काम जारी रखते हैं क्योंकि उनके पास अन्य विकल्प नहीं है। लेकिन ऐसे लोग भी हैं जो पूरी नौकरी की सुरक्षा के साथ कार्यालय का काम करते हैं।

बड़े शहरों में कॉल सेंटर में काम करना रोज़गार का एक नया रूप है। इसने बड़ी संख्या में युवाओं और महिलाओं को आकर्षित किया है। इस प्रकार, हम देखते हैं कि बढ़ती आबादी के साथ-साथ रोज़गार के अवसर भी बढ़े हैं और लोग अपनी प्रतिभा और योग्यता के अनुसार इन अवसरों का लाभ उठा रहे हैं।

2. 'कॉल सेंटर' पर संक्षेप में लिखें।
उत्तर: बड़े शहरों में कॉल सेंटर युवा और उत्साही पुरुषों और महिलाओं को रोज़गार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। कॉल सेंटर एक केंद्रीकृत कार्यालय होता है जो उपभोक्ताओं/ग्राहकों की खरीदी गई वस्तुओं और बैंकिंग, टिकट बुकिंग आदि जैसी सेवाओं से संबंधित समस्याओं और प्रश्नों का समाधान करता है। कॉल सेंटर आमतौर पर बड़े कमरों में स्थापित किए जाते हैं जिनमें कंप्यूटर, टेलीफोन सेट और पर्यवेक्षकों के लिए कार्य केंद्र होते हैं।
भारत न केवल भारतीय कंपनियों के लिए, बल्कि विदेशी कंपनियों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बन गया है। वे यहाँ कॉल सेंटर इसलिए स्थापित करते हैं क्योंकि उन्हें ऐसे लोग मिल जाते हैं जो अंग्रेजी बोल सकते हैं और कम वेतन पर काम कर सकते हैं।

I.बहुविकल्पीय प्रश्न

नीचे दिए गए कथनों को पूरा करने के लिए सही विकल्प चुनें:

(i)  वंदना एक ............... है
(a) डॉक्टर (b) सेल्स मैनेजर
(c) ड्रेस डिजाइनर (d) डेंटिस्ट

(ii)  स्थायी दुकानों को लाइसेंस जारी करने वाला प्राधिकरण है
(a) नगर निगम (b) बिजली विभाग


(सी) गृह मंत्रालय (डी) उपरोक्त में से कोई नहीं।

(iii) निर्मला एक ............... में काम करती है।
(a) शोरूम (b) गारमेंट फैक्ट्री
(c) कंपनी (d) कॉल सेंटर।

(iv) आकस्मिक आधार पर नियोजित श्रमिकों को आमतौर पर …………………… मिलता है।
(a) अच्छा वेतन (b) कम वेतन
(c) चिकित्सा अवकाश (d) (a) और (b) दोनों।

(v)  विदेशी कम्पनियाँ आमतौर पर भारत में कॉल सेंटर स्थापित करती हैं क्योंकि
(a) उन्हें कम वेतन पर काम करने वाले लोग मिल सकते हैं
(b) उन्हें अंग्रेजी बोलने वाले लोग मिल सकते हैं
(c) उन्हें केंद्र स्थापित करने के लिए सस्ती जमीन मिल सकती है
(d) (a) और (b) दोनों।

उत्तर: (i)—(c), (ii)—(a), (iii)—(b), (iv)—(b), (v)—(d).

II.रिक्त स्थान भरें

प्रत्येक वाक्य को पूरा करने के लिए रिक्त स्थान को उपयुक्त शब्दों से भरें:

(i) देश में लगभग ……… स्ट्रीट वेंडर हैं जो ………………… में काम करते हैं।
(ii) सरकारी विभागों में काम करने वालों को हर महीने ……………….. वेतन मिलता है।
(iii) यह ………. ही तय करता है कि सप्ताह के किस दिन बाजार बंद रहना है।
(iv) ………. शहरों में कॉल सेंटर लोगों को रोजगार का एक नया रूप प्रदान करते हैं।
(v) स्ट्रीट वेंडिंग को अब एक सामान्य लाभ के रूप में और लोगों के लिए अपनी …………… कमाने के ………………… के रूप में मान्यता प्राप्त है।

उत्तर: (i) एक करोड़, शहरी (ii) नियमित (iii) नगर निगम
(iv) बड़ा (y) अधिकार, आजीविका।

III.सत्य/असत्य

बताइये कि ये वाक्य सत्य (T) हैं या असत्य (F)।

(i) शहर में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर काम करते हैं।
(ii) सड़कों पर दुकानें आमतौर पर अस्थायी संरचनाएं होती हैं।
(iii) कॉल सेंटर आमतौर पर छोटे शहरों में देखे जाते हैं।
(iv) अस्थायी कर्मचारी अपने वेतन या काम करने की स्थिति के बारे में शिकायत कर सकते हैं।
(v) स्थायी कर्मचारियों को केवल चिकित्सा सुविधाएं मिलती हैं।

उत्तर: (i)—T, (ii)—T, (iii)—F, (ziv)—F, (v)—F.

IV. मिलान कौशल

कॉलम A में दिए गए आइटमों का कॉलम B में दिए गए आइटमों से सही मिलान करें।

कॉलम A                                                                   कॉलम B

(i) हरप्रीत और वंदना                        (a) मार्केटिंग मैनेजर के रूप में काम करती हैं
(ii) बच्चू मांझी                                  (b) दर्जी के रूप में काम करती हैं
(iii) सुधा                                         (c) व्यवसायी
(iv) निर्मला                                      (d) राजमिस्त्री के सहायक के रूप में काम करती हैं
(v) दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी            (e) रिक्शा चालक
उत्तर: (i)—(c), (ii)—(e), (iii)—(a), (iv)—(b), (v)—(d)।

Previous Post Next Post