NCERT Class 7 Hindi Chapter 10 मीरा के पद
NCERT Class 7th Hindi Chapter 10 मीरा के पद Question Answer
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (★) बनाइए । कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।

प्रश्न 1.
“बसो मेरे नैनन में नंदलाल” पद में मीरा किनसे विनती कर रही हैं ?
- संतों से
- भक्तों से
- वैजंती से
- श्रीकृष्ण से
उत्तर:
- श्रीकृष्ण से
प्रश्न 2.
“बसो मेरे नैनन में नंदलाल ” पद का मुख्य विषय क्या है?
- प्रेम और भक्ति
- प्रकृति की सुंदरता
- युद्ध और शांति
- ज्ञान और शिक्षा
उत्तर:
- प्रेम और भक्ति

प्रश्न 3.
“बरसे बदरिया सावन की ” पद में कौन-सी ऋतु का वर्णन किया गया है ?
- सर्दी
- गरमी
- वर्षा
- वसंत
उत्तर:
- वर्षा
प्रश्न 4.
“बरसे बदरिया सावन की” पद को पढ़कर ऐसा लगता है, जैसे मीरा-
- प्रसन्न हैं।
- दुखी हैं।
- उदास हैं।
- चिंतित हैं।
उत्तर:
- प्रसन्न हैं।
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग- अलग उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
- इस प्रश्न के उचित विकल्प के रूप में मैंने चौथे विकल्प को चुना है क्योंकि मेरे अनुसार इसका सही विकल्प यही है क्योंकि मीरा श्रीकृष्ण से अपने नैनों में बसने की विनती कर रही हैं।
- इस प्रश्न के सही विकल्प के तौर पर मैंने पहले विकल्प को चुना है। मीराबाई ने श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य भक्ति प्रकट की है, जो पाठ में आए प्रथम पद में भी झलकती है। अन्य विकल्प इसके लिए सटीक नहीं बैठते ।
- सावन के मौसम में अत्यधिक वर्षा होती है, इसलिए इस प्रश्न का उचित विकल्प मैंने वर्षा के रूप में चुना है।
- पाठ में दिए दूसरे पद में वर्षा ऋतु के आने पर मीराबाई के मन में श्रीकृष्ण के आने की संभावना जगने के कारण वे प्रसन्न ही होंगी। इसलिए मेरे द्वारा इस प्रश्न का पहला विकल्प चुना गया है।
मिलकर करें मिलान
• पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।
उत्तर:
1. – 4
2. – 3
3. – 2
4. – 1
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें पढ़कर आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए ।
(क) “नन्हीं नन्हीं बूँदन मेहा बरसे, शीतल पवन सोहावन की।।”
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति में प्रकृति के सौंदर्य और भक्ति को दर्शाया गया है। । इस पंक्ति द्वारा वर्षा और शीतल हवा के माध्यम से मीराबाई के अंतर्म की स्थिति व्यक्त हुई है। जैसे वर्षा और शीतल हवा से धरती पुलकित हो उठती है, वैसे ही मीराबाई के मन में प्रभु श्रीकृष्ण से मिलने की आशा पुलकित हो रही है।
(ख) “मीरा के प्रभु संतन सुखदाई, भक्त वछल गोपाल।।”
उत्तर:
दी गई इस पंक्ति में मीराबाई अपने आराध्य श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान कर रही हैं। वे कहती हैं कि मेरे प्रभु सच्चे भक्तों को अपनाकर उन्हें सुख प्रदान करते हैं और उनकी हर पीड़ा दूर करते हैं। वे प्रेम और करुणा के सागर हैं और अपने भक्तों पर अत्यंत स्नेह रखते हैं।
सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-
(क) पहले पद में श्रीकृष्ण के बारे में क्या-क्या बताया गया है?
उत्तर:
मीराबाई के इस पद में उनके आराध्य श्रीकृष्ण के रूप, गुण तथा भक्तों के प्रति उनके अनन्य स्नेह को अत्यंत सुंदर और भावपूर्ण तरीके से वर्णित किया गया है।
उनका रूप मोहक तथा सूरत साँवली है। उनके नेत्र विशाल तथा करुणामयी हैं। उनके होठों पर अमृत रस बरसाने वाली मुरली सुशोभित है। हृदय पर वैजयंती पौधे के बीजों की माला सज रही है। उनकी कमर पर छोटी-छोटी घंटियों वाली करधनी शोभायमान है तथा पैरों पर मन को मोहने वाले मधुर ध्वनि करने वाले घुँघरू बँधे हैं। वे भक्तों पर अपार स्नेह रखने वाले मीरा के आराध्य प्रभु हैं।
(ख) दूसरे पद में सावन के बारे में क्या-क्या बताया गया है?
उत्तर:
दूसरे पद में अत्यंत मनमोहक, आनंददायक और भावनात्मक रूप से सावन को चित्रित किया गया है। सावन का वर्णन न केवल प्राकृतिक रूप से किया गया है अपितु इसे भक्ति और श्रीकृष्ण की प्रतीक्षा से भी जोड़कर देखा गया है। सावन में बादल छा जाते हैं और वर्षा होने लगती है। यह ऋतु मन को आनंदित करती है। सावन के दौरान बादल उमड़ते-घुमड़ते सभी दिशाओं से आ जाते हैं। इस समय बिजली भी कड़कती रहती है, बारिश की नन्हीं-नन्हीं बूँदों की झड़ी लग जाती है तथा ठंडी – शीतल हवा बहती हुई सुहावनी लगती है।
कविता की रचना
“मीरा के प्रभु संतन सुखदाई”
“मीरा के प्रभु गिरधरनागर”
इन दोनों पंक्तियों पर ध्यान दीजिए। इन पंक्तियों में मीरा ने अपने नाम का उल्लेख किया है। मीरा के समय के अनेक कवि अपनी रचना के अंत में अपने नाम को सम्मिलित कर दिया करते थे। आज भी कुछ कवि अपना नाम कविता में जोड़ देते हैं।
आप ध्यान देंगे तो इस कविता में आपको ऐसी अनेक विशेषताएँ दिखाई देंगी। (जैसे- कविता में छोटी-छोटी पंक्तियाँ हैं। श्रीकृष्ण के लिए अलग-अलग नामों का प्रयोग किया गया है आदि ।)
(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की विशेषताओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
- लघु पंक्तियों के कारण लय और संगीतात्मकता है।
- देशज और लोकभाषा के शब्दों का प्रयोग किया गया है।
- पदों की पंक्तियाँ तुकांत शब्दों से समाप्त होती हैं।
- शब्दों के माध्यम से दोनों पदों में दृश्य प्रस्तुति प्रतीत होती है।
- अलंकारों का प्रयोग किया गया है।
(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने समूह की सूची को सबके साथ साझा करेंगे।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-

(क) मान लीजिए कि बादलों ने मीरा को श्रीकृष्ण के आने का संदेश सुनाया है। आपको क्या लगता है कि उन्होंने क्या कहा होगा? कैसे कहा होगा?
उत्तर:
बादलों ने अपनी गड़गड़ाहट के साथ मीरा को श्रीकृष्ण के आने का संदेश दिया होगा कि – मीरा, प्रभु बस थोड़ी देर में आ जाएँगे। हम यहाँ आकर मात्र तुम्हें संकेत दे रहे हैं। अपने आने की बात उन्होंने स्वयं हमसे कही थी। हमारे द्वारा बरसाई गई बूँदें तुम्हारे मन- मंदिर में उमंग की किरण बनकर तुम्हें पुलकित करने आई हैं। मीरा, उठो और अपने द्वार सजा लो क्योंकि तुम्हारे प्रभु अब अधिक दूर नहीं हैं।
(ख) यदि आपको मीरा से बातचीत करने का अवसर मिल जाए तो आप उनसे क्या-क्या कहेंगे और क्या-क्या पूछेंगे ?
उत्तर:
मैं मीरा से कहूँगी कि आपके पदों को गाकर या सुनकर हम सभी का हृदय वर्तमान युग में भी मंत्रमुग्ध हो उठता है । आपने भक्ति को निर्भयता दी, कृष्ण – प्रेम को गहराई प्रदान की तथा आत्मा को ईश्वर से जोड़ने का प्रयास किया। कृष्ण-भक्ति के प्रति आपका निष्काम भाव हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।
मैं उनसे पूछँगी-
- आपके लिए भक्ति का क्या अर्थ है ?
- आप कविताएँ या पद सोचकर लिखती थीं या श्रीकृष्ण के प्रति भाव प्रकट करने हेतु वे स्वतः आपके भीतर से प्रस्फुटित होती थीं?
- क्या आपको कभी श्रीकृष्ण के प्रत्यक्ष दर्शन हुए?
- क्या ईश्वर के प्रति प्रेम में भी कोई ईर्ष्या या शिकायत हो सकती है?
- क्या आपको लगता है कि आज का व्यक्ति भी आपकी तरह की प्रभु-भक्ति दिखा सकता है?
शब्दों के रूप
अगले पृष्ठ पर शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों
और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।
(पाठ्यपुस्तक की पृष्ठ संख्या- 132 पर अगले पृष्ठ पर शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।)
(क) “मोहनि मूरति साँवरि सूरति, नैना बने विशाल।”
• इस पंक्ति में ‘साँवरि’ शब्द आया है। इसके स्थान पर अधिकतर ‘साँवली’ शब्द का प्रयोग किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं, जिन्हें आप कुछ अलग रूप में लिखते और बोलते होंगे। नीचे ऐसे ही कुछ अन्य शब्द दिए गए हैं। इन्हें आप जिस रूप में बोलते-लिखते हैं, उस तरह से लिखिए ।
- नैनन ……………..
- मेरा मनवा …………..
- सोभित …………
- आवन ………..
- भक्त वछल ……….
- दिश ……….
- मेहा …………..
उत्तर:
- नैनन – ‘नेत्र / नयन’
- मेरा मनवा – मेरा मन
- सोभित – ‘शोभित
- आवन – आना
- भक्त वछल – ‘भक्त’ वत्सल
- दिश – ‘दिशा’
- बदरिया – ‘बादल’
- मेहा – मेघ
कविता का सौंदर्य
“बरसे बदरिया सावन की ।”
• इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। क्या आपको कोई विशेष बात दिखाई थी ?
इस पंक्ति में ‘बरसे’ और ‘बदरिया’ दोनों शब्द साथ- साथ आए हैं और दोनों ‘ब’ वर्ण से शुरू हो रहे हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो इस पंक्ति में ‘ब’ वर्ण की आवृत्ति हो रही है। इस कारण यह पंक्ति और भी अधिक सुंदर बन गई है । पाठ में से इस प्रकार के अन्य उदाहरण ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
पाठ में आए ऐसे अन्य उदाहरण-
- मोहनि मूरति साँवरि सूरति
- मीरा के प्रभु संतन सुखदाई
- सावन में उमग्यो मेरो मनवा
- दामिन दम कै झर लावन की
- नन्हीं नन्हीं बूँदन मेहा बरसे
रूप बदलकर
• पाठ के किसी एक पद को एक अनुच्छेद के रूप में लिखिए। उदाहरण के लिए ‘सावन के बादल बरस रहे हैं…’ या ‘सावन की बदरिया बरसती है…’ आदि ।
उत्तर:
सावन के बादल बरस रहे हैं। सावन का मौसम मन को भाने वाला होता है। ऐसे आनंदमय समय में मीरा का मन भी उमंगित हो रहा है क्योंकि उन्हें श्रीकृष्ण के आने का आभास हो रहा है। चारों दिशाओं से आकर उमड़ते-घुमड़ते बादल छा गए है। इस दौरान बिजली भी बहुत तेज़ कड़क रही है। जैसे वह बारिश की झड़ी लगाने वाली हो। नन्हीं-नन्हीं बूँदों के रूप में मेघ बरस रहे हैं। साथ ही साथ ठंडी, शीतल हवा भी बह रही है। मीरा अपने प्रभु के मंगल आगमन के गीत गा रही हैं क्योंकि उनके लिए यह केवल सावन का मौसम भर नहीं, अपितु प्रभु से मिलने की अनुभूति है।
मुहावरे
“बसो मेरे नैनन में नंदलाल । ‘
नैनों या आँखों में बस जाना एक मुहावरा है, जब हमें कोई व्यक्ति या वस्तु इतनी अधिक प्रिय लगने लगती है कि उसका ध्यान हर समय मन में बना रहने लगता है तब हम इस मुहावरे का प्रयोग करते हैं, जैसे उसकी छवि मेरी आँखों में बस गई है। ऐसा ही एक अन्य मुहावरा है- आँखों में घर करना ।
• नीचे आँखों से जुड़े कुछ और मुहावरे दिए गए हैं। अपने परिजनों, साथियों, शिक्षकों, पुस्तकालय और इंटरनेट की सहायता से इनके अर्थ समझिए और इनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
- आँखों का तारा
- आँखों पर पर्दा पड़ना
- आँखों के आगे अँधेरा छाना
- आँख दिखाना
- आँख का काँटा
- आँखें फेरना
- आँख भर आना
- आँखें चुराना
- आँखों से उतारना
- आँखों में खटकना
उत्तर:
- आँखों का तारा – बहुत प्यारा
वाक्य- श्रेया अपने माता-पिता की आँखों का तारा है। - आँखों पर पर्दा पड़ना – सच्चाई या वास्तविकता न दिखना
वाक्य- नेता जी के झूठे वादों के कारण लोगों की आँखों पर पर्दा पड़ गया। - आँखों के आगे अँधेरा छाना – विपत्ति या दुख के समय घोर निराशा
वाक्य- नौकरी छूट जाने पर अमन की आँखों के आगे अँधेरा छा गया। - आँख दिखाना – क्रोध करना
वाक्य- अपनी ही दी हुई पुस्तक माँगने पर पायल ने मुझे आँख दिखा दी। - आँख का काँटा – बहुत खटकरना या अप्रिय लगना
वाक्य- अपने बुरे कामों के कारण तरुण अपने पिता की आँख का काँटा बना हुआ है। - आँखें फेरना- पहले जैसा व्यवहार न करना या उपेक्षा करना
वाक्य- कठिन समय में मोहित को अपने दोस्त प्रथम की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, तो उसने आँख फेर लीं। - आँख भर आना – आँखों में आँसू आंना
वाक्य – शिक्षिका के रिटायर होने पर विद्यार्थियों की आँख भर आईं। - आँखें चुराना – नज़रे बचाना, कतराना
वाक्य- सत्य का सामना करने का साहस न होने पर लोग प्रायः आँखें चुराते हैं। - आँखों से उतरना – किसी का पहले जैसा मान-सम्मान न रह जाना
वाक्य- जो पड़ोसी कभी हमारे आदर्श थे, वे आज नेता बनकर सबकी आँखों से उतर गए । - आँखों में खटकना – किसी का अप्रिय लगना वाक्य- जब से रिया को अध्यापिका ने कक्षा में सराहा है तब से वह प्रांजल की आँखों में खटक रही है।
पाठ से आगे
आपकी बात
(क) “बरसे बदरिया सावन की ”
- इस पद में सावन का सुंदर चित्रण किया गया है। जब आपके गाँव या नगर में सावन आता है तो मौसम में क्या परिवर्तन आते हैं? वर्णन कीजिए ।
- सावन की ऋतु में किस-किस प्रकार की ध्वनियाँ सुनाई देती हैं? इन ध्वनियों को सुनकर आपके मन में कौन-कौन सी भावनाएँ उठती हैं? आप कैसा अनुभव करते हैं? अपने अनुभवों के आधार पर बताइए।
(उदाहरण के लिए बिजली के कड़कने या बूँदों के टपकने की ध्वनियाँ ।) - वर्षा ऋतु
में आपको कौन-कौन सी गतिविधियाँ करने या खेल खेलने में आनंद आता है? - सावन के महीने में हमारे देश में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। आपके घर, परिसर या गाँव में सावन में कौन-कौन से त्योहार मनाए जाते हैं? किसी एक के विषय में अपने अनुभव बताइए ।
उत्तर:
- जब हमारे गाँव / नगर में सावन आता है तो मौसम में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं-
- ठंडी-ठंडी हवा बहती है और गरमी से बेहाल धरती और प्राणी राहत का अनुभव करते हैं।
- बारिश की बूँदों के ज़मीन पर गिरते ही आस-पास मिट्टी की सोंधी सोंधी खुशबू फैल जाती है।
- चारों और हरियाली दिखाई पड़ती है, जैसे- पेड़-पौधों को नया जीवन मिल गया हो ।
- नदियाँ/तालाब लबालब भर जाते हैं।
- आम की डालियों पर झूले पड़ जाते हैं, जिनपर स्त्रियाँ झूलती हुईं, सावन के गीत गाती हैं।
- सावन की ऋतु में निम्नलिखित ध्वनियाँ सुनाई पड़ती हैं, जैसे- बिजली का कड़कना, बूँदों का टपकना, बादलों की गड़गड़ाहट, पत्तों की सरसराहट, मेंढकों की टर्र-टर्र, झींगुरों की झुन-झुन, मोर की कैओं-कैओं आदि । इन ध्वनियों को सुनकर मैं प्रायः रोमांचित हो उठती हूँ। कभी-कभी भय का आभास करती हूँ। मेरा मन आनंदित तथा प्रफुल्लित हो जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे प्रकृति के कण-कण में संगीत के दर्शन हो रहे हों।
- वर्षा ऋतु में मुझे निम्नलिखित गतिविधियाँ करने या खेल खेलने में आनंद आता है-
- बारिश में नहाना
- बारिश के पानी में कागज़ की नावें तैराना
- खिड़की के पास बैठकर कोई कविता या कहानी लिखना
- घर के अन्य सदस्यों के साथ बारिश के गीतों पर आधारित अंत्याक्षरी खेलना आदि ।
- सावन के महीने में मेरे घर, परिसर या गाँव में कई त्योहार मनाए जाते हैं; जैसे- हरियाली तीज, रक्षाबंधन, नाग पंचमी, कृष्ण जन्माष्टमी आदि। रक्षाबंधन का मेरा अनुभव यह मेरा सबसे प्रिय त्योहार है। इस दिन मेरी दीदी मुझे राखी बाँधती हैं और मैं उन्हें अपने जेबखर्च से बचाए गए पैसों से कोई गिफ़्ट लाकर देता हूँ। पिछले रक्षाबंधन पर मैंने अपनी दीदी को एक अलार्म घड़ी दी थी क्योंकि वे बारहवीं कक्षा की परीक्षा देने वाली थीं। उस घड़ी को देखकर मेरी दीदी बहुत खुश हुईं।
(ख) “बसो मेरे नैनन में नंदलाल ”
इस पद में मीरा श्रीकृष्ण को ‘संतों को सुख देने वाला ‘ और ‘भक्तों का पालन करने वाला’ कहती हैं ।
1. क्या आपके जीवन में कोई ऐसा व्यक्ति है जो सदैव आपकी सहायता करता है और आपको आनंदित करता है? विस्तार से बताइए ।
2. कवयित्री ने पाठ में ‘नूपुर’ और ‘क्षुद्र घंटिका” जैसे उदाहरणों का प्रयोग किया है। किसी का वर्णन करने के लिए हम केवल बड़ी-बड़ी ही नहीं, बल्कि उससे जुड़ी छोटी-छोटी बातें भी बता सकते हैं। आप भी अपने आस-पास के किसी व्यक्ति या वस्तु का वर्णन करते हुए उससे जुड़ी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दीजिए और उन्हें लिखिए।
उत्तर:
1. मेरे जीवन में मेरी माता जी ऐसी व्यक्ति हैं जो सदैव मेरी मदद करती हैं और मुझे आनंदित करती हैं। वे मेरी हर बात समझती हैं। जब मैं विद्यालय में कुछ भूल जाती हूँ या किसी विषय में मेरे कम अंक आते हैं तो वे मुझे डाँटने के बजाय प्यार से समझाती हैं कि मैं अपने भीतर कैसे सुधार करूँ। मेरे बीमार होने पर वे मेरी बहुत अच्छे से देखभाल करती हैं। मेरी माँ मेरे साथ खेल भी खेलती हैं तथा मुझे घुमाने भी ले जाती हैं। वे मेरी सबसे अच्छी दोस्त हैं।
2. विद्यार्थी अपने आस-पास के किसी व्यक्ति या वस्तु जुड़ी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देते हुए उसका वर्णन करें।
सावन से जुड़े गीत
• अपने परिजनों, मित्रों, शिक्षकों, पुस्तकालय या इंटरनेट की सहायता से सावन में गाए जाने वाले गीतों को ढूँढ़िए और किसी एक गीत को अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए। आप सावन से जुड़ा कोई भी लोकगीत, खेलगीत, कविता आदि लिख सकते हैं। कक्षा के सभी समूहों द्वारा एकत्रित गीतों को जोड़कर एक पुस्तिका बनाइए और कक्षा के पुस्तकालय में उसे सम्मिलित कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।