NCERT Class 7 Hindi Chapter 7 वर्षा बहार
NCERT Class 7th Hindi Chapter 7 वर्षा बहार Question Answer
पाठ से
मेरी समझ से
(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उनके सामने तारा (★ ) बनाइए । कुछ प्रश्नों के एक से अधिक उत्तर भी हो सकते हैं।
प्रश्न 1.
इस कविता में वर्षा ऋतु का कौन-सा भाव मुख्य रूप से उभर कर आता है?
- दुख और निराशा
- आनंद और प्रसन्नता
- भय और चिंता
- क्रोध और विरोध
उत्तर:
- आनंद और प्रसन्नता
प्रश्न 2.
“नभ में छटा अनूठी” और “ घनघोर छा रही है ” पंक्तियों का उपयोग वर्षा ऋतु के किस दृश्य को व्यक्त करने के लिए किया गया है?
- बादलों के घिरने का दृश्य
- बिजली के गिरने का दृश्य
- ठंडी हवा के बहने का दृश्य
- आमोद छा जाने का दृश्य
उत्तर:
- बादलों के घिरने का दृश्य
प्रश्न 3.
कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है क्योंकि-
- कवि वर्षा को विशेष ऋतु मानता है।
- वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं।
- वर्षा सबके लिए सुख और संतोष लाती है।
- वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है।
उत्तर:
- वर्षा में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं । (★)
- वर्षा सबके लिए ‘सुख और संतोष लाती है । (★)
- वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है। (★)
प्रश्न 4.
“सारे जगत की शोभा, निर्भर है उसके ऊपर ” इस पंक्ति का क्या अर्थ है ?
- प्रकृति में सभी जीव-जंतु एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
- वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है।
- बादलों की सुंदरता से ही पृथ्वी की शोभा बढ़ती है।
- हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।
उत्तर:
- वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत है। (★)
- हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए। (★)
(ख) हो सकता है कि आपके समूह के साथियों ने अलग-
अलग या एक से अधिक उत्तर चुने हों। अपने मित्रों के
साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुनें?
उत्तर:
(1) मेरे अनुसार इस कविता में वर्षा ऋतु के आनंद और प्रसन्नता का भाव मुख्य रूप से उभर कर आया है। वर्षा होने पर प्रकृति में चारों ओर प्रसन्नता और आनंद छा जाता है। सभी जीव-जंतु प्रसन्न दिखाई देते हैं।
(2) मेरे अनुसार ‘नभ में छटा अनूठी’ और ‘घनघोर छा रही है’ पंक्तियों का उपयोग वर्षा ऋतु में बादलों के घिरने के दृश्य को व्यक्त करने के लिए किया गया है। जब बादल आकाश में घिर आते हैं तो आकाश में अनोखी घटा छा जाती है और अँधेरा-सा हो जाता है।
(3) मेरे अनुसार इस प्रश्न के तीन विकल्प चुनने का कारण यह है कि कविता में वर्षा को ‘अनोखी बहार’ कहा गया है क्योंकि वर्षा एक अद्भुत अनोखी प्राकृतिक घटना है। यह सबके लिए सुख और संतोष लाती है। वर्षा ऋतु में सभी जीव-जंतु सक्रिय हो जाते हैं। यह सभी को आनंदित करती है।
(4) मेरे अनुसार इस प्रश्न के दो विकल्प चुनने का कारण यह कि कि ‘सारे जगत की शोभा, निर्भर है उसके ऊपर’ पंक्ति का अर्थ है- धरती की सारी सुंदरता और हरियाली वर्षा पर ही निर्भर करती है। वर्षा पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्यत स्रोत है। यह न केवल प्रकृति को हरा-भरा करती है, बल्कि जीवों को भी नया जीवन देती है। इसलिए हमें वर्षा ऋतु से जगत की भलाई की प्रेरणा लेनी चाहिए।
(विद्यार्थी अपने मित्रों के साथ चर्चा करके बताएँगे कि उनके द्वारा विकल्प चुनने के क्या कारण हैं ।)
पंक्तियों पर चर्चा
पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपने समूह में साझा कीजिए और लिखिए-

(क) “फिरते लखो पपीहे, हैं ग्रीष्म ताप खोते
करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे।’
उत्तर:
वर्षा ऋतु आने पर पपीहों को गर्मी से राहत मिलती है तथा इधर-उधर उड़कर आनंद मनाने लगते हैं। वनों में सभी मोर आनंदित होकर नाचने लगते हैं अर्थात वर्षा का स्वागत करने लगते हैं।
(ख) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर
गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान – मनहर । ”
उत्तर:
वर्षा ऋतु के आने पर हंस पंक्तियों में चलने लगते हैं। हंसों की पंक्तियाँ प्रकृति की सुंदरता और अनुशासन को दर्शाती हैं। यह दृश्य बहुत सुंदर लगता है। किसान खेतों में प्रसन्नता से काम करने लगते हैं और मन को हरने वाले गीत गाने लगते हैं।
(विद्यार्थी पंक्तियों के अर्थ अपने समूह में साझा करें।)
मिलकर करें मिलान
• कविता में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे स्तंभ-1 में दी गई हैं, उनके भावार्थ स्तंभ -2 में दिए गए हैं। स्तंभ- 1 की पंक्तियों का स्तंभ -2 की उपयुक्त पंक्तियों से मिलान कीजिए-
उत्तर:
1. – 2
2. – 6
3. – 1
4. – 3
5. – 5
6. – 4
सोच-विचार के लिए
कविता को एक बार पुनः ध्यान से पढ़िए, पता लगाइए और लिखिए-

(क) कविता में कौन-कौन गीत गा रहे हैं और क्यों?
उत्तर:
कविता में मालिनें, मेंढक और किसान गीत गा रहे हैं। मालिनें इसलिए गीत गा रही हैं क्योंकि वर्षा ऋतु आने से बागों में हरियाली छा गई है और ठंडी हवा बह रही है, जिससे उनका मन प्रसन्न हो गया है। मेंढक इसलिए गीत गा रहे हैं क्योंकि वर्षा ऋतु उनका प्रिय समय होता है, इसलिए वे अपनी खुशी व्यक्त कर रहे हैं। किसान इसलिए गीत गा रहे हैं क्योंकि वर्षा ऋतु में किसान के खेतों को पानी मिलता है, जिससे फसलें अच्छी होती हैं। अतः वे आनंदित होकर गीत गा रहे हैं।
(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं” “तालों में जीव जलचर, अति हैं प्रसन्न होते ” दी गई दोनों पंक्तियों को ध्यान से पढ़िए। इनमें वर्षा के दो अलग-अलग दृश्य दर्शाए गए हैं। इन दोनों में क्या कोई अंतर है? क्या कोई संबंध है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
दी गई पंक्तियों में वर्षा ऋतु के दो अलग-अलग दृश्यों को दर्शाया गया है जो प्रकृति के दो रूपों को प्रदर्शित करते हैं- – प्रथम आकाश में होने वाली गतिविधि को और दूसरा धरती पर होने वाले उसके प्रभाव को । प्रथम पंक्ति में वर्षा ऋतु के आने की चेतावनी और ऊर्जा (बिजली और बादल) की चर्चा है तो दूसरी पंक्ति में वर्षा के आने के बाद की प्रसन्नता और ज़ीवन के उल्लास (जलचर की खुशी) को दिखाया गया है। दोनों दृश्यों में स्पष्ट संबंध हैं। पहला दृश्य कारण है और दूसरा उसका प्रभाव। एक ओर बादल गरज रहे हैं तो दूसरी ओर जीवन मुसकरा रहा है।
(ग) कविता में मुख्य रूप से कौन-सी बात कही गई है? उसे पहचानिए, समझिए और अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कविता में मुख्य रूप से यह बात कही गई है कि वर्षा ऋतु केवल प्रकृति के सौंदर्य को ही नहीं बढ़ाती है, बल्कि जीवन में नयापन और खुशहाली भी लाती है। वर्षा के आने से प्रकृति में ताज़गी, एवं नयापन ही नहीं आता है बल्कि यह सभी जीवों के जीवन में नई ऊर्जा और प्रसन्नता का संचार भी करती है।
(विद्यार्थी अपने विचार साझा करें। )
(घ) “खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है” इस पंक्ति को पढ़कर एक खिलते हुए गुलाब का सुंदर चित्र मस्तिष्क में बन जाता है। इस पंक्ति का उद्देश्य केवल गुलाब की सुंदरता को बताना है या इसका कोई अन्य अर्थ भी हो सकता है?
उत्तर:
‘खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है’ यह पंक्ति केवल गुलाब की सुंदरता और उसकी खुशबू को व्यक्त करने के लिए नहीं है, बल्कि यह प्रकृति के नवीनीकरण, जीवन की ताज़गी और प्रेम व सौंदर्य के प्रतीक के रूप में भी महत्वपूर्ण है। यह पंक्ति जीवन में खुशियों, प्रेम और सकारात्मक बदलाव के प्रतीक के रूप में भी समझी जा सकती है।
(ङ) कविता में से उन पंक्तियों को चुनकर लिखिए जिनमें सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख किया गया है, जैसे – ‘गीत गाना’, ‘नृत्य करना’ और ‘सुगंध फैलाना’ । इन गतिविधियों के आधार पर बताइए कि इस कविता का शीर्षक ‘वर्षा – बहार’ क्यों रखा गया है ?
उत्तर:
कविता की सकारात्मक गतिविधियों का उल्लेख करने वाली पंक्तियाँ हैं—
- बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब
- करते हैं नृत्यवन में, देखों ये मोर सारे
- खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है
कविता की ये सकारात्मक गतिविधियाँ हमें यह बताती हैं कि वर्षा बहार न केवल प्रकृति को सुंदर बनाती है बल्कि यह जीवन में खुशी, ऊर्जा और ताज़गी का अहसास भी कराती है।
कविता का शीर्षक ‘वर्षा – बहार’ इसलिए रखा गया है क्योंकि यह वर्षा के मौसम में आई खुशहाली और आनंद को प्रतिबिंबित करता है जो प्राकृतिक सौंदर्य और जीवों की प्रसन्नता का प्रतीक है।
अनुमान और कल्पना से
अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए-
(क) “सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर ” कविता में कहा गया है कि वर्षा पर सारे संसार की शोभा निर्भर है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर क्या-क्या प्रभाव पड़ सकता है?
उत्तर:
‘सारे जगत की शोभा, निर्भर है इसके ऊपर’ पंक्ति में कहा गया है कि वर्षा पर सारे संसार की शोभा निर्भर है। यह पंक्ति वर्षा के महत्व को दर्शाती है। वर्षा के अभाव में मानव जीवन और पशु-पक्षियों पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ सकता है। वर्षा नहीं होगी तो मनुष्य को जल, कृषि और स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, पशु-पक्षियों और वनस्पतियों का जीवन भी दूभर हो जाएगा वर्षा के बिना जीवन की कल्पना ही कठिन है। अतः वर्षा होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
(विद्यार्थी अपनी कल्पना के आधार पर उत्तर लिखें ।)

(ख) “बिजली चमक रही है, बादल गरज रहे हैं ” – बिजली चमकना और बादल का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं । इन घटनाओं का लोगों के जीवन पर क्या-क्या प्रभाव हो सकता है ?
(संकेत – आप सकारात्मक और नकारात्मक यानी अच्छे और बुरे, दोनों प्रकार के प्रभावों के बारे में सोच सकते हैं।)
उत्तर:
बिजली का चमकना और बादल का गरजना प्राकृतिक घटनाएँ हैं इसके कारण मानव जीवन और प्राकृतिक संतुलन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के प्रभाव पड़ सकते हैं। जब ये घटनाएँ वर्षा ऋतु का संकेत देती हैं तो ये प्राकृतिक जीवन के लिए जीवनदायिनी होती हैं। दूसरी ओर ये घटनाएँ भय, चिंता और प्राकृतिक आपदाओं का कारण भी बन सकती हैं।
सकारात्मक दृष्टिकोण से ये घटनाएँ प्राकृतिक ताज़गी और वृद्धि का संकेत है जबकि नकारात्मक दृष्टिकोण से ये आपत्ति और संकट का कारण बन सकती हैं।
(विद्यार्थी अपने अनुमान और कल्पना के आधार पर उत्तर लिखें।)
(ग) “करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे ” इस पंक्ति को ध्यान में रखते हुए वर्षा आने पर पक्षियों और जीवों की खुशी का वर्णन कीजिए। वे अपनी प्रसन्नता कैसे व्यक्त करते होंगे?
उत्तर:
‘करते हैं नृत्य वन में, देखो ये मोर सारे’ यह पंक्ति कविता में प्राकृतिक जीवन और प्रसन्नता को दर्शाती है जो वर्षा के आने पर उत्पन्न होती है। वर्षा आने पर मोर, पपीहा जैसे पक्षी खुश होकर नृत्य करते हैं तथा गाते हैं। मोर विशेष रूप से वर्षा के मौसम में अपने पंख फैलाकर नृत्य करने के लिए प्रसिद्ध हैं।
पपीहा, बुलबुल और अन्य छोटे पक्षी अपनी खुशी को अपनी मीठी आवाज़ों से व्यक्त करते हैं। मेंढक वर्षा की बूँदें गिरने पर सुरीले गीत गाने लगते हैं। हंस पानी में पंक्ति बनाकर चलते हुए बहुत सुंदर लगते हैं। वे वर्षा आने पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। इस प्रकार सभी पक्षियों और जीवों की खुशी को नृत्य, गीत उनके उत्साह और उमंग के रूप में व्यक्त किया गया है।
(विद्यार्थी अपनी कल्पना और अनुमान के आधार पर उत्तर लिखें।)
आपकी रचनाएँ
(क) कविता में वर्णन है कि मोर नृत्य कर रहे हैं और मेंढक सुगीत गा रहे हैं। इस दृश्य को अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
उत्तर:
वर्षा के आने पर मोर अत्यंत प्रसन्न हो कर नृत्य करने लगते हैं। अपने पंखों की फैलाकर तथा गरदन को ऊपर-नीचे करके अपनी खुशी व्यक्त करते हुए नृत्य करते हैं। ऐसा लगता है जैसे वे वर्षा का स्वागत कर रहा हों। दूसरी ओर मेंढक सुंदर गीत गाने लगते हैं। मेंढक टर्र-टर्र की ध्वनि निकालते हुए गीत गाते से प्रतीक होते हैं, जो पूरे वातावरण में गूँजता है ।
(विद्यार्थी स्वयं अपनी कल्पना के आधार पर उत्तर लिखें ।)
(ख) वर्षा से जुड़ी किसी प्राचीन कथा या लोककथा को इस कविता से जोड़कर एक कहानी तैयार कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं इस कविता से जोड़कर एक कहानी लिखने का प्रयास करें।
(ग) इस कविता से प्रेरणा लेकर एक चित्र बनाइए। उसमें आपने क्या-क्या बनाया है और क्यों?
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं कविता से प्रेरणा लेकर एक चित्र बनाएँ तथा उसमें क्या-क्या बनाया और क्यों बनाया, उसका कारण भी बताएँ।
कविता की रचना
“वर्षा – बहार सब के, मन को लुभा रही है”
इस पंक्ति में रेखांकित शब्दों पर ध्यान दीजिए। ‘वर्षा’ एक ऋतु का नाम है। ‘बहार’ ‘वसंत’ का दूसरा नाम है। यहाँ ‘वर्षा’ और ‘बहार’ को एक साथ दिया गया है जिससे वर्षा ऋतु की सुंदरता को स्पष्ट किया जा सके।
इस कविता में ऐसी ही अन्य विशेषताएँ छिपी हैं, जैसे- कविता की कुछ पंक्तियाँ सरल वाक्य के रूप में ही हैं तो कुछ में वाक्य संरचना सरल नहीं है।
• अपने समूह के साथ मिलकर इस कविता की अन्य विशेषताओं की सूची बनाइए । अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए ।
उत्तर:
‘वर्षा-बहार’ कविता की अन्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- इस कविता में वर्षा के मौसम की सुंदरता और वर्षा के सकारात्मक प्रभावों का चित्रण किया गया है।
- कविता में जीवों, पक्षियों और पौधों की खुशी व उल्लास का वर्णन किया गया है।
- प्राकृतिक सौंदर्य; जैसे- बूँदों का गिरना, बादलों की गड़गड़ाहट और जंगल की ताज़गी का वर्णन किया गया है।
- प्रकृति और मानव के बीच गहरे संबंध को व्यक्त किया गया है।
- नृत्य और संगीत को प्रतीकात्मक रूप में अभिव्यक्त किया गया है।
- कविता यह सिखाती है कि बदलाव का स्वागत खुशी, उल्लास और उत्सव के रूप में करना चाहिए।
पाठ से आगे
आपकी बात
(क) वर्षा के समय आपके क्षेत्र में क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर:
वर्षा के समय हमारे क्षेत्र में निम्नलिखित परिवर्तन आते हैं-
- वर्षा के कारण गरमी का असर कम हो जाता है और मौसम में ठंडक आ जाती है।
- पेड़-पौधे हरे-भरे और ताज़े हो जाते हैं।
- नदियों, झीलों, तालाबों आदि जल स्रोतों में पानी का स्तर बढ़ जाता है।
- कीड़े-मकोड़े और मच्छर अधिक सक्रिय हो जाते हैं।
(विद्यार्थी अपने अनुभव के आधार पर स्वयं उत्तर लिखें।)
(ख) बारिश के चलते स्कूल आने-जाने के समय के अनुभव बताइए। किसी रोचक घटना को भी साझा कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं के अनुभव साझा करते हुए एक रोचक घटना बताएँ।
(ग) वर्षा ऋतु में आपको क्या-क्या करना अच्छा अगता है और क्या-क्या नहीं कर पाते हैं?
उत्तर:
वर्षा ऋतु में हमें निम्नलिखित क्रियाकलाप करना अच्छा लगता है-
- चाय और गरमागरम पकौड़े खाना ।
- बारिश में नहाना ।
- कागज़ की नाव बनाकर पानी में बहाना ।
- संगीत सुनना।
- परिवार के साथ समय बिताना।
वर्षा ऋतु में हम बाहर घूमने नहीं जा पाते, बाहर खेल नहीं पाते, कपड़े नहीं सूखा पाते, मनोरंजन नहीं कर पाते।
(विद्यार्थी अपनी पसंद के अनुसार उत्तर लिखें।)
(घ) बारिश के मौसम में आपके आस-पड़ोस के पशु-पक्षी अपनी सुरक्षा कैसे करते हैं? उन्हें कौन-कौन सी समस्याएँ होती हैं?
उत्तर:
बारिश के मौसम में हमारे आस-पड़ोस के पशु-पक्षी अपनी सुरक्षा आश्रय ढूँढ़कर, भोजन की तलाश करके और अपनी शारीरिक गतिविधियों को अनुकूलित करके करते हैं। बारिश के मौसम में उनका व्यवहार और उनकी जीवन शैली थोड़ी बदल जाती है।
बारिश के मौसम में पशु-पक्षियों को कई समस्याएँ आती हैं; जैसे—कीचड़ और जलभराव में आने-जाने की समस्या, भोजन ढूँढ़ने की समस्या, तेज़ आँधी, तूफ़ान व बिजली की गर्जन से डर, अपने बच्चों की सुरक्षा का डर, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ आदि ।
(विद्यार्थी अपने अनुभव के आधार पर उत्तर लिखें।)
(ङ) अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा ऋतु पर आधारित एक कविता की रचना कीजिए। उसमें अपने घर और आस-पड़ोस से जुड़ी हुई बातें सम्मिलित कीजिए ।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं अपने मित्रों के साथ मिलकर वर्षा ऋतु पर आधारित एक कविता तैयार करें।
साक्षात्कार
“गाते हैं गीत कैसे लेते किसान मनहर ।”
मान लीजिए कि आप अपने विद्यालय की पत्रिका के पत्रकार हैं। आप एक किसान का साक्षात्कार कर रहे हैं जो वर्षा के आने पर अपने खेतों में गीत गा रहा है।
(क) अपने समूह के साथ मिलकर उस किसान के साक्षात्कार के लिए कुछ प्रश्न लिखिए।
(संकेत – आपका क्या नाम है? आप क्या काम करते हैं? आप काम करते समय गीत क्यों गाते हैं? आदि)
उत्तर:
किसान के साक्षात्कार के लिए कुछ प्रश्न इस प्रकार हैं- पत्रकार : नमस्कार ! आपका क्या नाम है ?
किसान : जी नमस्कार, मेरा नाम गिरधारी लाल है। पत्रकार : आप क्या काम करते हैं?
किसान : जी, मैं एक किसान हूँ और खेती-बाड़ी का काम करता हूँ।
पत्रकार : आप खेत में कितने समय काम करते हैं?
किसान : मैं सुबह-शाम चार-पाँच घंटे खेत में काम करता हूँ और बाकी समय खेत की रखवाली और रख-रखाव का ध्यान रखता हूँ।
पत्रकार : आप काम करते समय गीत क्यों गाते हैं?
किसान : बारिश की ऋतु में जब खेतों में हरियाली छा जाती है तो मन खुशी से झूम उठता है। मेरी मेहनत रंग लाने वाली होती है। इस समय स्वयं पर नियंत्रण नहीं कर पाता हूँ और खुशी के कारण गीत गाने लगता हूँ ।
पत्रकार : बारिश के मौसम में गीत गाने से क्या होता है?
किसान : जब बारिश के मौसम में खेतों में गीत गाता हूँ तो मुझे मानसिक शांति मिलती है।
पत्रकार : बहुत अच्छा ! गीतों का क्या कोई खास संदेश होता है ?
किसान : जी, मैं अपने गीतों के माध्यम से मुख्य रूप से प्रकृति का आभार व्यक्त करता हूँ।
पत्रकार : आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, आपके विचार हमें बहुत अच्छे लगे। हम आपकी अच्छी फसल और मंगलमय जीवन की कामना करते हैं।
किसान : धन्यवाद! आप भी खुशहाल और सुखी रहें।
(ख) अपने समूह के साथ मिलकर इस साक्षात्कार को अभिनय द्वारा प्रस्तुत कीजिए। आपके समूह का कोई सदस्य किसान की भूमिका निभा सकता है। अन्य सदस्य पत्रकारों की भूमिका निभा सकते हैं।
उत्तर:
विद्यार्थी अपने मित्रों के साथ मिलकर इस साक्षात्कार को अभिनय द्वारा स्वयं प्रस्तुत करें।
वर्षा के दृश्य
(क) वर्षा के उन दृश्यों की सूची बनाइए जिनका उल्लेख इस कविता में नहीं किया गया है। जैसे आकाश में इंद्रधनुष ।
उत्तर:
वर्षा के वे दृश्य जिनका उल्लेख कविता में नहीं किया गया है, वे हैं- आकाश में इंद्रधनुष का दिखाई देना, बादलों का रंग बदलना; जैसे- काले-काले धुँधले, सफ़ेद आदि; नदी, तालाब, खेत आदि का पानी से भर जाना।
(ख) वर्षा के समय आकाश में बिजली पहले दिखाई देती है या बिजली कड़कने की ध्वनि पहले सुनाई देती है या दोनों साथ-साथ दिखाई – सुनाई देती है? क्यों? पता कीजिए।
उत्तर:
वर्षा के समय आकाश में पहले बिजली दिखाई देती है, फिर उसके कड़कने की ध्वनि सुनाई देती है। दोनों एक साथ पैदा होते हैं। लेकिन हमें अलग-अलग समय पर दिखाई-सुनाई देती है। इसका कारण यह है कि बिजली की चमक प्रकाश है जो लगभग तीन लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ़्तार से चलती हैं। यह गति इतनी तेज़ होती है कि वह हमारी आँखों तक लगभग तुरंत पहुँच जाती है।
बिजली की गड़गड़ाहट ध्वनि होती है, जिसकी गति लगभग 343 मीटर प्रति सेकंड होती है। यह प्रकाश की तुलना में बहुत धीमी है। इसलिए हमें बिजली पहले दिखाई देती है और कुछ सेकंड बाद उसकी आवाज़ सुनाई देती है।
(ग) आपने वर्षा से पहले और वर्षा के बाद किसी पेड़ या पौधे को ध्यान से अवश्य देखा होगा। आपको कौन-कौन से अंतर दिखाई दिए ?
उत्तर:
वर्षा के पहले और वर्षा के बाद पेड़ या पौधे की स्थिति में अंतर-
| वर्षा के पहले पेड़ या पौधे की स्थिति | वर्षा के बाद पेड़ या पौधे की स्थिति |
| 1. पत्तों पर धूल और गंदगी जमा होती है, जिससे वे थोड़े मटमैले दिखते हैं। | 1. वर्षा के पानी से पत्ते धुल जाते हैं और चमकने लगते हैं। जिससे पौधे ताज़ा और हरे दिखाई देते हैं। |
| 2. कुछ पत्ते पीले या मुरझाए हुए होते हैं। | 2. पौधे के सभी पत्ते हरे और नए जैसे दिखाई देते हैं। |
| 3. पानी और नमी की कमी के कारण पौधे धीमी गति से बढ़ते हैं। | 3. पानी मिलने से पौधे की वृद्धि तेज़ हो जाती है। उस पर नए पत्ते और कोपलें दिखाई देने लगते हैं । |
| 4. उसकी मिट्टी फटी हुई या रूखी-सूखी लगती है। | 4. वर्षा के बाद मिट्टी में नमी आ जाती है जो पौधों को पोषण देती है। |
(विद्यार्थी अपने अनुभव के आधार पर उत्तर लिखें । )
(घ) “चलते हैं हंस कहीं पर, बाँधे कतार सुंदर”
कविता में हंसों के कतार में अर्थात पंक्तिबद्ध रूप से चलने का वर्णन किया गया है। आपने किन-किन को और कब-कब पंक्तिबद्ध चलते हुए देखा है ? (संकेत- चींटी, गाड़ियाँ, बच्चे आदि)
उत्तर:
हमने चींटियों, बच्चों, गाड़ियों और सैनिकों को पंक्तिबद्ध चलते हुए देखा है।
चींटियाँ – जब चींटियाँ अपना खाना ले जा रही होती हैं या अपने बिल से निकलती हैं, तब वे एक पंक्ति में बिना टकराए एक-दूसरे के पीछे चलती हैं। इसमें सामूहिकता, मेहनत और सहयोग की भावना दिखाई देती है।
बच्चे- ये प्रार्थना सभा या कक्षा में जाते-आते समय या छुट्टी के समय पंक्तिबद्ध चलते हैं। ये दो-दो की कतार में अनुशासित ढंग से चलते हैं। यह अनुशासन और एकरूपता सिखाने का तरीका है।
गाड़ियाँ – सड़क पर, रैलियों में, परेड में गाड़ियाँ एक के पीछे एक चलती हैं। ये अनुशासन व सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना सिखाती हैं।
सैनिक – परेड के समय या गश्त लगाने के दौरान सैनिक पंक्तिबद्ध चलते हैं। ये अनुशासन के साथ कदम मिलाकर चलते हैं। इसे देखकर गर्व और प्रेरणा का अनुभव होता है।
(विद्यार्थी अपने अनुभव के आधार पर उत्तर लिखें।)
वर्षा में ध्वनियाँ
(क) कविता में वर्षा के अनेक दृश्य दिए गए हैं। इन दृश्यों में कौन-कौन सी ध्वनियाँ सुनाई दे रही होंगी? अपनी कल्पना से उन ध्वनियों को कक्षा में सुनाइए ।
उत्तर:
कविता में वर्षा के दृश्यों में सुनाई देने वाली ध्वनियाँ निम्नलिखित हैं-
- बारिश की बूँदों की टप टप या झमाझम की आवाज़ – टप… टप… टप… झम… झम… झम…
- तेज़ हवा के झोंकों की आवाज़ – स्वर्ररर… श्श्श्श…
- पक्षियों की चहचहाहट या कोयल की कूक – चूं… चूँ… चूँ…. कुहू… कुहू…
- मेंढकों की टर्र-टर्र टर्र… टर… टर…
- बिजली की चमक और बादल की गड़गड़ाहट – गड़ड़ड़ड़… कड़क !
(विद्यार्थी अपनी कल्पना से इन ध्वनियों को कक्षा में सुनाएँ।)
(ख) “मेंढक लुभा रहे हैं, गाकर सुगीत प्यारे”
कविता में मेंढकों की टर्र-टर्र को भी प्यारा गीत कहा गया है। आपके विचार से बेसुरी ध्वनियाँ भी कब-कब अच्छी लगने लगती हैं?
उत्तर:
हमारे विचार से कभी-कभी बेसुरी ध्वनियाँ भी अच्छी लगने लगती हैं; जैसे- बच्चों की बात या गाना। बच्चे जब गाते हैं तो वे सुर में नहीं गाते तब भी उनका गाना प्यारा लगता है। बुर्जुगों की टूटी-फूटी लोरी में सुर न भी हो लेकिन उनमें मिठास, अपनापन और स्नेह होता है। किसी अपने की आवाज़ मन को सुकून देने वाली होती है, वह जब कुछ गुनगुनाता है तो बहुत अच्छा लगता है।
वर्षा से जुड़े गीत
‘बागों में गीत सुंदर, गाती हैं मालिनें अब”
‘गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहरा।”
• हमारे देश में वर्षा के आने पर अनेक गीत और लोकगीत गाए जाते हैं। अपने समूह के साथ मिलकर वर्षा से जुड़े गीत व लोकगीत ढूँढ़िए और लिखिए। इस कार्य के लिए आप अपने परिजनों, शिक्षकों, इंटरनेट और पुस्तकालय की भी सहायता ले सकते हैं।
• सभी समूहों द्वारा एकत्रित गीतों को संकलित करके वर्षा – गीतों की एक पुस्तिका भी तैयार कीजिए ।
उत्तर:
• विद्यार्थी अपने समूह के साथ मिलकर अपने परिजनों, शिक्षकों, इंटरनेट तथा पुस्तकालय आदि की सहायता से वर्षा से जुड़े गीत व लोकगीत ढूँढ़कर लिखें।
• विद्यार्थी सभी समूहों द्वारा एकत्रित गीतों को संकलित करके वर्षा-गीतो की एक पुस्तिका भी तैयार करें।