NCERT Class 7 Sanskrit Chapter 3 दुर्बुद्धिः विनश्यति
NCERT Class 7 Sanskrit Chapter 3 Questions and Answers दुर्बुद्धिः विनश्यति
Summary
1. “अस्ति मगधदेशे ……………………………. इच्छामि”। (पृष्ठ 7)
हिन्दी सरलार्थ: मगध देश में फुल्लोत्पलनाम का एक तालाब था। उसमें संकट और विकट नाम के दो हंस रहते थे। कम्बुग्रीव नाम का उनका मित्र एक कछुआ भी वहीं रहता था।
एक बार मछुआरे वहाँ आए और बोले-कल हम मछलियों और कछुओं आदि को मारेंगे। यह सुनकर कछुआ बोला-‘दोनों मित्रो! क्या तुम दोनों ने मछुआरों की बात सुनी है? अब मैं क्या करूँ?’ दोनों हंस बोले-‘सुबह जो ठीक होगा वही करेंगे।’ कछुआ बोला-‘ऐसा मत कहो, जैसे मैं दूसरे तालाब में पहुँच जाऊँ, वैसा ही करो।’ दोनों हंस बोले-‘हम क्या करें?’ कछुआ बोला-‘मैं आप दोनों के साथ अकाश मार्ग से दूसरी जगह जाना चाहता हूँ।’
2. हंसौ अवदताम् ……………………………. कुरुतम्। (पृष्ठ 7)
हिन्दी सरलार्थ-दोनों हंस बोले-इसका क्या उपाय है? कछुआ बोला-‘तुम दोनों एक लकड़ी का डण्डा चोंच से पकड़ लो। मैं लकड़ी के डण्डे के बीच में लटककर तुम दोनों के पंखों के बल से सुख से चला जाऊँगा।’ दोनों हंस बोले-यह उपाय सम्भव है। परन्तु इसमें एक अपाय (हानि) भी है। हम दोनों के द्वारा ले जाए जाते हुए तुम्हें देखकर लोग कुछ बोलेंगे ही। यदि तुम उत्तर दोगे तब तुम्हारा मरना निश्चित है। इसलिए तुम यहीं रहो। वह सुनकर क्रोधित कछुआ बोला- क्या मैं मूर्ख हूँ? उत्तर नहीं दूंगा। कुछ भी नहीं बोलूँगा। इसलिए मैंने जैसा कहा है वैसा तुम दोनों करो।’
3. “एवं कृते. ……………………………. इति।
(पृष्ठ 8) हिन्दी सरलाथै-ऐसा करने पर लकड़ी के डण्डे पर लटकते हुए कछुए को देखकर ग्वाले उसके पीछे दौड़ने लगे और बोले हंसों के साथ कछआ भी उड रहा है। कोई बोला-‘यदि यह कछआ किसी प्रकार गिर जाए तो मैं यहीं पकाकर खा जाऊँगा।’ दूसरा बोला-‘सरोवर के किनारे जलाकर खा जाऊँगा।’ दूसरे ने कहा-‘घर ले जाकर खाऊँगा।’
4. तेषां तद ……………………………. विनश्यति। (पृष्ठ 8)
हिन्दी सरलार्थ-उनके उस वचन को सुनकर कछुआ मित्रों को दिए गए वचन को भूलकर क्रोध से बोला-‘तुम सब राख खाओ।’ ऐसा बोलते ही कछुआ आकाश से गिरा और ग्वालों द्वारा मार दिया गया।
इसीलिए कहा गया है-
जो व्यक्ति मित्रों के हित चाहने वाले वचनों को भी प्रसन्नतापूर्वक स्वीकार नहीं करता है वह दुष्टबुद्धि वाला व्यक्ति लकड़ी से गिरे कछुए के समान नष्ट हो जाता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1.
उच्चारणं करुत
उत्तर:
स्वयं उच्चारण कीजिए।
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) कूर्मस्य किं नाम आसीत्?
(ख) सरस्तीरे के आगच्छन्?
(ग) कूर्मः केन मार्गेण अन्यत्र गन्तुम् इच्छति?
(घ) लम्बमानं कूर्मं दृष्ट्वा के अधावन्?
उत्तर:
(क) कम्बुग्रीवः
(ख) धीवराः
(ग) आकाशमार्गेण
(घ) गोपालकाः।।
प्रश्न 3.
अधोलिखितवाक्यानि कः कं प्रति कथयति इति लिखत-
यथा-प्रातः यद् उचितं तत्कर्त्तव्यम्। – कः कथयति के प्रति कथयति हंसौ
(क) अहं भवद्भ्यां सह आकाशमार्गेण गन्तुम् इच्छामि। ………………………….. – …………………………..
(ख) अत्र कः उपायः? ………………………….. – …………………………..
(ग) अहम् उत्तरं न दास्यामि। ………………………….. – …………………………..
(घ) यूयं भस्म खादत। ………………………….. – …………………………..
उत्तर:
(क) कूर्मः हंसौ प्रति
(ख) हंसौ कूर्म प्रति
(ग) कूर्मः हंसौ प्रति
(घ) कूर्म: गोपालकान् प्रति।
प्रश्न 4.
मञ्जूषातः क्रियापदं चित्वा वाक्यानि पूरयत
अभिनन्दति, भक्षयिष्यामः, इच्छामि, वदिष्यामि, उड्डीयते, प्रतिवसति स्म।।
(क) हंसाभ्यां सह कूर्मोऽपि ………………………।
(ख) अहं किञ्चिदपि न ………………………।
(ग) यः हितकामानां सुहृदां वाक्यं न ………………………।
(घ) एकः कूर्मः अपि तत्रैव ………………………।
(ङ) अहम् आकाशमार्गेण अन्यत्र गन्तुम् ………………………।
(च) वयं गृहं नीत्वा कूर्म ………………………।
उत्तर:
(क) उड्डीयते
(ख) वदिष्यामि
(ग) अभिनन्दति
(घ) प्रतिवसति स्म
(ङ) इच्छामि
(च) भक्षयिष्यामः।
प्रश्न 5.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) कच्छपः कुत्र गन्तुम् इच्छति?
(ख) कच्छपः कम् उपायं वदति?
(ग) लम्बमानं कूर्मं दृष्ट्वा गोपालकाः किम् अवदन्?
(घ) कूर्मः मित्रयोः वचनं विस्मृत्य किम् अवदत्?
उत्तर:
(क) कच्छपः सरोवरात् अन्यत्र गन्तुम् इच्छति।
(ख) कच्छपः वदति-युवाम् एकं काष्ठदण्डम् चञ्च्वा धारयताम्। अहं काष्ठदण्डमध्ये अवलम्ब्य युवाभ्यां पक्षबलेन सुखेन गमिष्यामि।
(ग) लम्बमानं कूर्मं दृष्ट्वा गोपालकाः अवदन्-हंहो! महदाश्चर्यम् हंसाभ्याम् सह कूर्मोऽपि उड्डीयते
(घ) कूर्मः मित्रयोः वचनं विस्मृत्य अवदत्-“यूयं भस्म खादत।”
प्रश्न 6.
घटनाक्रमानुसारं वाक्यानि लिखत
(क) कूर्मः हंसयोः सहायतया आकाशमार्गेण अगच्छत्।
(ख) गोपालकाः अकथयन्-वयं पतितं कूर्मं खादिष्यामः।
(ग) कूर्मः हंसौ च एकस्मिन् सरसि निवसन्ति स्म।
(घ) केचित् धीवराः सरस्तीरे आगच्छन्।
(ङ) कूर्मः अन्यत्र गन्तुम् इच्छति स्म।
(च) लम्बमानं कूर्मं दृष्ट्वा गोपालकाः अधावन्।
(छ) कूर्मः आकाशात् पतितः गोपालकैः मारितश्च।
(ज) ‘वयं श्वः मत्स्यकूर्मादीन् मारयिष्यामः’ इति धीवराः अकथयन्।
उत्तर:
(ग) कूर्मः हंसौ च एकस्मिन् सरसि निवसन्ति स्म।
(घ) केचित् धीवराः सरस्तीरे आगच्छन्।
(ज) ‘वयं श्व: मत्स्यकूर्मादीन् मारयिष्यामः’ इति धीवराः अकथयन्।
(ङ) कूर्मः अन्यत्र गन्तुम् इच्छति स्म।
(क) कूर्मः हंसयोः सहायतया आकाशमार्गेण अगच्छत्।
(च) लम्बमानं कूर्म दृष्ट्वा गोपालकाः अधावन्।
(ख) गोपालकाः अकथयन्-वयं पतितं कूर्म खादिष्यामः।
(छ) कूर्मः आकाशात् पतित: गोपालकैः मारितश्च।
प्रश्न 7.
मञ्जूषातः पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत
जलाशयम्, अचिन्तयत्, वृद्धः, दुःखिताः, कोटरे, वृक्षस्य, सर्पः,आदाय, समीपे।।
(क) एकस्य वृक्षस्य शाखासु अनेके काका: वसन्ति स्म। तस्य वृक्षस्य ……………………. (1) ……………………. एकः सर्पः अपि अवसत्। काकानाम् अनुपस्थितौ ……………………. (2) ……………………. काकानां शिशून् खादति स्म। काकाः ……………………. (3) ……………………. आसन्। तेषु एकः ……………………. (4) ……………………. काकः उपायम् ……………………. (5) …………………….। वृक्षस्य ……………………. (6) ……………………. जलाशयः आसीत् तत्र एका राजकुमारी स्नातुं ……………………. (7) ……………………. आगच्छति। शिलायां स्थितं तस्याः आभरणम् ……………………. (8) ……………………. एकः काकः वृक्षस्य उपरि अस्थापयत्। राजसेवकाः काकम् अनुसृत्य ……………………. (9) ……………………. समीपम् अगच्छन्। तत्र ते तं सर्प च अमारयन्। अतः एवोक्तम्-उपायेन सर्वं सिद्धयति।
उत्तर:
(1) कोटरे
(3) दुःखिता
(4) वृद्धः
(5) अचिन्तयत्
(6) समीपे
(7) जलाशयम्
(8) आदाय
(9) वृक्षस्य।
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न-
निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् शुद्धम् उत्तरं चित्वा लिखत
1. फुल्लोत्पलनाम सरः कुत्र अस्ति?
(क) दाक्षिणात्ये देशे
(ख) मगधदेशे
(ग) विदर्भदेशे
(घ) उज्जयिनीप्रदेशे
उत्तर:
(ख) मगधदेशे
2. कूर्मः कस्मात् पतितः?
(क) आकाशात्
(ख) अश्वात्
(ग) वृक्षात्
(घ) गृहात्।
उत्तर:
(क) आकाशात्
3. हंसयोः मित्रम् कः आसीत्?
(क) कूर्मः
(ख) शशकः
(ग) काकः
(घ) शुकः।
उत्तर:
(क) कूर्मः
4. ‘अवदत् पदे कः लकार:?
(क) लट्
(ख) लृट्
(ग) लङ्
(घ) लोट्।
उत्तर:
(ग) लङ्
5. ‘अस्ति’ पदे कः धातु?
(क) अस्
(ख) भू
(ग) आस्
(घ) वस्।
उत्तर:
(क) अस्
6. ‘मूर्खः’ पदस्य किं विलोमपदम्?
(क) सज्जनः
(ख) राजा
(ग) निर्धनः
(घ) विद्वान्।
उत्तर:
(घ) विद्वान्।