NCERT Class 7 Sanskrit Chapter 5 हास्यबालकविसम्मेलनम्
NCERT Class 7 Sanskrit Chapter 5 Questions and Answers हास्यबालकविसम्मेलनम्
Summary
(विविध ………………………………………………. कर्वन्ति च)।
हिन्दी सरलार्थ-अलग-अलग तरह की वेशभूषा धारण करने वाले चार बालक मंच के ऊपर बैठे हैं। नीचे सुनने वाले हास्य कविता सुनने के लिए उत्सुक हैं और शोर कर रहे हैं।
1. सञ्चालक:-अलं कोलाहलेन। ………………………………………………. श्रावयामि (पृष्ठ 19)
हिन्दी सरलार्थ-संचालक-शोर मत करो। आज बहुत खुशी का अवसर है कि इस कवि सम्मेलन में काव्य को नष्ट करने वाले और समय बर्बाद करने वाले भारत के श्रेष्ठ हास्यकवि आए हैं। आओ, तालियों की आवाज से हम इनका स्वागत करते हैं।
गजाधर-सभी नीरस लोगों को नमस्कार। पहले तो मैं आधुनिक वैद्य के ऊपर अपनी कविता सुनाता हूँ
2. वैद्यराज ! ……………………………”सर्वे पुनः हसन्ति)। (पृष्ठ 20)
हिन्दी सरलार्थ-वैद्यराज ! यमराज के भाई ! तुम्हें नमस्कार है। यमराज तो प्राणों को हरते हैं और वैद्य प्राण और धन (दोनों को हरते हैं)।
(सब जोर से हँसते हैं।)
कालान्तक-अरे ! वैद्य तो सब जगह मिल जाते हैं। परन्तु वे मेरे जैसे जनसंख्या कम करने में कुशल नहीं है। आप मेरी भी यह कविता सुनिए चिता जलती हुई देखकर वैद्य हैरान हो गए। न मैं गया, न मेरा भाई। यह किसके हाथ की चतुराई है।
(सब फिर हँसते हैं।)
3. तन्दिल: ……………………………………… ग्रहाः सन्ति। (पृष्ठ 20)
हिन्दी सरलार्थ-तुन्दिल:-(मोटे पेट वाला आदमी) (मोट पेट के ऊपर हाथ फेरते हुए) अरे मैं मोटे पेट वाला व्यक्ति हूँ। मेरी भी यह कविता सुनिए और जीवन में धारण कीजिए- हे दुष्ट बुद्धि वाले! दूसरों का भोजन पाकर अपने शरीर पर दया मत करो। संसार में दूसरों का भोजन मिलना बहुत कठिन है, शरीर तो फिर-फिर मिल जाते हैं।
(सब फिर जोर से हँसते हैं।)
धुन्धः-अरे, आप जानते ही हैं कि आधुनिक वैज्ञानिक प्लूटो ग्रह को स्वीकार नहीं करते हैं। उनके मत में आठ ही ग्रह हैं परन्तु मेरे विचार से दस ग्रह हैं।
4. श्रोतारः ………………………………………………. च गच्छन्ति।) (पृष्ठ 20-21)
हिन्दी सरलार्थ-श्रोता-अरे ! श्रेष्ठ कवि ! दसवाँ ग्रह कौन-सा है ? हमने तो कभी नहीं सुना और उसका क्या प्रभाव है ? धुन्ध-आप दसवें ग्रह की विशेषता सावधान होकर सुनिए सदा ही टेढ़ा होता है। सदा ही क्रूर (कठोर) होता है। सदा सम्मान और धन का अपहरण करने वाला होता है। सदैव कन्या राशि में स्थित दामाद दसवाँ ग्रह है।
(काव्य पाठ सुनकर प्रेरित हुआ एक बालक भी शीघ्र कविता रचता है और हँसता हुआ सुनाता है।)
बालक-अरे ! सुनिए, मेरी भी कविता सुनिए-
मैं यमराज गजाधर को नमस्कार करता हूँ और भोजन के लालची तुन्दिल को नमस्कार करता हूँ। और दसवें ग्रह धुन्ध को और उसी प्रकार कालान्तक को नमस्कार करता हूँ।
(कविता सुनाकर ‘हा हा हा’ करके हँसता है और दूसरे लोग भी हँसते हैं और सब बाहर निकलकर अपने घर जाते हैं।)
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत-
उपरि – अधः – उच्चैः
नीचैः – बहिः – अलम्
कदापि – अन्तः – पुनः
कुत्र – कदा – एकदा
उत्तर:
स्वयं उच्चारण कीजिए।
प्रश्न 2.
मञ्जूषात: अव्ययपदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत
अलम् अन्तः बहिः अधः उपरि
(क) वृक्षस्य ………………………………………………. खगाः वसन्ति।
(ख) ………………………………………………. विवादेन।
(ग) वर्षाकाले गृहात् ……………………………………………… .
(घ) मञ्चस्य ………………………………………………. श्रोतारः उपविष्टाः सन्ति ।
(ङ) छात्रा: चलच्चित्रगृहस्य ………………………………………………. प्रविशन्ति।
उत्तर:
(क) उपरि
(ख) अलम्
(ग) बहिः
(घ) अधः
(ङ) अन्तः।
प्रश्न 3.
अशुद्धं पदं चिनुत
(क) गमन्ति, यच्छन्ति, पृच्छन्ति, धावन्ति।
(ख) रामेण, गृहेण, सर्पेण, गजेण।
(ग) लतया, सुप्रिया, रमया, निशयां।
(घ) लते, रमे, माते, प्रिये।
(ङ) लिखति, गर्जति, फलति, सेवति।
उत्तर:
(क) गमन्ति
(ख) गजेण
(ग) सुप्रिया
(घ) माते
(ङ) सेवति।
प्रश्न 4.
मञ्जूषातः समानार्थकपदानि चित्वा लिखत
प्रसन्नतायाः चिकित्सकम् लब्ध्वा कुटिलः दक्षाः
प्राप्य ………………………. (1) ……………………….
कुशलाः ………………………. (2) ……………………….
हर्षस्य ………………………. (3) ……………………….
वक्रः ………………………. (4) ……………………….
वैद्यम् ………………………. (5) ……………………….
उत्तर:
(1) लब्ध्वा
(2) दक्षाः
(3) प्रसन्नतायाः
(4) कुटिलः
(5) चिकित्सकम्।
प्रश्न 5.
अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि एकपदेन लिखत
(क) मञ्चे कति बालकवयः उपविष्टाः सन्ति?
(ख) के कोलाहलं कुर्वन्ति ?
(ग) गजाधरः कम् उद्दिश्य काव्यं प्रस्तौति?
(घ) तुन्दिलः कस्य उपरि हस्तम् आवर्त्तयति?
(ङ) लोके पुनः पुनः कानि भवन्ति ?
(च) दशमः ग्रहः कः?
उत्तर:
(क) चत्वारः
(ख) श्रोतारः
(ग) आधुनिक वैद्यम्
(घ) तुन्दस्य
(ङ) शरीराणि
(च) जामाता।
प्रश्न 6.
मञ्जूषातः पदानि चित्वा कथायाः पूर्तिं कुरुत
नासिकायामेव वारंवारम् खड्गेन दूरम् मित्रता मक्षिका व्यजनेन उपाविशत् छिन्ना सुप्तः प्रियः
पुरा एकस्य नृपस्य एकः ………………………. (1) ………………………. वानरः आसीत्।एकदा नृपः ………………………. (2) ………………………. आसीत्।वानरः ………………………. (3) ………………………. तम् अवीजयत्। तदैव एका ………………………. (4) ………………………. नृपस्य नासिकायाम् ………………………. (5) ……………………….। यद्यपि वानरः ………………………. (6) ………………………. व्यजनेन तां निवारयति स्म तथापि सा पुनः पुनः नृपस्य ………………………. (7) ………………………. उपविशति स्म।अन्ते स: मक्षिकां हन्तुं ………………………. (8) ………………………. प्रहारम् अकरोत्। मक्षिका तु उड्डीय ………………………. (9) ………………………. गता, किन्तु खड्गप्रहारेण नृपस्य नासिका ………………………. (10) ………………………. अभवत्। अतएवोच्यते-“मूर्खजनैः सह ………………………. (11) ………………………. नोचिता।”
उत्तर:
(1) प्रियः
(2) सुप्तः
(3) व्यजनेन
(4) मक्षिका
(5) उपाविशत्
(6) वारंवारम्
(7) नासिकायामेव
(8) खड्गेन
(9) दूरम्
(10) छिन्ना
(11) मित्रता।
प्रश्न 7.
विलोमपदानि योजयत
अधः – नीचैः
अन्तः – सुलभम्
दुर्बुद्धे! – उपरि
उच्चैः – बहिः
दुर्लभम् – सुबुद्धे!
उत्तर:
अधः – उपरि
अन्तः – बहिः
दुर्बुद्धे! – सुबुद्धे!
उच्चैः – नीचैः
दुर्लभम् – सुलभम्
बहुविकल्पी प्रश्न
प्रश्न-निम्नलिखितानां प्रश्नानाम् शुद्धम् उत्तरं चित्वा लिखत
प्रश्न 1.
यमराजसहोदरः कः अस्ति?
(क) पण्डितः
(ख) राजा
(ग) वैद्यः
(घ) कृषकः।
उत्तर:
(ग) वैद्यः
प्रश्न 2.
लोके किं दुर्लभम् ?
(क) परान्नम्.
(ख) सत्यम्
(ग) वस्त्राणि
(घ) धनानि।
उत्तर:
(क) परान्नम्
प्रश्न 3.
वैज्ञानिकानां मते कति ग्रहाः ?
(क) सप्त
(ख) अष्ट
(ग) नव
(घ) दश।
उत्तर:
(ख) अष्ट
प्रश्न 4.
‘धुरन्धरः’ पदस्य समानार्थकपदम् किम् अस्ति?
(क) धनुषः
(ख) धुन्धः
(ग) मूर्खः
(घ) श्रेष्ठः।
उत्तर:
(घ) श्रेष्ठः
प्रश्न 5.
‘अस्माभिः पदे कः मूलशब्दः ?
(क) अस्मद्
(ख) अहम्।
(ग) वयम्
(घ) अस्मा।
उत्तर:
(क) अस्मद्
प्रश्न 6.
‘कोलाहलेन’ पदे का विभक्तिः ?
(क) तृतीया
(ख) द्वितीया
(ग) षष्टी
(घ) सप्तमी।
उत्तर:
(क) तृतीया।