NCERT Class 8 Hindi Chapter 4 दीवानों की हस्ती
NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 4 दीवानों की हस्ती
प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)
पाठ का सार
कवि भगवतीचरण वर्मा ने ‘दीवानों की हस्ती’ के बारे में बताया है कि उनका मन जहाँ जाने को करता है, वे वहाँ चल देते हैं। वे कहीं भी जाएँ, मस्ती का वातावरण सदा उनके साथ बना रहता है। हँसी और मुस्कान के साथ-साथ कभी आँसू भी बह जाते हैं। संसार वालों से उनका दुख लेकर उन्हें अपना सुख, अपना उल्लास दे देते हैं। किसी को दो बातें कहकर खुश कर दिया। किसी की दो बात सुनी, दुख-दर्द सुना, हमदर्दी जताई और दुख का बोझ कम कर दिया। सुख और दुख.को समान भाव से जीने का प्रयास किया। इन दीवानों ने दुनिया को अपना प्यार लुटा दिया। इस प्यार लुटाने में दूसरों को ऐसा न बनाने की असफलता जरूर थी। इस संसार में चाहे कोई भी व्यक्ति हो, वह इनके लिए एक समान है। अपने और पराये का भेद यहाँ समाप्त हो गया है। इन्होंने खुद को खुद ही बाँधा था। अब उन बन्धनों को तोड़कर इन्होंने तमाम बन्धनों से खुद को मुक्त कर लिया है।
शब्दार्थ : दीवानों-मस्त रहने वाले; आलम-दुनिया, वातावरण; उल्लास-खुशी; जग-संसार; छककर-तृप्त होकर; स्वच्छन्द-मुक्त, बंधन रहित; उर-हृदय; असफलता-नाकामी, हार; आबाद-खुशहाल, बसा हुआ; बंधन-रुकावट, अवरोध; हस्ती-अस्तित्व।
कविता से
प्रश्न 1. कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?
उत्तर :
कवि बेफिक्री भरा जीवन जीने वाला व्यक्ति है। वह अपने साथियों के साथ जहाँ भी जाता है, वहाँ उनके दुख-सुख में शामिल होता है और उनमें खुशियाँ बाँटता है। वह अपने लक्ष्य अर्थात् उन लोगों की खुशियों को स्थायी नहीं बना पाता है। वापस आते समय कवि और वे लोग दोनों ही दुखी होते हैं, इसलिए कवि ने ऐसा कहा है।
प्रश्न 2. भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?
उत्तर :
कवि अभावग्रस्त तथा दुखी लोगों के बीच प्यार तथा अपनत्व प्रकट करते हुए उनमें खुशियाँ बाँटता है अर्थात् उन्हें स्वतंत्रता रूपी अनमोल खुशी देना चाहता है, पर अपने प्रयास के बाद भी वह ऐसा नहीं कर पा रहा है। इस असफलता का भार वह अपने हृदय पर लेकर जा रहा है। इससे लगता है कि कवि निराश है।
प्रश्न 3. कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?
उत्तर :
कविता के अंदर अनेक ऐसी बातें हैं जो मुझे अच्छी लगीं
(क) कविता में बेफिक्र तथा मस्त जीवन जीते हुए दूसरे की खुशियों को ध्यान में रखने का संदेश दिया गया है।
(ख) सुख-दुख को समानभाव से ग्रहण करने की प्रेरणा मिलती है।
(ग) कविता में अभावग्रस्त लोगों में खुशियाँ बाँटकर उनका दुख दूर करने की बात कही गई है, इससे एकता, समानता, प्रेम तथा सद्भाव में वृद्धि होगी।
कविता से आगे
प्रश्न 1. जीवन में मस्ती होनी चाहिए, लेकिन कब मस्ती हानिकारक हो सकती है? सहपाठियों के बीच चर्चा कीजिए।
उत्तर :
मनुष्य को सारी चिंता-फ्रिक छोड़कर मस्ती भरा जीवन जीना चाहिए किंतु हमारे द्वारा की गई मस्ती से किसी का अहित होने लगे या उसकी भावनाएँ आहत होने लगें तो वह मस्ती हानिकारक हो सकती है। हमें दूसरों के जीवन या स्वतंत्रता में दखल देने का कोई हक नहीं हैं। ऐसा न हो कि हम अपनी मस्ती में इतना मस्त हो जाएँ कि दूसरों की भावनाओं का ख्याल ही न रह पाए।
अनुमान और कल्पना
- एक पंक्ति में कवि ने यह कहकर अपने अस्तित्व को नकारा है कि हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले।” दूसरी पंक्ति में उसने यह कहकर अपने अस्तित्व को महत्त्व दिया है कि “मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले।” यह फाकामस्ती का उदाहरण है। अभाव में भी खुश रहना फाकामस्ती कही जाती है। कविता में इस प्रकार की अन्य पंक्तियाँ भी हैं। उन्हें ध्यानपूर्वक पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कविता में परस्पर विरोधी बातें क्यों की गई हैं?
उत्तर :
कविता में परस्पर विरोध प्रकट करने वाली पंक्तियाँ निम्नलिखित हैं
(क) आए बनकर उल्लास अभी,
आँसू बनकर बह चले अभी। (उल्लास और आँसू साथ साथ)
(ख) जग से उसका कुछ लिए चले,
जग को अपना कुछ दिए चले, (कुछ लेना और देना एक साथ)
(क) दो बात कही, दो बात सुनी;
कुछ हँसे और फिर कुछ रोए। (हँसना व रोना एक साथ)
इन परस्पर विरोधी बातों का कविता में इसलिए समावेश किया गया है क्योंकि कवि अपने जीवन के नियम स्वयं बनाता है और स्वयं तोड़ता है। वह अपनी मर्जी का मालिक है। उसे अपने लक्ष्य के अलावा कुछ भी महत्त्वपूर्ण नहीं लगता है।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
‘हम दीवानों की क्या हस्ती’ पाठ के कवि कौन हैं ?
(क) रामधारी सिंह ‘दिनकर’
(ख) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(ग) नरोत्तम दास
(घ) भगवती चरण वर्मा
उत्तर:
(घ) भगवती चरण वर्मा
प्रश्न 2.
‘हम दीवानों की क्या हस्ती’ पाठ में दीवानों से कवि का क्या अभिप्राय है ?
(क) किसी के प्रेम में सब कुछ भूल जाने वाला
(ख) पागल
(ग) मस्तमौला
(घ) फकीर
उत्तर:
(ग) मस्तमौला
प्रश्न 3.
दीवाने किस प्रकार का जीवन व्यतीत करना चाहते हैं ?
(क) स्वच्छंद
(ख) सामाजिक
(ग) साधारण
(घ) शान-शौकत का
उत्तर:
(क) स्वच्छंद
प्रश्न 4.
दीवानों का आना कैसा होता है ?
(क) दुःखदायी
(ख) उल्लास से पूर्ण
(ग) कष्टकारक
(घ) शुभ
उत्तर:
(ख) उल्लास से पूर्ण
प्रश्न 5.
दीवाने मिखमंगो की दुनिया में क्या लुटाकर जाते हैं ?
(क) घन
(ख) शिक्षा
(ग) प्यार
(घ) सुख-चैन
उत्तर:
(ग) प्यार
प्रश्न 6.
दीवाने समाज से क्या लेकर जाते हैं ?
(क) धन
(ख) असफलता का भार
(ग) सफलताओं की खुशी
(घ) लोगों का प्यार
उत्तर:
(ख) असफलता का भार
प्रश्न 7.
दीवानों की सुख और दुःख में कैसी स्थिति रहती है ?
(क) दीवाने सुख में बहुत सुखी हो जाते हैं।
(ख) दीवाने दुःख सहन नहीं कर पाते
(ग) दीवाने अपनों सुखी की परवाह नहीं करते।
(घ) दीवाने सुख-दुःख को समान भाव से लेते हैं।
उत्तर:
(घ) दीवाने सुख-दुःख को समान भाव से लेते हैं।
प्रश्न 8.
कवि के अनुसार कैसा जीवन अच्छा होता है ?
(क) हर समय पढ़ते रहना
(ख) बंधन हीन
(ग) वैभवपूर्ण
(घ) गरीबी का जीवन
उत्तर:
(ख) बंधन हीन