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 Bihar Board 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 4

Bihar Board 12th Political Science Important Questions Short Answer Type Part 4

प्रश्न 1.
विश्व बैंक के प्रमुख कार्य क्या है ?
उत्तर:
विश्व बैंक के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-

  • सदस्य देशों के प्रदेशों के पुनर्निर्माण व विकास में सहायक होना।
  • ऋण व अन्य उपनिवेशों में सहभागिता के आधार पर प्रत्याभूतियाँ देना व उनके विदेशी निजी निवेशकों को प्रोत्साहन देना।
  • विकास के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर निवेशों को प्रोत्साहित करना ताकि उत्पादकता, जीवन स्तर व श्रम की दशाएँ ऊँची हो।

प्रश्न 2.
नर्मदा बचाओ आंदोलन क्या था ?
उत्तर:
(i) लोगों द्वारा 2003 ई० में स्वीकृति राष्ट्रीय पुनर्वास नीति को नर्मदा बचाओ जैसे सामाजिक आंदोलन की उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है। परन्तु असफलता के साथ ही नर्मदा बचाओ आंदोलन को बाँध के निर्माण पर रोक लगाने की मांग उठाने पर तीखा विरोध भी झेलना पड़ा है।

(ii) आलोचकों का कहना है कि आंदोलन का अड़ियल रवैया विकास की प्रक्रिया, पानी की उपलब्धता और आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार को बाँध का काम आगे बढ़ाने की हिदायत दी है लेकिन साथ ही उसे यह आदेश भी दिया गया है कि प्रभावित लोगों का पुनर्वास सही ढंग से किया जाए।

(iii) नर्मदा बचाओ आंदोलन, दो से भी ज्यादा दशकों तक चला। आंदोलन ने अपनी माँग रखने के लिए हरसंभव लोकतांत्रिक रणनीति का इस्तेमाल किया। आंदोलन ने अपनी बात न्यायपालिका से लेकर अंतर्राष्ट्रीय मंचों तक से उठायी। आंदोलन की समझ को जनता के सामने रखने के लिए नेतृत्व ने सार्वजनिक रैलियों तथा सत्याग्रह जैसे तरीकों का भी प्रयोग किया परंतु विपक्षी दलों सहित मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के बीच आंदोलन कोई खास जगह नहीं बना पाया।

(iv) वास्तव में, नर्मदा आंदोलन की विकास रेखा भारतीय राजनीति में सामाजिक आंदोलन और राजनीतिक दलों के बीच निरंतर बढ़ती दूरी को बयान करती है। उल्लेखनीय है कि नवें दशक के अंत तक पहुँचते-पहुँचते नर्मदा बचाओ आंदोलन से कई अन्य स्थानीय समूह और आंदोलन भी आ जुड़े। ये सभी आंदोलन अपने-अपने क्षेत्रों में विकास की वृहत परियोजनाओं का विरोध करते थे। इस समय के आस-पास नर्मदा बचाओ आंदोलन देश के विभिन्न हिस्सों में चल रहे समधर्मा आंदोलनों के गठबंधन का अंग बन गया।

प्रश्न 3.
‘भारत में सिक्किम विलय’ विषय पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
पृष्ठभूमि- मतलब यह कि तब सिक्किम भारत का अंग तो नहीं था लेकिन वह पूरी तरह संप्रभु राष्ट्र भी नहीं था। सिक्किम की रक्षा और विदेशी मामलों का जिम्मा भारत सरकार का था जबकि सिक्किम के आंतरिक प्रशासन की बागडोर यहाँ के राजा चोग्याल के हाथों में थी। यह व्यवस्था कारगर साबित नहीं हो पायी क्योंकि सिक्किम के राजा स्थानीय जनता की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को संभाल नहीं सके।

(i) सिक्किम में लोकतंत्र तथा विजयी पार्टी का सिक्किम को भारत के साथ जोड़ने का प्रयास- एक बड़ा हिस्सा नेपालियो का था| नेपाली मूल की जनता के मन में यह भाव घर कर गया कि चोग्याल अल्पसंख्यक लेपचा-भूटिया के एक छोटे-से अभिजन तबके का शासन उन पर लाद रहा है। चोग्याल विरोधी दोनों समुदाय के नेताओं ने भारत सरकार से मदद माँगी और भारत सरकार का समर्थन हासिल किया। सिक्किम विधानसभा के लिए पहला लोकतांत्रिक चुनाव 1974 में हुआ और इसमें सिक्किम कांग्रेस को भारी विजय मिली। यह पार्टी सिक्किम को भारत के साथ जोड़ने के पक्ष में थी।

(ii) सिक्किम भारत का 22वाँ राज्य (प्रांत) बनाया गया- विधान सभा ने पहले भारत के ‘सह-प्रान्त’ बनने की कोशिश की और इसके बाद 1975 के अप्रैल में एक प्रस्ताव पास किया। इस प्रस्ताव में भारत के साथ सिक्किम के पूर्ण विलय की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव के तुरंत बाद सिक्किम में जनमत-संग्रह कराया गया और जनमत-संग्रह में जनता ने विधानसभा के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी। भारत सरकार ने सिक्किम विधानसभा के अनुरोध को तत्काल मान लिया और सिक्किम भारत का 22वाँ राज्य बन गया। चोग्याल ने इस फैसले को नहीं माना और उसके समर्थकों ने भारत सरकार पर साजिश रचने तथा बल प्रयोग करने का आरोप लगाया। बहरहाल, भारत संघ में सिक्किम के विलय को स्थानीय जनता का समर्थन प्राप्त था।

प्रश्न 4.
एकधुवीय व्यवस्था और द्विध्रुवीय व्यवस्था क्या है ?
उत्तर:
एकध्रुवीय व्यवस्था और द्विध्रुवीय व्यवस्था 1991 में सोवियत रूस के बिखर जाने के बाद विश्व की व्यवस्था पूँजीवादी ग्रुप अमेरिका के नेतृत्व में एकध्रुवीय व्यवस्था बन गई है जो आज भी कायम है।

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व दो गुटों में विभक्त होकर द्विध्रुवीय व्यवस्था में परिणत हो गया। पूँजीवादी गुटों के देशों का नेतृत्व अमेरिका द्वारा और साम्यवादी देशों का नेतृत्व सोवियत रूस के द्वारा होने लगा।

प्रश्न 5.
वामपंथी दल से क्या समझते हैं ?
उत्तर:
भारतीय राजनीति में कांग्रेस के विरुद्ध साम्यवादी दल, मार्क्सवादी दल को वामदल की संज्ञा दी जाती है। यह दल अपने कार्यक्रमों के माध्यम से गरीब, दलित, शोषित एवं सर्वहारा दल के हित की रक्षा के लिए यह दल कार्यरत रहता है। यह दल पूँजीपतियों के खिलाफ है। एक लम्बे समय तक पश्चिमी बंगाल, त्रिपुरा आदि राज्यों के शासन में इसकी भूमिका प्रमुख थी।

प्रश्न 6.
बिमारू राज्यों का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
भारत में वैसे राज्य जो आर्थिक, दृष्टिकोण से पिछड़े हुए हैं। वहाँ पर लोगों में शिक्षा की कमी, बेरोजगारी, महिलाओं की आर्थिक स्थिति दयनीय है। इसका उदाहरण उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम के समीपवर्ती राज्य एवं बिहार का भी कुछ हिस्सा बिमारू राज्य के श्रेणी में आता है।

प्रश्न 7.
राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दलों में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
जो दल राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव जीतकर संसद में आता है उसे राष्ट्रीय दल की संज्ञा दी जाती है। इसमें कुल मतदान का कुछ प्रतिशत निर्धारित रहता है। भारत में भाजपा, भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस, कम्युनिष्ट पार्टी एवं तृणमुल दल राष्ट्रीय दल है।

जो दल क्षेत्रीय स्तर पर या प्रान्तीय स्तर पर जीत प्राप्त कर संसद या विधानमंडल की सदस्यता प्राप्त करता है उसे क्षेत्रीय दल की संज्ञा दी जाती है। बिहार में जनता दल यू, राजद एवं उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा आदि दल क्षेत्रीय दल में आते हैं।

प्रश्न 8.
राज्य और संघशासित राज्य में क्या अन्तर है ?
उत्तर:
भारत में संघीय प्रणाली को अपनाकर शासन संचालित किया जाता है। संघ एवं राज्य के क्षेत्रों को विभक्त कर शासन चलाया जाता है। राज्य शासन का वास्तविक प्रधान मुख्यमंत्री होता है। जैसे बिहार, यू०पी०, बंगाल आदि राज्य हैं। अभी भारत में 29 राज्य है।

भारत के कुछ क्षेत्रों में संघशासित राज्य है जिसका प्रधान लेफ्टीनेंट गवर्नर जनरल होता है। वह केन्द्र सरकार द्वारा मनोनीत किया जाता है। भारत में संघशासित राज्यों की संख्या 6 है। जिसमें अंडमान निकोबार द्वीप समूह, दमन, चंडीगढ़ आदि राज्य संघशासित राज्य हैं।

प्रश्न 9.
मोदी का नोटबन्दी प्रोग्राम क्या है ?
उत्तर:
भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवम्बर, 2016 के एक घोषणा द्वारा यह कहा कि आज से भारत में 500 और 1000 के पुराने नोट नहीं चलेंगे। मोदी का यह एक क्रान्तिकारी फैसला था। इससे देश में काला धन पर रोक के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों पर भी लगाम लगाया जा सकता है। किन्तु पुराने नोट भी 31 दिसम्बर, 2016 तक बैंकों और पोस्टऑफिस में बदला जा सकता है। इतना ही नहीं 31 मार्च 2017 तक भारतीय रिजर्व बैंक में उचित कारण देकर पुराने नोट बदले जायेंगे।

प्रश्न 10.
मोदी का सर्जिकल स्ट्राइक क्या है ?
उत्तर:
पाकिस्तान द्वारा शुरू से लेकर आज तक भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवादियों द्वारा भारतीय सीमा में प्रवेश कर निरपराध भारतीयों की हत्या की जा रही है। इतना ही नहीं भारतीय सीमा में घुसकर लगभग 20 भारतीय जवानों को मौत के घाट उतार कर आतंकवादी पाक सीमा में घुस गये। इसी को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री मोदी ने जांबाज भारतीय सैनिकों को पाक में भेजकर सैकड़ों पाकिस्तानी सैनिकों को मारकर पुनः वापस आ गये।

प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादियों द्वारा 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा में 40 सैनिकों को मार दिये जाने के बाद 26 फरवरी, 2019 को सर्जिकल स्ट्राइक II द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादियों के ट्रेनिंग सेंटर पर हवाई हमलों द्वारा करीब 300 पाक आतंकवादियों को मारकर भारतीय सैनिक वापस लौट आया।

प्रश्न 11.
सुरक्षा से जुड़े केन्द्रीय मूल्यों (या चीजों) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सुरक्षा के केन्द्रीय मूल्य (Central Values or things of Security)- आदमी जब भी अपने घर से बाहर कदम निकालता है तो उसके अस्तित्व अथवा जीवनयापन के तरीकों को किसी न किसी अर्थ में खतरा जरूर होता है। यदि हमने खतरे का इतना व्यापक अर्थ लिया तो फिर हमारी दुनिया में हर घड़ी और हर जगह सुरक्षा के ही सवाल नजर आयेंगे।

इसी कारण जो लोग सुरक्षा विषयक अध्ययन करते हैं उनका कहना है कि केवल उन चीजों को ‘सुरक्षा’ से जुड़ी चीजों का विषय बनाया जाय जिनसे जीवन के केन्द्रीय मूल्यों’ को खतरा हो। तो फिर सवाल उठता है कि किसके केन्द्रीय मूल्य ? क्या पूरे देश के केन्द्रीय मूल्य’ ? आम स्त्री-पुरूषों के केन्द्रीय मूल्य ? क्या नागरिकों की नुमाइंदगी करने वाली सरकार हमेशा केन्द्रीय मूल्यों’ का वही अर्थ ग्रहण करती है जो कोई साधारण नागरिक ?

प्रश्न 12.
सुरक्षा नीति का संबंध किससे होता है ? इसे क्या कहा जाता है ? इसे रक्षा कब कहा जाता है ?
उत्तर:
युद्ध में कोई सरकार भले ही आत्मसमर्पण कर दे लेकिन वह इसे अपने देश की नीति के रूप में कभी प्रचारित नहीं करना चाहेगी। इस कारण, सुरक्षा-नीति का संबंध युद्ध की आशंका को रोकने में होता है जिसे ‘अपराध’ कहा जाता है और युद्ध को सीमित रखने अथवा उसको समाप्त करने से होता है जिसे रक्षा कहा जाता है।

प्रश्न 13.
हरित क्रांति क्या है ?
उत्तर:
सरकारी खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए कृषि की एक नई रणनीति अपनाई। जो इलाके अथवा किसान खेती के मामले में पिछड़े हुए थे। शुरू में सरकार ने उनको ज्यादा सहायता देने की नीति अपनायी थी। इस नीति को छोड़ दिया गया। सरकार ने जब उन इलाकों पर ज्यादा संसाधन लगाने का फैसला किया जहाँ सिंचाई सुविधा मौजूद थी और जहाँ के किसान समृद्ध थे। इस नीति के पक्ष में दलील यह दी गई कि जो पहले से ही सक्षम हैं वे कम उत्पादन को तेज रफ्तार से बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं।

सरकार ने उच्च गुणवत्ता के बीच, उर्वरक, कीटनाशाक और बेहतर सिंचाई सुविधा बड़े अनुमादित मूल्य पर मुहैया कराना शुरू किया। सरकार ने इस बात की भी गारंटी दी कि उपज को एक निर्धारित मूल्य पर खरीद लिया जाएगा। यही उस परिघटना की शुरूआत थी, जिसे ‘हरित क्रांति’ कहा जाता है।

प्रश्न 14.
दक्षिण एशिया क्या है ?
उत्तर:
सामान्यतया दक्षिण एशिया में नौ देशों को शामिल किया जाता है। इनमें आठ देश- (i) बांग्लादेश, (ii) भूटान, (iii) भारत, (iv) मालदीव, (v) नेपाल, (vi) पाकिस्तान, (vii) श्रीलंका एवं (viii) अफगानिस्तान को शामिल किया जाता है।

उत्तर की विशाल हिमायल पर्वत-श्रृंखला, दक्षिण का हिंदमहासागर, पश्चिम का अरब सागर और पूरब में मौजूद बंगाल की खाड़ी से यह इलाका एक विशिष्ट प्राकृतिक क्षेत्र के रूप में नजर आता है। यह भौगोलिक विशिष्टता ही उस उप-महाद्वीपीय क्षेत्र की भाषाई, सामाजिक तथा सांस्कृतिक अनूठेपन के लिए जिम्मेदार है। इस क्षेत्र की चर्चा में जब-तब अफगानिस्तान और म्यांमार को भी शामिल किया जाता है। चीन इस क्षेत्र का एक प्रमुख देश है लेकिन चीन को दक्षिण एशिया का अंग नहीं माना जाता।

प्रश्न 15.
शिक्षा और रोजगार में पुरुषों और महिलाओं की स्थिति का अंतर बताइए।
उत्तर:
पुरुषों और महिलाओं की स्थिति में शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में अंतर है। स्त्री साक्षरता 2001 में 54.16 प्रतिशत थी जबकि पुरुषों की साक्षरता 75.85 प्रतिशत थी। शिक्षा के अभाव के कारण रोजगार, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सुविधाओं के उपयोग जैसे क्षेत्रों में महिलाओं की सफलता सीमित है।

प्रश्न 16.
जन आंदोलन की प्रकृति पर अति लघु टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जन आंदोलन वे आंदोलन होते हैं। जो प्रायः समाज के संदर्भ या श्रेणी के क्षेत्रीय, अथवा स्थानीय हितों, माँगों और समस्याओं से प्रेरित होकर प्रायः लोकतांत्रिक तरीके से चलाए जाते हैं। उदाहरण के लिए 1973 ई० में चलाया गया ‘चिपको आंदोलन’ भारतीय किसान यूनियन द्वारा चलाया गया आंदोलन, दलित पैंथर्स आंदोलन, आंध्र प्रदेश ताड़ी विरोधी आंदोलन, समय-समय पर चलाए गए छात्र आंदोलन, नारी मुक्ति और सशक्तिकरण समर्थित आंदोलन, नर्मदा बचाओ आंदोलन आदि जन आंदोलन के उदाहरण हैं।

प्रश्न 17.
उन कारणों/कारकों का उल्लेख कीजिए जिनकी वजह से सरकार ने इस्पात उद्योग उड़ीसा में स्थापित करने का राजनीतिक निर्णय लेना चाहा ?
उत्तर:
(a) इस्पात की विश्वव्यापी माँग बढ़ी तो निवेश के लिहाज से उड़ीसा एक महत्वपूर्ण जगह के रूप में उभरा। उड़ीसा में लौह-अयस्क का विशाल भंडार था और अभी इसका दोहन बाकी था। उड़ीसा की राज्य सरकार ने लौह-अयस्क की इस अप्रत्याशित माँग को भुनाना चाहा। उसने अंतर्राष्ट्रीय इस्पात निर्माताओं और राष्ट्रीय स्तर के इस्पात-निर्माताओं के साथ सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए।

(b) सरकार सोच रही थी कि इससे राज्य में जरूरी पूँजी-निवेश भी हो जाएगा और रोजगार के अवसर भी बड़ी संख्या में सामने आएँगे।

प्रश्न 18.
उड़ीसा में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना का, वहाँ के आदिवासियों ने क्यों विरोध किया था ?
उत्तर:
लौह-अयस्क के ज्यादातर भंडार उड़ीसा के सर्वाधिक अविकसित इलाकों में हैंखासकर इस राज्य के आदिवासी-बहुल जिलों में। आदिवासियों को डर है कि अगर यहाँ उद्योग लग गए तो उन्हें अपने घर-बार से विस्थापित होना पड़ेगा और आजीविका भी छिन जाएगी।

प्रश्न 19.
पर्यावरण विदों के विरोध के क्या कारण थे ? उनके विरोध के बावजूद भी केन्द्र उड़ीसा में इस्पात उद्योग की स्थापना के राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी क्यों देना चाहती थी?
उत्तर:
उड़ीसा में इस्पात प्लांट लगाये जाने से पर्यावरणविदों को इस बात का भय है कि खनन और उद्योग से पर्यावरण प्रदूषित होगा। केन्द्र सरकार को लगता है कि अगर उद्योग लगाने की अनुमति नहीं दी गई, तो इससे एक बुरी मिसाल कायम होगी और देश में पूंजी निवेश को बाधा पहुंचेगी।

प्रश्न 20.
‘साम्यवाद के प्रसार की रोक’ के लिए अमेरिका ने क्या कदम उठाए ?
उत्तर:
संयुक्त राज्य अमेरिका में साम्यवादी प्रसार की रोक के लिए टूमैन सिद्धांत, मार्शल योजना तथा आइजन हावर सिद्धांत बनाए।

अमेरिका ने 1971 तक चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ से पृथक् रखा तथा कश्मीर के मामले में पाकिस्तान का पक्ष लिया। पूर्वी एशिया के देशों में आर्थिक तथा सैनिक सहायता दी। सुदूर पूर्व में जापान के साथ सैनिक सन्धि की तथा यूरोप में स्पेन और पश्चिमी जर्मनी के साथ। अंग्रेजों और फ्रांसीसी के उपनिवेशवाद की भी उसने अधिक तीव्र शब्दों में निन्दा नहीं की तथा पाकिस्तान को सैनिक सहायता प्रदान की।

प्रश्न 21.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर एक अति लघु टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 19:1 ई० में हुआ। वह महान देश भक्त, स्वतंत्रता सेनानी और हिंदू महासभा के प्रसिद्ध नेता थे। स्वतंत्रता के बाद जवाहरलाल नेहरू के पहले मंत्रिमंडल में उन्हें मंत्री नियुक्त किया गया। वह संविधान सभा के सदस्य रह चुके थे। उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की। नेहरूजी के साथ पाकिस्तान के साथ संबंधों में मतभेदों के कारण 1950 में मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दे दिया। वह लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वह कश्मीर को स्वायत्तता देने के विरुद्ध थे। कश्मीर नीति पर भारतीय जनसंघ के प्रदर्शन के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 1953 ई० में पुलिस हिरासत में ही उनकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 22.
दीनदयाल उपाध्याय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 1916 में हुआ। उन्होंने आजादी से पहले ही देश की राजनीति में भाग लेना शुरू कर दिया। 1942 से राष्ट्रीय स्वयं सेवा संघ (RSS) के पूर्ण कालिक कार्यकर्ता थे। श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ-साथ भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से थे। वह पहले तो भारतीय जनसंघ पार्टी के महासचिव और बाद में अध्यक्ष बने। यह कुशल विचारक नीतिकार तथा महान संगठनकर्ता थे। उन्हें समग्र मानवता के सिद्धान्त के प्रणेता के रूप में याद किया जाता है। 1968 ई० में उनका देहांत हो गया।

प्रश्न 23.
जे० सी० कुमारप्पा पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जे० सी० कुमारप्पा का जन्म 1892 में हुआ। इनका असली नाम जे० सी० कार्नेलियस था। इन्होंने अर्थशास्त्र एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट की भी अमेरिका में शिक्षा प्राप्त की। यह महात्मा गाँधी के अनुयायी थे। आजादी के बाद उन्होंने गाँधीवादी आर्थिक नीतियों को लागू करने का प्रयास किया। उनकी कृषि इकॉनोमी ऑफ परमानैंस को बड़ी ख्याति मिला। एक योजना आयोग के सदस्य के रूप में उन्हें ख्याति मिली।

प्रश्न 24.
चकबन्दी से क्या लाभ है ?
उत्तर:
चकबन्दी से कृषकों को उन्नत किस्म के आदानों का प्रयोग करने में सहायता मिलती है। तथा वे कम से कम प्रयत्नों से अधिकतम उत्पादन करने में सफल होते हैं। इससे उत्पादन लागत में भी कमी आती है।

प्रश्न 25.
भूमि सुधार से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
भूमि सुधार से अभिप्राय भूमि (जोतों) के स्वामित्व में परिवर्तन लाना। दूसरे शब्दों में भूमि सुधार में भूमि के स्वामित्व के पुनः वितरण को शामिल किया जाता है।

प्रश्न 26.
पंचशील क्या है ?
उत्तर:
28 जून, 1954 के दिन भारतीय तथा चीनी प्रधानमंत्रियों ने अपने संयुक्त वक्तव्य में पंचशील के सिद्धांतों का प्रतिपादन किया।

पंचशील के पाँच सिद्धांत निम्नलिखित हैं-

  1. एक-दूसरे की प्रादेशिक अखंडता तथा सर्वोच्च सत्ता के प्रति पारस्परिक सम्मान की भावना।
  2. एक-दूसरे के प्रदेश पर आक्रमण का परित्याग।
  3. एक-दूसरे के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप करने का संकल्प।
  4. समानता और पारस्परिक लाभ के सिद्धांत के आधार पर मैत्रीपूर्ण संबंधों की स्थापना।
  5. शांतिपूर्ण सहअस्तित्त्व का सिद्धांत।

14 दिसंबर, 1959 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा में उपस्थित 82 देशों ने पंचशील के सिद्धांत को स्वीकार कर लिया।

प्रश्न 27.
कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए क्या प्रयत्न किए गये ?
उत्तर:
असमानता को दूर करने के लिए भूमि सुधार किया गया तथा उत्पादन में वृद्धि लाने के लिए उन्नत बीजों का प्रयोग किया गया। सिंचाई विधाओं का विस्तार किया गया। कृषि में आधुनिक मशीनों तथा उपकरणों का प्रयोग में लाया गया।

प्रश्न 28.
भारत अमेरिकी सम्बन्धों की उत्पत्ति कैसे हुई ?
उत्तर:
भारत और अमेरिका के सम्बन्ध पुराने हैं। स्वतंत्रता-प्राप्ति से पूर्व राष्ट्रीय आन्दोलन के समय से ही अमेरिका भारत के प्रति सहानुभूति रखता था और उसने भारत के राष्ट्रीय आन्दोलन को गहारा दिया था। इस हेतु द्वितीय विश्वयुद्ध के काल में अमेरिका ने ब्रिटेन पर दबाव बनाया कि भारत को भी आत्मनिर्णय का अधिकार मिलना चाहिए। भारत के लोगों के प्रति अमेरिका की सहानुभूति सोवियत प्रभाव को रोकने के उद्देश्य से भी थी।

प्रश्न 29.
सीमांत गांधी कौन थे ? उनके द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के बारे में दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए उनकी भूमिका का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
खान अब्दुल गफ्फार खान पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत (North-West Frontier Province NWFP) (पेशावर के मूलतः निवासी) के निर्विवाद नेता थे। वह काँग्रेस के नेता तथा लाल कुर्ती नामक संगठन के जन्मदाता थे। वह सच्चे गाँधीवादी, अहिंसा, शांतिप्रेम के समर्थक थे। उनकी प्रसिद्धि ‘सीमांत गाँधी’ के रूप में थी। वे द्वि-राष्ट्र-सिद्धांत के एकदम विरोधी थे। संयोग से, उनकी आवाज की अनदेखी की गई और ‘पश्चिमोत्तर सीमाप्रांत’ को पाकिस्तान में शामिल मान लिया गया।

प्रश्न 30.
रजवाड़ों के संदर्भ में सहमति-पत्र का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए लगभग सभी रजवाड़े जिन्की सीमाएँ आजाद हिन्दुस्तान की नयी सीमाओं से मिलती थीं, 15 अगस्त, 1947 से पहले ही भारतीय संघ में शामिल हो गए। अधिकतर रजवाड़ों के शासकों ने भारतीय संघ में अपने विलय के एक सहमति-पत्र पर हस्ताक्षर किए । इस सहमति-पत्र को ‘इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन’ कहा जाता है। इस पर हस्ताक्षर का अर्थ था कि रजवाड़े भारतीय संघ का अंग बनने के लिए सहमत हैं। जूनागढ़, हैदराबाद, कश्मीर और मणिपुर की रियासतों का विलय वाकियों की तुलना में थोड़ा कठिन साबित हुआ।

प्रश्न 31.
आंध्रप्रदेश के गठन के संदर्भ में पोट्टी श्रीरामुलु का नाम किस तरह जुड़ा हुआ है ?
उत्तर:
1. प्रांत के तेलगुभाषी क्षेत्रों में विरोध भड़क उठा। पुराने मद्रास प्रांत में आज के तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश शामिल थे। इसके कुछ हिस्से मौजूदा केरल एवं कर्नाटक में भी हैं। विशाल आंध्र आंदोलन (आंध्र प्रदेश नाम से अलग राज्य बनाने के लिए चलाया गया आंदोलन) ने मांग की कि मद्रास प्रांत के तेलगुभाषी इलाकों को अलग करके एक नया राज्य आंध्रप्रदेश बनाया जाए। तेलुगुभाषी क्षेत्र की लगभग सारी राजनीतिक शक्तियाँ मद्रास प्रांत के भाषाई पुनर्गठन के पक्ष में थी।

2. केन्द्र सरकार ‘हाँ-ना’ की दुविधा में थी और उसकी इस मनोदशा से इस आंदोलन ने जोर पकड़ा। काँग्रेस के नेता और दिग्गज गांधीवादी, पोट्टी श्रीरामुलु, अनिश्चितकालीन भूख-हड़ताल पर बैठ गए। 56 दिनों की भूख-हड़ताल के बाद उनकी मृत्यु हो गई। इससे बड़ी अव्यवस्था फैली।

3. आंध्र प्रदेश में जगह-जगह हिंसक घटनाएँ हुईं। लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकल आए। पुलिस फायरिंग में अनेक लोग घायल हुए या मारे गए। मद्रास में अनेक विधायकों ने विरोध जताते हुए अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। आखिरकार 1952 के दिसंबर में प्रधानमंत्री ने आंध्रप्रदेश नाम से अलग राज्य की घोषणा की।

प्रश्न 32.
संक्षेप में राज्य पुनर्गठन आयोग के निर्माण की पृष्ठभूमि, कार्य तथा इससे जुड़े ऐक्ट का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
आंध्र प्रदेश के गठन के साथ ही देश के दूसरे हिस्सों में भी भाषायी आधार पर राज्यों को गठित करने का संघर्ष चल पड़ा। इन संघर्षों से बाध्य होकर केन्द्र सरकार ने 1953 में राज्य पुनर्गठन आयोग बनाया। इस आयोग का काम राज्यों के सीमांकन के मामले पर गौर करना था। इससे अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया कि मामले पर गौर करना था। इसने अपनी रिपोर्ट में स्वीका: किया कि राज्यों की सीमाओं का निर्धारण वहाँ बोली जानेवाली भाषा के आधार पर होना चाहिए। इस आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 1956 में राज्य पुनर्गठन अधिनियम पास हुआ। इस अधिनियम के आधार पर 14 राज्य और 6 केन्द्र शासित प्रदेश बनाए गए।

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